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शिशु के छह माह के होने के बाद उसके बेहतर विकास और पोषण के लिए उसे ठोस आहार दिया जाता है (1)। ठोस आहार में कई सब्जियां व फल शामिल होते हैं। ऐसे में अधिकतर मांओं को यह संशय होता है कि शिशुओं को पपीते का सेवन कराया जाना चाहिए या नहीं। इस सवाल का जवाब मॉमजंक्शन के इस लेख में मौजूद है। यहां शिशु के लिए पपीते सुरक्षित है या नहीं और शिशु के लिए पपीते के फायदे व नुकसान की पूरी जानकारी दी गई है।
आइए, सबसे पहले यह जानते हैं कि छोटे बच्चों को पपीते का सेवन कराना कितना सही है।
क्या शिशुओं के लिए पपीता सुरक्षित है?
हां, छोटे बच्चों को पपीते का सेवन कराया जा सकता है। डब्लयूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा जारी बच्चों के आहार में शामिल खाद्य पदार्थों की लिस्ट में पपीता का नाम भी शामिल है। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि छह माह के बाद शिशुओं को पपीता दिया जा सकता है (1)।
इसके अलावा, एक शोध में जिक्र मिलता है कि पपीता विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है। यह बच्चों को विटामिन-सी की कमी से होने वाले रोगों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (2)। इन तथ्यों को देखते हुए छोटे बच्चों के लिए पपीते का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है।
लेख के अगले भाग में पपीते में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं।
पपीते के पोषक तत्त्व
बच्चों के लिए पपीते का सेवन इसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से फायदेमंद माना जाता है। नीचे हम 100 ग्राम पपीते में मौजूद पौष्टिक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3)।
- प्रति 100 ग्राम पपीते में 88.1 ग्राम पानी, 43 Kcal ऊर्जा, 0.47 ग्राम प्रोटीन, 10.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की 1.7 ग्राम मात्रा होती है।
- पपीते की 100 ग्राम मात्रा में 7.82 ग्राम शुगर, 4.09 ग्राम ग्लूकोज और 3.73 ग्राम फ्रुक्टोज होता है।
- 100 ग्राम पपीते में 20 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.25 मिलीग्राम आयरन, 21 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 10 मिलीग्राम फास्फोरस और 182 मिलीग्राम पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है।
- पपीता 8 मिलीग्राम सोडियम, 0.08 मिलीग्राम जिंक, 0.045 मिलीग्राम कॉपर, 0.04 मिलीग्राम मैंगनीज और 0.6 माइक्रोग्राम सेलेनियम से समृद्ध होता है।
- विटामिन्स की बात करें, तो 100 ग्राम पपीते में 60.09 मिलीग्राम विटामिन-सी, 0.038 मिलीग्राम विटामिन बी-6, 47 माइक्रोग्राम विटामिन-ए, 2.6 माइक्रोग्राम विटामिन-के और 37 माइक्रोग्राम फोलेट होता है।
लेख में आगे जानिए कि बच्चों को पपीता खिलाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
बच्चे को पपीता खिलाने के फायदे
छोटे बच्चों को जब ठोस पदार्थ खिलाना शुरू करें, तो उन्हें पपीते का सेवन कराया जा सकता है। नीचे बच्चों को पपीते का सेवन कराने से होने वाले फायदे से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी गई है।
- पाचन तंत्र के लिए: बच्चों की पाचन शक्ति को दुरुस्त रखने के लिए पपीते का उपयोग लाभकारी माना जा सकता है। एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि पपीते में हाइमोपैपेन और पैपेन कंपाउंड होते हैं। इन्हें पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए जाना जाता है (4)। ऐसे में कहा जा सकता है कि पपीते का सेवन करने से बच्चों का पाचन बेहतर हो सकता है।
- डेंगू के लिए: डेंगू के इलाज के लिए भी पपीते का सेवन बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, डेंगू होने पर प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। इस विषय पर हुए एक शोध में जिक्र मिलता है कि पपीते के पल्प व जूस में कुछ ऐसे घटक होते हैं, जो प्लेटलेटेस के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं (5)।
एक अन्य शोध में बताया गया है कि पपीते के पत्ते का अर्क प्लेटलेट्स को बढ़ाने के साथ रिकवरी में सहायक हो सकता है। एक साल से ऊपर के बच्चों के लिए इसका इस्तेमाल करने पर कोई दुष्प्रभाव नजर नहीं आए (6)। ऐसे में पपीता ही नहीं, पपीते के पत्तों को भी बच्चों के लिए गुणकारी माना जा सकता है।
- स्कर्वी से बचाव: बच्चों में विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी रोग का जोखिम हो सकता है (6)। इससे बच्चों में ब्लीडिंग की समस्या, एनीमिया यानी खून की कमी व हड्डियों का विकास प्रभावित हो सकता है। वहीं, पपीता विटामिन सी का अच्छा स्रोत है (2)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि शिशुओं में स्कर्वी रोग से बचाव में पपीता अहम भूमिका निभा सकता है।
- प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए : एक शोध के अनुसार, पपीते के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और इम्युनोस्टिमुलेंट यानी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने वाला प्रभाव होता है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ ही उसे कई बीमारियों से सुरक्षा मिल सकती है (7)। इसके अलावा, पपीता में विटामिन-सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा सकता है (8)।
- पेट में कीड़ों के लिए: बच्चों के पेट में कीड़ों की समस्या को दूर करने के लिए पपीते का इस्तेमाल घरेलू इलाज के तौर पर किया जा सकता है। इससे संबंधित एक शोध से पता चलता है कि पपीते में एंटी पैरासिटिक गुण होता है (9)। यह पेट के कीड़ों से निजात दिलाने के साथ उन्हें दोबारा पनपने से रोक सकता है।
- आंखों के लिए: विटामिन-ए की कमी से बच्चों की आंखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (10)। ऐसे में विटामिन-ए युक्त पपीते का सेवन विटामिन-ए की कमी से बचाव करके आंखों को स्वस्थ रख सकता है। साथ ही यह कई तरह के संक्रमण से भी बचाव कर सकता है (11)।
स्क्रॉल करके जानिए कि बच्चों को पपीते के क्या नुकसान होते हैं।
बच्चों के लिए पपीते के साइड इफेक्ट
आपने बच्चे के लिए पपीते के फायदे जान लिए हैं, लेकिन इसकी अधिकता से शिशु को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। लेख में आगे हम बच्चों को पपीते से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
- बच्चे को पपीता का अधिक सेवन कराया जाए या बच्चा पपीते के प्रति संवेदनशील हो, तो उसे एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है (12)।
- अधिक मात्रा में पपीते का सेवन करने से गैस की समस्या हो सकती है (12)।
- पपीते में पैपेन कंपाउंड होता है, जिस वजह से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पैपेन का स्तर बढ़ सकता है। यह बुखार, अस्थमा, सांस लेने में कठिनाई आदि का कारण बन सकता है (13)।
- पपीते में फाइबर होता है, जिस वजह से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट संबंधित परेशानी के जोखिम बढ़ सकते हैं (13)।
- पपीते में विटामिन-ए होता है (11)। अगर इसके सेवन से विटामिन-ए का स्तर बढ़ जाता है, तो बच्चों में सिरदर्द, मतली और सिर चकराना आदि परेशानी हो सकती है (10)।
आगे बच्चों को पपीते का सेवन कराते समय ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में जानते हैं।
शिशु को पपीता खिलाते समय बरती जाने वाली सावधानियां
शिशुओं को पपीते का सेवन कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
- छोटे बच्चे को पपीते के टुकड़ों का सेवन कराने से परहेज करें। इससे पपीता उनके गले में अटक सकता है। बेहतर होगा कि बच्चे को पपीते की प्यूरी बनाकर ही खिलाएं।
- बच्चे के लिए हमेशा ताजे और पके हुए पपीता का चयन करें।
- पपीता खिलाने के बाद बच्चे में किसी तरह के एलर्जिक रिएक्शन नजर आएं, तो इसका सेवन बंद कर दें।
- बच्चे को पपीता खिलाते समय इसकी मात्रा का खास ख्याल रखें। अधिक मात्रा में इसका सेवन बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
अब जानिए बच्चे के लिए अच्छे पपीते का चयन करने के कुछ टिप्स।
शिशु के लिए अच्छा पपीता चुनने के टिप्स
बच्चों के लिए एक अच्छे पपीते का चयन करने के लिए नीचे दी गई बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
- हरा व कठोर पपीते का चयन न करें। इन्हें पकने में समय लगता है व पकने से पहले ये खराब भी हो सकते हैं।
- हमेशा पीले रंग के पपीते का चुनाव करें, जिसे तुरंत या अगले दिन खाया जा सके।
- पीला या नारंगी रंग का पपीता मुलायम होता है व पूरी तरह से पक चुका होता है और खाने के लिए तैयार होता है। स्वाद में यह मीठा होता है।
- एक-दो दिन बाद पपीते का उपयोग करना है, तो हल्का हरा पपीता भी चुन सकते हैं।
- पपीते से तेज सुगंध आने का मतलब है कि यह ज्यादा पक चुका है और जल्दी खराब हो सकता है।
- किसी तरह के धब्बे पपीते पर हों, तो उसे न खरीदें।
- पपीते को हमेशा छूकर या हल्का दबाकर देखें। पपीता न ज्यादा कठोर होना चाहिए और न ही मुलायम।
लेख के अंतिम भाग में हम पपीते की कुछ आसान रेसिपी बता रहे हैं।
बच्चे के लिए पपीते की रेसिपी
यहां हम बच्चों की उम्र के अनुसार पपीते की कुछ आसान रेसिपी शेयर कर रहे हैं। इन टेस्टी रेसिपी की मदद से आप पपीते को बच्चे के आहार का हिस्सा बना सकते हैं।
1. पपीते की प्यूरी
सामग्री :
- छिला और कटा हुआ आधा कप पपीता
- पानी
बनाने की विधि :
- सबसे पहले ब्लेंडर में पपीते को अच्छे तरीके से ब्लेंड करें।
- प्यूरी को पतला करने के लिए इसमें 1/4 कप पानी मिलाएं और फिर से ब्लेंड करें।
- बस पपीते की प्यूरी बनकर तैयार है।
2. पपीता आड़ू दही रेसिपी
सामग्री :
- एक चम्मच दही
- दो चम्मच छिला और कटा हुआ पपीता
- आड़ू की एक चम्मच प्यूरी
बनाने की विधि :
- सबसे पहले आड़ू के बीज निकाल कर उसे काट लें।
- इसके बाद ब्लेंडर में कटा हुआ पपीता और आड़ू डालकर ब्लेंड करें।
- फिर इसमें दही मिलाकर दोबारा ब्लेंड कर लें।
- इस तरह तैयार हो जाएगा बच्चे के लिए पपीता आड़ू दही रेसिपी।
3. पपीता जैम
सामग्री :
- एक कप पपीते की प्यूरी
- एक चम्मच शहद या गुड़
- एक छोटा चम्मच नींबू का रस
बनाने की विधि :
- सबसे पहले एक पैन में पपीते की प्यूरी को धीमी आंच पर अच्छे से पकाएं।
- जब पेस्ट गाढ़ा हो जाए, तो आंच बंद कर दें।
- पेस्ट के ठंडा होने पर उसमें शहद या गुड़ इच्छानुसार मिला लें।
- फिर इसमें नींबू का रस डालकर मिक्स करें।
- जब यह पूरी तरह ठंडा हो जाए, तो उसे एक बर्तन में निकाल कर रख दें।
- बस तैयार है पपीते का जैम बनकर।
- बच्चे को जैम खिलाने के बाद बचे हुए जैम को एयर टाइट डिब्बे में भरकर फ्रिज में रख दें।
शिशु को पपीता खिलाना चाहिए या नहीं, इस सवाल का जवाब आपको मिल ही गया होगा। इस लेख में हमने पपीते से बच्चे को होने वाले सभी फायदों का जिक्र भी किया है। बस तो अपने शिशु की डाइट में आज से ही पपीते को शामिल करके उसकी डाइट को पौष्टिक बनाएं। बस उसे पपीता खिलाते समय यहां बताई गई सावधानियों का भी ध्यान रखें। बच्चों से जुड़ी ऐसी ही जानकारी हासिल करने के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।
References
2. Scurvy: A New Old Cause of Skeletal Pain in Young Children By Frontiers In
3. Papaya By USDA
4. Basketful benefits of papaya By Researchgate
5. Effect of Carica papaya Linn. Unripe and Ripe Fruit Pulp Juice in Augmenting Platelet Count in Rats: An Experimental Study Journal of Clinical and Diagnostic Research.
6. THE EFFECTIVENESS OF CARICA PAPAYA LEAF EXTRACT IN CHILDREN WITH DENGUE FEVER By Researchgate
7. ANTIOXIDANT AND IMMUNOSTIMULANT EFFECT OF CARICA PAPAYA LINN. AQUEOUS EXTRACT IN ACRYLAMIDE INTOXICATED RATS By NCBI
8. Vitamin C and Immune Function By NCBI
9. CARICA PAPAYA AS A SOURCE OF NATURAL MEDICINE AND ITS UTILIZATION IN SELECTED PHARMACEUTICAL APPLICATIONS By International Journal of Pharmacy and Pharmaceutical Sciences
10. Vitamin A By NIH
11. What is vitamin A and why do we need it? By NCBI
12. Anti-inflammatory and immunomodulatory properties of Carica papaya By Taylor Francis Online
13. Traditional and Medicinal Uses of Carica papaya By Journal of Medicinal Plants Studies
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