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कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी हो सकती हैं। इसलिए, बच्चाें को इनसे बचाकर रखना ही समझदारी होता है। इन समस्याओं में से एक चिकनगुनिया भी है। यहां हम चिकनगुनिया का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि अभी तक वैज्ञानिक इसका सटीक इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं। बेशक, इसका इलाज नहीं है, लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है। वहीं, इसके कुछ लक्षणों का इलाज कर बच्चे को स्वस्थ किया जा सकता है। इन्हीं तमाम मुद्दों पर मॉमजंक्शन के इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
चलिए, सबसे पहले जान लेते है कि बच्चे को चिकनगुनिया होने का मतलब क्या है।
बच्चों में चिकनगुनिया क्या है? | Bacho Me Chikungunya Fever In Hindi
चिकनगुनिया एक तरह का वायरस है, जो एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के कटाने से होता है। यही मच्छर डेंगू और जीका वायरस कारण भी बनता है। कुछ मामलों में गर्भवती महिला के चिकनगुनिया से प्रभावित होने के कारण नवजात शिशु को भी यह समस्या हो सकती है। ऐसा मां के संक्रमित रक्त के माध्यम से शिशु हो सकता है। इस अवस्था में चिकनगुनिया के लक्षण एक हफ्ते में दिखाई देना शुरू हो सकते हैं (1)।
अब लेख में आगे हम जानेंगे कि शिशुओं व बच्चों में चिकनगुनिया होना कोई गंभीर समस्या तो नहीं है।
शिशुओं व बच्चों में चिकनगुनिया कितना आम है?
फिलहाल, यह बताना मुश्किल है कि बच्चों को चिकनगुनिया होना कितना आम है। 2020 में चिकनगुनिया के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं (2)। वैसे चिकनगुनिया किसी को भी हो सकता है, लेकिन बच्चों में यह समस्या ज्यादा नजर आती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर बच्चों को जल्दी काटते हैं। इसलिए, हर माता-पिता को बच्चे को मच्छरों से बचाकर रखना चाहिए। वहीं, कुछ शिशुओं को चिकनगुनिया जन्म के समय मां से भी हो सकता है। इसलिए, गर्भधारण करने से पहले और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए।
आइए, अब जानते हैं कि बच्चों को चिकनगुनिया किस प्रकार हो सकता है।
बच्चों में चिकनगुनिया कैसे फैलता है?
चिकनगुनिया बुखार के लिए मुख्य रूप से चिकनगुनिया वायरस जिम्मेदार होते हैं, जो एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से फैलते हैं। एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के शरीर पर सफेद धारियां होती हैं, जिस वजह से इसे टाइगर मच्छर भी कहते हैं। यह साफ और खड़े पानी में पनपता है। मुख्य रूप से यह मच्छर दिन में काटता है। इसके अलावा, बच्चों में यह समस्या मां के गर्भ से भी हो सकती है। अगर प्रसव के समय कोई महिला चिकनगुनिया से प्रभावित है, तो इस वायरस से संक्रमित रक्त के कारण यह समस्या होने वाले बच्चे को भी हो सकती है (3)।
अब हम इस बीमारी के विभिन्न लक्षणों के बारे में बात करेंगे।
बच्चों में चिकनगुनिया के लक्षण | Chikungunya Symptoms In Child In Hindi
जब चिकनगुनिया के लक्षण नजर आने लगे, तो बिना देरी किए बच्चों को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। बच्चों में चिकनगुनिया के लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं (5) (4) ।
- बच्चों में चिकनगुनिया के सबसे आम लक्षण तेज बुखार है।
- बच्चों की त्वचा पर रैशेज नजर आ सकते हैं।
- जोड़ों का दर्द भी चिकनगुनिया का एक लक्षण होता है। इसका पता बच्चों के बेवजह रोने से लग लगता है।
- इससे बच्चों में त्वचा व रक्तस्रावी संबंधी लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- चिकनगुनिया से प्रभावित बच्चों को न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो सकती है।
लेख के अगले हिस्से में जानेंगे कि बच्चों में चिकनगुनिया की जांच कैसे की जाती है।
बच्चों में चिकनगुनिया का निदान
बच्चों में चिकनगुनिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जांच कर सकते हैं, जो इस प्रकार है (6) :
- फिजिकल चेकअप– चिकनगुनिया बुखार के बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर थर्मामीटर की मदद से शरीर का तापमान चेक कर सकते हैं। इससे बुखार की गंभीरता का पता चल सकता है।
- रक्त की जांच– बच्चों में चिकनगुनिया वायरस की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर रक्त की जांच कर सकते हैं, ताकि रक्त में संक्रमित वायरस का पता चल सके।
इस लेख के अगले भाग में हम बच्चों में चिकनगुनिया बुखार के इलाज के बारे में बताएंगे।
बच्चों में चिकनगुनिया बुखार का इलाज
बच्चों को चिकनगुनिया बुखार से राहत दिलाने के लिए किसी तरह का विशेष इलाज मौजूद समय में उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयों का उपयोग कर इसके लक्षणों से राहत पाई जा सकती है (6) (7)।
- तरल पदार्थ– चिकनगुनिया के लक्षण से निजात दिलाने के लिए बच्चों को तरल पदार्थ दे सकते हैं। दरअसल, तरल पदार्थ के सेवन से शरीर हाइड्रेट रहता है, जिससे चिकनगुनिया की समस्या से निपटने में सहायता मिल सकती है।
- दवाई– बच्चों के चिकनगुनिया के लक्षण जैसे बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए पेरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है। ध्यान रहे कि इस दवाई को चाइल्ड स्पेशलिस्ट की सलाह पर ही बच्चों को दें।
अब लेख के अगले भाग में हम बच्चों में चिकनगुनिया बुखार के लिए घरेलू उपचार बता रहे हैं।
बच्चों में चिकनगुनिया बुखार के 5 घरेलू उपचार
चिकनगुनिया बुखार से राहत पाने में कुछ हद तक घरेलू उपचार मदद कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- पपीते की पत्तियां – पपीते के ताजे पत्ते का उपयोग चिकनगुनिया के लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीमलेरियल और एंटीफंगल प्रभाव पाए जाते हैं, जो चिकनगुनिया के संक्रमण को कम करने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है (7)। इसके लिए कुछ ताजे पपीते के पत्तों को छोटे आकार में काटकर आधा गिलास पानी में एक से दो घंटे के लिए भिगो दें। फिर उस पानी को बच्चे को कुछ घंटों के अंतराल में दो से तीन चम्मच पिलाते रहें।
- हल्दी– चिकनगुनिया से राहत पाने में हल्दी की भी अहम भूमिका हो सकती है। इस संबंध में नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (एनसीबीआई) की वेबसाइट पर एक वैज्ञानिक शोध उपलब्ध है। इस शोध के अनुसार, हल्दी में एंटीवायरल गतिविधि पाई जाती है, जो चिकनगुनिया वायरस सहित हेपेटाइटिस वायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ प्रभाव रूप से काम कर सकती है। इससे चिकनगुनिया से जल्द से जल्द राहत मिल सकती है (8)। ऐसे में चिकनगुनिया से संक्रमित बच्चे को दूध में हल्दी मिलकर देना फायदेमंद हो सकता है।
- नारियल पानी– पीड़ित बच्चे को पीने के लिए नारियल पानी देने से चिकनगुनिया की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है। नारियल पानी में हाइड्रेशन गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही नारियल पानी शरीर के लिए प्रोबायोटिक्स का भी काम कर सकता है, जिससे कई तरह के संक्रमणों को दूर रखा जा सकता है (9)।
- शहद – चिकनगुनिया के लक्षण से राहत दिलाने में शहद भी मददगार हो सकता है। शहद के प्रयोग से चिकनगुनिया के कारण होने वाले बुखार और जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है (10)। ऐसे में चिकनगुनिया की स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को कम मात्रा में शहद दिया जा सकता है।
- अंगूर– जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि चिकगुनिया एक तरह की संक्रमण की समस्या है। ऐसे में इस समस्या से निपटने में अंगूर का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीवायरल और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को संक्रमण से छुटकारा दिलाने का काम कर सकते हैं। इससे कुछ हद तक चिकनगुनिया के लक्षण को दूर किया जा सकता है (11)।
चलिए, अब जानते हैं कि बच्चों को चिकनगुनिया बुखार होने से कैसे बचाया जा सकता है।
बच्चों को चिकनगुनिया बुखार होने से कैसे बचाएं?
चिकनगुनिया बुखार की समस्या से निपटने के लिए अभी तक कोई इलाज और वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस समस्या से बच्चों को बचाया जा सकता है। इसके लिए नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना होगा। इससे चिकनगुनिया का कारण बनने वाले मच्छर आसपास पनप नहीं पाएंगे (13)।
- बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं, जिससे हाथ और पैर पूरी तरह ढक जाएं।
- बच्चों के बिस्तर और झूले पर हमेशा मच्छरदानी लगाएं।
- तीन वर्ष से अधिक के बच्चों पर इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- चिकनगुनिया व डेंगू फैलाने वाले मच्छर हमेशा साफ पानी में पनपते हैं। ऐसे में घर में और आसपास पानी को इकट्ठा न होने दें। साथ ही समय-समय पर फूलदान और कूलर के पानी को बदलते रहना चाहिए।
- घर में रखे खाने-पीने के सामान को हमेशा ढक कर रखें।
- चिकनगुनिया से बचने के लिए घर के आसपास तुलसी के पौधे लगा सकते हैं। तुलसी के पौधे के कारण एडिस मच्छर का लार्वा नष्ट हो सकता है।
- चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर को भागने के लिए घर में कपूर जला सकते हैं।
अब हम चिकनगुनिया की स्थिति में डॉक्टर के पास कब जाएं, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
बच्चों की सुरक्षा के लिए चिकनगुनिया की स्थिति में डॉक्टर के पास ले जाना बेहतर होगा। ऐसे में किन स्थितियों में बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, इस बारे में नीचे जानकारी दे रहे हैं।
- अगर बच्चे की त्वचा पर चकत्ते दिखाई दें, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
- बच्चे को बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
- अगर बच्चा रात में उठकर रोने लगता है, तो एक बार डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है।
आगे हम अपने पाठकों के कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
चिकनगुनिया बुखार कब तक रहता है और चिकनगुनिया कितने दिन में ठीक होता है?
एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, कुछ लोगों में चिकनगुनिया की समस्या एक हफ्ते (7 से 10 दिन) में ठीक हो जाती है, लेकिन इससे होने वाले जोड़ों के दर्द को जाने में एक महीना लग सकता है (1)।
क्या चिकनगुनिया के कारण बच्चे की जान जोखिम में होती है?
जी नहीं, चिकनगुनिया की वजह से जान जाने का जोखिम न के बराबर है, लेकिन इससे बच्चों को कुछ बीमारी जरूर हो सकती है। इसलिए, इस समस्या से निपटने के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए (13)।
क्या चिकनगुनिया के बाद जोड़ों के दर्द में आयुर्वेदिक वैकल्पिक उपचार प्रभावी हैं?
हां, चिकनगुनिया के बाद जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रभावकारी हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए, जोड़ों के दर्द के लिए कोई भी उपचार करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अगर किसी के बच्चे को चिकनगुनिया की समस्या हुआ है, तो घबराएं नहीं। अपने बच्चे को समय पर डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर के सुझाए दवाइयों का इस्तेमाल करें। हालांकि, चिकनगुनिया की कोई दवा नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करके छुटकारा पाया जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में बताई गई सभी जानकारियां आपके काम आएगी। बच्चों से जुड़ी ऐसी अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित दूसरे लेख को भी पढ़ सकते हैं।
संदर्भ (Reference):
2. Chikungunya Infection in Children By NIC
3. Severe Manifestations of Chikungunya Fever in Children By CDC
4. Chikungunya in Children By NCBI
5. Chikungunya virus symptom By CDC
6. Chikungunya Infection in Children By NCBI
7. Dengue fever treatment with Carica papaya leaves extracts By NCBI
8. Anti-infective Properties of the Golden Spice Curcumin By NCBI
9. Fermentation of tender coconut water by probiotic bacteria Bacillus coagulans By Researchgate
10. MANAGEMENT OF CHIKUNGUNYA THROUGH AYURVEDA AND SIDDHA By NIC
11. Recent Advances and Uses of Grape Flavonoids as Nutraceuticals By NCBI
12. Chikungunya Virus Prevention By CDC
13. Increased Mortality Rate Associated with Chikungunya Epidemic, Ahmedabad, India By NCBI
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