Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

लौंग का नाम लेते ही सबसे पहले जहन में उसकी मनमोहक खुशबू आती है। इसे व्यंजनों का जायका बढ़ाने से लेकर कई स्वास्थ्य समस्याओं में बतौर घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके फूल और पत्तियों के साथ-साथ इसके तेल के भी कई फायदे हैं (1)। यही वजह है कि इस लेख में हम लौंग के तेल के फायदे बता रहे हैं। इसके अलावा, इस लेख में आपको लौंग तेल का उपयोग और इसके नुकसान के बारे में भी बताया जाएगा। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि लौंग का तेल लेख में बताई गईं किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। यह केवल समस्या से बचाव व उनके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है।

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आइए, सबसे पहले बात करते हैं लौंग के तेल के फायदे के बारे में।

लौंग के तेल के फायदे – Benefits of Clove Oil in Hindi

लौंग के तेल में पाए जाने वाले गुणों के कारण यह स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। नीचे हम बता रहे हैं कि सेहत के लिए लौंग के तेल के फायदे किस प्रकार काम कर सकते हैं।

1. दांतों के लिए उपयुक्त

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में अनुसार, लौंग के तेल में यूजेनॉल नामक एक खास तत्व पाया जाता है। यूजेनॉल में एंटीबैक्टीरियल और एनस्थेटिक गुणों होते हैं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों को बैक्टीरियल संक्रमण से बचाने का काम कर सकता है और एनस्थेटिक गुण दांत दर्द में राहत दिलाने में सहयोग कर सकता है। वहीं, शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि लौंग के तेल का उपयोग पहले दंत चिकित्सा में किया जाता था। साथ ही इसी शोध में इस बात का भी साफ जिक्र मिलता है कि लौंग का तेल एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है और यह दांत दर्द के साथ-साथ दांतों की सफाई और मुंह की दुर्गंध को दूर करने में सहयोग कर सकता है (2)। एक कप गुनगुने पानी में तीन से चार बूंद लौंग का तेल मिलाकर गरारे व कुल्ला करने से मुंह का स्वास्थ्य भी ठीक रखा जा सकता है।

2. कैंसर से बचने के लिए लौंग के तेल का उपयोग

कैंसर एक घातक रोग है और इसकी रोकथाम ही इसका इलाज हो सकता है। यहां लौंग तेल का उपयोग कुछ हद तक मददगार हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि लौंग के तेल में यूजेनॉल नामक एक खास तत्व पाया जाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर दिए गए एक शोध के अनुसार, यह तत्व कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। इस शोध में उन खास खाद्य पदार्थों और तत्वों को शामिल किया गया है, जो कैंसर से बचाव में मददगार हो सकते हैं, जिसमें यूजेनॉल का नाम भी शामिल है (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि लौंग का तेल कैंसर के जोखिम को कम करने में कुछ हद तक सहायक हो सकता है। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि लौंग का तेल कैंसर का इलाज नहीं है। अगर कोई इस बीमारी की चपेट में आ चुका है, तो जल्द से जल्द डॉक्टरी उपचार करवाना जरूरी है।

3. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाए लौंग का तेल

लौंग के तेल का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए भी किया जा सकता है। इस विषय से जुड़े एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, लौंग का तेल ह्यूमोरल इम्यून प्रतिक्रिया (humoral immune response) को बढ़ाकर और सेल  मेडियाटेड इम्यूनिटी (cell mediated immunity) को कम करके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मॉड्यूलेट करने का काम कर सकता है। बता दें कि ह्यूमोरल इम्यून प्रतिक्रिया वो होती है, जिसमें एंटीबॉडी शामिल होते हैं, जबकि सेल मेडियाटेड इम्यून प्रतिक्रिया में एंटीबॉडी शामिल नहीं होते हैं (4)। वहीं, एंटीबॉडी वो खास प्रोटीन होते हैं, जिनका उत्पादन शरीर का इम्यून सिस्टम करता है। यह एंटीबॉडी शरीर को एंटीजेन यानी बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से बचाने का काम करते हैं (5)।   

4. संक्रमण से राहत दिलाए लौंग का तेल

लौंग के तेल का उपयोग कई प्रकार के संक्रमण को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि लौंग के तेल में यूजेनॉल नामक एक खास यौगिक पाया जाता है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से समृद्ध होता है। ये गुण शरीर को बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण से बचाने में मददगार हो सकते हैं (2)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि लौंग के तेल में पाया जाने वाले यूजेनॉल में एंटीकैंडिडल (anticandidal) गुण मौजूद होता है, जो कैंडिडा संक्रमण से बचाव में लाभकारी हो सकता है (6)।

5. स्वस्थ हृदय के लिए लौंग का तेल

लौंग का तेल हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। यहां भी यूजेनॉल के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि यूजेनॉल से समृद्ध पौधों का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप के घरेलू उपचार के लिए किया जाता है (7)। वहीं, जैसा कि हम बता चुके हैं कि लौंग के तेल में भी यूजेनॉल पाया जाता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि लौंग का तेल उच्च रक्तचाप को कम कर हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े हृदय जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।   

6. मतली के इलाज में लौंग के तेल के फायदे

लौंग के तेल का उपयोग मतली को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकता है। इस विषय से जुड़ा एक शोध एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। शोध में पाया गया कि लौंग के तेल में पाया जाने वाला यूजेनॉल नामक यौगिक मतली की समस्या को दूर करने में मददगार हो सकता है (2)।  

7. यौन क्षमता के लिए लौंग तेल के फायदे

लौंग के तेल का उपयोग न सिर्फ बेहतर स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है, बल्कि यह यौन रोगों के उपचार के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध में जिक्र मिलता है कि लौंग के अर्क का इस्तेमाल बिना किसी नुकसान के यौग गतिविधि को बढ़ाने का काम कर सकता है (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि लौंग के तेल का इस्तेमाल यौन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और सटीक शोध की आवश्यकता है।

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8. तनाव दूर करने के लिए लौंग के तेल के लाभ

खुशबूदार लौंग की कलियों के तेल का उपयोग तनाव की समस्या में किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले यूजेनॉल में एंटी स्ट्रेस गुण होते हैं, जो तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं (9)। वहीं, लौंग के तेल से शरीर पर की गई मालिश तुरंत शरीर को तरोताजा कर सकती है। साथ ही यह दिमाग को शांत रखता है व मानसिक थकावट को दूर करने में भी मदद कर सकता है (10)।

9. पाचन तंत्र को ठीक करने में लौंग तेल के फायदे

पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए लौंग के तेल का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही यह गैस और पेट फूलने की समस्या में भी लाभकारी सिद्ध हो सकता (10)। हालांकि, लौंग के तेल की इस कार्यप्रणाली को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

10. कान का दर्द दूर करने के लिए लौंग के तेल के लाभ

कान दर्द की समस्या में भी लौंग का तेल लाभकारी हो सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि तिल के तेल के साथ लौंग का तेल मिलाकर और फिर हल्का गर्म कर कान में डालने से कान दर्द से राहत मिल सकती है। इस गुण के पीछे लौंग के तेल के एनेस्थेटिक गुण कारगर हो सकते हैं (10)। बेशक, वैज्ञानिक प्रमाण में यह बताया गया है कि लौंग का तेल इस्तेमाल करने से कान का दर्द दूर हो सकता है, लेकिन बेहतर यही होगा कि डॉक्टर से पूछकर ही इसका उपयोग किया जाए।

11. पेट दर्द को कम करने में लौंग तेल के फायदे

पेट दर्द की समस्या को लौंग के तेल के द्वारा दूर किया जा सकता है। यहां भी लौंग के तेल में मौजूद यूजेनॉल के फायदे देखे जा सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि यूजेनॉल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या जैसे पेट में दर्द से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (2)।

12. हैजा को दूर करने के लिए लौंग तेल के फायदे

जानकारी के अनुसार हैजा दूषित पानी या भोजन का सेवन करने की वजह से हो सकता है (11)। हैजा की इस अवस्था में लौंग का तेल फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, क्लोव एक्सट्रैक्ट में माैजूद एंटीबैक्टीरियल गुण हैजा का संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया विब्रियो कोलेरा (Vibrio cholerae) से बचाव में कारगर हो सकते हैं (12)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

13. मुंहासों को दूर करने के लिए लौंग के तेल के लाभ

चेहरे के लिए लौंग के तेल लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, एक शोध में पाया गया है कि लौंग के तेल में पाया जाने वाला एंटीबैक्टीरियल गुण प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने (Propionibacterium acnes) के खिलाफ प्रभावी रूप से काम कर सकता है। प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है, जो मुंहासों का कारण बनता है (13)। हालांकि, लौंग का तेल और किस प्रकार त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है, इसे लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

14. बालों के विकास के लिए लौंग के तेल के फायदे

सिर और बालों पर थोड़ी मात्रा में लौंग का तेल लगाने से बालों का गिरना कम हो सकता है और बालों के विकास में मदद मिल सकती है। लौंग के तेल में यूजेनॉल पाया जाता है, जो बालों के विकास में मददगार हो सकता है (14)।

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लौंग के तेल के फायदे के बाद आगे जानिए लौंग के तेल के उपयोग करने के विभिन्न तरीके।

लौंग के तेल का उपयोग – How to Use Clove Oil in Hindi

लौंग के तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। नीचे हम इसके उपयोग के तरीके बता रहे हैं (10)।

  •  थकान और सिरदर्द के लिए लौंग के तेल की अरोमाथेरेपी ली जा सकती है।
  • कान दर्द के लिए लौंग के तेल को तिल के तेल के साथ सहने योग्य गर्म करके कान में डाला जा सकता है।
  • इसमें एंटीफंगल गुण होते हैं, इसलिए इसे सीधे फंगल संक्रमण से प्रभावित त्वचा जैसे दाद पर लगाया जा सकता है।
  • नाखूनों के फंगल संक्रमण के लिए भी इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जा सकता है।
  • मसूड़ों में दर्द की समस्या में भी इसकी कुछ बूंदों को सीधे प्रभावित जगह पर लगाया जा सकता है। चाहें, तो एक कप गुनगुने पानी में इसकी कुछ बूंदों को डालकर गरारा कर सकते हैं।

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यहां हम बता रहे हैं कि घर में लौंग का तेल बनाने का तरीका।

लौंग का तेल बनाने की विधि – How to Make Clove Oil in Hindi

लौंग के तेल को प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे बाजार से खरीदा जाए, लेकिन बाजार के तेल में मिलावट और गुणवत्ता को लेकर संदेह हो सकता है। इसके लिए चाहें, तो घर में रहकर ही लौंग का तेल प्राप्त कर सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं लौंग का तेल बनाने की विधि, जिसको फॉलो करके लौंग का तेल प्राप्त किया जा सकता है।

सामग्री: 

  • 1 छाेटा चम्मच लौंग
  •  लगभग 90 मिली ऑलिव ऑयल
  •  एक खाली टी बैग/पोल्टिस बनाने के लिए मलमल का कपड़ा

लौंग का तेल बनाने की विधि: 

  • सबसे पहले लौंग को खाली टी बैग में डाल लें।
  • इसके बाद एक कटोरी में ऑलिव ऑयल लें।
  • इसके बाद कटोरी में मौजूद ऑलिव ऑयल में लौंग वाला टी-बैग डाल दें और हल्की आंच पर उसे गर्म होने दें।
  • इसके लगभग 45 मिनट तक गर्म करें।
  • गर्म करने के बाद बर्तन में मौजूद तेल को एक छोटे कांच के जार में स्टोर कर लें और लौंग वाले बैग को भी जार में डालकर लगभग एक हफ्ते के लिए छोड़ दें।
  • एक हफ्ते के बाद कांच के जार में आपके पास घर में बना लौंग का तेल होगा।

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जानते हैं कि लौंग का तेल उपयोग करने से पहले कौन-सी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

लौंग के तेल को उपयोग करने से पहले सावधानियां

हालांकि, लौंग के तेल के फायदे कई सारे हैं, लेकिन बिना जानकारी के इसका उपयोग करने पर इसके हानिकारक परिणाम भी सामने आ सकते हैं। नीचे हम आपको बता रहे हैं कि लौंग का तेल उपयोग करने के पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  •  गर्भवती महिला को लौंग का तेल उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • उपयोग करने से पहले इसके इस्तेमाल की सही मात्रा जानने के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
  • छोटे बच्चों से इसे हमेशा दूर रखें।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
  • इस्तेमाल के दौरान अगर कोई दुष्प्रभाव नजर आता है, तो इसका उपयोग बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।

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आइये, अब जानते हैं कि लौंग के तेल को लंबे समय तक कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

लौंग के तेल को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें? – How to Store Clove Oil in Hindi

वैसे तो लौंग के तेल को सुरक्षित रखना इस इस बात पर निर्भर करता है कि उसे किस तेल के साथ मिलाकर बनाया गया है। जितने दिन तक वह तेल खराब नहीं होता, उतने दिन तक लौंग का तेल भी खराब नहीं होगा। फिर भी अगर लौंग के तेल को एक कांच के जार में फॉयल पेपर से अच्छी तरह कवर करके किसी ठंडे स्थान पर रखते हैं, तो इस तेल को लगभग तीन महीनों तक उपयोग किया जा सकता है।

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लेख के इस भाग में लौंग के तेल के अन्य फायदों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

लौंग के तेल के अन्य फायदे – Other Benefits Of  Clove Oil in Hindi

लौंग में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के कारण इस तेल का उपयोग और भी कई समस्याओं से निपटने के लिए किया जा सकता है। यहां हम लौंग के तेल के अन्य फायदे के बारे में बता रहे हैं।

  1. कीटनाशक – लौंग का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जा सकता है (15)। इसे मोमबत्तियों में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसकी खुशबू कीटों को भगाने में कारगर है। वहीं, रात को सोने से पहले तेल की कुछ बूंदों को बिस्तर पर छिड़कने से भी कीड़ों को दूर भगाया जा सकता है।
  2. कॉस्मेटिक – कॉस्मेटिक उत्पादों में भी लौंग के तेल का उपयोग किया जाता है (16)। लौंग के तेल से युक्त कई कॉस्मेटिक उत्पाद बाजार में देखे जा सकते हैं।
  3. साबुन और परफ्यूमशक्तिशाली सुगंध, आयुर्वेदिक प्रभाव और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण लौंग का तेल का इस्तेमाल साबुन व परफ्यूम बनाने में भी किया जाता है।
  4. अरोमाथेरेपी: लौंग के तेल का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी के लिए भी किया जा सकता है।

बने रहें हमारे साथ

लौंग के तेल के फायदे हैं, तो इसके कुछ नुकसान भी हैं। आइए, अब जानते हैं इससे होने वाले नुकसानों के बारे में।

लौंग के तेल के नुकसान – Side Effects of Clove Oil in Hindi

लौंग के तेल के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। वैसे तो लौंग का तेल अपने गुणों के कारण बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में किया गया उपयोग इसे नुकसानदायक भी बना सकता है। आइए, जानते है कि लौंग के तेल से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।

  1. कोमा की स्थिति – अधिक मात्रा में लौंग के तेल का सेवन करने से कोमा जैसी स्थिति बन सकती है (17)।
  2. एलर्जी और टॉक्सिक प्रभाव – लौंग के तेल में यूजेनॉल होता है, जिसके कारण इसका अधिक मात्रा में उपयोग एलर्जी या टॉक्सिक प्रभाव पैदा कर सकता है (18)।
  3. लो ब्लड शुगर – इस तेल के कारण रक्त में मौजूद शुगर में गिरावट हो सकती है, इसलिए मधुमेह रोगियों को इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए (19)।
  4. बच्चों में प्रभाव – लौंग का तेल बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा कर सकता है। गंभीर मामलों में इससे दौरे, लीवर डैमेज और फ्लूड इंबैलेंस की समस्या भी हो सकती है (1)।

अब जब आप लेख के माध्यम से लौंग के तेल के फायदे अच्छे से जान गए हैं, तो फिर इसे अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि लौंग के तेल के फायदे और नुकसान दोनों हैं। यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि इसका प्रयोग हमेशा सीमित मात्रा में ही करें। अधिक मात्रा में किया गया इसका उपयोग नुकसानदेह हो सकता है। इसके अलावा, बेहतर होगा कि लौंग के तेल का उपयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आशा करते हैं कि आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद रही होगी। स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहिए स्टाइलक्रेज।

लेख के अंतिम भाग में हम लाए हैं अपने पाठकों के कुछ सवाल और उनके जवाब

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या लौंग का तेल पी सकते हैं?

इस संबंध में डॉक्टर से पूछना सही रहेगा, क्योंकि विशेषज्ञ बताते हैं कि इसका अधिक सेवन कई मामलों में कोमा और लिवर डैमेज का कारण बन सकता है (17)।

क्या लौंग का तेल दांतों के लिए हानिकारक हो सकता है?

आमतौर पर लौंग के तेल का उपयोग दांतों के लिए सुरक्षित माना जाता है। यहां दांत दर्द से राहत दिलाने का काम कर सकता है (2)। हालांकि, इसकी अधिक मात्रा का उपयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। फिलहाल, दांतों के लिए इसके नुकसान से जुड़े वैज्ञानिक शोध का अभाव है। फिर भी सावधानी के तौर पर इसकी सीमित मात्रा और डॉक्टरी परामर्श पर ही लौंग के तेल को उपयोग में लाएं।

मैं अपने दांतों पर लौंग के तेल का उपयोग कितनी बार कर सकती हूं?

सामान्य तौर पर एक दिन में लौंग के तेल का उपयोग दांतों पर हर 5-6 घंटे के बाद किया जा सकता है। फिर भी अच्छा होगा कि इस बारे में डॉक्टरी परामर्श लिया जाए।

क्या लौंग का तेल सोने में मदद करता है?

हां, लौंग का तेल अनिद्रा के साथ-साथ मानसिक थकान, अवसाद और चिंता जैसी स्थितियों में लाभकारी हो सकता है, जिससे अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है (10)।

क्या लौंग के तेल को सीधे त्वचा पर उपयोग किया जा सकता है।

हां, फंगल संक्रमण जैसे दाद की स्थिति में इसे त्वचा पर सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है (10)।

लौंग के तेल को असर दिखाने में कितना समय लगता है?

इस विषय पर सटीक कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और समस्या की गंभीरता पर निर्भर करता है।

तिल के तेल और लौंग के तेल से क्या फायदा हो सकता है?

तिल के तेल और लौंग के तेल का उपयोग कान दर्द को दूर करने के लिए किया जा सकता है (20) (10)।

जैतून के तेल और लौंग के तेल से क्या फायदा हो सकता है?

लौंग के तेल के फायदे हमने आपको ऊपर बता दिए हैं। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से लौंग के तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से क्या फायदा हो सकता है, इससे जुड़े शोध का अभाव है। अच्छा होगा इस विषय पर डॉक्टरी परामर्श लिया जाए।

लौंग के तेल और सरसों के तेल से क्या फायदा हो सकता है?

लौंग तेल और सरसों के तेल को मिलाकर लगाने से जोड़ों के दर्द व मांसपेशियों के खिंचाव में राहत मिल सकती है (20)।

References

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  1. Clove
    https://medlineplus.gov/druginfo/natural/251.html
  2. Eugenol (Clove Oil)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK551727/
  3. Molecular targets of dietary agents for prevention and therapy of cancer
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16563357/
  4. Essential oil of clove (Eugenia caryophyllata) augments the humoral immune response but decreases cell mediated immunity
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21796701/
  5. Antibody
    https://medlineplus.gov/ency/article/002223.htm
  6. Study of anticandidal activity of carvacrol and eugenol in vitro and in vivo
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15720571/
  7. Eugenol dilates rat cerebral arteries by inhibiting smooth muscle cell voltage-dependent calcium channels
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4224997/
  8. Effect of 50% ethanolic extract of Syzygium aromaticum (L.) Merr. & Perry. (clove) on sexual behaviour of normal male rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC534794/
  9. Eugenol as an anti-stress agent: modulation of hypothalamic-pituitary-adrenal axis and brain monoaminergic systems in a rat model of stress
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21034296/#:~:text=Eugenol%20also%20reversed%20the%20stress,modulation%20of%20HPA%20and%20BMS.
  10. Recent Trends in Indian Traditional Herbs Syzygium aromaticum and its Health Benefits
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.465.5864&rep=rep1&type=pdf
  11. Cholera
    https://www.nhp.gov.in/disease/digestive/intestines/cholera
  12. Antibacterial activity of clove extracts against phagogenic strains including clinically resistant isolates of Shigella and Vibrio cholerae
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16414655/
  13. The Antibacterial Activity of Clove Essential Oil Against Propionibacterium acnes and Its Mechanism of Action
    https://jamanetwork.com/journals/jamadermatology/article-abstract/711838
  14. Enhanced chemical and biological activities of a newly biosynthesized eugenol glycoconjugate, eugenol α-D-glucopyranoside
    https://pubag.nal.usda.gov/catalog/493167
  15. Clove (Syzygium aromaticum): a precious spice
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3819475/
  16. Antifungal Activity of Clove Essential Oil and its Volatile Vapour Against Dermatophytic Fungi
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3763181/
  17. Near fatal ingestion of oil of cloves
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1029532/pdf/archdisch00556-0060.pdf
  18. Eugenol oil overdose
    https://medlineplus.gov/ency/article/002647.htm
  19. Essential Oil from Clove Bud (Eugenia aromatica Kuntze) Inhibit Key Enzymes Relevant to the Management of Type-2 Diabetes and Some Pro-oxidant Induced Lipid Peroxidation in Rats Pancreas in vitro
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25994557/
  20. Clove: A Champion Spice
    https://ijrap.net/admin/php/uploads/360_pdf.pdf

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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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