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बच्चों को सही बातें समझाने और अच्छी आदतों में ढालना बड़ा ही आसान होता है। इसी वजह से इन्हें गिली मिट्टी कहा जाता है। बचपन में इन्हें जो परवरिश मिलेगी, बड़े होकर ये वैसे ही बन जाते हैं। तभी तो बच्चों की परवरिश को माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी कहा जाता है। यही कारण है कि इस लेख में हम अच्छे माता-पिता बनने के लिए जरूरी टिप्स लेकर आए हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सबसे पहले बताएंगे कि पॉजिटिव पेरेंटिंग क्या है। उसके बाद अच्छे माता-पिता बनने के लिए जरूरी टिप्स देंगे।
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लेख में सबसे पहले पॉजिटिव पेरेंटिंग क्या है इसके बारे में जानते हैं।
पॉजिटिव पेरेंटिंग क्या है? – What is Positive Parenting?
पॉजिटिव पेरेंटिंग का मतलब बच्चे का लालन-पालन एक अलग ढंग से करने से हैं। यह पेरेंटिंग पूरी तरह से बच्चे के साथ गहरा रिश्ता बनाने, सही तरीके से एक दूसरे से संचार करने और सम्मान देने पर केंद्रित होती है। इस दौरान बच्चे को सिर्फ यह नहीं समझाया जाता है कि उसे क्या करना चाहिए, बल्कि यह भी बताया जाता है कि उसे ऐसा करना क्यों जरूरी है।
इस दौरान बच्चे को आत्म नियंत्रण विकसित करने के तरीके भी सिखाए जाते हैं। बच्चे को डर दिखाकर अनुशासन सिखाने की जगह माता-पिता उनमें सेल्फ डिसिप्लिन विकसित करने की कोशिश करते हैं। पॉजिटिव पेरेंटिंग में नियमों को लेकर खुलकर चर्चा की जाती है और फिर उनका पालन होता है। साथ ही माता-पिता अपनी बातें बच्चों को थोपने की जगह उन्हें अच्छे से सुनने और उनके विचारों को समझने की कोशिश करते हैं।
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आइए, अब अच्छे माता पिता बनने के लिए टिप्स जानते हैं।
अच्छे माता पिता बनने के लिए टिप्स – Positive Parenting Tips In Hindi
अच्छे माता पिता बनने के तरीके कई हो सकते हैं। हम इस लेख में आगे अच्छे माता पिता बनने के लिए टिप्स लेकर आए हैं। इनसे पॉजिटिव पेरेंटिंग में मदद मिलेगी और बच्चों को सही मार्ग दर्शन भी दे पाएंगे।
- गुस्सा करने से बचें : अक्सर माता-पिता अपने आपसी झगड़े का गुस्सा अपने बच्चे पर निकाल देते हैं। ऐसे में कभी-कभी बच्चों को उन बातों के लिए सजा मिल जाती है, जिसे आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है। बस तो माता-पिता को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को अनुशासन सिखाते वक्त अपने पर्सनल या ऑफिस का गुस्सा उन पर न निकालें।
- बच्चों को लालच देने से बचें : माता-पिता अक्सर बच्चों को शरारत करने से रोकने के लिए खिलौने या उनके पसंदीदा खाना से जुड़ा लालच देने लगते हैं। ऐसे में बच्चे सही बर्ताव करने के बजाय अपनी डिमांड माता-पिता के सामने रखने की कोशिश करने लग सकते हैं। वो बार-बार अपनी पसंदीदा चीज न मिलने पर बदमाशियों को दोहराने की धमकी भी दे सकते हैं, इसलिए बच्चों को लालच देने की कोशिश न करें।
- ज्यादा रिएक्ट न करें : बच्चों की गलतियों पर माता-पिता अक्सर जोर-जोर से डांटने या चिल्लाने लगते हैं। ऐसे में बच्चा जब अपनी सफाई में कोई बात रखता है, तो वो माता-पिता सुन नहीं पाते हैं। जब माता-पिता बच्चों पर चिल्लाते हैं, तो बच्चे भी उनकी बातें सुनना बंद कर सकते हैं।
परिणामस्वरूप कई बार वे माता-पिता को तंग करने के लिए और ज्यादा शरारतें करने लगते हैं। ऐसे में बेहतर है कि उनकी किसी गलती पर ज्यादा रिएक्ट करने से बचें। ज्यादा हो, तो उन्हें उनकी गलतियों पर छोटी-मोटी सजा जैसे कि उनका कमरा उनसे साफ कराना, खेलने जाने से रोकने की बात कहकर उन्हें डराना कर सकते हैं।
- प्यार से पेश आएं : बच्चे अपने मन की बात अक्सर किसी को नहीं बताते हैं। ऐसे में बच्चे को यह एहसास कराएं कि आप उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं। इसके अलावा, उनके खाने की पंसद के बारे में पूछें। उसे बैठकर खाना खिलाएं, जब बच्चा उदास हो, तो उन्हें गले लगाएं। इस तरह से अपना वक्त बच्चे के साथ बिताकर उसे अपने प्यार का एहसास दिलाएं।
- उनके साथ खेलें और कहानियां सुनाएं : बच्चों को अपना वक्त दें, उनके साथ खेलें, डांस करें और उन्हें कहानियां सुनाएं। माता-पिता का इस तरह से वक्त बिताना बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ावा दे सकता है। बस इस दौरान बच्चों का एक रूटीन जरूर बनाएं। सिर्फ उसी रूटीन टाइम में उनके साथ एक्टिविटी करें और बाकी के समय उन्हें पढ़ने व अन्य कार्य के लिए प्रेरित करें।
- व्यायाम और मेडिटेशन करें : पॉजिटिव पेरेंटिंग के लिए माता-पिता का सकारात्मक रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि जब माता-पिता तनाव में होंगे, तो उसका असर कहीं-न-कहीं बच्चे पर भी पड़ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि माता-पिता अपने तनाव को दूर करने या कम करने के लिए व्यायाम और मेडिटेशन करें। इसमें अपने साथ बच्चे को भी शामिल करें। इससे न सिर्फ माता-पिता का, बल्कि बच्चे का भी मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। ध्यान रहे कि बच्चे को व्यायाम कराने से पहले इस बारे में विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें और पहली बार किसी एक्स्पर्ट की देखरेख में ही व्यायाम कराएं।
- दूसरे बच्चे से तुलना न करें : अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से बिल्कुल न करें। ऐसा करने से उनके मन में हीन भावना उत्पन्न हो सकती है। इसका असर उनके व्यवहार को चिड़चिड़ा बना सकता है। इसके अलावा, वे लड़ाई-झगड़े भी कर सकते हैं। इससे बेहतर है कि बच्चे को ये समझाने का प्रयास करें कि हर कोई अपने आप में स्पेशल होता है। हर किसी की अलग-अलग खूबी होती है, इसलिए कभी खुद को दूसरों से कम समझने की भूल न करे।
- लोगों के सामने डांटने से बचें : बच्चों की शैतानियों पर अक्सर माता-पिता डांट लगा देते हैं। ऐसे में पॉजिटिव पेरेंटिंग के लिए माता-पिता को इस बात का ध्यान रखने की आवश्यकता है कि वे बच्चों को सबके सामने न डांटें। सबके सामने डांट सुनने से उनके आत्मसम्मान को ठेस लग सकती है और वे शर्मिंदा महसूस कर सकते हैं। साथ ही उनके आत्मविश्वास पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें एकांत में उनके व्यवहार के बारे में बताएं और समझाएं।
- अपने सपने न थोपें : बच्चों पर अपने सपने और उम्मीदें न थोपें। हर किसी की अपनी-अपनी योग्यता होती है, कोई पढ़ाई में अव्वल, तो कोई खेल में आगे। बस तो अपने बच्चे को समझने का प्रयास करें, न कि उनपर अपनी किसी उम्मीदों का बोझ डालें। आगे चलकर वो जिस क्षेत्र में भी जाना चाहें, उसमें सहयोग दें। हां, अगर वे किसी तरह का गलत फैसला करते हैं, तो उन्हें समझाकर सही रास्ता दिखाएं।
- मिसाल बनें : बच्चे माता-पिता की परछाई से कम नहीं होते हैं। ऐसे में अपने बच्चे को आगे जिस तरह से देखना चाहते हैं, माता-पिता को पहले खुद भी वैसा ही होना होगा। हमेशा बच्चों के सामने माता-पिता को कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे वो खुद बच्चों के लिए एक मिसाल बनें। इसे देखकर बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और वो माता-पिता के नक्शेकदम पर चलने का प्रयास कर सकते हैं।
- बच्चे के दोस्त बनें : दोस्ती के रिश्ते में हर इंसान के लिए अपने दोस्त से अपनी सारी परेशानियां और चिंताओं को साझा करना आसान होता है। यही वजह है कि माता-पिता को बच्चों का दोस्त बनने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए माता-पिता उनके साथ वक्त बिताएं और उनकी बातों को समझें और सुख-दुख बच्चों संग साझा करें। कुछ वक्त के लिए उनके साथ उनके पसंददीदा खेल भी खेलने का प्रयास करें। ऐसा करने से बच्चों के साथ माता-पिता का रिश्ता मजबूत होगा।
- उपहार दें : बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें कभी-कभी उपहार भी दे सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे खुश होने के साथ ही प्रेरित होकर सही दिशा में काम करने की कोशिश करेंगे। उपहार के तौर पर बच्चों को कहीं पिकनिक पर ले जा सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें टॉफी या चॉकलेट भी दे सकते हैं। बस ध्यान रहे कि बच्चे को लालच बिल्कुल नहीं देना है। कभी-कभी जरूरत की कोई चीज देकर सिर्फ प्रोत्साहित करना है। साथ ही ध्यान रहे कि गिफ्ट ज्यादा महंगा न हो।
- पिकनिक पर ले जाएं : बच्चों के साथ माता-पिता थोड़ा-सा वक्त निकालकर कोई ट्रिप प्लान करें। आप चाहें तो थोड़े वक्त के लिए आस-पास की जगह पर पिकनिक के लिए भी उन्हें ले जा सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे खुश तो होंगे ही और साथ में वक्त बिताने के कारण उनके मन में माता-पिता के लिए लगाव भी बढ़ेगा।
- बच्चों के साथ अपनी यादें बनाएं : माता-पिता के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो अपने बच्चों के साथ खूबसूरत यादें बनाएं। उनके स्कूल का पहला दिन हो, उनका रिजल्ट हो या एनुअल डे, इन सभी खास पलों में बच्चे के साथ रहें। इन लम्हों को बच्चों के साथ खूबसूरत यादों की तरह कैमरे में कैद भी कर सकते हैं।
- छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सिखाएं : माता-पिता को अपने बच्चों को उनकी छोटी-छोटी जिम्मेदारियां समझाना भी आवश्यक है। यह उनके आने वाले भविष्य में काम आ सकती हैं। इसमें बच्चों को साफ-सफाई, घर के काम, पैसों की अहमियत के बारे में बताना जरूरी है। इसके अलावा, बाहर किन चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे कि गुड टच और बैड टच जैसे गंभीर विषयों को भी सही तरीके से बताएं।
- खुद को दें मी टाइम : बच्चों को वक्त देने और उनका ख्याल रखने के दौरान माता-पिता खुद को अक्सर वक्त देना भूल जाते हैं। हर माता-पिता का यह समझना जरूरी है कि अगर वो खुद को प्यार, वक्त और खुशी नहीं दे पाएंगे तो वो अपने बच्चों के साथ सही तरह से खुशियां को बांट नहीं पाएंगे। ऐसे में जरूरी है कि प्रत्येक माता-पिता अपने लिए वक्त जरूर निकालें। इसमें वो अपने पसंददीदा काम कर सकते हैं, जिनमें उन्हें खुशी मिले।
- आपसी संबंध पर ध्यान दें : माता-पिता का आपसी संबंध और व्यवहार भी बच्चों पर असर डालता है। इसी वजह से माता-पिता को अपने रिश्ते पर भी ध्यान देना चाहिए। बच्चों के सामने लड़ाई झगड़ा करने से बचें। इसके अलावा, आपस में अपशब्द का इस्तेमाल न करें। उनके सामने आपस में जोर-जोर से न चिल्लाएं। अगर माता-पिता आपस में प्रेम और सम्मान से बात करेंगे, तो बच्चे को दूसरों के साथ कैसा व्यवहार रखना चाहिए, यह सीखने में मदद मिलेगी।
- संगति पर ध्यान दें : माता-पिता को बच्चे की संगति पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों में दूसरे दोस्तों की संगति का असर जल्दी नजर आता है। ऐसे में बच्चे के आस-पड़ोस के दोस्त कैसे हैं, इसके बारे में जरूर जानें। इसके अलावा, उनके स्कूल के दोस्तों के बारे में भी जानकारी रखें।
इसमें जरा-सी भी लापरवाही बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। हफ्ते में कम-से-कम एक बार बच्चे के स्कूल जाएं या उनके खेलने की जगह पर उनके साथ जाएं। चाहें तो हफ्ते में एक बार उनके दोस्तों को अपने यहां खेलने या शाम के स्नैक्स के लिए बुलाकर उनके साथ बात करें।
- सीमा तय करें : बच्चे को प्यार दुलार करना अच्छा है, लेकिन अपने बच्चे को एक सीमा का भी एहसास कराएं। जरूरत से ज्यादा प्यार भी बच्चे के बिगड़ने का कारण बन सकता है। ऐसे में थोड़ा अनुशासन और थोड़ा प्यार, इन दोनों का संतुलन बनाकर रखें। बच्चे को सही दिनचर्या, समय पर सोने-उठने की आदत और सही व्यवहार व आचरण के बारे में बताएं।
- हर उम्र में निभाएं अपनी जिम्मेदारी : बच्चे को अपने माता-पिता की जरूरत जिंदगी के हर कदम पर पड़ती है। फिर चाहे बच्चा छोटा हो या फिर बड़ा। बच्चों के प्रति माता-पिता की जिम्मेदारियां कभी समाप्त नहीं होती है। ऐसे में उन्हें उनके उम्र के हर पड़ाव में सही गलत पर सीख देते रहें।
ध्यान रहे सीख देने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि माता-पिता हर वक्त उनके पीछे पड़े रहें। हां, अगर वो कोई गलत फैसला लें, तो उन्हें समझाकर सही तरीके से गाइड करें। वहीं, अगर वे कोई निर्णय लेते हैं, जो उनके लिए वाकई में सही है, तो उनका पूरा सहयोग करें।
तो ये थे अच्छे माता-पिता बनने के लिए टिप्स। ये काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं। लेख में बताए गए पॉजिटिव पेरेंटिंग को अपनाकर माता-पिता अपने बच्चे की सही तरीके से परवरिश की दिशा में एक बेहतरीन कदम रख सकते हैं। ऐसा करना सिर्फ अच्छे माता-पिता बनने के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए सहायक साबित हो सकता है। हम आशा करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। ऐसे ही अन्य रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज के साथ।
अच्छे माता-पिता बनने के लिए टिप्स ऊपर लेख में बताए गए हैं, जो काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं। लेख में बताए गए पॉजिटिव पेरेंटिंग को अपनाकर माता-पिता अपने बच्चे के दिशा में एक बेहतरीन कदम रख सकते हैं। ऐसा करना सिर्फ अच्छे माता पिता बनने के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए सहायक साबित हो सकते हैं। हम आशा करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। ऐसे ही अन्य रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज के साथ।
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