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नट्स न सिर्फ स्वाद का भंडार है, बल्कि पौष्टिक तत्वों का खजाना भी है। नट्स वो सूखे फल हैं, जिसे खाकर कमजोर व्यक्ति भी एनर्जेटिक महसूस कर सकता है। देखा जाए तो नट्स ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है (1)। इन्हें चलते-फिरते कहीं भी आसानी से खा सकते हैं, जिस वजह से इन्हें मोबाइल फूड के नाम से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य के लिए नट्स के फायदे इसमें मौजूद गुणों और पौष्टिक तत्वों के कारण हैं। ऐसे में हम स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में स्वास्थ्य के लिए नट्स के फायदे के बारे में विस्तार से बताएंगे। साथ ही नट्स का उपयोग और अधिक सेवन के कारण नट्स के नुकसान से जुड़ी जानकारी भी साझा करेंगे। तो नट्स के फायदे, उपयोग और नुकसान से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
शुरू करते हैं लेख
आर्टिकल में सबसे पहले नट्स क्या है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
नट्स क्या है? – What is Nuts in Hindi
सूखे फल और उनके बीज को नट्स के रूप में जाना जाता है। बादाम, काजू, छुआरा, खुबानी, सूखा अंजीर, मुनक्का, पिस्ता और अखरोट आदि नट्स की श्रेणी में आते हैं (2)। इनमें पानी की मात्रा न के बराबर होती है। आपको बता दें कि नट्स प्राकृतिक रूप से सूखे होते हैं। नट्स में वो सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। इसलिए कई बार डॉक्टर संतुलित डाइट चार्ट में इन्हें शामिल करने की सलाह देते हैं।
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आइए अब जानते हैं कि सबसे ज्यादा कौन से नट्स का सेवन किया जाता है।
सबसे ज्यादा खाए जाने वाले नट्स – Most Commonly Consumed Nuts
नट्स की बात करें तो आमतौर से काजू, बादाम, पिस्ता, छुहारा, मखाना, खुबानी, पाइन नट्स, पिंगल फल (हेजलनट) और अखरोट का सेवन सबसे ज्यादा किया जाता है। पिंगल फल को पहाड़ी बादाम भी कहा जाता है। बता दें कि कई लोग पिंगल फल को अखरोट समझने की भूल कर बैठते हैं।
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लेख के इस भाग में नट्स के फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
नट्स के फायदे – Benefits of Nuts in Hindi
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गुणों से भरपूर नट्स का सेवन स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी हो सकता है। यही कारण है कि नट्स से होने वाले फायदों के बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी जा रही है:
1. पोषक तत्वों से भरपूर
नट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। प्रोटीन, फाइबर, फोलेट, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम से समृद्ध नट्स कई गंभीर रोग जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, पित्त की पथरी आदि के जोखिम को कम कर सकते हैं (3)। इस आधार पर नट्स को डाइट में शामिल करना बेहतर माना जा सकता है।
2. एंटीऑक्सीडेंट्स
एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ शरीर के लिए काफी आवश्यक है। दरअसल, फ्री रेडिकल्स से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है, जिस कारण कोशिकाओं को क्षति हो सकती है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे – डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर का जोखिम हो सकता है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में कोशिकाओं की क्षति को रोककर व्यक्ति को लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है।
तो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की कमी को दूर करने के लिए नट्स का सेवन बेहतर विकल्प हो सकता है। खासतौर से बादाम और अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए नट्स का सेवन छिलका समेत करने की सलाह दी जाती है। वहीं, बादाम और मूंगफली के छिलके में एंटीऑक्सीडेंट सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है (3)। दरअसल, नट्स के छिलके में फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं (2)।
3. वजन घटाने में मददगार
वजन को नियंत्रण में रखने के लिए भी नट्स का उचित मात्रा में नियमित रूप से सेवन किया जा सकता है। एनसीबीआई (NCBI-National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, कम कैलोरी डाइट के साथ नट्स का सेवन काफी हद तक वजन कम करने के प्रयास में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है (3)।
दरअसल, नट्स का सेवन करने से लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे बार-बार खाना खाने की इच्छा (Cravings) कम हो सकती है। ऐसा नट्स में मौजूद प्रोटीन, फैट और फाइबर के कारण होता है (2)। इस आधार पर विशेषज्ञ की सलाह से वजन कम करने की डाइट में नट्स को शामिल करना उपयोगी साबित हो सकता है।
4. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित
नट्स खाने का एक फायदा यह भी है कि इससे शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, नट्स में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले प्रभाव होते हैं। इसका सेवन करने से टोटल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL Cholesterol – हानिकारक कोलेस्ट्रॉल), अपोलीपोप्रोटीन बी (Apolipoprotein B) और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का फैट) के स्तर में कमी हो सकती है (4)।
नट्स स्वस्थ वसा के अच्छे स्रोत होते हैं जैसे मोनोअनसैचुरेटेड (Monounsaturated fatty acids) और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट (Polyunsaturated fatty acids)। वहीं, नट्स में सैचुरेटेड फैट (खराब वसा) बहुत कम मात्रा में मौजूद होता है। इनमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड का कॉम्बिनेशन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL Cholesterol) यानी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है (2)। वहीं, शोध में पाया गया है कि काजू का सेवन हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL cholesterol) के स्तर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है (5)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने की डाइट में नट्स को भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि, बेहतर है इसकी मात्रा के लिए विशेषज्ञ की राय भी ली जाए।
5. हृदय रोग
हृदय की सेहत के लिए नट्स का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, नट्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इंफ्लामेशन (सूजन) को कम करके हृदय रोग के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है (6)। नट्स में अनसैचुरेटेड फैट और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को हृदय रोग के जोखिम से बचा सकते हैं। साथ ही यह हानिकारक कोलेस्टेरॉल को कम कर धमनियों में प्लाक जमने से बचाव कर सकता है। जिस कारण कोरोनरी हृदय रोग (Coronary heart disease) से बचाव हो सकता है (2)।
काजू में मौजूद मोनोसैचुरेटेड फैट हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। वहीं, पिस्ता हृदय रोग से बचाव करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें विटामिन बी-6 मौजूद होता है। अखरोट में मौजूद ओमेगा 6 हृदय गति को संतुलित रखने में सहायक हो सकता है। बता दें कि खजूर एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis – धमनी में प्लाक जमने की समस्या) की परेशानी को पनपने से रोक सकता है (7)। ऐसे में स्वस्थ हृदय के लिए डाइट में नट्स को शामिल करना एक आसान और असरदार उपाय हो सकता है।
6. टाइप 2 डायबिटीज
मधुमेह से बचाव में भी नट्स का सेवन फायदेमंद हो सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने भी मधुमेह के रोगियों के आहार चार्ट में नट्स को सबसे पहले जगह दी है। दरअसल, नट्स में मौजूद फाइबर और प्रोटीन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, जिससे शुगर धीरे-धीरे रिलीज होती है। इसके अलावा, नट्स में मैग्नीशियम होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। साथ नट्स मधुमेह में होने वाले जटिलताओं के जोखिम को भी कम कर सकता है (7)।
इस आधार पर कहा जा सकता है कि मधुमेह का जोखिम कम करने या मधुमेह को नियंत्रित करने में नट्स का सेवन उपयोगी हो सकता है। हालांकि सिर्फ नट्स ही नहीं, बल्कि मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम या योग और स्वस्थ जीवनशैली भी आवश्यक है।
7. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
नट्स का सेवन करने से शरीर में रक्त संचार में सुधार देखने को मिल सकता है। एक शोध के मुताबिक, पिस्ता, काजू , किशमिश और बादाम का सेवन ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में सहायक हो सकता है (7)। बता दें कि ब्लड सर्कुलेशन (cardiovascular system) के जरिए शरीर की सभी कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने में मदद होती है (8)।
8. कब्ज की समस्या से छुटकारा
कब्ज पाचन से जुड़ी समस्या है, जिससे नट्स का सेवन करके छुटकारा पाया जा सकता है। कब्ज की समस्या में अखरोट, बादाम और पिस्ता का सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इन सभी नट्स में लैक्सेटिव प्रभाव और फाइबर मौजूद होता है (7)। इस आधार पर कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए नट्स को आहार में शामिल किया जा सकता है।
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आर्टिकल में आगे नट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे।
नट्स के पौष्टिक तत्व – Nuts Nutritional Value in Hindi
नट्स में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यहां हम इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों का जिक्र कर रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3)।
नट्स | ऊर्जा (kcal) | वसा (g) | सैचुरेटेड फैट (g) | मोनोअन सैचुरेटेड फैट (g) | पॉलीअनसैचुरेटेड फैट (g) | लिनोलिक एसिड (g) | प्रोटीन (g) | फाइबर (g) | फोलेट (μg) | कैल्शियम (mg) | मैग्नीशियम (mg) | सेडियम (mg) | पोटेशियम (mg) |
बादाम | 2418 | 50.6 | 3.9 | 32.2 | 12.2 | 12.2 | 21.3 | 8.8 | 29 | 248 | 275 | 1 | 728 |
ब्राजील नट्स | 2743 | 66.4 | 15.1 | 24.5 | 20.6 | 20.5 | 14.3 | 8.5 | 22 | 160 | 376 | 3 | 659 |
काजू | 2314 | 46.4 | 9.2 | 27.3 | 7.8 | 7.7 | 18.2 | 5.9 | 25 | 37 | 292 | 12 | 660 |
हेजलनट्स | 2629 | 60.8 | 4.5 | 45.7 | 7.9 | 7.8 | 15 | 10.4 | 113 | 114 | 163 | 0 | 680 |
मूंगफली | 2220 | 49.2 | 6.8 | 24.4 | 15.6 | 15.6 | 25.8 | 8.5 | 145 | 92 | 168 | 18 | 705 |
पेकान नट्स | 2889 | 72.0 | 6.2 | 40.8 | 21.6 | 20.6 | 9.2 | 8.4 | 22 | 70 | 121 | 0 | 410 |
पाइन नट्स | 2816 | 68.4 | 4.9 | 18.8 | 34.1 | 33.2 | 13.7 | 3.7 | 34 | 16 | 251 | 2 | 597 |
पिस्ता | 2332 | 44.4 | 5.4 | 23.3 | 13.5 | 13.2 | 20.6 | 9.0 | 51 | 107 | 121 | 1 | 1025 |
अखरोट | 2738 | 65.2 | 6.1 | 8.9 | 47.2 | 38.1 | 15.2 | 6.4 | 98 | 98 | 158 | 2 | 441 |
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चलिए, अब नट्स के उपयोग करने के कुछ तरीके के बारे में जानते हैं।
नट्स का उपयोग – How to Use Nuts in Hindi
नट्स को कई तरीकों से आहार में शामिल किया जा सकता है, जिसके बारे में नीचे बताया जा रहा है:
कैसे करें सेवन:
- सारे नट्स का मिश्रण तैयार करके रख लें। इनका सेवन ऐसे ही सीधे तौर पर किया जा सकता है।
- खीर, केक, मिठाई, हलवा आदि में मिलाकर नट्स का सेवन किया जा सकता है।
- मिल्क शेक या स्मूदी में नट्स को शामिल कर सकते हैं।
- नट्स के पाउडर को सूप और सब्जियों में मिला सकते हैं।
- कॉर्नफ्लेक्स या फ्रूट सलाद में नट्स के टुकड़ों को डालकर खा सकते हैं।
कब करें सेवन :
- सुबह नाश्ते में नट्स को शामिल किया जा सकता है।
- शाम को स्नैक्स के साथ थोड़ी मात्रा में नट्स ले सकते हैं।
- नट्स से बने केक को दोपहर में खा सकते हैं।
- नट्स का इस्तेमाल करके बनाई गई खीर का सेवन दोपहर या रात में कर सकते हैं।
कितना करें सेवन:
अमेरिकन डाइटरी गाइडलाइंस के अनुसार हर दिन 30 ग्राम तक नट्स का सेवन किया जा सकता है। अगर ग्राम में मात्रा समझने में असुविधा हो तो आसान शब्दों में, एक स्वस्थ व्यक्ति पूरे दिनभर में मुट्ठीभर नट्स का सेवन कर सकता है (2)। हालांकि, हर किसी की आहार क्षमता उम्र के अनुसार अलग हो सकती है, इसलिए बेहतर है इस विषय में एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह भी ली जाए।
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लेख के इस भाग में नट्स को चयन करने और सुरक्षित रखने के तरीके बता रहे हैं।
नट्स का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
अच्छी क्वालिटी के नट्स खरीदना और इन्हें सुरक्षित रूप से स्टोर करना बहुत जरूरी होता है। चलिए जानते हैं कि नट्स खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और इन्हें कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
अच्छे नट्स की पहचान
- ध्यान रहे नट्स के प्राकृतिक रंग-रूप में किसी भी तरह की असमानता न हो।
- नट्स की खुशबू आपको इनके ताजे होने का सबूत देगी।
- नट्स खरीदते वक्त यह जरूर जांच कर लें कि इनमें फंगस तो नहीं लगा है।
- पैकेट वाला नट्स खरीद रहे हैं तो एक बार पैकिंग की और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
नट्स को लंबे समय तक ऐसे रखें सुरक्षित
- नट्स को हमेशा एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें।
- गुठली या छिलके वाले नट्स (Shell) जैसे अखरोट, कागजी बादाम आदि में एक बात का ध्यान रखें कि जितने नट्स का सेवन करना है उतने की ही गुठली तोड़ें।
- पॉलिथीन में नट्स पैक करके रख सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे इसमें हवा न जाए।
- नट्स हमेशा कम मात्रा में ही खरीदें, ताकि आप हर बार ताजे नट्स खरीद सकेंगे और ज्यादा लंबे समय तक स्टोर करने का झंझट भी नहीं होगा।
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नट्स के फायदे ही नहीं, बल्कि कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। लेख में आगे जानिए नट्स के नुकसान के बारे में।
नट्स के नुकसान – Side Effects of Nuts in Hindi
बेशक नट्स खाने के कई फायदे हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन करने व कुछ विशेष स्थितियों में यह नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। तो नट्स का अधिक सेवन करने से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:
- नट्स को खाने से एलर्जी की समस्या हो सकती है। ड्राई फ्रूट्स के सेवन से होने वाली एलर्जी बड़ों के मुकाबले बच्चों में अधिक देखी जा सकती है (2)।
- नट्स में फाइबर होता है (7)। इसकी अधिकता पेट में ऐंठन और दस्त की समस्या को पैदा कर सकते हैं (9)।
- नट्स में पोषक तत्वों के साथ एफ्लाटॉक्सिन (Aflatoxin) नामक हानिकारक पदार्थ भी मौजूद होता है। नट्स का अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में एफ्लाटॉक्सिन की मात्रा बढ़ती है, जिससे लिवर कैंसर होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही इन्हें आहार का हिस्सा बनाएं (10)।
इस लेख के माध्यम से आप यह जान गए होंगे कि स्वस्थ डाइट के तौर पर नट्स का सेवन किया जा सकता है। नट्स का उपयोग संतुलित मात्रा में करना फायदेमंद हो सकता है। बस ध्यान रहे कि अगर कोई किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, तो नट्स को इसका उपचार मानने की गलती न करें। नट्स का सेवन बीमारी से बचाव में मदद कर सकता है। साथ ही अगर गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही नट्स का सेवन करें। उम्मीद करते हैं यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा होगा। इस लेख को अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ भी शेयर करें, ताकि वो भी नट्स के फायदे जान सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
रोज नट्स खाते हैं, तो क्या होता है?
नट्स शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ कई रोग से बचाव में मदद कर सकता है। इस संबंध में लेख में ऊपर फायदे वाले भाग में विस्तार से जानकारी दी गई है। हालांकि, किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन लाभ के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, नट्स का भी हर रोज सेवन करने से बचें, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है।
क्या नट्स से वजन बढ़ता है?
नट्स को वजन कम करने के लिए प्रभावी माना जाता है (2)। वजन कम करने की डाइट में भी नट्स को शामिल किया गया है। हालांकि, हो सकता है अधिक सेवन से यह वजन बढ़ने का कारण बने, इसलिए बेहतर है नट्स को डाइट में शामिल करने से पहले विशेषज्ञ की भी राय ली जाए।
क्या रात को नट्स का सेवन करना ठीक है?
हां, रात के समय कुछ मात्रा में नट्स का सेवन किया जा सकता है, लेकिन बेहतर होगा कि इसे सुबह या शाम के स्नैक्स के साथ लिया जाए।
References
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- Nuts: Source of energy and macronutrients,
https://www.researchgate.net/publication/6671761_Nuts_Source_of_energy_and_macronutrients - Nuts and seeds,
https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/HealthyLiving/Nuts-and-seeds - Health Benefits of Nut Consumption,
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3257681/ - Nut consumption, lipid profile, and health outcomes,
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4807707/ - Cashew Nut Consumption Increases HDL Cholesterol and Reduces Systolic Blood Pressure in Asian Indians with Type 2 Diabetes: A 12-Week Randomized Controlled Trial,
https://academic.oup.com/jn/article/148/1/63/4823695 - Nuts and Cardiovascular Disease,
https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0033062018300926 - Dry Fruits and Diabetes Mellitus,
https://www.ijmrhs.com/medical-research/dry-fruits-and-diabetes-mellitus.pdf - . How does the blood circulatory system work?,
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279250/ - Fiber,
https://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm - Risks and Benefits of Increased Nut Consumption: Cardiovascular Health Benefits Outweigh the Burden of Carcinogenic Effects Attributed to Aflatoxin B1 Exposure,
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5748805/
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