Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

भारत कई तरह के औषधियों और जड़ी-बूटियों का देश है। उन्हीं में से एक है, कौंच के बीज। संभव है, कि कई लोगों ने पहले कभी कौंच के बीज के बारे में ज्यादा नहीं सुना होगा। कौंच मस्तिष्क से संबंधित समस्या से लेकर पुरुष नपुंसकता तक की परेशानी से निजात दिला सकता है (1)। इसलिए, स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाने वाला कौंच के बीज के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। यहां सिर्फ कौंच बीज के फायदे ही नहीं, बल्कि अधिक सेवन से कौंच बीज के नुकसान के बारे में भी बताएंगे। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ कौंच बीज के फायदे और नुकसान की जानकारी दें। हालांकि, अगर किसी को गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो हमारी राय यही होगी कि वो डॉक्टरी परमर्श को ही पहली प्राथमिकता दें। कौंच बीज बीमारी से बचाव या उनके लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है, इसलिए इसे किसी भी बीमारी का पूर्ण उपचार समझने की भूल न करें।

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सबसे पहले जानते हैं कि कौंच बीज किसे कहा जाता है।

कौंच के बीज क्या होते हैं?

कौंच के बीज का वैज्ञानिक नाम मुकुना प्रुरियंस (Mucuna pruriens) है। इसके अलावा, कौंच के कपिकच्छु, किवांच, काउहैज, कोवंच, अलकुशी, कौंचा व कवच आदि नाम भी हैं। कौंच दो प्रकार के होते हैं, एक जंगली और दूसरी जिसकी खेती की जाती है। जंगली कौंच में काफी रोएं होते है, जिसके संपर्क में आने से त्वचा में खुजली या जलन की समस्या हो सकती है। वहीं, जिसकी खेती होती है, उसमें ज्यादा रोएं नहीं होते हैं और उस कौंच को मखमली सेम यानी वेलवेट बीन्स (Velvet Beans) के रूप में भी जाना जाता है (1)। वर्षों से इसके पत्ते, बीज व जड़ का उपयोग आयुर्वेद में औषधि बनाने के लिए किया जा रहा है। अगर मन में यह सवाल आए कि कौंच के बीज किस काम आते हैं, तो इस लेख को पढ़ने के बाद इसका जवाब मिल सकता है।

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अब बारी आती है कौंच बीज के फायदे के बारे में जानने की। लेख के इस भाग में हम स्वास्थ्य के लिए कौंच के बीज के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं, उसकी जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

कौंच के बीज के फायदे – Benefits of Kaunch Beej (Mucuna Pruriens) in Hindi

‘कौंच के बीज किस काम आते हैं’ पाठकों के इस सवाल का जवाब हम लेख के इस भाग में देने की कोशिश कर रहे हैं। नीचे पढ़ें कौंच का बीज स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है:

1. पार्किंसंस के लिए कौंच के बीज के फायदे

कौंच के बीज खाने के फायदे की बात करें, तो इसमें सबसे पहला नाम है आता है पर्किंसंस का। दरअसल, पर्किंसंस तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है। यह तब होती है, जब मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाएं डोपामाइन (dopamine) नामक ब्रेन केमिकल का पर्याप्त निर्माण नहीं कर पाती हैं (2) । ऐसे में मरीज को कंपकंपी, शरीर में दर्द व चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। हालांकि, यह बीमारी उम्र बढ़ने पर हो सकती है, लेकिन कभी-कभी यह जेनेटिक और कम उम्र के व्यक्ति को भी हो सकती है। इस स्थिति में कौंच अच्छा विकल्प हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्टडी के अनुसार, कौंच का बीज पर्किंसंस के लिए बहुत असरदार पाया गया है। इसमें एंटी-पार्किंसंस गुण मौजूद हैं, क्योंकि इसमें एल-डोपा (L-dopa- Levodopa) नामक एमिनो एसिड मौजूद होता है। ये एमिनो एसिड पार्किसंस के लिए काफी असरदार हो सकता है, ऐसे में कौंच के उपयोग से पार्किंसंस की समस्या से बचाव हो सकता है या उस पर काफी प्रभाव पड़ सकता है (1)।

2. अच्छी नींद के लिए कौंच बीज के फायदे

सभी के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। अगर नींद पूरी नहीं होती है, तो न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक समस्याएं भी हो सकती है (3)। ऐसे में नींद संबंधी परेशानियों के लिए भी कौंच का बीज लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अगर सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum) के साथ कौंच (Velvet beans) का सेवन किया जाए, तो अनिद्रा की समस्या से राहत मिल सकती है (4)। फिलहाल, इस बारे में अभी शोध काफी सीमित हैं। ऐसे में हर किसी पर इसका प्रभाव एक जैसा हो, ये जरूरी नहीं है।

3. नपुंसकता के लिए कौंच बीज के फायदे

महिलाओं की तरह ही पुरुषों को भी इनफर्टिलिटी की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसका कारण मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन व हॉर्मोनल बदलाव हो सकता है (5)। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन कौंच के बीज इस समस्या का उपचार हो सकता है। इस विषय पर इन्फर्टाइल पुरुषों पर किए गए एक शोध के रिपोर्ट के अनुसार, कौंच के बीज के सेवन से स्पर्म (शुक्राणुओं) काउंट में सुधार देखा गया है (6)। ऐसे में इसका उपयोग न सिर्फ शुक्राणुओं को नुकसान होने से बचा सकता है, बल्कि इंफर्टिलिटी की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकता है (1) (7)। इसके अलावा, कई बार तनाव के कारण भी सीमेन (शुक्राणु) क्वालिटी पर प्रभाव पड़ सकता है और इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। ऐसे में कौंच बीज मानसिक तनाव या स्ट्रेस को भी कम करने में सहायक हो सकता है और इनफर्टिलिटी की परेशानी से बचाव कर सकता है (8)। कौंच के बीज खाने के फायदे की बात करें, तो यह इसके मुख्य लाभों में से एक है।

4. मधुमेह के लिए कौंच बीज के फायदे

कौंच के बीज के फायदे की बात करें, तो ये डायबिटीज के लिए भी लाभकारी हो सकता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, वर्षों से मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग किए जाने वाले कौंच बीज लाभकारी हो सकते हैं। यह एंटीडायबिटिक एजेंट की तरह काम कर सकता है (7)(9)।

5. डिप्रेशन से बचाव के लिए कौंच बीज के फायदे

आज के वक्त में लोग मूड में बदलाव और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। ये डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं (10) (11)। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। डिप्रेशन जैसी समस्या के लिए भी कौंच के बीज के फायदेमंद हो सकते हैं। दरअसल, इस विषय पर चूहों पर किए गए अध्ययन के अनुसार, कौंच में एंटी-डिप्रेसेंट (Antidepressant) गुण मौजूद होते हैं (7) (12)। ऐसे में कौंच का सेवन डिप्रेशन से बचाव या उसे कम करने में सहायक हो सकता है।

6. एकाग्रता के लिए कौंच के बीज

कौंच बीज खाने के फायदे की बात करें, तो इसमें एकाग्रता में सुधार भी शामिल है। कई बार तनाव और चिंता के कारण लोगों का ध्यान जरूरी कामों में नहीं लग सकता है। ऐसे में कौंच के बीज एकाग्रता में कमी की समस्या को कुछ हद तक ठीक करने में सहायक हो सकता है। दरअसल, कौंच के बीज मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं और इसमें एंटी-डिप्रेसेंट (Antidepressant) गुण भी मौजूद हैं। कौंच बीज में मौजूद हाइड्रोअल्कोहलिक (hydroalcoholic) एक्सट्रैक्ट इसका कारण हो सकता है (7) (8)। ऐसे में ये एक संभावना हो सकती है कि इसके सेवन से मन शांत हो सकता है और एकाग्रता में सुधार हो सकता है।

7. शरीर या कमर दर्द के लिए कौंच के फायदे

आजकल की जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या के कारण कई लोग शरीर में दर्द की शिकायत करते हैं। शरीर में या कमर में दर्द की समस्या हो, तो रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है। वहीं, बार-बार दर्द निवारक दवाइयों का सेवन भी सही नहीं है। ऐसे में आयुर्वेदिक औषधियां और प्राकृतिक उपचार फायदेमंद साबित हो सकते है। कौंच भी ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (analgesic) यानी दर्दनाशक गुण दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (7)। हालांकि, इस बारे में कोई सटीक वैज्ञानिक स्टडी नहीं है, ऐसे में इसके प्रभाव अलग-अलग व्यक्ति पर अलग-अलग हो सकते हैं।

8. मिर्गी के लिए कौंच बीज खाने के फायदे

मिर्गी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें मरीज को दौरे पड़ने लगते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे – कुछ खास दवाइयों के सेवन की वजह से, सिर पर कभी चोट लगने से, दिमागी बुखार होने से आदि (13) (14)। ऐसे में कौंच का सेवन इस बीमारी में मददगार साबित हो सकता है, कौंच में एंटी-एपिलेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण मिर्गी की समस्या या उसका असर कम हो सकता है (1) (7) (15)। हालांकि, इससे मिर्गी का प्रभाव या उसके लक्षण कम हो सकते हैं, लेकिन कौंच को मिर्गी का इलाज समझने की भूल न करें। इसके साथ ही अगर किसी प्रकार के दौरे के लिए कौंच देना चाहते हैं, तो बेहतर है कि पहले दौरे पड़ने के कारण का पता लगाएं। उसके बाद डॉक्टरी सलाह के बाद ही कौंच के बीज दें।

9. बढ़ते वजन के लिए कौंच बीज खाने के फायदे

वजन बढ़ने या मोटापे की समस्या से आजकल लगभग हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। बिगड़ी जीवनशैली व गलत डाइट के कारण यह समस्या आम है (16)। इस स्थिति में सही डाइट और व्यायाम तो जरूरी है ही, लेकिन अगर साथ में कौंच का सेवन किया जाए, तो यह वजन कम करने में लाभकारी हो सकता है। इस विषय पर चूहों पर किए गए शोध के अनुसार, कौंच बीज के एंटी-ओबेसिटी प्रभाव सामने आए हैं (17)। ऐसे में अगर सही लाइफस्टाइल के साथ कौंच बीज का उपयोग वजन कम करने में सहायक हो सकता है।

10. एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ कौंच बीज बेनिफिट्स

कौंच के बीज में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं। दरअसल, शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट की जरूरत होती है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को क्षति पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद कर सकता है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है (18)। ऐसे में अगर एंटी-ऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थों के सेवन की बात की जाए, तो इसमें कौंच बीज भी शामिल है। इसमें सिर्फ एंटी-ऑक्सीडेंट ही नहीं, बल्कि एंटी-इंफ्लेमेटरी भी होते हैं (1) (7)।

11. त्वचा के लिए कौंच के फायदे

जैसे कि हमने लेख के शुरूआत में जानकारी दी थी कि कौंच में रोएं होते हैं। अगर वो त्वचा के संपर्क में आ जाएं, तो खुजली या जलन की समस्या हो सकती है। अब ऐसे में त्वचा के लिए कौंच बीज का उपयोग करना सही नहीं है, लेकिन कौंच के पत्ते फायदेमंद हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी में कौंच के पत्तों में मौजूद मेथनोलिक अर्क त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद पाया गया है (1)। बेशक, इस वैज्ञानिक शोध में त्वचा के लिए कौंच के पत्ते फायदेमंद पाए गए हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि इसका उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

12. कोलेस्ट्रोल के लिए कौंच के फायदे

हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Hypercholesterolemia) यानी हाई कोलेस्ट्रोल कई अन्य बीमारियों जैसे – हृदय रोग व धमनियों से संबंधित रोगों का कारण हो सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि व्यक्ति का कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रहे और इस काम में कौंच के बीज लाभकारी हो सकते हैं। इस विषय पर किए गए एक शोध के अनुसार, कौंच के बीज में एंटीकोलेस्ट्रोल गतिविधि की पुष्टि हुई है। यह एलडीएल (low-density lipoprotein) यानी हानिकारक कोलेस्ट्रोल को कम कर सकता है और एचडीएल (high-density lipoprotein) यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ा सकता है (19)। ऐसे में कोलेस्ट्रोल के मरीजों के लिए यह उपयोगी औषधि की तरह काम कर सकता है।

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कौंच के बीज के फायदे जानने के बाद अब बारी आती है, कौंच बीज के पौष्टिक तत्वों के बारे में जानने की। लेख के इस भाग में हम कौंच बीज के पोषक तत्वों की ही जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

कौंच के बीज के पौष्टिक तत्व – Kaunch Beej Nutritional Value in Hindi

कौंच के बीज में कई तरह के पौष्टिक तत्व मौजूद हैं, जिनमें कैल्शियम, पोटैशियम, नियासिन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक व आयरन जैसे पौष्टिक तत्व प्रमुख हैं। कुछ अन्य पोषक तत्व इस प्रकार हैं (20):

पौष्टिक तत्वमात्रा 
सोडियम43.1-150.1 मिलीग्राम
पोटेशियम43.1-150.1 मिलीग्राम
कैल्शियम393.4-717.7 मिलीग्राम
मैग्नीशियम174.9-387.6 मिलीग्राम
फास्फोरस98.4-592.1 मिलीग्राम
आयरन10.8-15.0 मिलीग्राम
कॉपर0.9-2.2 मिलीग्राम
जिंक5.0-10.9 मिलीग्राम
मैंगनीज3.9-4.3 मिलीग्राम

कौंच के बीज के ये सभी पोषक तत्व व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (21)।

पढ़ते रहें लेख

कौंच के बीज के फायदे तभी मिलेंगे, जब इसे सही तरीके से उपयोग किया जाएगा। इसलिए, नीचे हम कौंच बीज को उपयोग करने के तरीके बता रहे हैं।

कौंच के बीज का उपयोग – How to Use Kaunch Beej in Hindi

कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि कौंच के बीज का सेवन कैसे करें, तो यहां जानिए कौंच बीज का उपयोग करने के विभिन्न तरीके :

  • अगर मन में दुविधा हो कि कौंच के बीज का सेवन कैसे करें, तो हम बता दें कि कौंच बीज का उपयोग काढ़ा बनाकर किया जा सकता है ।
  • कौंच के पत्तों को घिसकर लेप की तरह त्वचा पर लगा सकते हैं, लेकिन इस बारे में विशेषज्ञ की सलाह भी जरूर लें ।
  • कौंच बीज का उपयोग दवा के रूप में भी किया जा सकता है। दरअसल, ये बीज मेडिकल स्टोर में भी उपलब्ध होते हैं। आप इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी सेवन कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर के परामर्श पर ही इसे लें।
  • कौंच के बीज का चूर्ण भी बाजार में उपलब्ध है, तो इसका सेवन पानी के साथ भी कर सकते हैं।
  • सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि कौंच बीज पाउडर का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है।

कौंच के बीज का चूर्ण बाजार में उपलब्ध होता है, फिर भी अगर कोई कौंच चूर्ण के फायदे के लिए यह सोच रहा है कि कौंच के बीज का पाउडर कैसे बनाएं, तो हम यहां कौंच के बीज का चूर्ण बनाने की विधि भी साझा कर रहे हैं। इसकी विधि जानकर कौंच बीज का उपयोग पाउडर के रूप में आसानी से कर सकेंगे।

कौंच के बीज का पाउडर बनाने की विधि

इस लेख में कौंच के बीज का पाउडर कैसे बनाएं, इस सवाल का जवाब भी मौजूद है। नीचे पढ़ें, कौंच के बीज का चूर्ण बनाने की आसान विधि। कौंच बीज चूर्ण बनाने से पहले कौंच के बीज को शुद्ध करने की विधि भी दी गई है:

सामग्री :

  • आवश्यकता के अनुसार कौंच के बीज लें।
  • उससे अधिक मात्रा में गाय का दूध लें, चाहे तो पैकेट वाले दूध का उपयोग भी कर सकते हैं।
  • जितना दूध ले रहे हैं, उतनी ही मात्रा में पानी भी लें।

तरीका :

  • अब दूध में पानी और कौंच के बीज डालकर उबालें।
  • इसे तब तक उबालें जब तक कि कौंच के बीज के छिलके न निकल जाएं।
  • उबलते वक्त किसी एक कौंच के बीज को निकालकर चेक कर लें कि छिलका नर्म होकर निकल रहा है या नहीं।
  • अगर छिलके आसानी से निकलने लगे, तो गैस को बंद कर दें और बीज ठंडा होने के लिए रख दें।
  • जब सारे बीज ठंडे हो जाएं, तो सभी बीजों से छिलके निकाल लें।
  • छिलके उतरने के बाद वो सफेद कौंच के बीज हो जाएंगे।
  • फिर छिलकों को ऐसी जगह फेंके जहां कोई जानवर इन्हें न खा सके।
  • छिलके निकालने के बाद बीजों को कुछ दिनों तक सूखने दें।
  • बीज सूखने के बाद उनको पीसकर चूर्ण बना लें।

आगे है और जानकारी

कौंच के बीज का चूर्ण बनाने के विधि के बाद अब इसके खुराक की बात करते हैं।

कौंच के बीज की खुराक

कौंच बीज के सेवन की मात्रा की बात करें, तो प्रतिदिन 5 ग्राम कौंच बीज चूर्ण का सेवन किया जा सकता है (22)। इसकी मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। ऐसे में बेहतर है कि इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

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कौंच बीज खाने के फायदे हैं, तो इसके अधिक सेवन से इसके नुकसान भी हैं। लेख के इस भाग में हम कौंच बीज के नुकसान के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

कौंच के बीज के नुकसान – Side Effects of Kaunch Beej in Hindi

नीचे पढ़ें कौंच बीज के नुकसान के बारे में:

  • कौंच बीज में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं (7)। ऐसे में अगर कोई पहले से ही डायबिटीज की दवाइयों का सेवन कर रहा है, तो ऐसे में शुगर की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम हो सकती है। कौंच के बीज लेने से पहले सावधानियां बरतें और डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
  • गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें, कौंच की तासीर गर्म होती है, जिससे गर्भवती और बच्चे को हानि हो सकती है।
  • कौंच या कौंच बीज चूर्ण के फायदे बच्चों के लिए नहीं है, इसलिए बच्चों से कौंच को दूर रखें।
  • इसमें अगर पोषक तत्व हैं, तो इसके एंटी-एंटीन्यूट्रिशन प्रभाव भी हैं (1) (20)। इसलिए, इसके अधिक सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी और कमजोरी भी हो सकती है।
  • कौंच बीज में एल-डोपा (L-dopa- Levodopa) नामक एमिनो एसिड भरपूर मात्रा में होता है (1)। ऐसे में इस एमिनो एसिड के अधिक सेवन से मतली, सिरदर्द, जरूरत से ज्यादा नींद आने की समस्याएं भी हो सकती हैं (23)।
  • नुकसान से बचने के लिए कौंच के बीज लेने से पहले सावधानियां ध्यान में रखनी जरूरी हैं। लोगों का मानना है कि कौंच के बीज के साथ मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। ऐसे में बेहतर है कि इस बारे में विशेषज्ञ की सलाह ली जाए और उसके बाद ही इसका सेवन किया जाए, वरना कौंच बीज पाउडर के फायदे के बजाय उसका नुकसान भी हो सकता है।

आशा करते हैं कि कौंच बीज के फायदे और नुकसान के इस लेख को पढ़ने के बाद कई लोगों को इस औषधि के बारे में जानकारी मिली होगी। यहां कौंच बीज के नुकसान से भी पाठकों को अवगत कराया गया है। इसलिए, कौंच के बीज के नुकसान को ध्यान में रखते हुए इसका सेवन सही तरीके से किया जाना चाहिए। अगर कोई इस लेख में बताए गए किसी भी समस्या से परेशान है, तो कौंच बीज के फायदे पर ध्यान देकर इसका उपयोग उसी अनुसार करें। हालांकि, अगर कोई किसी खास दवा का सेवन कर रहा है या किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित है, तो बेहतर है कि कौंच बीज के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह भी जरूर लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या कौंच बीज का प्रयोग सीधे त्वचा पर किया जा सकता है ?

नहीं, सीधे त्वचा पर कौंच का उपयोग करने से जलन या खुजली जैसी समस्या हो सकती है (1)। ऐसे में बेहतर है कि इसका उपयोग त्वचा पर न करें या फिर विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही इसका उपयोग त्वचा पर करें।

क्या कौंच के बीज घाव भरने में मदद कर सकते हैं?

हां, अगर कौंच बीज बेनिफिट्स की बात की जाए, तो कौंच बीज को घाव के लिए फायदेमंद पाया गया है (24)। हालांकि, इसका उपयोग घाव की स्थिति को देखते हुए करना बेहतर है। साथ ही इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह लेना भी आवश्यक है।

क्या मैं अश्वगंधा, कौंच बीज पाउडर और शतावरी पाउडर का मिश्रण ले सकता हूं?

हां, आप इसे दूध के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं, लेकिन इस तरह का मिश्रण डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही लिया जाना बेहतर है।

क्या मैं कौंच बीज पाउडर को दूध के साथ ले सकता हूं?

हां, अगर आपको किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हो, तो दूध के साथ कौंच के बीज का चूर्ण लिया जा सकता है। बस ध्यान रहे कि आपको दूध से एलर्जी न हो।

कौंच के बीज की तासीर कैसी होती है?

कौंच के बीज की तासीर गर्म होती है।

कौंच के बीज का मूल्य कितना होता है?

एक किलो कौंच के बीज का मूल्य का मूल्य लगभग 600 से 650 रूपए किलो हो सकता है, लेकिन शहर और विक्रेता के अनुसार इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

References

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  3. Healthy Sleep
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  4. A Dietary Supplement Containing Chlorophytum Borivilianum and Velvet Bean Improves Sleep Quality in Men and Women
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  5. Infertility
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  16. Obesity
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  17. EVALUATION OF ANTI-OBESITY EFFECT OF AQUEOUS EXTRACT OF MUCUNA PRURIENS SEEDS ON RATS
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  18. Free radicals, antioxidants and functional foods: Impact on human health
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  22. Levodopa (L-Dopa)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK482140/
  23. Appraisal on the Wound Healing Activity of Different Extracts Obtained From Aegle marmelos and Mucuna pruriens by in vivo Experimental Models
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27811447/

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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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