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भारत के विभिन्न राज्यों में कई प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं और इनका आनंद उठाने के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं। इन पकवानों का अपना अलग स्वाद और महत्व होता है। कुछ ऐसे ही व्यंजन कूटू के आटे से भी बनते हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी गुणकारी हो सकते हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में कुट्टू का आटा क्या होता है, कूटू के फायदे, और कूटू के नुकसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
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आइए, सबसे पहले हम कुट्टू क्या होता है इसके बारे में जानते हैं।
कुट्टू क्या होता है?
कुट्टू एक जंगली पौधा है। इसे बकव्हीट (Buckwheat) के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम फैगोपाइरम एस्कलूलेंट है। यह पोलीगोनेसिए (Polygonaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसके बीजों को पीस कर कुट्टू का आटा बनाया जाता है। इसकी गिनती ग्लूटेन फ्री आहार में होती है, जिस वजह से सीलिएक रोग से ग्रसित लोगों के लिए इसे बेहतर विकल्प माना जाता है। कुट्टू कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जिसके बारे में लेख में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।
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लेख में आगे स्वास्थ्य के लिए कूटू का आटा कैसे लाभदायक है, इसके बारे में जानेंगे।
कूटू के फायदे – Benefits of BuckWheat in Hindi
नीचे क्रमवार तरीके से कूटू के आटे के फायदे बता रहे हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि लेख में बताई गई किसी भी शारीरिक परेशानी का कुट्टू का आटा इलाज नहीं है। यह इन समस्याओं के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है।
1. वजन को कम करने में कारगर
कूटू के फायदे वजन को कम करने में देखे जा सकते हैं। इस संबंध में चूहों पर एक शोध किया गया है। शोध में चूहों को कूटू का सेवन कराया गया। 28 दिन बाद चूहों के स्वास्थ्य में कई सकारात्मक परिणाम देखे गए, जिसमें वजन में कमी भी शामिल है (1)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कूटू का आटा वजन को कम करने में कारगर साबित हो सकता है।
2. स्तन कैंसर के लिए
स्तन कैंसर के जोखिम कम करने के लिए कूट्टू का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, फाइबर से भरपूर अनाज खाने से स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है और कूटू में फाइबर की मात्रा बेहतर पाई जाती है (2)। इसके अलावा, कूटू में एंटी-ट्यूमर गुण भी मौजूद होता है, जो स्तन कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक हो सकता है (3)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा की कूटू को आहार में शामिल करने से स्तन कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।
3. मधुमेह की रोकथाम में मददगार
जैसा कि हम पढ़ चुके हैं कि कूटू में फाइबर पाया जाता है (4)। वहीं, वैज्ञानिक शोध के अनुसार आहार में फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को बहुत तेजी से बढ़ने से रोक सकता है (5)। इसके साथ ही कूटू में एंटीडायबिटिक गुण पाया जाता है, जो टाइप 2 मधुमेह के नियंत्रण में सहायक हो सकता है (6)। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों के लिए कूटू का सेवन गुणकारी हो सकता है।
4. पित्त की पथरी को रोकने में लाभकारी
एक शोध में पाया गया है कि कुट्टू में पाई जाने वाली प्रोटीन की मात्रा पित्त में मौजूद पथरी के गठन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती है। कुट्टू के प्रयोग से शरीर में बाइल एसिड का निर्माण होता है, जिस कारण पित्त की पथरी से छुटकारा मिल सकता है (7)। यही वजह है कि कूटू का सेवन पित्त की पथरी के होने का जोखिम काफी हद तक कम कर सकता है।
5. रक्तचाप को करे नियंत्रित
रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कूटू के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, कूट्टू में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाकर रक्त प्रवाह में सुधार कर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (8)। ऐसे में रक्तचाप को नियंत्रित रखने में कूटू का आटा फायदेमंंद हो सकता है।
6. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
ह्रदय स्वास्थ्य के लिए कूट्टू के आटे के फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि कूटू का सेवन शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम कर दिल की बीमारियों से बचाव करने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, कूटू में मौजूद पोषक तत्व शरीर में एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में गुणकारी हो सकते हैं। वहीं, कूट्टू में मौजूद रुटिन (Rutin) नामक कंपाउड ह्रदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्ववपूर्ण भूमिका निभा सकता है (9)।
7. मजबूत हड्डियों के लिए
कुट्टू का आटा हड्डियों के स्वस्थ विकास के लिए भी फायदेमंंद माना जा सकता है। एक रिसर्च पेपर में इस बात जिक्र मिलता है कि कूटू के आटे में मौजूद मैगनीज हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही इससे ऑस्टियोपोरोसिस नामक हड्डियों में होने वाली बीमारी का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। ऐसे में कूटू का आटा हड्डियों के लिए कारगर माना जा सकता है (9)।
8. अस्थमा के इलाज के लिए
कूटू का सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण साबित हो सकता है। एक अध्ययन में इस बात का जिक्र मिलता है कि कूटू का सेवन बच्चों में अस्थमा के खतरे को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसके पीछे की वजह है इसमें मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन ई। ये दोनों तत्व बच्चों में अस्थमा के जोखिम को कम करने में कारगर हो सकते हैं (9)।
9. प्रोटीन का स्रोत
कूटू में प्रोटीन की मात्रा मौजूद होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है (4)। प्रोटीन का उपयोग एंजाइम, हार्मोन और शरीर के अन्य रसायनों को बनाने के लिए जरूरी माना जाता है। इसके अलावा, हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और रक्त कोशिकाओं के विकास के लिए भी प्रोटीन की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि शरीर को बड़ी मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है (10)। ऐसे में कूटू का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।
10. मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
मानसिक स्वास्थ्य के लिए कूटू के आटे के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, कूटू के आटे में ट्रिप्टोफैन नामक कंपाउड पाया जाता है, जो मूड को बेहतर और सकारात्मक रखने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा यह डिप्रेशन की समस्या को भी कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है (9)। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कूटू के फायदे देखे जा सकते हैं।
11. कब्ज के लिए
कूटू का सेवन कब्ज की समस्या से राहत प्रदान कर सकता है। दरअसल, कूटू में फाइबर की मात्रा मौजूद होती है, जो पाचन को दुरुस्त कर कब्ज की परेशानी को दूर कर सकता है (9)। इस आधार पर कब्ज की समस्या से बचाव के लिए कूटू के आटे को आहार का हिस्सा बनाना लाभकारी हो सकता है।
12. पीसीओएस के लिए लाभदायक
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित महिलाओं के अंडाशय में छोटी-छोटी सिस्ट बनने लगती हैं, जिस वजह से अनियमित पीरियड, वजन बढ़ना, बांझपन आदि समस्याएं हो सकती हैं (11)। इससे संबंधित एक शोध की मानें, तो कूटू ओवरी की कार्यप्रणाली में सुधार के साथ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह शरीर में इंसुलिन और एंड्रोजन के स्तर को नियंत्रित कर पीसीओएस की समस्या को काफी हद तक दूर करने में सहायक हो सकता है (12)।
13. त्वचा के लिए
पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होने के कारण त्वचा के लिए कूटू महत्वपूर्ण माना जा सकता है। दरअसल, कूटू में रूटीन (rutin) पाया जाता है, जो त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसलिए, इसे प्राकृतिक सनटैन लोशन माना जा सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट समय से पहले त्वचा पर होने वाली झुर्रियों से बचाव कर सकते हैं (9)। इस तरह कूटू को त्वचा के लिए गुणकारी माना जा सकता है।
14. बालों की ग्राेथ के लिए
त्वचा के साथ ही बालों के लिए भी कूटू का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी और जिंक पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जो बालों को तेजी से बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं (9)। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि कूटू का उपयोग बालों को झड़ने से रोकने के लिए भी किया जा सकता है। इसके पीछे इसमें पाया जाने वाला अमीनो-एसिड जिम्मेदार माना जा सकता है (13)। इस तरह बालों के लिए भी कूटू का सेवन उपयोगी हो सकता है।
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कूटू के फायदे जानने के बाद इसके पोष्टिक तत्वों के बारे में जानेंगे।
कूटू के पौष्टिक तत्व – Buckwheat (Kuttu) Nutritional Value in Hindi
कूटू में पाए जाने वाले पोषक तत्व और उनकी मात्रा कुछ इस प्रकार हैं (4) :
पोषक तत्व | पोषक मूल्य |
---|---|
एनर्जी | 343 kcal |
प्रोटीन | 13.2 g |
वसा | 3.4 g |
कार्बोहाइड्रेट | 71.5 g |
फाइबर | 10 g |
कैल्शियम | 18 mg |
आयरन | 2.2 mg |
मैग्नीशियम | 231 mg |
फास्फोरस | 347 mg |
पोटैशियम | 460 mg |
सोडियम | 1 mg |
जिंक | 2.4 mg |
कॉपर | 1.1 mg |
मैग्नीज | 1.3 mg |
थियामिन | 0.101 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.425 mg |
नियासिन | 7.02 mg |
विटामिन बी 6 | 0.21 mg |
फोलेट | 30 mg |
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड | 0.741 g |
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड | 1.04 g |
फैटी एसिड, कुल पोलीअनसैचुरेटेड | 1.04 g |
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कूटू के पोषक तत्वों को जानने के बाद जानते हैं कि इसका उपयोग कब और कैसे करना चाहिए।
कूटू का उपयोग – How to Use Buckwheat in Hindi
कूटू के आटे से कई व्यंजन बनाए जाते हैं, जाे स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हाे सकते हैं।
इसके फायदे हासिल करने के लिए सीमित मात्रा में इसका उपयोग करें। कूटू को आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है, नीचे इससे जुड़ी जानकारी साझा कर रहे हैं:
- कुट्टू का आटा आमतौर पर नवरात्र के दौरान रखे जाने वाले व्रत में खाया जाता है।
- कूटू के आटे का उपयोग पूड़ियां और पकौड़े बनाने में किया जा सकता है।
- कुट्टू के आटा का उपयोग पराठे बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
- कूटू के आटे से इडली या फिर स्वादिष्ट डोसा भी बना सकते हैं।
- कूटू के आटे का हलवा भी बनाया जा सकता है।
कब कर सकते हैं इसका उपयोग :
कूटू के आटे का इस्तेमाल किसी भी समय किया जा सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि कूटू के आटे को ज्यादा दिनों तक स्टोर करके न रखें। एक माह में इसे खत्म कर देना चाहिए, वरना इसके स्वाद में बदलाव आ सकता है।
कूटू का उपयोग कितना करना चाहिए :
कूटू का आटे के लाभ उठाने के लिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें। सामान्य रूप से दिन में 100 ग्राम यानी आधा कप कूटू के आटे का रोजाना सेवन किया जा सकता है (2)। इसके सेवन की सही मात्रा के लिए बेहतर होगा कि आप एक बार चिकित्सक से संपर्क करें।
अभी बाकी है लेख
कूटू के उपयोग के तरीके जानने के बाद कूटू के नुकसान की भी चर्चा कर लेते हैं।
कूटू के नुकसान – Side Effects of Buckwheat (Kuttu) in Hindi
हालांकि, कूटू के कोई खास नुकसान सामने नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसे अधिक मात्रा में उपयोग करने पर निम्न प्रकार के दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं :
- कुछ लोगों को कूटू का सेवन करने से स्किन एलर्जी हो सकती है (14)। इसके अधिक उपयोग से त्वचा पर रैशेज और सूजन भी हो सकती है (15)।
- कुट्टू का आटा ज्यादा दिनों तक नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह एक महीने में खराब हो जाता है। खराब अनाज के सेवन से फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
- यह ताे हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि कुट्टू में फाइबर पाया जाता है (4)। जबकि आहार में अधिक फाइबर पेट में गैस, ऐंठन और कब्ज का कारण बन सकता है (15)।
- कुट्टू में पोटैशियम की भी अच्छी मात्रा होती है (4)। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन हाइपरकलेमिया का कारण बन सकता है। इसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी, पैरालाइसिस और दिल की धड़कन बंद हो सकती है (16)।
कूटू क्या है और स्वास्थ्य के लिहाज से ये कितना फायदेमंद है, आप इस लेख के माध्यम से समझ ही गए होंगे। साथ ही इसके दुष्परिणाम भी आपको पता चल चुके हैं। इसलिए, अगली बार जब आप अपने घर कूटू का आटा लेकर आएं, तो इसे सीमित मात्रा में खाएं और एक महीने से ज्यादा समय तक इसे न रखें। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस जानकारी को अपने परिवार व दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कुट्टू कीटो-फ्रेंडली है ?
नहीं, कुट्टू कीटो-फ्रेंडली नहीं है। 100 ग्राम कुट्टू में 70 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होते हैं (4)। इसलिए इसे कीटो डाइट में शामिल नहीं किया जा सकता है। बता दें, कीटो डाइट में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और अधिक मात्रा में फैट्स का सेवन किया जाता है (17)।
क्या कुट्टू पैलियो-फ्रेंडली है ?
नहीं, कुट्टू पैलियो-फ्रेंडली है। दरअसल, कुट्टू एक बीज है जिसमें अनाज के समान गुण होते हैं। वहीं, पैलियो डाइट में अनाज का सेवन करने की मनाही होती है।
क्या कुट्टू मसल्स बनाने के लिए अच्छा है?
कुट्टू में मौजूद मैग्नीशियम मसल्स को बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है (9)।
क्या कुट्टू के सेवन से नींद आती है?
हां, कुट्टू के सेवन से नींद आ सकती है। एक शोध के मुताबिक, कुट्टू मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाकर नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है (18)।
कुट्टू को पकने में कितना समय लगता है?
कुट्टू को पकने में 10 से 12 मिनट का समय लग सकता है।
कुट्टू खाने का बेहतर तरीका क्या है?
कुट्टू को उबालकर या उसके आटे से तैयार रोटी का सेवन करना बेहतर माना जा सकता है (19)।
क्या कुट्टू का सेवन रोजाना कर सकते हैं?
हां, कुट्टू का रोजाना 100 ग्राम यानी आधा कप सेवन किया जा सकता है (2)।
कुट्टू का आटा क्या है?
जंगली पौधे कूटू के बीजों से पीस कर कुट्टू का आटा बनाया जाता है (6)।
References
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- Buckwheat: A Useful Food and Its Effects on Human Health
https://www.researchgate.net/publication/327575420_Buckwheat_A_Useful_Food_and_Its_Effects_on_Human_Health - Buck Wheat (Fagopyrum esculentum): A Gluten Free Product
https://www.opensciencepublications.com/wp-content/uploads/IJN-2395-2326-2-110.pdf - Anti-Tumor Activity of a Novel Protein Obtained from Tartary Buckwheat
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3100852/ - Buckwheat
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170286/nutrients - Diabetes type 2 – meal planning
https://medlineplus.gov/ency/article/007429.htm - Buckwheat as a Functional Food and Its Effects on Health
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/26270637/ - A buckwheat protein product suppresses gallstone formation and plasma cholesterol more strongly than soy protein isolate in hamsters
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10867034/ - Effects of Magnesium Supplementation on Blood Pressure: A Meta-Analysis of Randomized Double-Blind Placebo-Controlled Trials
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27402922/ - Importance of buckwheat (Fagopyrum esculentum Moench)
https://www.chemijournal.com/archives/2018/vol6issue5/PartAK/6-4-675-599.pdf - Dietary Proteins
https://medlineplus.gov/dietaryproteins.html - Polycystic Ovary Syndrome
https://medlineplus.gov/polycysticovarysyndrome.html - Polycystic ovary syndrome – A challenge of the modern times
https://www.researchgate.net/publication/312081933_Polycystic_ovary_syndrome_-_A_challenge_of_the_modern_times - Nutrition of women with hair loss problem during the period of menopause
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4828511/ - Allergy information for: Buckwheat (Fagopyrum esculentum )
http://research.bmh.manchester.ac.uk/informall/allergenic-food/?FoodId=12 - Clinical manifestations co-sensitizations and immunoblotting profiles of buckwheat-allergic patients
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/20804471/ - Potassium
https://ods.od.nih.gov/factsheets/Potassium-HealthProfessional/ - Ketogenic Diet
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK499830/ - Exogenous Melatonin Modulates the Physiological and Biochemical Mechanisms of Drought Tolerance in Tartary Buckwheat (Fagopyrum tataricum (L.) Gaertn)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7355475/ - Nutritional properties of starch in buckwheat products: studies in vitro and in vivo
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11170616/
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