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आयुर्वेद में कई जड़ी बूटियों का जिक्र है, जिसमें एक गोरखमुंडी है। यूनानी चिकित्सा प्रणाली में इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर इस जड़ीबूटी के नाम से अधिकांश लोग परिचित नहीं हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम गोरखमुंडी का पेड़ से संबंधित संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं। इस लेख में गोरखमुंडी का उपयोग, गोरखमुंडी खाने के फायदे और गोरखमुंडी के नुकसान के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। तो गोरखमुंडी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
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लेख के पहले भाग में गोरखमुंडी क्या है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
गोरखमुंडी क्या है – What is Gorakhmundi in Hindi
गोरखमुंडी एक तरह का पौधा है, जिसे ईस्ट इंडियन ग्लोब थिस्टल के नाम से भी जाना जाता है। यह एस्टेरेसिया (Asteraceae) परिवार से संबंध रखता है। इसका वैज्ञानिक नाम स्पैरेंथस इंडिकस (Sphaeranthus Indicus) है। गोरखमुंडी की पहचान आसानी से की जा सकती है। इस पौधें की ऊंचाई 30-60 सेमी तक होती है और यह जमीन पर फैला होता है। इस पौधें में ठंड के दिनों में फूल और फल लगते हैं। गोरखमुंडी के फूलों का रंग बैंगनी होता है। साथ ही, इसके फूल गोल घुंडियों वाले होते हैं, जिसे मुण्डी कहा जाता है। इसकी जड़, फूल और पत्तियों का उपयोग कई रोगों से बचाव के लिए किया जाता है (1)।
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चलिए, अब जान लेते हैं कि गोरखमुंडी में कौन-कौन से आयुर्वेदिक गुण होते हैं।
गोरखमुंडी के औषधीय गुण – Gorakhmundi Medicinal Properties in Hindi
गोरखमुंडी जड़ी बूटी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। आयुर्वेद से लेकर यूनानी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसका जिक्र मिलता है। इसमें हाइपोटेंसिव(रक्तचाप को कम करने वाला), न्यूरोलेप्टिक, हाइपोलिपिडेमिक (वसा को कम करता है), इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने वाला), एंटीऑक्सिडेंट (मुक्त कणों से लड़ने वाला), एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला), एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम करने वाला प्रभाव) और हेपेटोप्रोटेक्टिव (लिवर को स्वस्थ रखना) गतिविधियां होती हैं। साथ ही, इसमें सेसक्विटरपीन लैक्टोन, यूडेसमैनोलाइड, फ्लेवोनोइड्स जैसे फाइटोकेमिकल्स भी पाए जाते हैं।
इसके अलावा, गोरखमुंडी में एनाल्जेसिक (दर्द को कम करने वाला), एंटीपायरेटिक (बुखार को कम करने वाला), एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरिया से बचाने वाला), एंटी-बैक्टीरियल (बैक्टीरिया को पनपने से रोकने वाला), एंटी-फंगल (फंगस से लड़ने वाला) और एंटीवायरल (संक्रामक बीमारियों से बचाव) गुण मौजूद होते हैं (1)। इन प्रभावों से होने वाले लाभकारी असर के बारे में हम लेख के अगले भाग में विस्तार से जानकारी देंगे।
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लेख में आगे गोरखमुंडी के फायदे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
गोरखमुंडी के फायदे – Benefits of Gorakhmundi in Hindi
गोरखमुंडी के उपयोग से सेहत को कई लाभ हो सकते हैं। नीचे हम गोरख मुण्डी के फायदे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं :
1. बवासीर के लिए
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि बवासीर के मरीजों के लिए गोरखमुंडी का सेवन फायदेमंद हो सकता है (1)। वहीं, एक अन्य शोध में साफ तौर से इस बात को बताया गया है कि गोरखमुंडी का इस्तेमाल पाइल्स की आयुर्वेदिक दवाई के रूप में किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइटोकंपाउंड्स इस समस्या से राहत दिलाने में सहायता कर सकते हैं (2)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
2. मधुमेह से राहत
गोरखमुंडी का उपयोग कर मधुमेह की स्थिति में सुधार किया जा सकता है। दरअसल, एक रिसर्च में इसकी पुष्टि की गई है कि गोरखमुंडी के अर्क में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव पाया जाता है, जो रक्त में शुगर के स्तर को सही रखने में सहायक हो सकता है। साथ ही, इसके तने वाले भाग के इथेनॉल अर्क में एंटी-डायबिटिक प्रभाव होता है, जो मधुमेह की समस्या से बचाव में मदद कर सकता है। यह जानकारी एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक रिसर्च पेपर में दी गई है (3)।
3. आंखों के लिए
गोरखमुंडी खाने के फायदे की बात करें, तो यह आंखों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च के अनुसार, गोरखमुंडी के फूल में टॉनिक व कुलिंग प्रभाव होता है। इसके अलावा, यह कंजक्टिवाइटिस (आंखों का संक्रमण) से राहत प्रदान कर सकता है। साथ ही, यह आंखों की कमजोरी को कम करने में भी कारगर हो सकता है (1)। वहीं, एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, गोरखमुंडी के फूल को पानी में भिगोकर आई ड्रॉप तैयार किया जा सकता है। यह आंखों के इंफेक्शन में राहत प्रदान कर सकता है (4)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, जिससे यह स्पष्ट रूप से पता चल सके कि इसका कौनसा गुण आंखों को फायदा पहुंचाता है।
4. फोड़े के लिए
फोड़े से निपटने के लिए गोरखमुंडी का इस्तेमाल हर्बल दवाई के रूप में किया जा सकता है। दरअसल, गोरखमुंडी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया और फंगस से राहत दिलाने के साथ फोड़े की स्थिति में सुधार करने में उपयोगी हो सकते है (1)। बता दें, बैक्टीरिया और फंगस फोड़े के मुख्य कारण हैं (5)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि गोरखमुंडी के फायदे में फोड़े को ठीक करना भी शामिल है।
5. दर्द से राहत
गोरखमुंडी का पौधा दर्द को कम करने में भी मदद कर सकता है। दरअसल, इस पौधे में पाए जाने वाले पेट्रोलियम ईथर, क्लोरोफॉर्म और इथेनॉल अर्क में एनाल्जेसिक गुण होता है। बता दें, एनाल्जेसिक एजेंट दर्द को कम करने का प्रभाव होता है (1)। इस आधार पर शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द से राहत पाने के लिए गोरखमुंडी का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
6. कुष्ठ रोग में मददगार
कुष्ठ रोग से राहत पाने के लिए गोरखमुंडी का उपयोग किया जा सकता है। बता दें कि कुष्ठ रोग एक तरह का संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्राई नामक बैक्टीरिया के कारण होता है (6)। वहीं, गोरखमुंडी में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है (1)। इसलिए, कुष्ट रोग में कुछ हद तक सुधार के लिए गोरखमुंडी को बेहतर विकल्प माना जा सकता है।
7. गोनोरिया
गोनोरिया यौन संबंध से होने वाला एक तरह का संक्रमण है (7)। एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो गोरखमुंडी के पौधे को गोनोरिया की स्थिति में हर्बल मेडिसिन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होता है, जो गोनोरिया से राहत पहुंचाने में सहायक हो सकता है (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गोनोरिया को ठीक करने के लिए गोरख मुण्डी के फायदे हासिल किए जे सकते हैं।
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आगे जानिए, गोरखमुंडी का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है।
गोरखमुंडी खाने का सही तरीका – How to Use Gorakhmundi in Hindi
गोरखमुंडी का पेड़ काफी उपयोगी होता है। इसे कई तरह से उपयोग में लाया जा सकता है। गोरखमुंडी के उपयोग निम्न तरीकों से किया जा सकता है :
कैसे इस्तेमाल करें :
- इसके फूलों का काढ़ा बनाया जा सकता है।
- गोरखमुंडी चूर्ण को दूध में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- गोरखमुंडी के ताजे फूल में सरसों का तेल मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इसके चूर्ण का शहद के साथ सेवन किया जा सकता है।
- गोरखमुंडी व नीम छाल का पाउडर से काढ़ा बनाकर ले सकते हैं।
- इसके पत्तों का पेस्ट त्वचा रोग में लगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब इस्तेमाल करें :
- इसके चूर्ण को रात में सोने से पहले दूध में मिलाकर पी सकते हैं।
- इसका काढ़ा दोपहर के समय ले सकते हैं।
कितना इस्तेमाल करें :
- इसे किस रूप में कितनी मात्रा में लेना है, इसपर किसी तरह का स्पष्ट वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इसे अपने आहार में शामिल करने की सही मात्रा जानने के लिए डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से मदद लें।
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अब हम गोरखमुंडी के नुकसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं ।
गोरखमुंडी के नुकसान – Side Effects of Gorakhmundi in Hindi
गोरखमुंडी के उपयोग से जिस प्रकार लाभ हो सकता है, उसी तरह इससे कुछ हानि भी हो सकती है। गोरखमुंडी के नुकसान कुछ इस तरह से नजर आ सकते हैं :
- गोरखमुंडी के उपयोग से कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो सकती है। दरअसल, इसमें निकल (Nickel) नामक तत्व मौजूद होता है, जो एलर्जी उत्पन्न कर सकता है। इससे शरीर में खुजली हो की शिकायत हो सकती है (9)।
- इसमें कैडमियम नामक रासायनिक तत्व मौजूद होता है। शरीर में इसकी अधिकता हाई ब्लड प्रेशर व किडनी डैमेज का कारण बन सकती है (9)।
- गर्भावस्था के समय गोरखमुंडी का उपयोग करने से परहेज करें। गोरखमुंडी में मरकरी (पारा) होता है, जिसका भ्रूण पर टॉक्सिक प्रभाव हो सकता है (9)।
किसी भी जड़ीबूटी का उपयोग काफी सोच समझकर व किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि भले ही स्वास्थ्य के लिए जड़ीबूटियों का इस्तेमाल उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं। लेख के माध्यम से आपको गोरखमुंडी के फायदे और नुकसान से जुड़ी जानकारी मिल गई होगी। इसलिए, यदि कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें स्टाइलक्रेज के साथ।
लेख के अंतिम भाग में गोरखमुंडी से संबंधित कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
क्या गोरखमुंडी को रोजाना लेना ठीक है?
गोरखमुंडी को रोजाना ले सकते हैं या नहीं इसपर किसी तरह का वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है, पर ऐसा माना जाता है कि सीमित मात्रा में दवा के तौर पर इसे रोजाना लिया जा सकता है। हालांकि, किसी भी जड़ीबूटी का उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
क्या गोरखमुंडी को खाली पेट ले सकते हैं?
जी हां, गोरखमुंडी का सेवन खाली पेट किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, इसके फूल और पत्ती को पेचिश और दस्त की समस्या से राहत पाने के लिए खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है (4)।
गोरखमुंडी को असर दिखाने में कितना समय लगता है?
गोरखमुंडी का असर हर व्यक्ति पर अलग अलग तरीके से हो सकता है। कुछ लोगों में इसका असर जल्दी तो कुछ में देरी से दिखाई दे सकता है। इसलिए, ऐसा स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि इसे असर दिखाने में कितना समय लगता है।
References
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- Sphaeranthus indicus Linn.: A phytopharmacological review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3059449/ - ANALYSIS OF PHYTOCOMPOUNDS IN THE METHANOLIC EXTRACTS OF PLANT SPHAERANTHUS INDICUS USING FT-IR
https://www.academia.edu/44739137/ANALYSIS_OF_PHYTOCOMPOUNDS_IN_THE_METHANOLIC_EXTRACTS_OF_PLANT_SPHAERANTHUS_INDICUS_USING_FT_IR - Review on Sphaeranthus indicus Linn. (Koṭṭaikkarantai)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3841994/ - Sphaeranthus indicus Linn: A pharmacological update
https://www.thepharmajournal.com/archives/2017/vol6issue2/PartB/6-1-30-992.pdf - Boils
https://medlineplus.gov/ency/article/001474.htm - Leprosy
https://medlineplus.gov/ency/article/001347.htm - Gonorrhea
https://medlineplus.gov/ency/article/007267.htm - Mundi (Sphaeranthus indicus Linn): The best blood purifier and immunomodulatory Unani herb with versatile ethnomedicinal uses and pharmacological activities
https://www.koreascience.or.kr/article/JAKO202115563404837.pdf - Study on Mineral content of Some Ayurvedic Indian Medicinal Plants
https://www.academia.edu/9348213/Study_on_Mineral_content_of_Some_Ayurvedic_Indian_Medicinal_Plants
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