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बालों का सफेद होना बढ़ती उम्र की निशानियों में से एक है। सामान्य तौर पर 30 साल की उम्र के बाद बालों के रंग में परिवर्तन की स्थिति देखी जाती है। शुरुआत में बालों का रंग हल्का सलेटी और फिर धीरे-धीरे सफेद रंग में परिवर्तित होता है (1)। बदलते परिवेश के साथ आज यह समस्या छोटे-छोटे बच्चों में भी दिखने लगी है। इसकी वजह कई हो सकती हैं (2)। विषय की इसी गंभीरता को देखते हुए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको बच्चों में सफेद बाल के सभी कारणों से परिचित कराएंगे। साथ ही बचाव संबंधी इलाज और उपाय की भी विस्तृत जानकारी देंगे।
तो आइए अन्य बातों से पहले हम बच्चों में सफेद बाल होने के मुख्य कारणों पर एक नजर डाल लेते हैं।
बच्चों में बाल सफेद होने के कारण | Kam Umar Me Baal Safed Hona
बालों का काला रंग उनमें मौजूद मेलानिन नामक खास तत्व के कारण होता है। जब यह मेलानिन उम्र के साथ कम होने लगता है, तो बाल सफेद होते हैं। कई वजह हैं, जो समय पूर्व ही इसके कम होने का कारण बन जाती हैं। इन्हें ही बच्चों में सफेद बाल होने के मुख्य कारणों के रूप में देखा जाता है। आइए, अब हम उन सभी स्थितियों के बारे में जान लेते हैं, जो बच्चों में बाल सफेद होने का मुख्य कारण बन सकती हैं (2)।
- आनुवंशिकता – बच्चों में बाल सफेद होने का मुख्य और अहम कारण आनुवंशिकता को माना गया है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इस संबंध से जुड़ी जानकारी देखने को मिलती है। शोध के मुताबिक जिन बच्चों के माता-पिता में बचपन में बाल सफेद होने की समस्या देखी जाती है, उन बच्चों में भी इस समस्या होने की आशंका रहती है। वहीं, यह भी स्वाभाविक है कि आनुवंशिकता के कारण बच्चों को अपने माता पिता से कुछ ऐसी बीमारी मिलें, जो सफेद बाल होने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं जैसे :- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता या उम्र को तेजी से बढ़ाने वाली बीमारी प्रोगेरिया (Progeria) और पैंगेरिया (Pangeria) (2)।
- पोषक तत्वों की कमी- बच्चों के खाने पीने पर सही ध्यान न दे पाने के कारण बच्चों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। यही पोषक तत्वों की कमी कम उम्र में ही बालों के सफेद होने का कारण बन सकती है। बताया जाता है कि विटामिन डी और विटामिन बी-12 के साथ कॉपर, आयरन, कैल्शियम और जिंक की कमी के कारण मेलानिन बनने के प्रक्रिया प्रभावित होती है, जो बालों के प्राकृतिक रंग का कारण है। इस तरह पोषक तत्वों की कमी के कारण मेलानिन का कम होना भी बालों के सफेद होने का कारण बन सकता है (2)।
- विशेष बीमारियों के कारण – बच्चों के बाल सफेद होने के पीछे कुछ विशेष बीमारियां भी जिम्मेदार हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (2)।
- ग्रिससेल्ली (Griscelli)- प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण होने वाली हाइपोपिगमेंटेशन (त्वचा व बालों की रंगत में बदलाव) की एक समस्या।
- चेडियाक-हिगाशी (Chediak– Higashi)- इम्यून सिस्टम से संबंधित एक विकार, जिसमें त्वचा व बाल की रंगत में बदलाव एक प्रभाव के रूप में दिखाई देता है।
- एलजेल्ड सिंड्रोम (Elejalde Syndrome)- तंत्रिका तंत्र से संबंधित एक विकार, जिसमें त्वचा व बालों के रंग में बदलाव एक लक्षण के रूप में दिखाई दे सकता है।
- एंजलमैन (Angelman)- जीन से संबंधित एक विकार, जिसमें मुख्य तौर पर तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।
- प्रैडर-विली सिंड्रोम (Prader–Willi Syndrome)- जीन से संबंधित एक विकार, जिसमें लगातार रोगी को भूख का एहसास होता है।
- फिनायलकेटोन्यूरिया (Phenylketonuria)- यह उपापचय संबंधी एक विकार है। इस बीमारी में फेनिलएलनिन (Phenylalanine) नाम के खास अमीनो एसिड का उपापचय नहीं हो पाता। इस कारण रोगी के शरीर में फेनिलएलनिन की मात्रा बढ़ने लगती है।
- हिस्टीडिनेमिया (Histidinemia)- यह उपापचय संबंधी एक विकार है। इस बीमारी में शरीर हिस्टीडीन अमीनो एसिड का उपापचय करने में अक्षम होता है। इस कारण खून में हिस्टीडिन अमीनो एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
- विटिलिगो (Vitiligo)- एक ऐसी समस्या जिसमें रोगी की त्वचा जगह-जगह पर सफेद पड़ने लगती है।
- केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट्स- विशेषज्ञों के मुताबिक बालों पर रसायनों का प्रभाव कई तरह के दुष्प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। इनमें बालों का सफेद होना भी शामिल है। इस कारण रसायन युक्त बालों से जुड़े उत्पादों का अधिक उपयोग भी बच्चों में बाल सफेद होने का कारण बन सकता है (3)।
- अन्य कारण- बच्चों में बाल सफेद होने के कारणों में सूर्य से आने वाली अल्ट्रा-वायलेट किरणें, प्रदूषण, मानसिक तनाव और सूजन से संबंधित कुछ स्थितियां भी शामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक यह स्थितियां व्यक्ति में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा कर बालों में रंग का कारण मेलानिन को कम करती हैं। इस कारण धीरे-धीरे बाल सफेद होने लगते हैं (2)।
बच्चों में बालों के सफेद होने के कारणों के बाद अब हम आपको इसके इलाज से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
क्या बच्चों के बाल सफेद होने पर कोई इलाज संभव है?
जैसा कि ऊपर लेख में आप पहले ही पढ़ चुके हैं कि बच्चों में बाल सफेद होने के कई कारण हो सकते हैं। इस कारण इस समस्या का कोई भी व्यापक उपचार उपलब्ध नहीं है। हां, यह जरूर है कि कुछ विशेष बीमारियों का इलाज और पोषक तत्वों की पूर्ति बालों के सफेद होने के बढ़ते प्रभाव को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकती है (2)। इसलिए, जरूरी है कि इस संबंध में डॉक्टर की मदद से समस्या के मुख्य कारण को जान इलाज की दिशा में उचित कदम उठाया जाए।
बच्चों में बाल सफेद होने की स्थिति में किन घरेलू उपचारों को अपना सकते हैं, आइए अब थोड़ा इस बारे में भी जान लेते हैं।
बच्चों के बाल सफेद होने पर 10 घरेलू उपचार
बच्चों में बालों के सफेद होने की स्थिति पैदा होने पर इन घरेलू उपायों को अपना कर कुछ हद तक इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।
- पौष्टिक आहार का सेवन – पोषक तत्वों की कमी की स्थिति में बच्चे को पोषक तत्वों से युक्त आहार का सेवन कराएं। खासकर आयरन, विटामिन बी, सोडियम और कॉपर जैसे पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थ। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर इस समस्या से राहत पाने में मदद कर सकता है (3)। इसलिए, जरूरी है कि बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार ही दिया जाए।
- एंटीऑक्सीडेंट युक्त फल व सब्जियां – ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी मेलानिन को घटाकर बालों के सफेद होने की समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए, एंटी ऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला) से भरपूर फलों और सब्जियों जैसे :- सूखे सेब, ओकरा का आटा, लाल पत्तागोभी, आम, खजूर, अमरूद, सूखे एप्रिकोट और चुकंदर का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है (3) (4)।
- नारियल तेल की मसाज – हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा किए शोध में पाया गया कि नारियल का तेल सफेद बाल की समस्या में लाभदायक साबित हो सकता है। शोध के मुताबिक नारियल के तेल की जाने वाली मसाज स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद करती है। इससे बालों में मेलानिन पहुंचाने वाली ग्रंथियां सक्रिय होकर सफेद बालों की समस्या को कम करने में मदद कर सकती हैं (5)।
- करी पत्ता से बना पेस्ट – घर के मसालों में उपयोग किए जाने वाले करी पत्ते को पीसकर इसका पेस्ट लगाने से भी बालों के सफेद होने की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मा टेक रिसर्च द्वारा किए गए एक शोध से इस बात की पुष्टि भी होती है (6)।
- आंवला का सेवन – सफेद बालों की समस्या से राहत पाने में आंवला का सेवन भी काफी सहायक साबित हो सकता है। दरअसल, विशेषज्ञों के मुताबिक आंवला, कैल्शियम के अवशोषण में मदद कर बालों को मजबूती देता ही है, साथ ही यह बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने में भी मदद कर सकता है (7)।
- फोलिक एसिड युक्त पदार्थ – नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक फोलिक एसिड की कमी बालों के सफेद होने का एक मुख्य कारण हो सकती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि फोलिक एसिड युक्त पदार्थों का सेवन इस समस्या से राहत दिला सकता है। बता दें, फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों में मटर, बीन्स, नट्स और अंडा शामिल हैं, जिन्हें उपयोग में लाया जा सकता है (8)।
- आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ – कुछ स्थितियों में आयोडीन की कमी भी बच्चों में सफेद बालों का कारण बन सकती है। ऐसे में आयोडीन के अच्छे स्रोत के रूप में गाजर और केला को उपयोग में लाया जा सकता है (3)।
- भृंगराज की पत्तियों से बना पेस्ट – एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक भृंगराज को बालों का टॉनिक माना गया है। इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही यह बालों के विकास को भी बढ़ावा देता है। वहीं, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि भृंगराज की पत्तियों से बना पेस्ट सफेद बालों की समस्या से भी राहत दिला सकता है (9)।
- रीठा का उपयोग – आयुर्वेद में रीठा को बालों के स्वास्थ को बनाए रखने के लिए एक औषधि के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है। भीगे हुए रीठा का पानी बालों के झड़ने की समस्या को दूर कर बालों के विकास में मदद करता है। साथ ही इसका इस्तेमाल सफेद बालों की समस्या से भी राहत दिला सकता है (10)। इसके लिए रीठा को रातभर पानी में भिगोकर रख दें और दूसरी सुबह इससे सिर की अच्छे से मसाज करें। मसाज के बाद सिर को शैम्पू से धोएं।
- अनार की छाल – अनार की छाल के प्रयोग से भी सफेद बालों की समस्या से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। इसके लिए एक चम्मच अनार की छाल को लगभग 300 एमएल नारियल के तेल में करीब 15-20 मिनट तक उबालें। बाद में इस तेल को छान कर किसी डिब्बे में रख लें। अनार की छाल से तैयार इस तेल को नियमित बालों की मसाज करने के लिए इस्तेमाल करें (10)।
लेख के अगले भाग में हम बच्चों में बालों के सफेद होने की समस्या से बचाव के कुछ तरीके बताएंगे।
बच्चों को बाल सफेद होने की समस्या से कैसे बचाएं?
बच्चों के बाल सफेद होने से बचाव के उपाय कुछ इस प्रकार हैं (2)।
- पोषक तत्वों की कमी बालों के सफेद होने के कारणों में शामिल है। इसलिए, जंक फूड से दूरी बनाकर बच्चों में पौष्टिक आहार के प्रति रुझान पैदा करें।
- आनुवंशिक बीमारी भी बालों के सफेद होने का कारण हो सकती है। ऐसे में अगर बच्चे में कोई आनुवंशिक बीमारी है तो बिना देर किए डॉक्टर से सम्पर्क करें और जल्द से जल्द इलाज की ओर कदम बढ़ाएं, ताकि समय रहते ही समस्या की रोकथाम की जा सके।
- प्रदूषण के कारण भी बाल सफेद होने की समस्या हो सकती है। इसलिए, बच्चों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और प्रदूषण से बचाने का हर संभव प्रयास करें।
- अल्ट्रा वायलेट किरणें भी बालों में सफेदी की वजह हो सकती हैं। इसलिए, बच्चों को धूप में अधिक देर तक न रहने दें।
- मानसिक तनाव भी बाल के सफेद होने के कारणों में से एक हैं। इसलिए, बच्चों से हमेशा प्यार से बात करें और उन्हें किसी भी मानसिक दबाव से बचाने का प्रयास करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या सफेद बाल तोड़ने से ज्यादा सफेद बाल उगते हैं?
“सफेद बाल तोड़ने से ज्यादा सफेद बल उगते हैं।” यह बस एक प्रचलित अफवाह है। दरअसल, बालों के सफेद होने का कारण बालों में मेलानिन की कमी होती है।
क्या बाल हमेशा के लिए फिर से काले हो सकते हैं?
सफेद हुए बालों को प्राकृतिक रूप से काला करना संभव नहीं। हां, पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर इस समस्या को बढ़ने से जरूर रोका जा सकता है।
क्या बच्चे अपने बाल डाई कर सकते हैं?
लेख में हमने बताया है कि रसायन बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही बच्चों की स्कैल्प की त्वचा बहुत नाजुक होती है। इस कारण बच्चों को डाई करने की सलाह नहीं दी जाती है। हां, अधिक बाल सफेद होने के कारण बच्चे के मन पर इसका प्रभाव आपको दिखता है तो आप डॉक्टर की सलाह से किसी प्राकृतिक डाई को उपयोग में ला सकती हैं।
किस विटामिन की कमी से बाल सफेद होते हैं?
विटामिन डी और विटामिन बी-12 की कमी के कारण बालों के सफेद होने की समस्या हो सकती है (2)।
यह तो अब आप जान ही गए होंगे कि बच्चों में सफेद बाल का दिखना कोई आम बात नहीं है। पोषक तत्वों की कमी या फिर कोई गंभीर बीमारी इसकी वजह हो सकती है। ऐसे में बिना देर किए आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि समस्या की जड़ तक पहुंच, इसके मुख्य कारण का पता लगाया जा सके। वहीं, अगर आपको लगता है कि खाने-पीने में लापरवाही इसकी वजह हो सकती है, तो ऐसे में आप लेख में सुझाए गए घरेलू उपचार और तरीकों को अपना सकते हैं। सफेद बालों के लिए अगर आपके पास कोई भी सुझाव हो तो उसे आप बे-झिझक नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। साथ ही अन्य जानकारी के लिए आप अपने सवाल कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
References
1. Aging changes in hair and nails By Medlineplus
2. Premature Graying of Hair: Review with Updates By Ncbi
3. Causes & treatment of White orgray hair in children , teenagers &young people By Academia
4. The total antioxidant content of more than 3100 foods, beverages, spices, herbs and supplements used worldwide By Ncbi
5. Premature Greying of Hair and Role of Oiling in Indian Perspective By Hendun
6. Murraya koenigii (curry leave)- A review on its potential. By Sphinxsai
7. Therapeutic effects of amla in medicine and dentistry: A review By Jorr
8. Folate By Nih
9. Ethnopharmacological Significance of Eclipta alba (L.) Hassk. (Asteraceae) By Ncbi
10. Management of Greying of Hairs (Sheeb) and Use of Hair Dyes (Khizaab) inUnani Medicine By Academia
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