Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

चंदन के तेल को प्राचीन समय से ही त्वचा, सेहत और बालों के लिए उपयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको चंदन के तेल के गुण, उपयोग और फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। बेशक, कई शारीरिक समस्याओं में चंदन के तेल का इस्तेमाल काफी हद तक मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसे समस्याओं का पूर्ण इलाज नहीं कहा जा सकता। इसलिए, इसके किसी भी प्रकार के उपयोग से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। यह जरूर है कि इसे इस्तेमाल में लाने से विभिन्न समस्याओं से कुछ राहत मिल सकती है।

आइए, चंदन के तेल के गुण और चंदन के तेल के फायदे जानने से पहले थोड़ा चंदन के तेल के बारे में जान लेते हैं।

चंदन का तेल क्‍या है? – What is Sandalwood Oil in Hindi

चंदन के पेड़ से तैयार किए जाने वाले तेल को चंदन का तेल कहा जाता है। इसमें चंदन के वृक्ष के समान औषधीय गुण और सुगंध मौजूद होती है। चंदन का वैज्ञानिक नाम सैंटालम एल्बम (Santalum Album) है। इसके पेड़ को सभी वृक्षों में सबसे सुगंधित माना गया है। कहा जाता है कि जितने पुराने चंदन के पेड़ से तेल बनाया जाता है, वह उतना ही गुणवान और फायदेमंद साबित होता है।

चंदन के तेल के बारे में जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम आपको चंदन के तेल के फायदे से जुड़ी जानकारी देंगे।

चंदन के तेल के फायदे – Benefits of Sandalwood Oil in Hindi

1. अनिद्रा की समस्या के लिए

चंदन के तेल में सैंटालोल (Santalol) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित तनाव को दूर कर अनिद्रा की समस्या से राहत दिलाने में सहायता कर सकता है। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि चंदन के तेल से सिर की मसाज कर नींद न आने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है (1)

2. चिंता से दिलाए मुक्ति 

चंदन के तेल से संबंधित एक शोध में पाया गया कि चंदन के तेल से मसाज करने से चिंता और तनाव जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि चिंता और तनाव को दूर रखने के लिए चंदन के तेल की मसाज काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।

3. सूजन से दिलाए राहत

चंदन के तेल के गुण में से एक यह भी है कि यह त्वचा से संबंधित सूजन को दूर करने में भी सकारात्मक परिणाम दे सकता है। दरअसल, इसमें कई औषधीय गुणों के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव भी पाया जाता है (3)। इस कारण यह माना जा सकता है कि यह त्वचा पर आने वाली किसी भी तरह की सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

4. मूत्र मार्ग के संक्रमण में लाभदायक

मूत्र मार्ग के संक्रमण में चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ की बात करें, तो इसमें एंटीसेप्टिक (बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने वाला), डियूरेटिक्स (मूत्रवर्धक), एंटीस्कैबिएटिक (संक्रमण से बचाव करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। यह तीनों प्रभाव संयुक्त रूप से मूत्राशय और मूत्र मार्ग से संबंधित संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं और साथ ही यूरीनेशन की प्रक्रिया में भी आराम दिला सकते हैं (4)

5. एंटीसेप्टिक एजेंट के रूप में करता है कार्य

जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि चंदन के तेल में एंटी-सेप्टिक (बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकना) प्रभाव भी पाया जाता है (4)। इस कारण यह शरीर को अंदर और बाहर दोनों स्थितियों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाव करने में सहायक साबित हो सकता है।

6. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए

प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने के साथ-साथ प्रतिरोधक प्रणाली से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी चंदन का तेल सहायक साबित हो सकता है। सोराइसिस की समस्या के लिए चंदन के तेल के फायदे पर किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह समस्या प्रतिरोधक प्रणाली में गड़बड़ी के कारण भी हो सकती है, जिसके इलाज में चंदन का तेल मदद कर सकता है (3)। इस प्रकार कहा जा सकता हैं कि यह प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। हालांकि, सीधे तौर पर यह प्रतिरोधक क्षमता पर कैसे काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. याददाश्त में करे सुधार

चंदन के तेल के फायदे याददाश्त में सुधार करने के भी काम आ सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें कूलेंट (ठंडा करने वाला) गुण पाया जाता है। यह गुण तनाव को कम करता है। इसके अलावा, इसमें कई अन्य ऐसे खास तत्व भी मौजूद होते हैं, जो दिमागी स्वास्थ्य के साथ-साथ याददाश्त को बढ़ावा देने में भी सहायता करते हैं (5)। इस कारण यह माना जा सकता ही कि चंदन के तेल से मसाज करने के साथ-साथ इसका सेवन करने से भी याददाश्त में कुछ सुधार नजर आ सकता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।

8. ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में भी चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हासिल किए जा सकते हैं। दरअसल, इसमें एक खास तत्व अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) पाया जाता है, जिस कारण इसमें एक खास सुगंध पाई जाती है। यह तत्व अपनी खुशबू से शरीर में कई जरूरी हार्मोन्स को सक्रिय करने में मदद करता है, जो चिंता, तनाव, त्वचा की गर्मी, हृदय की धड़कन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता करता है (6)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि चंदन के तेल को सूंघने से ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

9. तनाव को करे दूर

इस लेख में पहले बताया गया हैं कि चंदन का तेल चिंता और तनाव जैसे मानसिक विकारों को दूर करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद खास तत्व अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) चिंता और तनाव जैसी समस्याओं को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है (6)। इसके लिए बस आपको रूई के टुकड़े में चंदन के तेल की कुछ बूंदें लेकर सूंघना होगा।

10. मेनोपॉज के लक्षणों में दिलाए राहत

मेनोपॉज ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं का मासिक चक्र आना बंद हो जाता है। ऐसा उनके शरीर में उम्र के साथ होने वाले कई हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। साथ ही उनमें चिंता, तनाव, अवसाद और मन बदलाव जैसे लक्षण देखे जाते हैं (7)। वहीं, चंदन के तेल में मौजूद खास तत्व अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) इन सभी लक्षणों को कुछ कम कर सकता है (6)। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मोनोपोजल लक्षणों से निजात पाने के लिए भी मददगार साबित हो सकते हैं।

11. शरीर की दुर्गंध मिटाए 

जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि चंदन के तेल में अल्फा सैंटालोल (alpha-santalol) नाम का एक खास तत्व मौजूद होता है, जिस कारण इसमें सुंगध रहती है (6)। यह सुगंध शरीर की दुर्गंध में भी सहायक हो सकती हैं। इसके लिए आप चंदन के तेल की कुछ बूंदों को नहाने के पानी में इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, इस सुगंध के कारण ही इसे कई परफ्यूम्स में विशेष तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है (5)

12. पेट से जुड़ी समस्याओं से दिलाए छुटकारा

चंदन के तेल के गुण में से एक यह भी है कि इसे पाचन स्वास्थ्य के लिए भी सहायक माना गया। साथ ही यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे:- आंत में घाव, पेट में गैस और पेट के अल्सर की समस्या को दूर करने में भी मदद करता है (8)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि चंदन का तेल पेट से जुड़ी कई समस्याओं को हल करने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

13. त्वचा के रंग को करे साफ

त्वचा की रंगत में सुधार के लिए भी आप चंदन के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको इसकी कुछ बूंदें रूई के टुकड़े में लेकर अपने चेहरे पर लगानी होंगी। दरअसल, इसमें सेसक्यूटरपेनॉइड एल्कोहल्स (Sesquiterpenoid Alcohols) पाया जाता है, जो त्वचा की रंगत को साफ करने में मदद कर सकता है (9)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि इसका इस्तेमाल आपकी त्वचा के रंग को साफ करने में लाभकारी साबित हो सकता है।

14. मुंहासों से दिलाए छुटकारा 

त्वचा से संबंधित कई समस्याओं के लिए भी चंदन के तेल को फायदेमंद माना गया है, जिनमें मुंहासों की समस्या भी शामिल है (10)। इस कारण हम कह सकते हैं कि चंदन के तेल के इस्तेमाल से मुंहासे की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

15. बालों के विकास के लिए लाभदायक 

चंदन के तेल का इस्तेमाल बालों के विकास के लिए भी सहायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बालों की जड़ों में जमा होने वाले मास्ट सेल्स (डेड स्किन) को हटाकर बालों के विकास को बढ़ावा देता है (11)। इस कारण यह माना जा सकता है कि बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए चंदन के तेल का उपयोग लाभकारी परिणाम दे सकता है।

चंदन के तेल के फायदे जानने के बाद अब हम इसके उपयोग के बारे में आपको जानकारी देंगे।

चंदन के तेल का उपयोग – How to Use Sandalwood Oil in Hindi

सेहत, त्वचा और बालों के लिए चंदन के तेल को निम्न प्रकार से इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

  • त्वचा पर इस्तेमाल के लिए आप इसकी दो से चार बूंदें रूई पर लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • शरीर की दुर्गंध की समस्या के लिए आप इसकी कुछ बूंदें नहाने के पानी में भी डाल सकते हैं।
  • वहीं, स्वास्थ्य संबंधी लाभ के लिए दो बूंदें रूई पर लेकर सूंघना लाभकारी माना जाता है।
  • आप स्वाद के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इसकी कुछ बूंदे डाल सकते हैं।

नोट : चंदन के तेल को कितना इस्तेमाल या सेवन करना है, बेहतर यही होगा कि इस बारे में आप डॉक्टर से पूछें।

लेख के अगले भाग में हम चंदन के तेल के नुकसान के बारे में बात करेंगे। 

चंदन के तेल के नुकसान – Side Effects of Sandalwood Oil in Hindi

हालांकि, कई मामलों में चंदन का तेल फायदेमंद साबित होता है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में इस्तेमाल करना जरूरी है, अन्यथा चंदन के तेल के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं।

  • इसमें मौजूद अल्फा सैंटालोल (एक रासायनिक तत्व) के कारण त्वचा पर इसका इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसके उपयोग से यह त्वचा पर खुजली और जलन का कारण बन सकता है। खासतौर पर जिनकी त्वचा संवेदनशील है। इसलिए, आप चंदन के तेल को पतला करने के लिए इसमें नारियल का तेल मिक्स कर सकते हैं (12)
  • सेवन के लिए इसे खाने के व्यंजन में अल्प मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसका सेवन सीधे तौर पर करने का प्रयास बिल्कुल भी न करें (12)
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, इसके पीछे की वजह का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

चंदन तेल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और गुणों से परिचित होने के बाद यह क्या है और किन-किन समस्याओं में फायदेमंद साबित हो सकता है, इस विषय में तो शायद ही कोई संशय बचा हो। चंदन का तेल एक महंगा तेल है, जो मुख्य रूप से फार्मा उद्योग, खाद्य उद्योग द्वारा स्वाद के लिए और अरोमाथेरेपी के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसे में लेख के माध्यम से हमने आपको चंदन के तेल के फायदे और उपयोग विस्तार से बता दिए हैं। साथ ही ध्यान में रखें कि लेख में बताई गईं सेहत, त्वचा और बालों से संबंधित समस्याओं में यह सकारात्मक परिणाम जरूर देता है, लेकिन यह इन समस्याओं का उपचार नहीं है। इसलिए, इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी परामर्श लेना आवश्यक है। उम्मीद है कि यह लेख आपकी सेहत और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक साबित होगा। ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज से।

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References

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    1. Effect of santalol on the sleep-wake cycle in sleep-disturbed rats
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    2. Evaluating the effectiveness of aromatherapy in reducing levels of anxiety in palliative care patients: results of a pilot study
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16648093/
    3. East Indian Sandalwood Oil (EISO) Alleviates Inflammatory and Proliferative Pathologies of Psoriasis
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    4. Proceedings of the Symposium on Sandalwood in the Pacific April 9-11, 1990, Honolulu, Hawaii
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    7. MENOPAUSE: UNDERSTANDING AND MANAGING THE TRANSITION USING ESSENTIAL OILS VS. TRADITIONAL ALLOPATHIC MEDICINE
      https://achs.edu/mediabank/files/melissa_clanton.pdf
    8. Sandalwood: history, uses, present status and the future
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    9. Critical review of Ayurvedic Varṇya herbs and their tyrosinase inhibition effect
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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