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व्यंजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसालों का अक्सर उपयोग किया जाता है। ये मसाले लगभग हर रसोई में मौजूद होते हैं। इन्हीं मसालों में से एक जीरा भी है। इस मसाले में केवल स्वाद ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी छुपा है। अब आपके जहन में सवाल उठ रहा होगा कि जीरा खाने से क्या होता है और जीरा कैसे हमें स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है? आपके इन सभी सवालों के जवाब स्टाइलक्रेज के इस लेख में मौजूद हैं। यहां हम जीरा खाने के फायदे और नुकसान, इसमें मौजूद विभिन्न गुण और जीरा का उपयोग करने के तरीके के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। जीरे के औषधीय गुण के साथ ही जीरा पानी और जीरा पाउडर से जुड़ी अहम जानकारी भी देंगे। साथ ही पाठक इस बात का ध्यान रखें कि जीरा किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, यह केवल लेख में शामिल शारीरिक समस्याओं से बचाव और इनके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है।विस्तार से जानेंजीरा के औषधीय गुण व फायदे से पहले इसके बारे में कुछ खास जान लेते हैं।
जीरा क्या है – What is Cumin in Hindi
जैसा कि हम बता ही चुके हैं कि जीरा एक तरह का मसाला है। इसे भारत में बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह व्यंजन को अच्छा स्वाद देता और इसकी महक से डाइजेस्टिव एंजाइम सक्रिय हो सकते हैं। इससे मुंह में सलाइवा का निर्माण होने लगता है भूख बढ़ सकती है। भोजन बनाने में जीरा का उपयोग साबुत बीज और पाउडर, दोनों रूपों में किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम क्यूमिनम सायमिनम (Cuminum Cyminum) है।
बाजार में दो प्रकार के जीरा उपलब्ध हैं, काला जीरा और सफेद जीरा। सफेद जीरा अधिकतर गरम मसाला बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, यह खाने की खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ाता है। वहीं, काले जीरे का इस्तेमाल भी गर्म मसाले में किया जाता है, लेकिन इसकी खुशबू सफेद जीरे से थोड़ी कम होती है। जीरा स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। नीचे इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया गया है।
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आगे हम जीरा के औषधीय गुण और इसके फायदे के बारे में बता रहे हैं।
जीरा के फायदे – Benefits of Cumin in Hindi
1. पाचन के लिए जीरा के फायदे
सही वक्त पर खाना न खाने और गलत खान-पान की वजह अपच की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर आहार में जीरा को शामिल किया जाए, तो पाचन में मदद मिल सकती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि पाचन संबंधी विकार, डायरिया, अपच, गैस और पेट फूलने जैसी समस्या को कम करने के लिए इसका उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है (1)। वहीं, तेल निकालने के बाद बचा हुआ जीरे का अर्क शरीर को जरूरी पोषक तत्व देने के साथ ही पाचन शक्ति में सुधार का काम कर सकता है (2)। इसी वजह से जीरा अर्क के फायदे में पाचन सुधार को भी गिना जाता है। पाचन संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए छाछ में जीरा पाउडर मिलाकर पी सकते हैं।
2. सर्दी और बुखार के लिए जीरा के लाभ
हल्की-फुल्की सर्दी और बुखार होना आम बात है। ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खों से इन्हें कम किया जा सकता है। सर्दी लगने पर बार-बार छींक आ रही है या नाक में भारीपन महसूस हो रहा है, तो मुट्ठी भर जीरे को भूनकर, फिर उसे कपड़े में बांधकर थोड़ी-थोड़ी देर में सूंघा जा सकता है। इससे कुछ हद तक आराम मिल सकता है। इसके अलावा, बुखार में भी जीरा फायदे पहुंचाने का काम कर सकता है (3)। दरअसल, जीरे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण ठंड से बचाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही जीरा पानी में अदरक डालकर पीने से ठंड से राहत मिल सकती है। साथ ही गले में खराश से भी आराम मिल सकता है (4)।
3. इम्यूनिटी के लिए जीरे के पानी के फायदे
जीरा खाने के फायदे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना भी शामिल है। दरअसल, इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) प्रभाव होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को जरूरत के हिसाब से बढ़ाते हैं (1)। वहीं, जीरा आयरन से समृद्ध होता है। यह तत्व ऑक्सीजन को शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाने के साथ ही इम्यूनिटी सिस्टम को भी स्वस्थ रखता है (5)। इसके लिए जीरा पानी का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
4. वजन नियंत्रित करने के लिए जीरा के लाभ
जीरा का उपयोग वजन नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, वजन कम करने के लिए जीरा पानी को लाभदायक माना जाता है। खासकर, इसमें अगर नींबू की बूंदें मिला दी जाए, तो यह प्रभावी रूप से काम कर सकता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन फार्मास्यूटिकल साइंसेज के एक शोध में भी इस बात का जिक्र है। इस वैज्ञानिक अध्ययन में कहा गया है कि 3 हफ्ते तक इसे खाली पेट लिया जाए, तो वजन कम हो सकता है ।
एक अन्य शोध में कहा गया है कि वजन कम करने में जीरा उतना ही प्रभावी है, जितना वजन कम करने वाली दवाई ओर्लिस्टेट 120 (Orlistat 120) है (6)। साथ ही जीरा शरीर में कार्बोहाइड्रेट और फैट के डाइजेशन में सहायता करता है और शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, इसलिए वजन नियंत्रण में इसका इस्तेमाल लाभदायक हो सकता है। साथ ही सुबह व्यायाम से पहले जीरे के पानी का सेवन उत्तम होता है, यह एसिडिटी को कम करता है और शरीर को हाइड्रेट रखता है।
5. एनीमिया में जीरे के पानी के फायदे
शरीर में आयरन की कमी व कई अन्य कारण से एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसकी वजह से शरीर कमजोर होने लगता है, चक्कर आने लगते हैं और देखते ही देखते शरीर कई अन्य समस्याओं से घिर जाता है (7)। इस समस्या में जीरा का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, जीरा में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है, जो आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या से बचाव कर सकता है (5)।
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6. जोड़ों में दर्द के लिए जीरे के फायदे
हड्डियों और जोड़ों का दर्द दूर करने में नियमित जीरा का सेवन मदद कर सकता है। दरअसल, जीरे में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही इसके एथनॉलिक अर्क में एनाल्जेसिक गुण पाया जाता है, जो दर्द से राहत दिला सकता है (8)।
जीरे का पानी पिएं, खाने में जीरा शामिल करें या फिर जीरे का तेल लगाएं, यह हर लिहाज से फायदेमंद है। एनसीबीआई की एक रिसर्च की मानें, तो काले जीरा के तेल की मसाज से घुटनों का दर्द कम हो सकता है। यह खासकर, बुजुर्गों को होने वाले ऑस्टियोअर्थराइटिस (गठिया का एक प्रकार) को कम कर सकता है। दरअसल, इसमें थाएमोक्विनोन (Thymoquinone) तत्व होता है, जो सूजन और दर्द को कम कर सकता है (9)।
7. पेट दर्द के लिए जीरा के फायदे
जीरे के गुण में पेट दर्द और डायरिया जैसी परेशानियों से बचाव करना भी शामिल है (1) (10)। यहां तक कि यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आंतों से जुड़ा विकार) के लक्षणों, जिसमें पेट दर्द भी शामिल है, से भी राहत दिला सकता है (11)। दरअसल, जीरा में एनाल्जेसिक गुण होता है, जो दर्द से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है (12)। जीरे का पानी पीने के साथ ही मसाले में भी इसे शामिल किया जा सकता है। कुछ लोग इसे भूनकर भी खाते हैं।
8. डायबिटीज के लिए जीरे के पानी के फायदे
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सही आहार के साथ-साथ जीरा को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार जीरा में एंटी-डायबिटीक प्रभाव पाए जाते हैं। यह प्रभाव ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करके मधुमेह को कम करने में मदद कर सकता है (1)।
9. मासिक धर्म में जीरा के लाभ
मासिक धर्म के समय कई महिलाओं को पेट में ऐंठन, दर्द और मतली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पौष्टिक आहार लेने के साथ-साथ जीरे का सेवन लाभदायक हो सकता है। जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि जीरा में दर्द निवारक गुण होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (12)। वहीं, एक शोध में कहा गया है कि मासिक धर्म की वजह से होने वाले दर्द और ऐंठन में यह लाभदायक हो सकता है (13) इसी आधार पर कहा जा सकता है कि जीरे के पानी के फायदे में मासिक धर्म में होने वाला दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत दिलाना भी शामिल है।
10. त्वचा के लिए जीरा के फायदे
जीरे के गुण यकीनन अनेक हैं, यह त्वचा को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। एक शोध के मुताबिक बेजान त्वचा, वक्त से पहले झुर्रियां व दाग-धब्बों से छुटकारा पाने के लिए जीरे का उपयोग किया जा सकता है। जीरा विटामिन-ई से भरपूर होता है, जो त्वचा के निखार, जवां दिखने और खूबसूरती के लिए जरूरी माना जाता है। साथ ही जीरा का तेल त्वचा को इंफेक्शन से बचा सकता है, क्योंकि इसमें एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं (5)। ग्लो के लिए जीरा का पानी या इसका लेप त्वचा पर लगाया जा सकता है।
11. बालों के लिए जीरे के फायदे
डैंड्रफ एक आम समस्या है, जिससे निपटने के लिए एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी उपचार की जरूरत होती है (14)। इस मामले में जीरे का एसेंशियल ऑयल एक कारगर घरेलू उपचार हो सकता है, जो एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है (15) (16)। ध्यान रहे कि जीरे का एसेंशियल ऑयल लगाकर धूप में न जाएं, क्योंकि ऐसा करने से त्वचा में संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। इसमें कोई शक नहीं कि हर्बल चीजों का उपयोग डैंड्रफ पर ज्यादा असरदार हो सकता है (17)।
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जीरा खाने से क्या होता है, इस सवाल का जवाब तो आपको मिल ही गया होगा। अब आगे इसके पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं।
जीरा के पौष्टिक तत्व – Cumin Nutritional Value in Hindi
शरीर को जीरा खाने के फायदे इसमें मौजूद पोषक तत्वों से मिलते हैं। इसी वजह से नीचे टेबल के माध्यम से हम जीरा के पोष्टिक तत्व की जानकारी दे रहे हैं (18)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
जल | 8.06 g |
ऊर्जा | 375 kcal |
प्रोटीन | 17.81 g |
कुल फैट | 22.27 g |
कार्बोहाइड्रेट | 44.24 g |
फाइबर | 10.5 g |
शुगर | 2.25 g |
मिनरल | |
कैल्शियम | 931 mg |
आयरन | 66.36 mg |
मैग्नीशियम | 366 mg |
फास्फोरस | 499 mg |
पोटेशियम | 1788 mg |
सोडियम | 168 mg |
जिंक | 4.8 mg |
कॉपर | 0.867 mg |
मैंगनीज | 3.333 mg |
सेलेनियम | 5.2 µg |
विटामिन | |
विटामिन सी | 7.7 mg |
थियामिन | 0.628 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.327 mg |
नियासिन | 4.579 mg |
विटामिन बी-6 | 0.435 mg |
फोलेट, टोटल | 10 µg |
कोलीन | 24.7 mg |
विटामिन ए, RAE | 64 µg |
कैरोटीन, बीटा | 762 µg |
विटामिन ए, IU | 1270 IU |
विटामिन ई | 3.33 mg |
विटामिन के | 5.4 µg |
फैटी एसिड | |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 1.535 g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 3.279 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 14.04 g |
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अब हम बता रहे हैं जीरा का उपयोग करने का तरीका।
जीरे का उपयोग – How to Use Cumin in Hindi
जीरा खाने के फायदे और जीरे के गुण जानने के साथ ही इसका उपयोग करने का तरीका पता होना भी जरूरी है। इसी वजह से हम नीचे जीरा का उपयोग और सेवन करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
1. जीरे की चाय
जीरा का उपयोग चाय या जीरे का काढ़ा बनाने के लिए कर सकते हैं। दो से तीन कप पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबाल दें। जब पानी पीला हो जाए, तो गैस बंद करके कुछ देर बाद इसका सेवन करें।
2. दाल में तड़का लगाने के लिए
दाल बनाते समय उसमें जीरे का तड़का लगा सकते हैं। इससे न सिर्फ दाल से सुगंध आएगी, बल्कि दाल का स्वाद भी बढ़ जाएगा।
3. सब्जी बनाने में
सब्जी बनाने से पहले जीरे का तड़का लगाया जाए, तो सब्जी का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
4. जीरा राइस
चावल में जीरा डालकर भी बनाया जा सकता है, जिसे जीरा राइस कहा जाता है। इसे न सिर्फ बनाना आसान है, बल्कि यह स्वादिष्ट भी होता है। ब्राउन राइस से भी जीरा राइस बनाया जा सकता है।
5. अचार में
अचार बनाते समय भी जीरा का उपयोग किया जाता है। इससे अचार का स्वाद और बढ़ जाता है।
6. पंच फोरन
जीरे का उपयोग बंगाली मसाला मिश्रण तैयार करने के लिए भी किया जाता है, जिसे ‘पंच फोरन’ के नाम से जाना जाता है। यह मूल रूप से कलौंजी, सरसों के बीज, मेथी के बीज, सौंफ के बीज और जीरा का मिश्रण होता है। इस मसाले का उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है।
बने रहें हमारे साथ
जीरे का उपयोग बताने के बाद आगे हम जीरा का पानी बनाने का तरीका बता रहे हैं।
जीरा का पानी बनाने की विधि
जीरा का पानी पीना भी स्वास्थ्य लाभ पाने का एक तरीका है। इसी वजह से आगे हम घर में जीरा पानी बनाने की विधि बता रहे हैं –
सामग्री :
- एक गिलास पानी
- दो छोटे चम्मच जीरा
विधि :
- एक बर्तन में पानी और जीरा डाल लें।
- अब इसे करीब 5 से 7 मिनट तक मध्यम आंच में उबालें।
- जैसे ही पानी पीला होने लगें, तो आंच को बंद कर दें।
- थोड़ी देर बाद इसे पी लें।
- वैकल्पिक रूप से रातभर पानी में जीरा डालकर रखें।
- सुबह इसे छानकार पीला पानी पी लें।
- इसे जीरे का पानी, जीरा की चाय और काढ़ा भी कहा जाता है।
आगे है और जानकारी
अब सवाल उठता है कि जीरा को लंबे वक्त तक कैसे स्टोर किया जाए। आगे हम इसी बारे में बता रहे हैं।
जीरे का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका
जीरा या जीरा पाउडर बाजार में आसानी से उपलब्ध है। कुछ लोगों को पता नहीं होता कि सही जीरे का चुनाव कैसे करें और उसे सही तरीके से कैसे रखा जाए कि वह ज्यादा दिनों तक ठीक रहे। यहां हम इसी बारे में बता रहे हैं।
- जीरे के पाउडर की जगह साबुत बीजों को प्राथमिकता दें, क्योंकि जीरे के पाउडर में अन्य मसालों का मिश्रण हो सकता है। वक्त के साथ-साथ इसका स्वाद और सुगंध कम हो सकती है।
- अगर जीरा पाउडर की जरूरत है, तो घर में ही साबुत जीरे से पाउडर बनाया जा सकता है। इसमें न मिलावट का डर होगा और जरूरत के हिसाब से बनाने की वजह से खराब होने का भय भी नहीं रहेगा।
- अन्य सूखे मसालों की तरह जीरा भी ऑर्गेनिक लेने की कोशिश करें।
- अगर अच्छी गुणवत्ता के जीरा पाउडर को रगड़ा जाए, तो उसमें से अच्छी खुशबू आती है।
- अगर खुला साबुत जीरा ले रहे हैं, तो ध्यान दें कि वो टूटे न हो। साथ ही उसमें मॉइस्चर न हो।
- पैकेट वाले जीरे की पैकिंग और एक्सपायरी डेट दोनों चेक करें।
- जीरा और जीरा पाउडर को खरीदने के बाद अंधेरे और सूखे स्थान पर एयर टाइट कंटेनर में रखें।
- भूनकर अगर जीरे का पाउडर बनाया है, तो इसे भी एयर टाइट कंटेनर में डालें और फ्रिज में रख दें। यह तीन से चार दिनों तक फ्रेश रहता है, लेकिन इसे जल्दी इस्तेमाल करें वरना इसका स्वाद कम हो सकता है। सान भी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं, क्या हैं जीरा के नुकसान(5) (19)।
- साबुत जीरा एक-डेढ़ साल तक ठीक रह सकता है, जबकि जीरा पाउडर की शेल्फ लाइफ 6 महीने की होती है। इसी वजह से साबुत जीरा ही खरीदने की सलाह दी जाती है। साबूत खरीदने पर जीरा के औषधीय गुण बरकरार रहते हैं।
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जीरे के फायदे के बाद आगे हम जीरा के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
जीरा के नुकसान – Side Effects of Cumin in Hindi
यकीनन शरीर के लिए जीरा के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से शरीर को जीरे के नुकसान भी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं, क्या हैं जीरा के नुकसान (5) (19)।
- जीरे की तासीर गर्म होती है, इसलिए किसी भी नुकसान से बचने के लिए गर्भवतियों को जीरे का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए।
- अगर किसी को जीरे से एलर्जी है या कोई पहली बार जीरे का सेवन कर रहा है, तो थोड़ी सावधानी के साथ इसका सेवन करें, क्योंकि इससे त्वचा पर एलर्जी हो सकती है।
- इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
- अत्यधिक सेवन से रक्तस्राव का खतरा पैदा कर सकता है।
- काले जीरे के तेल का अधिक उपयोग करने से हल्की विषाक्तता हो सकती है।
जीरा के नुकसान जानकर घबराएं नहीं, क्योंकि हर चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन हानिकारक होता है। इसी तरह जीरा खाने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। जीरे के औषधीय गुण व इसके फायदे के लिए संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन किया जाना चाहिए। जीरा खाने के फायदे शरीर को तभी मिलते हैं, जब इसका संयमित उपयोग हो। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि यह किसी गंभीर रोग का इलाज नहीं है। किसी भी गंभीर स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। चलिए, अब आगे जीरा से संबंधित पाठकों के मन में आने वाले कुछ सवालों के जवाब जान लेते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या जीरा को सुबह खाली पेट लिया जा सकता है?
खाली पेट जीरा खाने के फायदे को लेकर कोई स्पष्ट शोध मौजूद नहीं हैं, लेकिन कुछ लोग पाचन को बेहतर बनाने के लिए इसे भूनकर पाउडर के रूप में सुबह चुटकी भर खाते हैं। वहीं, शोध की मानें तो इसे सुबह खाली पेट जीरा पानी के रूप में लिया जा सकता है। इसके शरीर को कई फायदे हो सकते हैं (5)। खासकर, नींबू मिलाकर जीरा पानी का सेवन करने से मोटापे को भी नियंत्रित किया जा सकता है ।
क्या कच्चा जीरा खाने के फायदे हो सकते हैं?
कच्चा जीरा खाने के फायदे होते हैं या नहीं, इससे संबंधित सटीक शोध उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन, हां शरीर को भुना हुआ जीरा खाने के फायदे और जीरा पानी के फायदे हो सकते हैं (5)।
जीरे की तासीर कैसी होती है?
जीरे की तासीर गर्म होती है।
सफेद जीरा खाने से क्या फायदा हो सकता है?
लेख में बताए गए फायदे सफेद जीरा खाने के ही हैं। विस्तार से आप हर प्वाइंट को पढ़ सकते हैं।
क्या जीरा और शहद साथ में ले सकते हैं?
हां, जीरा और शहद को एक साथ ले सकते हैं। लेकिन, जीरा और शहद के फायदे शरीर को तभी होते हैं, जब जीरा पानी में शहद डालकर लिया जाए। इसके अलावा, भूने हुए जीरे में भी हल्का सा शहद डालकर खा सकते हैं। हालांकि, इससे जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
सफेद तिल और जीरा मिलाकर खाने से क्या फायदा हो सकता है?
सफेद तिल और जीरा खाने के फायदे स्पष्ट नहीं हैं।
जीरा का वैज्ञानिक नाम क्या है?
जीरा का वैज्ञानिक नाम क्यूमिनम सायमिनम (Cuminum Cyminum) है। इसके बारे में हम लेख में ऊपर बता चुके हैं।
- एक गिलास पानी
- दो छोटे चम्मच जीरा
- एक बर्तन में पानी और जीरा डाल लें।
- अब इसे करीब 5 से 7 मिनट तक मध्यम आंच में उबालें।
- जैसे ही पानी पीला होने लगें, तो आंच को बंद कर दें।
- थोड़ी देर बाद इसे पी लें।
- वैकल्पिक रूप से रातभर पानी में जीरा डालकर रखें।
- सुबह इसे छानकार पीला पानी पी लें।
- इसे जीरे का पानी, जीरा की चाय और काढ़ा भी कहा जाता है।
- जीरे के पाउडर की जगह साबुत बीजों को प्राथमिकता दें, क्योंकि जीरे के पाउडर में अन्य मसालों का मिश्रण हो सकता है। वक्त के साथ-साथ इसका स्वाद और सुगंध कम हो सकती है।
- अगर जीरा पाउडर की जरूरत है, तो घर में ही साबुत जीरे से पाउडर बनाया जा सकता है। इसमें न मिलावट का डर होगा और जरूरत के हिसाब से बनाने की वजह से खराब होने का भय भी नहीं रहेगा।
- अन्य सूखे मसालों की तरह जीरा भी ऑर्गेनिक लेने की कोशिश करें।
- अगर अच्छी गुणवत्ता के जीरा पाउडर को रगड़ा जाए, तो उसमें से अच्छी खुशबू आती है।
- अगर खुला साबुत जीरा ले रहे हैं, तो ध्यान दें कि वो टूटे न हो। साथ ही उसमें मॉइस्चर न हो।
- पैकेट वाले जीरे की पैकिंग और एक्सपायरी डेट दोनों चेक करें।
- जीरा और जीरा पाउडर को खरीदने के बाद अंधेरे और सूखे स्थान पर एयर टाइट कंटेनर में रखें।
- भूनकर अगर जीरे का पाउडर बनाया है, तो इसे भी एयर टाइट कंटेनर में डालें और फ्रिज में रख दें। यह तीन से चार दिनों तक फ्रेश रहता है, लेकिन इसे जल्दी इस्तेमाल करें वरना इसका स्वाद कम हो सकता है। सान भी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं, क्या हैं जीरा के नुकसान(5) (19)।
- साबुत जीरा एक-डेढ़ साल तक ठीक रह सकता है, जबकि जीरा पाउडर की शेल्फ लाइफ 6 महीने की होती है। इसी वजह से साबुत जीरा ही खरीदने की सलाह दी जाती है। साबूत खरीदने पर जीरा के औषधीय गुण बरकरार रहते हैं।
- जीरे की तासीर गर्म होती है, इसलिए किसी भी नुकसान से बचने के लिए गर्भवतियों को जीरे का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए।
- अगर किसी को जीरे से एलर्जी है या कोई पहली बार जीरे का सेवन कर रहा है, तो थोड़ी सावधानी के साथ इसका सेवन करें, क्योंकि इससे त्वचा पर एलर्जी हो सकती है।
- इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
- अत्यधिक सेवन से रक्तस्राव का खतरा पैदा कर सकता है।
- काले जीरे के तेल का अधिक उपयोग करने से हल्की विषाक्तता हो सकती है।
- Cuminum cyminum and Carum carvi: An update
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References
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