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शरीर को निरोग रखने और दिनभर ऊर्जावान बने रहने के लिए सही पोषण का होना जरूरी है। पोषक तत्व शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। खासकर, किशोरावस्था में इस पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि यह वह दौर होता है, जब शरीर में तेजी से बदलाव होते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में आपको बताया जाएगा कि किशोरावस्था में सही पोषण का क्या महत्व होता है। साथ ही आपको यह भी जानकारी दी जाएगी कि इस दौरान सही पोषण के लिए कौन-कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि किशोरावस्था के दौरान पोषण का क्या महत्व होता है।
किशोरावस्था में पोषण का क्या महत्व है?
शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है। इस दौरान संपूर्ण विकास के लिए सही पोषक तत्वों की अहम भूमिका होती है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, किशोरावस्था में विकास के लिए कैलोरी और प्रोटीन आवश्यक होते हैं। शोध में आगे बताया गया है कि किशोरियों को प्रतिदिन लगभग 2200 कैलोरी और किशोरों को 2500-3000 कैलोरी की जरूरत होती है। साथ ही इस दौरान शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए फैट, कैल्शियम, आयरन, जिंक, विटामिन और फाइबर जैसे पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है।
किशोरावस्था में सही पोषण का महत्व इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इनकी कमी से दूरगामी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें लंबाई का न बढ़ना, यौन रूप से अपरिपक्वता, ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियां), हाइपरलिपिडिमिया (रक्त में फैट का बढ़ना) और मोटापा शामिल है। इसके अलावा, सही पोषण की कमी आगे चलकर गर्भावस्था में भी जोखिम बढ़ा सकती है (1)।
पोषण के महत्व को जानने के बाद यहां हम आपको बता रहे हैं कि किशोरों के लिए संतुलित आहार किसे कहते हैं।
किशोरों के लिए संतुलित आहार की व्याख्या?
संतुलित आहार से तात्पर्य उन सभी खाद्य पदार्थों से है, जो शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करें। इनमें जंक फूड्स और पोषण रहित खाद्य पदार्थों को जोड़ा नहीं जाता है। साथ ही खाने की मात्रा और सही समय भी जरूरी होता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि किशोरावस्था में विकास के लिए प्रोटीन और कैलोरी युक्त भोजन की ज्यादा आवश्यकता होती है। साथ ही कैल्शियम, विटामिन, फाइबर और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्व युक्त फल, सब्जियों और अनाज भी जरूरी हैं, जिससे सही प्रकार से शारीरिक और मानसिक विकास हो सके।
नीचे हम आपके साथ किशोरों के लिए डाइट चार्ट शेयर कर रहे हैं, जिसकी मदद से एक अनुमान लगाया जा सकता है कि किशोरावस्था में दैनिक रूप से किस प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है (1) (2)।
संतुलित आहार के बाद यहां हम बता रहे हैं कि किशाेरों के लिए संतुलित डाइट चार्ट कैसा हो सकता है।
किशोरों के लिए संतुलित आहार तालिका
किशाेरों के लिए पोषक तत्वाें से भरपूर डाइट चार्ट इस प्रकार हो सकता है (3):
खाद्य पदार्थ | मात्रा | |
---|---|---|
नाश्ते में | ||
दूध | 1 कप | |
फलों की सलाद या फिर सब्जियां। सब्जियां को सलाद या सूप के रूप में लिया जा सकता है। | आधा कप | |
अनाज से भरपूर ब्रेड, बिस्किट या मफिन | मात्रा में एक | |
स्नैक्स में | ||
फल | एक चौथाई कप | |
नट्स | लगभग मुट्ठी भर | |
दोपहर के खाने में | ||
रोटी या फिर ब्रेड | दो या तीन | |
चिकन या फिश | लगभग 56 ग्राम | |
अंडा | एक | |
सोया प्रोडक्ट या चीज़ | लगभग 56 ग्राम | |
सब्जियां | 100 ग्राम | |
फल | 50 ग्राम | |
प्रोटीन प्रोडक्ट नट्स या बीज | लगभग मुट्ठी भर | |
रात के खाने में | ||
गेहूं की रोटी या ब्रेड | एक या दो | |
सब्जियां | 100 ग्राम | |
फिश/सोया प्रोडक्ट या चीज़ | लगभग 56 ग्राम | |
अंडा | एक | |
प्रोटीन प्रोडक्ट जैसे कि चीज़ नट्स या सीड्स | लगभग मुट्ठी भर | |
दूध (सोने से पहले ले सकते हैं) | 1 कप |
नोट – ऊपर बताया गया डाइट चार्ट सैंपल मात्रा है। आहार विशेषज्ञ से परामर्श कर बताई गई मात्रा को कम-ज्यादा किया जा सकता है। साथ ही आहार विशेषज्ञ की सलाह पर अन्य खाद्य सामग्रियों को भी जोड़ा जा सकता है।
यहां हम बता रहे हैं कि किशोरावस्था के दौरान किशोरों को स्वस्थ खान-पान के लिए कैसे प्रेरित करें।
किशोरावस्था में स्वस्थ खाने की आदत कैसे लगाएं या प्रोत्साहित करें?
कई बार देखा जाता है कि किशारों को बाहर के खाने की आदत लग जाती है, जो उनमें पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकती है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें संतुलित पोषक तत्वों से भरपूर आहार की ओर प्रोत्साहित किया जाए। जानते हैं कि किस प्रकार उनमें संतुलित आहार की आदत डाली जा सकती है (4):
- किशोर अपने माता-पिता को एक आदर्श के रूप में देखते हैं। इसलिए, जरूरी है कि माता-पिता उन्हें स्वस्थ खान-पान संबंधी जरूरी जानकारी दें और खुद भी उसका पालन करें।
- कोशिश करें कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करें। इससे सकारात्मक रिश्ता कायम होगा।
- जब भी आप अपने बच्चे को अनहेल्दी फूड खाते देखें, तो उन्हें उसके नुकसान के बारे में बताएं।
- किशोरों के लंच बॉक्स पर भी ध्यान देना जरूरी है। कोशिश करें कि उनके लंच बॉक्स में विभिन्न प्रकार के मगर हेल्दी फूड्स को शामिल करें।
- आप उन्हें बता सकते हैं कि अगर अच्छा भोजन नहीं किया गया, तो क्या नुकसान हो सकते हैं।
- किशारों को घर में स्वादिष्ट भोजन बनाकर दें।
- अगर वो सामान्य दूध पीना पसंद नहीं करते हैं, तो मिल्क शेक बनाकर दे सकते हैं।
- किशोरों के नाश्ते में, दोपहर के खाने में और डिनर में अलग-अलग प्रकार के फायदेमंद खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
लेखे में आगे हम बता रहे हैं कि असंतुलित आहार के क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
किशोरावस्था में असंतुलित आहार खाने के क्या दुष्प्रभाव हैं?
किशोरावस्था में संतुलित आहार ग्रहण नहीं करने से निम्नलिखित शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है –
- दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव: असंतुलित आहार या जंक फूड की आदत मस्तिष्क विकास में बाधा डाल सकती है। जंक फूड किशोरावस्था के दौरान न्यूरोडेवलपमेंट को प्रभावित कर सकता है। इससे उनके दिमाग की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (5)।
- मोटापा: आजकल बाजार में जंक फूड्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसकी चपेट में आने वाले किशोर उतनी ही तेजी से मोटापे का शिकार भी हो रहे हैं। जंक फूड (फास्ट फूड) में कैलोरी, शुगर और वसा की मात्रा अधिक होती है, जो मोटापे के प्रमुख कारणों में से एक है (6)।
- कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना: जंक फूड खाने से किशोरों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या हाे सकती है। वसा युक्त जंक फूड रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा सकता है और बढ़े हुए खराब कोलेस्ट्रॉल के कारण कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें धमनी और हृदय रोग की समस्याएं प्रमुख हैं (7)।
- मधुमेह की समस्या: जंक फूड्स आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं करते हैं। उल्टा उनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो मधुमेह का कारण बन सकते हैं (6)।
- हृदय की बीमारियां: फास्ट फूड्स में ट्रांस फैट की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है (6)।
आगे जानते हैं कि अगर किशोरों को सब्जी पसंद नहीं है, तो इसके लिए क्या-क्या किया जा सकता है।
अगर किशोरों को सब्जियां खाना पसंद नहीं, तो क्या करें?
अगर कोई किशोर सब्जियां खाना पसंद नहीं करता है, तो इसके लिए कुछ टिप्स उपयोग किए जा सकते हैं –
- सब्जियों की अलग-अलग स्वादिष्ट डिश बनाकर खिलाएं।
- पराठों में सब्जियों की स्टफिंग की जा सकती है।
- उन्हें सब्जियों के फायदों के बारे में बताएं।
- आप उन्हें सब्जियों को अन्य चीजों के साथ दे सकते हैं, जैसे कि शिमला मिर्च के साथ पनीर।
- आप सब्जियों का सूप बनाकर भी किशोरों को दे सकते हैं।
तो दोस्तों, आपने इस आर्टिकल में पढ़ा कि किशोरावस्था में संतुलित आहार का कितना महत्व होता है। जैसा कि हमने बताया कि किशोरावस्था में शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से हाेता है, इसलिए संतुलित पोषण का होना जरूरी है। आप डॉक्टर के परामर्श पर किशाेरों को संतुलित आहार देकर उनके विकास में मदद कर सकते हैं। किशोरावस्था में पोषण का महत्व बताने वाला हमारा यह लेख आपको कैसे लगा, हमें बताना न भूलें। साथ ही किसी भी प्रकार के सुझाव या अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।
References
1.Nutrition in the adolescent. By NCBI
2.Take Charge of Your Health: A Guide for Teenagers By NIDDK
3.Child (Ages 1-18) Meal Pattern By OREGON
4.Helping Your Child: Tips for Parents By NIDDK
5.The impact of junk foods on the adolescent brain. By NCBI
6.Effects of Junk Food & Beverages on Adolescent’s Health – a Review Article By iosrjournals
7.High Cholesterol in Children and Teens By medlineplus
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