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स्वस्थ शरीर के लिए सदियों से योग का अभ्यास किया जा रहा है। इसकी उपयोगिता देखते हुए पूरे विश्व भर में इसका महत्व बढ़ा है। वहीं, शरीर के हर एक भाग को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग तरह के योगासन किए जा सकते हैं। इसी क्रम में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सीने के दर्द को कम करने वाले कुछ कारगर योगासनों का जिक्र किया है। यहां आप सीने में दर्द के इलाज के लिए योगासन जानने के साथ-साथ इन्हें करने की प्रक्रिया भी जानेंगे। साथ ही अन्य जरूरी जानकारी को भी यहां शामिल किया गया है। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
लेख को पूरा पढ़ें
लेख की शुरुआत सीने के दर्द में योग कैसे लाभकारी होता है, इसकी जानकारी से करते हैं।
सीने में दर्द के लिए कैसे लाभदायक है योग? – How Does Yoga Help with Chest Pain in Hindi
सीने की दर्द को कम करने के लिए योग फायदेमंद हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया हुआ है कि योग करने पर कोरोनरी आर्टरी डिजीज (धमनी के ब्लॉकेज से जुड़ा) से बचाव हो सकता है। बता दें कि सीने में दर्द कई गंभीर समस्याओं के लक्षण के रूप में सामने आ सकता है, जिसमें एक कोरोनरी आर्टरी डिजीज भी है (1)। हालांकि, सीधे पर यह सीने के दर्द के लिए कैसे काम करता है, इस पर सटीक शोध का अभाव है। आगे विस्तारपूर्वक बताया गया है कि कौन-कौन से योगासन सीने में दर्द को कम करने में किस प्रकार मददगार हो सकते हैं।
लेख में बने रहें
लेख में आगे सीने में दर्द के लिए योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
सीने में दर्द के लिए योग – Yoga For Chest Pain in Hindi
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सीने में दर्द कई शारीरिक समस्याओं के लक्षण के रूप में दिख सकता है। ऐसे में नीचे जानिए सीने में दर्द को कम करने में योग के विभिन्न आसन किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं :
1. मत्स्यासन (Fish Pose)
इस योग के दौरान शरीर की आकृति मछली की तरह दिखाई देने लगती है। इसलिए, इस योग का नाम मत्स्यासन पड़ा। इसे अंग्रेजी में ‘फिश पोज’ के नाम से भी जाना जाता है। सीने में दर्द के इलाज के लिए इस योगासन को प्रभावी माना जा सकता है। इससे जुड़ी रिसर्च में जिक्र मिलता है कि मत्स्यासन अस्थमा की समस्या में कुछ हद तक राहत पहुंचाने का काम कर सकता है (2)। वहीं, सीने में दर्द अस्थमा का एक लक्षण है (3)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि अस्थमा की वजह से होने वाले सीने में दर्द को कम करने में मत्स्यासन लाभकारी हो सकता है।
योग करने की विधि :
- इसके लिए सर्वप्रथम एक स्वच्छ स्थान पर योग मैट बिछा लें और पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसके बाद धीरे धीरे पीछे की ओर झुकें और पीठ के बल लेट जाएं।
- अब कोहनियों को जमीन पर टिकाकर दाहिने हाथ से बाएं पैर और बाएं हाथ से दाएं पैर को पकड़ने का प्रयत्न करें।
- फिर लंबी सांस लेकर छाती को ऊपर की ओर उठाएं व सिर को जितना हो सके पीछे की तरफ ले जाएं।
- अब अपनी क्षमता के अनुसार थोड़ी देर इसी अवस्था में बने रहें व सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
- इसके बाद योग की क्रिया को विपरीत करते हुए शुरुआती अवस्था में आ जाएं।
- शुरुआत में इस योग के चार से पांच चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां :
- जिन्हें पीठ में दर्द, घुटनों में तकलीफ और चक्कर आने की समस्या होती है, वो इस आसन को न करें।
- माहवारी और गर्भावस्था के समय इस आसन को करने से बचना चाहिए।
2. भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन के फायदे में सीने के दर्द राहत को शामिल किया जा सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक इस योग के माध्यम से चेस्ट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह अस्थमा में भी कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है, जिसकी वजह से सीने में दर्द हो सकता है। हालांकि, गंभीर अस्थमा की स्थिति में इस आसान को न करने की सलाह दी गई है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सीने में दर्द के लिए योग में भुजंगासन को शामिल किया जा सकता है (4)।
योग करने की विधि :
- भुजंगासन के लिए सबसे पहले योग मैट या चटाई पर पेट के बल लेट जाएं।
- फिर दोनों हथेलियों को कंधे के दोनों तरफ बराबर में रख लें व माथे को जमीन पर टिका दें।
- इस अवस्था में पैर सीधे तने हुए रहेंगे और दोनों के मध्य थोड़ी दूरी बनी होनी चाहिए।
- इसके बाद गहरी सांस भरते हुए हथेलियां से जमीन पर दबाव बनाएं और शरीर को नाभि तक उठाएं।
- शरीर को ऊपर उठाने के समय पहले सिर, उसके बाद छाती व आखिर में नाभि वाला भाग ऊपर उठेगा।
- इस अवस्था में आने के बाद आसमान की तरफ देखें व कुछ देर ऐसे ही रहें।
- इस समय दोनों हाथ सीधे व शरीर के ऊपरी भाग का भार दोनों हाथों पर एक समान होना चाहिए।
- कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें और नियमित रूप से सांस लेते व छोड़ते रहें।
- इसके बाद धीरे धीरे सांस को छोड़ते हुए शुरूआती मुद्रा में आ जाएं।
- इस आसन के तीन से चार चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां :
- गर्भवती को इस आसन से दूर रहना चाहिए है।
- जिन लोगों के हाल ही में कलाइयों या पसलियों में फ्रैक्चर का ऑपरेशन कराया है, वो इस योग को करने से बचें।
3. धनुरासन (Bow Pose)
सीने में दर्द के इलाज के लिए योगासन की लिस्ट में धनुरासन का नाम भी है। इस योग मुद्रा में आने पर शरीर की आकृति धनुष जैसी दिखाई देने लगती है। यही वजह है कि इसे धनुरासन के नाम से जाना जाता है। वहीं, धनुरासन करने पर एनजाइना स्टेबिलिटी (Angina Stability – सीने में दर्द के साथ दबाव व जकड़न) में सुधार हो सकता है (5)। बता दें कि एनजाइना स्टेबिलिटी एक तरह का सीने का दर्द ही होता है, जो हृदय तक ठीक तरह से रक्त की सप्लाई न होने की वजह से हो सकता है (6)।
योग करने की विधि :
- इस योग के लिए एक समतल जगह पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर पंजों को हाथों से कसकर पकड़ लें। इस समय बाएं हाथ से बाएं पैर के पंजे और दाएं हाथ से दाएं पैर के पंजे को पकड़ कर रखें।
- फिर सांस लेते हुए सिर, छाती व जांघ को ऊपर की तरफ खींचते हुए उठाएं।
- ऐसा करने पर शरीर का आकार एक धनुष की तरह दिखाई देने लगेगा।
- कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहें व सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें।
- फिर सांस छोड़ते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।
- इस योग को करने के लिए शरीर के साथ जोर-जबरदस्ती न करें।
- शुरुआती अभ्यासक इस योग के दो से तीन चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां :
- हृदय से जुड़ी बीमारी होने पर इस योग को करने से बचें।
- अगर किसी को उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो वो इस आसन को न करें।
- पेट के अल्सर और हर्निया से जूझ रहे व्यक्ति को धनुरासन नहीं करना चाहिए।
4. बितिलासन (Cow Pose)
बितिलासन को करने के दौरान शरीर का आकार गाय की तरह बन जाता है। इसलिए, इसे अंग्रेजी में ‘काऊ पोज’ भी कहा जाता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च में दिया है कि तनाव के कारण चेस्ट पेन हो सकता है। वहीं, इसी शोध के मुताबिक, बितिलासन तनाव से छुटकारा दिला सकता है, जिससे कि सीने में दर्द का जोखिम कम हो सकता है (7)।
योग करने की विधि :
- सबसे पहले एक स्वच्छ जगह पर योग मैट बिछा लें।
- फिर घुटनों के बल खड़े हो जाएं व हाथों को एक सीध में जमीन पर टिका दें। इस समय शरीर का आकार टेबल की तरह दिखाई देगा।
- इस समय जांघ और हाथ सीधे होने चाहिए। गर्दन को भी सीधा रखें और जमीन को देखते रहें।
- फिर सांस लेते हुए नितंबों को ऊपर की ओर उठाने का प्रयत्न करें। साथ ही छाती को ढीला छोड़ दें व पेट को जमीन की तरफ दबाएं।
- इसके बाद सर को उठाकर थोड़ी देर के लिए सामने की ओर देखें।
- थोड़ी देर के लिए इसी मुद्रा में रहें और नियमित रूप से सांस लेते व छोड़ते रहें।
- फिर सांस छोड़ते हुए इसे विपरीत करते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।
सावधानियां :
- अगर घुटने या कलाई में चोट है, तो इस योग को न करें।
- गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
5. उष्ट्रासन (Camel Pose)
उष्ट्रासन को अंग्रेजी में ‘कैमल पोज’ के नाम से भी जाना जाता है। इस योग को करने पर भी सीने के दर्द से राहत मिल सकती है। दरअसल, इस योग का अभ्यास छाती को सही से स्ट्रेच करने में मदद कर सकता है, जिससे कि सीने की मांसपेशियों में होने वाले दर्द का जोखिम कुछ हद तक कम हो सकता है (8)। फिलहाल, इससे जुड़े सटीक वैज्ञानिक अध्ययन का अभाव है।
योग करने की विधि :
- सबसे पहले एक समतल स्थान पर योग मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- अब घुटनों के बल सीधे खड़े हो जाएं।
- फिर लंबी सांस लेकर पीछे की तरफ धीरे-धीरे झुकें और दाहिने हाथ से दाहिने पैर की एड़ी व बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी को पकड़ लें।
- इस समय चेहरा आसमान की ओर होना चाहिए। साथ ही शरीर का भार घुटनों, हाथ व पैरों पर होना चाहिए।
- कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सांस लेने की क्रिया को सामान्य रखें।
- अब इस योग क्रिया को विपरीत करते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
- इस आसन के तीन से चार चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां :
- घुटनों में चोट या सर्जरी होने पर इस योग को करने से बचें।
- हर्निया के मरीज इस आसन को न करें।
- उच्च रक्तचाप वाले इस योग से दूर रहें।
6. चक्रासन (Wheel Pose)
चक्रासन का अभ्यास भी सीने में दर्द के जोखिम को कम करने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। दरअसल, चक्रासन सांस लेते और छोड़ते वक्त छाती की क्रिया को बढ़ावा दे सकता है। इससे फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन लेने में मदद मिल सकती है। वहीं, ऐसा हम मान सकते हैं कि छाती की इस क्रिया को बढ़ावा देने वाला आसन छाती की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है और इनसे जुड़े दर्द के जोखिम को कम कर सकता है (9)। फिलहाल, इस तथ्य की पुष्टि के लिए सटीक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
योग करने की विधि :
- चक्रासन करने के लिए योग मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और एड़ियों को नितंबों का स्पर्श कराएं।
- पैरों के बीच 12 इंच का फासला होना चाहिए।
- इसके बाद अपनी बांहों को उठाएं और कोहनियां को मोड़ लें।
- फिर हथेलियों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए जमीन पर सटा दें।
- अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सिर को उठाते हुए पीठ को मोड़ने की कोशिश करें।
- अपनी बांहों और पांवों को तान लें।
- इस दौरान धीरे-धीरे सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया जारी रखें।
- कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहली अवस्था में आ जाएं।
- इस आसन को पांच-छह बार किया जा सकता है।
सावधानियां :
- मासिक धर्म की स्थिति में इस योगासन को न करें।
- अगर हाथों में फ्रैक्चर है, तो इस योग को करने से बचें।
7. नटराजासन (Dance Pose)
नटराजासन के फायदे सीने के दर्द को कम करने में भी देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि इस योग का नियमित अभ्यास सीने में दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि करने के लिए किसी तरह का वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।
योग करने की विधि :
- इस योग के लिए योग मैट बिछाकर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- फिर लंबी सांस भरते हुए दाएं पैर को घुटने से मोड़कर पीछे की तरफ ले जाकर दाएं हाथ से पैर के अंगूठे को पकड़ लें।
- अब अपनी क्षमता के अनुसार दाएं पैर को ऊपर की ओर उठाएं।
- इस दौरान शरीर का पूरा भार बाएं पैर पर होगा।
- इसके बाद शरीर के ऊपरी हिस्से को सामने की तरफ झुकाएं। साथ ही इस बात का खास ध्यान रखें कि शरीर का संतुलन बिगड़े नहीं।
- अब बाएं हाथ को सामने की तरफ सीधा फैलाकर खींचने की प्रयास करें।
- थोड़ी देर के लिए इसी मुद्रा में बने रहें।
- अब धीरे धीरे शुरुआती मुद्रा में आ जाएं।
- इसके बाद इस क्रिया को दूसरे पैर और हाथ के साथ भी करें। इससे योग का एक चक्र पूरा होगा।
- शुरुआती अभ्यासक प्रशिक्षक की मदद से इस आसान के तीन से चार चक्र कर सकते हैं।
सावधानियां :
- इस योग के दौरान कमर में दर्द महसूस होता है, तो इसे करना बंद कर दें।
- अगर किसी को निम्न रक्तचाप की समस्या है, तो वो इस आसन को करने से बचें।
नोट : ऊपर बताए गए योग को प्रशिक्षक की निगरानी में ही करें।
लेख को पढ़ते रहें
नीचे जानिए सीने में दर्द की स्थिति में कितनी बार योग का अभ्यास कर सकते हैं।
सीने के दर्द को कम करने के लिए मैं कितनी बार योग कर सकता हूं? – How often do I practice yoga to help my Chest Pain condition
सीने में दर्द को कम करने के लिए या इससे बचाव के लिए रोजाना सुबह खाली पेट योग का अभ्यास किया जा सकता है। वहीं, योग को शाम में करना चाहते हैं, तो योग करने के समय और भोजन के समय के बीच कम से कम 4-5 घंटे का अंतराल रखें।
वहीं, योग ट्रेनर की मदद से ऊपर बताए गए कुछ योगासनों का चयन किया जा सकता है। साथ ही 40-45 मिनट तक योगाभ्यास कर सकते हैं। वहीं, समय के साथ-साथ योग के समय को बढ़ा भी सकते हैं। वहीं, किसी शारीरिक समस्या से ग्रसित हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही ऊपर बताए गए योगासनों का अभ्यास करें।
तो दोस्तों, ये थे कुछ कारगर योगासन, जिनका नियमित अभ्यास सीने में दर्द से बचाए रखने के साथ-साथ कई शारीरिक समस्याओं के जोखिम को कम कर सकता है। आप इन योगासनों को अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं। वहीं, कोई पहली बार अगर इन आसनों को करने जा रहा है, तो योग ट्रेनर की मदद जरूर लें। साथ ही बताई गई सावधानियों का पालन जरूर करें। हम उम्मीद करते हैं कि सीने के दर्द के लिए योग पर लिखा यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इसी तरह जानकारी प्राप्त करने के लिए जुड़े रहें स्टाइलक्रेज के साथ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या सीने में दर्द जानलेवा हो सकता है?
जी हां, कुछ मामलों में सीने के दर्द से जान जाने का जोखिम उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि यह हृदय रोग का लक्षण भी हो सकता है (10)।
क्या मुझे सीने में दर्द के लिए योगाभ्यास करने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करने की आवश्यकता है?
जी हां, सीने में दर्द के लिए योग को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना एक अच्छा निर्णय है।
सीने में दर्द के लिए कौन-सा योग सबसे अच्छा है?
सीने के दर्द को कम करने के लिए धनुरासन और भुजंगासन के साथ लेख में बताए गए अन्य आसन उपयोगी साबित हो सकते हैं।
References
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- Healing the Heart: Can Yoga be the Missing Piece that Completes the Puzzle in Modern Medicine?
https://www.longdom.org/open-access/healing-the-heart-can-yoga-be-the-missing-piece-that-completes-the-puzzle-in-modern-medicine.-2157-7595.1000148.pdf - Effect Of Yogasana On Blood Sugar Male Patients In Paschim Medinipur District
https://www.worldwidejournals.com/global-journal-for-research-analysis-GJRA/recent_issues_pdf/2019/July/July_2019_1563196149_4206838.pdf - Asthma
https://medlineplus.gov/ency/article/000141.htm - Importance of Bhujangasana in Daily Life
https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd29662.pdf - Effect of Yoga based Lifestyle Intervention on Coronary Artery Disease Patients
https://biomedpharmajournal.org/vol11no3/effect-of-yoga-based-lifestyle-intervention-on-coronary-artery-disease-patients/ - Stable angina
https://medlineplus.gov/ency/article/000198.htm#:~:text=Stable%20 angina%20is%20chest%20 pain - Stress management through yoga
https://www.allresearchjournal.com/archives/2015/vol1issue5/PartA/65.1.pdf - Modulation of immune responses in stress by Yoga
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3144610/ - Importance of Chakrasana in Present Generation
https://www.ijtsrd.com/papers/ijtsrd25356.pdf - Sudden death after chest pain: feasibility of virtual autopsy with postmortem CT angiography and biopsy
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22570504/
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