विषय सूची
एक वक्त था जब बच्चे बाहरी परिवेश में विभिन्न गतिविधियों के साथ बड़े होते थे, इसलिए वे प्रकृति के भी करीब थे। वहीं, आजकल के बच्चे गैजेट्स के साथ बड़े हो रहे हैं, इससे उनके व्यवहार और आदतों में बदलाव आ रहा है। ये आदतें बच्चों की क्रिएटिव और रुचि को कम कर रही हैं। अगर आज बच्चों से उनकी हॉबीज पूछी जाए, तो एक पल के लिए वो सोच में पड़ जाते हैं। यही कारण है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों के हॉबीज से जुड़ी जानकारियां लाए हैं। यहां हम न सिर्फ हॉबीज का महत्व बताएंगे, बल्कि बच्चों में खेल, कला, प्रदर्शन, विज्ञान संबंधी रुचि कैसे बढ़ाएं, इस बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी।
सबसे पहले जानिए कि बच्चों में हॉबीज का महत्व यानी बच्चों के लिए हॉबीज क्यों जरूरी है।
बच्चों के जीवन में हॉबीज का महत्व
अच्छी रुचि बच्चों के व्यक्तित्व का विकास करती हैं। रुचि से बच्चों के आने वाले कल में सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में हॉबीज बच्चों की जिंदगी में महत्वपूर्ण है। तो बच्चों के जीवन में हॉबीज के महत्व कुछ इस प्रकार हैं:
- हॉबीज बच्चे की बोरियत दूर करने में मदद कर सकते हैं, जिससे बच्चे का मूड बेहतर हो सकता है।
- इससे बच्चे का तनाव दूर करने में मदद मिल सकती है।
- बच्चे हॉबीज की मदद से दूसरे बच्चों के साथ बातचीत करने व घुलने-मिलने की कोशिश भी कर सकते हैं। इससे बच्चा आसानी से नए लोगों के साथ घुलना-मिलना सीख सकता है।
- हॉबीज से बच्चे आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनते हैं।
- बच्चों में हॉबीज उन्हें विभिन्न विषयों में सोच-विचार करने और उनसे संबंधित सवाल-जवाब पूछने के लिए उत्सुक कर सकते हैं।
- हॉबीज ना केवल बच्चों की टीम स्पिरिट और धैर्य रखने की क्षमता बढ़ाती है, बल्कि उन्हें कई रूपों से होशियार और समझदार भी बनाती हैं।
- बच्चा निजी और व्यवसायिक स्थिति को मजबूत करने के नए-नए तरीके सीख सकता है।
- एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) के अनुसार, किसी तरह की आनंददायक गतिविधि करने से मानसिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है (1)।
अब हम कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जो बच्चों के लिए हॉबीज चुनने में मददगार हो सकते हैं।
बच्चों को हॉबीज चुनने में मदद करने के टिप्स
आजकल के बच्चों में हॉबीज को लेकर काफी संशय बना रहता है। कई बार वो अपनी रुचि को लेकर उलझन भी महसूस करते हैं। ऐसे में बच्चों को हॉबीज चुनने में यहां दिए गए निम्नलिखित टिप्स मदद कर सकते हैं:
1. एक्टिविटी में पेरेंट्स हो शामिल : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बच्चे वहीं करते और सीखतें हैं, जो वह घर और बाहरी परिवेश में देखते हैं। इसलिए, ध्यान रखें अगर बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना है, तो पहले पेरेंट्स को उनके लिए पूरी तरह से अच्छा बनना होगा। माता-पिता बच्चों के सामने क्रिएटिव गतिविधियां करें, इससे बच्चे भी जुड़ने की कोशिश करेंगे। इसकी शुरुआत मजेदार और हल्की-फुल्की गतिविधियों से करें।
2. बाहर लेकर जाएं : बच्चों में अच्छी आदतों को विकसित करने के लिए उन्हें कुछ रुचिकर जगहों जैसे, म्यूजियम, आर्ट गैलरी और कॉन्सर्ट में लेकर जाएं। इससे न केवल बच्चा नई-नई चीजों को सीखेगा, बल्कि वे अपने हिसाब से चीजों को समझ उनमें रुचि भी लेंगे।
3. बच्चे की दिलचस्पी समझें : बच्चे के साथ बैठकर उन चीजों की लिस्ट बनाएं जिनमें उनकी दिलचस्पी हो। जैसे अगर आपके बच्चे को फुटबॉल में इंटरेस्ट है तो आप उसे फुटबॉल क्लास जॉइन करा सकते हैं। कभी भी बच्चे पर दबाव न डालें। कुछ माता-पिता बच्चे की फुटबॉल में दिलचस्पी होने के बावजूद उन्हें क्रिकेट की तरफ भेजते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है। बच्चे की जिन एक्टिविटी में दिलचस्पी है उसी में बच्चे को आगे बढ़ने के मौके दें।
4. बच्चे के साथ बात करें : माता-पिता को बच्चे के साथ बातचीत करनी चाहिए, ताकि बच्चा घुलनें-मिलने के बाद अपने मन की बातें बता सकें। इससे वह अपनी पसंद और ना पसंद की चीजों, इच्छाओं के बारे में भी खुलकर बात कर सकते हैं।
5. बच्चे की गतिविधियों पर ध्यान देना : माता-पिता को अपने बच्चे के हर कौशल या हुनर पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें पता चल सकता है कि उनका बच्चा किस तरह की गतिविधियों में माहिर या बेहतर है। साथ ही इससे उन्हें बच्चे के रुचि से जुड़ी जानकारियां भी मिलेगी।
6. बच्चे के हॉबी का सम्मान करें : अगर बच्चे माता-पिता को किसी नए कौशल, गतिविधि या इच्छा के बारे में बताते हैं, तो माता-पिता को उसका सम्मान करना चाहिए। साथ ही उन्हें बच्चे को प्रोत्साहित भी करना चाहिए, ताकि वह उसमें सफल हो सके।
7. जबरन अपनी इच्छा न मनवाएं : कुछ माता-पिता ऐसा सोच सकते हैं कि उनके बच्चे भी उन्ही की पसंद को अपनी पसंद बनाएं, लेकिन ऐसा करना गलत हो सकता है। माता-पिता इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे के ऊपर अपनी कोई बात, इच्छा या शौक मनवाने का प्रयास न करें। बच्चे को उनकी इच्छानुसार हॉबीज चुनने के लिए प्रोत्साहित करें।
8. हॉबीज और करिअर के लिए दें आजादी : कुछ बच्चे हॉबीज को करिअर के तौर पर चुनना पसंद कर सकते हैं, तो कुछ हॉबीज को सिर्फ एक मनोरंजन के रूप में भी देख सकते हैं। इसलिए, अगर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे में भी हॉबीज की भावना उत्पन्न हो, तो बच्चे को उसकी इच्छानुसार हॉबीज को करियर या सिर्फ एक मनोरंजक रुचि बनाने की आजादी दें। ऐसा करने से बच्चा एक से अधिक हॉबीज के प्रति आसानी से उत्सुक हो सकता है।
स्क्रॉल करें और पढ़ें 40 से भी अधिक बच्चों के लिए अनोखे और आकर्षक हॉबीज की लिस्ट।
40+ बच्चों के लिए अनोखे और आकर्षक हॉबीज की सूची
इस भाग में हम बच्चों के लिए 40 से भी अधिक अनोखे और आकर्षक हॉबीज की जानकारी दे रहे हैं। यहां पर आप प्रकृति संबंधी, खेल, कला और विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हॉबीज के बारे में जानेंगे। तो सबसे पहले पढें बच्चों के लिए प्रकृति संबंधी रुचियों की लिस्ट।
प्रकृति-संबंधी रुचि
प्रकृति से संबंधित शौक अपने आप में ही रोमांचकारी होते हैं। इसकी सुंदरता किसी का भी मन आकर्षित कर सकती है। साथ ही, यह भी बता दें कि प्रकृति बच्चे के सामाजिक और भावनात्मक विकास को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकती है (2)। इसलिए यहां दिए गए कुछ प्रकृति संबंधी रुचि आप अपने बच्चे की आदतों में शामिल कर सकते हैं।
1. गार्डनिंंग
बच्चों को गार्डनिंग के जरिए प्रकृति से जुड़ने का मौका दिया जा सकता है। इसके लिए बच्चों को नर्सरी लेकर जाएं। वहां पर उन्हें नए-नए फूलों और पौधों की जानकारी मिलेगी। साथ ही, बच्चों को पौधे लगाना, उनकी देखभाल करना जैसे – समय-समय पर पानी और खाद देना, पौधों में कोई रोग या कीड़ा लगने पर कैसे किसी कीटनाशक का इस्तेमाल करें, इसके बारे में भी उचित जानकारी दें। बच्चा अपने इस हॉबी को और अच्छे से समझ सके, इसके लिए उसे गार्डनिंग से जुड़े वर्कशॉप में भी लेकर जा सकते हैं।
2. पशु-पक्षियों का ध्यान रखना
पालतू जानवरों को रखने का शौक कई लोगों को हो सकता है। इसके साथ ही बच्चे को दूसरे पशु-पक्षियों की देखभाल करने की हॉबी भी सिखाई जा सकती है। इसके लिए घर की बालकनी, छत या घर का कोई भी ऐसा स्थान जहां पर अक्सर पशु-पक्षियां आकर बैठते हैं, वहां पर उनके लिए दाने और पानी का इंतजाम किया जा सकता है।
साथ ही, बच्चे के बैग में अनाज से भरी एक छोटी पोटली या ब्रेड भी रख सकते हैं, ताकि वह जब भी पार्क में जाए, तो वहां पर भी पशु-पक्षियों को खाना खिलाने का इंतजाम कर सके। साथ ही उन्हें इस बात से भी अवगत कराएं कि पशु-पक्षियों को पिंजरे में रखना या उन्हें परेशान करना गलत है, उन्हें भी इंसानों की तरह आजाद रहने का हक है। इस तरह बच्चे के केयरिंग नेचर को भी बढ़ावा मिल सकता है।
3. सूखे फूलों और पत्तियों से आर्ट
बच्चे को सूखे फूलों और पत्तियों से आर्ट बनाना सिखा सकते हैं। इस एक्टिविटी में भी बच्चे बहुत दिलचस्पी लेते हैं। इसके लिए बच्चे को एक स्क्रैप बुक लाकर दें और हर पेज पर अलग-अलग सूखे फूल और पत्तियों को पेस्ट करने के लिए कह सकते हैं। इस तरह बच्चा न सिर्फ प्रकृति से जुड़ी एक हॉबी सीख सकता है, बल्कि उन्हें विभिन्न फूल-पत्तियों के नाम और रंग भी याद हो सकते हैं। साथ ही, बच्चा सूखे फूल-पत्तियों या पौधों को प्रिजर्व करना भी सीख सकता है।
इसके लिए बच्चे को प्लांट प्रिजर्व से जुड़ी एक्टीविज का हिस्सा बनने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। ध्यान रखें यहां हमारा उद्देश्य बच्चे को सूखे हुए फूल और पत्तियों से जुड़ी रुचि से प्रोत्साहित करने से है। इसके लिए बच्चे को फूल या पत्ती तोड़ने के लिए बढ़ावा न दें।
4. जैविक खेती करना
बच्चे को जैविक खेती यानी ऑर्गेनिक फार्मिंग के फायदे और बढ़ते रासायनिक उपयोग से होने वाले नुकसान बता सकते हैं। इसी तर्ज पर उन्हें जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित भी कर सकते हैं। जैविक खेती के प्रति बच्चे का रूझान लगाने के लिए उसे समय-समय पर जैविक खेती देखने, सीखने और अभ्यास करने के लिए खेत में लेकर जा सकते हैं। शुरुआत में गमलों में बच्चों को जैविक तरीके से फूल और साग-सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
5. रिसाइक्लिंग करना
कूड़े-कचरे की बढ़ती समस्या एक वैश्विक समस्या भी मानी जा रही है। इसलिए, अगर बच्चे को प्रकृति संबंधी रुचि की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं, तो बच्चे को कूड़ा-कचरा रिसाइक्लिंग करने के विचारों और तकनीक के प्रति जागरूक किया जा सकता है। इस तरह के अभ्यास में बच्चे को इस्तेमाल न होने वाले कागज, कार्डबोर्ड, प्लास्टिक, स्टील के डिब्बे आदि, जैसे पदार्थों को नई चीजों में बदलने के लिए बढ़ावा मिल सकता है। यह बच्चे के लिए रचनात्मक और मजेदार दोनों ही तरह की रुचि मानी जा सकती है।
6. प्रकृति को देखना
प्रकृति मैं ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें देखा और उनके बारे में जानना हर किसी के लिए काफी रोचक हो सकता है। इसे बच्चों को एक रुचि के तौर पर भी सिखाई जा सकती है। इसके लिए सुबह-शाम बच्चों को पार्क या म्यूजियम में घुमाने के लिए लेकर जा सकते हैं। साथ ही, स्कूल की छुट्टियों में बच्चों को ट्रेकिंग और कैंम्पिंग के लिए भी लेकर जाया जा सकता है। साथ ही, बच्चों को आस-पास के जंगलों और चिड़ियाघर में भी घुमा सकते हैं।
प्रकृति के बाद अब हम बच्चे के लिए खेल संबंधी रुचि बता रहे हैं।
बच्चों के लिए खेल संबंधित रुचि
इस भाग में आप बच्चों के लिए खेल संबंधित रुचि पढ़ सकते हैं। खेल कई तरह के होते हैं। रिसर्च के अुसार, खेल खेलना बच्चों को न सिर्फ शारीरिक रूप से एक्टिव रख सकता है, बल्कि मानसिक स्तर को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है (3)। इसलिए देखा जाए, तो बच्चे में खेल से जुड़ी हॉबीज का विकास करना जरूरी माना जा सकता है। तो बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन खेल संबंधी रुचि जानने के लिए नीचे पढ़ें।
7. खिलौनों से खेलना
बच्चों को गैजेट्स की जगह खेलने के लिए खिलौने दें। इसके लिए आप बार्बी डॉल, मोटर कार, किचन सेट, डॉक्टर सेट आदि का चयन कर सकते हैं। बच्चों को जानवरों और फल व सब्जियों के सेट भी लाकर दे सकते हैं। इससे बच्चे खेल-खेल में सारे जानवरों और फल व सब्जियों के नाम याद कर सकते हैं। इसके अलावा, ग्लोब लाकर दे सकते हैं और उन्हें सारे देशों के नाम भी याद करा सकते हैं।
8. फुटबॉल
अगर बच्चा उछल-कूद जैसी हरकतों में ज्यादा रुचि रखता है, तो उसकी रुचि फुटबॉल के खेल की तरफ भी मोड़ सकते हैं। फुटबॉल खेल न सिर्फ बच्चा आसानी से खेल सकता है, बल्कि उछल-कूद करने में जाया करने वाली वह अपनी शारीरिक क्षमता को इस खेल में लगाकर अपना शारीरिक, सामाजिक और मानसिक स्तर भी बेहतर कर सकता है। फुटबॉल के अलावा, अगर बच्चे का मन क्रिकेट बैडमिंटन जैसे खेलों में लगता है तो आप उन्हें इसके लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं।
9. ड्रेसअप गेम
बच्चों के साथ ड्रेस अप गेम खेल सकते हैं। इसके लिए हर बार अलग-अलग थीम रख सकते हैं, जैसे फ्रीडम फाइटर्स, स्पेस, हैलोईन आदि। ऐसे में, जिस दिन जो थीम हो उसके बारे में बच्चे को विस्तार में जानकारी दें। इससे बच्चा उस टॉपिक पर दिलचस्पी दिखाएगा और आप खेल-खेल में बच्चे को उससे संबंधित जानकारी से वाकिफ करा सकते हैं।
10. मार्शल आर्ट्स
बच्चे को जूडो, कराटे या कुंग फू जैसे प्रसिद्ध मार्शल आर्ट्स की क्लास जॉइन करा सकते हैं। इससे बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास के साथ आत्मविश्वास पैदा होता है। साथ ही, बच्चा यदि कभी किसी परेशानी में फंसता है, तो वह अपनी सुरक्षा खुद भी कर सकता है। ध्यान रहे बच्चे के मार्शल आर्ट क्लास के दौरान माता-पिता खुद भी वहां उपस्थित रहे या कोई बड़ा उनके साथ रहे, ताकि बच्चे को किसी प्रकार की चोट न लगे।
11. शतरंज
बच्चों को शतरंज खेलने की आदत डालें। मानसिक विकास के लिए इसे सबसे अच्छा खेल माना जाता है। इसे एक समय में दो लोग खेल सकते हैं। बच्चे को सिखाने के लिए माता-पिता खेलने की शुरुआत कर सकते हैं। जब बच्चा खेल में दिलचस्पी लेने लगे, तो आप उन्हें भी इस खेल में शामिल कर सकते हैं।
खेल संबंधित रुचि के बाद अब आगे पढें, बच्चों के लिए फन से जुड़े कुछ मजेदार ऑउडोर हॉबीज।
बच्चों के लिए फन आउटडोर हॉबीज
इस भाग में आप बच्चों के लिए फन आउटडोर हॉबीज पढ़ेंगे। अगर बच्चा पांच साल से बढ़ी उम्र का है, तो यहां बताए गए हॉबीज बच्चे की दिनचर्या में शामिल किए जा सकते हैं। ध्यान रखें कि शुरू में माता-पिता अपनी निगरानी में ही बच्चे को इस तरह की हॉबीज का अभ्यास कराएं।
12. स्केटबोर्डिंग
स्केटबोर्डिंग न सिर्फ बच्चे के लिए एक मजेदार ऑउटडोर रुचि हो सकती है, बल्कि यह बच्चे के शरीर को मजबूत और लचीला बनाने में भी मदद कर सकता है। अगर बच्चा 5 साल से बड़ी उम्र का है, तो उसके लिए यह एक अच्छी रुचि मानी जा सकती है। ऐसा भी माना जाता है कि स्केटबोर्डिंग की रुचि बच्चे के अंदर के डर को दूर करने और उसका आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। ध्यान रखें कि शुरू में माता-पिता अपनी देखरेख या अनुभवी ट्रेनर की देखरेख में ही बच्चे को स्केटबोर्ड चलाने दें। साथ ही, बच्चे को प्रोत्साहित करने के लिए स्केटबोर्डिंग से जुड़ी प्रतियोगिताओं में भी शामिल करें।
13. तैराकी
तैराकी को भी एक मजेदार रुचि में शामिल किया जा सकता है। बच्चे की रुचि तैराकी में बढ़ाकर उसके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही इससे बच्चा नए दोस्त बनाने में भी पहल करना शुरू कर सकता है (4)। इतना ही नहीं, अगर बच्चे को तैराकी आती होगी, तो वो पानी से जुड़े कई मजेदार और एडवेंचर्स गतिविधियों की तरफ भी अपनी रुचि बढ़ा सकता है। हालांकि, ध्यान रहे कि बच्चे के तैराकी सीखते वक्त और सीखने के बाद भी जब भी बच्चा तैराकी करे तो हमेशा उसके साथ कोई एक्सपर्ट जरूर रहना चाहिए।
14. साइकिल चलाना
बच्चे अपनी आदतों और हॉबीज में साइकिल चलाने जैसी गतिविधियों पर भी ध्यान दे सकते हैं। इसके लिए बच्चे को सुबह-शाम साइकिल से पार्क घूमाने लेकर जा सकते हैं। इसके अलावा, समय निकालकर बच्चे को साइकिल से ही स्कूल छोड़ने भी लेकर जा सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे के मन में भी साइकल चलाने व इसके प्रति अपनी रुचि रखने की उत्सुकता बन सकती है। बता दें कि साइकिल चलाने से स्ट्रोक, दिल का दौरा, अवसाद, मधुमेह, मोटापा और गठिया जैसे कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव करने में भी मदद मिल सकती है। यह हर उम्र के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज हो सकता है (5)।
15. फोटोग्राफी
पांच साल से बड़ी उम्र के बच्चे फोटोग्राफी को भी अपने शौक के तौर पर अपना सकते हैं। बच्चा कैमरे से अच्छी तस्वीरें कैसे ले सकता है, इसके बारे में माता-पिता शुरूआती मदद कर सकते हैं। माता-पिता बच्चे को अच्छी तस्वीरें लेने के लिए कैमरा पकड़ने का सही तरीका, फोकस और ऐंगल जैसी जरूरी बातों को सीखने में मदद कर सकते हैं। जब भी बच्चे को पार्क या कहीं ऑउटडोर जगह पर घूमाने के लिए लेकर जाए, तो उसे वहां पर तस्वीरें क्लिक करने के लिए कहें। शुरुआत में बच्चे को महंगा कैमरा देने के बजाय मोबाइल फोन से तस्वीरें लेने के लिए प्रोत्साहित करें और जब बच्चे का मन लगने लगे तो आगे चलकर उनके लिए कैमरा खरीदें। ऐसा करने से बच्चे की रुचि तो बेहतर होगी ही, साथ ही माता-पिता के साथ भी वह अच्छा समय व्यतीत कर सकता है।
16. कयाकिंग
कयाकिंग (Kayaking) पानी से जुड़ा एक शौक होता है। अगर बच्चे को वाटर स्पोर्ट्स में दिलचस्पी है, तो कयाकिंग उसके लिए एक मनोरंजक शौक हो सकता है। अपने पांच साल से बड़ी उम्र के बच्चे को इस रोमांच भरे शौक से परिचित करा सकते हैं। यह भी बता दें कि कयाकिंग को एरोबिक एक्सरसाइज माना जा सकता है। यह फिटनेस के साथ ही स्ट्रेंथ और लचीलेपन में भी सुधार करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने, ह्रदय को स्वस्थ रखने और मूड को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है (6)।
17. तीरंदाजी
आज के समय में गोल्फ, क्रिकेट या फुटबॉल की तरह तीरंदाजी की लोकप्रियता उतनी नहीं है, लेकिन आर्चरी यानी तीरंदाजी बहुत ही पुराने हॉबीज में से एक है। इसे ऐतिहासिक रुचि भी कहा जा सकता है। तीरंदाजी की रुचि न सिर्फ बच्चे के लिए मनोरंजक हो सकती है, बल्कि उसके ध्यान लगाने और मन को शांत करने की क्षमता को भी बेहतर करने में सहायक हो सकती है। हालांकि, बच्चे को इस बात को जरूर समझाएं कि वह अपनी इस तीरंजादी की कला जानवरों या पक्षियों के शिकार के लिए न करें। वह अपनी इस कला को लंबे और बड़े पेड़ों से फल तोड़ने के लिए आजमा सकते हैं।
अब पढ़ें बच्चे के लिए ऐसे शौक जो उनके शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन पर आधारित हैं।
प्रदर्शन-आधारित रुचि
प्रदर्शन-आधारित ऐसे कई शौक हैं, जिनमें बच्चा अपनी रुचि दिखा सकता है। इस तरह की हॉबीज से न सिर्फ बच्चे खुद का मनोरंजन कर सकते हैं, बल्कि अपने आस-पास मौजूद लोगों का भी दिन खुशनुमा बना सकते हैं। तो प्रदर्शन-आधारित हॉबीज कुछ इस प्रकार हैं:
18. गाना गाना
बच्चों को गाना गाने में दिलचस्पी है तो यह भी एक अच्छी हॉबी हो सकती है। गाना गाने से दिमाग शांत होने के साथ सांस और ह्रदय से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही इससे बच्चे में खुद पर भरोसा भी बढ़ सकता है (7)। अगर बच्चे की दिलचस्पी सिंगिग में है, तो उन्हें किसी प्रोफेशनल के पास क्लास जॉइन करा सकते हैं। साथ ही, घर में भी बच्चे का अभ्यास करा सकते हैं।
19. डांस करना
नृत्य या डांस करना एक ऐसी कला है, जिसमें माहिर होना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है। ऐसे में यह मनोरंजक शौक बच्चे को भी सिखा सकते हैं। अगर बच्चे को नृत्य करना पसंद है, तो उसके अलग-अलग टाइप के डांस जैसे – क्लासिकल, ब्रेक डांस, हिप-हॉप का अभ्यास करा सकते हैं। इसके लिए बच्चे को किसी अच्छे डांस क्लास में भी भेज सकते हैं।
20. एक्टिंग करना / थिएटर
थिएटर या रंगमंच एक रचनात्मक शौक है, जो बच्चे का दिमाग शांत करके उसे तेज बना सकता है। जब भी बच्चे के स्कूल में अभिनय से जुड़ा कोई कार्यक्रम या प्रतियोगिता हो, तो इसमें अपने बच्चे को शामिल करें। उसके अभिनय के हुनर और शौक को निखारने के लिए बच्चे को थियटर क्लास में एडिमिशन भी दिला सकते हैं।
21. संगीत वाद्ययंत्र बजाना
वैसे तो संगीत वाद्ययंत्र या म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना एक मुश्किल हुनर माना जाता है, लेकिन यह बच्चे के लिए एक बेहतर शौक हो सकता है। यह एक ऐसी कला भी जिसके प्रति बच्चा कम उम्र से ही अपनी रुचि भी जाहिर कर सकता है। अध्ययनों के अनुसार, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने से बच्चे का सेंसरी और मोटर स्किल (Sensory and Motor Mechanisms) बेहतर हो सकता है, जो बच्चे के ज्ञान संबंधी कार्यों में भी सुधार ला सकता है। शायद यही वजह भी है कि इस तरह के इंस्ट्रूमेंट बजाने के लिए हुनर के साथ ही मानसिक स्तर को भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है (8)। बच्चे की इस रुचि को बढ़ाने के लिए उसे विभिन्न वाद्ययंत्रों के बारे में बता सकते हैं।
22. कुकिंग
अगर आपका बच्चा कुकिंग में दिलचस्पी दिखाता है, तो उसे इसके लिए प्रोत्साहित करें। चाहें तो बच्चे को बेकिंग क्लास जॉइन करा सकते हैं। केक बेक करना, पूडिंग बनाना, आदि बच्चों के कौशल को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। ध्यान रखें बच्चे को गैस के पास जाने न दें। अगर बच्चा गैस के पास काम भी करता है, तो उस दौरान माता-पिता या कोई बड़ा व्यक्ति हमेशा उनके साथ रहे। इसके अलावा, चाहें तो बच्चे को बिना आग या गैस वाले रेसिपीज भी सिखा सकते हैं। यह उनकी खाना बनाने वाली रुचि को तो प्रोत्साहित करेगा ही, साथ ही यह उनके लिए सुरक्षित भी हो सकता है।
स्क्रॉल करें और पढ़ें बच्चों के लिए कला और शिल्प संबंधी रुचि के बारे में।
कला और शिल्प संबंधित रुचि
घर बैठे बोरियत दूर करने के लिए कला और शिल्प (आर्ट एंड क्राफ्ट) का अभ्यास करना अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे न सिर्फ मन को फुर्ति मिल सकती है, बल्कि थके हारे शरीर में भी ताजगी का एहसास हो सकता है। यह बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डाल सकता है (9)। ऐसे में, इसी से जुड़े बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन हॉबीज हम यहां पर बता रहे हैं।
23. ओरिगामी
ओरिगामी (Origami) में बच्चे पेपर फोल्ड कर नए-नए आकार बनाना सीखते हैं। इसमें बच्चे शुरुआती तौर पर पेपर से जानवर और साधारण आकार बना सकते हैं। इसके लिए कुछ संस्थान ऑनलाइन क्लासेज भी देती है। साथ ही माता-पिता गाइडबुक्स के जरिए भी बच्चे को इस कला का अभ्यास करा सकते हैं।
24. हस्त शिल्प क्राफ्ट
इस हॉबी वाले क्राफ्ट में बच्चे हैंडप्रिंट या फुटप्रिंट कला के जरिए डिजाइन, होममेड कार्ड और पेंटिंग बना सकते हैं, जो उन्हें मानसिक रूप से कुशल बनाने में मदद कर सकते हैं। अपनी इस रुचि से बच्चा एक पिक्चर बुक और गैलरी भी बना सकता है। आजकल कई तरह के ऑनलाइन क्लासेज से भी बच्चे इस तरह के आर्ट्स सीख सकते हैं।
25. वुडवर्क
अगर बच्चा अक्सर रिंच और सलाई से खेलता है, तो उसकी रुचि वुडवर्क में हो सकती है। वुडवर्क में बच्चे टूल्स और वुड ब्लॉक्स से खेलकर अपनी सीखने की क्षमता को विकसित कर सकते हैं और खुद में अच्छी आदतें शुमार कर सकते हैं। लकड़ी की ट्रे, खिलौने और फोटो फ्रेम से बच्चे में तकनीकी गुण और क्रिएटिवी पैदा हो सकती है। इस दौरान बच्चों पर ध्यान भी रखें, ताकि इनमें से किसी चीज के लगने से वे घायल ना हो जाएं।
26. पेंट करना
अलग-अलग वर्ग के आयु के बच्चों के लिए कई तरह की पेंट किट्स बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें आर्किलिक, ऑयल और वॉटरकलर्स शामिल होते हैं। इससे बच्चे में पेंट करने की कला विकसित हो सकती है। इसमें बच्चों को बहुत कुछ सीखने और करने का मौका मिल सकता है। शुरू में बच्चे को कोई छोटा खिलौना, फूलों का गमला, घड़ी या घर में रखी किसी चीज पर उसे पेंट करने का अभ्यास करा सकते हैं। इसके अलावा, बच्चे को पेंटिंग क्लास भी जॉइन करा सकते हैं, ताकि पेंटिंग सीखने के साथ-साथ पेंटिंग की तरफ उनकी रुचि भी बढ़े।
27. पेंसिल स्केचिंग
पेंटिंग के अलावा, बच्चे को पेंसिल स्केचिंग करने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। पेंसिल स्केचिंग और ड्राइंग में बच्चे वहीं बनाते हैं जो उनके मन में चलता है। इससे बच्चे जिन-जिन चीजों को समझते, सोचते और देखते हैं, वे उन्हें स्केच करने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे बच्चे और भी क्रिएटिव हो सकते हैं। इसलिए, अपने बच्चें में पेंसिल स्केचिंग की रुचि को बढ़ावा दे सकते हैं। शुरू में माता-पिता खुद ही कई तरह के पेंसिल स्केचिंग बनाकर बच्चे को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जिसके बाद बच्चे को खुद से या किसी चीज को देखकर उसकी पेंसिल स्केचिंग बनाने के लिए कह सकते हैं। इससे माता-पिता को बच्चे के मन में चल रहे बातों के बारे में जानने में भी मदद मिल सकती है।
28. कॉमिक बुक आर्ट
बच्चों को कॉर्टून काफी पसंद होता है, जिसका एक फायदा उनके शौक के दायरे बढ़ाने में भी हो सकता है। इसमें बच्चे अपने आइडिया और क्रिएटिविटी को एक कॉमिक बुक में बदलते हैं, इसमें वे कॉमिक की स्टोरी, प्लॉट्स और चरित्रों का निर्माण खुद से तय कर सकते हैं। इसके अलावा, बच्चे से उसके किसी फेवरेट कॉर्टून कैरेक्टर पर भी कॉमिक बुक आर्ट बनाने के लिए कह सकते हैं। इस तरह की आदतें और शौक बच्चे के मानसिक स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है। साथ ही, बच्चा एक कार्टूनिस्ट, एनिमेटर या लेखक के रूप में अपना कामकाजी जीवन भी चुन सकता है।
29. स्क्रैपबुकिंग
स्क्रैपबुकिंग (Scrapbooking) भी हस्तकला का ही एक प्रकार है। इसमें परिवार या व्यक्तिगत तस्वीरों की एक एल्बम तैयार की जाती है, जिसे बच्चे के शौक के रूप में नया रूप दिया जा सकता है। इससे न सिर्फ बच्चे के आत्मसम्मान में वृद्धि हो सकती है, बल्कि वो दिल से किन सदस्यों या लोगों को अधिक पसंद करता है, उसके बारे में भी पता चल सकता है। परिवार के अलावा, बच्चे स्क्रैपबुक में अपने किसी पसंदीदा प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे में भी जानकारी नोट कर सकते हैं। इसके लिए बच्चे को तस्वीरों के साथ ही, एक प्लेन पेपर वाली डायरी, कैंची, टेप, गिल्टर, स्केच पेन भी दे सकते हैं। इससे बच्चा तस्वीरों के साथ जुड़ी यादों को भी अपने शब्दों में लिख सकता है।
बच्चे के क्राफ्ट हॉबीज जानने के बाद, आगे पढ़ें साइंस से जुड़े कुछ अजीबो-गरीब और हैरान करने वाली हॉबीज के बारे में।
विज्ञान-संबंधित रुचि
विज्ञान-संबंधित रुचि आपके बच्चे को बाकी बच्चों से अलग बना सकती है। दरअसल, बच्चों से लेकर बड़ों के मन में विज्ञान से जुड़ी कई जिज्ञासाएं होती हैं, अगर आपका बच्चा इस तरह की रुचि रखता है, तो जाहिर है कि हर कोई उसकी खोजबीन, जानकारी और बातों को सुनने के लिए उत्सुक हो सकता है।
30. एस्ट्रोनॉमी
एस्ट्रोनॉमी यानी खगोल, विज्ञान का ही क्षेत्र है, जहां पर आकाशगंगाओं, तारों, ग्रहों और धूमकेतु जैसे विषयों के बारे में जानकारी मिलती है। यह एक बेहद ही रोमांचक हॉबी मानी जा सकती है, क्योंकि हर कोई विज्ञान को जितना समझें, उसे उतना ही कम लगता है। चार से पांच साल की उम्र का होने पर बच्चों को हर दिन आकाशगंगा, पृथ्वी या अन्य ग्रह के बारे में कुछ हैरत भरी बातें बता सकते हैं। चाहें, तो बच्चे को एक छोटा टेलीस्कोप भी दे सकते हैं, ताकि वो रात में तारों को काफी करीब से देख सके। साथ ही अगर शहर में तारामंडल (Planetarium) है तो कभी-कभी बच्चे को तारामंडल दिखाने भी ले जा सकते हैं, इससे उनकी रुचि बढ़ेगी।
31. मौसम विज्ञान
मौसम विज्ञान या ऋतुविज्ञान (Meteorology) भी बच्चे की हॉबी लिस्ट में जोड़ी जा सकती है। इसमें मौसम और उसके पूर्वानुमान का अध्ययन किया जाता है। जब बच्चा पांच साल से बड़ी उम्र का हो जाए और वो मौसम और उसमें होने वाले बदलावों को समझने लगे, तो उसे मौसम विज्ञान के उपकरणों के उपयोग से भी परिचित करा सकते हैं। इनमें रेन गेज या रिमोट रीडिंग थर्मामीटर आदि, शामिल हैं। साथ ही बच्चे के इस शौक को बढ़ाने के लिए उसे स्थानीय मौसम केंद्र या मौसम विज्ञान संबंधी शिक्षा प्रदान करने वाले वर्कशॉप या क्लासेज में एडमिशन भी दिला सकते हैं।
32. कीटविज्ञान
अगर किसी से पूछा जाए कि एक कॉकरोच कितने दिन बिना पानी पिए जी सकता है, तो शायद इसका सही जवाब बहुत ही कम लोगों को पता होगा। ऐसे ही कई हैरान करने वाले सवालों के जवाब के बारे में हमें कीटविज्ञान (Entomology) जानकारी देता है। अगर बच्चे को तितली या दूसरे कीड़े पकड़ने का शौक है, तो उसके लिए भी कीटविज्ञान एक हॉबी बन सकती है।
इस तरह की गतिविधियों में बच्चा विभिन्न कीड़ों के जीवन चक्र, उनके खाने का पैटर्न, विकास का पैटर्न, आदि की जानकारी इकट्ठा कर सकता है। इसके लिए बच्चे को कीटविज्ञान से जुड़े वर्कशॉप और अन्य गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं। इसके अलावा, किताबों और इंटर्नेट के जरिए भी बच्चों को इससे जुड़ी जानकारियां दे सकते हैं।
33. जियोकैचिंग
जियोकैचिंग (Geocaching) एक तरह का आउटडोर एक्टिविटी है। इसे ट्रेजर हंट की ही तरह खेला जाता है। इसमें बच्चे को कुछ चीजों को छिपाने व तलाशने के लिए कहा जाता है। इन वस्तुओं को “जियोकैच” या “कैच” कहा जाता है। इस तरह की हॉबीज में बच्चों को जीपीएस वाले मोबाइल फोन की जरूरत हो सकती है।
अगर बच्चे जियोकैचिंग नहीं भी खेल सकते हैं, तो वे इस खेल को ट्रेजर हंट की तरह खेल सकते हैं। इसके लिए घर में ही उनके लिए किसी चिट में कुछ क्लू रख सकते हैं, और उनकी पसंदीदा चीज ढूंढने के लिए हिंट दे सकते हैं। इस तरह के हॉबीज न सिर्फ बच्चे के लिए एक मजेदार खेल हो सकते हैं, बल्कि उनके मानसिक कौशल को बढ़ाने में भी मददगार माने जा सकते हैं।
आगे हम बच्चे के लिए कुछ मजेदार चीजों को एकत्रित करने से जुड़ी हॉबीज बता रहे हैं।
रुचि एकत्रित करना
अगर आपके बच्चे को चीजें संभाल कर रखने की आदत है, तो आप उसे चीजें इक्ठ्ठा करने का शौक सिखा सकते हैं। यह सुनने में थोड़ा अजीब होता है, लेकिन ऐसी हॉबी बच्चे के लिए काफी उपयोगी हो सकती है।
34. सिक्के इक्ठ्ठा करना
सिक्के इक्ठ्ठा करना हर उम्र के लोगों का शौक हो सकता है, जिसे बच्चों का भी शौक बनाया जा सकता है। भारतीय मुद्रा की बात करें, तो एक ही सिक्के के कई अलग-अलग डिजाइन होते हैं। वहीं, कई सिक्कों का इस्तेमाल तो आज की तारीख में बंद भी हो गया है। तो ऐसे ही सिक्कों को संभाल कर रखने का शौक बच्चो को सिखाया जा सकता है। साथ ही, बच्चे को म्यूजियम भी लेकर जाएं, जहां पर बच्चे प्राचीन काल के सिक्कों को भी देख सके और उनके बारे में जानकारी एकत्रित कर सके। इससे बच्चे में देश के प्राचीन चीजों और परंपरा से जुड़ी जानकारियों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
35. टिकट इक्ठ्ठा करना
टिकट इक्ठ्ठा करने के शौक से बच्चा आसानी से दूसरी भाषाओं, इतिहास और संस्कृतियों के बारे में सीख सकता है। वैसे तो आज के समय में इन टिकट्स का बहुत ही कम इस्तेमाल होता है, लेकिन फिर भी डाक घर जाकर बच्चा आसानी से टिकट इक्ठ्ठा कर सकता है। साथ ही जब भी किसी दूसरे शहर या देश में जाएं, तो वहां का भी टिकट लाकर बच्चे को दे सकते हैं। इसके अलावा, बच्चे को टिकट के बारे में जानकारी देने के लिए ऑनलाइन टिकट्स खरीदकर भी उन्हें इनके प्रति जागरूक कर सकते हैं, जिससे उनकी रुचि इनके प्रति बढ़े।
36. कार्ड्स
पैरेंट्स कार्ड्स गेम के जरिए भी बच्चों को कई तरह की चीजें सिखा सकते हैं। बच्चों को हिस्ट्री कार्ड, ट्रैवल कार्ड, स्पोर्ट्स कार्ड, आदि खेलने के लिए दे सकते हैं। इससे बच्चों की जेनेरल नॉलेज बढ़ाने में मदद हो सकती है। चाहें तो बच्चे के लिए प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा कहे गए कोट्स के कार्ड भी ले सकते हैं और उन्हें ऊं कोट्स को समझा सकते हैं।
37. कॉमिक और किताबें
बच्चों को कॉमिक्स बुक्स के साथ ही अलग-अलग विषयों पर लिखी गई किताबें भी पढ़ने के लिए दे सकते हैं। यह बच्चों की भाषा व शब्दावली में सुधार करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह बच्चे में पढ़ने की आदत को भी बढ़ा सकता है। इसके लिए बच्चों को खास मौको पर कॉमिक्स बुक्स गिफ्ट करें व उन्हें इन्हें पढ़ने का माहौल भी दें। अगर उनका कोई पसंदीदा कार्टून करैक्टर है, तो आप उनकी पसंद के करैक्टर का कॉमिक बुक भी उन्हें पढ़ने के लिए दे सकते हैं।
इसके अलावा, किताबों के जरिए बच्चा कई विषयों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकता है। अगर बच्चे की रुचि किसी एक ही विषय में अधिक है, तो उसे उसी विषय से संबंधित किताबें दे सकते हैं।
38. पत्थर और सीप का कलेक्शन
आप जहां भी बच्चों के साथ छुट्टियों पर जाएं, तो उन्हें वहां की निशानी के तौर पर पत्थर व सीप के कलेक्शन करने के लिए कह सकते हैं। जैसे यदि आप किसी समुद्र वाली लोकेशन पर जा रहे हैं, तो वहां से बच्चों को सीप एकत्रित करने के लिए कह सकते हैं। धीरे-धीरे ये बच्चे की आदत में आ जाएगा। आगे वो अपनी हर छुट्टी से ऐसी ही कोई न कोई याद साथ लेकर आएंगे। माता-पिता अपने बच्चों को इन सीप और पत्थर के साथ कुछ क्रिएटिव करने का टास्क भी दे सकते हैं।
लेख के आखिरी भाग में पढ़ें बच्चे के इनडोर गतिविधियों से जुड़ी रुचि के बारे में।
इनडोर गतिविधियां और हॉबी
बच्चों को बिजी रखने के लिए व उनका मन लगाए रखने के लिए कुछ इंडोर एक्टिविटी में उन्हें इन्वोल्व कर सकते हैं। नीचे हम कुछ ऐसे ही इंडोर एक्टिविटीज के बारे में बता रहे हैं, जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद कर सकते हैं। तो इनडोर एक्टिविटी कुछ इस प्रकार हैं:
39. कैरम
कैरम एक आसान और मल्टीप्लेयर बोर्ड गेम है। इसे बच्चा दो से चार लोगों के साथ खेल सकता है, जिसमे परिवार व दोस्तों को भी शामिल किया जा सकता है। इतना ही नहीं, कैरम बच्चा अकेले भी खेल सकता है। कैरम खेलने से बच्चे का सामाजिक रूझान और विकास तो अच्छा हो ही सकता है, साथ ही बच्चे के मन में संयम रखने और शांत होकर किसी कार्य को करने की आदत में भी सुधार हो सकता है। इसलिए, कैरम जैसे इनडोर गतिविधि को बच्चे की रुचि में शामिल कर सकते हैं।
40. पजल्स
पजल्स जैसे खेल आसानी से हर उम्र के बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं। इन्हें एक तरह का दिमागी व्यायाम भी कह सकते हैं, क्योंकि पजल्स को सुलझाने का मतलब होता है दिमाग के सभी घोड़ों को दौड़ाना। शायद यही वजह है कि पजल्स जैसे शौक रखने या खेलने से बच्चे का संज्ञानात्मक ज्ञान और कौशल बढ़ सकता है (10)। साथ ही उसका मूड भी अच्छा हो सकता है। बच्चे में इस तरह के शौक बनाने के लिए माता-पिता बच्चे को किसी घर, गाड़ी या जानवर की तस्वीर वाली पजल्स दे सकते हैं।
41. सुडोकू गेम
सुडोकू एक मैथमेटिकल ब्रेन गेम है, जो बच्चों के दिमाग को तेज करने में मदद कर सकता है। आठ साल से ऊपर के बच्चों को फ्री टाइम में सुडोकू गेम खेलने के लिए दे सकते हैं। इससे दिमाग की एक्सरसाइज हो जाती है। इस गेम के अलग-अलग लेवल होते हैं। धीरे-धीरे बच्चे के लिए इस पजल का लेवल बढ़ा सकते हैं।
42. स्टोन पेंटिंग
बच्चों के लिए इंडोर एक्टिविटी में स्टोन पेंटिग भी शामिल है। पेंटिग करना ज्यादातर बच्चों को पसंद होता है। ऐसे में आप अपने बच्चो को स्टोंन पर पेंटिग करने के लिए दे सकते हैं। बच्चों द्वारा पेंट किए गए स्टोन को उनकी स्टडी टेबल या घर में किसी जगह पर डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से वे प्रोत्साहित होंगे और इस ओर उनका रुझान और बढ़ेगा।
हॉबी किसी के लिए भी एक मनोरंजक गतिविधि है। इससे नई चीजों का ज्ञान तो मिलता ही, साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों को ऐसी ही हॉबीज के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही बच्चे की शुरुआती गतिविधियों की निगरानी करके भी पैरेंट्स बच्चे के विभिन्न शौक का पता लगा सकते हैं। ध्यान रखें कि अगर बच्चा किसी शौक के कारण बुरी आदतें सीख रहा है या उसी काम को दिन भर करने की जिद करता है, तो उसके लिए उस हॉबी से जुड़ी गतिविधियों को करने का एक समय तय करें। ऐसे में इस दौरान उनके पढ़ाई या अन्य गतिविधियों में बाधा पड़ने से बचाव हो सकता है।
References
1. Association of Enjoyable Leisure Activities With Psychological and Physical Well-Being By NCBI
2. Do Experiences With Nature Promote Learning? Converging Evidence of a Cause-and-Effect Relationship By NCBI
3. Psychological Restoration through Indoor and Outdoor Leisure Activities By Researchgate
4. Swimming – health benefits By Betterhealth
5. Cycling – health benefits By Betterhealth
6. Canoeing and kayaking – health benefits By Betterhealth
7. The Benefits of Singing for Children By Researchgate
8. Lifetime benefits of musical training By NCBI
9. The role of arts activities in developing resilience and mental wellbeing in children and young people a rapid review of the literature By Pubmed
10. Does Video Gaming Have Impacts on the Brain: Evidence from a Systematic Review By NCBI
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.