How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

मिल्क थिस्ल का नाम सुनते ही आपके दिमाग में किसी दूध जैसे पदार्थ का ख्याल आता होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको मिल्क थिस्ल के बारे में, मिल्क थिस्ल का उपयोग और मिल्क थिस्ल के फायदे के बारे में जानकारी दी जाएगी। हालांकि, इस लेख में बताई स्वास्थ्य समस्याओं का मिल्क थिस्ल सटीक उपचार तो नहीं है, लेकिन यह इनके उपचार में मददगार जरूर साबित हो सकता है। इसलिए, आप इसके फायदे और नुकसान दोनों के बारे में इस लेख के जरिए जानकारी प्राप्त करेंगे।

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आइए, सबसे पहले जानते हैं कि मिल्क थिस्ल क्या है।

मिल्क थिस्ल क्या है? – What is Milk Thistle in Hindi

मिल्क थिस्ल औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है। इसके फूल बैंगनी रंग के होते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम सिलिबम मेरियानम (Silybum Marianum) है। मिल्क थिस्ल का पौधा मुख्य रूप से यूरोप, एशिया, दक्षिणी रूस और उत्तरी अफ्रीका में पाया जाता है। इसे फूल वाली जड़ी-बूटी भी कहा जाता है (1)। मिल्क थिज्ल के फल और बीज को लिवर और पित्तनली के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है (2)। इसके अलावा भी यह कई तरह से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी।

अधिक जानकारी आगे है

आइए, अब लेख के अगले भाग में मिल्क थिज़्ल के स्वास्थ्य फायदों के बारे में जानते हैं।

मिल्क थिस्ल के फायदे – Benefits of Milk Thistle in Hindi

मिल्क थिस्ल आपके स्वास्थ्य के लिए इस प्रकार फायदेमंद हो सकते हैं।

1. लिवर स्वास्थ्य के लिए

लिवर के बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए मिल्क थिस्ल का प्रयोग किया जा सकता है। दरअसल, मिल्क के बीज में सिलेमेरिन (Silymarin – पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड) पाया जाता है (3)। इसके अर्क का सेवन लिवर से जुड़ी समस्याओं जैसे हेपेटाइटिस (Hepatitis – लिवर में सूजन की एक स्थिति), सिरोसिस (Cirrhosis – लिवर डैमेज की एक स्थिति) और पित्ताशय (Gallbladder) से बचा सकता है (1)।

2. किडनी और पित्ताशय के लिए

किडनी और पित्ताशय के उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी मिल्क थिस्ल के फायदे देखे जा सकते हैं। किडनी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी मिल्क थिज़्ल का प्रयोग किया जा सकता है। वहीं, मिल्क थिस्ल के बीज को ऐसा औषधीय मिश्रण बनाने में प्रयोग किया जाता है, जिसे पित्ताशय में होने वाली समस्याओं जैसे पथरी को ठीक करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यह किस प्रकार किडनी और पित्ताशय को स्वस्थ रखने में मदद करता है, इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

3. हृदय स्वास्थ्य के लिए

हृदय स्वास्थ्य के लिए भी मिल्क थिस्ल के फायदे देखे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए मुमकिन हो सकता है, क्योंकि मिल्क थिस्ल में सिलीमरिन (Silymarin – एक पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड) मौजूद होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है कि सिलीमरिन हृदय को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है (5)।

4. डायबिटीज के लिए

डायबिटीज की समस्या और इससे होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी मिल्क थिस्ल का प्रयोग किया जा सकता है। दरअसल, मिल्क थिस्ल में एंटी डायबिटिक क्रिया पाई जाती है (6)। एंटी-डायबिटिक गुण के कारण मिल्क थिज़्ल का सेवन न केवल व्यक्ति को डायबिटीज के खतरे से दूर रख सकता है, बल्कि इससे होने वाले जोखिम से बचाने में भी मदद कर सकता है।

5. कैंसर के लिए

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए भी मिल्क थिस्ल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि मिल्क थिज़्ल में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं। ये गुण कैंसर से होने वाले जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (7)। वहीं, अगर किसी को कैंसर जैसी समस्या है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

6. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए

हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए मिल्क थिस्ल का प्रयोग किया जा सकता है। इस मामले में भी मिल्क थिस्ल में मौजूद सिलीमरिन (Silymarin – एक पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड) फायेदमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, मिल्क थिज़्ल का सेवन करने से उसमें मौजूद सिलीमरिन हड्डियों से जुड़ी विभिन्न तरह की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है (8)।

7. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए

मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए भी मिल्क थिस्ल का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है। यहां एक बार फिर से सिलीमरिन का जिक्र होगा। दरअसल, सिलीमरिन का मुख्य घटक सिलिबिनिन (Silibinin) मस्तिष्क विकार जैसे अल्जाइमर (बढ़ती उम्र में भूलने की बीमारी) के कुछ लक्षणों को ठीक कर याददाश्त में सुधार लाने में मदद कर सकता है (9)।

8. वजन घटाने के लिए

वजन घटाने के लिए भी मिल्क थिस्ल के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके लिए ओरल रूप में मिल्क थिस्ल का सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) के वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार मिल्क थिस्ल में मौजूद सिलीमरिन में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं (10)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि वजन घटाने के लिए घरेलू नुस्खे के साथ-साथ संतुलित आहार व नियमित एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।

9. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उपयोगी

इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए भी मिल्क थिस्ल के फायदे देखे जा सकते हैं। मिल्क थिस्ल में इम्युनोस्टिम्युलेट्री प्रभाव (Immunostimulatory Effect) पाया जाता है। यह प्रभाव संक्रामक रोगों की स्थिति में इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि मिल्क थिस्ल की खुराक बढ़ाने से इम्यून सिस्टम में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है (11)।

10. पाचन के लिए

पाचन स्वास्थ्य के लिए भी मिल्क थिस्ल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, मिल्क थिस्ल का प्राकृतिक रूप से किया गया सेवन पाचन की समस्या को दूर करने का काम कर सकता है। हालांकि, अभी इस पर अधिक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है कि यह किस प्रकार पाचन को बेहतर बना सकता है (12)।

11. एजिंग प्रक्रिया को धीमा करता है

जवां दिखने में भी मिल्क थिस्ल के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, मिल्क थिज्ल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स से लड़ने का काम कर सकते हैं, जिससे एजिंग की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने के लिए मिल्क थिज्ल का सेवन अच्छा तरीका हो सकता है, जिसमें झुर्रियां और फाइन लाइन भी शामिल हैं (13)।

12. ब्रेस्टफीडिंग के दौरान

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मिल्क थिस्ल का सेवन करने से महिला को कुछ फायदे हो सकते हैं। ब्रेस्टमिल्क की बेहतर आपूर्ति के लिए औषधि के रूप में मिल्क थिस्ल का सेवन किया जा सकता है (14)। दरअसल, मिल्क थिस्ल में सिलिटिडिल (Silitidil) पाया जाता है, जो ब्रेस्फीडिंग के दौरान मां के दूध निर्माण में मदद कर सकता है (15)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि कुछ महिलाओं को मिल्क थिस्ल का प्रयोग करने से नकारात्मक परिणामों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, मिल्क थिस्ल के प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

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आइए, अब जानते हैं कि मिल्क थिस्ल का उपयोग कैसे कर सकते हैं।

मिल्क थिस्ल का उपयोग – How to Use Milk Thistle in Hindi

मिल्क थिस्ल का उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है।

  • मिल्क थिस्ल का अर्क के रूप में सेवन किया जा सकता है।
  • मिल्क थिस्ल के बीज की स्मूदी बनाई जा सकती है।
  • मिल्क थिस्ल के बीज की चाय बनाकर पी सकते हैं।
  • मिल्क थिस्ल की पत्तियों को स्नैक्स के रूप में भी खाया जा सकता है।
  • मिल्क थिस्ल के बीज से निकले हुए तेल को खाने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मिल्क थिस्ल फूड सप्लिमेंट को भी डाइठ में शामिल कर सकते हैं।

कब खाएं: मिल्क थिस्ल का सेवन आप दिन भर में किसी भी समय कर सकते हैं।

कितना खाएं: मिल्क थिस्ल की 18mg-500mg मात्रा का प्रतिदिन सेवन किया जा सकता है (16)। हालांकि इसे डाइट में शामिल करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लें।

नोट – वैज्ञानिक प्रमाण के बावजूद इसे खाने से पहले आहार विशेषज्ञ से इसकी मात्रा के बारे में जरूर पूछना चाहिए।

आगे है महत्वपूर्ण जानकारी

आर्टिकल के अंतिम हिस्से में हम बता रहे हैं कि मिल्क थिस्ल का प्रयोग करने से क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

मिल्क थिस्ल के नुकसान – Side Effects of Milk Thistle in Hindi

मिल्क थिस्ल के सेवन से निम्नलिखित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, इसलिए इन्हें ध्यान में रखते हुए इसका सेवन करें (2) (17)।

  • मिल्क थिस्ल का अधिक मात्रा में किया गया सेवन एलर्जी का कारण बन सकता है ।
  • ओरल रूप में मिल्क थिस्ल के सेवन से कभी-कभी सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
  • इसका सेवन त्वचा पर खुजली, दाने, पित्ती और एक्जिमा की समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
  • मिल्क थिस्ल के ओरल रूप में सेवन से नपुंसकता की समस्या भी हो सकती है।
  • ओरल रूप में इसका अत्यधिक सेवन करने से अनिद्रा, दुबर्लता और घबराहट की भी समस्या हो सकती है।
  • कुछ दवाओं के साथ मिलक थिस्ल का सेवन इंटरैक्ट कर सकता है। इसलिए यदि आप कोई दवा ले रहे हैं तो इसे डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करें।

इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप स्पष्ट रूप से यह जान गए होंगे कि मिल्क थिस्ल किसे कहते हैं। साथ ही मिल्क थिस्ल का सेवन करने से क्या-क्या लाभ हो सकते हैं। लेख में मिल्क थिस्ल के कुछ दुष्प्रभाव भी बताए गए हैं, जिसे हमेशा याद रखना जरूरी है, ताकि आपको किसी प्रकार का नुकसान न हो। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके, मिल्क थिस्ल के लाभ से अन्य लोगों को भी अवगत कराएं।

References

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  1. Milk Thistle
    https://www.nccih.nih.gov/health/milk-thistle
  2. Milk Thistle (PDQ®)–Patient Version
    https://www.cancer.gov/about-cancer/treatment/cam/patient/milk-thistle-pdq
  3. Milk Thistle (PDQ®)–Patient Version
    https://www.cancer.gov/about-cancer/treatment/cam/patient/milk-thistle-pdq
  4. Protective effect of silymarin against chemical-induced cardiotoxicity
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5080420/
  5. Silybum marianum (milk thistle) and its main constituent, silymarin, as a potential therapeutic plant in metabolic syndrome: A review
    https://pubag.nal.usda.gov/catalog/6153143
  6. Milk thistle: early seeds of potential
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4116427/
  7. Antiosteoclastic Activity of Milk Thistle Extract after Ovariectomy to Suppress Estrogen Deficiency-Induced Osteoporosis
    https://www.hindawi.com/journals/bmri/2013/919374/
  8. New therapeutic potentials of milk thistle (Silybum marianum)
    https://www.academia.edu/25217075/New_therapeutic_potentials_of_milk_thistle_Silybum_marianum_
  9. Silymarin improved diet-induced liver damage and insulin resistance by decreasing inflammation in mice
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27387273/
  10. Immunostimulatory effect of Silybum Marianum (milk thistle) extract
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12444368/
  11. “Silymarin”, a Promising Pharmacological Agent for Treatment of Diseases
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3586829/
  12. Silymarin, a Flavonoid from Milk Thistle (Silybum marianum L.), Inhibits UV-induced Oxidative Stress Through Targeting Infiltrating CD11b+ Cells in Mouse Skin
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2394725/
  13. Herbs And Food To Increase Milk Supply
    http://publichealth.lacounty.gov/LAmoms/lessons/Breastfeeding/HerbsAndFoodsToIncreaseMilkSupply.pdf
  14. Efficacy of Herbal Galactagogue Silitidil After Preterm Birth
    https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT03577587
  15. Poor chemical and microbiological quality of the commercial milk thistle-based dietary supplements may account for their reported unsatisfactory and non-reproducible clinical outcomes
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6668463/
  16. Milk Thistle: Effects on Liver Disease and Cirrhosis and Clinical Adverse Effects: Summary
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK11896/
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