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पपीता ऐसा फल है, जिसका हर भाग किसी-न-किसी रूप में उपयोग में आता है। इसे बीमारियों से बचाव के साथ ही बाल और त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना गया है। यही कारण है कि स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम पपीता खाने के फायदे से जुड़ी जानकारी रिसर्च के आधार पर लेकर आए हैं। इतना ही नहीं, सावधानी के तौर पर हम पपीता खाने के नुकसान भी बताएंगे।
नीचे पूरी जानकारी है
लेख के पहले भाग में हम पपीता खाने के फायदे विस्तार से बता रहे हैं।
पपीता खाने के फायदे – Benefits of Papaya in Hindi
पपीता गुणों का खजाना है, जिससे सेहत को अनेक फायदे मिल सकते हैं। इन फायदों के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन क्या कहते हैं, उसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है। बस ध्यान दें कि इन फायदों के लिए पके हुए पपीते का ही सेवन करें।
1. शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पपीते के अर्क और अन्य भागों में मौजूद पॉलीफेनोल्स में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों को रोकने में मदद कर सकते हैं (1)।
इसके अलावा, यह शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म कर सकते हैं। यही नहीं, एंटीऑक्सीडेंट को गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (पाचन) की समस्याओं को दूर करने के लिए भी जाना जाता है (1)। साथ ही इसमें कैरोटीनॉयड भी होता है, जो कि एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है (2)।
2. एंटीकैंसर गुण
पपीता के औषधीय गुण कैंसर से बचाव कर सकते हैं। कई संस्थाओं ने इस विषय पर शोध किया है। एक रिसर्च पेपर के अनुसार, पपीते में पेक्टिन कंपाउंड होता है, जो एंटीकैंसर प्रभाव दिखा सकता। यह कंपाउंड कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से रोकने में फायदेमंद हो सकता है (3)।
इसके अलावा, यह कैंसर के लक्षणों को कम करने में भी लाभदायक माना जाता है (3)। ध्यान रहे कि अगर किसी को कैंसर है, तो उसे मेडिकल चेकअप करवा कर उचित इलाज कराना जरूरी है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने पर महज पपीते पर निर्भर नही रहा जा सकता है।
3. स्वस्थ हृदय के लिए
चूहों पर पपीते के असर के संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि पपीते में कार्डियोटॉक्सिसिटी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने वाला प्रभाव होता है। इस कार्डियोटॉक्सिसिटी के कारण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान होता है और हृदय शरीर में रक्त को सही प्रकार से पंप करने में सक्षम नहीं होता है (4)।
साथ ही पपीते के अर्क में कार्डियोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। ये दोनों कार्डियोटॉक्सिसिटी की स्थिति को दूर करने और हृदय को स्वास्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (4)। इसी वजह से पपीता खाने के फायदे में हृदय स्वास्थ्य को भी गिना जाता है।
4. सूजन को कम करने के लिए
गंभीर सूजन आगे चलकर कैंसर, मधुमेह और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों की बीमारी) जैसे विभिन्न रोग का कारण बन सकती है। ऐसे में सूजन की समस्या को दूर करने में पपीता खाने से लाभ हो सकते हैं। एक शोध में पाया गया है कि पपीते के अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो गंभीर सूजन को दूर कर सकता है। साथ ही गंभीर सूजन के कारण होने वाले रोगों के लक्षण भी इससे कम हो सकते हैं (5)।
5. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
पपीते का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए उपचार के रूप में किया जाता है। एक शोध के अनुसार, पपीते में हाइमोपैपेन और पैपेन (Papain) जैसे कंपाउंड होते हैं। इन्हें पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए जाना जाता है। पैपेन से प्रोटीन को तेजी से पचाने में मदद मिल सकती है (6)।
साथ ही पपीते में एंटी अल्सर प्रभाव होता है, जो अल्सर को कम कर सकता है। यही नहीं, पपीते के सेवन से पेट फूलने की समस्या, अपच और कब्ज की समस्या भी दूर हो सकती है। दरअसल, पपीते में मौजूद फाइबर को कब्ज के लिए अच्छा माना जाता है (6)। नूट्रिशनिस्ट नेहा श्रीवास्तव के अनुसार, यह स्वाभाविक रूप से शरीर को डिटॉक्स कर सकता है। साथ ही लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
6. दाद के लिए उपचार
त्वचा संबंधी कई परेशानियों में से एक दाद की समस्या भी है, जो फंगल इंफेक्शन के कारण होती है (7)। एक शोध में पाया गया है कि पपीते में एंटीफंगल प्रभाव होता है (8)। यह फंगल इंफेक्शन के उपचार के साथ ही दाद की शिकायत को दूर कर सकता है। एक अन्य शोध के अनुसार, पपीते के विभिन्न भाग जैसे कि फल, बीज, छाल, जड़ व पत्तियों का उपयोग दाद यानी रिंगवार्म सहित अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभदायक हो सकते हैं (9)।
7. प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए
छोटी-छोटी रक्त कोशिकाओं को प्लेटलेट्स कहा जाता है। ये शरीर में रक्तस्राव को रोकने के लिए खून के थक्के बनाने में मदद करते हैं (10)। इसका काउंट बढ़ाने में पपीता मदद कर सकता है। इस विषय पर हुए शोध में पाया गया कि पपीता, उसके अर्क और अन्य भागों में कारापाइन, मैलिक एसिड, क्विनिक एसिड और क्लिटोरिन जैसे घटक होते हैं। ये सभी घटक प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं (11)।
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए घरेलू उपचार के तौर पर पपीता और पपीते के पत्तों का इस्तेमाल भी किया जाता है (11)। डेंगू के मामले में ज्यादातर फायदे पपीते के पत्तियों के ही देखे गए हैं।
पढ़ते रहें पपीता के लाभ
8. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए
प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने के कारण कई प्रकार की बीमारियां और संक्रमण होने का खतरा रहता है। ऐसे में प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में पपीता की मदद ली जा सकती है। एक शोध के अनुसार, पपीते के अर्क में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनोस्टिमुलेंट (Immunostimulant) गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा सकते हैं (12)।
वहीं, पपीते में विटामिन-सी भी होता है, जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा, विटामिन ए, विटामिन सी और फाइबर से भरपूर पपीता ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन यानी उम्र की वजह से आंखों की रोशनी कम होने के जोखिम को कम करने में भी सहायक हो सकता है (13)।
9. घाव भरने में मददगार
पपीता का लाभ घाव भरने के लिए भी देखे जा सकते हैं। इसी संबंध में मधुमेह से ग्रस्त चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि पपीते के अर्क में वुंड हीलिंग गतिविधि होती है। शोध के अनुसार, इससे मधुमेह से ग्रस्त चूहों के घाव भरने में मदद मिल सकती है (14)। इसके अलावा, प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि सर्जिकल घाव के किनारों पर पपीते के फल की ड्रेसिंग करने से घाव जल्दी भर सकता है (15)।
10. वजन में कमी
पपीता खाने के फायदे वजन को कम करने के लिए भी हो सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो पपीता में एंटी-ओबेसिटी प्रभाव होता है। यह प्रभाव मोटापा को कम करने और वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसी वजह से वजन कम करने के लिए पपीता को फायदेमंद माना जा सकता है (16)। वहीं, कम कैलोरी और उच्च फाइबर युक्त पपीता वजन कम करने का अच्छा विकल्प हो सकता है (17)।
11. गर्भावस्था के लिए
पका हुआ पपीता खाने से लाभ गर्भावस्था के दौरान भी देखे जा सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया है कि पपीता से प्रेगनेंसी में होने वाली मतली, उल्टी और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम हो सकती है (6)। गौर हो कि कच्चे पपीता में मौजूद पपैन एंजाइम भ्रूण के लिए जहर बन सकता है या फिर जन्म दोष का कारण बन सकता है (17)।
12. मधुमेह से राहत
पपीता के फायदे मधुमेह के रोगियों के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, पपीता में एंटी-डायबिटीज गुण होता है, जो रक्त शुगर को कम कर सकता है। इससे मधुमेह की समस्या में कुछ हद तक सुधार हो सकता है (18)। साथ ही पपीता के पत्ते का अर्क में भी एंटी-डायबिटीज गुण होता है, जो मधुमेह के लिए फायदेमंद माना जाता है (19)।
13. डैंड्रफ को नियंत्रित करता है
पपीता डैंड्रफ की समस्या को दूर करने में भी फायदेमंद होता है। कई संस्थाओं के शोधकर्ताओं ने पाया कि पपीते में बायोफ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। ये दोनों ही डैंड्रफ को दूर कर बालों को इससे होने वाले बुरे प्रभाव से बचा सकते हैं (20)। एक अन्य शोध के अनुसार, जिन शैंपू और साबुन में पपीते का अर्क होता है, वो रूसी और बालों को झड़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं (21)।
14. त्वचा की रक्षा करता है
त्वचा के लिए पपीता लाभदायक हो सकता है। एक शोध के अनुसार, पपीते में बायोफ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये दोनों त्वचा को मॉइस्चराइज करने, रंगत और दाग-धब्बों को साफ करने के साथ ही झुर्रियों को कम करने में फायदेमंद हाे सकते हैं (20)।
इसके अलावा, ये आंखों के नीचे के काले घेरे, एक्जिमा और सोरायसिस को ठीक कर सकते हैं। साथ ही टैन को हटाकर मुंहासे को नियंत्रित करने में मददगार माने जाते हैं (20)। यही नहीं लाइकोपीन जो पपीते को नारंगी रंग देता है। यह त्वचा को सूरज के हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचा कर बढ़ती उम्र के लक्षणों कम करने में सहायक माना जाता है (22)।
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पपीता खाने से लाभ होते हैं, यह आप समझ गए होंगे। अब आगे पपीता में मौजूद पोषक तत्वों के बारे जानिए।
पपीते के पौष्टिक तत्व – Papaya Nutritional Value in Hindi
पपीता में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जिनके बारे में नीचे टेबल के जरिए बताया गया है (17) :
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
पानी | 88.1 ग्राम |
ऊर्जा | 43 kcal |
प्रोटीन | 0.47 ग्राम |
फैट | 0.26 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 10.82 ग्राम |
फाइबर | 1.7 ग्राम |
शुगर | 7.82 ग्राम |
कैल्शियम | 20 मिलीग्राम |
आयरन | 0.25 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 21 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 10 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 182 मिलीग्राम |
सोडियम | 8 मिलीग्राम |
जिंक | 0.08 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.04 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.045 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 0.6 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी | 60.9 मिलीग्राम |
थायमिन | 0.023 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.027 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.357 मिलीग्राम |
विटामिन-बी 6 | 0.038 मिलीग्राम |
फोलेट | 37 माइक्रोग्राम |
कोलीन | 6.1 मिलीग्राम |
विटामिन-ए | 47 माइक्रोग्राम |
बीटा कैरोटिन | 274 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए IU | 950 IU |
विटामिन-के | 2.6 माइक्रोग्राम |
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड | 0.081 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.072 ग्राम |
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड | 0.058 ग्राम |
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लेख के अगले भाग में पपीता का उपयोग करने के तरीका बताए गए हैं।
पपीता का उपयोग – How to Use Papaya in Hindi
पपीता के गुण और स्वाद की वजह से लगभग हर भारतीय रसोई में पपीता का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। यहां हम पपीते का उपयोग करने के कुछ सरल और फायदेमंद तरीके बता रहे हैं।
कैसे खाएं :
- पपीता का छिलका निकालकर उसे ऐसे ही खा सकते हैं।
- पपीता का उपयोग जूस बनाने में किया जा सकता है।
- फ्रूट सलाद बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
- पपीता का उपयोग करके उसका स्वादिष्ट हलवा भी बना सकते हैं।
- कई स्थानों पर पके हुए पपीते का उपयोग मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है।
कब खाएं :
पपीता का सलाद बनाकर सुबह नाश्ता में खा सकते हैं।
इसका जूस बनाकर दोपहर में पी सकते हैं।
इससे बने हलवा को रात में खा सकते हैं।
कितना खाएं :
- रोजाना 4 से 5 सर्विंग यानी लगभग 150 ग्राम पपीते का सेवन आदर्श माना जाता है (23)। साथ ही यह प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य व क्षमता पर भी निर्भर करता है।
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आगे जानिए, पपीता खाने के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
पपीता खाने के नुकसान – Side Effects of Papaya in Hindi
जहां एक ओर पपीता के गुण इसे फायदेमंद बनाते हैं, वहीं किन्हीं कारणों से पपीता के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। पपीता खाने के फायदे और नुकसान इसकी मात्रा के साथ ही पपीता कितना पका है, इस पर भी निर्भर करता है। यहां हम पपीते के अनुमानित दुष्प्रभावों के बारे में बता रहे हैं (15)।
- पपीते के लेटेक्स में पपैन नामक कंपाउंड होता है। बड़ी मात्रा में पपैन को मुंह से लेने से गले में भोजन नली को नुकसान हो सकता है।
- पपीते के लेटेक्स को त्वचा पर लगाने से कुछ लोगों में गंभीर जलन और एलर्जी हो सकती है।
- गर्भावस्था में अधपका पपीते का सेवन करने से उसमें मौजूद पपैन भ्रूण के लिए जहर का काम कर सकता है या फिर जन्म दोष का कारण बन सकता है।
- अधिक मात्रा में पपीता खाने से थायराइड की समस्या हो सकती है।
- पपीता रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकता है। सर्जरी के दौरान और बाद में पपीते का सेवन रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसी वजह से सर्जरी से 2 सप्ताह पहले पपीता का सेवन रोक देना चाहिए।
लगभग हर किसी को पसंद आने वाला पपीता स्वाद और सेहत दोनों के हिसाब से बहुत खास होता है। इसका सेवन शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करता है। हालांकि, गंभीर समस्या की स्थिति में इसे लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई सभी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। आगे हम पपीता से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या मैं रोज पपीता खा सकता हूं?
जी हां, कम मात्रा में रोजाना पपीता खा सकते हैं (23)।
क्या पपीता खाने के बाद पानी पी सकते हैं?
पपीता खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। दरअसल, बताया जाता है कि किसी भी खाद्य पदार्थ को खाने के तुरंत बाद पानी पीना हानिकारक हो सकता है (24)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पपीता खाने के तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पाचन तंत्र से संबंधित समस्या हो सकती है।
क्या पपीता त्वचा में निखार ला सकता है?
जी हां, पपीता त्वचा से टैन को हटाकर निखार लाने का काम कर सकता है (20)।
क्या पपीता खाने से शीघ्र मल आ सकता है?
जी हां, कुछ लोगों को पपीता खाने पर शीघ्र ही मल आ सकता है। दरअसल, पपीता में फाइबर होता है (17)। फाइबर मल को मुलायम बनाकर शीघ्र मल त्यागने में मदद कर सकता है (25)।
क्या मैं कच्चा पपीता खा सकता हूं?
हां, कच्चा पपीता सब्जी के रूप में खा सकते हैं, लेकिन फल के रूप पपीता खा रहे हैं, तो हमेशा पका हुआ पपीता ही खाएं।
क्या मैं खाली पेट पपीता खा सकता हूं?
जी हां, खाली पेट पपीता का सेवन किया जा सकता है। कहा जाता है कि इससे पाचन बेहतर होता है। वैसे कुछ लोगों का मानना है कि खाली पेट पपीता खाने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं, इसलिए इसे लेने से पहले एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
References
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