करवा चौथ : प्रेगनेंसी में ऐसे रखना चाहिए व्रत
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कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भारतीय महिलाएं करवा चौथ के रूप में मनाती हैं। इस बार यह व्रत 4 नवंबर को है। हर शादीशुदा महिला इस व्रत की तैयारियों में जुट चुकी है। हो भी क्यों न, आखिर वो इस व्रत को अपने पति की लंबी आयु के लिए जो रखती हैं, लेकिन इस व्रत को रखना इतना भी आसान नहीं है। सूर्योदय से लेकर चंद्रउदय तक महिलाओं को बिना कुछ खाए-पिए ही रहना पड़ता है। ऐसे में खासकर गर्भवती महिलाओं को बड़ी सावधानी, सतर्कता और देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि गर्भावस्था में ज्यादा देर तक बिना कुछ खाए-पिए रहना ठीक नहीं (1)। यही वजह है कि इस लेख में हम गर्भावस्था में करवा चौथ व्रत कैसे रखें, इस विषय में जानकारी दे रहे हैं।
- सलाह जरूरी है : माना जाता है कि अगर एक बार करवा चौथ का व्रत रखना शुरू किया जाए, तो बीच में इस व्रत को छोड़ नहीं सकते हैं। बेशक, यह मान्यताओं और परंपराओं की बात है, लेकिन इसे भी अनदेखा नहीं किया जा सकता कि गर्भवती के लिए प्राथमिकता उनका और बच्चे का स्वास्थ्य है। ऐसे में परिवार वाले नहीं चाहेंगे कि व्रत के लिए होने वाले शिशु की सेहत के साथ कोई समझौता किया जाए। इसलिए, बेहतर है कि एक बार व्रत रखने से पूर्व अपने डॉक्टर से संपर्क करें और सलाह लें। उसके बाद ही निर्णय लें कि करवा चौथ का व्रत रखना है या नहीं।
- सरगी पर ध्यान दें : अब अगर आपने गर्भावस्था में व्रत रखने का ठान ही लिया है, तो सरगी में पोषण से भरपूर आहार को शामिल करना बिल्कुल भी न भूलें। इससे बिना कुछ खाए-पिए आपका शरीर पूरे दिन व्रत को झेलने के लिए तैयार रहेगा। गर्भवती महिला सरगी में ताजे फल, नारियल पानी और साबुत अनाज ले सकती है। व्रत के दौरान पानी की कमी को पूरा करने के लिए सरगी में पानी और फलों को जरूर शामिल करें। ये आहार गर्भवती को दिन भर के लिए जरूरी और पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। व्रत से पहले गर्भवती महिला खाने के बारे में डॉक्टरी सलाह भी ले सकती हैं।
- ऊर्जा को बचाकर रखें : गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है कि वह अपने शरीर की ऊर्जा को व्रत के दौरान बचाकर रखें, ताकि व्रत खत्म होने तक कमजोरी का एहसास न हो। इसके लिए जरूरी है कि अपने आपको व्यस्त रखें और भागदौड़ वाले काम न करें। अपने आपको व्यस्त रखने के लिए गर्भवती महिलाएं गाना सुन सकती हैं, किताब पढ़ सकती हैं या मेडिटेशन भी कर सकती हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी संकेतों को अनदेखा न करें : पानी, दूध और फल लेने के बावजूद कुछ महिलाओं को उल्टी और मतली जैसी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। यह गर्भावस्था से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी संकेत हो सकते हैं, जिन्हें महिलाओं को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इन संकेतों के दिखने पर महिलाओं को बिना देर किए व्रत को छोड़ना चाहिए। साथ ही डॉक्टर से सलाह भी लेनी चाहिए।
हमने यहां गर्भवती महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत से जुड़े कुछ टिप्स जरूर दिए हैं, लेकिन हम यही सलाह देंगे कि कोई भी व्रत गर्भवती और होने वाले शिशु की सेहत से बढ़कर नहीं होता है। ऐसे में अपनी शारीरिक स्थिति को समझकर ही व्रत का निर्णय लें। साथ ही व्रत को आसान बनाने के लिए ऊपर बताए गए टिप्स को जरूर ध्यान में रखें। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के साथ शेयर जरूर करें।
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