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कई पौष्टिक तत्वों से युक्त लहसुन अक्सर खाने में उपयोग किया जाता है। सिर्फ औषधीय गुण ही नहीं, बल्कि यह खाने का स्वाद भी बढ़ाता है। इसमें कोई शक नहीं है कि लहसुन एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या बच्चों को लहसुन दे सकते हैं? इसी सवाल का जवाब हम मॉमजंक्शन के इस लेख में देंगे। साथ ही हम यह भी बताएंगे कि किस उम्र के बच्चे को लहसुन खिला सकते हैं। साथ ही बच्चों के लिए लहसुन के फायदे के लिए उन्हें लहसुन खिलाने का सही तरीका भी बताएंगे। तो बच्चों के लिए लहसुन के लाभ से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

सबसे पहले जानते हैं कि बच्चों को लहसुन खिलाना सुरक्षित है या नहीं।

क्या लहसुन बच्चों के लिए सुरक्षित है?

हां, बच्चे को आहार या मां के दूध के जरिए लहसुन देना सुरक्षित माना जा सकता है (1)। दरअसल, इस विषय में हुए एक स्टडी से यह पता चलता है कि जिन महिलाओं ने लहसुन का सेवन करने के बाद बच्चों को स्तनपान करवाया, उन बच्चों में इसका किसी तरह का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। साथ ही अध्ययन में यह भी पाया गया है कि उन बच्चों ने अधिक समय तक मां के दूध का सेवन भी किया था (2)। वहीं, एक अन्य शोध में यह बात सामने आई कि जब 3 से 15 साल के बच्चों को टैबलेट के जरिए लहसुन का सेवन कराया गया, तो उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार देखा गया (3)। ऐसे में इन स्टडीज के आधार पर लहसुन को बच्चों के लिए सुरक्षित माना जा सकता है। वहीं, अगर किसी बच्चे को लहसुन से एलर्जी हो तो उसे लहसुन का सेवन न कराएं। आगे हम लहसुन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देंगे।

यहां जानिए लहसुन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।

लहसुन के पोषक तत्व

लहसुन में मौजूद कौन से पोषक तत्व हैं, जो इसे इतना गुणकारी बनाते हैं, उसकी जानकारी आपको लेख के इस भाग में मिलेगी। यहां हम लहसुन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है (4):

  • प्रति 100 ग्राम लहसुन में 58.58 ग्राम पानी, 149 केसीएएल (kcal) ऊर्जा, 6.36 ग्राम प्रोटीन, 33.06 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2.1 ग्राम फाइबर व 1 ग्राम चीनी की मात्रा होती है।
  • इसके अलावा, मिनरल्स की बात करें तो प्रति 100 ग्राम लहसुन में 181 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.7 मिलीग्राम आयरन, 25 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 153 मिलीग्राम फास्फोरस, 401 मिलीग्राम पोटेशियम, 17 मिलीग्राम सोडियम पाया जाता है।
  • वहीं, 100 ग्राम लहसुन में 31.2 मिलीग्राम विटामिन सी, 1.7 माइक्रोग्राम विटामिन के और 3 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा पाई जाती है।

लेख के इस भाग में आप जानेंगे कि किस उम्र के बच्चों को लहसुन खिलाना चाहिए।

छोटे बच्चे को लहसुन देना कब शुरू करें?

जैसा की बच्चे को जन्म से छह माह तक सिर्फ मां का ही दूध पिलाना चाहिए। लेख में हमने पहले ही जानकारी दी है कि मां के दूध के जरिए लहसुन का सेवन सुरक्षित माना गया है। वहीं, छह माह के बाद धीरे-धीरे बच्चे को अन्य हल्का-फुल्का आहार खिलाना शुरू कर सकते हैं (5)। ऐसे में बच्चे के 6 माह से 1 साल का होने के बाद जब ठोस आहार खिलाना शुरू करें, तो उन आहार में लहसुन की सीमित मात्रा शामिल करके बच्चे को लहसुन खिला सकते हैं।

बच्चे को लहसुन युक्त आहार देने के बाद कुछ दिन तक इंतजार करें, ताकि इससे पता चल सके कि बच्चा लहसुन युक्त आहार हजम कर पा रहा है या नहीं। साथ ही इस दौरान लहसुन से बच्चे को एलर्जी है या नहीं इस बात का भी पता चल सकता है। वहीं, इस बारे में एक बार शिशु विशेषज्ञ से परामर्श लेना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

लहसुन की खुराक बच्चों को कितनी मात्रा में दे सकते हैं, यह भी जान लेते हैं।

बच्चों को कितना लहसुन देना सुरक्षित है?

बच्चे को कितनी मात्रा में लहसुन देना सुरक्षित है, इस विषय में अभी अध्ययन की आवश्यकता है। ऐसे में बच्चे को लहसुन देने से पहले यह जानना जरूरी है कि बच्चे को लहसुन से एलर्जी है या नहीं। इसके लिए शुरू में बच्चे को लहसुन की एक कली युक्त आहार दे सकते हैं। अगर इसके सेवन के बाद बच्चे में किसी तरह के दुष्प्रभाव नजर नहीं आते हैं, तो धीरे-धीरे उनके आहार में सीमित मात्रा में लहसुन दे सकते हैं। हर शिशु का स्वास्थ्य और उनके खाने को हजम करने की क्षमता अलग-अलग होती है। इसलिए बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लहसुन की खुराक के बारे में माता-पिता का डॉक्टरी सलाह लेना बेहतर है।

आगे पढ़ें, लहसुन देने से बच्चे को होने वाले स्वास्थ्य लाभ से जुड़ी जानकारियां।

बच्चों को लहसुन देने के क्या लाभ हैं?

जैसे कि हमने लेख में पहले ही जानकारी दी है कि बच्चे के आहार में लहसुन को शामिल किया जा सकता है। अब लेख के इस भाग में हम बच्चे को लहसुन देने के लाभ से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराएंगे। तो बच्चों के लिए लहसुन के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

1. स्तनपान करने का समय बढ़ सकता है

लहसुन में एलिल मिथाइल सल्फाइड (Allyl Methyl Sulfide – एक प्रकार का यौगिक) मौजूद होता है, जिसकी वजह से इसमें तेज गंध होती है। अध्ययनों के मुताबिक, लहसुन में मौजूद इस यौगिक के वजह से लहसुन की गंध स्तनों के दूध में भी प्रवाहित हो सकती है, जिसकी वजह से शिशु अधिक समय तक स्तनपान कर सकते हैं (6)। वहीं, इस आधार पर मान सकते हैं कि अधिक वक्त तक स्तनपान करने से शिशु का पेट भरा रह सकता है और उन्हें कॉलिक की समस्या नहीं हो सकती है (7)

2. सर्दी-जुकाम से बचाए

लहसुन में एलिसिन (Allicin – एक प्रकार का यौगिक) होता है, जो सर्दी-जुकाम के वायरल संक्रमण से बचाव कर सकता है (8)। वहीं, कुछ सीमित शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि लहसुन का एंटी-वायरल गुण इन्फ्लुएंजा (एक प्रकार का फ्लू, जिसमें श्वसन संबंधी समस्या हो सकती है) से बचाव कर सकता है (9)। ऐसे में बच्चों में सर्दी-जुकाम के जोखिम को कुछ हद तक कम करने के लिए आहार के जरिए लहसुन दिया जा सकता है।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

एक वयस्क के मुकाबले नवजात शिशुओं व छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है (10)। बड़ों की तुलना में बच्चों में बीमारी का संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है (11)। ऐसे में बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बच्चों के आहार में लहसुन को शामिल किया जा सकता है। दरअसल, एक अध्ययन में यह पाया गया है कि पुराने लहसुन के अर्क के सेवन से इम्यून पावर में सुधार हो सकता है और सर्दी-जुकाम का जोखिम कम हो सकता है (12)। तो बच्चे के इम्यून शक्ति को सुधारने के लिए उन्हें लहसुन का सेवन कराना एक अच्छा विकल्प हो सकता है (13)

4. आंतों की समस्याओं का जोखिम कम करे

लहसुन के रस में पाया जाने वाला एंटी माइक्रोबियल गुण आंतों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह आंतों के माइक्रोफ्लोरा (Intestinal Microflora) और हानिकारक एंटरोबैक्टीरिया (Enterobacteria- हानिकारक बैक्टीरिया) के बीच अंतर करके हानिकारक बैक्टीरिया के उत्पादन को रोकने में मदद कर सकता है (14)। इसके अलावा, लहसुन का उपयोग पेट दर्द की समस्या से आराम दिला सकता है (9)। इस आधार पर मान सकते हैं कि लहसुन का उपयोग बच्चों को पेट से जुड़ी समस्याओं से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

5. हृदय स्वास्थ्य बेहतर करे

विभिन्न अध्ययनों से यह पता चलता है कि लहसुन के औषधीय गुण हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। लहसुन के रस का सेवन उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis – धमनियों में प्लाक जमना) की समस्या से बचाव में सहायक हो सकता है (14)। ऐसे में बच्चे को हृदय रोग के जोखिम से बचाने के लिए उनके आहार में थोड़ी मात्रा में लहसुन को शामिल किया जा सकता है।

6. कैंसर से बचाव

लहसुन का उपयोग कैंसर का जोखिम कम करने में भी सहायक हो सकता है। दरअसल, लहसुन में मौजूद फाइटोएलेक्सिन (Phytoalexin – एक प्रकार का यौगिक) कैंसर से बचाव में मददगार हो सकता है। शायद यही वजह है कि लहसुन के सेवन से फेफड़ों के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर (पेट का कैंसर) का जोखिम कम हो सकता है। हालांकि, इसके लिए लंबे वक्त से स्टोर किया गया लहसुन (Aged Garlic) अधिक प्रभावी हो सकता है (15)। इसके अलावा, लहसुन में एंटी कैंसर गुण भी मौजूद होता है (13)। ऐसे में लहसुन के इस गुण के आधार पर मान सकते हैं कि लहसुन का उपयोग बच्चे को कैंसर के जोखिम से सुरक्षित रख सकता है।

7. घाव भरने में मदद करे

लहसुन के एंटीमाइक्रोबियल (रोगाणुरोधी) गुण के कारण लहसुन का उपयोग बच्चों में घाव की समस्या के लिए लाभकारी हो सकता है। अध्ययनों से यह पुष्टि होती है कि खुले घावों पर पुराने लहसुन (Aged Garlic Solution) के उपयोग से, वहां पर त्वचा की ऊपरी परत भरने (Re-Epithelialization) और कोलेजन के विकास में मदद मिल सकती है, जिससे घावों को जल्दी भर सकता है (16)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, इसलिए बच्चे के घाव या चोट पर लहसुन के उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

8. मधुमेह के लिए

लहसुन का सेवन बच्चे में मधुमेह के जोखिम को भी कम कर सकता है। दरअसल, जानवरों पर किए गए शोध से यह पता चलता है कि लहसुन में एंटी-डायबिटिक गुण होता है, जो मधुमेह से बचाव में लाभकारी हो सकता है। लहसुन का एंटी-डायबिटिक प्रभाव शरीर में रक्त शर्करा का स्तर (Blood Glucose Level) संतुलित कर सकता है, जो मधुमेह का जोखिम कम करने में प्रभावी हो सकता है (13)

वहीं, एक अन्य स्टडी में इस बात का जिक्र मिलता है कि लहसुन का एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी ग्लाइकेटिक गुण मधुमेह को बढ़ने से और मधुमेह संबंधी जटिलताओं से बचाव में सहायक हो सकता है (17)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि लहसुन का सेवन करना बच्चे को मधुमेह के जोखिम से बचाव करने में कारगर हो सकता है।

बच्चों को लहसुन खिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, इसके बारे में भी जानते हैं।

बच्चों को लहसुन देते समय ध्यान देने योग्य बातें

बच्चे को किसी भी तरह का आहार खिलाने से पहले कई जरूरी बातों का उचित ध्यान रखना होता है। इसी तरह जब भी बच्चे को लहसुन युक्त कोई आहार खिलाएं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • बच्चे को सीधे तौर पर साबुत लहसुन की कली सेवन न कराएं।
  • बच्चे को सूप या अन्य पेय पदार्थ में लहसुन मिलाकर दे सकते हैं।
  • लहसुन बच्चे को आहार के जरिए दें।
  • बच्चे के खाने में लहसुन का पेस्ट या पाउडर देने के बजाय ताजे लहसुन की कली का इस्तेमाल करें।
  • रसदार और सफेद लहसुन की कली का चुनाव करें। अगर लहसुन की कली गली हुई है या सूखी हुई है, तो उसका इस्तेमाल न करें।
  • लहसुन को हमेशा खुले व सूखे स्थान में रखें। फ्रिज या नमी युक्त स्थान में रखने से लहसुन के गुणकारी प्रभाव कम हो सकते हैं।

नोट : बच्चे को लहसुन युक्त आहार देने के बाद उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें, अगर उन्हें कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो रही हो तो उनके आहार में लहसुन का उपयोग तुरंत बंद करें।

आगे बात करेंगे शिशु को लहसुन देने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में।

बच्चों को लहसुन खिलाने के नुकसान

जैसे कि लेख के शुरुआत में आपने जाना कि अपने औषधीय गुणों की वजह से बच्चों के लिए लहसुन के फायदे कई सारे हो सकते हैं। हालांकि कुछ स्थितियों में बच्चों को लहसुन खिलाने के नुकसान भी हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (6):

  • कुछ बच्चों में लहसुन से एलर्जी हो सकती है।
  • कच्चा लहसुन खाने के कारण सांस और शरीर से तेज गंध आ सकती है।
  • लहसुन में एंटी-प्लेटलेट प्रभाव होता है। इस वजह से अधिक मात्रा में लहसुन देने से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है।
  • त्वचा पर सीधे लहसुन के उपयोग से डर्मेटाइटिस (Dermatitis – एक्जिमा) और जलने की समस्या हो सकती है।
  • अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन लिवर संबंधी समस्या का जोखिम पैदा कर सकता है (18)
  • लहसुन में पाए जाने वाले प्रभाव कुछ दवाओं के कार्य करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं (19)। अगर डॉक्टरी सलाह पर बच्चे को किसी दवा की खुराक देते हैं, तो उसे लहसुन देने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

अंत में बच्चों के लिए लहसुन से बने स्वादिष्ट पकवानों की रेसिपी भी जान लीजिए।

बच्चों के लिए लहसुन युक्त स्वादिष्ट व्यंजन

जब बच्चे को ठोस आहार देना शुरू करें, तो उसके साथ ही बच्चे को लहसुन से बने स्वादिष्ट पकवान खिलाने की तैयारी कर सकते हैं। यहां शिशुओं के लिए लहसुन के फायदे से भरे तीन व्यंजनों की जानकारी दी गई है। लहसुन युक्त स्वादिष्ट व्यंजन की रेसिपी कुछ इस प्रकार है:

1. गार्लिक ब्रेड

Garlic For Babies In Hindi
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • ताजे लहसुन की 4 से 5 कली का रस
  • 2 सफेद या ब्राउन ब्रेड
  • 1 चम्मच कटा हुआ धनिया
  • आवश्यकतानुसार मक्खन
  • स्वादानुसार नमक

बनाने की विधि :

  • एक कटोरे में मक्खन, धनिया, नमक और लहसुन का रस डालकर, उसका मिश्रण तैयार करें।
  • इसके बाद ब्रेड के दोनों तरफ इस मिश्रण की एक पतली परत लगाएं।
  • इसके बाद ब्रेड को दोनों तरफ तवे में सेंक लें।
  • तैयार है टेस्टी गार्लिक ब्रेड।
  • इसे ठंडा होने के बाद बच्चे को खाने के लिए दें।

2. टमाटर रसम

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सामग्री :

  • 2 टमाटर (1 टमाटर बड़े टुकड़ों में कटा हुआ और 1 टमाटर छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
  • 2 लहसुन की कली (बारीक कटी हुई)
  • 1 हरी मिर्च (ऑप्शनल)
  • आवश्यकतानुसार पानी
  • 2 से 3 करी पत्ता
  • आधा चम्मच जीरा
  • स्वादानुसार नमक
  • आधा चम्मच तेल

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले मिक्सी में जीरा और लहसुन पीस लें।
  • फिर उन्हें निकाल कर मिक्सी में बड़े टुकड़ों में कटे हुए टमाटर की प्युरी तैयार करें।
  • अब एक कड़ाही में तेल गरम करें।
  • उसमें करी पत्ता और हरी मिर्च डालें। इन्हें भूनने के बाद इसमें पिसा हुआ जीरा और लहसुन डाल कर भूनें।
  • इसे भूरा होने तक भूनें।
  • अब इसमें टमाटर की प्युरी डालें और 4 से 5 मिनट तक इसे पकाएं।
  • थोड़ी देर पकाने के बाद इसमें नमक डालकर अच्छे से मिला लें और 1 मिनट तक इसे पकाएं।
  • फिर इसमें कटे हुए टमाटर के छोटे टुकड़े डालें और इसे 1-2 मिनट तक पकाएं।
  • अब इसमें जरूरत अनुसार पानी डालें और अच्छे से मिलाकर थोड़ी देर तक उबलने दें।
  • जब यह उबलने लगे तो आंच धीमी कर दें और झाग बनने तक इसे पकाएं।
  • इसके बाद आंच से उतार कर इसे ठंडा होने दें और बच्चे को सूप की तरह या चावल के साथ खाने के लिए दें।

3. गार्लिक वेजिटेबल सूप

Garlic For Babies In Hindi
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • 1 कप कटी और उबली हुई मिक्स सब्जियां (बीन्स, गाजर, फूलगोभी,टमाटर, आलू)
  • 1 लहसुन की कली (बारीक कटी हुई)
  • 3 से 4 कप पानी
  • 1 चम्मच तेल
  • 1 छोटा प्याज (बारीक कटा हुआ)
  • 1 हरी मिर्च (वैकल्पिक)
  • स्वादानुसार नमक

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले एक पैन में तेल गर्म करें।
  • अब इसमें लहसुन, प्याज और मिर्च डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
  • अब सभी सब्जियों को इसमें डालकर थोड़ी देर भून लें। आप चाहें तो उबली सब्जियों को पहले ब्लेंडर में ब्लेंड कर सकते हैं।
  • लहसुन, प्याज और मिर्च के साथ सब्जियों को भूनने के बाद इसमें पानी मिलाएं।
  • अब इसमें नमक मिलाकर इसे मध्यम आंच पर कुछ मिनट तक पकाएं। बीच-बीच में इसे चम्मच से चलाते रहें।
  • इसके बाद इसका पानी छानकर एक बाउल में अलग कर लें।
  • तैयार है गार्लिक वेजिटेबल सूप।
  • फिर गुनगुना होने के बाद इस सूप को बच्चे को पिलाएं।

बच्चों के लिए लहसुन के लाभ देखते हुए आप भी अपने बच्चे को लहसुन से बने आहार खिलाना चाह रहे होंगे। हालांकि बच्चे को लहसुन युक्त आहार का सेवन कराते वक्त उनकी उम्र का ध्यान जरूर रखें। जब भी आप अपने बच्चे को ठोस आहार देना शुरू करेंगे तो उनके आहार में थोड़ी मात्रा में लहसुन को शामिल करें। बच्चों के लिए लहसुन के फायदे के लिए आप ऊपर बताए गए तरीकों से भी उन्हें लहसुन का सेवन करा सकते हैं। वहीं, इसकी सटीक मात्रा के लिए आप डॉक्टरी सुझाव भी ले सकते हैं। उम्मीद है कि शिशुओं के लिए लहसुन के फायदे का यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।

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