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बच्चों को शुरुआत से ही हर काम के लिए टाइम मैनेजमेंट सिखाना अच्छा होता है। इससे वो अपने काम को समय से पूरा करने और दूसरी चीजों के लिए टाइम निकालने की कला सीख लेते हैं। अब सवाल आता है कि बच्चों को टाइम मैनेजमेंट सीखने का सही तरीका क्या है और इस काम में माता पिता की क्या भूमिका होती है। इन सभी सवालों के जवाब मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल से आपको मिलेंगे। यहां बच्चों/विद्यार्थियों के लिए टाइम मैनेजमेंट के कारगर टिप्स भी बताए गए हैं।

चलिए, आर्टिकल की शुरुआत बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स से करते हैं।

बच्चों/विद्यार्थियों के लिए टाइम मैनेजमेंट के 12 टिप्स  | Time Management for Students in Hindi

बच्चों/ विद्यार्थियों को यह बताना जरूरी है कि जीवन में समय सबसे अहम होता है। उन्हें इस बात का एहसास होना चाहिए कि बीता हुआ समय वापस नहीं आता, इसलिए टाइम मैनेजमेंट करना जरूरी है। बच्चे को समय प्रबंधन सिखाने में ये टिप्स मदद कर सकते हैं।

  1. समय का महत्व – बच्चों को यह बताना महत्वपूर्ण है कि समय सीमित होता है। उन्हें अपने हर काम के लिए एक निर्धारित समय मिलेगा और उसी समय में उन्हें अपने काम को पूरा करना होगा। बच्चों को बताएं कि मुख्य कार्यों को पहले करें। साथ ही उन्हें यह भी समझाएं कि उस काम को निर्धारित समय पर ही पूरा करें, क्योंकि समय पर ही काम को पूरा करने का महत्व होता है।
  1. प्राथमिकताओं को समझने की समझ – बच्चों में टाइम मैनेजमेंट के लिए प्राथमिकताओं का पता होना जरूरी है। उन्हें यह स्पष्ट होना चाहिए कि कौन से काम को प्राथमिकता दी जाए और कौन से काम को बाद में भी किया जा सकता है। इसके लिए उन्हें सूची बनाने के लिए भी बोल सकते हैं, जिनमें अलग-अलग हिस्सा बनाकर पहले करने वाले और बाद में करने वाले काम के बारे में लिख सकते हैं।
  1. दैनिक कार्यों का शेड्यूल बनाना – बच्चों के पूरे दिन के लिए शेड्यूल तैयार करें। इस शेड्यूल में बच्चे के सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक की पूरी गतिविधि के बारे में लिखा होना चाहिए। उन्हें बताना होगा कि कितने बजे उठकर स्कूल के लिए तैयार होना है और खाने, खेलने और पढ़ाई लिखाई करनी है। उन्हें कहें कि अपने टाइम शेड्यूल के आधार पर ही काम करें।
  1. समय पर काम शुरू करने की आदत डालें –  बच्चों में काम को सही समय पर शुरू करने की आदत डलवाना भी जरूरी है। इससे वे अपने स्कूल के असाइनमेंट और प्रोजेक्ट को समय पर पूरा कर पाएगा और उन्हें सब्मिशन के टाइम में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं होगी। अगर बच्चे सही समय पर काम शुरू नहीं करता है, तो उन्हें काम करने में परेशानी हो सकती है और हड़बड़ी में काम बिगड़ सकता है। इन सबसे वक्त का भारी नुकसान होता है। साथ ही बच्चों को मानसिक तनाव भी हो सकता है। ऐसे में बच्चों को सही समय पर कार्य शुरू करने का महत्व समझाएं।
  1. लक्ष्य निर्धारित करना सिखाएं – बच्चे को जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना सिखाएं और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक निर्धारित समय दें। इससे उनमें अपने लक्ष्य को समय पर पूरा करने का जज्बा बढ़ेगा। उन्हें कहें कि प्रत्येक विषय के चैप्टर का अध्ययन करने के लिए भी लक्ष्य निर्धारित करें। इस सीख को न समझने वाले बच्चे किसी भी उम्र में लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते, जिससे वो दूसरे कामों पर समय व्यर्थ कर देते हैं और बाद में पछताते हैं।
  1. रिलैक्स होने के लिए लाइट एक्टिविटी – बच्चों को टाइम मैनेजमेंट करने और नई चीजें सिखाने के लिए कुछ लाइट एक्टिविटी या इंडोर गेम भी खिला सकते हैं। खासकर ऐसी एक्टिविटी करवाएं, जिससे खेलते-खेलते स्कूल की पढ़ाई भी हो जाए है। जैसे कि प्रश्नों के सवाल बताने वाले गेम खेलने के लिए कह सकते हैं, जिसमें किसी एक पुस्तक से सवाल पूछना होगा और सही जवाब देने पर एक निर्धारित पॉइंट मिलेगा। इससे उनकी पढ़ाई और खेल दोनों ही मजेदार तरीके से हो जाएगा। इसके अलावा, बच्चों को टीवी पर भी कुछ ज्ञानवर्धक मनोरंजक चीजें दिखा सकते हैं।
  1. ध्यान भटकने न दें – बच्चों को उनके काम पर पूरी तरह ध्यान लगाना सिखाएं। अगर किसी भी काम के बीच में ध्यान भटकता है, तो उस काम पर ध्यान केंद्रित करने में समय लग सकता है। इससे बच्चे का समय व्यर्थ होगा। ऐसे में बच्चों को काम के बीच में ध्यान भटकाने वाली चीजें, जैसे खिलौने, कैंडी से दूर रहने के बारे में सिखाएं। उन्हें समझाएं कि ध्यान लगाकर कोई भी चीज करने से वो काम तेजी से हो जाता है और ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं होता है।
  1. सहायता के लिए पूछना सिखाएं – बच्चों के लिए कई काम मुश्किल भरे हो जाते हैं और कुछ काम को पूरा कर पाना उन्हें असंभव लगता है। ऐसे में उन कामों के लिए पेरेंट्स और टीचर से मदद लेने के लिए सिखाएं। इससे चीजें समझने में जो वक्त जाया होता है, उससे बचा जा सकता है। यहां हम बच्चों के काम को पूरी तरह करने के लिए नहीं कह रहे हैं, उन्हें इतना बताएं कि जिसे वो असंभव समझ रहा है, उसे कैसे किया जा सकता है।
  1. स्कूल में लैक्चर पर ध्यान देना – स्कूल में पढ़ाई के समय पूरा ध्यान लैक्चर पर रखने और किसी तरह की दुविधा होने पर तुरंत टीचर से पूछने कहें। इससे किसी भी विषय को घर में पढ़ने पर कन्फ्यूजन नहीं होगी, जिससे कि समय व्यर्थ होने से बचाया जा सकता है।
  1. समय को ट्रैक करें – टाइम मैनेजमेंट सीखने के लिए समय को ट्रैक करना भी जरूरी है। इससे उन्हें किसी भी काम को करने पर कितना समय लगता है, इस बात का स्पष्ट रूप से पता चल सकता है। इससे हर काम के लिए समय निर्धारित करने में भी आसानी हो सकती है। साथ ही किसी चीज में ज्यादा समय लग रहा है, तो उसका कारण समझकर उसपर काम किया जा सकता है।
  1. काम को व्यवस्थित करें – समय प्रबंधन करने के लिए बच्चों को काम ऑर्गेनाइज करने के बारे में बताएं। ज्यादा काम होने पर कभी एक फिर दूसरे काम में मन लगाने से बेहतर होगा कि पहले अपने एक काम को पूरा करें। इन बातों के बारे में बच्चों को समझाना जरूरी है। इससे काम करने में ज्यादा समय नहीं  और न ही वक्त बर्बाद होगा।
  1. चेकलिस्ट बनाए – बच्चों के लिए एक चेकलिस्ट बनाएं, जिसे बच्चों के साथ बैठकर उसके सोने से पहले देखें। इससे यह पता चलेगा कि दिनभर के लिए निर्धारित की गई चीजें हो पाई हैं या नहीं। इससे दूसरे दिन के लिए बेहतर टाइम शेड्यूल बनाने में मदद मिल सकती है।

आगे जानिए कि बच्चों को समय प्रबंधन सीखने में माता-पिता किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं।

बच्चों को टाइम मैनेजमेंट सीखने में माता पिता की भूमिका

बच्चों को टाइम मैनेजमेंट सीखने का काम माता-पिता और घर के अन्य सदस्यों का होता है। ऐसे में अगर आप जानना चाहते हैं कि बच्चों के टाइम मैनेजमेंट में किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं, तो नीचे इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है।

  • समय से उठाना – माता-पिता की यह जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चे को सुबह समय पर उठाकर उन्हें टाइम का सही उपयोग करने में मदद करें। अगर बच्चे देर से उठते हैं, तो सुबह की पढ़ाई, घूमना और स्कूल के लिए तैयार होने जैसे सारे काम बाधित हो जाते हैं। इनका सीधा असर टाइम मैनेजमेंट पर ही पड़ता है।
  • खानपान का रखें ध्यान – बच्चों को सही समय पर खाना देना भी जरूरी है। उचित समय में खानपान लेने से बच्चा स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है। इससे वो अपने सारे काम फुर्ती से करेगा और ऐसे ही वक्त जाया नहीं करेगा।
  • पढ़ाई और खेल में साथ देना – माता पिता बच्चों के पढ़ाई और खेल में साथ दे सकते हैं। दिन में कुछ समय निकालकर उन्हें पढ़ा सकते हैं। साथ ही शाम को थोड़ी देर उनके साथ खेलें भी इससे उसे अच्छा एहसास होगा। इससे पढ़ाई के साथ ही खेल-कूद का संतुलन भी बना रहेगा और बच्चे स्ट्रेस से भी बचे रहेंगे।
  • नुकसान समझाएं – वक्त का सही उपयोग न करने से होने वाले नुकसान और दुष्परिणाम के बारे में भी बच्चे को समझाएं। टाइम मैनेजमेंट पर लिखी गई किताबें उन्हें पढ़ने के लिए कह सकते हैं। इससे वे जल्दी ही समय की कीमत समझ जाएंगे।
  • समय से पहले काम पूरा होने पर इनाम – बच्चों को उनके स्कूल के काम को समय से पहले खत्म करने पर इनाम दें। टाइम टेबल के हिसाब से जब भी बच्चा काम करे, तो उसे शाबाशी देते हुए उसकी पसंद की मिठाई या कुछ और दे सकते हैं। इससे वो वक्त पर काम करने के लिए प्रेरित होते हैं।
  • फ्री टाइम दें – बच्चों को दिन में कुछ समय उनके लिए भी दें, जिसमें वे जो चाहे कर सकें। अगर उस समय बच्चे का कार्टून देखने का मन है, तो वे कार्टून देखेंगे। इससे उन्हें किसी तरह का दबाव भी महसूस नहीं होगा। उसके बाद फिर टाइम टेबल के हिसाब से काम करने को कहें।

बच्चे के जीवन के हर पड़ाव में माता-पिता साथ होते हैं। वो बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और उन्हें सिखाते हैं कि वक्त कितना कीमती होता है। कई बार बातों को बच्चे नहीं समझ पाते, इसलिए हमने बच्चों के लिए टाइम मैनेजमेंट टिप्स और तरीके बताए हैं। उम्मीद करते हैं कि इन सभी टिप्स और तरीकों से आपको बच्चों का समय प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

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