विषय सूची
हर फल की अपनी अलग खासियत और स्वाद होता है, जिसकी वजह से उसे पसंद किया जाता है। ऐसे ही फलों में सपोटा यानी चीकू का नाम भी शुमार है। इस फल में एक अलग मिठास के साथ ही अनेक ऐसे गुण हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यह फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने और उनके लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। यही कारण है कि हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में चीकू के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। यहां चीकू के फायदे और उपयोग के साथ ही इसके नुकसान के बारे में भी आप जानेंगे। ध्यान रहे कि चीकू लेख में बताई गई बीमारियों का इलाज नहीं बल्कि उससे बचाव और उनके प्रभाव को कम करने में वैकल्पिक रूप से मददगार हो सकता है।
चलिए, सीधे चीकू के फायदे के बारे में जान लेते हैं।
चीकू के फायदे – Benefits of Sapota (Chiku) in Hindi
चीकू विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हम लेख में आगे चीकू के फायदे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान हम चीकू के गुण के बारे में बताएंगे, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। ध्यान दें कि चीकू के खाने के फायदे तो हैं ही इसके साथ ही चीकू के पत्ते, जड़ और पेड़ की छाल भी काफी उपयोगी होती हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है (1)। इन्हीं के बारे में हम विस्तार से नीचे बता रहे हैं।
पहले हम स्वास्थ्य संबंधी चीकू के फायदे के बारे में बताएंगे, उसके बाद स्किन और बालों के स्वास्थ्य पर चर्चा करेंगे।
सेहत/स्वास्थ्य के लिए चीकू के फायदे – Health Benefits of Sapota (Chiku) in Hindi
1. वजन नियंत्रण:
शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण वजन का अधिक होना आम होते जा रहा है। ऐसे में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू का सेवन करने से अप्रत्यक्ष रूप से वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल (International Journal of Food Science and Nutrition) द्वारा किए गये शोध के मुताबिक चीकू फल गैस्ट्रिक एंजाइम के स्राव को नियंत्रित कर सकता है, जिससे आगे मेटाबॉलिज्म नियंत्रित हो सकता है (1)।वहीं, चीकू में डाइटरी फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, इसके सेवन से लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। तो इस आधार पर चीकू को वजन कम करने के लिए प्रभावकारी माना जा सकता है। फिलहाल, वजन नियंत्रण प्रक्रिया पर चीकू के प्रभाव सही तरीके से जानने के लिए अभी और गहन शोध की आवश्यकता है।
2. कैंसर:
लंबे समय से चीकू में कैंसर गुण हैं या नहीं इसको लेकर शोध किया जा रहा था। हाल ही में किए गये शोध के मुताबिक चीकू में एंटी-कैंसर गुण पाए गये हैं। इससे संबंधित एक शोध के मुताबिक चीकू के मेथनॉलिक अर्क में कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के गुण पाए गये हैं। रिसर्च के मुताबिक चीकू का सेवन न करने वाले चूहों के मुकाबले इसका सेवन करने वालों के जीवन में 3 गुना वृद्धि हुई और ट्यूमर की बढ़ने की गति भी धीमी पाई गयी (2)। वहीं, चीकू और इसके फूल के अर्क को ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार पाया गया है (3)। फिलहाल, इंसानों पर इसके प्रभाव जानने के लिए और शोध की आवश्यकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैंसर एक गंभीर रोग है और इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो घरेलू उपचार की जगह डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता देना एक अच्छा फैसला है।
3. एनर्जी:
चीकू फल को एनर्जी यानी ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। खासकर कि चीकू फ्रूट बार को। दरअसल, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में सुक्रोज और फ्रुक्टोज नामक प्राकृतिक शुगर भी होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में लाभदायक माने जाते हैं। यही वजह है कि इसे नेचुरल एनर्जी बूस्टर माना जाता है, जिसका इस्तेमाल दिन भर ऊर्जावान रहने के लिए किया जा सकता है (4) (5)। वर्कआउट के बाद चीकू या इसके शेक का सेवन तुरंत ऊर्जा देने का काम कर सकता है। बढ़ते बच्चों के लिए चिकू शेक एक पूर्ण भोजन है, जो कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज का एक अच्छा कॉम्बिनेशन है।
4. स्वस्थ हड्डियों के लिए चीकू के फायदे:
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम कर सकता है। कॉपर के साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज, जिंक और कैल्शियम बुढ़ापे की वजह से हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक हो सकते हैं (1)।
5. इम्यूनिटी:
चीकू के लाभ में इम्यूनिटी को बढ़ाना भी शामिल है। गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी हरियाणा द्वारा सपोटा पर किए गए शोध के मुताबिक इसमें मौजूद विटामिन-सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर, शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने और उनसे लड़ने में मदद कर सकता है (5)l साथ ही विटामिन-सी स्ट्रेस की वजह से कमजोर होने वाली इम्यूनिटी में भी सुधार करने में लाभदायक हो सकता है (1)।
6. प्रेगनेंसी:
कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सेवन करना लाभदायक हो सकता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए चीकू को बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह गर्भवतियों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के साथ ही गर्भावस्था के अन्य लक्षण जैसे मतली और चक्कर आने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही चीकू में मौजूद आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के खतरे से बचाने में लाभदायक हो सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम भी होता है, जिसे ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है (1)।
7. पाचन और कब्ज:
पाचन क्रिया में सुधार के लिए फाइबर आवश्यक होता है। फाइबर शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को पचाने के साथ ही अपशिष्ट पदार्थ को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। सपोडिला यानी चीकू में भी फाइबर होता है, इसलिए माना जाता है कि चीकू खाने के फायदे में पाचन भी शामिल है। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। चीकू के फल को पानी में उबालकर पीने से डायरिया भी ठीक हो सकता है। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins- प्लांट यौगिक) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन (Esophagitis), छोटी आंत में होने वाली सूजन (Enteritis), इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आंत संबंधी विकार), पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (1)।
8. रक्तचाप:
सपोटा में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को गतिशील बनाए रखता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना चीकू को उबालकर इसका पानी पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है (1)।
9. टूथ कैविटी:
दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया (6)। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभदायक हो सकते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद कर सकते हैं। साथ ही इस पर किए गए शोध में जिक्र मिलता है कि सपोडिला (चीकू) फल में पाए जाने वाले लैटेक्स (एक तरह का गम) का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है (1)।
10. किडनी स्टोन के लिए चीकू के फायदे:
गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सपोटा यानी चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक माना जाता है। दरअसल, इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है (1)।
11. सर्दी और जुखाम:
चीकू के फायदे में खांसी-जुखाम से बचाव भी शामिल है। यह कफ और बलगम को नाक की नली (Nasal Passage) और श्वसन पथ (Respiratory Tract) से हटाकर सीने की जकड़न और क्रॉनिक कफ से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (1)। एनसीबीआई (National Center For Biotechnology Information) पर छपे एक शोध के मुताबिक उपचार की पारंपरिक प्रणाली में सपोडिला यानी चीकू की पत्तियों का उपयोग भी सर्दी और खांसी के लिए किया जाता रहा है (7)। ऐसे में माना जाता है कि इसकी पत्तियों को उबालकर इसका पानी पीने से सर्दी और खांसी से राहत मिल सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सपोटा और इसकी पत्तियों में मौजूद कौन सा केमिकल कंपाउंड सर्दी-जुखाम से राहत दिलाने में मदद करता है। वैसे यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी प्रदर्शित करता है (1)। ये गुण कुछ हद तक सर्दी-जुखाम से बचाव में मदद कर सकते हैं।
12. मस्तिष्क के लिए चीकू खाने के फायदे:
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए चीकू मदद कर सकता है। माना जाता है कि यह दिमाग की नसों को शांत और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, अनिंद्रा, अवसाद और चिंता से गुजर रहे लोगों को भी सपोडिला का सेवन करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, सपोटा में मौजूद आयरन दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। ऑक्सीजन दिमाग के लिए काफी आवश्यक होता है। यह मस्तिष्क के अच्छे कार्य को सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, आयरन की कमी भी दिमाग को प्रभावित करती है। इसकी कमी की वजह से बेचैनी, चिड़चिड़ाहट और एकाग्रता में कमी होती है। इसलिए, माना जा सकता है कि चीकू का सेवन मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकता है (1)।
13. एंटी-इंफ्लामेटरी:
टैनिन की उच्च मात्रा की वजह से चीकू एंटी-इंफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है। यह आंत संबंधी समस्या, सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (1)। यह प्रभाव सूजन व एडिमा से बचाव यानी शरीर के किसी भी हिस्से में तरल पदार्थ व द्रव इकट्ठा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह इंफ्लामेशन से संबंधित अन्य रोग से भी राहत दिलाने और बचाव करने में फायदेमंद साबित हो सकता है (7)। इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले रोग में गठिया (Arthritis), ल्यूपस ( जब इम्यून सिस्टम खुद स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करता है, जिससे जोड़ों, किडनी, हार्ट और कई हिस्सों पर असर पड़ता है), मल्टीपल स्क्लेरोसिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की अक्षमता) जैसी बीमारियां शामिल हैं (8)।
स्वास्थ्य से संबंधित चीकू के फायदे के बाद इसके त्वचा संबंधित लाभ के बारे में जान लेते हैं।
त्वचा के लिए चीकू के फायदे – Skin Benefits of Sapota in Hindi
चीकू खाने के फायदे, इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट की वजह से मिलते हैं। ऊपर हम चीकू के गुण के साथ ही इसे खाने से होने वाले अनेक स्वास्थ्य लाभ के बारे में बता चुके हैं। अब अगर हम चीकू के त्वचा संबंधित लाभ के बारे में बात न करें तो शायद यह लेख अधूरा होगा। यही कारण है कि हम नीचे विस्तार से त्वचा संबंधित चीकू के लाभ के बारे में बता रहे हैं।
1. त्वचा स्वास्थ्य:
चीकू त्वचा स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद विटामिन-ई, ए और सी त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, इसमें मौजूद मॉइस्चराइजिंग गुण त्वचा को रुखेपन से बचाकर सेहमंद रखने में सहायता कर सकता है (5)। त्वचा के लिए चीकू के अन्य फायदों को नीचे बताया गया है।
2. झुर्रिया और एंटी-एजिंग:
झुर्रिया को बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है। कई बार त्वचा का ख्याल न रखने की वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लग जाती हैं। यही वजह है कि लोग कई तरह की एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। अगर घरेलू उपचार की बात की जाए तो चीकू एक फायदेमंद विकल्प के रूप में काम कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट प्रभाव के साथ ही पॉलीफेनोल और फ्लेवोनॉयड कंपाउंड होते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकते हैं (5)। इसलिए चीकू को हैप्पी फूड भी कहा जाता है।
3. मस्सा और फंगल इंफेक्शन:
चीकू में एंटी-फंगल गुण होते हैं। माना जाता है कि इस गुण की मदद से त्वचा में होने वाले फंगल इंफेक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही चीकू के पेड़ से निकलने वाला दूधिया पदार्थ (दूध) फंगल इंफेक्शन से बचाव व कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह त्वचा पर निकलने वाले मस्सों को कम करने के उपाय के रूप में भी काम कर सकता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें मौजूद कौन-सा गुण मस्से के लिए लाभदायक होता है (5)।
स्वास्थ्य और त्वचा के लिए चीकू के फायदे के बारे में जानने के बाद चलिए इसके संभावित बालों के फायदों पर एक नजर डाल लेते हैं।
बालों के लिए चीकू के फायदे – Hair Benefits of Sapota in Hindi
पोषक तत्वों से भरा सपोटा यानी चीकू को बालों को घना करने और इसकी क्वालिटी ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह बालों की दशा को सुधारने में कैसे योगदान देता है, यह हम नीचे विस्तार से बताएंगे।
1. हेयर ग्रोथ :
चीकू को बालों की ग्रोथ के लिए भी लाभकारी माना जाता है। दरअसल, यह फल विटामिन-ए, ई और सी से भरपूर होता है (5)। विटामिन-ए, स्किन ग्लैंड के सीबम नामक तैलीय पदार्थ को बनाने में मदद करता है। यह सीबम स्कैल्प को मॉइस्चराइज करके बालों को स्वस्थ रखने और ग्रोथ में मदद कर सकता है (9)। शरीर में विटामिन ए की कमी होने पर एलोपिसिया यानी बालों के झड़ने की समस्या भी हो सकती है (10)। साथ ही यह समस्या विटामिन-ए की अधिकता की वजह से भी होती है। इसके अलावा, विटामिन-ई और विटामिन-सी फ्री-रेडिकल डैमेज से शरीर को बचाते हैं, जिसकी वजह से बाल भी झड़ते हैं (11)। वहीं, चीकू के बीज का तेल सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस (स्कैल्प संबंधी रोग) की वजह से झड़ने वाले बालों को रोकने में मदद कर सकता है (5)।
2. बालों को मुलायम बनाए:
माना जाता है कि सपोटा के बीजों से निकाला गया तेल स्कैल्प को मॉइस्चराइज करके बालों को मुलायम बनाने में मदद करता है। बालों के मुलायम होने पर इन्हें संभालना आसान हो जाता है (5)। चीकू के बीज का सीधे बालों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बीजों का पेस्ट कैस्टर ऑयल के साथ मिश्रित करके हेयर मास्क की तरह उपयोग किया जा सकता है। इस मिश्रण को स्कैल्प पर लगाकर कुछ घंटों बाद बाल को माइल्ड शैम्पू करना चाहिए।
3. डैंड्रफ :
डैंड्रफ को कम करने में चीकू फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, चीकू फल में मौजूद पॉलीफेनोलिक कंपाउंड एंटी-फंगल गुण प्रदर्शित करता है (12)। एंटी-फंगल गुण डैंड्रफ को कम करने में मदद कर सकते हैं (13)। वहीं, एंटी-इंफ्लामेटरी गुण डैंड्रफ की वजह से होने वाली खुजली को कम करने में लाभदायक साबित हो सकता है (1)।
चीकू के पौष्टिक तत्व – Sapota Nutritional Value in Hindi
शरीर को चीकू के लाभ इसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से ही मिलते हैं। यही वजह है कि हम आगे चीकू में मौजूद सभी पोषक तत्व के बारे में बता रहे हैं (14)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
जल | 78 g |
ऊर्जा | 83 kcal |
प्रोटीन | 0.44 g |
कुल फैट | 1.1 g |
कार्बोहाइड्रेट | 19.96 g |
फाइबर | 5.3 g |
मिनरल | |
कैल्शियम | 21 mg |
आयरन | 0.8 mg |
मैग्नीशियम | 12 mg |
फास्फोरस | 12 mg |
पोटेशियम | 193 mg |
सोडियम | 12 mg |
जिंक | 0.1 mg |
कॉपर | 0.086mg |
विटामिन | |
विटामिन सी | 14.7 mg |
नियासिन | 0.2 mg |
फोलेट, टोटल | 14 µg |
कोलीन | 34.4 mg |
विटामिन ए, RAE | 3 µg |
विटामिन ए, IU | 60 IU |
अब हम चीकू का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है, यह बता रहे हैं। इसके बाद चीकू खाने के नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे।
चीकू का उपयोग – How to Use Sapota(Chiku) in Hindi
चीकू के फायदे जानने के बाद इसके उपयोग के विभिन्न तरीकों को जानना भी जरूरी है। चीकू के स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए चीकू का उपयोग कुछ इस तरह से किया जा सकता है (5) (15)।
- चीकू को सामान्य फल की तरह खाया जा सकता है।
- इसे फ्रूट सलाद में भी शामिल कर सकते हैं।
- चीकू का शेक बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।
- चीकू का उपयोग आइसक्रीम बनाने के लिए भी कर सकते हैं।
- फ्रूट बार बनाकर भी इसे खाया जा सकता है।
- इसका हलवा भी बनाया जाता है।
- इसे मुरब्बा व जैम के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- चीकू से स्वीट सॉस भी बनाया जा सकता है।
चीकू का उपयोग जानने के बाद इसके नुकसान से भी वाकिफ होना जरूरी है। चलिए, अब चीकू खाने के नुकसान पर एक नजर डाल लेते हैं।
चीकू के नुकसान – Side Effects of Sapota in Hindi
पूरी तरह से पके हुए चीकू खाने के ऐसे तो कुछ दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते। हां, अगर कच्चा चीकू या ठीक से न पका हुआ चीकू का सेवन किसी ने किया तो चीकू के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यह नुकसान कुछ इस प्रकार हैं (5) (16)।
- कच्चा चीकू फल खाने से मुंह का स्वाद कड़वा हो सकता है। इसके पीछे इसमें मौजूद लेटेक्स और टैनिन की अधिक मात्रा का होना है।
- मुंह में अल्सर की वजह बन सकता है।
- इससे गले में खुजली हो सकती है।
- अपच की समस्या हो सकती है।
- चीकू के पिसे हुए बीज का सेवन करने से पेट में दर्द हो सकता है। क्योंकि, इसमें सैपोटिन और सैपोटिनिन केमिकल मौजूद होता है।
- चीकू के पत्तों का सेवन करने से डायरिया और त्वचा पर हल्की खुजली हो सकती है। दरअसल, इसमें सैपोनिन होता है, जो दस्त और त्वचा की जलन का कारण बनता है।
- मधुमेह के रोगियों को चिकू का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, यदि शुगर स्तर बढ़ा हुआ है तो चीकू के सेवन से बचना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि इस लेख के जरिए चीकू खाने के फायदे और इसके विभिन्न हिस्सों के लाभ के बारे में आपको जानकारी मिल ही गई होगी। बस संयमित मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य लाभ के लिए करते रहें। बस कच्चे फल का सेवन करने से बचें। इसके अलावा, अगर किसी को कोई गंभीर रोग या समस्या हों तो डॉक्टर के परामर्श पर चीकू का उपयोग करें। उम्मीद है यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
References
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- A study on nutritional and health importance of “Sapotas”
http://www.foodsciencejournal.com/archives/2018/vol3/issue1/3-4-63 - Sapodilla plum (Achras sapota) induces apoptosis in cancer cell lines and inhibits tumor progression in mice
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25142835/ - Manilkara zapota (L.) P.Royen (Sapodilla): A Review
https://www.ijariit.com/manuscripts/v3i6/V3I6-1490.pdf - Development of Fruit Bar Using Sapodilla ( Manilkara zapota L .): Development of Fruit Bar Using Sapodilla ( Manilkara zapota L.)
https://www.researchgate.net/publication/303835003_Development_of_Fruit_Bar_Using_Sapodilla_Manilkara_zapota_L_Development_of_Fruit_Bar_Using_Sapodilla_Manilkara_zapota_L - Chickoo : A wonderful gift from nature
https://ijrap.net/admin/php/uploads/1389_pdf.pdf - Tooth Decay Is the Most Prevalent Disease
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6373711/ - In-vivo anti-inflammatory and anti-pyretic activities of Manilkara zapota leaves in albino Wistar rats
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4027313/ - Chronic inflammatory systemic diseases
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4753361/ - Endogenous retinoids in the hair follicle and sebaceous gland
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21914489/ - Clinical signs of anemia in vitamin A-deficient rats
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/453058/ - The Role of Vitamins and Minerals in Hair Loss: A Review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6380979/ - Antioxidant and Antimicrobial Efficacy of Sapota Powder in Pork Patties Stored under Different Packaging Conditions
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6048370/ - Malassezia Fungi Are Specialized to Live on Skin and Associated with Dandruff, Eczema, and Other Skin Diseases
https://journals.plos.org/plospathogens/article?id=10.1371/journal.ppat.1002701 - Sapodilla, raw
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/167759/nutrients - Sapota [(Manikara achras (Mill)) Foseberg (Sync: Achras zapota L.)]
https://www.researchgate.net/profile/Vijay-Meena-3/publication/317578984_Sapota_Manilkara_achras_Mill_Fosberg_Syn_Achras_zapota_L/links/5940fd67a6fdcccda9b59c08/Sapota-Manilkara-achras-Mill-Fosberg-Syn-Achras-zapota-L.pdf - The medicinal plants of Myanmar
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6033956/
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.