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गर्भावस्था हर महिला के लिए सबसे सुखद पल होता है। इस दौरान उन्हें अधिक देखभाल की जरूरत होती है। इसके लिए उन्हें कई नसीहतें भी दी जाती हैं, जिनमें से कुछ तो सही होती है, लेकिन कुछ को लेकर गर्भवती महिलाओं के मन में संशय बना रहता है। प्रेगनेंसी के दौरान सीढ़ी चढ़ना भी उन्हीं में से एक है। ऐसे में मॉमजंक्शन के इस लेख के माध्यम से हम महिलाओं के इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं। यहां हम बताएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान सीढ़ी चढ़ना चाहिए या नहीं। इसके अवाला, सीढ़ी चढ़ने के फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं, इसकी जानकारी भी यहां दी जाएगी।
लेख की शुरुआत इसी सवाल से करते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सीढ़ी चढ़ना सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी के दौरान सीढ़ियां चढ़ना सुरक्षित है? | pregnancy mein sidi chadna utarna
हां, गर्भावस्था के दौरान सीढ़ी चढ़ना सुरक्षित माना जा सकता है। इस बात का जिक्र ‘गर्भावस्था, स्तनपान और हड्डी के स्वास्थ्य’ से जुड़ी जानकारी में मिलता है। इस रिसर्च में गर्भावस्था के दौरान हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए किए जाने वाले एक्सरसाइज में सीढ़ी चढ़ने को भी शामिल किया गया है (1)।
अब जानते हैं, प्रेगनेंसी में सीढ़ी चढ़ने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ना क्यों फायदेमंद है?
अब जब यह बात स्पष्ट हो गई है कि गर्भावस्था में सीढ़ी चढ़ना उपयोगी हो सकता है। तो यहां हम गर्भावस्था के दौरान सीढ़ी चढ़ने के फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं:
1. प्रीक्लेम्पसिया से बचाव: गर्भावस्था के दौरान सीढ़ी चढ़ने से प्रीक्लेम्पसिया के खतरे को कम किया जा सकता है। इस बात की जानकारी एक रिसर्च पेपर से मिलती है। इस रिसर्च के मुताबिक, जो महिलाएं रोजाना 1 से 4 सीढ़ियों का उपयोग करती हैं, उनमें प्रीक्लेम्पसिया का जोखिम 29 प्रतिशत तक कम हो सकता है (2)।
बता दें कि प्रीक्लेम्पसिया हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित एक समस्या है, जो प्रेगनेंसी के 20 वें हफ्ते के बाद गर्भवती महिलाओं को हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में प्रीक्लेम्पसिया की समस्या महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी हो सकती है। यह डिलीवरी के 48 घंटों के अंदर होने का जोखिम हो सकता है। इसे पोस्टपार्टम प्रीक्लेम्पसिया कहा जाता है (3)।
2. मधुमेह की समस्या से बचाव : गर्भावस्था के दौरान होने वाले गर्भकालीन मधुमेह के जोखिम को भी कम करने के लिए सीढ़ी चढ़ना फायदेमंद हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में मिलती है। इस शोध के मुताबिक, गर्भावस्था के शुरुआती समय में सीढ़ी चढ़ने से गर्भकालीन मधुमेह होने की संभावना कम हो सकती है (4)।
3. स्वस्थ हृदय के लिए : हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी सीढ़ी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। सीढ़ी चढ़ने के विषय पर हुए एक शोध में बताया गया है कि नियमित रूप से सीढ़ी के उपयोग से स्वस्थ हृदय को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही यह हृदय की कार्यप्रणाली में भी सुधार कर सकता है (5)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
4. फिटनेस के लिए : सीढ़ियों के उपयोग से शारीरिक फिटनेस को भी बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इस बात की जानकारी गर्भावस्था के दौरान किए जाने वाले एक्सरसाइज (जिसमें सीढ़ी चढ़ना भी शामिल है) से मिलती है। इसके मुताबिक नियमित एक्सरसाइज करने से शरीर को फिट रखने में मदद मिल सकती है (6)।
5. वजन नियंत्रण के लिए : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध की मानें तो गर्भावस्था के दौरान लगभग 20 से 40 प्रतिशत महिलाएं मोटापे का शिकार हो सकती हैं। इस वजह से उनमें मातृ और भ्रूण संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है (7)। इसके अलावा, बढ़ा हुआ वजन सिजेरियन डिलीवरी, उच्च रक्तचाप, प्रीक्लेम्पसिया, जैसी समस्याओं के जोखिमों को भी बढ़ा सकता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान वजन को नियंत्रित रखने के लिए एक्सरसाइज के रूप में सीढ़ी चढ़ना फायदेमंद हो सकता है (6)।
सीढ़ी चढ़ने के फायदे जानने के बाद इसके नुकसान को भी जान लीजिए।
गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां (Stairs) चढ़ने के नुकसान
गर्भावस्था के दौरान सीढ़ी चढ़ना फायदेमंद तभी है, जब इसका उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाए। वहीं, अगर इसमें जरा सी भी चूक हुई तो इसके कुछ नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (8):
- बच्चे का समय से पहले जन्म।
- गर्भपात होने का जोखिम।
- जन्म के समय बच्चे का अपर्याप्त वजन।
यहां हम बताएंगे कि किन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान सीढ़ी चढ़ने से परहेज करना चाहिए।
किन महिलाओं को गर्भावस्था के वक्त सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान अगर किसी महिला को निम्नलिखित परेशानी हो तो ऐसी स्थिति में उन्हें सीढ़ी नहीं चढ़ने की सलाह दी जाती है :
- अगर गर्भवती महिला को सीढ़ी चढ़ते समय किसी प्रकार की असुविधा महसूस हो रही हो, जैसे – सांस फूलना, पेट में दर्द होना आदि।
- गर्भवती महिला को अगर किसी प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्या जैसे – हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लीडिंग, गठिया आदि, हो तो वो डॉक्टर की सलाह के बाद ही सीढ़ी का उपयोग करें।
- इसके अलावा, कोई अन्य बीमारी, जैसे – अनियंत्रित रक्तचाप या ब्लड शुगर आदि के कारण चक्कर आने की समस्या हो।
- अगर गर्भवती महिला को कमजोरी या खून की कमी जैसी समस्या रही हो।
चलिए अब जरा सीढ़ी चढ़ने के टिप्स जान लीजिए।
गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ने के लिए टिप्स
प्रेगनेंसी के दौरान सीढ़ी चढ़ते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। इसलिए यहां हम गर्भावस्था में सीढ़ी चढ़ने के कुछ टिप्स बता रहे हैं:
- गर्भवती महिलाएं सीढ़ी चढ़ते या फिर उतरते समय हमेशा रेलिंग का सहारा लें।
- सीढ़ियों का उपयोग हमेशा उजाले में ही करें। अगर सीढ़ियों पर हल्का भी अंधेरा हो तो बिना टॉर्च या अन्य रोशनी के उसका उपयोग न करें।
- गर्भवती महिलाएं सीढ़ियों का उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह किसी भी प्रकार से गीला न हो। साथ ही वहां फिसलन की कोई अन्य संभावना न हो।
- सीढ़ी चढ़ते समय हमेशा संयम बरतें और उसका उपयोग धीरे-धीरे ही करें।
- अगर सीढ़ियों पर कालीन बिछी हो तो उस पर चढ़ने या उतरने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह फर्श से अच्छी तरह से चिपकी हो और ढीली न हो।
- गर्भवती महिलाएं सीढ़ी चढ़ते या उतरते समय बड़े गाउन या फैले हुए ड्रेस को पहनने से बचें। इससे फिसलने की संभावना अधिक हो सकती है।
- अगर कोई महिला सीढ़ी से फिसल गई हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
आगे स्क्रॉल कर जानें तीसरी तिमाही में सीढ़ी चढ़ना क्यों खतरनाक माना जाता है।
प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही (Third trimester) में सीढ़ी चढ़ना क्यों असुरक्षित है?
आमतौर पर तीसरी तिमाही के दौरान सीढ़ियों के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती है। दरअसल, एक शोध में तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए एक्सरसाइज को असुरक्षित माना गया है (9)। वहीं, सीढ़ी चढ़ना भी एक प्रकार का एक्सरसाइज ही है (6)। यही वजह है कि प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही में महिलाओं के लिए सीढ़ी सुरक्षित नहीं माना गया है।
नीचे क्रमवार तरीके से हम उन कारणों का भी जिक्र कर रहे हैं, जिनकी वजह से अंतिम तिमाही में महिलाओं को सीढ़ी चढ़ने की सलाह नहीं दी जाती है :
- संतुलन बिगड़ने का डर : गर्भावस्था के तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं का पेट काफी हद तक बाहर की ओर निकल आता है और वजन भी बढ़ चुका होता है। इसका मतलब है कि इस तिमाही तक भ्रूण का विकास काफी हद तक हो चुका होता है। ऐसे में अगर सीढ़ी चढ़ने या उतरने के दौरान हल्का सा भी संतुलन बिगड़ता है तो महिला गिर सकती है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
- ठोकर लगने की चिंता : सीढ़ी चढ़ने या उतरने के दौरान अगर गर्भवती महिला को हल्की सी भी ठोकर लगती है तो इस कारण भी उसका बैलेंस बिगड़ सकता है और वह गिर सकती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को चोट लग सकती है।
- कमर पर दबाव पड़ने का खतरा : तीसरी तिमाही में जैसे-जैसे पेट बढ़ता चला जाता है, वैसे-वैसे गर्भवती महिला का वजन भी बढ़ता चला जाता है। ऐसे में अगर प्रेग्नेंट महिला सीढ़ी का उपयोग करती हैं तो इससे उसका पूरा भार कमर और पैरों पर पड़ने लगता है। इस कारण उन्हें कमर या पैर में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
- पैरों में सूजन की समस्या : गर्भावस्था के दौरान तीसरी तिमाही में पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है (10)। ऐसी स्थिति में अगर गर्भवती महिला सीढ़ियों का उपयोग करती हैं तो वह उसके लिए और भी घातक सिद्ध हो सकता है।
- सांस फूलने की समस्या : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की मानें तो गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में सांस फूलने की संभावना अधिक होती है। लगभग 75 प्रतिशत महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है (11)। ऐसे में तीसरी तिमाही के दौरान सीढ़ी के उपयोग से सांस फूलने की समस्या और बढ़ सकती है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
लेख के अंत में अब हम बता रहे हैं कि सीढ़ी चढ़ने से सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलता है या नहीं।
क्या सीढ़ियां चढ़ने से नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है?
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, सीढ़ी चढ़ने से प्रसव प्रक्रिया में थोड़ी बहुत राहत मिल सकती है (12)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में भी सीढ़ी चढ़ने को प्रसव की प्रक्रिया में सहायक माना गया है (13)। हालांकि, सीधे तौर पर यह नॉर्मल डिलीवरी में किस प्रकार से मदद कर सकता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियों के उपयोग से जुड़ा संशय अब दूर हो गया होगा। इसके अलावा, यहां हमने सीढ़ी चढ़ने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बताया है। वहीं, गर्भवती महिलाओं के लिए सीढ़ियां तभी तक सुरक्षित है जब तक इसका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया जाए। अगर कोई महिला सीढ़ी चढ़ने या उतरने में सक्षम न हो तो बेहतर होगा कि इसका इस्तेमाल न ही करें। साथ ही सीढ़ी चढ़ने पर किसी भी प्रकार की तकलीफ महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। इस विशेष लेख को अन्य लोगों के साथ भी साझा जरूर करें।
References
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https://www.bones.nih.gov/health-info/bone/bone-health/pregnancy - Recreational Physical Activity During Pregnancy and Risk of Preeclampsia – By Ahajournals
https://www.ahajournals.org/doi/full/10.1161/01.hyp.0000072270.82815.91 - Preeclampsia- By Medlineplus
https://medlineplus.gov/ency/article/000898.htm - Physical Activity Before and During Pregnancy and Risk of Gestational Diabetes Mellitus- By NCBI
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3005457/ - Promotion of Stair Climbing Exercise in Medical Students to Achieve Physical Fitness with Student’s Normal Routine – IIHSR
https://www.ijhsr.org/IJHSR_Vol.5_Issue.9_Sep2015/41.pdf - Benefits of Exercise During Pregnancy – By Researchgate
https://www.researchgate.net/publication/233749975_Benefits_of_Exercise_During_Pregnancy - Interventions to reduce or prevent obesity in pregnant women: a systematic review – By NCBI
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK99052/ - Physical activity during pregnancy and maternal-child health outcomes: A systematic literature review- By Researchgate
https://www.researchgate.net/publication/23261253_Physical_activity_during_pregnancy_and_maternal-child_health_outcomes_A_systematic_literature_review - Why do pregnant women stop exercising in the third trimester? – By Onlinelibrary
https://obgyn.onlinelibrary.wiley.com/doi/full/10.3109/00016340903284901 - Frequency of Lower Extremity Edema during 3rd Trimester of Pregnancy- By Researchgate
https://www.researchgate.net/publication/315526404_Frequency_of_Lower_Extremity_Edema_during_3rd_Trimester_of_Pregnancy - Asthma in pregnancy – By NCBI
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1746013/pdf/v056p00325.pdf - Healthy Birth Practice #2: Walk
Move Around - A Comparative Study On Effect Of Ambulation And Birthing Ball On Maternal And Newborn Outcome Among Primigravida Mothers In Selected Hospitals In Mangalore – By Nitte University Journal of Health Science
https://www.nitte.edu.in/journal/juneSplit/Nitte%20University%20Journal%20June%202012_2_5.pdf
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