Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

वैसे तो चने के बारे में तो सभी जानते होंगे और इसे रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल भी करते होंगे, लेकिन कभी आपने इस्तेमाल किए जाने वाले इन चनों के रंग पर गौर किया है। यह चने कई रंगों में जैसे :- हरे, भूरे, लाल और काले नजर आ सकते हैं। चने के रंगों में यह अंतर चने की किस्म और प्रकार पर निर्भर करता है। अब चना किसी भी किस्म का हो फायदेमंद ही होता है। मगर, सेहत और स्वास्थ्य के नजरिए से काले चने को अधिक लाभकारी माना जाता है, जिसे गारबेंजो बीन्स और बंगाल ग्राम भी कहते है। वजह यह है कि अन्य चनों के मुकाबले इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम काले चने खाने के फायदे विस्तार से बताने जा रहे हैं।

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तो आइए सबसे पहले हम काले चने के फायदे से जुड़ी जानकारी हासिल कर लेते हैं।

काले चने के फायदे – Benefits of Black Chickpeas in Hindi

काले चने के फायदे किन-किन समस्याओं में सहायक हो सकते हैं, यहां हम क्रमवार इस बारे में बताने जा रहे हैं। ताकि काले चने के फायदे के साथ ही इसकी उपयोगिता को भी आसानी से समझा जा सके। हालांकि, उससे पहले यह ध्यान रखना जरूरी है कि काले चने केवल नीचे दी गई समस्याओं में राहत पहुंचा सकते हैं। इसलिए काले चने को इन समस्याओं का इलाज नहीं कहा जा सकता है। समस्या का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। 

1. ब्लड शुगर को करे नियंत्रित

डायबिटीज के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना। ऐसे में काले चने खाने के फायदे काफी मददगार हो सकते हैं। इस बात को काले चने से संबंधित एक शोध में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि काले चने में स्टार्च के साथ-साथ ऐमिलोज नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जो लिए गए खाद्य से खून में शुगर के मिलने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। साथ ही यह कुछ हद तक इसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का भी काम करता है। इस कारण यह टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त रोगियों के ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (1)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि काले चने का सेवन कर डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

2. पाचन में सहायक

काले चने खाने के फायदे में पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखना भी शामिल है। काले चने के स्वास्थ्य लाभ जानने के लिए किए गए एक शोध से इस बात का पता चलता है। शोध में जिक्र मिलता है कि चने में फाइबर मौजूद होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। साथ ही यह मलत्याग की प्रक्रिया को आसान बनाने में भी सहायक है। यह शोध एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) पर प्रकाशित है (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पाचन प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने में भी काले चने अहम् भूमिका निभा सकते हैं।

3. वजन कम करने में मददगार

वजन घटाने के मामले में भी काले चने खाने के फायदे सहायक हो सकते हैं। इस बात का प्रमाण चने से संबंधित एक शोध में साफ देखने को मिलता है। शोध में जिक्र मिलता है कि काले चने में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (शुगर की मात्रा) भी कम होती है। इस कारण यह मोटापे के जोखिम को कम करने के साथ ही कमर और सम्पूर्ण शरीर के वजन को भी कम करने में मदद कर सकता है (2)। इस तथ्य को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बढ़ते हुए वजन को नियंत्रित करने के उपाय के तौर पर काले चने का सेवन किया जा सकता है।

4. कैंसर से करता है बचाव

काले चने के बारे में कुछ रिसर्च बताते हैं कि यह कैंसर जैसे गंभीर रोग से बचाव करने में भी काफी उपयोगी है। इसके लिए काले चने में मौजूद बायोकनिन-ए, लायकोपिन, सैपोनिंस और ब्यूटीरेट जैसे तत्व अहम माने जाते हैं। वहीं शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि इसमें से ब्यूरेट मुख्य रूप से कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर) से बचाव में मदद कर सकता है (2)। वहीं एक अन्य शोध में पाया गया कि काले चने में मौजूद लाइकोपेन प्रोस्टेट कैंसर (पुरुष स्पर्म ग्रंथि का कैंसर) और बायोकनिन-ए पेट के कैंसर से बचाव का काम कर सकता है (1)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम करने में काले चने फायदेमंद हो सकते हैं। फिर भी यह समझना जरूरी है कि कैंसर एक जानलेवा और घातक बीमारी है, जिसका इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।

5. हृदय स्वास्थ्य को बनाए और कोलेस्ट्रोल कम करे

कोलेस्ट्रोल की अधिकता हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती है (3)। ऐसे में बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को कम कर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए भी काला चना उपयोगी साबित हो सकता है। इस बात को एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चने से संबंधित एक शोध में सीधे तौर पर स्वीकार किया गया है (2)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के मामले में भी काले चने सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं।

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6. एनीमिया को करता है दूर

एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या का मुख्य कारण आयरन की कमी को माना जाता है। वहीं काला चना आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है। ऐसे में आयरन की कमी को पूरा कर काला चना एनीमिया की समस्या में कुछ हद तक राहत पहुंचाने का काम कर सकता है (4)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि काले चने का उपयोग एनीमिया की समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए भी लाभकारी हो सकता है।

7. ल्यूकोडरमा से करता है बचाव

ल्यूकोडर्मा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सफेद रंग के चकत्ते नजर आने लगते हैं। इसे विटिलाइगो भी कहा जाता है। यह पूरे शरीर में कहीं पर भी हो सकता है (5)। इस समस्या से राहत पाने के लिए भी काले चने को उपयोग में लाया जा सकता है। इस बात का प्रमाण ल्यूकोडर्मा के इलाज से संबंधित एक शोध में मिलता है। शोध में माना गया है कि काले चने के पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाने से समस्या में राहत मिल सकती है (6)। हालंकि, इस संबंध में शोध की कमी के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि यह ल्यूकोडर्मा में काम कैसे करता है।

8. महिलाओं में हार्मोन लेवल को ठीक रखता है

अन्य फायदों के साथ ही कला चना महिलाओं में हार्मोन असुंतलन को ठीक करके मोनोपोज (मासिक चक्र बंद होना) के लक्षणों में आराम दिलाने में मदद कर सकता है। इस बात को काले चने से संबंधित एक शोध में माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि अंकुरित चने का उपयोग करने से महिलाओं में कुछ हद तक यह एस्ट्रोजन हार्मोनल का लेवल बढ़ा सकता है। इससे मासिक चक्र बंद होने की समस्या और उसके कारण होने वाले लक्षणों से राहत पाने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है (7)। ऐसे में महिलाओं में हारमोन की स्थिति को ठीक करने के लिए भी काले चने को उपयोगी माना जा सकता है।

9. प्रोटीन से भरपूर होता है काला चना

नई कोशिकाओं के निर्माण और मांसपेशियों के विकास में प्रोटीन अहम् भूमिका निभाता है। वहीं प्रोटीन के अच्छे स्रोत में काला चना भी शामिल है (8)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि काला चना प्रोटीन से भरपूर होने के कारण मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में भी मददगार हो सकता है।

10. त्वचा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी

त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी काले चने काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। तीन अलग-अलग शोध से इस बात का इशारा मिलता है। पहले शोध में इसे सीधे तौर पर त्वचा के लिए उपयोगी बताया गया है (1)। दूसरे शोध में जिक्र मिलता है कि काले चने के आते से तैयार उबटन त्वचा को साफ करने में मदद कर सकता है (9)। वहीं काले चने पर आधारित एक अन्य शोध में माना गया है कि इसमें एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है (10)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि काले चने के उबटन का प्रयोग करने से त्वचा को साफ करने के साथ ही बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाव करने में भी मदद मिल सकती है।

11. बालों के लिए लाभकारी

विटामिन ए, ई और नियासिन के साथ ही जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी बालों झड़ने की समस्या पैदा कर सकती है (11)। वहीं काले चने में यह सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं (12)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि इन पोषक तत्वों की शारीर में पूर्ति कर काला चना बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मददगार हो सकता है। हालांकि, इस बात का कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

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काला चना के फायदे के बाद अब हम इसके पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे।

काले चने में पौष्टिक तत्व- Black Chickpeas Nutritional Value in Hindi

नीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से हम काले चने में मौजूद पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं (12)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
प्रोटीन20.47 g
कार्बोहाइड्रेट62.95 g
शुगर10.7 g
एनर्जी378 Kcal
पानी7.68 g
फैट6.04 g
विटामिन
विटामिन सी4 mg
विटामिन बी-60.535 mg
विटामिन ए67 IU
थियामिन0.477 mg
नियासिन1.541 mg
फोलेट557 µg
मिनरल्स
आयरन4.31 mg
फास्‍फोरस252 mg
कैल्‍शियम57 mg
मैग्नीशियम79 mg
पोटैशियम718 mg
जिंक2.76 mg

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यहां अब हम काले चने को उपयोग करने के तरीके बताने जा रहे हैं।

काले चने का उपयोग- How to Use Black Chickpeas in Hindi

काला चना हमारी सेहत के लिए जितना उपयोगी है, उसी प्रकार इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि इसे किस प्रकार से उपयोग में लाया जाए या खाया जाए। क्योंकि इसे कई तरह से हम प्रयोग कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं कि काले चने का उपयोग हम कैसे कर सकते हैं :

  • काले चने को रातभर भोगोकर सुबह नाश्ते के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • सुबह या शाम के नाश्ते में अंकुरित या भीगे चने की चाट बनाकर भी खा सकते हैं।
  • भीगे हुए चने को हल्के तेल में फ्राई करके भी इसे नाश्ते में शामिल किया जा सकता है।
  • भुने हुए काले चने को शाम के स्नैक्स के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है।
  • काले चने की रसेदार सब्जी भी बनाकर इसे दोपहर या रात के आहार में शामिल किया जा सकता है।

मात्राप्रतिदिन करीब 100 ग्राम काले चने का सेवन किया जा सकता है (13)।

और भी है बहुत कुछ

लेख के आगे भाग में अब हम जानेंगे कि काले चने को सुरक्षित कैसे किया जा सकता है।

काले चने का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Black Chickpeas in Hindi

अभी तक आपने जाना क‍ि काला चना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना उपयोगी है। ऐसे में हमें इस बात का भी ध्‍यान रखना चाहिए कि काले चने का चयन कैसे किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी पता होना जरूरी है कि उसे लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है। इसलिए यहां हम काले चने के चुनाव और उसे सुरक्षित रखने के तरीकों को अलग अलग समझाने जा रहे हैं।

1. काले चने का चयन

तो आइये जानते हैं काले चने के चयन के बारे में-

  • काले चने का चुनाव करते समय ध्यान रखें कि चने में किसी तरह के छेद न हों।
  • चने पूरी तरह से साफ और अच्छी क्वालिटी के हों यानी इनमें गंदगी जैसे :- मिट्टी, कंकड या अन्य ऐसी चीजे न हों।
  • वहीं ग्रोसरी स्टोर या मॉल से पैकेट बंद काले चने लेना चुनाव का बेहतर तरीका साबित हो सकता है।

2. काले चने को सुरक्षित रखना

काले चने की गुणवत्‍ता और उपयोगिता बनाये रखने के लिए जरूरी है कि इसे संभाल कर रखा जाए। इसके लिए निम्न तरीकों को इस्तेमाल में लाया जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • काले चने को हमेशा एयर टाइट डिब्बे या कंटेनर में रखें।
  • ध्‍यान रखें कि काला चना जिस डिब्‍बे में रखा जाए वह गीला न हो।
  • काले चने को कभी भी नम या गीली जगह पर न रखें, क्योंकि ऐसा करने से चने जल्दी खराब हो सकते हैं।

अंत तक पढ़ें लेख

अंत में अब हम आपको काले चने के नुकसान से जुड़ी जानकारी देंगे।

काले चने के नुकसान – Side Effects of Black Chickpeas in Hindi

काले चने के फायदे और नुकसान दोनो ही हैं। इसलिए इससे होने वाले लाभों के साथ इसके नुकसान को भी ध्यान में रखना जरूरी है। अधिक मात्रा के कारण या कुछ गंभीर स्थितियों में काले चने के नुकसान इस प्रकार देखने को मिल सकते हैं :

  • ब्लड शुगर की दवा लेने वाले लोगों को काले चने के नुकसान से बाख कर रहने की जरूरत होती है। वजह यह है कि काले चने में ब्लड शुगर को कम करने का गुण होता है (2)। इस कारण यह डायबिटीज की दवा लेने वाले लोगों में इसका अधिक सेवन शुगर का स्तर काफी कम कर सकता है।
  • कुछ लोगों को काले चने से एलर्जी संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं, जिसमें नाक में खुजली या सूजन और शरीर पर चकत्तों की समस्या देखी जा सकती है (14)। इसलिए किसी खास खाद्य से एलर्जी की स्थिति में इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
  • काला चना वजन को भी कम करने में मदद कर सकता है (3)। इसलिए जरूरत से कम वजन वाले लोगों को इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए।
  • इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है (12)। वहीं फाइबर की अधिकता के कारण पेट में दर्द, पेट का फूलना और पेट में गैस की शिकायत हो सकती है (15)।

इस आर्टिकल के माध्यम से हमें काले चने के फायदे तो पता ही चले, साथ ही यह भी जानने को मिला कि बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इसे संतुलित मात्रा में लेना बहुत जरूरी है। वजह यह है कि अधिक मात्रा में सेवन से इसके कुछ दुपरिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में काले चने के फायदे और नुकसान दोनों को ही ध्यान रखना जरूरी है। वहीं इसके उपयोग करने के कई तरीके भी लेख में सुझाए गए हैं। इन्हें अपना कर इसे आसानी से नियमित आहार में शामिल किया जा सकता है। तो आज से ही इसे अपने आहार में शामिल करें और बेहतर स्वास्थ्य पाने की दिशा में एक उचित कदम बढाएं। लेख में शामिल जानकारी अगर पसंद आई हो तो लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर करना बिल्कुल भी न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या काला चना वजन करने के लिए अच्छा है?

हां, वजन कम करने के मामले में भी काला चना का फायदा हासिल हो सकता है (3)। इस बारे में लेख में ऊपर विस्तार से बताया जा चुका है।

क्या काले चने से वजन बढ़ता है?

नहीं, लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि काले चने के फायदे में वजन करना शामिल है (3)। ऐसे में यह कहना गलत होगा कि काला चना खाने के फायदे वजन बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।

काला काला चना रोज खाना बेहतर है?

हां, काला चना का फायदा पाने के लिए इसे रोज 100 ग्राम तक खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है (13)।

References

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    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download;jsessionid=452416599E115F8BFD6527A0A2EDAB1A?doi=10.1.1.453.797&rep=rep1&type=pdf
  2. The Nutritional Value and Health Benefits of Chickpeas and Hummus
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5188421/
  3. Dietary cholesterol and cardiovascular disease: a systematic review and meta-analysis
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26109578/
  4. Anemia and its determinants among women of reproductive age of a slum in Kolkata: A focus group discussion among health workers in a slum of Kolkata
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5084547/
  5. Unconventional Treatments for Vitiligo: Are They (Un) Satisfactory?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5816295/
  6. Plants Used in the Treatment of Leucoderma by the Tribals of Yerramalai Forest of Kurnool District, Andhra Pradesh, India
    https://www.researchgate.net/publication/259764245_Plants_Used_in_the_Treatment_of_Leucoderma_by_the_Tribals_of_Yerramalai_Forest_of_Kurnool_District_Andhra_Pradesh_India
  7. Assessment of the estrogenic activities of chickpea (Cicer arietinum L) sprout isoflavone extract in ovariectomized rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4002489/
  8. Protein in diet
    https://medlineplus.gov/ency/article/002467.htm
  9. UBTAN-Gift from Ayurveda and Nature
    https://www.researchgate.net/publication/342231705_UBTAN-Gift_from_Ayurveda_and_Nature
  10. In Vitro Antimicrobial Activities of Cicer arietinum L (Chickpea)
    http://www.bioline.org.br/pdf?pr10057
  11. Diet and hair loss: effects of nutrient deficiency and supplement use
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5315033/
  12. Chickpeas (garbanzo beans, bengal gram), mature seeds, raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/173756/nutrients
  13. Enhancing nutrition with pulses: defining a recommended serving size for adults
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5914352/
  14. Chickpea: a major food allergen in the Indian subcontinent and its clinical and immunochemical correlation
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11527247/
  15. Fiberhttps://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm
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