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आमतौर पर छोटे शिशुओं में दूध के दांत छह माह की उम्र में आते हैं (1)। इस वजह से शायद ही आपने कभी दांत के साथ जन्म लेने वाले शिशु के बारे में सुना या देखा होगा, जिसे नेटल दांत या नेटल टीथ कहते हैं। दांत के साथ जन्म लेने वाले छोटे बच्चे से जुड़ी इसी स्थिति की जानकारी आप मॉमजंक्शन के इस लेख में पढ़ेंगे। यहां न सिर्फ नेटल दांत के लक्षण दिए हैं, बल्कि नेटल टीथ के कारण, उपचार और घरेलू देखभाल की भी जानकारी दी गई है।

सबसे पहले जानते हैं कि नेटल टीथ क्या है।

नेटल टीथ क्या होता है? | Natal teeth meaning in hindi

अगर जन्म के समय से ही नवजात के मुंह में दांत होते हैं, तो उस दांत को नेटल टीथ कहते हैं। इसे भ्रूण के दांत, जन्मजात दांत व प्रीमैच्यौर दांत भी कहा जाता है। यह दूध के दांत से अलग होते हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में मौजूद रिसर्च के अनुसार, यह बच्चे के मुंह में जन्म के समय से ही होते हैं या जन्म के 30 दिनों के अंदर निकल सकते हैं (2)। अधिकतर मामलों में शिशु के नीचले जबड़े के बीच वाले दो दांत जन्म के से होते हैं। ये अक्सर छोटे, कोण जैसे नुकीले और पीले रंग के होते हैं (1)

आगे पढ़ें कि दांत के साथ शिशु का जन्म लेना सामान्य है या नहीं।

क्या दांत के साथ शिशु का जन्म होना सामान्य है?

नहीं, नेटल टीथ दुर्लभ स्थिति है। आंकड़े बताते हैं कि इसकी गुंजाइश बहुत ही कम है कि शिशु दांत के साथ जन्म ले। एनसीबीआई की साइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, जन्म लेने वाले लगभग 1:2,000 से 1:3,000 यानी दो से तीन हजार बच्चों में से एक बच्चे में ही नेटल टीथ हो सकता है। यह पुरुष बच्चों के मुकाबले महिला बच्चों में अधिक होता है (1)। एक अन्य रिसर्च पेपर के अनुसार, लगभग 6 से 10% बच्चों में नेटल टीथ हो सकता है। कुछ मामलों में जन्म लेने वाले शिशु के दो से तीन नेटल टीथ भी हो सकते हैं (3)

अब पढ़ें नेटल दांत के प्रकार।

नेटल टीथ के प्रकार | Neonatal teeth ke prakar

जन्म लेने वाले शिशुओं में नेटल टीथ चार प्रकार के हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है (1):

  1. ऐसे दांत जो निकले न हों, लेकिन स्पर्श करने पर दांत होने का एहसास हो। मसूड़ों के जिस हिस्से में ये दांत होते हैं, वहां हल्की सूजन दिखती है।
  1. शेल जैसे खोखले क्रॉउन आकर वाले दांत, जो मसूड़ों के उत्तकों से कमजोर रूप से जुड़े होते हैं, लेकिन इनकी जड़ नहीं होती।
  1. मजबूत क्राउन आकार वाले दांत, जो मसूड़ों से बहुत कम या बिना जड़ के जुड़े होते हैं।
  1. मसूड़े के ऊतकों के ऊपर हल्का कटा हुआ दांत निकलना

नेटल दांत के कारण जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।

शिशु का दांत के साथ जन्म लेने का कारण | Causes of Neonatal Teeth in hindi

अधिकांश मामलों में जन्म से ही बच्चे में दांत होने के कारण आज्ञात होते हैं और इसे सामान्य माना जाता है। इसे किसी चिकित्सकीय स्थिति से नहीं जोड़ा जाता। हालांकि, कुछ-कुछ स्थितियों में बच्चे में जन्म से ही दांत होने के पीछे कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जिनमें आनुवंशिक सिंड्रोम व जन्मजात रोग मुख्य हो सकते हैं, जैसे (2) (4):

  1. एलिस-वैन क्रेवेल्ड सिंड्रोम (Ellis-Van Creveld Syndrome) – यह एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जो आमतौर पर हड्डियों के विकास को प्रभावित कर सकता है। इस सिंड्रोम के कारण भी शिशु का जन्म दांत के साथ हो सकता है (5)
  1. हॉलरमैन-स्ट्रेफ सिंड्रोम (Hallermann-Streiff Syndrome) – यह भी एक दुर्लभ विकार है, जो चेहरे और दांतों की असामान्यताओं के लक्षणों से जुड़ा होता है। इसके लक्षणों में न सिर्फ जन्म से दांत मौजूद रह सकते हैं, बल्कि उम्र के साथ ही बच्चे में चेहरे से जुड़ी असामान्यताएं और गंजेपन की समस्या भी देखी जा सकती है (6)
  1. कटे हुए होंठ और तालु (Cleft Lip And Palate) – कुछ बच्चों में जन्म से ही कटे तालू और होंठ की समस्या देखी जा सकती है, जिसे जन्म से ही बच्चे में दांत होने का एक कारण भी माना जा सकता है (4)
  1. पियरे रॉबिन सिंड्रोम (Pierre-Robin Syndrome) – यह भी एक जन्मजात दोष है, जिसमें शिशु का निचला जबड़ा सामान्य से छोटा होता है और जीभ गले में पीछे की तरफ रहती है। इस वजह से बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इस सिंड्रोम के होने के कारण भी जन्म के समय से ही शिशु के मुंह में दांत हो सकते हैं (7)
  1. सोटोस ​​​​सिंड्रोम (Sotos Syndrome) – शिशु में जन्म से ही दांत होने का एक अन्य कारण सोटो सिंड्रोम को भी माना जाता है। यह एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है। इसमें न सिर्फ चेहरे का सामान्य रूप प्रभावित होता है, बल्कि बच्चा बहुत जल्दी और काफी मोटा भी हो जाता है। साथ ही उसकी बोलचाल व मोटर स्किल भी प्रभावित हो सकती है (8)
  1. फाइफर सिंड्रोम (Pfeiffer Syndrome) – फाइफर सिंड्रोम से ग्रस्त शिशु में भी जन्म से ही दांत हो सकते हैं (9)। यह आनुवंशिक विकार, मस्तिष्क की हड्डियों से जुड़ी एक समस्या है। इसकी वजह से सिर और चेहरे में विकृति हो सकती है (10)
  1. आनुवांशिक – एनसीबीआई की रिपोर्ट ऐसा भी बताती हैं कि बच्चे में जन्म से ही दांत होना आनुवांशिक भी हो सकता है। जैसे कि अगर पति-पत्नी में से किसी को जन्म से ही दांत था, तो उनके बच्चे में भी जन्म से ही दांत हो सकता है (11)
  1. मां का खराब पोषणखराब पोषण के कारण मां को बुखार सहित एक से अधिक विटामिन्स की कमी (Hypovitaminosis) हो सकती है। साथ ही एंडोक्राइन (पिट्यूटरी, थायराइड या गोनाड का अत्यधिक स्राव) में डिस्टर्बेंस या विकार भी हो सकता है। ऐसी स्थितियां भी कुछ मामलों में बच्चे में जन्म के समय दांत होने का जोखिम बढ़ा सकती हैं (11)
  1. संक्रमण – अगर बच्चे को जन्मजात उपदंश यानी सिफलिस (Congenital Syphilis) होता है, तो यह भी बच्चे में जन्म के कुछ समय बाद ही दांत निकलने का जोखिम बढ़ा सकता है (11)

हमने शिशु के जन्म के समय दांत से होने वाले जोखिम भी बताए हैं।

नवजात शिशु का दांत के साथ जन्म लेने से होने वाले जोखिम

जन्म के समय से शिशु में मौजूद दांत कुछ तरह के जोखिम का कारण बन सकता है। ये जोखिम बच्चे के साथ ही मां से भी जुड़े हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

  1. जीभ के नीचे छाले होना (Sublingual Slceration)।इसे रीगा-फेड डिजीज (Riga-Fede Disease) भी कहते हैं। इस वजह से बच्चा स्तनपान भी नहीं करता है (1)
  1. दांत निकलने के दौरान शिशु को बेचैनी होना (1)
  1. स्तनपान करने में शिशु को परेशानी होना। स्तनपान करते समय शिशु की जीभ में जलन हो सकती है और जीभ कट सकती है (2)
    दांत होने की वजह से शिशु स्तनपान के दौरान मां के स्तनों को दांत काट सकता है। इससे मां को स्तनपान कराने में परेशानी हो सकती है (2)
  1. बच्चे के उत्तराधिकारी में भी जन्म से ही दांत निकलने की आशंका बढ़ सकती है (12)

छोटे शिशु में नेटल दांत का इलाज कैसे होता है, यह भी पढ़ें।

नवजात शिशु के नेटल दांत का इलाज कैसे किया जाता है?

अगर नेटल टीथ नुकीला नहीं है और इसकी वजह से शिशु या मां को स्तनपान के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, तो इसके लिए किसी तरह के उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती (13)। अगर नवजात शिशु के जन्म का दांत ढीला है और इस दांत की वजह से शिशु को सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर बच्चे का नेटल टीथ निकाल सकते हैं (2)

नेटल टीथ के लिए घरेलू देखभाल भी कर सकते हैं, कैसे यह नीचे आखिरी भाग में पढ़ें।

नेटल टीथ के लिए घरेलू देखभाल कैसे करें?

कुछ बातों का ध्यान रखकर घर में ही बच्चे के जन्म के समय निकले हुए दांत यानी नेटल टीथ की देखभाल की जा सकती है (2)

  • साफ मुलायम कपड़े को गीला करके उससे शिशु के मसूड़ों और दांतों को धीरे से पोंछकर साफ करें।
  • शिशु के मसूड़ों और जीभ की जांच भी करते रहें और यह सुनिश्चित करें कि नेटल टीथ की वजह से शिशु के मुंह में किसी तरह की चोट न लगी हो।
  • अगर नेटल दांत की वजह से शिशु की जीभ या मुंह में किसी तरह का घाव है या अन्य कोई लक्षण हैं, तो डॉक्टर से उपचार कराएं।

वैसे तो नेटल टीथ बहुत ही दुर्लभ है, लेकिन किसी बच्चे के दांत जन्म के समय ही निकल गए हैं, तो उस दांत के प्रकार की जांच कराएं। अगर जन्म के दौरान से ही मौजूद दांत से बच्चे या मां को किसी तरह की परेशानी नहीं होती, तो इसे लेकर निश्चिंत रहें। अगर ये दांत नुकीले व कमजोर हैं, तो यह बच्चे और मां दोनों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर इन नेटल टीथ को निकलवा लें।

References

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