Madhu Sharma, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

फलों की बात की जाए, तो मुंह में खट्टे-मीठे मौसंबी का स्वाद आ ही जाता है। आए भी क्यों न, स्वाद के साथ ही गुणों का खजाना जो मौसंबी में छुपा है। मौसम्बी के फायदे पाने के लिए कुछ लोग मौसंबी को सीधे फल की तरह खाना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग बड़े चाव से इसका जूस पीते हैं। इसी वजह से स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर मौसम्बी और मौसम्बी जूस के फायदों के बारे में बता रहे हैं। यहां न सिर्फ मौसम्बी के फायदे, बल्कि मौसंबी के उपयोग से जुड़ी जानकारी भी दी गई है। हो सकता है कि मौसम्बी के कुछ फायदों के बारे में आपको पहले से ही पता हो, लेकिन वैज्ञानिक इसके बारे में क्या कहते हैं और यह कैसे सेहतमंद रहने में मदद करती है, जानने के लिए अंत तक इस लेख को पढ़ें।

शुरू करते हैं लेख

सबसे पहले जानते हैं कि मौसंबी सेहत के लिए कितनी लाभकारी है।

मौसंबी आपके लिए क्यों अच्छी है?

मौसंबी न सिर्फ एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि यह पौष्टिकता से भरपूर भी है। मौसंबी के पौष्टिक तत्वों की अगर बात की जाए, तो इसमें विटामिन-ए, सी, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, पोटैशियम, फोलेट आदि होते हैं (1)। वहीं, मौसंबी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीट्यूमर, एंटीडायबिटिक, एंटी-अल्सर जैसे कई गुण हैं (2)। मौसंबी के इन गुणों और अच्छाइयों के कारण होने वाले फायदों के बारे में हम आगे बता रहे हैं।

फायदे जानिए

आगे जानते हैं कि मौसम्बी या मौसम्बी के जूस के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

मौसंबी और इसके जूस के फायदे – Benefits of Sweet Lime in Hindi

मौसंबी एक खट्टा-मीठा फल है, जो पोषण और गुणों से भरपूर है। इसका सेवन करने से शरीर को क्या लाभ मिलते हैं, इसके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं। बस ध्यान दें कि मौसंबी किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए एक जरूरी खाद्य पदार्थ है। चलिए, आगे मौसम्बी के फायदे पढ़ते हैं।

1. मधुमेह के लिए मौसम्बी के फायदे

मधुमेह यानी डायबिटीज की समस्या में लोगों को खाने-पीने से संबंधित उलझन महसूस होती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मौसम्बी के छिलके में मौजूद हेस्पेरिडीन (Hesperidin) और नरिंगिन (Naringin) फ्लेवोनॉइड्स में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक गतिविधि होती है (3)। इस गतिविधि से ब्लड ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रह सकता है। डायबिटीज के मरीज डॉक्टरी सलाह से मौसम्बी के छिल्के का पाउडर पानी के साथ ले सकते हैं। बस ध्यान दें कि मधुमेह रोगियों को मौसम्बी और इसके जूस का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।

2. वजन के लिए मौसम्बी के फायदे

मोटापा या बढ़ते वजन के कारण शरीर में डायबिटीज, स्ट्रोक, हृदय रोग जैसे समस्याएं हो सकती हैं (4)। ऐसे में वजन को संतुलित रखना बहुत आवश्यक है। वजन कम करने के लिए डाइट और सही एक्सरसाइज के साथ मौसम्बी के जूस का सेवन लाभकारी हो सकता है। कम कैलोरी और कम फैट युक्त होने की वजह से मौसम्बी के जूस को वजन कम करने में सहायक माना जाता है (2)।

3. कब्ज के लिए मौसम्बी के फायदे

कब्ज की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में खान-पान पर थोड़ा ध्यान देकर इससे कुछ हद तक राहत मिल सकती है। जी हां, डाइट में मौसंबी को शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें मौजूद एसिड आंतों से टॉक्सिन निकालकर कब्ज से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (2)। साथ ही इसमें फाइबर भी होता है, जिसे कब्ज को दूर करने के लिए उपयोगी माना जाता है (1) (5)।

4. मौसम्बी के फायदे स्कर्वी के लिए

स्कर्वी विटामिन-सी की कमी से होने वाली बीमारी है। इसमें व्यक्ति को खून की कमी, मसूड़ों से संबंधित समस्या और कमजोरी हो सकती है। इससे बचाव के लिए विटामिन-सी युक्त मौसम्बी और इसके जूस का सेवन लाभकारी हो सकता है (6)। स्कर्वी से होने वाली मसूड़ों की समस्या से बचाव के लिए मौसंबी के रस में थोड़ा-सा पानी और काला नमक मिलाकर प्रभावित मसूड़ों पर लगाने से राहत मिल सकती है।

5. अल्सर के लिए मौसम्बी के फायदे

जब पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो वह आंतों पर घाव करने लग सकता है, जिसका नतीजा पेप्टिक अल्सर हो सकता है। ऐसे में मौसम्बी का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, मौसम्बी में एंटी-अल्सर गुण होता है, जो अल्सर से बचाव कर सकता है। साथ ही मौसम्बी के जूस में मौजूद एसिड पेट में अल्कलाइन रिएक्शन करके एसिड को खत्म करने में मदद करता है, जिससे पेप्टिक अल्सर के लक्षणों से राहत मिल सकती है (2)। मौसंबी को अल्सर का इलाज समझने की भूल न करें, इसके साथ डॉक्टरी परामर्श पर दवाइयां लेना जरूरी है।

6. आंखों के लिए मौसम्बी

मौसंबी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मैकुलर डिजनरेशन (बढ़ती उम्र के कारण होने वाली आंखों की समस्याएं) और आंखों में होने वाले संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। ऐसे में एक गिलास पानी में कुछ बूंदें मौसम्बी के रस की डालकर आंखों को धोना लाभकारी हो सकता है। इस मिश्रण से आंखों को धोने से कंजक्टिवाइटिस जैसे आंखों के संक्रमण से बचाव हो सकता है (2)।

7. पाचन के लिए मौसम्बी

पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मौसम्बी और इसका जूस को सहायक माना जाता है। इसकी मीठी खुशबू के कारण मुंह की लार ग्रंथियों से लार निकलने लगती है, जो पाचन में सहायता हो सकता है। साथ ही इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड्स पित्त, डाइजेस्टिव जूस और एसिड का स्त्राव बढ़ाकर पाचन प्रक्रिया में सुधार करने में सहायक हो सकते हैं। इस प्रकार, मौसम्बी के जूस के सेवन से पेट की समस्याओं, अपच, मतली जैसी परेशानियों से बचाव हो सकता है (2)।

8. रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार

मौसम्बी के फायदे में रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करना भी शामिल है। दरअसल, मौसम्बी में डी-लिमोनेन तत्व होता है, जो इम्यून पावर में सुधार कर सकता है। इसके अलावा, मौसम्बी जूस के नियमित सेवन से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे हृदय सही तरीके से कार्य करता है। इसके परिणामस्वरूप रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है (2)। ऐसे में मौसम्बी को इम्यून पॉवर में सुधार करने की डाइट में शामिल किया जा सकता है।

9. गर्भावस्था में मौसंबी

गर्भावस्था के लिए भी मौसम्बी एक पौष्टिक और सुरक्षित फल माना जाता है। इस दौरान गर्भवतियों को मौसम्बी का जूस पीने की सलाह दी जाती है। इसमें कैल्शियम, फोलेट, विटामिन सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो गर्भवती और भ्रूण दोनों के लिए लाभकारी हो सकते हैं (1) (2)।

10. कोलेस्ट्रॉल के लिए

कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ होता है, जो शरीर की कोशिकाओं में मौजूद होता है। शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन यही कोलेस्ट्रॉल अगर बढ़ जाए, तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है (7)। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ठीक रखने के लिए मौसम्बी का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, मौसम्बी के जूस में एंटी-हाइपरलिपिडेमिक यानी हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला प्रभाव होता है (2)। इसी वजह से प्रतिदिन मौसंबी का सेवन करने से शरीर में कॉलेस्ट्रोल का स्तर नियंत्रित रह सकता है।

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11. जॉन्डिस के लिए मौसम्बी के फायदे

जॉन्डिस यानी पीलिया रोग में त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। ऐसा शरीर में बिलीरुबिन नामक तत्व के बढ़ जाने के कारण होता है (8)। इसी वजह से जॉन्डिस में डाइट का खास ध्यान रखा जाता है। ऐसे में जॉन्डिस के दौरान मौसम्बी या मौसम्बी के जूस का सेवन न सिर्फ सुरक्षित हो सकता है, बल्कि लाभकारी भी हो सकता है (9)। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है इसका कौन-सा गुण पीलिया रोग में मदद करता है।

12. कैंसर के लिए मौसम्बी

कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका एक मात्र इलाज डॉक्टरी चिकित्सा ही है। हां, खान-पान का ध्यान रखकर कैंसर से कुछ हद तक बचाव संभव है। ऐसे में डाइट में मौसम्बी या मौसम्बी जूस को शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, मौसम्बी में डी-लिमोनेन नामक केमिकल होता है। इसमें एंटीकैंसर गुण पाया जाता है, जो कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है। खासकर यह लिवर कैंसर, ब्रेस्ट और पेट के ट्यूमर के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है (2)।

13. गाउट के लिए मौसम्बी

गाउट गठिया का ही एक प्रकार है, जो यूरिक सीरम एसिड के स्तर के बढ़ने की वजह से होता है। ऐसे में इससे बचाव या राहत के लिए विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को उपयोगी बताया जाता है (10)। इसी वजह से मौसम्बी को भी गाउट में फायदेमंद माना जा सकता है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी होता है (1)।। इस विषय में अभी सीधे तौर पर शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन लक्षण से राहत पाने के लिए मौसम्बी का सेवन किया जा सकता है।

14. अर्थराइटिस

अर्थराइटिस यानी गठिया, जिसमें जोड़ों में सूजन की समस्या हो सकती है (11)। इससे बचाव या इसके लक्षणों को कम करने के लिए मौसम्बी के छिल्के के पाउडर का सेवन उपयोगी हो सकता है। दरअसल, मौसम्बी के छिल्के में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की वजह से यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिक प्रभाव दर्शाता है। यह दोनों प्रभाव गठिया की समस्या को कम कर सकते हैं (12)। इसके अलावा, मौसम्बी और उसके जूस में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है (2)।

15. सनस्ट्रोक और निर्जलीकरण का उपचार

मौसंबी का जूस शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकता है, क्योंकि इसमें पानी की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें कई विटामिन्स और मिनरल्स भी होते हैं, जो शरीर को पोषण प्रदान कर सकते हैं (1)। ऐसे में लू लगने पर या शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने पर मौसंबी के जूस का सेवन किया जा सकता है।

16. दमा के लिए मौसम्बी

दमा यानी अस्थमा एक सांस संबंधी समस्या है। इस दौरान सांस लेने में परेशानी और सांस लेते वक्त घड़घड़ाहट की आवाज, जैसे लक्षण दिखते हैं (13)। इन्हें कम करने में मौसम्बी लाभकारी हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, विटामिन-सी अस्थमा में दिखने वाले इन लक्षणों से काफी हद तक आराम पहुंचा सकता है (14)। ऐसे में इस शोध के आधार पर विटामिन-सी युक्त मौसम्बी को दमा की समस्या में उपयोगी माना जा सकता है (1)। ध्यान दें कि दमा होने पर डॉक्टरी इलाज करवाना जरूरी है।

17. त्वचा के लिए मौसम्बी

मौसम्बी के फायदे की बात की जाए, तो यह न सिर्फ सेहत के लिए बल्कि त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी त्वचा की रंगत में निखार ला सकता है। यह दाग-धब्बों, झाइयों और कील-मुंहासों पर प्रभावकारी हो सकता है। साथ ही मौसम्बी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण त्वचा को संक्रमण से बचा सकते हैं। इसके फायदे पाने के लिए रात को सोने से पहले चेहरे पर मौसम्बी का जूस लगाकर सो सकते हैं और अगले दिन पानी से चेहरे को धो लें। इससे दाग-धब्बे हल्के हो जाएंगे (2)।

18. होंठों के लिए मौसम्बी

मौसंबी का उपयोग मददगार साबित हो सकता है। इसका रस होंठों का कालापन और फटे होंठों की समस्या से राहत दिला सकता है। रोजाना तीन से चार बार होठों पर मौसंबी का जूस लगाने से होंठों का कालापन दूर करने और फटे होंंठों की समस्या से राहत पाने में मदद मिल सकती है (2)।

19. बालों के लिए मौसंबी जूस

मौसम्बी के गुणों के बारे में जितना कहा जाए कम है। त्वचा, स्वास्थ्य और यहां तक कि बालों के लिए भी यह बहुत लाभदायक हो सकता है। दरअसल, कई बार आयरन की कमी के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं (15)। ऐसे में आयरन की कमी से होने वाली झड़ते बालों की समस्या में विटामिन-सी का सेवन उपयोगी हो सकता है। विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण में सहायक हो सकता है (16)। इसके अलावा, बालों के लिए जरूरी अन्य पोषक तत्व भी मौसम्बी में मौजूद हैं, जिनकी वजह से इसे बालों के लिए लाभकारी माना जाता है।

मौसम्बी के फायदे के बाद अब जानते हैं, इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में।

मौसंबी के पौष्टिक तत्व – Mosambi Nutritional Value in Hindi

मौसम्बी और मौसम्बी जूस के फायदे के बाद अब बता रहे हैं कि इसमें ऐसे कौन से तत्व हैं, जो इसे सेहत के लिए इतना लाभकारी बनाते हैं। यहां हम मौसम्बी के पौष्टिक तत्वों को टेबल के माध्यम से बताएंगे (1):

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी88.26 ग्राम
ऊर्जा30 कैलोरीज
प्रोटीन0.7 ग्राम
फैट0.2 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट10.54 ग्राम
फाइबर2.8 ग्राम
शुगर1.69 ग्राम
कैल्शियम33 मिली ग्राम
आयरन0.6 मिलीग्राम
मैग्नीशियम6 ग्राम
फास्फोरस18 ग्राम
पोटैशियम102 मिली ग्राम
सोडियम2 मिली ग्राम
जिंक0.11 मिली ग्राम
कॉपर (तांबा)0.0065 मिली ग्राम
विटामिन-सी29.1 मिलीग्राम
फोलेट8 माइक्रोग्राम
कोलिन5.1 मिलीग्राम
विटामिन-ई0.22 मिलीग्राम

उपयोग पढ़ें

मौसंबी के फायदे के बाद अब जानते हैं, इसे उपयोग करने के तरीके के बारे में।

मौसंबी का उपयोग – How to Use Sweet Lime in Hindi

मौसम्बी और मौसम्बी जूस के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाह रहे होंगे। इसी वजह से हम इसे आहार का हिस्सा बनाने के लिए मौसंबी के उपयोग के तरीके बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • मौसम्बी को ऐसे ही छीलकर खा सकते हैं।
  • इसका जूस निकालकर पी सकते हैं।
  • मौसम्बी का फ्रूट सलाद बनाकर खा सकते हैं।
  • इसका जैम बनाकर खा सकते हैं।
  • खट्टा-मिठा अचार बनाने में मौसम्बी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मौसम्बी से डिटॉक्स ड्रिंक बना सकते हैं।
  • इसके छिल्के के चूर्ण को पानी के साथ पी सकते हैं।
  • मौसम्बी के रस को चेहरे पर लगा सकते हैं।
  • मौसम्बी के छिल्के के पाउडर का फेस पैक बना सकते हैं।
  • मौसम्बी के रस को बालों में लगा सकते हैं।

पढ़ते रहें

अब जानते हैं घर में मौसम्बी का जूस बनाने की विधि क्या है।

मौसंबी का जूस बनाने की विधि

अब मौसम्बी के इतने फायदे जानने के बाद मौसम्बी का जूस पीने की इच्छा जरूर हो रही होगी। क्यों न इस जूस को घर में ही बनाया जाए। नीचे मौसम्बी जूस बनाने की विधि दी गई है, जिसकी मदद से आप इसे आसानी से बना सकते हैं।

सामग्री

  • दो बड़ी मौसंबी
  • आवश्यकतानुसार शहद/चीनी
  • स्वादानुसार काला नमक
  • आधा गिलास पानी (वैकल्पिक)
  • एक गिलास

मौसम्बी का जूस बनाने की विधि

  • मौसम्बी को छिलकर टुकड़ों में काट लें और बीज निकाल लें।
  • मौसम्बी के टुकड़ो को ब्लेंड कर दें।
  • अब एक कपड़े की मदद से इसे गिलास में छानकर डाल लें।
  • आप चाहें तो जूस में थोड़ा पानी मिला सकते हैं।
  • जूस को गिलास में निकालने के बाद इसमें शहद या चीनी और काला नमक मिलाकर सेवन करें।

नोट : आप मौसम्बी का जूस अन्य फलों के साथ जैसे – सेब, संतरा, अनार, अनानास के साथ भी बना सकते हैं। साथ ही आप अपने स्वादानुसार मौसम्बी का जूस नमकीन या मीठा या मीठा-नमक दो-तीन तरीकों से भी बना सकते हैं।

बने रहें लेख में

अब जानते हैं कि मौसम्बी जूस कब पीना चाहिए।

मौसम्बी जूस कब पीना चाहिए

मौसम्बी के जूस का सेवन करने का उचित वक्त दिन का समय होता है। दिन के वक्त मौसम्बी या मौसम्बी क जूस का सेवन पाचन क्रिया में सुधार कर सकता है और सेहत को लाभ पहुंचा सकता है। साथ ही नाश्ते के वक्त भी इसे अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। अगर आप सुबह-सुबह चाय या कॉफी पीते हैं, तो जूस और चाय/कॉफी के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर रखें।

कितना खाएं

दिनभर में कितनी मौसम्बी खाई जानी चाहिए, इसको लेकर कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है। फिर भी सामान्य तौर पर माना जाता है कि दिनभर में एक से दो मौसम्बी खा सकते हैं। अगर कोई मौसम्बी का जूस पी रहा है, तो वो एक गिलास जूस का सेवन कर सकता है। हालांकि, उम्र और व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार, इसमें बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में बेहतर है कि इस बारे में डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।

लेख अभी बाकी है

नीचे हम जानेंगे कि अच्छी और ताजी मौसंबी की पहचान कैसे की जाए।

मौसंबी का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें

मौसंबी खाने और उसका जूस बनाने के लिए इसका चुनाव और स्टोर करने का तरीका जानना जरूरी है। इसी वजह से आगे हम बता रहे हैं कि मौसम्बी का चुनाव कैसे किया जा सकता है और उसे स्टोर कैसे करें, ताकि वो ज्यादा समय तक ताजा रहे।

चयन का तरीका :

  • सही मौसंबी को चुनने के लिए सबसे पहले यह ध्यान रखें कि फल ताजा और पका हुआ हो।
  • मौसम्बी को थोड़ा-सा दबा कर देखें। अगर दबाने पर वह ज्यादा नर्म लगे, तो हो सकता है वो अंदर से सड़ा हुआ हो।
  • अगर मौसंबी का रंग पीला और वजन में भारी है, तो इसका मतलब है कि यह मौसंबी पकी हुई है।
  • मौसम्बी को कुछ दिन स्टोर कर के खाना हो, तो ज्यादा पके हुए मौसम्बी का चुनाव न करें।
  • इसे खरीदते समय देख लें कि उसमें काले दाग-धब्बे न हों। ऐसी मौसम्बी खराब हो सकती है।
  • मुर्झाई हुई मौसमी खरीदने से बचें। वो ताजा नहीं होती हैं।

मौसम्बी को कैसे स्टोर करें :

  • मौसम्बी को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए उसे फ्रिज या फ्रीजर में रखें।
  • फ्रिज में मौसम्बी दो हफ्ते तक सुरक्षित रहेगी और फ्रीजर में एक से दो महीने तक।
  • याद रखें कि उसे किसी एयर टाइट डिब्बे या पैकेट में न रखें। इससे वो जल्दी खराब हो सकती है।
  • अगर मौसम्बी को धो दिया है, तो उसे अच्छे से पोंछने के बाद स्टोर ही करें। गीला रखने से वो जल्दी खराब हो सकती है।
  • आप चाहें तो मौसम्बी का जूस निकाल कर, उस जूस को स्टोर कर सकते हैं। जूस ज्यादा दिनों तक चल सकता है।

नोट : स्टोर करने के लिए सुझाए गए उपाय, लोगों के प्रयोगों पर आधारित हैं। इनका सफल होना न होना, पूरी तरह से स्टोर करने की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

अंत तक पढ़ें

आगे जानते हैं मौसम्बी के नुकसान के बारे में।

मौसंबी के नुकसान – Side Effects of Mosambi in Hindi

हर चीज की अति नुकसानदायक होती है। कुछ ऐसा ही मौसंबी के साथ भी है। इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं कि ज्यादा मौसम्बी खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं :

  • अगर किसी को सिट्रस एसिड से एलर्जी है, तो मौसंबी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में मौसम्बी के सेवन से एलर्जी हो सकती है।
  • मौसम्बी के सेवन से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लेक्स डिजीज यानी पेट के एसिड का फूड पाइप में वापस आने की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि यह सिट्रस फल है (17)।
  • संवेदनशील दांत वालों को मौसम्बी खाने से या मौसम्बी का जूस पीने से परेशानी हो सकती है। मौसम्बी एक खट्टा और एसिडिक फल है, जिससे दांतों में सेंसिटिविटी हो सकती है (18)।
  • चेहरे या शरीर पर मौसम्बी का रस लगाकर धूप में निकलने से सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं (19)। ऐसा अक्सर नींबू लगाने पर होता है, इसलिए सावधानी के तौर पर त्वचा पर मौसम्बी लगाने के बाद भी धूप में निकलने से बचें।

मौसम्बी के ये थे कुछ सुने-अनसुने फायदे। अगर मौसम्बी का उपयोग सीमित और सही तरीके से किया जाए, तो यह गुणों से भरपूर फल व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। वहीं, लापरवाही बरतते हुए एक ही बार में बहुत सारे फल खाने वालों को मौसम्बी के फायदे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बस आप मौसम्बी के नुकसान से घबराएं बिना संतुलित मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो अपने दोस्तों को भी मौसम्बी और मौसम्बी जूस के फायदों से अवगत कराएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मौसम्बी वजन घटाने के लिए अच्छी है?

हां, मौसम्बी में फैट और कैलोरी कम होती है, इसलिए इसे वेटलॉस डाइट में शामिल किया जा सकता है (2)।

कौन सा बेहतर है: मोसांबी या नारंगी?

दोनों ही सिट्रस फल की श्रेणी में आते हैं और दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। इसी वजह से दोनों ही बेहतर फल हैं।

क्या मौसम्बी किडनी के लिए अच्छा है?

हां, मौसम्बी किडनी के लिए लाभकारी फल है (2)।

क्या मौसम्बी से एसिडिटी हो सकता है?

यह गैस्ट्रिक एसिडिटी को कम कर सकता है (2)। हालांकि, अगर किसी को गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लेक्स डिजीज हो, तो मौसम्बी समस्या को बढ़ा सकता है। इसी वजह से इसका सेवन ध्यान से करें (17)।

क्या मौसम्बी में विटामिन-सी होता है?

हां, मौसम्बी में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी होता है (1)।

क्या गर्भवती महिलाएं मौसम्बी खा सकती हैं?

हां, गर्भवती महिलाएं मौसम्बी का सेवन कर सकती हैं (2)। हालांकि, इससे पहले एक बार डॉक्टरी सलाह लेना बेहतर है।

क्या रात में मौसम्बी का जूस पी सकते हैं ?

रात में मौसम्बी या मौसम्बी के जूस के सेवन से बचें, क्योंकि यह एसिडिक होता है। रात को इससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है। हां, सही पाचन के लिए मौसम्बी या मौसम्बी के जूस का सेवन दिन में कर सकते हैं (2)।

क्या मौसम्बी का सेवन कोरोना वायरस से बचाव कर सकता है?

मौसम्बी का सेवन कोरोना वायरस से बचाव करने में सहायक हो सकता है। दरअसल, मौसम्बी विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है और विटामिन-सी कोविड -19 से कुछ हद तक बचाव कर सकता है (20)।

References

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  1. Lime, raw
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/1102596/nutrients
  2. Phytochemical and pharmacological properties on Citrus limetta (Mosambi)
    https://www.jocpr.com/articles/phytochemical-and-pharmacological-properties-on-citrus-limetta-mosambi.pdf
  3. Evaluation of Antihyperglycemic Activity of Citrus limetta Fruit Peel in Streptozotocin-Induced Diabetic Rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3262637/
  4. Obesity
    https://medlineplus.gov/ency/article/007297.htm
  5. Constipation – self-care
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000120.htm#:~:text=High%2Dfiber%20foods%20help%20move,fiber%20to%20take%20each%20day.
  6. Scurvy
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/scurvy
  7. Cholesterol
    https://medlineplus.gov/cholesterol.html
  8. Jaundice
    https://medlineplus.gov/jaundice.html
  9. Role of bilirubin as antioxidant in neonatal jaundice and effect of ethanolic extract of sweet lime peel on experimentally induced jaundice in rat
    https://pdfs.semanticscholar.org/1ec0/eca8122201e6db78b22080d6fe331d4d3ebf.pdf
  10. Gout
    https://medlineplus.gov/ency/article/000422.htm
  11. Rheumatoid arthritis
    https://medlineplus.gov/ency/article/000431.htm
  12. In Vitro Evaluation of Anti-Inflammatory and Antiarthritic Activity of Citrus Limetta Peel
    https://www.researchgate.net/publication/320372426_In_Vitro_Evaluation_of_Anti-Inflammatory_and_Antiarthritic_Activity_of_Citrus_Limetta_Peel
  13. Asthma
    https://medlineplus.gov/ency/article/000141.htm
  14. Consumption of fresh fruit rich in vitamin C and wheezing symptoms in children
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1745721/
  15. Iron deficiency anemia
    https://medlineplus.gov/ency/article/000584.htm
  16. The Role of Vitamins and Minerals in Hair Loss: A Review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6380979/
  17. Risk factors for gastroesophageal reflux disease: the role of diet
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4223119/
  18. Dental Erosion
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/dental-erosion
  19. Lime-induced phytophotodermatitis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4185147/
  20. COVID-19: Transmission, prevention, and potential therapeutic opportunities
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7256510/

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Madhu Sharma is a member of the National Executive Committee of IDA. She has been associated for almost three decades with Pediatric Nutrition at PGI while serving in the Gastroenterology Department (20 years) and then the Advanced Pediatric Center (10 yrs) at PGIMER, Chandigarh.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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