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शिशु के जन्म लेने के बाद से ही उसके जीवन में माता-पिता की भूमिका अहम हो जाती है। यही वजह है कि माता-पिता बनते ही एक अच्छे पेरेंट्स बनने की चिंता हर किसी को सताने लगती है। अगर माता-पिता अपने बच्चों से अच्छे बच्चे होने की उम्मीद करते हैं, तो बच्चों को भी अपने माता-पिता से अच्छे पेरेंट्स बनने की उम्मीद होती है। हालांकि, अच्छा पेरेंट्स बनना किसी चुनौती से कम नहीं, लेकिन यह नामुमकिन भी नहीं है। ऐसे में मॉमजंक्शन के इस खास लेख में हम लाए हैं, अच्छे माता पिता बनने के टिप्स। एक अच्छे पेरेंट्स बनकर ही आप अपने बच्चे को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। तो पेरेंटिंग टिप्स जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
तो आइए पेरेंटिंग टिप्स इन हिंदी में सबसे पहले जानते हैं कि एक अच्छे माता-पिता कैसे होते हैं।
एक अच्छे माता-पिता कैसे होते हैं?
एक अच्छे माता-पिता की भूमिका निभाना इतना आसान नहीं होता। अच्छा पेरेंट्स बनने के लिए कई सारे गुणों का होना जरूरी है। ध्यान रहे अच्छे पेरेंट्स का मतलब यह नहीं कि वे कोई गलती न करें या उनमें कोई कमी न हो। अच्छे पेरेंट्स का मतलब यह है कि वे अपने बच्चों के व्यवहार और उन्हें समझें। बच्चे को सही-गलत के बीच की शिक्षा दे, बच्चे की तुलना करने के बजाय उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। सख्ती करने के बजाय बच्चे को प्यार से ही जीवन के लक्ष्य और आने वाले चुनौतियों के लिए तैयार करे। ये तो अच्छे माता-पिता के कुछ ही गुण हैं, इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हम यहां कुछ अन्य अहम टिप्स लाए हैं, जिन्हें फॉलो कर अच्छे पेरेंट्स की भूमिका निभाने में मदद मिल सकती है।
लेख में आगे पढ़े अच्छे माता-पिता बनने के लिए 17 जरूरी टिप्स।
17 अच्छे माता-पिता बनने के लिए जरूरी टिप्स | Parenting Tips in Hindi
एक अच्छे पेरेंट्स की बड़ी भूमिका होती है कि वो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करे। यही कारण है कि अच्छे माता-पिता बनने के लिए कुछ विशेष बातों को जहन में रखना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं अच्छे माता-पिता बनने के लिए जरूरी टिप्स, जो कुछ इस प्रकार हैं:
1. बच्चों को वक्त दें
आजकल की लाइफस्टाइल में पेरेंट्स इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें बच्चे से बात करने की फुर्सत नहीं होती। ऐसे में यह जरूरी है कि काम के साथ-साथ बच्चे को भी वक्त दिया जाए। अच्छे पेरेंट्स बनने के लिए जरूरी है कि वे बच्चों के लिए वक्त निकालें। काम अपनी जगह है और परिवार के लिए वक्त अपनी जगह है। ऐसे में बच्चों से बात करके और उन्हें वक्त देकर उनके मन की बातों को जानने की कोशिश करें। अपने सभी काम की तरह इसे भी प्राथमिकता दें, तभी आप अच्छे पेरेंट्स बन सकेंगे।
2. एक अच्छा रोल मॉडल बनें
हर बच्चे के अंदर उसके माता-पिता की झलक दिखाई देती। बच्चे अपने से बड़ों को देखकर चीजों को सीखते हैं। वो सबसे ज्यादा चीजें अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं। पेरेंट्स का जैसा व्यवहार वो देखते हैं, उसी के अनुसार वो खुद भी दूसरों के साथ बर्ताव करते हैं। इसलिए कोशिश करें कि भविष्य में उन्हें आप जिस रूप में देखना चाहते हैं, उन्हें बचपन से ही वो चीजें सिखाएं। वहीं, इन चीजों को सीखाने के लिए आपको स्वयं भी वैसा ही होना पड़ेगा। अगर आप खुद अपने बच्चे के लिए रोल मॉडल बनते हैं, तो बच्चा भी आपको देखकर प्रभावित होगा और आपके जैसा ही बनने का प्रयास करेगा।
3. स्वयं की गलती स्वीकार करें
जैसे कि हमने बताया कि हर बच्चे के लिए उसके माता-पिता रोल मॉडल होते हैं। रोल मॉडल बनने के लिए कई बातों का होना आवश्यक है, जिनमें सबसे अहम है अपनी गलती को स्वीकार करना। अगर आपसे कोई गलती हुई है तो बच्चे के सामने बिना किसी झिझक के उसे स्वीकार करें। ऐसा करने से बच्चे व माता-पिता के बीच का रिश्ता और मजबूत होगा। साथ ही वो भविष्य में किसी बात को या अपनी किसी गलती को छुपाएंगे नहीं। यह माता-पिता बनने के खास टिप्स में से एक है।
4. बच्चों की गलतियों को स्वीकार करें
स्वयं की गलतियों को स्वीकार करने के साथ ही बच्चों की गलतियों को स्वीकार करना एक अच्छे पेरेंट्स की निशानी होती है। ऐसा करने से बच्चे अपनी गलतियों को छिपाएंगे नहीं और वो आपसे सबकुछ शेयर भी करेंगे। उनकी गलतियों पर प्रतिक्रिया देते समय उन्हें समझाएं कि आखिर उनसे क्या भूल हुई है और उन्हें इस स्थिति में क्या करना चाहिए।
5. खुद के अवगुणों का त्याग करें
गलतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ खुद के अंदर मौजूद अवगुणों का त्याग करना भी एक आदर्श माता-पिता की भूमिका होती है। जुआ, शराब, धूम्रपान या फिर किसी तरह के नशे की आदत है, तो इसका प्रभाव बच्चे पर भी पड़ता है। इसलिए इन अवगुणों का त्याग करें व बच्चों को भी इनके हानिकारक प्रभाव से रूबरू कराएं, ताकि भविष्य में वो भी इन चीजों से दूर रहें।
6. धैर्य रखें
सिर्फ अच्छे ही नहीं, बल्कि माता-पिता बनने के लिए भी संयम से काम लेना जरूरी है। कई बार पेरेंट्स बच्चों के सामने अपना आपा खो देते हैं, जिसकी वजह से बच्चे चिंतित हो जाते हैं। वहीं ये भी ध्यान रहे कि बच्चों के सामने अपने पार्टनर या फिर फोन पर किसी से बहस करने या चिल्लाने से परहेज करें। ऐसी प्रतिक्रियाओं से बच्चों के मन मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और वो भयभीत भी हो सकते हैं। इसलिए बच्चों को समझाते, पढ़ाते वक्त धैर्य से काम लें। इसके अलावा, अगर बच्चा खेलते-खेलते गिर जाए तो तुरंत उस पर प्रतिक्रिया न देकर, उनको फिर से खेलने के लिए हौसला दें। इससे बच्चे रोने के बजाय भावनात्मक तौर पर मजबूत बन सकते हैं।
7. चिल्लाना या मारना है गलत
भावनाओं पर नियंत्रण रखने के साथ ही अपने अंदर के क्रोध पर काबू रखना भी उतना ही आवश्यक है। कई बार पेरेंट्स बच्चों की गलतियों पर उन पर चिल्लाते हैं, या हाथ उठा देते हैं पर यह सरासर गलत है। ध्यान रहे कि क्रोध में किया गया ये व्यवहार बच्चे को पेरेंट्स से दूर करने के लिए काफी होता है। हालांकि, माता-पिता के लिए क्रोध पर नियंत्रित करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा, लेकिन यह बच्चे के भविष्य व अच्छे पेरेंट्स के लिए जरूरी है। डांट-फटकार करने से बच्चे नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इतना ही नहीं, बच्चे सही रास्ते पर चलने के बजाय बिगड़ या जिद्दी बन सकते हैं। आगे चलकर बच्चे के जिद्दी व गुस्सैल व्यवहार के लिए पेरेंट्स के परवरिश पर सवाल उठ सकते हैं। इसलिए, बच्चे को डांटकर समझाने के बजाय प्यार से समझाएं।
8. बच्चों की तुलना न करें
अगर आपके एक से अधिक बच्चे हैं, तो ध्यान रहे कि एक अच्छे माता-पिता होने के नाते कभी एक दूसरे से उनकी तुलना न करें। इसके अलावा, अन्य किसी बच्चे से भी अपने बच्चे की तुलना न करें। ऐसा करने से बच्चे को भावनात्मक रूप से चोट पहुंच सकती है और वो इससे हताश होने लगते हैं। हर बच्चा अपने में खास होता है व उसके अंदर अलग-अलग गुण होते हैं, इसलिए दूसरों से उनकी तुलना करना उनके लिए अनुचित है।
9. आलोचना न करें
बच्चों की एक दूसरे से तुलना न करने के साथ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उनकी आलोचना भी न करें। कुछ माता-पिता ऐसे होते हैं जो छोटी-छोटी बातों पर बच्चे को डांटते हैं या फिर क्रोधित हो जाते हैं। कोशिश करें कि अगर बच्चा गलत व्यवहार करता है, तो उसे समझाकर उसमें बदलाव लाने का प्रयास करें न कि उसकी आलोचना करें। विशेषरूप से ‘तुम बुरे हो’, ‘तुम कभी नहीं सुधर सकते’ इस तरह के वाक्यों का प्रयोग करने से बचें। उन्हें बताएं कि आखिर उनका व्यवहार क्यों गलत है और उन्हें कैसा बर्ताव करना चाहिए।
10. बच्चों को गलतियां करने दें
आलोचना न करने के साथ जरूरी है कि बच्चों को गलतियां करने दें। यह सच है कि जीवन में इंसान गलतियां करके ही काफी कुछ सीखता है, ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो बिना गलतियों के कुछ सीखा हो। इसलिए बच्चों को गलतियां करने दें, छोटी-मोटी गलतियों से ही बच्चे सीखते हैं व जीवन में आगे बढ़ते हैं। इसके लिए आपको दूर खड़े रहकर बच्चों को गलती करते देखना होगा। हालांकि, ये कर पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन बच्चे को कुछ सिखाने के लिए यह तरीका लाभकारी साबित हो सकता है। कहते हैं न गिरने से ही बच्चे चलना सीखते हैं, वैसे ही गलती से ही बच्चे चीजों को समझने लगते हैं। इस दौरान जब ऐसा लगे कि बच्चे कोई बड़ी गलती कर रहे हैं, जिससे उन्हें हानि हो सकती है तब उन्हें रोक सकते हैं या समझा सकते हैं।
11. ढेर सारा प्यार जताएं
पॉजिटिव पेरेंटिंग टिप्स में अहम चीज है बच्चे पर प्यार जताना। कई बार हम सोचते हैं कि बच्चों को उनके भविष्य के लिए तैयार करना व उनकी जरूरतें पूरी करना ही एक अच्छे माता-पिता की जिम्मेदारी होती है,पर ऐसा नहीं है। बच्चों को समय-समय पर प्यार जताना भी अच्छे पेरेंटिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके लिए अपने बच्चे को गोद में बिठाकर, उनसे बातें करें, उन्हें गले लगाकर स्नेह जता सकते हैं। उनकी तारीफ भी कर सकते हैं। पढ़ाई के वक्त बच्चे का ध्यान लगे, इसके लिए उन्हें चीजों को प्यार से समझाएं और हंसी-मजाक व खेल-खेल में उन्हें पढ़ाएं। देखा जाए तो प्यार देने के साथ-साथ बच्चे के दोस्त बनने की कोशिश करें, ताकि वे आपसे हर बात खुलकर शेयर कर सके।
12. सीमा तय करना भी है जरूरी
माता-पिता व बच्चे के रिश्ते में प्यार तो जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही साथ एक सीमा तय करना भी जरूरी है। बहुत ज्यादा गुस्सा जहां बच्चे को आपसे दूर कर सकता है, वहीं जरूरत से ज्यादा प्यार भी आपके लाडले को बिगाड़ने के लिए काफी है। इसलिए ध्यान रहे कि बच्चे के साथ व्यवहार कैसा होना चाहिए यह पूरी तरह से माता-पिता पर निर्भर करता है। प्यार एक हद तक ही ठीक है, बच्चे के गलती करने पर थोड़ी-बहुत डांट भी जरूरी है। यहां डांट का मतलब चिल्लाना नहीं, बल्कि गंभीर होकर बच्चे को समझाना है। परिस्थिति के अनुसार ही बच्चे के साथ व्यवहार करें।
13. बच्चों को उपहार दें
प्यार जताने के साथ-साथ बच्चे को प्रेरित करने का ये तरीका भी अच्छा साबित हो सकता है। बच्चे को गिफ्ट देकर उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। दरअसल जब आप अपने बच्चे को कोई बात सीखा रहे होते हैं और बच्चा सीख लेता है या फिर उस पर अमल करता है, तो उन्हें गिफ्ट जरूर दें। ऐसा करने से बच्चे के मन में खुशी होगी और अगली बार भी वो आपके द्वारा सीखाई गई बातों का अनुसरण करेंगे। पेरेंट्स चाहें तो गिफ्ट के रूप बच्चे की पसंदीदा चॉकलेट या किसी घुमाने वाली जगह पर ले जा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे बच्चे को गिफ्ट का लालच बिल्कुल न दें या उन्हें पहले से यह बिल्कुल न कहें कि वो तय किया काम अगर कर लेते हैं तो उन्हें गिफ्ट मिलेगा। ऐसा करने से उनके मन में चीजों के प्रति लालच का भाव उत्पन्न हो सकता है। बच्चे के लिए उपहार को सरप्राइज रहने दें। उन्हें गिफ्ट की आदत न लगवाएं।
14. आत्मनिर्भर बनाएं
प्यार व गिफ्ट देने के साथ अच्छे माता-पिता बनने के टिप्स में यह भी जरूरी है कि बच्चों को आत्मनिर्भर होने का ज्ञान दें। बच्चों को बताएं की सही व गलत में फर्क कैसे किया जाए, जिससे वो आगे चलकर खुद किसी भी चीज में निर्णय लेने लायक बन सके। उन्हें बताएं कि अलग सोच रखना गलत नहीं है और हमेशा समूह में ही रहकर चलना भी सही नहीं है। परिस्थितियों के अनुरूप चलना ही उचित होता है। बार-बार किसी काम को करने के लिए उनकी मदद न करें, कुछ मामलों में उन्हें खुद ही खुद की मदद करना सिखाएं। जीवन में आने वाले चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार रहना सिखाएं।
15. बच्चों पर उम्मीदों का भार न डालें
कई बार माता-पिता अपनी इच्छाओं को अपने बच्चों के द्वारा पूरा करना चाहते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन अपनी इच्छाओं को उन पर थोपना या उनसे कई सारी उम्मीदें रखना गलत है। बच्चों को कक्षा में अव्वल आने के लिए या फिर किसी खेल में प्रथम आने के लिए मजबूर करना, उन पर दबाव डालना सही नहीं है। बच्चों को एक जिम्मेदार, परिपक्व इंसान बनाने के चक्कर में उन पर अनुचित अपेक्षाओं का बोझ न डालें। अच्छा यह होगा कि उन्हें प्रोत्साहित करें व उन्हें अपनी काबिलियत के अनुसार प्रयास करने का अवसर दें।
16. बच्चे के सामने पति-पत्नी अच्छा व्यवहार करें
बच्चा अपने माता-पिता के करीब होता है, इसलिए ध्यान रहे कि अच्छे पेरेंट्स होने के नाते पति-पत्नी एक दूसरे से भी अच्छा बर्ताव करें। किसी समस्या को दोनों मिलकर हल करें। माता-पिता को लड़ते देखना बच्चे के लिए दुखदायी हो सकता है, जिसका असर उनके बचपन और मन पर पड़ सकता है। कोशिश करें कि बच्चों के सामने कभी लड़ाई न करें और आपस में प्यार के साथ रहें। दरअसल, ऐसा करने से बच्चे ये जरूर सीखेंगे कि जीवन में लाइफ पार्टनर या अपने खास लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए।
17. बच्चों के खास लम्हों में उपस्थित रहें
कई बार माता-पिता अपने काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वे बच्चों के खास पलों के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं। इसका उनके मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है और वो निराश हो सकते हैं। ऐसा बार-बार होने पर बच्चे माता-पिता से दूर भी हो जाते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि एक अच्छा पेरेंट्स बनने के लिए बच्चों के खास पलों में मौजूद रहें। उनका जन्मदिन हो, पेरेंट्स-टीचर मीटिंग हो, रिजल्ट हो या स्पोर्ट्स डे हो, कोशिश करें कि माता-पिता होने के नाते आप उनके इन खास दिनों में उनके साथ रहें। इससे उन्हें यह एहसास होगा कि आप उन्हें कितना स्पेशल मानते हैं।
एक अच्छे माता-पिता कैसे होते हैं, इसके बारे में लेख में कुछ जरूरी टिप्स बताए गए हैं, जो काफी मददगार साबित हो सकते हैं। ऐसे में इन टिप्स को अपनाकर माता-पिता एक अच्छा पेरेंट्स बनने के दिशा में सही कदम बढ़ा सकते हैं। इन टिप्स को फॉलो कर पेरेंट्स न सिर्फ एक अच्छे माता-पिता बनेंगे, बल्कि अपने बच्चे का भविष्य भी उज्जवल कर सकेंगे। आशा करते हैं कि लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी व उपयोगी भी साबित होगी। इसे अन्य पेरेंट्स के साथ भी जरूर शेयर करें और ऐसे ही बेहतरीन लेख पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन की वेबसाइट विजिट करते रहें।
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