Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

गर्मियों में गन्ने का जूस न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि अपने औषधीय गुण के कारण शरीर की रक्षा भी करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि गन्ना के गुण दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक से बचा सकते हैं। इसमें ऐसे कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इस लेख में हमारे साथ जानिए गन्ने का रस पीने के फायदे और नुकसान। साथ ही इसके इस्तेमाल के विभिन्न तरीकों के बारे में भी आप इस लेख में जान पाएंगे।

शुरू करते हैं लेख

लेख के पहले भाग में जानिए कि गन्ने का जूस सेहत के लिए अच्छा क्यों होता है।

गन्ने का रस सेहत के लिए क्यों अच्छा होता है?

गन्ने की खेती इससे निकलने वाले मीठे रस के लिए की जाती है। गन्ने से ही चीनी व गुड़ का निर्माण किया जाता है। इन सबके अलावा, गन्ने का रस गर्मियों का सबसे खास पेय है। यह शरीर को तरोताजा करने में मदद कर सकता है। भारत में व्यापक रूप से गन्ने के रस का इस्तेमाल पीलिया, बदहजमी और कई मूत्र रोगों के उपचार में किया जाता है (1)। आंतरिक स्वास्थ्य के अलावा, इसका प्रयोग त्वचा के लिए भी किया जाता है। नीचे जानिए गन्ने का रस किस प्रकार आपको शारीरिक लाभ पहुंचा सकता है।

नीचे पढ़ें विस्तृत जानकरी

गन्ने के रस के फायदे – Benefits of Sugarcane Juice (Ganne ka Ras) in Hindi

लेख के इस भाग में हम सेहत के लिए गन्ने का रस पीने के फायदे बता रहे हैं, जो हमें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। नीचे बताई गई कुछ शारीरिक समस्याओं का घरेलू उपाय करने के लिए गन्ने के जूस का उपयोग किया जा सकता है। ये घरेलू उपाय सिर्फ समस्या के लक्षण को कम करने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन उसका इलाज करने में सक्षम नहीं हैं।

1. ऊर्जा का स्रोत

शरीर में लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखने के लिए और मसल्स में ताकत बनाए रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स की जरूरत होती है। एक तरीके से इन्हें ऊर्जा के लिए ईंधन माना जा सकता है। गन्ने का रस कार्बोहाइड्रेट्स से समृद्ध होता है, जिस कारण इसका सेवन लंबे समय तक ऊर्जावान बनाए रखने में सहायक हो सकता है। एक शोध के अनुसार, व्यायाम के बाद शरीर को फिर से हाइड्रेट और तरोताजा करने में गन्ने का रस अन्य स्पोर्ट्स ड्रिंक की तुलना में अधिक प्रभावशाली हो सकता है (2)।

2. लिवर स्वास्थ्य (पीलिया)

गन्ने का रस लिवर से संबंधित पीलिया बीमारी के लिए फायदेमंद माना जाता है। यूनानी चिकित्सा के अनुसार, गन्ने के जूस के फायदे पीलिया से तुरंत आराम पाने में मदद कर सकते हैं (1)। लिवर की कार्यप्रणाली में रूकावट आने पर पीलिया होता है। यह स्थिति तब बनती है, जब शरीर में बिलीरुबिन अधिक बढ़ जाता है। बिलीरुबिन एक पीला पिगमेंट होता है, जो लिवर में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए रोजाना एक गिलास ताजा गन्ने का रस पीया जा सकता है (1)। 

3. कैंसर

कैंसर से बचाने में भी गन्ने का जूस पीने के फायदे देखे गए हैं। इस रस में ट्रायसिन नामक एक फ्लेवोन पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। साथ ही अपने एंटी-प्रोलाइफरेटिव गतिविधि के कारण गन्ने का जूस कई तरह की कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से रोक सकता है (4)। बता दें कि कैंसर ऐसी बीमारी है, जिसका समय रहते डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है। सिर्फ गन्ने के रस का सेवन करने से इस बीमारी को ठीक नहीं किया जा सकता।

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

गन्ना खाने के फायदे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मिल सकते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम शरीर को कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकता है। इसकी पुष्टि के लिए जब गन्ने के गुण पर शोध किया गया, तो इसके हेपाटोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण सामने आए। इसके परिणाम में सामने आया कि गन्ने का अर्क कई तरह के बैक्टीरियल व वायरल संक्रमण से बचाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (5)। वहीं, हम यह स्पष्ट कर दें कि ये शोध गन्ने के अर्क से जुड़े हैं, गन्ने का रस पीने के फायदे पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

5. बुखार में लाभदायक

बुखार तब आता है जब हमारा शरीर किसी बीमारी से लड़ने की कोशिश कर रहा हो। ज्यादातर बुखार किसी न किसी संक्रमण के कारण आते हैं। इस दौरान शरीर संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने की कोशिश करता है (6)। ऐसे में गन्ने का जूस पीने के फायदे बुखार को कम करने में सहायक हो सकते हैं (7)। फिलहाल, इसकी कार्यप्रणाली पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. गले से जुड़ी समस्याएं

गन्ने के रस के फायदे यहां समाप्त नहीं होते, गन्ने के रस का सेवन गले के दर्द के लिए भी किया जा सकता है। जब कोई गले से जुड़ी समस्या जैसे टॉन्सिल्स से परेशान हो, तो उन्हें गन्ने के जूस का सेवन करने से फायदा मिल सकता है। जब टॉन्सिल्स (गले के पिछले हिस्से के टिश्यू) में सूजन आ जाती है, तो वो दर्द और तकलीफ का कारण बन सकते हैं (8)। वहीं, गन्ने का जूस गला खराब, जुकाम और फ्लु जैसी समस्याओं को ठीक करने में भी मदद कर सकता है (9)।

7. घाव भरने में लाभदायक

गन्ने का रस पीने के फायदे कई तरह के घावों को भरने में भी देखे गए हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि गन्ने के जूस का सेवन घाव भरने में सहायक हो सकता है (10)। एक अन्य शोध में यह भी बताया गया है कि घाव को ठीक करने के लिए गन्ने से बनी शक्कर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शक्कर में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो घाव को ठीक करने में सहायक हो सकते हैं (11)।

8. यूरिन से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद

कई बार यूरिन करते समय दर्द, जलन या असहजता महसूस हो सकती है। इस समस्या को डिसयूरिया कहा जाता है। यह मूत्रमार्ग में हुए किसी न किसी संक्रमण के कारण हो सकता है (12)। पेशाब से जुड़ी इस समस्या से आराम पाने में गन्ने का रस पिया जा सकता है। बताया जाता है कि यह डिसयूरिया के साथ-साथ अनयूरिया (कम मात्रा में यूरिन आना) और यूरिन से संबंधित अन्य समस्याओं से आराम पाने में भी मदद कर सकता है (1)।

9. नाखून के लिए गन्ने के फायदे

स्वस्थ और खूबसूरत नाखून कौन नहीं चाहता। इन्हें स्वस्थ बनाए रखने में कैल्शियम जरूरी मिनरल होता है (13)। ऐसे में नाखून को मजबूत और सेहतमंद बनाए रखने के लिए गन्ने के जूस का सेवन किया जा सकता है। इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जिससे नाखूनों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है (2)।

10. मुंहासों के लिए लाभदायक

गन्ने का जूस अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) का अच्छा स्रोत है, तो त्वचा के लिए खास तत्व माना जाता है। अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड में ग्लाइकोलिक एसिड, लैक्टिक एसिड, मैलिक एसिड, टार्टरिक एसिड और साइट्रिक एसिड मौजूद होते हैं, जिनका कॉस्मेटिक उत्पादों में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है। मुंहासों से निजात दिलाने में ये एसिड अहम भूमिका निभा सकते हैं (14)।

सामग्री :

  • गन्ने का रस (आवश्यकतानुसार)
  • मुल्तानी मिट्टी (आवश्यकतानुसार)

विधि :

  • मुल्तानी मिट्टी में गन्ने का रस डालकर पेस्ट बना लें।
  • अब अपने चेहरे और गर्दन पर यह पेस्ट लगाएं।
  • लगभग 20 मिनट तक चेहरे पर पेस्ट लगा रहने दें और बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
  • इस उपाय को हफ्ते में एक-दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

11. स्किन एजिंग

त्वचा पर यूवी किरणों और फ्री रेडिकल्स के प्रभाव के कारण समय से पहले बुढ़ापे के लक्षण दिख सकते हैं। इन लक्षणों में झुर्रियां व पिगमेंटेशन आदि शामिल हैं। इनसे आराम पाने के लिए प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग करने की सलाह दी जाती है (15)। गन्ने के जूस में समृद्ध मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम करने में सहायक हो सकते हैं। गन्ने के जूस का सेवन स्किन कैंसर से बचाने में भी सहायक हो सकता है (16)। 

सामग्री :

  • 2-3 चम्मच गन्ने का रस
  • चुटकी भर हल्दी

विधि :

  • गन्ने के रस में हल्दी को मिलाएं।
  • इसे पूरे चेहरे पर लगाएं और 10-12 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • अब चेहरे को गुनगने पानी से धो लें।
  • यह उपाय सप्ताह में दो बार कर सकते हैं।

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गन्ने के रस के फायदे जानने के बाद गन्ने के जूस में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में पता करते हैं।

गन्ने के जूस के पौष्टिक तत्व – Sugarcane Juice (Ganne ka Ras) Nutritional Value in Hindi

गन्ने के जूस में निम्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं (17) : 

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 मिलीलीटर
ऊर्जा49 kcal
कार्बोहाइड्रेट्स11.51 ग्राम
शुगर8.55 ग्राम
मिनरल
कैल्शियम10 मिलीग्राम
आयरन0.18 मिलीग्राम
मैग्नीशियम12 मिलीग्राम
पोटैशियम160 मिलीग्राम

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लेख के अगले भाग में जानिए गन्ने के जूस के उपयोग के बारे में।

गन्ने के रस का उपयोग – How to Use Sugarcane Juice in Hindi

गन्ने का उपयोग नीचे बताए गए तरीकों से किया जा सकता है :

  • गन्ने का जूस ठंडा-ठंडा या सामान्य रूम टेंपेरेचर जितना ठंडा भी पी सकते हैं।
  • इसे मुल्तानी मिट्टी या बेसन में मिलाकर फेस पैक भी बनाया जा सकता है।
  • स्वाद के लिए गन्ने का जूस बनाते समय उसमें पुदीना के पत्ते, नींबू और अदरक भी डाल सकते हैं।

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लेख के अगले भाग में जानिए कि गन्ने का रस बनाने का तरीका।

गन्ने का रस बनाने की विधि

नीचे बताए गए तरीके से गन्ने का जूस घर में बनाया जा सकता है।

सामग्री :

  • एक गन्ना
  • एक बड़ा चम्मच अदरक कटा हुआ
  • नींबू का रस स्वाद के लिए
  • काला नमक स्वाद के लिए

विधि :

  • गन्ने का छिल्का उतारकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
  • अब ब्लेंडर में सभी सामग्रियों को डालें और कुछ देर तक अच्छी तरह ब्लेंड करें।
  • अब अपने हाथों की मदद से ब्लेंड सामग्री से रस निचोड़कर गिलास में डालें।
  • निकाले गए रस को कुछ देर ठंडा करें और उसमें स्वाद के अनुसार काला नमक व नींबू का रस मिलाकर पिएं।

आगे पढ़ते रहें

गन्ने के रस के फायदे, इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों व उपयोग के तरीकों के बाद जानिए कि इसे स्टोर कैसे करें।

गन्ने का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Sugarcane in Hindi

चयन : गन्ने के जूस का आनंद लेने के लिए इसका सही चुनाव भी जरूरी है। हमेशा पीले हो चुके गन्ने का ही चुनाव करें, जिनकी पत्तियां सूखी हों। गन्ने पर उंगली से हल्की चोट मारकर देखें, अगर आवाज किसी धातु से टकराने जैसी आती है, तो इसका मतलब है कि गन्ना पूरी तरह से पक चुका है।

स्टोर : जब भी आप बड़ा गन्ना खरीदें, तो उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें, ताकि आप उसे अच्छी तरह फ्रिज में स्टोक कर सकें। गन्ने को रेफ्रिजरेटर में रखने से पहले उसके छिल्के उतारना न भूलें। आप गन्ने के टुकड़ों को प्लास्टिक से कवर भी कर सकते हैं, ताकि बाहरी नमी से ये बचे रहें। अगर सही से प्रक्रिया का पालन किया जाए, तो गन्ने को दो सप्ताह तक फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है।

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आने वाले भाग में आप गन्ने के रस के नुकसान के बारे में जानेंगे।

गन्ने के जूस के नुकसान – Side Effects of Sugarcane Juice (Ganne ka Juice) in Hindi

इसमें कोई शक नहीं कि गन्ने का रस एक गुणकारी पेय पदार्थ है, लेकिन इसका अधिक सेवन निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है :

  • गन्ना ठंडी तासीर का होता है, इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से बचें, वरना सर्दी-जुकाम हो सकता है।
  • सड़क किनारे बिकने वाले गन्ने के रस से बचें, क्योंकि इस रस में हानिकारक कीटाणु हो सकते हैं, जो पेट संबंधी समस्या का कारण बन सकते हैं।
  • लंबे समय तक रखे गए गन्ने के जूस में कीटाणु जैसे यीस्ट, बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं, जिससे गन्ने के रस के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं (18)।

गन्ने के गुण सुनकर आप समझ गए होंगे कि गर्मियों के दौरान गन्ने का रस कितना लाभकारी हो सकता है, इसलिए जब भी मौका मिले गन्ने के रस का सेवन करें। साथ ही ध्यान रखें कि इसका रस साफ तरीके से निकाला गया हो। गंदगी के संपर्क में आने से गन्ने के रस के फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। लेख में बताई गई किसी भी समस्या से पीड़ित होने पर गन्ने के रस का सेवन प्राकृतिक दवा के रूप में किया जा सकता है। आशा करते हैं कि इस लेख से आप गन्ने का रस पीने के फायदे और नुकसान अच्छी तरह समझ गए होंगे और इस स्वादिष्ट रस को अपने जीवन में शामिल जरूर करेंगे।

आगे हमने पाठकों के द्वारा पूछे गए कुछ आम सवालों के जवाब दिए हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

गन्ने के रस को कब तक पिया जा सकता है?

कोशिश करें कि गन्ने का रस ताजा ही पिएं। अगर गन्ने के रस को फ्रिज में नहीं रखा गया है, तो यह आधा या एक घंटे बाद खराब होने लगता है।

क्या गन्ने का रस रोज पीया जा सकता है?

जी हां, एक कप गन्ने के जूस का सेवन रोज किया जा सकता है। ध्यान रखें कि इसे नियंत्रित मात्रा में ही पिएं। साथ ही यह उन लोगों के लिए लागू है जो पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो वह डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही गन्ने के रस को अपनी डाइट में शामिल करें।

क्या गन्ने के जूस से सर्दी-जुकाम ठीक होता है?

जैसा कि हम लेख में बता चुके हैं कि गन्ने का जूस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। ऐसे में सर्दी-जुकाम आदि से आराम पाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है (7)। बस ध्यान रखें कि इस दौरान ठंडा जूस न पिएं।

क्या गन्ने का जूस रात में पी सकते है?

इस संबंध में सभी की अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का कहना है कि रात को भोजन के बाद थोड़ी मात्रा में गन्ने का जूस पीने से नींद अच्छी आती है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि गन्ने का जूस ठंडा होता है, इसलिए रात में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। बेहतर यही होगा कि इस संबंध में एक बार आहार विशेषज्ञ की राय जरूर ली जाए।

क्या गन्ने के जूस से वजन बढ़ता है?

नहीं, बल्कि गन्ने के जूस को सीमित मात्रा में पीने से वजन संतुलित हो सकता है। इस बारे में ऊपर लेख में विस्तार से बताया गया है।

क्या गर्भावस्था में गन्ना खा सकते हैं?

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में गन्ने का सेवन न करने की सलाह दी जाती है (19)। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं।

गन्ने की तासीर कैसी होती है?

गन्ने की तासीर ठंडी होती है।

क्या मधुमेह के मरीजों के लिए गन्ने का रस लाभकारी हो सकता है?

मधुमेह के मरीजों को गन्ने का जूस पीने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर किसी डायबिटीज के मरीज को गन्ने के रस का सेवन करना है, तो बेहतर है इस बारे में पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए।

क्या गन्ने के रस के सेवन वजन कम करने में मदद मिल सकती है?

इस विषय में वैज्ञानिक शोध की कमी है। ऐसे में गन्ने के रस वजन कम करने के लिए उपयोगी है या नहीं, यह कह पाना मुश्किल है। हालांकि, अगर किसी को बढ़ते वजन की समस्या है तो बेहतर है डॉक्टरी या विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही गन्ने के रस को अपने डाइट में शामिल करें।

और पढ़े:

References

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  2. The Effects of Ingestion of Sugarcane Juice and Commercial Sports Drinks on Cycling Performance of Athletes in Comparison to Plain Water
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  3. MANJAL KAMALAI (JAUNDICE)
    https://www.nhp.gov.in/Manjal-Kamalai-(Jaundice)_mtl
  4. Antiproliferative and antioxidant activities of a tricin acylated glycoside from sugarcane (Saccharum officinarum) juice
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  5. Antioxidant Properties of Sugarcane Extracts
    http://www.welmor.org/Antioxidant_Properties_of_Sugarcane_Extracts.109130116.pdf
  6. Fever
    https://medlineplus.gov/fever.html
  7. Preservation of Sugarcane Juice Using Hurdle Technology
    https://www.academia.edu/9885319/Preservation_of_Sugarcane_Juice_Using_Hurdle_Technology
  8. Tonsillitis
    https://medlineplus.gov/tonsillitis.html
  9. High pressure, temperature and time-dependent effects on enzymatic and microbial properties of fresh sugarcane juice
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  10. Mycotoxin Contamination in Sugarcane Grass and Juice: First Report on Detection of Multiple Mycotoxins and Exposure Assessment for Aflatoxins B1 and G1 in Humans
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  11. Use of Sugar on the Healing of Diabetic Ulcers: A Review
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  12. Urination – painful
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  15. Role of antioxidants in the skin: anti-aging effects
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  16. Antioxidant activity in sugarcane juice and its protective role against radiation induced DNA damage
    https://www.academia.edu/26595595/Antioxidant_activity_in_sugarcane_juice_and_its_protective_role_against_radiation_induced_DNA_damage
  17. CANE JUICE
    https://ndb.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/600597/nutrients
  18. Spoilage of sugarcane juice a problem in sugarcane industry
    https://www.academia.edu/7285843/Spoilage_of_sugarcane_juice_a_problem_in_sugarcane_industry
  19. The Not-So-Subtle Body in Dais’ Birth Imagery
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.270.190&rep=rep1&type=pdf
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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