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स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी परेशानियों को दूर करने के लिए हमेशा दादी-नानी के नुस्खों में सबसे पहला नाम हल्दी दूध का आता है। शायद यही वजह है कि जब भी कोई शारीरिक समस्या होती है, तो हल्दी दूध का नाम लिया जाता है। बेशक, हल्दी दूध का स्वाद हर किसी को पसंद नहीं होता, लेकिन हल्दी दूध के फायदे इतने सारे हैं कि इसे आप अनदेखा भी नहीं कर सकते। इसलिए, कई बार न चाहते हुए भी स्वास्थ्य लाभ के लिए इसका सेवन करना पड़ता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको हल्दी दूध पीने के फायदे के बारे में बताएंगे। कुछ फायदों से तो आप परिचित होंगे, लेकिन हल्दी दूध के फायदे कई ऐसे भी हैं, जिनसे आप अब तक अनजान हो सकते हैं।
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हल्दी दूध के फायदे से पहले हम बता रहे हैं कि आखिर हल्दी वाला दूध लाभकारी क्यों होता है।
हल्दी वाला दूध आपके के लिए क्यों अच्छा है?
हल्दी वाला दूध पीने के फायदे जानने के लिए हमें हल्दी और दूध में मौजूद प्रभाव को जानना होगा। बात करें हल्दी के स्वास्थ्य लाभ की, तो इसमें प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं (1)। साथ ही दूध कैल्शियम से भरपूर होता है (2)। इस तरह जब दूध और हल्दी दोनों को एक साथ मिला देते हैं, तो इनमें मौजूद पोषक तत्व एक दूसरे के गुणों को अधिक बढ़ा सकते हैं। इससे शरीर को बीमारियों और संक्रमण से बचाने के साथ ही भरपूर ऊर्जा भी मिल सकती है।
यही नहीं, हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) कंपाउंड यानी पॉलीफेनोल भी होता है, जो शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद कर सकता है। करक्यूमिन बीमारियों की रोकथाम के लिए फायदेमंद तो होता है, लेकिन इसे अवशोषित (Absorption) करना शरीर के लिए मुश्किल होता है। इसके अवशोषण के लिए हल्दी को काली मिर्च और वसायुक्त खाद्य पदार्थों, जैसे – दूध और घी के साथ मिलाने की सलाह दी जाती है (3)।
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इस भाग में हम हल्दी का दूध पीने के फायदे विस्तार से बता रहे हैं।
हल्दी दूध के फायदे – Benefits of Turmeric Milk in Hindi
नीचे क्रमवार हल्दी दूध के फायदे दिए गए हैं। बस यह ध्यान रखें कि हल्दी का दूध पीने के फायदे तो होते हैं, लेकिन यह किसी बीमारी का इलाज नहीं है। शारीरिक समस्या होने पर उपचार के लिए डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है। हां, हल्दी दूध व्यक्ति को स्वस्थ रखने और बीमारियों के लक्षण को कुछ कम करने में मददगार हो सकता है।
1. पाचन
पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए हल्दी का दूध पीना लाभकारी हो सकता है। दरअसल, आंतों को स्वस्थ रखने और पाचन तंत्र को बेहतर करने में हल्दी का दूध प्रभावकारी माना जाता है (4)। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव दिखाता है, जो आंत संबंधी बीमारियों को दूर करने में शरीर की सहायता कर सकता है (5)।
वहीं, गाय के दूध के प्रोटीन का लगभग 80 फीसदी हिस्सा कैसिइन (Casein – एक प्रकार का प्रोटीन) होता है, जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट पहुंचकर पाचन में मदद कर सकता है। साथ ही दूध में विटामिन-बी12 भी होता है, जिसे पाचन के लिए अच्छा माना गया है (6)। इसी वजह से पाचन से जुड़ी समस्या को दूर करने में हल्दी वाला दूध सहायक हो सकता है।
2. जोड़ों का दर्द
हल्दी का दूध जोड़ों से जुड़ी समस्या के लिए भी अच्छा माना गया है। इसकी वजह हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड का एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव है, जो जोड़ों और गठिया के दर्द को कम कर सकता है। साथ ही हल्दी दूध में एंटी अर्थराइटिस इफेक्ट भी होता है, जिसे जोड़ों की सूजन कम करने के लिए जाना जाता (4)।
हल्दी के इस गुण को बढ़ाने के लिए दूध एक अच्छा विकल्प है। इसमें मौजूद लैक्टोफेरिन प्रोटीन एंटी-इंफ्लामेटरी और दर्द कम करने वाला एंटीनोसाइसेप्टिव प्रभाव दिखाता है। इससे अर्थराइटिस के कारण हो रहे जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है (7)। इसी वजह से दूध हल्दी के फायदे में जोड़ों की परेशानी को भी गिना जाता है।
3. अनिद्रा
अनिद्रा को दूर करने के लिए भी हल्दी का दूध पिया जा सकता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन अनिद्रा की समस्या के साथ ही इससे पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त को भी ठीक कर सकता है (8)। हल्दी के इस गुण को बढ़ाने के लिए इसे दूध में मिलाया जा सकता है। दरअसल, दूध में ट्रिप्टोफैन और मेलाटोनिन कंपाउंड होते हैं। ये शरीर में नींद से जुड़े हार्मोन के साथ ही नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए रात में हल्दी दूध का सेवन करना लाभकारी माना जाता है (9)।
4. कैंसर
कैंसर से बचाव करने में भी दूध हल्दी के फायदे हो सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो पेट के कैंसर के खतरे को कम या उन्हें बढ़ने से रोक सकता है (10)। वहीं, दूध और डेयरी उत्पादों के माइक्रोन्यूट्रिएंट और कई बायोएक्टिव घटक कुछ कैंसर के जोखिम कम करने के साथ ही उन्हें बढ़ने से रोक सकते हैं (11)। इसी वजह से हल्दी वाला दूध अच्छा माना जाता है। बस ध्यान दें कि कैंसर एक घातक बीमारी है, जिसका डॉक्टरी उपचार जरूरी है। हल्दी दूध कैंसर का इलाज नहीं है।
5. हड्डी स्वास्थ्य
हल्दी का दूध पीने के फायदे में हड्डियों की सेहत को भी गिना जाता है। दरअसल, हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम जरूरी है, जो दूध में भरपूर मात्रा में होता है। यह कैल्शियम हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में अहम भूमिका निभा सकता है (12)। हल्दी का करक्यूमिन कंपाउंड भी हड्डियों के नुकसान और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधी रोग) को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है (13)। इससे यह पुष्टि होती है कि हड्डियों को मजबूत बनाने और उन्हें स्वस्थ रखने में दूध हल्दी के फायदे हो सकते हैं।
6. डायबिटीज
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है, इसलिए इसे डायबिटीज के रोकथाम में उपयोगी माना जाता है। इसके अलावा, यह डायबिटीज संबंधी लिवर विकारों को भी रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है (14)। साथ ही, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को डायबिटीज संबंधित इंफ्लेमेशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए जाना जाता है (15)।
इस अध्ययन में पाया गया है कि डायबिटीज टाइप 1 के मरीजों को 3 माह तक प्रतिदिन 5 ग्राम हल्दी देने से उनका रक्त शर्करा काफी हद कम हो सकता है (15)। वहीं, दूध में मौजूद कैल्शियम ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में मदद करके मधुमेह से बचाव कर सकता है (16)। इसी वजह से हल्दी दूध को डायबिटीज के लिए भी अच्छा कहा जा सकता है।
7. वजन घटाने के लिए
अगर बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो हल्दी दूध इसमें लाभ पहुंचा सकता है। एनसीबीआई पर मौजूद एक अध्ययन के अनुसार, हल्दी का दूध फैट कम कर सकता है, जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। बताया जाता है कि हल्दी दूध में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) अधिक वजन वालों का वजन नियंत्रित कर सकता है (17)। वहीं, दूध में मौजूद प्रोटीन भूख नियंत्रित करके वजन घटा सकता है (18)। बस तो हल्दी वाला दूध के फायदे पाने के लिए इसे आजमाएं।
8. सर्दी और खांसी
हल्दी वाले दूध के फायदे सर्दी-खांसी से राहत दिलाने में भी कारगर हो सकते हैं। दरअसल, हल्दी युक्त दूध को एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए उपयोगी माना जाता है । इस वजह से यह गले की खराश, खांसी और जुकाम से राहत दिला सकता है (19)।
9. हृदय स्वास्थ्य
हल्दी के करक्यूमिन कंपाउंड में कार्डियोवैस्कुलर प्रोटेक्टिव प्रभाव होता है। मतलब यह हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो मधुमेह की वजह से होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, ये एंटीऑक्सीडेंट्स कार्डियो टॉक्सिसिटी यानी हृदय संबंधी विषाक्तता से बचाव के लिए भी जाने जाते हैं (20 )।
यही नहीं, करक्यूमिन में मौजूद एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर हृदय रोग के जोखिम एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक का जमना) से भी बचा सकता है (20 )। हल्दी के साथ ही दूध पीने से इस्केमिक हृदय रोग (रक्त की आपूर्ति न होने के कारण आने वाला स्ट्रोक) का जोखिम कम हो सकता है (21)। इसी वजह से हृदय स्वास्थ्य और उसके कार्य को बेहतर करने में हल्दी दूध को अच्छा माना जाता है।
10. इंफ्लेमेशन
हल्दी दूध में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो शरीर को इंंफ्लेमेशन से लड़ने में मदद कर सकता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड इंफ्लेमेशन की वजह से होने वाले गठिया और अन्य बीमारी जैसे चर्म रोग से बचाव कर सकता है (3)। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ के रूप में भी जाना जाता है, जो सूजन और दर्द को ठीक कर सकता है (22)।
वहीं, हल्दी की ही तरह दूध में भी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो विभिन्न कारणों से शरीर में हो रही सूजन की समस्या को कम करने व उनसे बचाव करने में मदद कर सकता हैं। इसका यह गुण लो और हाई फैट दोनों प्रकार के डेयरी उत्पादों में मौजूद होता है (23)।
11. मस्तिष्क स्वास्थ्य
हल्दी वाले दूध में मौजूद करक्यूमिन मस्तिष्क स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह दिमाग से संबंधित अवसाद और अल्जाइमर (याददाश्त का जाना) के खतरे को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। यह पार्किंसंस रोग (दिमागी विकार) के लक्षण को कम करने में भी मदद कर सकता है (3)। वहीं, मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए दूध के फायदे से जुड़ा एक शोध यह बताता है कि दूध पीने से चिंता संबंधी विकार कम हो सकते हैं (9)।
दरअसल, दूध अमीनो एसिड से समृद्ध होता है। ये अमीनो एसिड मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर में परिवर्तित होते हैं। इन न्यूरोट्रांसमीटर की मदद से मस्तिष्क सही से कार्य करता है और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। ये गुस्सा आने, मूड खराब होने, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी परेशानी को दूर कर सकते हैं ( 24)। साथ ही दूध में मौजूद प्रोटीन में एंटी डिमेंशिया प्रभाव होता है, जो अल्जाइमर रोग से बचाव कर सकता है (25)। इस तरह हल्दी दूध के लाभ मस्तिष्क को भी हो सकते हैं।
12. इम्यूनिटी
हल्दी दूध में मौजूद करक्यूमिन बतौर इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट काम करता है। यह टी कोशिकाओं व बी कोशिकाओं समेत शरीर में मौजूद सभी स्वस्थ कोशिकाओं को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इन सभी कोशिकाओं की मदद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहती है। साथ ही करक्यूमिन शरीर में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ावा देकर गठिया, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह आदि से बचाव कर सकता है (26)। इसके अलावा, हल्दी वाले दूध के फायदे में ठंड लगने और गले की खराश से बचाना भी शामिल है (4)।
13. पीरियड्स का दर्द कम करे
मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन या दर्द में भी हल्दी वाले दूध के फायदे हो सकते हैं। इसके लिए माहवारी आने से दो सप्ताह पहले हल्दी के अर्क या हल्दी पाउडर का सेवन किया जा सकता है। हल्दी में एंटीस्पास्मोडिक (Antispasmodic) प्रभाव होता है, जो मांसपेशियों को आराम पहुंचाकर पाचन और मासिक धर्म संबंधी ऐंठन को कुछ हद तक कम कर सकता है। इसके लिए इस अवधि के दौरान दिन में दो बार दूध में हल्दी डालकर पी सकते हैं (27)।
14. डिटॉक्स
ज्यादातर लोगों को तला-भूना, मसालेदार या फिर जंक फूड खाना बहुत पसंद होता है, जिसका सीधा असर लिवर पर पड़ सकता है। इसलिए, बॉडी को डिटॉक्सीफाई यानी शरीर में मौजूद विषाक्तता को हटाना जरूरी हो जाता है। ऐसे में हल्दी दूध एक प्राकृतिक लिवर डिटॉक्सीफाई की तरह काम करता है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली तेज हो सकती है (28)। आयुर्वेद में सालों से हल्दी का इस्तेमाल लिवर की सफाई के लिए किया जाता रहा है (27)।
15. त्वचा स्वास्थ्य
धूल-मिट्टी व प्रदूषण की वजह से त्वचा की चमक लगातार फीकी पड़ने लगती है और स्किन संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में हल्दी दूध त्वचा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दमकती त्वचा के लिए हल्दी दूध का सेवन किया जा सकता है या फिर हल्दी दूध में रुई भिगोकर चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) स्किन कैंसर और अन्य संक्रमण से भी बचाव कर सकता है। साथ ही त्वचा पर बुरा प्रभाव डालने वाले बैक्टीरिया से भी लड़ने में मदद कर सकता है (4) (29)।
वहीं, त्वचा के लिए दूध के फायदे से जुड़े एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि दूध में मौजूद फॉस्फोलिपिड (एक तरह का वसा) त्वचा की ऊपरी परत (Stratum Corneum – स्ट्रेटम कॉर्नियम) में नमी बढ़ाने व त्वचा की सूजन कम करने में मदद कर सकता है। इससे त्वचा बेहतर हो सकती है (30 )। इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि हल्दी वाले दूध से त्वचा को लाभ पहुंच सकता है।
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हल्दी दूध के फायदे के बाद अब बात करते हैं हल्दी दूध में मौजूद पोषक तत्वों की।
हल्दी दूध का पौष्टिक तत्व – Turmeric Milk Nutritional Value in Hindi
हल्दी दूध पीने के फायदे इसमें मौजूद औषधीय गुणों के साथ ही पोषक तत्वों की वजह से होते हैं। इसी वजह से हम नीचे एक कप दूध और 100 ग्राम हल्दी में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं (31) (32)।
पोषक तत्व | प्रति 100 ग्राम (हल्दी) | 1 कप दूध (प्रति 244 ग्राम) |
पानी | 12.8 g | 215 g |
ऊर्जा | 312 kcal | 146 kcal |
प्रोटीन | 9.68 g | 8 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 3.25 g | 7.81 g |
ऐश | 7.08 g | – |
कार्बोहाइड्रेट | 67.1 g | 11.4 g |
फाइबर, टोटल डायटरी | 22.7 g | – |
शुगर, टोटल इंक्लूडिंग एनआईए (NLEA) | 3.21 g | 11.7 g |
सुक्रोज | 2.38 g | – |
कैल्शियम | 168 mg | 300 mg |
आयरन | 55 mg | – |
मैग्नीशियम | 208 mg | 29.3 mg |
फास्फोरस | 299 mg | 246 mg |
पोटेशियम | 2080 mg | 366 mg |
सोडियम | 27 mg | 92.7 mg |
जिंक | 4.5 mg | 1 mg |
कॉपर | 1.3 mg | 0.002 mg |
मैंगनीज | 19.8 mg | – |
सिलेनियम | 6.2 µg | 4.64 µg |
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड | 0.7 µg | – |
थियामिन (विटामिन बी1) | 0.058 mg | 0.137 mg |
राइबोफ्लेविन (विटामिन बी2) | 0.15 mg | 0.337 mg |
नियासिन (विटामिन बी3) | 1.35 mg | 0.256 mg |
पैंथोथेटिक एसिड (विटामिन बी5) | 0.542 mg | – |
विटामिन बी6 | 0.107 mg | 0.149 mg |
फोलेट | 20 µg | – |
चोलिन | 49.2 mg | 43.4 mg |
बीटेन | 9.7 mg | – |
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) | 4.43 mg | 0.122 mg |
विटामिन के (फिलोक्विनोन) | 13.4 µg | 0.732 µg |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 1.84 g | 4.54 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.449 g | 1.68 g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.756 g | 0.264 g |
फैटी एसिड, टोटल ट्रांस | 0.056 g | – |
फैटी एसिड, टोटल ट्रांस मोनोएनिक | 0.056 g | – |
विटामिन ए (RAE) | – | 78.1 µg |
रेटिनाल | – | 75.6 µg |
कैरोटीन, बीटा | – | 17.1 µg |
विटामिन डी (डी2+डी3) | – | 2.68 µg |
कोलेस्ट्रॉल | – | 29.3 mg |
विटामिन बी12 | – | 1.32 µg |
आगे और है जानकारी
हल्दी दूध के फायदे और पौष्टिक तत्व के बाद लेख के अगले हिस्से में पढ़ें हल्दी दूध बनाने का तरीका।
हल्दी वाला दूध बनाने का तरीका
हल्दी वाला दूध पीने के फायदे तो आप जान ही चुके हैं। चलिए, अब आपको बताते हैं कि कैसे आसानी से घर में ही हल्दी दूध बनाया जा सकता है। हां, अगर आपको इसका स्वाद कुछ खास पसंद नहीं आता, तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं। नीचे पढ़ें हल्दी दूध बनाने का तरीका :
सामग्री :
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर या एक इंच कच्ची हल्दी
- एक गिलास दूध
- चुटकी भर दालचीनी पाउडर
- चुटकी भर अदरक पाउडर
- 1 चुटकी पिसी हुई काली मिर्च
- स्वादानुसार शहद (वैकल्पिक)
बनाने का तरीका :
- हल्दी की गांठ को कुचलकर या उसके पाउडर को अन्य सामग्री के साथ दूध में डालें।
- अब इसे करीब 5 मिनट तक उबालने दें।
- पांच मिनट बाद हल्दी दूध को छानकर एक गिलास में डाल लें।
- अधिक लाभ के लिए हल्दी-दूध को गरमा-गरम ही पिएं।
- स्वाद के लिए गुनगुने दूध में शहद भी मिला सकते हैं।
पढ़ते रहें
हल्दी वाला दूध पीने से फायदे और हल्दी दूध बनाने का तरीका जानने के बाद, पढ़ें हल्दी दूध का उपयोग।
हल्दी दूध का उपयोग – How to Drink Turmeric Milk in Hindi
हल्दी दूध का उपयोग सीधे-सीधे करना ही फायदेमंद होता है। वैसे इसे सुबह नाश्ते के समय भी ले सकते हैं और रात को सोने से पहले भी इसका सेवन किया जा सकता है।
कितना पिएं:
निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कितनी मात्रा में हल्दी दूध का सेवन कर सकते हैं, इससे जुड़ी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं (27)।
- अस्थमा के लिए हल्दी और दूध – एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं।
- खांसी और गले में जलन के लिए हल्दी और दूध – आधा चम्मच ताजा हल्दी पाउडर 30 मिलीलीटर (लगभग आधा कप) गुनगुने दूध में मिलाकर पी सकते हैं।
अब हल्दी और दूध दोनों की अलग-अलग सुरक्षित मात्रा जानिए।
- हल्दी – रोजाना 6 ग्राम करक्यूमिन (हल्दी में मौजूद कंपाउंड) का सेवन किया जा सकता है। चार से सात हफ्ते तक इस मात्रा का सेवन करना सुरक्षित माना गया है (33)। इस मात्रा में हल्दी का सेवन करने से किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। हां, अगर हल्दी दूध को अधिक मात्रा में लंबे समय तक लेते हैं, तो शरीर को नुकसान भी हो सकता है, जिसके बारे में हम आर्टिकल के अगले हिस्से में बातएंगे। वैसे दिनभर में कितनी हल्दी का सेवन करना चाहिए इसके लिए एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- दूध – प्रतिदिन डेयरी उत्पादों की 3 सर्विंग्स ली जाने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के तौर पर एक गिलास दूध, एक टुकड़ा पनीर और एक कटोरी दही। इसके सेवन से पर्याप्त पोषक तत्व मिल जाते हैं (12)। वहीं, एक दिन में महज दूध की सीमित मात्रा की बात करें, तो यह 500 मिलीलीटर है।
आगे बढ़ते हैं
हल्दी दूध के फायदे और नुकसान दोनों ही हो सकते हैं। इसलिए अब हल्दी दूध के नुकसान बता रहे हैं।
हल्दी दूध के नुकसान – Side Effects of Turmeric Milk in Hindi
स्वास्थ्य के लिए हल्दी वाले दूध के फायदे और नुकसान दोनों ही हो सकते हैं। यही वजह है कि हम हल्दी वाला दूध पीने के फायदे के बाद इसके अधिक सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में आगे बता रहे हैं।
- हल्दी और दूध का सेवन करने से कुछ संवेदनशील लोगों को एलर्जी की शिकायत हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान दूध में हल्दी के नुकसान हो सकते हैं। इस वजह से गर्भवती को डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए (34)।
- हल्दी का अधिक सेवन करने से सिरदर्द, दाने निकलने और पीले रंग के मल की समस्या हो सकती है (3)।
- कई बार लोग हल्दी दूध का अधिक सेवन करने लगते हैं, जिससे मतली और दस्त हो सकते हैं (35)।
- कुछ दवाओं के साथ हल्दी का सेवन करने से दुष्परिणाम हो सकते हैं। अगर कोई एंटीकोगुलेंट्स जैसी एस्पिरिन दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इसे न लें।
- नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवा को भी हल्दी के साथ नहीं लेना चाहिए (35)।
- कच्चे दूध में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो पेट से जुड़ी बीमारियों के होने का जोखिम बढ़ा सकते हैं (2)। ऐसे में हमेशा उबले हुए दूध हल्दी का ही सेवन करें।
- ऐसे लोग जिनका शरीर पर्याप्त मात्रा में लैक्टोज का उत्पादन नहीं करता है, उन्हें लैक्टोज इंटॉलरेंस यानी दूध से एलर्जी हो सकती है। इसके कारण उन्हें पाचन से जुड़ी समस्याएं, जैसे – दस्त, पेट फूलना, गैस बनना, पेट में दर्द की समस्या हो सकती है (2)। ऐसी स्थिति में भी हल्दी वाला दूध नहीं लेना चाहिए।
- अधिक मात्रा में दूध का सेवन करने से कूल्हे के फ्रैक्चर व गंभीर स्थिति में मृत्यु होने का जोखिम बढ़ सकता है (36)।
- गाय के दूध में प्रोटीन हाइपरसेंसिटिविटी (Hypersensitivity) होती है, जो विशेष रूप से शिशुओं व छोटे बच्चों में कब्ज का कारण बन सकता है (37)।
- हल्दी वाला दूध पीने के फायदे तो हैं, लेकिन हल्दी में ऑक्सालेट (एक प्रकार का एसिड) होता है, जो किडनी स्टोन का जोखिम बढ़ा सकता है। अगर अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन किया जाए, तो यह मूत्र में ऑक्सलेट का स्तर बढ़ा सकता है, जो किडनी स्टोन का कारण बनता है (38)।
- हल्दी का अधिक सेवन शरीर में आयरन के अवशोषण (घुलना) में बाधा बन सकता है (39)। इस वजह से अधिक मात्रा में हल्दी वाले दूध के नुकसान के तौर पर एनीमिया (खून की कमी) का जोखिम भी हो सकता है।
हल्दी वाला दूध पीने के फायदे अनेक हैं, यह तो आप जान ही चुके हैं। बस अब जरूरत है, तो संयमित मात्रा में दादी-नानी के इस अचूक नुस्खे को आजमाने की, जिसकी पुष्टि कई शोध में भी हो चुकी है। अब बिना देर किए हल्दी और दूध के फायदे पढ़कर इसे अपनी स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बनाएं और छोटी-छोटी परेशानियों से बचे रहें। बस यह ध्यान रखें कि हल्दी दूध के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। ऐसे में हल्दी वाले दूध के नुकसान से बचने के लिए इसका सेवन सुरक्षित मात्रा में ही करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आप हल्दी दूध कब ले सकते हैं?
सोते समय या दिन में आप कभी भी हल्दी वाला दूध पी सकते हैं।
क्या आप रोज हल्दी वाला दूध पी सकते हैं?
हां, प्रतिदिन सीमित मात्रा में हल्दी वाला दूध पी सकते हैं।
क्या हल्दी वाला दूध बालों के लिए अच्छा है?
जी हां, हल्दी के सेवन से स्कैल्प सोरायसिस (सिर की त्वचा से संबंधित एक समस्या) का उपचार करने में मदद मिल सकती है (40)। यह स्कैल्प सोरायसिस बालों के विकास में बाधा बन सकता है। इस आधार पर हल्दी दूध को बालों के लिए अच्छा कहा जा सकता है।
क्या हम हल्दी वाले दूध में शहद मिला सकते हैं?
जी हां, हल्दी शहद दूध फायदेमंद होता है। शोध के अनुसार, हल्दी के साथ शहद का सेवन करने से ओरल म्यूकोसाइटिस (Oral Mucositis – मुंह के कैंसर का प्रकार) के रोकथाम में मदद मिल सकती है (41)।
क्या रात में दूध पीने से वजन बढ़ सकता है?
रात में दूध पीने से वजन बढ़ सकता है या नहीं, इस विषय पर अध्ययनों की कमी है। हालांकि, दूध में मौजूद कैलोरी के आधार पर देखा जाए, तो इसका शारीरिक वजन पर मिश्रित परिणाम हो सकता है (43)। इस वजह से अगर आप वजन नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो आपको रात को सोते समय अन्य कैलोरी युक्त उत्पाद की मात्रा नियंत्रित करनी होगी।
क्या हर रात हल्दी वाला दूध पीना अच्छा है?
हां, हर रात सोने से पहले हल्दी वाला दूध पी सकते हैं। बशर्ते, इसकी मात्रा सीमित हो और आपको दूध या हल्दी से एलर्जी न हो।
हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए?
हल्दी वाले दूध के फायदे और नुकसान दोनों ही हो सकते हैं, जिनमें से इसका एक नुकसान किडनी स्टोन है (38)। ऐसे में गुर्दे की पथरी के जोखिम वालों को अधिक मात्रा में हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए।।
दूध में हल्दी के फायदे क्या है?
दूध में हल्दी के फायदे कई हैं। इसमें पाचन, जोड़ों के दर्द और अनिद्रा जैसी समस्या के साथ ही सर्दी-खांसी और मधुमेह से बचाव शामिल है।
References
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- Antibacterial Action of Curcumin against Staphylococcus aureus: A Brief Review
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https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/milk - Curcumin: A Review of Its’ Effects on Human Health
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5664031/ - Turmeric
the Golden Spice - Is Curcumin a Possibility to Treat Inflammatory Bowel Diseases?
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