How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

क्या आप जानते हैं सुबह खाली पेट भीगे चने खाने की सलाह विशेषकर खिलाड़ियों और कसरत करने वालों को क्यों दी जाती है? क्यों अंकुरित आहार में चने को विशेष महत्व दिया गया है? अगर नहीं, तो कोई बात नहीं। इस लेख में हमारे साथ जानिए शरीर की विभिन्न परेशानियों के लिए चना खाने के फायदे और इसे खाने के विभिन्न तरीके। साथ ही यहां हम काबुली चना में मौजूद पोषक तत्वों और भीगे चने खाने के फायदे भी बताएंगे।

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अंकुरित चने के फायदे जानने से पहले हम समझाते हैं कि आखिर काबुली चना क्या होता है।

क्या होता है काबुली चना ? – What is Chickpeas in Hindi

काबुली चना एक प्रकार का खाद्य पदार्थ है, जिसका वैज्ञानिक नाम साइसर एरीटिनम (Cicer arietinum) है। इसे गरबेन्जो बीन्स के नाम से भी जाना जाता है। यह लिगम यानी फलियां परिवार से आता है, जिसे दुनिया भर में उगाया जाता है। भारत में इसका उत्पादन सबसे ज्यादा किया जाता है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर विटामिन-बी सहित कई अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है (1)। चने की एक खास बात यह है कि इसका सेवन कई तरह से किया जा सकता है, जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे। आगे जानिए चने के प्रकारों के बारे में।

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चने के औषधीय गुण जानने के बाद लेख में आगे चने के प्रकार की जानकारी दी जा रही है।

चने के प्रकार – Types of Chickpeas in Hindi

मुख्य रूप से चने के दो प्रकार के होते हैं –

  • देसी चना – देसी चना आकार में छोटा होता है और रंग गहरा भूरा होता है।
  • काबुली चना – वहीं, काबुली चना देसी चने की तुलना में आकार में बड़ा होता है। इसका रंग हल्का बादामी होता है।

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अब बारी है चना खाने के फायदे जानने की।

चने के फायदे – Benefits of Chickpeas in Hindi

चने के फायदे सिर्फ पेट भरने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह शरीर की कई तकलीफों में लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि काबुली चना किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन शरीर को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचने के लिए किया जा सकता है। नीचे जानिए स्वास्थ्य के लिए चना खाने के फायदों के बारे में।

1.रक्त शर्करा (ब्लड शुगर)

शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए चने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, चना शरीर में अतिरिक्त ब्लड शुगर को दबाने का काम कर सकता है। दरअसल, मधुमेह का एक कारण अधिक भूख लगना भी है और चना भूख को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही इसकी गिनती लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स में की जाती है। इसके अलावा, यह फाइबर व प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (2)।

2. पाचन तंत्र

पाचन स्वास्थ्य के लिए भी काबुली चना के फायदे बहुत हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसलिए चना पेट संबंधी समस्याओं जैसे गैस की परेशानी, कब्ज की शिकायत, डायरिया की समस्या व सख्त मल आदि को ठीक कर स्वस्थ पाचन को बढ़ावा दे सकता है (1)। वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर कब्ज जैसी स्थितियों के अलावा कोलन कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है (3)। इस आधार पर माना जा सकता है कि पाचन के लिए अंकुरित चने के फायदे कई हैं। रोजाना सुबह खाली पेट अंकुरित चने खाए जा सकते हैं।

3. वजन कम करने के लिए

मोटापे से परेशान लोग चने का सेवन कर सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो अत्यधिक भूख को नियंत्रित कर वजन घटाने में सहायता कर सकता है। इसके अलावा चना फाइबर और प्रोटीन से भी समृद्ध होता है, जो वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (1)। वहीं, भूरा चना छिलके सहित खाया जाए, तो यह धीरे-धीरे पचता है और लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं होता है। ऐसे में वेट लॉस के लिए सूखे या फिर भीगे चने खाने के फायदे देखे जा सकते हैं।

4. कैंसर

एक अध्ययन के अनुसार, चना ब्लड शुगर और वजन घटाने से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव में मददगार हो सकता है। शोध के अनुसार, चने में ब्यूटिरेट नामक फैटी एसिड पाया जाता है, जो सेल प्रोलिफरेशन यानी कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि को दबाने (4), साथ ही एपोप्टोसिस (सेल मृत्यु) को प्रेरित कर कोलोरेक्टल कैंसर (कोलन कैंसर) से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, चने में मौजूद लाइकोपीन, बायोइकनिन-ए और सैपोनिन जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड कैंसर से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं (1)।

वहीं, इस बात का ध्यान रखा जाए कि चना किसी भी तरीके से कैंसर का इलाज नहीं है। इसका सेवन कैंसर से बचने के लिए एक हेल्दी खाद्य-पदार्थ के रूप में किया जा सकता है। अगर कोई कैंसर की चपेट में आ चुका है, तो डॉक्टरी इलाज करवाना सबसे जरूरी है।

5. हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल

हृदय के लिए भी चना खाने के फायदे बहुत हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर से जानकारी मिलती है कि चना टोटल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार ला सकता है। यही नहीं, इसमें मौजूद फाइबर भी टोटल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है, जिससे हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है (1)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर स्वस्थ हृदय के लिए भीगे चने खाने के फायदे देखे जा सकते हैं।

6. आंखों के लिए

आंखों के लिए भी चने के फायदे देखे जा सकते हैं। बता दें कि चना विटामिन-सी और बीटा-कैरोटीन नामक तत्वों से समृद्ध होता है (5)। वहीं, ‘एज-रिलेटेड आई डिजीज स्टडी’ में पाया गया है कि बीटा-कैरोटीन बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होने के जोखिम को कम कर सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी को भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना गया है (6)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आंखों के लिए अंकुरित या फिर भुने चने खाने के फायदे देखे जा सकते हैं।

7. हड्डियों के लिए

हड्डियों के लिए काबुली चना के फायदे बहुत हैं। इससे संबंधित एक रिसर्च पेपर से जानकारी मिलती है कि एस्ट्रोजन की कमी के कारण होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के कमजोर होने की समस्या में अंकुरित चना के अर्क में मौजूद आइसोफ्लेवोंस की एस्ट्रोजेनिक गतिविधि मददगार हो सकती है (7)।

इसके अलावा, काबुली चना कैल्शियम से समृद्ध होता है (5)। वहीं, कैल्शियम हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यह हड्डियों को स्वस्थ बनाने और उन्हें मजबूत रखने में सहयोग कर सकता है। शरीर कैल्शियम का निर्माण नहीं कर सकता है, इसलिए इसकी पूर्ति कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से की जाती है (8)। इस आधार पर मजबूत हड्डियों के लिए भीगे चने खाने के फायदे देखे जा सकते हैं।

8. एनीमिया के लिए

चना के औषधीय गुण एनीमिया जैसी घातक बीमारी से भी बचा सकते हैं। दरअसल, एनीमिया का सबसे मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी को माना जाता है (9)। वहीं, चना आयरन से समृद्ध होता है (1)। ऐसे में इसका सेवन शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर एनीमिया की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।

वहीं, एनीमिया से बचने के लिए गुड़ चना खाने के फायदे भी देखे जा सकते हैं। ये दोनों ही शरीर में आयरन की पूर्ति करने का काम कर सकते हैं (10)। इसके अलावा, भुने हुए चने और गुड़ खाने के फायदे भी हैं। यह बच्चों को ताकत दे सकता ही है, साथ ही इम्यून सिस्टम को भी मजबूत कर सकता है। इसे एक सुपर-फूड कॉम्बो कहा जा सकता है।

9. गर्भावस्था में सहायक

गर्भवती महिला के लिए भी काबुली चना के फायदे देखे गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, इसमें फोलेट का मौजूद होना (1)। यह एक आवश्यक विटामिन-बी है, जो मां और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। गर्भावस्था के पहले और गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त फोलिक एसिड बच्चे के मस्तिष्क या रीढ़ से जुड़े जन्म दोषों को रोकने में मदद कर सकता है (11)।

इसके अलावा, चना आयरन, प्रोटीन, जिंक व कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (5)। इसलिए, यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को पोषित करने का काम कर सकता है। भीगे चने खाने के फायदे देखते हुए ही गर्भावस्था में इसके सेवन की सलाह दी जाती है।

10. महिलाओं में हार्मोन को कर सकता है नियंत्रित

महिलाओं में हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए भी चना खाने का फायदा मिल सकता है। दरअसल, चना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है (12)। इसका यह गुण रजोनिवृत्ति यानी उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन हार्मोन में गिरावट और रजोनिवृत्ति के बाद के नकारात्मक लक्षणों को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है (13)। वहीं, चना अपने एस्ट्रोजेनिक गुणों से रजोनिवृत्ति के लक्षणों और एस्ट्रोजन की कमी को भी दूर कर सकता है (7)।

11. दर्द व सूजन से राहत

दर्द व सूजन में भी भीगे चने खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, हाइपोकैलोरिक डाइट यानी कम कैलोरी युक्त आहार के साथ चना दर्द व सूजन को कम कर सकता है (14)। इसके अलावा, सूजन संबंधी समस्या में काबुली चना खाने के फायेदे इसलिए भी हैं, क्योंकि यह एंटी इन्फ्लामेट्री यानी सूजन कम करने वाले गुणों से समृद्ध होता है (15)।

12. प्रोटीन का अच्छा स्रोत

चना प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। 100 ग्राम चने में लगभग 8.86 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है (16)। बता दें कि प्रोटीन हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। यह हड्डी, मांसपेशियों और त्वचा को बनाने महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दरअसल, प्रोटीन हमारे शरीर में फैट या फिर कार्बोहाइड्रेट के रूप में जमा नहीं होता, इसलिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है (16)। ऐसे में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए अंकुरित चने के फायदे देखे जा सकते हैं।

13. पोषक तत्वों का स्रोत

चना कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, आयरन, विटामिन-बी, विटामिन-ए आदि मौजूद होते हैं (5)। आयरन एनीमिया जैसी समस्या को ठीक कर सकता है (17)। वहीं, कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के विकास में मदद कर सकते हैं (18)।

जबकि, विटामिन-ए त्वचा और आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने और प्रजनन क्षमता में सुधार करने में भी मदद कर सकता है (19)। इस आधार पर माना जा सकता है कि पोषक तत्वों से भरपूर चने का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

14. दिमाग के लिए

दिमाग के लिए भी अंकुरित चने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि काबुली चने में मौजूद ल्यूटिन और अन्य फाइटोन्यूट्रिएंट्स संज्ञानात्मक कार्य में सुधार कर सकते हैं (20)। यही वजह है कि चने का सेवन दिमाग के लिए फायदेमंद माना जा सकता है।

15. झुर्रियों और एजिंग के लिए

त्वचा के लिए भी चने के कई फायदे हैं। इसमें मौजूद मैंगनीज झुर्रियों को हटाकर एजिंग के प्रभाव को कम कर सकता है (21)। इसके अलावा, चने में विटामिन-ए भी मौजूद होता है, जो झुर्रियों को हटाने का काम कर सकता है (27)। यही नहीं, चना विटामिन-सी से भी समृद्ध होता है, जो त्वचा के लिए लाभदायक हो सकता है (5)।

दरअसल, विटामिन-सी कोलेजन को बढ़ाकर त्वचा को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी सूर्य की हानिकारक किरणों से भी त्वचा की रक्षा कर सकता है (22)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि त्वचा के लिए अंकुरित चने बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। ऐसे में रोजाना सुबह अंकुरित चने का सेवन किया जा सकता है।

त्वचा के लिए चना खाने का फायदा तो है ही इसके अलावा, इसका फेस पैक बनाकर भी इसे चेहरे पर लगा सकते हैं। नीचे जानिए कैसे बनाएं चने का फेस पैक-

सामग्री :

  • दो चम्मच चना पाउडर
  • चम्मच का एक चौथाई हल्दी पाउडर
  • नींबू के रस की चार-पांच बूंदें
  • पानी (आवश्यकतानुसार)

कैसे बनाएं :

  • एक कटोरे में चने और हल्दी का पाउडर डालें।
  • अब इसमें पानी मिलाएं और पेस्ट बना लें।
  • अब इसमें नींबू का रस मिलाएं।
  • इस मिश्रण को फेसपैक की तरह चेहरे पर 15-20 मिनट के लिए लगाएं।
  • 15-20 बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।

16. बाल झड़ने की समस्या

चना खाने का फायदा स्वस्थ बालों के लिए भी देखा जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर की मानें तो फास्फोरस की कमी के कारण बालों की जड़ें कमजोर हो सकती हैं। वहीं चना फास्फोरस से समृद्ध होता है (23)।

इसके अलावा, बालों के झड़ने की समस्या का मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी को भी माना गया है (24)। ऐसे में कच्चा चना खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। बता दें कि चना, जिंक, प्रोटीन, आयरन सहित कई प्रकार के विटामिन से समृद्ध होता है (1)। इसलिए झड़ते बालों की समस्या को दूर करने के लिए चने का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

अभी बाकी है जानकारी

लेख के इस हिस्से में जानेंगे काबुली चना में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में।

चने के पौष्टिक तत्व – Chickpeas Nutritional Value in Hindi

चना खाने के फायदे जानने के बाद आगे जानिए इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में (5) –

पोषक तत्वमात्रा (प्रति 100 ग्राम)
पानी60.21 ग्राम
ऊर्जा360 केसीएल
प्रोटीन17 ग्राम
कुल फैट  5 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट60 ग्राम
फाइबर7.6 ग्राम
कुल शुगर4.8 ग्राम
कैल्शियम202 मिलीग्राम
आयरन2.89 मिलीग्राम
मैग्नीशियम48 मिलीग्राम
फास्फोरस168 मिलीग्राम
पोटैशियम291 मिलीग्राम
सोडियम7 मिलीग्राम
जिंक1.53 मिलीग्राम
विटामिन सी1.3 मिलीग्राम
थियामिन0.116 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.063 मिलीग्राम
नियासिन0.526 मिलीग्राम
विटामिन बी – 60.139 मिलीग्राम
फोलेट172 माइक्रोग्राम
विटामिन ए (RAE)1 माइक्रोग्राम
विटामिन ए27 आईयू
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल)0.35 मिलीग्राम
विटामिन K1 (फाइलोक्विनोन) (μg)4.0 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड कुल सैचुरेटेड0.269 ग्राम
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (g)0.583 ग्राम
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (g)1.156 ग्राम

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देसी चना खाने के फायदे के बाद आगे जानिए चने को खाने के विभिन्न तरीके।

चने का उपयोग – How to Use Chickpeas in Hindi

चना सालभर उपलब्ध रहता है। इसे किराने की दुकान या सुपर मार्केट्स से खरीद सकते हैं। खाने के लिए चने का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। नीचे बताए गए तरीकों से इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं –

  • नाश्ते में चने को भूनकर खा सकते हैं।
  • चने का इस्तेमाल अपने सूप में कर सकते हैं।
  • चने की सब्जी बना सकते हैं, जिस प्रकार अन्य सब्जियां बनाते हैं।
  • चने को उबालकर खा सकते हैं।

नीचे जानिए चने की कुछ शानदार रेसिपी :

सामग्री :

  • एक बाउल काबुली चने
  • दो बड़े चम्मच जैतून का तेल
  • नमक और लाल मिर्च स्वादानुसार

कैसे बनाएं :

  • चने को उबालकर सुखा लें।
  • अब एक बाउल में चना लें। फिर उसमें स्वादानुसार नमक, लाल मिर्च और जैतून का तेल अच्छी तरह मिलाएं।
  • अब बेकिंग शीट पर चने को फैलाएं और लगभग आधे घंटे तक बेक करें।
  • चना जले न इसलिए बीच-बीच में उसे चेक करते रहें।

2. क्लासिक चिकपीस ह्यूमस

सामग्री :

  • एक बाउल डिब्बाबंद काबुली चने ( उबालकर सुखाए हुए)
  • आधा कप ताहिनी
  • दो चम्मच नींबू का रस
  • एक बारीक कसा हुआ लहसुन
  • एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर
  • एक चौथाई चम्मच जीरा पाउडर
  • नमक स्वादानुसार
  • तीन चम्मच जैतून का तेल

कैसे बनाएं :

  • ब्लेंडर में सभी सामग्रियों को डालकर एक स्मूद पेस्ट बना लें।
  • मलाईदार होने तक मिश्रण को ब्लेंड करें।
  • इस प्रकार चिकपीस ह्यूमस बनकर तैयार है।

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चने को खाने के विभिन्न तरीकों के बाद नीचे जानिए इसका चयन और स्टोर कैसे करें।

चने का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Chickpeas in Hindi

चने के फायदे और नुकसान वाले इस लेख में अब हम जानेंगे कि चने का चयन किस प्रकार करना चाहिए और इसे लंबे समय तक कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है:

कैसे करें चयन :

  • हमेशा सूखे चने का ही चयन करें।
  • कम सोडियम वाले डिब्बाबंद चनों को भी चुन सकते हैं।
  • सूखे चने खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि चने सूखे हो, साफ हो और सबका रंग सामान हो।

स्टोर करने का तरीका :

  • सूखे चने को हमेशा एक बंद कंटेनर में कमरे के तापमान पर स्टोर करें।
  • चने को नमी और पालतू जानवरों से बचाकर रखें।

जानकारी बाकी है

चने के फायदे और इससे संबंधित अन्य जानकारी के बाद नीचे जानिए चने के कुछ नुकसान।

काबुली चने के नुकसान – Side Effects of Chickpeas in Hindi

चना खाने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। इसलिए यहां हम ज्यादा चना खाने के नुकसान बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं :

  • चना फाइबर से समृद्ध होते हैं (5)। इसलिए इन्हें ज्यादा खाने से गैस, पेट में सूजन व ऐंठन हो सकती है (25)।
  • कुछ मामलों में चने के सेवन से एलर्जिक रायनाइटिस (बंद नाक) या एनाफिलेक्सिस की समस्या हो सकती है (26)।
  • एनाफिलेक्सिस एक जानलेवा एलर्जिक प्रतिक्रिया है, जिसकी वजह से नाक व होंठों में सूजन, उल्टी और पेट में दर्द आदि समस्याएं हो सकती हैं (27)।
  • चने के सेवन से लेथिरिज्म नामक रोग का जोखिम बढ़ सकता है। इस समस्या में पैरों में कमजोरी महसूस हो सकती है (28)।
  • इन सबके अलावा, चने में एंटीन्यूट्रिशनल कंपाउंड जैसे, फाइटिक एसिड, लेक्टिन, ओलिगोस राइडर्स और कुछ अन्य फेनोलिक कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो शरीर में मौजूद पोषक तत्वों के कार्यों को बाधित कर सकता है (29)।

इसमें कोई दो राय नहीं चना खाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। ऐसे में काले चने के फायदे प्राप्त करने के लिए इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यहां काबुली चना के उपयोग के विभिन्न तरीकों के बारे में भी बताया है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि इसे सीमित मात्रा में ही खाएं, नहीं तो ज्यादा चना खाने के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। अंत में हम उम्मीद करते हैं कि चना खाने के फायदों पर आधारित यह लेख आपके लिए लाभदायक रहा होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

क्या काबुली चना और गरबेन्जो बीन्स में कोई अंतर है?

नहीं, काबुली चना और गरबेन्जो बीन्स में कोई अंतर नहीं है, बल्कि गरबेन्जो बीन्स को ही काबुली चना के नाम से जाना जाता है (1)।

क्या काबुली चना कार्ब्स और प्रोटीन से समृद्ध होते हैं?

हां, काबुली चना कार्ब्स और प्रोटीन से समृद्ध होते हैं। 100 ग्राम चने में लगभग 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 17 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है (5)।

क्या चने के आटे में कार्बोहाइड्रेट होता है?

हां, चने के आटे में कार्बोहाइड्रेट होता है (30)।

क्या रोजाना काबुली चना खाना ठीक है?

हां, सीमित मात्रा में काबुली चने का रोजाना सेवन किया जा सकता है।

क्या रात में चने का सेवन किया जा सकता है?

हां, रात के समय चने का सेवन किया जा सकता है।

क्या चना खाने से गैस की समस्या होती है?

हां, ज्यादा चना खाने से नुकसान हो सकता है, जिसके परिणाम स्वरूप गैस की समस्या हो सकती है। दरअसल, चना फाइबर से समृद्ध होता है (5)। वहीं, अधिक मात्रा में फाइबर के सेवन से गैस की समस्या हो सकती है (25)।

क्या चना खाने से वजन बढ़ता है?

नहीं, चना खाने से वजन नहीं बढ़ता है। चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो अत्यधिक भूख को नियंत्रित कर वजन घटाने में सहायता कर सकता है। इसके अलावा चना फाइबर और प्रोटीन से भी समृद्ध होता है, जो वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (1)।

चने का स्वाद कैसा होता है?

चने का स्वाद फिका होता है। अगर इसकी सब्जी बनाई जाए तो इसका स्वाद मसालों की वजह से तीखा हो सकता है। वहीं, अगर अंकुरित चने को प्याज और नींबू के साथ मिलाकर खाया जाए तो इसका स्वाद चटपटा हो सकता है।

चना और किशमिश के फायदे क्या हैं?

चना और किशमिश के फायदे कई सारे हैं। जैसा कि हमने लेख में बताया कि चना वजन नियंत्रण के साथ-साथ हृदय रोगों और पेट संबंधी समस्या में लाभकारी हो सकता है (1)। जबकि किशमिश हृदय के साथ-साथ आंत और मुंह को स्वस्थ बनाए रख सकता है। इसके अलावा अल्जाइमर और कैंसर जैसी बीमारियों को भी दूर रखने में किशमिश का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है (31)।

चना और दूध खाने के फायदे क्या हैं?

चना और दूध खाने के भी फायदे भी अगनित हैं। दूध पर हुए रिसर्च से जानकारी मिलती है कि दूध के सेवन से मोटापे की समस्या, मधुमेह की समस्या और हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है (32)। जबकि, चने को गले की समस्या, रक्त विकार, त्वचा रोग, लिवर और पित्ताशय से संबंधित समस्याओं जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज में लाभकारी माना गया है (33)।

चना और गुड़ खाने के फायदे क्या हैं?

चना और गुड़ खाने के फायदे भी कई तरह के हैं। इस विषय पर हुए एक शोध से जानकारी मिलती है कि गुड़ और चने में मौजूद पोटेशियम खून में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं, जिससे दिल के दौरे के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही यह शरीर में एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (34)।

भीगे चने खाने के फायदे क्या हैं?

भीगे चने खाने के फायदे हमने लेख में विस्तार से बताए हैं। इसका नियमित रूप से सेवन वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है। साथ ही यह मधुमेह के अलावा हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है (1)।

संदर्भ (Sources) :

References

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  1. The Nutritional Value and Health Benefits of Chickpeas and Hummus
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  2. Chickpeas suppress postprandial blood glucose concentration and appetite and reduce energy intake at the next meal
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  3. Fiber
    https://www.hsph.harvard.edu/nutritionsource/carbohydrates/fiber/
  4. Cell proliferation
    https://www.cancer.gov/publications/dictionaries/cancer-terms/def/cell-proliferation
  5. Chickpeas (garbanzo beans bengal gram) mature seeds cooked boiled without salt
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  6. Nutrients for the aging eye
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  7. Assessment of the estrogenic activities of chickpea (Cicer arietinum L) sprout isoflavone extract in ovariectomized rats
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  9. Anemia
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  10. Development of peanut and chickpea nut brittle (Chikki) from the incorporation of sugar jaggery and corn syrup
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  25. Dietary Fiber
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  27. Anaphylaxis
    https://www.healthywa.wa.gov.au/Articles/A_E/Anaphylaxis
  28. Chickpeas
    https://www.sciencedirect.com/topics/agricultural-and-biological-sciences/chickpeas
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    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27779388/
  30. Effect of Processed Chickpea Flour Incorporation on Sensory Properties of Mankoushe Zaatar
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6560399/
  31. Is Eating Raisins Healthy?
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31878160/
  32. Cow’s Milk Consumption and Health: A Health Professional’s Guide
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30247998/
  33. Nutritional Quality and Health Benefits of Chickpea (Cicer Arietinum L.): A Review
    https://www.researchgate.net/publication/230731671_Nutritional_Quality_and_Health_Benefits_of_Chickpea_Cicer_Arietinum_L_A_Review
  34. Value Addition and Fortification in Non-Centrifugal Sugar (Jaggery): A Potential Source of Functional and Nutraceutical Foods
    https://link.springer.com/article/10.1007/s12355-021-01020-3

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