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हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा छोटी उम्र से ही तेज-तर्रार हो। इसके लिए वे उन्हें किताबों में ही घुसे रहने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिमागी विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। यही कारण है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों के लिए शानदार माइंड गेम्स लेकर आए हैं, लेकिन उससे पहले हम यह बताएंगे कि बच्चों के लिए ब्रेन गेम्स क्यों जरूरी है। तो बच्चों के लिए ब्रेन गेम्स से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
चलिए, जानते हैं बच्चों के लिए माइंड गेम्स क्यों जरूरी है।
बच्चों को दिमागी खेल क्यों खेलने चाहिए?
बच्चों को दिमागी खेल खेलाना उनके मस्तिष्क के विकास के लिए लाभकारी हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से होती है। इस रिसर्च में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि शारीरिक गतिविधि या खेल मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है (1)। यही नहीं, खेलने से मस्तिष्क के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है (2)।
इसके अलावा, एक अन्य शोध से भी यह जानकारी मिलती है कि खेल का बच्चों के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यह बच्चों में शारीरिक, संज्ञानात्मक, भावात्मक और रचनात्मकता के अलावा, कल्पना शक्ति का भी विकास कर सकता है (3)।
चलिए, अब जरा जान लीजिए बच्चों के लिए 15 अद्भुत गेम्स।
बच्चों के लिए 15 अद्भुत और मजेदार माइंड गेम्स | Best Brain Game For Kids In Hindi
जैसे कि हमने जानकारी दी है कि बच्चों के दिमागी विकास के लिए माइंड गेम्स बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसलिए यहां हम 15 ऐसे अद्भुत और मजेदार माइंड गेम्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें बच्चे न सिर्फ आसानी से खेल सकते हैं, बल्कि पसंद भी करेंगे। इनमें से कुछ गेम्स तो बच्चे अकेले भी खेल सकते हैं। वहीं, कुछ गेम्स को वे टीम बनाकर भी खेल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं, बच्चों के खेले जाने वाले दिमागी खेल के बारे में:
1. वर्ड पजल
वर्ड पजल एक प्रकार की शब्दों की पहेली होती है। इसमें कुछ अक्षरों को मिलाकर एक ऐसा शब्द बनाना होता है, जिसका कुछ अर्थ निकलता हो। इस खेल के माध्यम से बच्चों का दिमाग तेज होने के साथ-साथ नए-नए शब्दों के निर्माण पर भी उनकी पकड़ बन सकती है। नीचे में इस खेल को खेलने का तरीका विस्तार से बताया गया है।
उम्र – इस खेल को 5 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
वर्ड पजल को कुछ इस तरीके से खेला जा सकता है:
- इस खेल को खेलने के लिए एक पजल बोर्ड की जरूरत होती है, जिसमें ‘ए’ से लेकर ‘जेड’ तक के अल्फाबेट्स दिए होते हैं। चाहें तो इसे खेलने के लिए हिंदी के अक्षरों वाले वर्ड पजल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसे ‘अ’ से लेकर ‘ज्ञ’ तक के अक्षर दिए गए हो।
- इस वर्ड पजल को बच्चों को दें और कहें कि वह इसका इस्तेमाल कर एक शब्द बनाए, जैसे CAT – कैट। दरअसल, इसे खेलते वक्त पजल बोर्ड में बच्चे उन शब्दों को पेंसिल से घेर सकते हैं या हाइलाइटर से हाइलाइट कर सकते हैं।
- जब एक शब्द वे पहचान लें, तो इसके बाद उस शब्द से अन्य नए शब्द बनाने के लिए बच्चों को कहें।
- इसी प्रकार से सारे अल्फाबेट्स का उपयोग करके बच्चों को नए-नए शब्दों को बनाने के लिए कहें।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इस खेल को खेलने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होती है:
- वर्ड पजल किट
- इंग्लिश के अल्फाबेट्स या फिर हिंदी के अक्षर
2. सुडोकू
दिमागी विकास के लिए सुडोकू एक बेहतरीन गेम है। इसलिए बच्चों को इसे खेलाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें कुल 18 पंक्तियां होती है, जिसमें से 9 वर्टिकल और 9 होरिजेंटल पंक्तियां होती हैं। इन पंक्तियों में दिए गए अंकों की पहेली को इस खेल में हल करना होता है। लेख में आगे हमने इसे खेलने का तरीका विस्तार से बताया है।
उम्र – इस खेल को पांच साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
सुडोकू को बच्चे नीचे बताए गए तरीके से खेल सकते हैं:
- सबसे पहले सुडोकू को दो पंक्तियों में बांट लें। इनमें से एक पंक्ति होरिजेंटल होगी, जबकि दूसरी पंक्ति वर्टिकल होगी।
- इसके बाद उन पंक्तियों में दोहराए हुए नंबर को ढूंढे, ताकि खेल को खेलने में आसानी हो।
- फिर, सही अंक की पहचान कर खाली बॉक्स में उन्हें भरें। इस दौरान ध्यान रखें कि उन बॉक्स में भरे गए अंकों में से कोई भी अंक वर्टिकल और होरिजेंटल पंक्तियों में से दिए गए अंकों से मेल न खाती हो।
- अगर, सुडोकू की पहेली हल नहीं हो रही है तो एक बार फिर से भरे गए अंकों की जांच करें। उसके बाद ठीक तरह से मिलाकर सही अंक की पहचान कर उसे भरें।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
सुडोकू को खेलने के लिए नीचे बताए गए चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है:
- सुडोकू कीट
- अगर ऐप के माध्यम से सुडोकू खेलना हो तो मोबाइल।
- वहीं, अगर पेपर वाला सुडोकू खेलना हो तो न्यूज पेपर।
3. आई स्पाई विद माई आई
बच्चों के लिए आई स्पाई विद माई आई एक शानदार खेल हो सकता है। इसके माध्यम से बच्चों को सतर्क और चौकस बनाया जा सकता है। इसे इंडोर के साथ-साथ आउड डोर खेलों की सूची में भी डाला जा सकता है। इसके लिए दो टीमें बनानी होती हैं। जिनमें से एक टीम वस्तु का चुनाव करती है और दूसरी टीम उस वस्तु का अनुमान लगाती है। आगे जानें इस खेल को खेलने के तरीका:
उम्र – इस खेल को 5 से 10 साल तक के या उससे बड़े बच्चे भी खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
आई स्पाई विद माय आई खेल को इस प्रकार खेल सकते हैं:
- इस खेल को खेलने के लिए बच्चों को सबसे पहले अपनी आंखें बंद करने के लिए कहें। चाहें तो सूती कपड़े की पट्टी भी उनकी आंखों में बांध सकते हैं।
- इसके बाद अपने कमरे के चारों ओर देखें और वहां पड़ी किसी एक वस्तु को उठाएं।
- फिर बच्चे से कहें, ‘आई स्पाई विद माय आई समथिंग’। इसके बाद उस वस्तु के बारे में बच्चे को हिंट दें, जैसे कि उसका रंग, उसका आकार आदि। उदाहरण के लिए, आई स्पाई विद माय आई समथिंग पिंक, जो आकार में गोल है।
- फिर बच्चे को कहें कि वह अनुमान लगाए कि वह वस्तु कौन सी हो सकती है।
- इस खेल के दौरान बच्चे को जितना हिंट देंगे बच्चे उस वस्तु का अनुमान उतना ही सही तरीके से और जल्दी लगाएंगे।
- अगर बच्चा सही-सही जवाब दे देता है तो वह खेल जीत जाएगा।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इस खेल को खेलने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है:
- कुछ वस्तुएं जैसे, कप, घड़ी, पेंसिल बॉक्स, किताब आदि।
- बच्चों की आंखों को बांधने के लिए सूती कपड़ा।
4. चेस
चेस, बच्चों के खेलने के लिए एक प्रकार का बोर्ड गेम है। इसकी गिनती भी माइंड गेम्स में की जा सकती है। यह मानसिक विकास के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है (3)। इस खेल को कुछ मोहरों के माध्यम से खेला जाता है, जिनकी कुल संख्या 36 होती है। यह दो रंगों के होते हैं – काले और सफेद। इसे खेलने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। दोनों के पास 9-9 सिपाही, 2-2 घोड़े, ऊंट व हाथी और 1-1 राजा और वजीर होता है।
उम्र – इस खेल को 10 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
चेस को खेलने का तरीका कुछ इस प्रकार है:
- सबसे पहले दोनों प्लेयर अपने-अपने रंग के मोहरे का चुनाव कर उसे चेस बोर्ड पर अच्छे से सजा लें।
- इसके बाद बारी-बारी से दोनों टीमें अपने-अपने मोहरे को चलकर खेल की शुरुआत करें।
- इस खेल में राजा केवल एक घर ही चलता है, जो आगे से पीछे, दाएं से बाएं और आड़ा से तिरछा हो सकता है।
- चेस में वजीर के पास सबसे ज्यादा ताकत होती है। वह सभी मोहरों की तरह चल सकता है, केवल वह घोड़े के जैसे ढाई घर नहीं चल सकता है।
- वहीं, चेस का हाथी एक बार में कई घर चल सकता है, लेकिन उसकी दिशा केवल सीधी यानी दाएं व बाएं होती है। वहीं, ऊंट केवल तिरछी दिशा में ही चलता है। ये दोनों एक बार में कई घर चलने में सक्षम होते हैं।
- ध्यान रहे कि सफेद बॉक्स में रखा ऊंट तिरछी दिशा में सिर्फ सफेद बॉक्स में ही चलेगा। ऐसे ही काले बॉक्स में रखा ऊंट काले बॉक्स में रहकर ही अपनी चाल चलेगा।
- सिर्फ घोड़ा ऐसा मोहरा है, जो सामने रखे किसी भी मोहरे के ऊपर से कूद सकता है। घोड़ा हमेशा ढाई घर ही चलता है।
- इसके अलावा, चेस के प्यादे यानी सिपाही खेल की शुरुआत में एक साथ दो घर चल सकते हैं, लेकिन उसके बाद वह केवल एक ही घर चल सकते हैं। यही नहीं, वह किसी को मारने के लिए एक दम तिरछा चलते हैं।
- इस खेल का अंत चेक एंड मेट से होता है यानी जो खिलाड़ी सामने वाले के राजा को मात दे देता, वो जीत जाता है। कभी-कभी यह खेल ड्रॉ भी हो सकता है।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इस खेल को खेलने के लिए निम्न चीजों की आवश्यकता होती है:
- चेस बोर्ड और उसके मोहरे।
- अगर ऐप के माध्यम से चेस खेलना हो, तो मोबाइल की आवश्यकता होगी।
5. पजल
पजल भी दिमागी खेल की लिस्ट में आता है। हालांकि, यह वर्ड पजल के मुकाबले थोड़ा अलग होता है। इसमें किसी एक फोटो के बहुत सारे टुकड़े होते हैं। उन टुकड़ों को जोड़ कर सही फोटो बनानी होती है। इस खेल को बच्चे अकेले भी खेल सकते हैं।
उम्र – इस खेल को 5 साल और उससे ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका :
पजल को खेलने का तरीका कुछ इस प्रकार है:
- सबसे पहले पजल के सारे टुकड़ों को एक जगह अच्छे से रख लें।
- अब बच्चे को एक जगह पर बैठाकर उन्हें पजल के सारे टुकड़े दें और उसे जोड़ कर एक तस्वीर बनाने के लिए कहें।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
पजल खेलने के लिए इन सामग्रियों की आवश्यकता पड़ सकती है:
- एक पजल बोर्ड या कीट
- इसके अलावा, मोबाइल फोन जिसमें पजल गेम मौजूद हो।
- अगर पजल का किट न हो तो किसी तस्वीर के कुछ टुकड़े करके भी इस गेम को खेला जा सकता है।
6. रूबिक क्यूब
बच्चों को दिमागी खेल खेलाने के लिए रूबिक क्यूब भी एक बेहतरीन गेम हो सकता है। दरअसल, यह छोटे-छोटे स्कॉयर से बना एक बड़ा स्क्वायर बॉक्स होता है। इसके चारों दिशा अलग-अलग रंग के होते हैं और हर दिशा में 9 छोटे-छोटे स्क्वायर होते हैं। यह गेम दिमाग को तेज करने के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
उम्र – इस खेल को 8 साल और उससे ऊपर का बच्चा खेल सकता है।
खेलने का तरीका :
रूबिक क्यूब को इस प्रकार खेला जा सकता है:
- बच्चों को यह खेल खेलाने के लिए सबसे पहले रूबिक क्यूब लें और उसके सारे स्कॉयर इधर-उधर घुमा दें।
- अब इसे बच्चे को दें और कहें कि उस रूबिक क्यूब को पहले जैसा सजाए, जिसमें सभी एक जैसे रंग एक तरफ हो जाए।
- जब रूबिक क्यूब के सभी स्कॉयर अच्छे से सज जाएंगे यानी चारों तरफ अलग-अलग रंग के सारे स्कॉयर एक साथ एक रंग में आ जाएंगे तो यह खेल पूरा हो जाएगा।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
रूबिक खेलने के लिए चाहिए:
- इस खेल को खेलने के लिए रूबिक क्यूब की आवश्यकता होगी।
7. टिक-टैक टो
बच्चों के लिए माइंड गेम्स की लिस्ट में टिक-टैक टो को भी शामिल किया जा सकता है। इस खेल को जीरो-काटा भी कहा जाता है। बच्चों के लिए यह गेम बिलकुल सटीक है और इसे खेलना बेहद आसान है। इसके लिए दो खिलाड़ियों की जरूरत होती है।
उम्र – इस खेल को 5 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
जीरो-काटा को इस प्रकार से खेल सकते हैं:
- इस खेल को खेलने के लिए सबसे पहले एक पेपर पर दो हॉरिजॉन्टल लाइन खींच लें। फिर उस लाइन को काटती हुई दो वर्टिकल लाइन खींच लें। ऐसा करके तीन-तीन स्कॉयर के कुल 9 स्क्वायर बॉक्स बन जाएंगे।
- इसके बाद एक खिलाड़ी इस खेल को शुरू करते हुए 9 बॉक्स में से किसी भी एक बॉक्स में जीरो या क्रॉस का चिन्ह बनाएगा।
- अगर पहला खिलाड़ी जीरो का चिन्ह बनाता है तो इसके बाद दूसरा खिलाड़ी खेल को आगे बढ़ाते हुए बाकी के बचे 8 बॉक्स में से किसी भी एक बॉक्स में क्रॉस का चिन्ह बनाएगा।
- इस तरह खेलते हुए सभी बॉक्स को भरना होता है।
- जब कोई एक खिलाड़ी एक सीधी लाइन में जीरो या क्रॉस के चिन्ह भरकर उसे काट देता है तो वह इस खेल को जीत जाता है।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इसे खेलने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है:
- पेपर या स्लेट
- पेन/पेंसिल या चॉक
- स्लेट के चॉक मिटाने के लिए डस्टर
- चाहें तो टिक-टैक टो बोर्ड गेम भी खरीद सकते हैं।
8. मेमोरी
अपने नाम के जैसे ही यह खेल भी बच्चों के दिमागी विकास के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है। दरअसल, इस खेल की मदद से बच्चों की स्मृति शक्ति मजबूत हो सकती है। इसमें बच्चों को कुछ शब्द दिए जाते हैं, जिससे उन्हें वैसे ही मिलते-जुलते शब्द बनाने होते हैं।
उम्र – मेमोरी गेम को 6 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका :
इस खेल को कुछ इस प्रकार से खेल सकते हैं:
- बच्चों को यह खेल खेलाने के लिए सबसे पहले तो उन्हें गोल घेरा बनाकर बैठा दें।
- फिर उनमें से किसी एक को कोई शब्द बोलने के लिए कहें, जैसे- आम।
- इसके बाद उसके बगल में बैठे बच्चे से कहें कि उसके बोले गए शब्द को दोहराए। साथ ही उसमें एक नया शब्द भी जोड़े। उदाहरण के लिए- आम, नाम।
- इसके बाद तीसरे खिलाड़ी को भी वो दोनों शब्द दोहराते हुए फिर से उसमें एक नए शब्द को जोड़ने के लिए कहें। उदाहरण के लिए- आम, नाम, काम।
- इसी तरह खेल को आगे बढ़ाते हुए गोल घेरे में बैठे अंतिम प्लेयर तक ले जाए। इस इस दौरान किसी खिलाड़ी से कोई शब्द छुटता है या वह उसे बदलता है तो वह गेम से बाहर कर दिया जाएगा।
- वहीं जो अंत तक खेल के सभी शब्दों को याद रखते हुए सही-सही बोलेगा वही विजेता होगा।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इस खेल को खेलने के लिए आवश्यकता हो सकती है:
- कम से कम चार से पांच बच्चों की।
- आराम से बैठकर खेलने के लिए चटाई या कुर्सी टेबल।
9. शब्दों से कहानी बनाना
बच्चों के दिमागी विकास के लिए उनका शब्दों के साथ खेलाना बेहद जरूरी और लाभकारी हो सकता है। ऐसे में यह खेल उनके लिए अच्छा और रचनात्मक विकल्प हो सकता है। इसमें बच्चों को कोई एक शब्द दिया जाता है, जिससे उन्हें एक कहानी बनानी होती है। यह काफी हद तक मेमोरी से मिलता-जुलता खेल है, फर्क बस इतना है कि इसमें कहानी बनानी होती है। दरअसल, इस खेल की मदद से बच्चे के सोचने की क्षमता बढ़ सकती है, जो उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।
उम्र – इस खेल को 8 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका :
इस खेल को कुछ इस तरह से खेल सकते हैं:
- बच्चों को एक गोल घेरे में बैठा दें।
- इसके बाद आप एक शब्द जैसे – एक बार, उनमें से किसी एक बच्चे को दें और कहें कि वह उससे एक कहानी बनाए, जैसे- एक बार की बात है।
- फिर उसके बगल में बैठे बच्चे को कहें कि वह उस कहानी को आगे बढ़ाए, जैसे -एक बार की बात है। एक जंगल में शेर रहता था।
- इसी तरह बच्चों को इस कहानी को तब तक बनाने के लिए कहें जब तक इसका कोई निष्कर्ष न निकल जाए।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री :
इस खेल को खेलने के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की जरूरत हो सकती है:
- बच्चों को बैठाने के लिए चटाई या कुर्सी टेबल।
10. मैचिंग पजल गेम
यह खेल बेहद आसान है और बच्चों के दिमागी विकास लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। इसे खेलने के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता नहीं होती। इसे बच्चा अकेले भी खेल सकता है। इस खेल को खेलने से बच्चों में सोचने की क्षमता विकसित हो सकती है।
उम्र- इस खेल को 3 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
बच्चे कुछ इस प्रकार से इस खेल को खेल सकते हैं:
- इस खेल को खेलाने के लिए बच्चों को वर्कबुक दें, जिसमें फल, फूल, जानवर, आदि के चित्र बने हो।
- फिर बच्चों से कहें कि वह उसमें दिए गए शब्दों को पहचानकर उसके चित्रों से मिलाएं। उदाहरण के लिए अगर वर्कबुक में फ्लावर लिखा है तो फूल के चित्र ढूंढ कर उससे मिलाएं।
- चाहें तो इस खेल को चित्रों वाले कार्ड से भी खेल सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले पिक्चर कार्ड को एक जगह फैला दें।
- फिर बच्चे को उसमें से एक कार्ड उठाने के लिए कहें। जब बच्चा एक कार्ड उठाता है तो उससे कहें कि वह उसके मैचिंग यानी उस कार्ड में बनी तस्वीर से मिलती-जुलती चीज का ही दूसरा कार्ड ढूंढे।
- अगर बच्चा सारे कार्ड्स के मैचिंग कार्ड ढूंढ लेता है, तो वह गेम जीत जाएगा।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
बच्चों को यह खेल खेलाने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है:
- चित्रों वाली वर्कबुक
- पेंसिल या पेन
- मैचिंग कार्ड्स
11. मेज या भूल-भूलैया
भूल-भुलैया बच्चों के लिए एक बेहद ही मजेदार खेल हो सकता है। इसे खेलने से बच्चों के सोचने की शक्ति बढ़ सकती है। दरअसल, यह खेल एक भूल-भुलैया जैसा ही होता है, जिसमें से बच्चों को एक कठिन रास्ते वाली कोई सी भी तस्वीर दी जाती है। उसमें से उन्हें बाहर निकलने का रास्ता ढूंढना होता है।
उम्र – इस खेल को 6 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
बच्चों को यह खेल नीचे बताए गए तरीकों से खेलना सिखाया जा सकता है:
- बच्चे को पिक्चर पजल वाली एक्टिविटी बुक दें और सही रास्ता ढूंढने के लिए कहें।
- इसके लिए बच्चे को पेन या पेंसिल दें और लाइन खींचते हुए उन्हें सही रास्ता खोज कर फंसी हुई चीज को निकालने के लिए कहें।
- अगर बच्चा सही-सही रास्ता ढूंढ लेता है तो वह जीत जाएगा।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री :
इस खेल को खेलने के लिए निम्नलिखित चीजों का होना जरूरी है:
- एक्टिविटी बुक
- अगर एक्टिविटी बुक मौजूद नहीं है तो मोबाइल जिसमें यह गेम हो।
- पेन या पेंसिल
- कई बार पेंसिल बॉक्स पर भी छोटे-मोटे मेज बने होते हैं, जिसका उपयोग बच्चे खेलने के लिए कर सकते हैं।
12. कैरम
बच्चों के मस्तिष्क को विकसित करने के लिए कैरम गेम भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इस खेल को दो या फिर चार लोगों के साथ खेला जा सकता है। इसमें एक कैरम बोर्ड होता है और उस पर खेलने के लिए दो अलग-अलग रंग की गोटियां होती हैं। इन गोटियों की संख्या 9-9 होती है। इसके अलावा, इसमें एक लाल रंग की गोटी होती है, जिसे क्वीन बोला जाता है। वहीं, इन गोटियों को मारने के लिए स्ट्राइकर का इस्तेमाल किया जाता है।
कैरम के कुछ गेम ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बच्चे प्रैक्टिस के तौर पर अकेले भी खेल सकते हैं। इसके अलावा, बता दें कि कैरम को दो तरीकों से खेला जा सकता है। पहला है बोर्ड गेम और दूसरा है मनी गेम। नीचे हम बोर्ड गेम खेलने का तरीका बता रहे हैं।
उम्र – इस खेल को 5 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
कैरम बोर्ड को इस प्रकार से खेला जाता है:
- अगर 2 लोग खेल रहे हैं, तो वो आमने-सामने बैठेंगे। वहीं, अगर 4 लोग खेल रहे हैं, तो 2-2 लोगों की 2 टीम बन जाएंगी। इस बार एक ही टीम के खिलाड़ी आमने-सामने बैठेंगे।
- फिर उन्हें उनकी गोटियों का रंग बता दें।
- इसके बाद कैरम पर गोटियों को सजा दें। गोटियों को सजाने के लिए सबसे पहले कैरम के बीचों-बीच क्वीन को रखें। इसे बाद उसके चारों तरफ दो रंगों की गोटियों को बारी-बारी से सजाएं। उदाहरण के लिए, बीच में क्वीन। उसके बाद एक सफेद गोटी फिर काली गोटी फिर व्हाइट गोटी……ऐसे करके गोल घेरे में सभी गोटियों को सजा दें।
- अब खेल की शुरुआत करने के लिए स्ट्राइकर को कैरम बोर्ड के किनारे बने दो लाइनों के बीच में रखें और वहां से उसे बच्चे को मारने को कहें। बता दें कि स्ट्राइकर चलाते समय वह दोनों लाइनों के ठीक बीच में होना चाहिए, जो दोनों से सटी हो। वहीं, अगर स्ट्राइकर दोनों में से किसी एक लाइन से भी सटा नहीं हे, तो वह फाउल हो जाएगा।
- खिलाड़ी द्वारा स्ट्राइकर से मारने के बाद अगर उस टीम की कोई गोटी कैरम के खाने में जाती है, तो उस खिलाड़ी को फिर से चलने का मौका मिलेगा। वहीं, अगर कोई भी गोटी खाने में नहीं जाती है, तो इसके बाद दूसरे खिलाड़ी को स्ट्राइकर पास करना होगा।
- इसके अलावा, कैरम की क्वीन को खाने में डालने के बाद उसे हासिल करने के लिए एक अन्य गोटी उसी के तुरंत बाद खाने में डालना जरूरी होता है। अगर क्वीन के साथ कोई अन्य गोटी नहीं मिलती है, तो उस क्वीन को फिर से बोर्ड पर रखना होता है।
- इस खेल में जो टीम सबसे पहले अपनी गोटियों को खाने में डाल देती है और क्वीन को भी हासिल कर लेती है, वो टीम जीत जाती है।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
कैरम खेलने के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है:
- कैरम बोर्ड और उसकी गोटियां।
- कैरम का पाउडर।
- बैठने के लिए चटाई या कुर्सी और टेबल।
13. लूडो
आज के समय में लूडो की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। इसे एवरग्रीन खेल बोल सकते हैं, क्योंकि बच्चा हो या बड़ा इसे हर कोई खेलना पसंद करता है। अब यह गेम स्मार्ट फोन में भी मौजूद है। वहीं, इसे खेलने से दिमागी कसरत भी हो जाती है। खासकर जब सामने वाले प्लेयर की गोटी काटनी हो तब। लूडो को खेलने के लिए दो, तीन या फिर चार लोगों की आवश्यकता होती है।
उम्र – इस खेल को 8 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
लूडो को इस प्रकार से खेला जाता है:
- इस खेल को खेलने के लिए सबसे पहले लूडो बोर्ड के चारों घरों में गोटी सजा लें। बता दें कि लूडो में चार घर होते हैं और चारों घर में चार-चार गोटियां होती हैं।
- इसके बाद खेल की शुरुआत करते हुए किसी एक प्लेयर को डाइस चलना होता है। घर खोलने के लिए 6 नंबर लाना होता है। जिसका 6 नंबर आता वह घर से गोटी निकालता है। फिर दोबारा से डाइस फेंकता है और जितने अंक आते हैं, उसके अनुसार निकली हुई गोटी को चलता है।
- इसी तरह से खेल को अन्य खिलाड़ियों को भी खेलना होता है। बता दें कि इस खेल में गोटी चलते समय अगर रास्ते में दूसरे खिलाड़ी की गोटी आती है तो उसे काटना होता है।
- इसके अलावा, इस गेम में 6 लाने पर खिलाड़ी को दोबारा से डाइस चलने का मौका मिलता है। साथ ही, गोटी काटने और गोटी को होम करने यानी बोर्ड के बीच में पहुंचाने पर भी दोबारा से डाइस चलने का मौका मिलता है।
- खेल के दौरान जो खिलाड़ी सबसे पहले अपनी सारी गोटी होम कर लेता है, वही इस गेम का विनर होता है।
- इसके अलावा, चाहें तो लूडो में सांप सीढ़ी खेलने का विकल्प भी चुन सकते हैं।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इस खेल को खेलने के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है:
- लूडो बोर्ड और उसकी गोटियां डाइस के साथ।
- अगर ऐप के माध्यम से लूडो खेलना हो तो हो स्मार्ट फोन।
- बैठकर खेलने के लिए चटाई या फिर कुर्सी टेबल।
14. पिक्शनरी
छोटे बच्चों के लिए पिक्शनरी भी एक बेहतरीन खेल है। इससे बच्चों के दिमाग का विकास तो होता ही है। साथ ही ये खेल उनमें सोचने की क्षमता को भी विकसित कर सकता है। इस खेल को दो या तीन बच्चों के बीच खेला जा सकता है। चाहें तो इसमें और बच्चों को भी शामिल कर टीम की तरह भी खेल सकते हैं। दरअसल, इसमें बच्चों को ड्राइंग बनाना होता है, इसलिए इस खेल में उनकी रूचि भी अधिक बढ़ सकती है।
उम्र – इस खेल को पांच से बड़ी उम्र के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
पिक्शनरी गेम को इस प्रकार खेला जा सकता है:
- खेल शुरू करने से पहले बच्चे को दो या तीन टीम में बांट दें और उसका नाम रख दें, जैसे – टीम-ए, टीम-बी और टीम-सी।
- अब टीम-ए के किसी एक मेंबर को कोई सा भी एक शब्द दें और उसका चित्र सफेद बोर्ड पर बनाने के लिए कहें।
- इसके बाद टीम-ए के बाकी मेंबर को उस चित्र को पहचानने के लिए कहें। अगर टीम-ए के मेंबर सही-सही चित्र की पहचान कर लेते हैं तो उन्हें इसके प्वॉइंट्स मिलेंगे।
- इसी तरह टीम-बी के किसी एक मेंबर को दूसरा कोई नया शब्द दें और उसका चित्र बोर्ड पर बनाने के लिए कहें। इसी प्रकार टीम-सी को भी कहें।
- खेल को इसी तरह चालू रखें। वहीं, इस दौरान अगर कोई टीम चित्र की सही पहचान नहीं कर पाता है तो उसके प्वॉइंट्स कट जाएंगे। जबकि अगर कोई अन्य टीम फोटो पहचान लेता है तो उसे पॉइंट मिलते जाएंगे।
- ऐसा करने के दौरान खेल के अंत में जिस टीम के पास सबसे ज्यादा अंक होंगे वह जीत जाएगी।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इस खेल को खेलने के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता हो सकती है:
- सफेद या ब्लैक बोर्ड
- मार्कर या चॉक
- चित्रों को मिटाने के लिए डस्टर
- पिक्शनरी गेम किट
- चाहें तो बिना पिक्शनरी गेम किट के भी यह गेम खेल सकते हैं। बस टीम को अपने मन से कुछ चीजें बनाने को कहें। ध्यान रहे उनकी सूची पहले ही तैयार करके रख लें।
15. वर्ड-पिक्चर हंट गेम
बच्चों के लिए अद्भुत और मजेदार माइंड गेम्स में वर्ड हंट को भी शामिल किया जा सकता है। इस खेल की गिनती इंडोर गेम्स में की जाती है। बच्चों के लिए यह खेल बहुत रोचक हो सकता है। इसमें उन्हें फ्लैश कार्ड में बनाई गई पिक्चर के अनुसार उसी से संबंधित चीजों को खोजने की आवश्यकता होती है। इसे खेलने से बच्चों में मस्तिष्क का विकास हो सकता है।
उम्र – इस खेल को 5 साल से लेकर बड़ी उम्र के बच्चे खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका:
वर्ड हंट को खेलने का तरीका कुछ इस प्रकार है:
- बच्चों को यह खेल खेलाने के लिए पिक्चर वाले फ्लैशकार्ड दें।
- फिर उसमें से किसी एक फ्लैशकार्ड का चुनाव करने के लिए बच्चे को कहें।
- इसके बाद बच्चे को कहें कि वह बचे हुए फ्लैश कार्ड में से चुने गए फ्लैश कार्ड को देखकर उससे संबंधित चित्र को ढूंढें।
- उदाहरण के लिए, अगर बच्चा मछली की तस्वीर बना फ्लैशकार्ड चुनता है तो उसे कहें उसी से संबंधित फ्लैश कार्ड को चुनें, जैसे- पानी, जाल आदि।
- अगर बच्चा सही-सही चीजों की पहचान कर लेता है तो वह जीत जाएगा।
खेलने के लिए आवश्यक सामग्री:
इसे खेलने के लिए निम्न चीजों की आवश्यकता हो सकती है:
- पिक्चर वाले फ्लैश कार्ड।
- बैठने के लिए चटाई।
लेख के इस हिस्से में जानें बच्चों को माइंड गेम्स खेलाने से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
बच्चे को ब्रेन गेम्स से परिचित कराने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
बच्चों के लिए कौन-कौन से माइंड गेम्स लाभकारी हो सकते हैं, यह तो आप जान ही चुके हैं। चलिए, अब जरा यह भी जान लीजिए कि बच्चों को ब्रेन गेम्स खेलाने से पहले किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
- बच्चों के साथ भागीदारी : अगर बच्चों को अकेले खेलने के लिए छोड़ दिया जाए तो हो सकता है कि उस खेल से उनकी रुचि तुरंत ही खत्म हो जाए। इसलिए, बच्चों को कोई भी खेल खेलाने के लिए उनके साथ-साथ अधिक से अधिक बच्चों को शामिल करें।
- खुद भी खेलें : कभी-कभी ऐसा होता है कि माता-पिता बच्चे को किसी प्रकार के खेल में उलझा कर खुद अपने-अपने कामों में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसा करने से हो सकता है कि बच्चा उस खेल को सही तरीके से न खेले या फिर उसका मन न लगे। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता भी समय निकालकर बच्चों के साथ उस खेल में शामिल हों। इससे बच्चे का खेल में अधिक मन लगेगा।
- धैर्य रखें : कई बार ऐसा होता है कि कुछ खेल में बच्चे तुरंत रुचि नहीं दिखाते हैं। ऐसे में माता-पिता को पूरे धैर्य के साथ बच्चों को वह गेम सिखाना होगा। इस दौरान वे उसे डांटे या फटकारे नहीं। हो सकता है कि उस खेल को समझने में बच्चे थोड़ा अधिक समय लें। इसलिए माता-पिता को अपनी कोशिश जारी रखनी चाहिए।
- डांटे न: बच्चों को माइंड गेम्स खेलाने के दौरान उसके नियमों को लेकर कभी भी सख्ती से पेश न आएं। इससे बच्चे डर जाएंगे और उस खेल को खेलने से मना कर सकते हैं। साथ ही उनकी रूचि भी खेल में खत्म होने लगेगी। इसलिए बच्चों को खेल के नियम हमेशा आसान भाषा में समझाएं। यही नहीं उसे खेलते समय पूरी आजादी दें। अगर संभव हो तो खेल के दौरान हल्की आवाज में म्यूजिक भी बजा सकते हैं, इससे बच्चे उस खेल को और अधिक इंजॉय करेंगे।
बच्चों के दिमागी विकास में माइंड गेम्स सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि उनकी उम्र के हिसाब से उनके लिए ब्रेन गेम्स चुने जाएं। अगर आपने अभी तक अपने बच्चों के लिए इन गेम्स को नहीं चुना है तो आज ही से इसकी शुरुआत कर दीजिए। इस लेख में हमने सभी खेल को खेलने का तरीका विस्तार से बताया है। तो उन्हें इन आसान ब्रेन गेम्स को सिखाएं और उनके साथ खुद भी इन्हें एन्जॉय करें। बच्चों के लिए इस तरह की अन्य मजेदार गेम्स जानने के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन के साथ।
References
- Physical Activity and Cognitive Functioning of Children: A Systematic Review – By NCBI
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5923842/ - The Power of Play: A Pediatric Role in Enhancing Development in Young Children – By American Academy of Pediatrics
https://pediatrics.aappublications.org/content/142/3/e20182058 - Is Chess Just a Game
or is it a Mirror that Reflects the Child’s Inner World? – By International Journal of Research in Education and Science
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