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पीरियड्स यानी मासिक धर्म हर महिला के लिए दर्द भरा होता है। ऐसे में पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं इसे लेकर हर महिला के मन में संशय रहता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज करनी चाहिए इस सवाल का जवाब लेकर आए हैं। इसके अलावा यहां हम पीरियड में एक्सरसाइज करने के फायदे और इससे जुड़े कुछ टिप्स भी बताएंगे।
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सबसे पहले जानेंगे पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं।
क्या पीरियड में एक्सरसाइज करना चाहिए या नहीं – Exercise During Periods Good or Bad in Hindi
हां, पीरियड में एक्सरसाइज किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि कुछ एक्सरसाइज के जरिए पीरियड्स में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है (1)। इसके अलावा, पीरियड के दौरान एक्सरसाइज करने से अन्य दिनों के मुकाबले शरीर अधिक सक्रिय हो सकता है (2)।
साथ ही पीरियड में होने वाले ऐंठन को कम करने के लिए हल्के एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है (3)। हालांकि, पीरियड के दौरान हर महिला की स्थिति एक समान नहीं होती। ऐसे में अगर किसी को अधिक ब्लड फ्लो की समस्या हो तो शारीरिक क्षमता के अनुसार ही पीरियड में एक्सरसाइज करें या फिर एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
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पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं के बाद जानेंगे पीरियड में एक्सरसाइज करने के फायदे।
पीरियड में एक्सरसाइज करने के फायदे – Periods Me Exercise Karne Ke Fayde in Hindi
पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं इस बारे में अब जान गए होंगे। इसके बाद हम बात करेंगे पीरियड में एक्सरसाइज करने से होने वाले फायदे से जुड़ी जानकारी, तो आइए जानते हैं :
1. पीएमएस लक्षण में फायदेमंद
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम पीरियड आने से एक या दो सप्ताह पहले शुरू होता है। इस दौरान महिलाओं को सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, अवसाद, स्तन में सूजन की समस्या महसूस होने लगती है (4)। इन समस्याओं को कम करने के लिए पीरियड में एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है।
दरअसल, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में जिक्र मिलता है कि एरोबिक एक्सरसाइज करने से पीएमएस के लक्षणों को कम किया जा सकता है (5)। इस आधार पर माना जा सकता है कि पीरियड में एक्सरसाइज करने से पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
2. ताकत बढ़ाने में लाभकारी
मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन में बदलाव की वजह से कुछ महिलाओं को कमजोरी महसूस होने लगती है (2)। इस तरह की कमजोरी को दूर करने के लिए एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है। इससे जुड़े एक रिसर्च पेपर में जानकारी मिलती है कि एक्सरसाइज करने से शरीर ऊर्जावान बना रह सकता है। साथ ही इससे मांसपेशियों की ताकत भी बनी रहती है (6)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अन्य दिनों की तरह पीरियड में एक्सरसाइज करने से शरीर में ताकत बनी रह सकती है।
3. मूड के लिए अच्छा
पीरियड से लगभग दो सप्ताह पहले यानी ओव्यूलेशन के समय एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। वहीं, ओव्यूलेशन के बाद एस्ट्रोजन तेजी से कम होता है व प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ना शुरू होता है, जिससे अधिक थकान व सुस्ती महसूस होने लगती है। ऐसे में सुबह के समय एक्सरसाइज करने से न केवल शरीर एक्टिव रह सकता है बल्कि मूड भी बेहतर हो सकता है (2)।
इसके अलावा, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है कि शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक हार्मोन को प्रभावित करती है, जिससे मूड में सुधार देखने को मिल सकता है (7)। इन तथ्यों के आधार पर मान सकते हैं कि मूड को अच्छा करने के लिए पीरियड में एक्सरसाइज करना लाभकारी हो सकता है।
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आगे पढ़ते हैं पीरियड्स के दर्द के लिए बेस्ट एक्सरसाइज क्या हो सकते हैं।
पीरियड्स के दर्द के लिए बेस्ट एक्सरसाइज: Best Exercise During Periods in Hindi
क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज करनी चाहिए, इस सवाल का जवाब पाने के बाद मन में अगला सवाल उठता है कि इस दौरान कौन-कौन से एक्सरसाइज करने चाहिए। इसलिए यहां हम उन एक्सरसाइज के नाम बता रहे हैं, जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
हालांकि, उससे पहले हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। अगर व्यायाम करने में सक्षम नहीं हैं तो फिर उसे करने से बचें या फिर हल्के -फुल्के एक्सरसाइज ही करें। अब जानते हैं, पीरियड्स के दर्द के लिए बेस्ट एक्सरसाइज (8) :
1. कपालभाति प्राणायाम
पीरियड में एक्सरसाइज करने की सोच रहे हैं तो कपालभाति प्राणायाम अच्छा विकल्प हो सकता है। कपालभाति एक एक ब्रिदिंग एक्सरसाइज है, जिसमें तेजी से सांस छोड़ने की प्रक्रिया की जाती है। पीरियड में होने वाली समस्याओं से राहत पाने के लिए नियमित रूप से ये प्राणायाम करना लाभकारी हो सकता है।
योग करने का तरीका :
- इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाएं।
- अब ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं।
- फिर इसके बाद दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं।
- अंदर की ओर गहरी सांस लें और फिर झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचे।
- इस प्रक्रिया को लगातार कुछ मिनट तक दोहराएं।
- एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार कर सकते हैं।
- ध्यान रहे शुरुआत में 35 बार ही करें फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाएं।
2. कैट काऊ पोज
पीरियड्स के दौरान कैट काऊ पोज भी किया जा सकता है। इस एक्सरसाइज में पेट की मांसपेशियों, गर्दन और पीठ में खिंचाव आता है। साथ ही यह रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
योग करने का तरीका :
- इसे करने के लिए जमीन पर घुटनों और हाथों के बल बिल्ली की मुद्रा में आ जाएं।
- दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए हिप्स यानी कूल्हों को ऊपर की तरफ उठायें।
- एक लंबी सांस लें और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- कुछ सेकेंड तक ऐसे ही रहे।
- इस प्रक्रिया को कम से कम 5 से 10 बार दोहराएं।
3. चाइल्ड पोज या बालासन
मासिक धर्म के लिए चाइल्ड पोज भी अच्छा मन जाता है। इसके जरिए पीठ के निचले हिस्से व कूल्हों में खिंचाव महसूस हो सकता है। इसके अलावा, यह तनाव को दूर करने, पीठ से जुड़ी समस्या, थकान, गैस और सूजन आदि को कम करने में मददगार हो सकता है।
योग करने का तरीका :
- सबसे पहले घुटनों के बल बैठें।
- फिर टखनों और एड़ियों को आपस में स्पर्श कराएं।
- घुटनों को बाहर की तरफ धीरे धीरे फैलाएं।
- इसके बाद गहरी सांस लेते हुए आगे की तरफ झुकें।
- फिर पेट को दोनों जांघों के बीच लाएं व सांस छोड़ दें।
- इसके बाद कूल्हे को सिकोड़ते हुए नाभि की तरफ खींचने की कोशिश करें।
- इनर थाइज या भीतर जांघों पर स्थिर हो जाएं।
- सिर को गर्दन के थोड़ा पीछे से उठाने की कोशिश करें।
- हाथों को सामने घुटनों के बराबर रहेंगे व कंधों को जमीन पर स्पर्श कराने की कोशिश करें।
- करीब 30 से 40 सेकंड तक ऐसे ही रहे।
4. डाउनवर्ड डॉग पोज
डाउनवर्ड डॉग पोज के जरिए भी पीरियड्स में थोड़ी बहुत राहत पाई जा सकती है। इस एक्सरसाइज को करने से कंधों, बाहों, पिंडलियों व छाती में खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे कंधे, पेट व क्वाड्रिसेप्स की मांसपेशियों के साथ टखने मजबूत हो सकते हैं।
योग करने का तरीका :
- इसे करने के लिए योगा मैट पर पर सीधे खड़े हो जाएं।
- फिर इसके बाद दोनों हाथों को अपने सामने की तरफ लाएं और फिर नीचे झुके।
- नीचे झुकते समय धीरे धीरे झुके, इस दौरान घुटने सीधे हिप्स के ठीक नीचे रहेंगे।
- इसके अलावा दोनों हाथ कंधे से थोड़ा आगे जमीन पर फैले होंगे।
- इसके बाद सांस को छोड़ते हुए कमर वाले भाग को ऊपर की ओर हल्का खिंचाव करें इस दौरान एड़ियों को जमीन से हल्का ऊपर उठाएं।
- ऐसा करते समय हिप्स ऊपर की ओर, रीढ़ की हड्डी सीधे व सिर भी बिल्कुल नीचे झुकी हुई व घुटना सीधा होगा।
- कुछ देर ऐसे ही इस मुद्रा में रहे व आराम से सांस लें।
5. प्लैंक पोज
प्लैंक पोज करना काफी आसान है। पीरियड्स के समय इसका अभ्यास काफी लाभदायक हो सकता है। प्लैंक पोज से हाथ, कलाई और रीढ़ की हड्डी मजबूत हो सकती है।
योग करने का तरीका :
- योगा मैट बिछाकर उस पर पुशअप की स्थिति में आए।
- फिर पैर के पंजे को जितना हो सके पीछे ले जाएं।
- दोनों हथेलियां छाती के बगल में रखें ।
- फिर हथेलियों पर थोड़ा जोर देते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं।
- इस दौरान ध्यान रहे कि सिर के साथ रीढ़, कूल्हा व घुटना बिल्कुल ही सीधा रहे।
- इस तरह करीब 60 सेकंड तक रहें।
6. कोबरा मुद्रा
मासिक धर्म के दौरान कोबरा मुद्रा यानी भुजंगासन करने के भी लाभ देखे जा सकते हैं। इसके जरिये छाती और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है।साथ ही यह रीढ़ की हड्डी के लचीलापन को बनाए रखने में मददगार हो सकता है।
योग करने का तरीका :
- इस मुद्रा को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।
- इसके बाद हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें व माथे को जमीन पर सटा दें।
- पैरों को थोड़ा सीधा व दोनों पैरों के बीच थोड़ा अलगाव बनाकर रखें।
- हथेलियों को कंधों के बराबर में लाएं।
- अब लंबी सांस लेते हुए सिर, छाती व नाभि वाले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं।
- कुछ सेकेंड ऐसे ही रहे फिर धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में हो जाएं।
7. शवासन मुद्रा
सभी एक्सरसाइज करने के बाद शवासन मुद्रा आराम पाने के लिए किया जा सकता है। इसे करने के लिए शव की मुद्रा में लेटकर, हाथों और पैरों को आराम से अलग करके छोड़ दिया जाता है व आंखे बंद करके पूरे शरीर को सचेत रूप से आराम करने दिया जाता है।
योग करने का तरीका :
- इसे करने के लिए सबसे पहले शांत जगह का चुनाव करें।
- फिर योगा मैट पर आंखे बंद करके लेट जाएं।
- हाथों को शरीर से कुछ दूर रखें।
- इसके बाद पैरों को भी एक दूसरे से अलग रखें।
- अब धीरे धीरे सांस लें व खुद को महसूस करें।
- करीब 5 से 10 मिनट तक ऐसा करें।
आगे और है
चलिए जानते हैं पीरियड्स में एक्सरसाइज के लिए कुछ और टिप्स के बारे में।
पीरियड्स में एक्सरसाइज के लिए कुछ और टिप्स – Other Useful Tips for Exercise While on Your Period in Hindi
पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है :
- पीरियड्स के दौरान भारी वजन एक्सरसाइज करने से बचें।
- पीरियड्स के दौरान कोई एक्सरसाइज कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि इससे पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
- एक्सरसाइज के दौरान हैवी फ्लो का डर रहता है इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले पैड बदल लें।
- एक्सरसाइज करते वक्त बॉडी को ज्यादा स्ट्रेच न करें।
- पीरियड के दौरान सुबह सुबह खाली पेट ही एक्सरसाइज करें।
- अगर पीरियड में ज्यादा दर्द हो रहा हो तो एक्सरसाइज न करें।
- पीरियड के दौरान खाना खाने के तुरंत बाद एक्सरसाइज न करने से परहेज करें।
- शाम के समय एक्सरसाइज करना चाह रहे हैं तो खाना खाने के 4 घंटे बाद ही करें।
- ढीले ढाले कपड़े पहनने का प्रयास करें।
- अपनी क्षमता से अधिक एक्सरसाइज न करें।
इस लेख को पढ़ने के बाद पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं, इस सवाल का जवाब मिल गया होगा। यहां हमने पीरियड में एक्सरसाइज करने के फायदे बताने के साथ-साथ के अलावा पीरियड के दर्द को कम करने वाले बेस्ट एक्सरसाइज के बारे में भी बताया गया है। ध्यान रहे कि हर महिला को पीरियड के टाइम एक्सरसाइज करने का फैसला अपनी शारीरिक क्षमता के आधार पर ही लेना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या एक्सरसाइज पीरियड फ्लो को कम करने में मदद कर सकता है?
नहीं, एक्सरसाइज पीरियड फ्लो को कम करने में मदद नहीं कर सकता है। अध्ययन की मानें तो पीरियड में एक्सरसाइज करने से रक्त प्रवाह में सुधार देखने को मिल सकता है (9)। इस आधार पर माना जा सकता है कि एक्सरसाइज पीरियड फ्लो को नियंत्रित रखने में मददगार नहीं हो सकता है।
क्या एक्सरसाइज करने से पीरियड फ्लो बढ़ सकता है?
ऐसा माना जाता है कि पीरियड में एक्सरसाइज करने से रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि एक्सरसाइज करने से पीरियड फ्लो बढ़ सकता है (9)।
क्या मैं पीरियड्स के दौरान स्क्वाट कर सकती हूं?
पीरियड में होने वाले ऐंठन से आराम पाने के लिए हल्के एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है (3)। ऐसे में स्क्वाट करने से पहले किसी विशेषज्ञ से जरूर सलाह ले लें।
क्या पीरियड्स के दौरान एब्स वर्कआउट करना सही है?
जैसा कि हमने लेख में बताया कि पीरियड में होने वाले ऐंठन से आराम पाने के लिए हल्के एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है (3)। वहीं, एब्स वर्कआउट को कठिन माना जाता है। ऐसे में इसे करने से पहले किसी विशेषज्ञ से जरूर सलाह ले लें।
References
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- Period Pain
https://medlineplus.gov/periodpain.html - Physical activity and your menstrual cycle
https://www.womenshealth.gov/getting-active/physical-activity-menstrual-cycle - Healthy Menstruation
https://www.unicef.org/timorleste/media/2376/file/Menstrual%20Hygiene%20Management%20-%20English%20.pdf - Premenstrual Syndrome
https://medlineplus.gov/premenstrualsyndrome.html - The role of exercise in the treatment of menstrual disorders: the evidence
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2662100/ - Benefits, need and importance of daily exercise
https://www.researchgate.net/publication/306118434_Benefits_need_and_importance_of_daily_exercise - The effects of 8 weeks of regular aerobic exercise on the symptoms of premenstrual syndrome in non-athlete girls
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3748549/ - Effect of Yoga Exercise on Premenstrual Symptoms among Female Employees in Taiwan
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4962262/ - Effectiveness of Exercise in Menstruation Symptoms in Late Adolescents (17-20 Years of Age)
https://ijshr.com/IJSHR_Vol.5_Issue.2_April2020/IJSHR002.pdf
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