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जावित्री का नाम तो आपने सुना ही होगा। कुछ लोग इसे जायफल की जुड़वां बहन भी कहते हैं। जायफल की तरह ही जावित्री के फायदे भी अनेक हैं, जिसके बारे में हम इस लेख में बता रहे हैं। जावित्री क्या है और जावित्री का उपयोग कैसे करना है, इसकी विस्तृत जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। पाठक इस बात का ध्यान रखें कि जावित्री लेख में शामिल किसी भी शारीरिक समस्या का इलाज नहीं है। यह बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती है। वहीं, बीमारी की अवस्था में उसके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकती है।
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आइए, सबसे पहले जानते हैं कि जावित्री आखिर है क्या।
जावित्री क्या है?
आपने जायफल के बारे में जरूर सुना होगा। जायफल और जावित्री दोनों मायरिस्टिका फ्रैगरैंस (Myristica fragrans) नामक पेड़ से मिलते हैं (1)। हालांकि, कई बार लोग जायफल और जावित्री दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जायफल इस पेड़ का बीज होता है और इसे ढकने वाली रेशेदार परत को जावित्री कहा जाता है। जावित्री का वैज्ञानिक नाम मायरिस्टिका फ्रैगरैंस और अंग्रेजी नाम मेस (mace) है। इसे आम भाषा में जायपत्री के नाम से भी पहचाना जाता है और अन्य मसालों की तरह यह मसाला भी लगभग हर घर की रसोई में पाया जाता है। यह मसाला हल्के पीले, नारंगी या सुनहरे रंग का होता है। यह न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि कई वर्षों से औषधीय गुणों के कारण भी इसका उपयोग किया जा रहा है।
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जावित्री क्या है, यह जानने के बाद जानते हैं कि जावित्री में कौन-कौन से औषधीय गुण पाए जाते हैं।
जावित्री के औषधीय गुण
जावित्री में मौजूद कई औषधीय गतिविधियों की वजह है मैक्लिग्नन नामक तत्व। यह जावित्री का मुख्य घटक है और इसमें एंटी-माइक्रोबियल (जीवाणुरोधी), एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले), एंटी-कैंसर और एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। इतना ही नहीं, यह तंत्रिका तंत्र और लिवर को सुरक्षा देने में भी कारगर हो सकता है। बताए गए मैक्लिग्नन के गुणों के अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मुक्त कणों (Free Radicals) को दूर करने में मदद कर सकता है। जावित्री के औषधीय गुण शरीर के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं, यह इस लेख में आगे विस्तार से बताया गया है (2)।
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आइए, अब जानते हैं कि उपरोक्त औषधीय गुणों के चलते जावित्री कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ दे सकती है।
जावित्री के फायदे – Benefits of Mace in Hindi
लेख के इस भाग में हम वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर जावित्री के फायदे बता रहें हैं। अगर कोई किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो जावित्री के नियमित सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूरी है। आइए, जावित्री के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।
1. पाचन तंत्र के लिए जावित्री के फायदे
व्यस्त दिनचर्या के कारण ज्यादा बाहरी खाना या ठीक वक्त पर न खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं। कई लोग पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए दवाइयों के आदी हो जाते हैं, जो कि सही नहीं है। ऐसे में जावित्री खाने के फायदे लिए जा सकते है। पाचन में जैसे जायफल मदद करता है, वैसे ही जावित्री भी पेट और पाचन के लिए लाभकारी हो सकती है। एक रिसर्च के अनुसार, जायफल और जावित्री दोनों को पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है (1)। हालांकि, जावित्री के इस गुण के पीछे कौन सी क्रिया जिम्मेदार है, इसे लेकर फिलहाल और शोध की आवश्यकता है।
2. डायबिटिज के लिए जावित्री के लाभ
आजकल डायबिटीज आम बीमारी हो गई है, जो किसी को भी हो सकती है। एक वक्त था, जब कुछ लोगों को ही यह समस्या होती थी और एक उम्र के बाद होती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। इस स्थिति में जावित्री के सेवन से डायबिटीज की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। दरअसल, जावित्री में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। यह अल्फा-एमिलेस (alpha-amylase) नामक एंजाइम को नियंत्रित करके ब्लड शुगर में कमी ला सकता है (3)।
3. दांतों के लिए गुणकारी
दांतों की देखभाल जरूरी होती है। अगर दांतों और मुंह के स्वास्थ्य का सही तरीके से ख्याल न रखा जाए, तो इसका असर सेहत पर पड़ सकता है। ऐसे में जावित्री का उपयोग काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटंस नामक बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ सकते हैं। यह बैक्टीरिया कई दंत रोगों का कारण माना जाता है (4)।
वहीं, एक शोध के अनुसार, मैक्लिग्नन में एंटी-कैरियोजेनिक (दांतों को क्षति से बचाने वाले) गुण भी पाए जाते हैं, जो दांतों की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (5)। यह दांतों को कैविटी की समस्या से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं, जावित्री में एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं, जिससे मुंह के कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है (6)।
4. किडनी को सुरक्षा दे
जावित्री खाने के फायदे किडनी के लिए भी लाभकारी है। जावित्री किडनी संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकती है (1)। जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) नामक यौगिक किडनी के ऊतकों को क्षति से बचा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह पाया गया है कि सूजन और एपोप्टोसिस (कोशिका मृत्यु) को रोकने में मैक्लिग्नन काम आ सकता है और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट रक्षा प्रणाली को बढ़ा सकता है। जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन के ये गुण किडनी को इस्केमिया-रेपरफ्यूजन इंजरी (एक प्रकार की ऊतक क्षति) से बचा सकते हैं (7)।
5. सर्दी-जुकाम में जावित्री के फायदे
मौसम बदलने से सर्दी-जुकाम या बुखार की समस्या सामान्य है। ऐसे में जावित्री एक अच्छा घरेलू उपचार हो सकती है। इसे कई वर्षों से उपयोग भी किया जा रहा है। इसके एंटी-एलर्जी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सर्दी-जुकाम जैसी एलर्जिक समस्याओं से बचाव कर सकते हैं (8)। इसलिए, कई बार सुना होगा कि छोटे बच्चों को जावित्री या जायफल चटाने की बात कही जाती है। हालांकि, शिशु को किस उम्र में और कितनी मात्रा में जावित्री या जायफल देना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।
6. भूख बढ़ाने में मददगार
कई बार बाहर का खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे – एसिडिटी व पेट में संक्रमण हो जाता है, जिस कारण भूख कम हो जाती है। ऐसे में कई बार लोग लगातार दवाइयां लेने के आदी हो जाते हैं, जो ठीक नहीं है। ऐसे में जावित्री के उपयोग से पाचन शक्ति में सुधार हो सकता है और जिससे भूख भी बढ़ सकती है (1)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
7. लिवर के लिए जावित्री के लाभ
कई बार ऐसा होता है कि बाहर खाना मजबूरी हो जाता है। जिस तरह की आजकल की दिनचर्या है, कभी-कभी लोग शौक के लिए भी बाहर खाते हैं। ऐसे में पेट की हालत दिन-ब-दिन खराब होते चली जाती है। तेल-मसाले वाले खाने का सीधा असर लिवर पर पड़ने लगता है और नतीजा लिवर की समस्या शुरू हो जाती है। इस स्थिति में वक्त रहते खाने-पीने पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही अगर जावित्री का उपयोग किया जाए, कुछ हद तक फायदा हो सकता है। इससे प्राप्त मैक्लिग्नन में हेपटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं (5)।
8. अर्थराइटिस में जावित्री के फायदे
उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर में जगह-जगह दर्द भी होने लगता है। बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना सामान्य है। ऐसे में इससे बचाव के लिए जावित्री का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन की वजह से जोड़ों में होने वाली समस्या, जिसे रुमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) कहते हैं (1), उससे बचा सकती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है।
9. मोटापा घटाए
बढ़ता वजन और मोटापा लगभग ज्यादातर लोगों की समस्या बन चुका है। बाहरी और तैलीय खाना, व्यायाम न करना व सही वक्त पर न खाना इसकी अहम वजह है। जैसे ही मोटापा बढ़ता है, तो कई प्रकार की बीमारियां शरीर में घर करने लगती हैं। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। चूहों पर की गई एक रिसर्च के अनुसार, मायरिस्टिका फ्रैगरैंस (जावित्री और जायफल) में एंटी ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। इसके इथेनॉल अर्क में टेट्रा हाइड्रो फ्यूरेंस, लिग्नान, सैपोनिन, टैनिन, फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनोल जैसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें मोटापा कम करने की संभावना देखी गयी है (9)।
10. नींद बढ़ाने में सहायक
कई लोगों को आजकल अनिद्रा की समस्या होती है। काम का दबाव और तनाव के कारण नींद की कमी होना आम बात है। इस स्थिति में लोग नींद की दवा का सेवन करते हैं और उन्हें खुद भी पता नहीं चलता कि कब वो इसके आदी हो गए हैं। ऐसे में घरेलू नुस्खे के तौर पर जावित्री का उपयोग किया जा सकता है। इसका अर्क आरामदायक असर प्रदान कर सकता है, जिसके सेवन से अनिद्रा की परेशानी काफी हद तक ठीक हो सकती है। इसे कई वर्षों से औषधि की तरह उपयोग किया जा रहा है (10)। हालांकि, इसके पीछे जावित्री का कौन-सा गुण जिम्मेदार है, इसके लिए अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
11. हृदय के लिए जावित्री के फायदे
प्लेटलेट्स (रक्त कोशिकाएं), हृदय संबंधी विकारों और स्ट्रोक के जोखिम पैदा करने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। इन रोगों के उपचार और रोकथाम के लिए प्लेटलेट फंक्शन का बाधित होना फायदेमंद साबित हो सकता है। जावित्री में एरिथ्रो एसीटॉक्सी टेट्रामेथोक्सी निओलिग्नान (EATN) नामक एक तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटी प्लेटलेट गतिविधि पाई जाती है। इसका सेवन रक्त में प्लेटलेट्स को एक साथ जमा होने से रोक सकता है, जिससे धमनियों में खून का बहाव बिना बाधा के चलता रहे। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि जावित्री अपने एंटी प्लेटलेट्स प्रभाव के चलते हृदय के लिए स्वास्थ्यकारी हो सकती है (11)।
12. एंटीइंफ्लेमेटरी है जावित्री
एनसीबीआई में प्रकाशित शोध की मानें तो, सूजन के कारण शरीर कई बीमारियों के चपेट में आ जाता है। जोड़ों में दर्द भी सूजन के कारण ही होता है, ऐसे में जावित्री का सेवन अच्छा विकल्प है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किसी भी तरह के सूजन से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं और शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकते हैं (5)।
13. त्वचा के लिए जावित्री के लाभ
खूबसूरत और चमकती त्वचा की चाहत लगभग हर किसी को होती है। निखरी त्वचा व्यक्तित्व को और निखारती है, लेकिन आजकल प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा की प्राकृतिक चमक खो रही है। ऐसे में कई बार लोग मेकअप, क्रीम और लोशन से खोई हुई चमक को वापस लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अफसोस कि इनका असर भी बस कुछ वक्त तक ही रहता है। इस स्थिति में घरेलू उपाय अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) त्वचा को सूरज के हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचा सकता है (12)। हालांकि, यह और किस प्रकार त्वचा के लिए लाभकारी हो सकती है, इसे लेकर अभी और शोध की जरूरत है।
आगे है महत्वपूर्ण जानकारी
लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि जावित्री में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
जावित्री के पौष्टिक तत्व – Mace Nutritional Value in Hindi
जावित्री एक फायदेमंद मसाला है यह तो आप जान ही चुके हैं, आइए जानते हैं इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में (13)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
जल | 8.17 ग्राम |
एनर्जी | 475 कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 50.5 ग्राम |
प्रोटीन | 6.71 ग्राम |
कुल फैट | 32.38 ग्राम |
डायटरी फाइबर | 20.2 ग्राम |
फॉलेट | 76 माइक्रोग्राम |
नियासिन | 1.35 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.448 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.312 मिलीग्राम |
विटामिन ए, आई यू | 800 आई यू |
विटामिन सी | 21 मिलीग्राम |
सोडियम | 80 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 463 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 252 मिलीग्राम |
कॉपर | 2.467 मिलीग्राम |
आयरन | 13.90 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 163 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 1.5 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 110 मिलीग्राम |
जिंक | 2.3 मिलीग्राम |
कुल सैचुरेटेड फैटी एसिड | 9.51 ग्राम |
कुल मोनो सैचुरेटड फैटी एसिड | 11.17 ग्राम |
कुल पॉलीसैचुरेटड फैटी एसिड | 4.39 ग्राम |
है न जानकारी मजेदार
आइए, अब जानते हैं कि जावित्री का सेवन कैसे करें।
जावित्री का उपयोग – How to Use Mace in Hindi
अगर जायपत्री के फायदे को जल्दी और अच्छे तरीके से शरीर में अवशोषित करना चाहते हैं, तो इसका सही तरीके से उपयोग करना भी आवश्यक है। बहुत लोगों के मन में ये सवाल हो सकता है कि जावित्री का सेवन कैसे करें। इसलिए, नीचे हम आपको जावित्री का उपयोग बता रहे हैं।
- जावित्री का उपयोग मिठाई, पुडिंग, मफिन, केक और ब्रेड बनाने में कर सकते हैं।
- इसे मसाला चाय या मसाला दूध बनाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
- जावित्री मसाले का उपयोग भोजन, अचार और सॉस बनाने में किया जा सकता है।
- इसका उपयोग सूप, उबले हुए आलू और चावल के साथ भी कर सकते हैं।
- जावित्री का इस्तेमाल तरह-तरह की सब्जी बनाने में भी किया जा सकता है।
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जावित्री के गुण कैसे लेने हैं, यह आप जान चुके हैं, अब जानते हैं इसे लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें।
जावित्री को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
जावित्री के गुण पाने के लिए इसे लम्बे समय तक इस्तेमाल करना पड़ सकता है, इसलिए इसे संरक्षित करने की विधि जान लेनी चाहिए। नीचे जानिए जावित्री को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें –
- जावित्री का इस्तेमाल पाउडर के रूप में किया जाता है, इसलिए इसे अच्छी तरह सुखा कर पीस लें।
- छलनी में छान कर बारीक पाउडर प्राप्त कर लें।
- इस पाउडर को किसी एक एयर टाइट डिब्बे में रखें।
- इस पाउडर को नमी वाले स्थान पर न रखें।
- इसका इस्तेमाल 3-4 महीनों तक आराम से किया जा सकता है।
- अगर चाहें, तो बीच में इस पाउडर को धूप में सुखाएं, इससे इसमें गांठे पड़ने का डर नहीं होगा।
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लेख में आगे जानिए जावित्री की तासीर कैसी होती है।
जावित्री की तासीर कैसी होती है
लोक मान्यताओं के आधार पर जावित्री की तासीर गरम होती है, इसीलिए इसे गरम मसाले के मिश्रण में भी इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इससे जुड़ा कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है।
पढ़ते रहें आर्टिकल
अब जानते हैं कि जावित्री के नुकसान क्या-क्या हैं।
जावित्री के नुकसान – Side Effects of Mace in Hindi
लेख में दी गई जानकारियों के अनुसार जावित्री सेहत के लिए एक फायदेमंद औषधि है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जैसे (14)।
- जावित्री में मिरिस्टिसिन नामक केमिकल होता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन मतिभ्रम (Hallucinations) जैसी मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है।
- इसका अधिक मात्रा में सेवन लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जावित्री या इसके सप्लीमेंट्स का डॉक्टर से परामर्श लिए बिना सेवन नहीं करना चाहिए, यह गर्भस्थ शिशु और बच्चे के लिवर को हानि पहुंचा सकता है।
जावित्री का सेवन अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह काफी गुणकारी हो सकती है। उम्मीद है कि आप इस लेख से जावित्री के फायदे जान चुके होंगे। अगर आपने अभी तक इसे अपनी डाइट में शामिल नहीं किया है, तो अब भी देरी नहीं हुई है। आप जावित्री का उपयोग करके अपने जीवन से बीमारियों को दूर कर सकते हैं। वहीं, जावित्री के फायदे के साथ-साथ इसके नुकसानों का भी ध्यान रखें। इसके सेवन के दौरान अगर कोई दुष्प्रभाव नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी रहा होगा।
References
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- New acyclic bis phenylpropanoid and neolignans, from Myristica fragrans Houtt., exhibiting PARP-1 and NF-κB inhibitory effects
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4770456/ - Chemical diversity and pharmacological significance of the secondary metabolites of nutmeg (Myristica fragrans Houtt.)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5222521/ - EVALUATION OF ANTI-DIABETIC ACTIVTY OF DIFFERENT EXTRACTS OF MYRISTICA FRAGRANS HOUTT: IN VITRO AND IN SILICO STUDIES
https://innovareacademics.in/journals/index.php/ajpcr/article/view/16720 - Antibacterial Activity of Myristica fragrans against Oral Pathogens
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3434417/ - MYRISTICA FRAGRANS: A COMPREHENSIVE REVIEW
https://innovareacademics.in/journals/index.php/ijpps/article/view/8552/5423 - ANTICANCER STUDY OF MYRISTICA FRAGRANS HOUTT. (MACE) EXTRACT ON 4-NITROQUINOLINE-1-OXIDE-INDUCED ORAL CANCER IN RATS
https://innovareacademics.in/journals/index.php/ajpcr/article/view/25363 - Macelignan protects against renal ischemia-reperfusion injury via inhibition of inflammation and apoptosis of renal epithelial cells
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/32359384/ - Bioactivities of Ethanolic Extracts of Three Parts (Wood, Nutmeg and Mace) from Myristica fragrans Houtt
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29926690/ - Effect of Myristica fragrans extract on total body composition in cafeteria diet induced obese rats
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6859705/ - Effect of Myristica fragrans Extract on Food Intake and Body Weight in Experimental Models
https://www.jcdr.net/articles/PDF/11169/28944_F(SHU)_PF1(PB_RA_AC_BT_AP)_PFA(MJ_AnG)_PN(SL).pdf - Anti‐plateletActivityofErythro‐(7S,8R)‐7‐acetoxy‐3,4,3′,5′‐tetramethoxy‐8‐O‐4′‐neolignan from Myristica fragrans
https://onlinelibrary.wiley.com/doi/abs/10.1002/ptr.4923 - Effects of macelignan isolated from Myristica fragrans Houtt. on UVB-induced matrix metalloproteinase-9 and cyclooxygenase-2 in HaCaT cells
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19914807/ - Spices, mace, ground
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170927/nutrients - MYRISTICIN
https://ntp.niehs.nih.gov/ntp/htdocs/chem_background/exsumpdf/myristicin_508.pdf
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