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स्थ आहार में फलों की एक अहम भूमिका मानी जाती है। कारण है, इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्व, जो मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी माने जाते हैं। यही वजह है कि बच्चों के आहार में भी फलों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। इसी क्रम में हम मॉमजंक्शन के इस लेख में एक खास फल ‘आड़ू’ के बारे में बताने जा रहे हैं कि यह बच्चों को देना चाहिए या नहीं। आइये, जानते हैं कि बच्चों के लिए आड़ू कितना सुरक्षित है और इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं। साथ ही अन्य जरूरी जानकारी को भी यहां शामिल किया गया है।
आइये, सबसे पहले जान लीजिए कि आड़ू बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है।
क्या छोटे बच्चे को आड़ू या पीच खिलाना सुरक्षित है?
हां, बच्चों को आड़ू खिलाना सुरक्षित हो सकता है। इस बात की जानकारी एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक अध्ययन से मिलती है। इस शोध में शामिल अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में स्तनपान करने वाले शिशुओं ने आड़ू को ज्यादा पसंद किया है (1)। वहीं, एक रिपोर्ट में 6 से 8 महीने के बच्चों के आहार में आड़ू को शामिल करने का जिक्र मिलता है (2)। इस आधार पर हम इसे बच्चों के लिए सुरक्षित मान सकते हैं, लेकिन इसे 6 महीने के बाद ही बच्चों के आहार में शामिल किया जाना चाहिए।
दरअसल, 6 महीने तक शिशु को मां के दूध के सेवन की सलाह दी जाती है, इसके बाद ही शिशु के आहार में सॉलिड फूड को जगह दी जा सकती है (3)
। इसके साथ ही आड़ू में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और कई प्रकार के विटामिन पाए भी जाते हैं, जो बच्चों के विकास में मददगार हो सकते हैं (4)। बच्चों के लिए आड़ू के फायदे कई सारे हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।
नीचे जानें आड़ू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।
पीच के न्यूट्रिशनल वैल्यू
आड़ू में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बच्चों के विकास में एक अहम भूमिका अदा कर सकते है। यहां हम बता रहे हैं आड़ू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में (4) :
- 100 ग्राम आड़ू में 88.3 ग्राम पानी, 42 कैलोरी ऊर्जा, 0.91 ग्राम प्रोटीन और 1.5 ग्राम फाइबर मौजूद होता है।
- करीब 100 ग्राम आड़ू में 0.34 मिलीग्राम आयरन, 4 मिलीग्राम कैल्शियम, 22 मिलीग्राम फास्फोरस, 8 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 122 मिलीग्राम पोटेशियम,
- 0.23 मिलीग्राम जिंक, 0.078 मिलीग्राम कॉपर और 2.1 माइक्रोग्राम सेलेनियम मौजूद होता है।
- वहीं, आड़ू की 100 ग्राम मात्रा में 0.025 मिलीग्राम विटामिन-बी-6, 24 माइक्रोग्राम विटामिन-ए (RAE), 3 माइक्रोग्राम विटामिन-के और 4.1 मिलीग्राम विटामिन-सी मौजूद होता है। इसके अलावा, आड़ू में थियामिन, फोलेट, राइबोफ्लेविन, कोलीन, नियासिन व बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।
इसके अलावा, आड़ू में सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड भी पाए जाते हैं।
आगे पढ़ें कि बच्चों को किस उम्र से और कितना आड़ू खिला सकते हैं।
बच्चों को पीच या आड़ू खिलाना कब शुरू कर सकते हैं?
बच्चों को आड़ू खिलाने से पहले इस बात की जानकारी होना जरूरी है कि बच्चों को किस उम्र में और कितनी मात्रा में आड़ू का सेवन कराना सुरक्षित हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि शिशु को 6 महीने के बाद ही सॉलिड फूड का सेवन कराने की सलाह दी जाती है। ऐसे में 6 महीने के बाद से बच्चों के आहार में आड़ू को शामिल किया जा सकता है। नीचे जानिए अलग-अलग उम्र में बच्चों को आड़ू किस प्रकार दिया जा सकता है।
- 6 से 9 महीने के बच्चे के लिए : 6 महीने से लेकर 12 महीने तक के बच्चों को आधा आड़ू छिलका उतार कर फिर उसे मैश करके दिया जा सकता है।
- 9 से 12 महीने के बच्चे के लिए : 9 महीने से लेकर लगभग 12 महीने तक के बच्चों को छिलका उतार कर आड़ू की पतली स्लाइस दी जा सकती है।
- 12 से 24 महीने के बच्चे के लिए : 1 साल से लेकर 2 साल तक की उम्र के बच्चों को छिलका रहित आड़ू के छोटे-छोटे टुकड़े दिए जा सकते हैं।
नोट : ऊपर उम्र के आधार पर बताई गई आड़ू के सेवन की मात्रा से जुड़े वैज्ञानिक शोध का अभाव है। ऐसे में बच्चे की उम्र अनुसार इसके सेवन की सही मात्रा जानने के लिए डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं।
स्क्रॉल करके पढ़ें बच्चों के लिए आड़ू के फायदे।
बच्चों के लिए आड़ू के फायदे
आड़ू में कई प्रकार के पोषक तत्व और औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो इसे बच्चों के लिए फायदेमंद बनाते हैं। नीचे हम बता रहे हैं बच्चों के लिए आड़ू के फायदे :
1. आंखों के लिए : आड़ू का सेवन आंखों की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। रिसर्च में पाया गया कि आड़ू में कैरोटीनॉयड होता है। कैरोटीनॉयड आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में फायदेमंद माना गया है (5)। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन बी2 यानी राइबोफ्लेविन ग्लूकोमा (नेत्र विकार, जो अंधेपन का कारण बन सकता है) जैसे आंखों से जुड़े विकार में लाभदायक हो सकता है (6)।
2. कब्ज की समस्या में : आड़ू का सेवन बच्चों में कब्ज की समस्या से राहत दिलाने का कार्य कर सकता है। दरअसल, आड़ू में फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जो मल निकासी की प्रक्रिया को आसान बनाने में मददगार हो सकता है। इससे कब्ज की समस्या में आराम मिल सकता है (7)।
3. मस्तिष्क के लिए : आड़ू का सेवन बच्चों के मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक अध्ययन में जिक्र मिलता है कि फलों और फलों के जूस का सेवन मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं जैसे सिरदर्द, तनाव, चिंता और अल्जाइमर में लाभकारी हो सकता है। वहीं, अध्ययन में शामिल फलों में आड़ू को भी जगह दी गई है (8)
। हालांकि, इससे प्रभाव और इसकी कार्यप्रणाली को लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : छोटे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। इस कारण उनमें संक्रमण और बीमारियों के होने का जोखिम ज्यादा रहता है (9)। वहीं, अन्य फलों के साथ ही आड़ू का सेवन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मददगार हो सकता है (10)।
5. हड्डियों का विकास : आड़ू के सेवन से बच्चों की हड्डियों के विकास में लाभ मिल सकता है। दरअसल, इसमें में बोरोन नामक तत्व की मात्रा पाई जाती है। वहीं, हड्डी के विकास और गठन के लिए बोरोन महत्वपूर्ण माना गया है (11)। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि हड्डियों के विकास के लिए बच्चों को आड़ू का सेवन कराया जा सकता है।
बच्चों में पीच एलर्जी से संबंधित जानकारी नीचे दी गई है।
क्या बच्चों को आड़ू से एलर्जी हो सकती है?
कुछ फल इंसानों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं, जिसमें आड़ू भी शामिल है। हालांकि, ऐसा फलों के प्रति अति संवेदनशील लोगों में हो सकता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि आड़ू का सेवन कुछ बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकता है (12)। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
यहां हम जानेंगे कि आड़ू का सही चुनाव और स्टोरेज किस प्रकार कर सकते हैं।
आड़ू का चुनाव और स्टोरेज कैसे करें
आड़ू का सही चयन और स्टोरेज करना आसान है, बस नीचे दी गई बातों का ध्यान रखकर इसका चुनाव और स्टोरेज कर सकते हैं, जिससे इसे लंबे समय तक उपयोग में लिया जा सकता है।
कैसे चयन करें :
- कटा हुआ और दाग लगा हुआ आड़ू न लें।
- अच्छी खुशबू वाला आड़ू लेना चाहिए। अगर उनमें से बदबू आ रही है, तो उन्हें नहीं लें।
- पीले या सुनहरे रंग का आड़ू पका हुआ होता है। वहीं, हल्के रंग वाला आड़ू कच्चा होता है।
- इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आड़ू ज्यादा नरम और ज्यादा सख्त न हो।
कैसे करें स्टोर :
- थोड़े कच्चे आड़ू को कमरे के तापमान पर रखकर पकाया जा सकता है।
- आड़ू को फ्रिज में स्टोर करके कुछ दिन के लिए रखा जा सकता है।
- कटे हुए आड़ू पर नींबू का रस लगा दें, इससे उसे काला होने से बचा सकते हैं।
आगे जानते हैं कि बच्चों को आड़ू किस प्रकार दिया जा सकता है।
बच्चे के लिए पीच या आड़ू को कैसे देना शुरू करें?
माना जाता है कि अधिकतर फलों के छिलके में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ऐसा आड़ू के साथ भी है, इसलिए एक साल से ऊपर के बच्चों को छिलके सहित आड़ू का सेवन कराया जा सकता है। वहीं, बच्चों को आड़ू तीन तरह से दिया जा सकता है, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
1.बॉयल करके : एक बर्तन में पानी लेकर उसमें कटे हुए आड़ू के टुकड़ों को डालकर 5 मिनट तक उबाल लें। ध्यान रहे कि आड़ू नरम हो जाएं। फिर ठंडा करके इन्हें बच्चों को दे सकते हैं।
2.स्टीम करके : फूड स्टीमर की मदद से आड़ू के टुकड़ों को स्टीम कर लें। इसके बाद इन्हें ठंडा करके बच्चों को खाने के लिए दें।
3.बेकिंग : एक ओवन को प्रीहीट कर लें और फिर एक प्लेट में आड़ू के कुछ टुकड़ों को डाल दें। इसे तकरीबन 15 मिनट तक बेक कर सकते हैं। छिलके सिकुड़ने पर आड़ू को बाहर निकाल लें और ठंडा होने के लिए रख दें। फिर इसका छिलका उतारकर और बीज निकालकर मैश कर लें और बच्चों को खाने के लिए दें।
नीचे हम बच्चों के लिए आड़ू की रेसिपी और उसे बनाने की विधि बता रहे हैं।
बच्चों के लिए आड़ू की रेसिपी
बच्चों के लिए आड़ू की कई स्वादिष्ट रेसिपी तैयार की जा सकती है। नीचे जानें बच्चों के लिए आड़ू की रेसिपी :
1. पीच प्यूरी
सामग्री :
- एक कप कटा हुआ आड़ू
- आवश्यकतानुसार पानी
बनाने की विधि :
- सबसे पहले आड़ू के टुकड़ों को उबाल लें और ठंडा कर लें। बचे हुए पानी को फेंकें नहीं, इसे बाद में उपयोग कर सकते हैं।
- इसके बाद पीच को ब्लेंडर में डालें और इसमें बचा हुआ पानी और थोड़ा सामान्य पानी डालकर ब्लेंड करें।
- इसे कुछ देर तक ब्लेंड करें।
- चाहें, तो प्यूरी को पतला करने के लिए थोड़ा और पानी डाल सकते हैं।
- इसे एक बाउल में निकाल लें।
- बच्चों के लिए पीच प्यूरी तैयार है।
2. गेहूं और पीच का दलिया
सामग्री :
- दो कप दरदरा पिसा हुआ गेहूं
- एक कप कटा हुआ आड़ू
- आवश्यकतानुसार पानी
बनाने की विधि :
- गेहूं को पानी में तब तक पकाएं जब तक कि वो पूरी तरह से नर्म न हो जाए।
- इसके बाद आड़ू की प्यूरी बनाएं और गेहूं पकने के बाद इसे मिला दें।
- फिर इसे कुछ मिनट तक अच्छी तरह पकाएं।
- पकने के बाद इसे ठंडा होने दें और फिर अपने बच्चे को दलिया खिलाएं।
3. पीच और ओट्स दलिया
सामग्री :
- दो कप टूटे हुए ओटमील
- एक कप कटा हुआ आड़ू
- आवश्यकतानुसार पानी
बनाने की विधि :
- सबसे पहले नरम होने तक ओट्स को पानी में अच्छी तरह पकाएं।
- पकने के बाद इसमें आड़ू की प्यूरी मिलाएं और एक मिनट तक पकाएं।
- इसके बाद इसे ठंडा होने दें।
- बच्चों को खिलाने के लिए आड़ू-ओटमील का दलिया तैयार है।
आड़ू किस प्रकार आपके बच्चे के लिए लाभकारी हो सकता है, अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे। साथ ही आपको यह भी पता चल गया होगा कि इसे किस प्रकार बच्चों के आहार में शामिल किया जा सकता है। तो देर किस बात की, अगर आपका बच्चा 6 महीने की उम्र पार कर चुका है, तो आड़ू को उसके आहार में जरूर शामिल करें। आपकी सुविधा के लिए हमने आड़ू की कुछ लाजवाब रेसिपी भी शेयर की है, जिनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं। वहीं, इसके सेवन के बाद बच्चे में एलर्जी के लक्षण दिखाई दें, तो इसका सेवन कराना बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
References
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- Early Determinants of Fruit and Vegetable Acceptance By NCBI
- Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years By MedlinePlus
- Introduction of Solid Food to Young Infants By NCBI
- Peach, raw By USDA
- Effects of different products of peach (Prunus persica L. Batsch) from a variety developed in southern Brazil on oxidative stress and inflammatory parameters in vitro and ex vivo By NCBI
- The Association of Consumption of Fruits/Vegetables with Decreased Risk of Glaucoma among Older African American Women in the Study of Osteoporotic Fractures By NCBI
- Constipation – self-care By MedlinePlus
- Medicinal Effect of Nutraceutical Fruits for the Cognition and Brain Health By NCBI
- Evolution of the immune system in humans from infancy to old age By NCBI
- The Effect of Nutrition on Immune System Review Paper By Researchgate
- Boron By NIH
- Response to major peach and peanut allergens in a population of children allergic to peach By NCBI
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