विषय सूची
बांस का नाम तो सबने सुना है, लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि बांस को खाया भी जाता है। आप जो लंबे-लंबे बांस देखते हैं, उन बांस के औषधीय गुण अनगिनत हैं, जिनसे कई लोग अनजान हैं। शायद आप सोच रहे होंगे, इतने सख्त बांस का इस्तेमाल स्वस्थ रहने के लिए कैसे किया जा सकता है। असल में बांस का सख्त भाग नहीं, बल्कि इसकी कोंपलों का उपयोग खाने के लिए किया जाता है। सदियों से औषधि के रूप में इसे इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह कैसे फायदेमंद होता है, इसके बारे में जानने के लिए स्टाइलक्रेज का यह लेख पढ़ें। यहां बांस के फायदे, उपयोग और नुकसान सबके बारे में विस्तार से बताया गया है।
शुरू करते हैं लेख
सबसे पहले जानते हैं कि बांस आखिर क्या है। इसके बाद हम बांस के औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे।
बांस क्या है? – What Is Bamboo Shoots in Hindi
बम्बू का वैज्ञानिक नाम बैम्बू सोडिया (Bambusoideae) है (1)। इसका पौधा बहुत कोमल होता है। इससे निकलने वाली कलियां व कोपलों को खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इन बांस की कोंपलों को इंग्लिश में बम्बू शूट्स कहा जाता है। यह कई सारे औषधीय गुणों के साथ पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इसी वजह से आयुर्वेद में कई तरह के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
पढ़ते रहें लेख
बांस क्या है, इसके बारे में तो आप जान गए हैं। चलिए, अब बात करते हैं कि बम्बू शूट्स के औषधीय गुणों की।
बांस के औषधीय गुण
बम्बू को एशियाई देशों में काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद फेनोलिक कंपाउंड के कारण यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल गतिविधि दिखाता है (1)। इसके अलावा, बांस की कोंपलों में एंटी एजिंग प्रभाव भी होता है। इन सभी गतिविधियों और प्रभाव के कारण इससे शरीर को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं, जिनके बारे में हम लेख के अगले भाग में विस्तार से बताएंगे (2)।
स्क्रॉल करें
चलिए, अब आगे बांस के फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
बांस के फायदे – Benefits of Bamboo Shoots in Hindi
हम बता ही चुके हैं कि बांस के औषधीय गुण अनगिनत हैं। इन गुणों से होने वाले फायदे यानी बेनिफिट्स ऑफ बम्बू शूट्स में दस्त या डायरिया से राहत दिलाना, त्वचा संबंधी समस्याएं और कान दर्द को कम करना शामिल है। बस ध्यान दें कि बांस की कोंपलें को किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं समझना चाहिए। हां, इसे स्वस्थ रहने के लिए डाइट में शामिल किया जा सकता है।
1. दस्त के लिए बांस खाने के फायदे
बांस के शूट्स का उपयोग दस्त के घरेलू उपचार के रूप में किया जा सकता है। दरअसल, इसमें ग्लूकोसाइड, न्यूक्लियस एंजाइम, बीटेन और साइनोजेन केमिकल कंपाउंड होते हैं, जो दस्त के उपचार में सहायक होते हैं (3)। इसी वजह से दस्त के लिए बांस की कोंपलों को फायदेमंद माना जा सकता है।
2. सांस संबंधी समस्याओं के लिए
एक रिसर्च पेपर के मुताबिक सांस संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी बांस की कोंपलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। बांस की कोंपलों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ पीने से श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकतू है (4)। दरअसल, इंफ्लेमेशन की वजह से कई श्वसन संबंधी परेशानियां होती हैं (5)। ऐसे में माना जा सकता है कि बांस की कोंपलों में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव इंफ्लेमेशन को कम करके सांस संबंधी समस्याओं को दूर कर सकता है (6)।
3. कान दर्द से दिलाए राहत
कान दर्द में भी बांस की कोंपलों को फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव होता है, जो दर्द को कम कर सकता है। इसी वजह से माना जाता है कि कान दर्द को कम करने में बांस की कोपलें मदद कर सकती है (6)। बस ध्यान दें कि कान में दर्द होने के कई कारण हो सकते है, जैसे – कान में इंफेक्शन, दांत में इंफेक्शन, जबड़े में दर्द (7)। इसी वजह से इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
4. खांसी के लिए
निफिट्स ऑफ बम्बू शूट्स में खांसी दूर करना भी शामिल है। जी हां, अगर मौसम के बदलने के साथ हर बार कफ की समस्या हो जाती है, तो इसके लिए बांस की कोंपलों का उपयोग किया जा सकता है। हाल के अनुसंधान में पाया गया है कि इन कोंपलों में चोलाइन न्यूट्रिएंट, साइनोजेन केमिकल कंपाउंड और ग्लूकोसाइड एंजाइम होते हैं,, जो खांसी के घरेलू उपचार में सहायक हो सकते हैं (3)। खांसी से आराम पाने के लिए बम्बू शूट्स का जूस बनाकर सेवन करने से जल्दी आराम मिल सकता है।
5. डायबिटीज के लिए
बांस खाने के फायदे में डायबिटीज नियंत्रण भी शामिल है। अध्ययनों से यह पता चलता है कि बांस में मौजूद घुलनशील डाइटरी फाइबर मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। फाइबर शरीर में कार्बोहाइड्रेट के ब्रेकडाउन और शुगर के अवशोषण को धीमा करता है, जिससे मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (8)।
6. पीरियड्स की परेशानियों के लिए बांस खाने के फायदे
मासिक धर्म चक्र या पीरियड्स की समस्या से हर महिला को जूझना पड़ता है। किसी का मासिक धर्म चक्र अनियमित होता है, तो किसी को हद से ज्यादा दर्द होता है। बताया जाता है कि बांस की कोंपले पीरियड्स को रेगुलेट करने में मदद कर सकती हैं (9)। इसके अलावा, बांस की कोंपलों में मौजूद एनाल्जेसिक प्रभाव से पीरियड्स के दर्द को कम हो सकता है (6)। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि इसका कौन सा गुण पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है।
7. त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए
बांस सीधे तौर पर त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करने में सहायक है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। हां, बांस से बने विनेगर यानी सिरका त्वचा स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित हो सकता है। एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि बम्बू विनेगर त्वचा की बाहरी परत (Skin Barrier) को बेहतर करने और त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने में मदद कर सकता है (10)।
8. अल्सर के इलाज में बांस खाने के फायदे
एक रिसर्च में यह पाया गया है कि बांस में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी अल्सर गुण होते हैं। ये दोनों ही प्रभाव पेट के अल्सर से बचाव करने में मदद कर सकते हैं (11)। इसके लिए बांस के पत्तों का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं या फिर बांस की कोंपलों की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
9. बुखार के लिए बांस का उपयोग
मौसम के बदलने के साथ बार-बार बुखार आना आम समस्या होती है। ऐसे में बांस को बुखार के घरेलू उपचार में मददगार माना जाता है। अनुसंधानों के दौरान चूहों पर प्रयोग करके यह पाया गया है कि बांस के पत्तों में एंटीपायरेटिक गुण होता है, जो फीवर को कम करने में सहायता कर सकता है (12)।
10. शरीर को देता है ठंडक
शरीर को अंदर से शीतल व ठंडा करने में भी बांस मदद कर सकता है। दरअसल, बांस में कूलिंग इफेक्ट होता है, जो शरीर को शीतलता प्रदान कर सकता है (4)। इस कूलिंग इफेक्ट को स्किन के लिए भी फायदेमंद माना जाता है (13)।
11. पाइल्स के लिए बांस का उपयोग
पाइल्स की समस्या को दूर करने में बांस का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो बवासीर की समस्या से कुछ हद तक राहत दिला सकता है। इसी वजह से बांस को पाइल्स का घरेलू इलाज माना जाता है (8)।
12. मूत्र संबंधी समस्या (Dysuria) में फायदेमंद
बांस का औषधीय गुण मूत्र संबंधी समस्या को दूर करने में सहायता कर सकता है। मूत्र संबंधी परेशानियों में पेशाब करते वक्त जलन होना, रूक-रूक कर पेशाब होना, पेशाब करते वक्त दर्द जैसी समस्याएं शामिल हैं। रिसर्च में बताया गया है कि बम्बू के अर्क में यूरिनरी डिस्फंक्शन यानी पेशाब संबंधी समस्या को ठीक कर सकता है (11)। अनुसंधानों से यह साफ तौर पर अभी तक पता नहीं चला है कि बांस का कौन-सा गुण यूरीनरी समस्या को दूर करने में सहायक है।
13. एरीसिपेलस (Erysipelas)
एरीसिपेलस एक तरह का स्किन इंफेक्शन है, जिसमें त्वचा की बाहरी परत प्रभावित होती है (14)। इसके कारण चेहरे पर लाल रंग के चकत्ते और सूजन होती है (15)। इस संक्रमण को एंटीबायोटिक्स की मदद से कम किया जा सकता है (14)। यह गुण बांस की पत्तियों में मौजूद होता है (16)। इसी वजह से माना जाता है कि बांस की पत्तियों के पेस्ट को पीसकर त्वचा पर लगाने से इस स्किन इंफेक्शन के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
आगे बढ़ते हैं
लेख में अब जानिए बांस के पौष्टिक तत्व। इसके बाद हम उपयोग और बांस खाने के नुकसान के बारे में बताएंगे।
बांस के पौष्टिक तत्व – Bamboo Shoots Nutritional Value in Hindi
बम्बू में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं, यह जानकारी हम टेबल के माध्यम से नीचे दे रहे हैं। इस टेबल में सभी पोषक मूल्य 100 ग्राम बांस की कोंपलों के हिसाब से दिए गए हैं (17) –
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
पानी | 91.9g |
एनर्जी | 41kcal |
प्रोटीन | 1.68g |
लिपिड(फैट) | 2.93g |
कार्बोहाइड्रेट | 3.13g |
फाइबर | 1.4g |
शुगर | 1.84g |
कैल्शियम | 8mg |
आयरन | 0.31mg |
मैग्नीशियम | 4mg |
फास्फोरस | 25 mg |
पोटेशियम | 78mg |
सोडियम | 16mg |
जिंक | 0.63mg |
कॉपर | 0.111mg |
सेलेनियम | 0.5µg |
विटामिन सी | 1mg |
थायमिन | 0.024mg |
राइबोफ्लेविन | 0.026mg |
नियासिन | 0.136mg |
विटामिन बी-6 | 0.148mg |
फोलेट (टोटल) | 3µg |
फोलेट (फूड) | 3µg |
फोलेट (डीएफई) | 3µg |
क्लोरीन | 0.2mg |
विटामिन ए | 12µg |
रेटिनॉल | 10µg |
कैरोटीन बीटा | 13µg |
विटामिन ई | 0.91mg |
विटामिन के | 2.40µg |
फैटी एसिड्स | 0.812g |
कोलेस्ट्रॉल | 2mg |
बने रहें हमारे साथ
आगे जानते हैं कि बांस का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है।
बांस का उपयोग – How to Use Bamboo in Hindi
बम्बू का उपयोग दैनिक जीवन में कई तरह से किया जा सकता है। विस्तार से इसके बारे में नीचे आप पढ़ सकते हैं।
- बम्बू शूट्स का सेवन सब्जी के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए ताजा बांस के अंकुरों को काटकर लगभग 20 मिनट तक उबालें और नरम होने के बाद सब्जी बना लें।
- बांस का उपयोग सूप बनाकर पीने के लिए भी किया जा सकता है।
- बांस की कोंपलों का चूर्ण बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- बांस की कोंपलें और पत्तों का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
- इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगा सकते हैं।
- इसके अलावा, बांस का मुरब्बा भी बनाया जाता है।
- बांस की कोपलों का अचार भी बनता है।
कितनी मात्रा में खाएं : बम्बू शूट्स का सेवन कितनी करना चाहिए, इसकी सटीक मात्रा स्पष्ट नहीं है। हां, इसको लेकर किए गए रिसर्च में 6 दिनों तक प्रतिदिन 360 g बांस की कोंपले लोगों को खिलाई गईं ()। अध्ययन के आधार पर इस मात्रा को सुरक्षित माना जा सकता है। वैसे बेहतर होगा कि इसे डाइट में शामिल करने से पहले एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह ली जाए।
पढ़ते रहें लेख
अब जानते हैं कि बांस को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। उसके बाद बांस खाने के नुकसान की बात करेंगे।
बांस को लम्बे समय तक सुरक्षित कैसे रखें – How to Store Bamboo Shoots in Hindi
आप बम्बू शूट्स को दो हफ्तों तक फ्रिज में रख सकते हैं। इसको लंबे समय तक रखने पर इसका स्वाद हल्का कड़वा हो सकता है। इसी वजह से अगर आप कम से कम दो महीने तक बांस को स्टोर करना चाहते हैं, तो इस तरीके को अपनाएं।
- मुलायम बांस के अंकुरों को एक साथ पानी में अच्छी तरह से धो लें।
- उसके बाद बाहरी छिलके को निकालकर पतला-पतला काट लें।
- अब उन सब टुकड़ों को एक डब्बे में डालें और फिर ऊपर से पानी, थोड़ा सा सिरका डालकर प्लास्टिक शीट से ढक दें और ऊपर से किसी भारी चीज से दबा दें।
- बीच-बीच में जो टुकड़े खराब होने लगे, उनको निकालकर फेंकते रहें।
- दो महीने के बाद नेचुरल फर्मेंटेशन के बाद इसे डिब्बाबंद जार में रख सकते हैं।
- इस दौरान हमेशा टोकरी को खोलकर देखते रहें और खराब होने वाले टुकड़ों को फेंक दें।
स्क्रॉल करके आगे लेख पढ़ें
हम अब बता रहे हैं कि बम्बू शूट्स कहां से खरीद सकते हैं। इसके बाद बांस खाने के नुकसान की भी बात करेंगे।
बांस कहां से खरीदें?
बम्बू शूट्स को गांव-घर के लोग बांस की खेती करने वालों के यहां से खरीद सकते हैं। शहरवासी इसे सुपर मार्केट्स से ले सकते हैं। ये बम्बू शूट्स आसानी से ऑनलाइन ग्रोसरी स्टोर में भी मिल जाते हैं।
लेख में जुड़े रहिए
आगे पढ़ते हैं बांस खाने के नुकसान यानी साइड इफेक्ट्स ऑफ बम्बू शूट्स।
बांस खाने के नुकसान – Side Effects of Bamboo Shoots in Hindi
अब तक आपने बांस खाने के फायदों के बारे में पढ़ा, लेकिन बांस खाने के नुकसान भी होते हैं। अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में या आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार न करने पर ही साइड इफेक्ट्स ऑफ बम्बू शूट्स नजर आते हैं। चलिए, पढ़ते हैं बांस खाने से नुकसान।
- गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए (1)।
- थायराइड की समस्या वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, यह थायराइड फंक्शन को प्रभावित कर सकता है (11)।
- पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (11)।
- इसके अधिक सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है यानी हाइपरयूरिसीमिया हो सकता है (11)।
अंत तक पढ़ें लेख
लेख के आखिरी भाग में बांस से जुड़ी सावधानियों के बारे में जानिए
बांस खाने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां
बांस खाने के फायदे यकीनन कई हैं, लेकिन इससे जुड़ी कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी है। क्या हैं ये सावधानियां और जरूरी टिप्स नीचे जानिए।
- बांस की कोंपलों को अच्छी तरह से छील लें। इसके बाहर के छिलके में हल्के बाल होते हैं, इसलिए दस्ताने पहनकर इसे निकालें।
- इसे छिलते हुए बाहर के कवर का कालापन और बाल अंदर की कोंपलों पर लग सकता है, इसलिए इसे छिलने के बाद अच्छी तरह से छोएं।
- धोने के बाद इसे बारीक काटकर 20 से 30 मिनट तक उबाल लें। बिना उबालें इसे बिल्कुल भी न बनाएं।
- अगर कोंपलें बहुत मुलायम हैं, तो भी इसे कम से कम 10 मिनट तक जरूर उबालें।
- इसे स्टोर करके रखा है,तो पकाने से पहले दोबारा अच्छी तरह से धोएं।
अब तक की चर्चा से आप जान ही चुके होंगे कि बांस की कोंपलों के अनगिनत फायदे होते हैं। इन फायदों को पाने के लिए बांस की कोंपलों को खाने से पहले कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है, जिनके बारे में हमने ऊपर लेख में विस्तार से बताया है। साथ ही इसकी मात्रा का भी ध्यान रखें, वरना बांस की कोंपले खाने के नुकसान भी हो सकते हैं। इसी वजह से इसका सेवन संयमित मात्रा में ही करना चाहिए। अब हम पाठकों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या डिब्बाबंद बम्बू शूट्स हेल्दी होते हैं?
जी हां, ये हेल्दी होते हैं और आम तौर पर पहले से पकाए हुए होते हैं। सब्जी बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।
कितने समय तक बम्बू शूट्स को उबालना चाहिए?
बांस की ताजा कोंपलों को करीब 20 से 30 मिनट तक उबाल सकते हैं। 20 मिनट बाद जैसे ही ये नरम और मुलायम हो जाएं, तो उन्हें निकाल लें।
कच्चे बम्बू शूट्स को कैसे पकाना चाहिए?
बांस के नुकीले भाग और रेशे वाले अंश को निकाल दें। एक बर्तन में पानी लेकर मध्यम आंच में 20 मिनट तक उबालें। 20 मिनट के बाद पानी को फेंक कर कम आंच में बांस को नरम होने तक पकाएं। इससे साइड इफेक्ट्स ऑफ बम्बू शूट्स से बचा जा सकता है। दरअसल, उबालने से इसके हाइड्रोसायनिक एसिड को निकालने में मदद मिलती है (18)। इस एसिड से नुकसान का खतरा हो सकता है।
काले बम्बू शूट्स खाने योग्य होते हैं?
हां, काले यंग शूट्स को उबालने के बाद पकाकर खाया जा सकता है।
क्या बम्बू शूट्स को हजम करना मुश्किल होता है?
नहीं, अगर उपयोग करने के पहले ताजे बांस की कोंपलों का छिलका निकालकर लगभग 20 मिनट तक उबाला जाए, तो इसे हजम करना आसान होता है। साइड इफेक्ट्स ऑफ बम्बू शूट्स से बचने के लिए शूट्स को उबालना जरूरी है।
क्या बम्बू शूट्स की महक अजीब होता है?
इसे अजीब नहीं अलग कहा जा सकता है। बम्बू शूट्स से थोड़ी अलग महक आती है।
शूट्स की महक को कैसे दूर किया जा सकता है?
वैसे तो महक को निकालने के लिए कई तरीकों को आजमाया जाता है। उनमें से एक तरीका है कि एक बर्तन में चाय की पत्ती डालकर उबाल लें। अब उसमें एक तौलिया डालकर अच्छी तरह भिगो लें। फिर उस तौलिए से बांस को अच्छी तरह से साफ करें। इससे बांस की खराब महक थोड़ी बेहतर हो जाएगी।
क्या बांस के शूट्स में साइनाइड (Cyanide) होता है?
हां, इसमें स्यानोजेनिक ग्लाइकोसाइड्स (Cyanogenic Glycosides) नाम का टॉक्सिक कंपाउंड होता है, जो टूटकर हाइड्रोजन साइनाइड बन जाता है। इसी कारण बांस का स्वाद कड़वा हो जाता है (18)। तभी इसे उबालने की सलाह दी जाती है।
क्या बम्बू शूट्स गैस्ट्रिक प्रॉब्लम को दूर करने में सहायक होते हैं?
बांस में डाइटरी फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जिस वजह से यह बाउल फंक्शन को बेहतर करने में सहायक हो सकता है (19)। जब बाउल फंक्शन बेहतर रहता है, तो पेट संबंधी परेशानी से बचाव हो सकता है।
क्या बम्बू शूट्स में यूरिक एसिड का लेवल हाई होता है?
हां, बांस शूट्स में यूरिक एसिड हाई होता है, लेकिन इसे उबालने पर यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है (20)।
बांस का मुरब्बा खाने के फायदे क्या हैं?
बांस का मुरब्बा खाने के फायदे कई हैं, जिनके बारे में हम ऊपर लेख में विस्तार से बता चुके हैं।
क्या बांस के इस्तेमाल से सांप के काटने से बचा जा सकता है?
बांस सांप के काटने से बचा सकता है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। इसपर किसी तरह का वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। वैसे सांप के काटने से शरीर में जहर फैलता है और ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।
References
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- Evolution of the bamboos (Bambusoideae; Poaceae): a full plastome phylogenomic analysis
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25887467/ - Value addition to bamboo shoots: a review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3550903/ - Bamboo shoots as a nutritive boon for Northeast India: an overview
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5489443/ - Potential Medicinal Application and Toxicity Evaluation of Extracts from Bamboo Plants
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4659479/ - Inflammatory mechanisms in the lung
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3218724/ - Bamboo shoots: Beneficial effects on health
http://researchjournal.co.in/ONLINE/RKE/RK%20Eng%20%20%2010%20(2)/10_78-81.pdf - Earache
https://medlineplus.gov/ency/article/003046.htm - Bamboo Shoot as a Potential Source of Dietary Fiber for Food fortification
https://worldbamboo.net/wbcxi/papers/Bisht,%20M.S.,%20Nirmala%20Chongtham,%20Oinam%20Santosh.pdf - The Nutritional Facts of Bamboo Shoots and Their Usage as Important Traditional Foods of Northeast India
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4897250/ - Potential Medicinal Application and Toxicity Evaluation of Extracts from Bamboo Plants
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4659479/ - Anti-inflammatory And Antiulcer Activity Of Bambusa Arundinacea
https://www.researchgate.net/publication/10576972_Anti-inflammatory_and_antiulcer_activites_of_Bambusa_arundinacea - Analgesic And Antipyretic Activities Of Ethanolic Extract Of Bambusa Arundinacea Leaves
https://www.researchgate.net/publication/318489883_ANALGESIC_AND_ANTIPYRETIC_ACTIVITIES_OF_ETHANOLIC_EXTRACT_OF_BAMBUSA_ARUNDINACEA_LEAVES - Bamboo’s Extract for Rejuvenating Skin
https://www.ijsdr.org/papers/IJSDR1907024.pdf - Erysipelas
https://medlineplus.gov/ency/article/000618.htm - Erysipelas on the face
https://medlineplus.gov/ency/imagepages/2561.htm - Antibacterial compounds from shoot skins of moso bamboo (Phyllostachys pubescens)
https://link.springer.com/article/10.1007/s10086-012-1310-6 - Bamboo shoots, cooked
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/1103431/nutrients - Determination of cyanide in bamboo shoots by microdiffusion combined with ion chromatography–pulsed amperometric detection
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5936929/#:~:text=It%20is%20reported%20that%20fresh,which%20limits%20the%20edible%20value. - Effects of bamboo shoot consumption on lipid profiles and bowel function in healthy young women
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19285833/ - Degradation Kinetics of Cyanide and Uric acid in Bamboo Shoot during Boiling Process
https://dl.acm.org/doi/abs/10.1145/3180382.3180396
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.