Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

कई सारे ऐसे तेल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होते हैं। इन्हीं में से एक है पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने का तेल, इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है। दरअसल, पुदीने का तेल स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। हालांकि, कई लोग होंगे जो पिपरमेंट के तेल के फायदे से अनजान होंगे। ऐसे में, स्टाइलक्रेज के पेपरमिंट ऑयल इन हिंदी के इस लेख में हम शरीर के लिए पेपरमिंट ऑयल के फायदे के बारे में बताएंगे। साथ ही सीमित मात्रा में इसका इस्तेमाल न करने पर पुदीने के तेल के नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

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पेपरमिंट ऑयल इन हिंदी के इस लेख में सबसे पहले जानेंगे पुदीना का तेल क्या है।

पुदीना का तेल क्‍या है? – What is Peppermint Oil in Hindi

जैसा कि नाम सुनकर ही समझ आ रहा होगा कि पेपरमिंट ऑयल पेपरमिंट की पत्तियों से बनाया जाता है। यह साधारण पेपरमिंट नहीं होता, बल्कि इसे वाटरमिंट और स्पीयरमिंट पुदीना के इन दो प्रकारों को मिलाकर बनाया जाता है। पेपरमिंट ऑयल में मेंथॉल की अधिक मात्रा होने की वजह से इसकी महक भी मेंथॉल की ही तरह होती है। यह रंग में हल्का पीला और तरलता में पानी की तरह होता है (1)। पुदीने के तेल का उपयोग कई चीजों के लिए किया जाता है, जिसके बारे में हम लेख के आने वाले भागों में बताएंगे।

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आगे जानिए स्वास्थ्य के लिए पुदीने के तेल के फायदे।

पुदीने के तेल के फायदे – Benefits of Peppermint Oil in Hindi

अब हम लेख के इस भाग में स्वास्थ्य के लिए पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने के तेल के फायदे साझा कर रहे हैं। ध्यान रहे पेपरमिंट ऑयल किसी बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि बीमारी से बचाव और लक्षणों को कम करने में उपयोगी हो सकता है। अब पेपरमिंट ऑयल के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

1. पाचन शक्ति बेहतर करे

पेपरमिंट ऑयल इन हिंदी के इस लेख में पुदीना तेल को पाचन शक्ति बेहतर करने में लाभकारी माना गया है। पेपरमिंट ऑयल का उपयोग विभिन्न प्रकार की पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कि पेट दर्द की समस्या, पेट फूलना, दस्त की परेशानी, अपच, मतली और उल्टी के लिए उपयोग किया जाता रहा है। साथ ही यह एंटीस्पास्मोडिक (एंठन को कम करने वाला गुण) के तौर पर भी उपयोग किया जा सकता है, जो गैस और ऐंठन को कम करने में मदद कर सकता है (1)।

इसके अलावा, जानवरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पिपरमिंट ऑयल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) से जुड़ी समस्या से राहत दिलाने में सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है (2)। बता दें कि पेपरमिंट को पाचन शक्ति में सुधार करने के लिए सबसे पुरानी और उपयोगी जड़ी-बूटियों में से एक माना गया है (2)। ऐसे में इस आधार पर मान सकते हैं कि पेपरमिंट ऑयल पाचन शक्ति को बेहतर करने में मदद कर सकता है।

2. श्वसन तंत्र के लिए पुदीना तेल

पिपरमेंट के तेल के फायदे, में बंद नाक से राहत भी शामिल है। पुदीने का तेल बंद नाक को खोलकर बेहतर तरीके से सांस लेने में मदद कर सकता है। यह फेंफडों को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। साथ ही यह लंग्स में हवा के फ्लो को बेहतर कर सकता है। आसान शब्दों में समझें तो यह फेफड़ों में ऑक्सीजन लेने की क्षमता को बढ़ा सकता है। साथ ही, पुदीने के तेल का उपयोग करने से श्वसन तंत्र की मांसपेशियां मजबूत बन सकती है। यही वजह है कि इसका उपयोग इन्हेलर व जुखाम की दवाइयों में भी किया जा सकता है (1)।

3. सिरदर्द कम करे

अगर चिंता की वजह से सिरदर्द बना रहता है, तो पेपरमिंट ऑयल का उपयोग किया जा सकता है। एक शोध में पता चला है कि चिंता के कारण हो रहे सिरदर्द को कम करने में पुदीने का तेल मददगार हो सकता है। इसके प्रभावों को सिरदर्द के लिए बनी एलोपैथिक दवाइयों जितना प्रभावशाली माना गया है (3)। ऐसे में माना जा सकता है कि सिरदर्द से राहत पाने में पुदीना के तेल के फायदे देखे जा सकते हैं।

4. रक्त संचार बढ़ाए

रक्त संचार को बढ़ाने में पिपरमेंट के तेल के फायदे देखे जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार पेपरमिंट तेल त्वचा पर लगाने से यह त्वचा के रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकता है (1)। दरअसल, यह आसानी से त्वचा में अवशोषित होकर ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मदद कर सकता है (4)।

5. मौखिक स्वास्थ्य के लिए

मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए पेपरमिंट ऑयल का उपयोग लाभकारी हो सकता है। शोध की मानें तो पुदीना के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं, जो मुंह में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकते हैं। इसके साथ ही सांसों की दुर्गंध से बचाव करके मुंह में ताजगी बनाए रखने का काम कर सकते हैं (1)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन सांसों की दुर्गन्ध से बचाव के लिए पुदीना का तेल युक्त स्प्रे का उपयोग किया जा सकता है।

6. तनाव और दर्द से आराम

चिंता से हो रहे सिरदर्द के अलावा, पुदीने का तेल थकान या काम के वजह से हो रहे तनाव और दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार साबित हो सकता है। माना जाता है कि पेपरमिंट ऑयल व्यक्ति के सेंट्रल नवर्स सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव डालकर तनाव और थकान के दर्द से आराम दिला सकता है। इनके लिए पेपरमिंट ऑयल की अरोमाथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, पेपरमिंट ऑयल में एंटीस्पास्मोडिक यानी ऐंठन को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है जो दर्द व ऐंठन से राहत दिला सकता है (1)। इसलिए कई दर्दनिवारक बाम में भी पेपरमिंट ऑयल का उपयोग किया जाता है।

7. साइनस के लिए पेपरमिंट ऑयल

साइनस में होने वाली सूजन को साइनसाइटिस कहा जाता है। यह संक्रमण के कारण हो सकता है। इसमें बंद नाक, बुखार, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं (5)। ऐसे में साइनसाइटिस के लक्षणों से आराम पाने में पुदीना का तेल लाभकारी हो सकता है। दरअसल, पुदीने को साइनस के लिए उपयोगी माना गया है ।

इसके अलावा, हमने पहले ही जानकारी दी है कि पुदीने का तेल बंद नाक के लिए उपयोगी हो सकता है (1)। वहीं, बंद नाक साइनस के लक्षणों में से एक है। इस आधार पर माना जा सकता है कि साइनस में पुदीने के तेल का उपयोग लाभकारी हो सकता है। ऐसे में अरोमा थेरेपी के तौर पर इसका उपयोग किया जा सकता है।

8. मांसपेशियों को आराम पहुंचाए

पुदीना के तेल का उपयोग मांसपेशियों को आराम दिलाने व थकान को कम करने में लाभकारी साबित हो सकता है। पुदीना में एंटी-स्पास्मोडिक और दर्दनिवारक गुण होते हैं, जो मांसपेशियों की ऐंठन और दर्द को दूर कर सकते हैं (1)। इसके लिए पेपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें प्रभावित हिस्सों पर लगाकर हल्के हांथों से मालिश कर सकते हैं। ऐसा करने से मांसपेशियों को राहत पहुंचाने में पुदीना के तेल के फायदे देखे जा सकत हैं।

9. मतली से आराम

एक वैज्ञानिक प्रयोग में जी मिचलाने से आराम पाने के लिए पेपरमिंट ऑयल के फायदे देखे गए हैं। इस प्रयोग में यह पाया गया कि पुदीना के तेल की अरोमाथेरेपी लेने से मतली से आराम मिल सकता है (6)। यहां, इसमें मौजूद एंटी-एमेटिक गुण (उल्टी और मतली को कम करने वाला प्रभाव) को उपयोगी मान सकते हैं, जो मतली के प्रभाव को कम कर बेहतर महसूस कराने में मददगार हो सकता है (1)। ऐसे में माना जा सकता है कि मतली की समस्या में पुदीने के तेल के फायदे देखे जा सकते हैं।

10. एलर्जी और संक्रमण से बचाव

पुदीना के तेल का उपयोग कई प्रकार की एलर्जी व संक्रमण से आराम दिलाने में लाभदायक साबित हो सकता है। इसमें मौजूद मेंथॉल, एलर्जी पर प्रभावकारी हो सकता है। साथ ही पेपरमिंट ऑयल में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया और फंगस से बचाव का काम कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे संवेदनशील लोगों को पुदीने के तेल से एलर्जी भी हो सकती है (1)। ऐसे में बेहतर है इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह लें और त्वचा पर उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।

11. इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम

इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है जो बड़ी आंत को प्रभावित करती है। इस दौरान व्यक्ति के पेट में ऐंठन, सूजन, दस्त व कब्ज की समस्या भी हो सकती है (7)। इससे जुड़ी जानकारी में इस बात का जिक्र मिलता है कि पेपरमिंट ऑयल का उपयोग इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों से राहत दिला सकता है (1)। हालांकि, इसके पीछे इसका कौन सा गुण मददगार हो सकता है, यह अभी शोध का विषय है।

12. त्वचा में जलन और खुजली

पेपरमिंट ऑयल बेनेफिट्स इन हिंदी के इस लेख में त्वचा के लिए भी इसे उपयोगी माना गया है। दरअसल त्वचा में खुजली की समस्या से राहत पाने के लिए त्वचा पर पेपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार पेपरमिंट ऑयल में पाए जाने वाला मेंथॉल त्वचा को ठंडक पहुंचा सकता है, इसके अलावा, प्रभावित हिस्से पर इसे लगाने से जलन व खुजली को कम किया जा सकता है (1)।

13. घाव भरने के लिए

पेपरमिंट ऑयल घाव भरने में भी सहायक हो सकता है। चूहों पर किए गए अध्ययन में पेपरमिंट ऑयल से तैयार किए गए मलहम को घाव पर लगाने से इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। इसके पीछे इसमें मौजूद एंटी माइक्रोबियल, एंटी वायरल, एंटी फंगल गुण लाभकारी हो सकते हैं (8)।

इसके अलावा, हमने पहले ही जानकारी दी है कि यह त्वचा में होने वाले जलन व खुजली के लिए उपयोगी हो सकता है। इस आधार पर माना जा सकता है कि यह घाव भरने में सहायक हो सकता है (1)। हालांकि, घाव अगर गंभीर हो तो बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से परामर्श लें और डॉक्टरी चिकित्सा को प्राथमिकता दें।

14. गर्भावस्था में जी मिचलाना व उल्टी से राहत

गर्भावस्था में जी मिचलाना और उल्टी होना आम समस्या है (9)। ऐसे में इससे राहत पाने के लिए उपचार के तौर पर अरोमाथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। शोध की मानें तो पेपरमिंट ऑयल को सूंघने से गर्भावस्था के दौरान होने वाली मतली और उल्टी की समस्या में आराम मिल सकता है (10)।

साथ ही हमने पहले ही जानकारी दी है कि इसका उपयोग मन को शांत करने में भी प्रभावकारी हो सकता है। ऐसे में गर्भावस्था में पेपरमिंट ऑयल अरोमा थेरेपी लाभकारी हो सकता है। हालांकि, बेहतर है इसके उपयोग से पहले गर्भवती एक बार डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें।

15. एंटी-माइक्रोबियल गुण

पुदीना का तेल एंटी-माइक्रोबियल यानी बैक्टीरिया से बचाने वाले गुणों से भरपूर होता है। इसमें मौजूद मेंथॉल में भी यह प्रभाव पाया जाता है। ऐसे में यह शरीर को किसी भी तरह के बैक्टीरिया से बचाने में सहायक हो सकता है। इतना ही नहीं इसके उपयोग से फंगस व कैंडिडा जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है (1)।

16. त्वचा स्वास्थ्य के लिए

पेपरमिंट ऑयल इन हिंदी के इस लेख में पुदीने के तेल को त्वचा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना गया है। जानकारी के अनुसार पेपरमिंट ऑयल फटी त्वचा को ठीक करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इसके पीछे कौन से गुण प्रभावकारी हैं, इसके लिए वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, लेकिन त्वचा की फटने की हल्की-फुल्की समस्या में पेपरमिंट ऑयल युक्त क्रीम या लोशन का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, संवेदनशील त्वचा या फिर जो लोग पहली बार त्वचा पर पेपरमिंट ऑयल का उपयोग कर रहे हैं तो वे लोग एक बार पैच टेस्ट अवश्य कर लें।

17. बालों के लिए लाभकारी

बालों के लिए पुदीना का तेल अच्छा हो सकता है। कुछ हफ्तों तक जानवरों पर किए गए शोध में पुदिना के तेल का उपयोग बालों के विकास में उपयोगी पाया गया। वहीं ये भी बताया गया है कि पुदीने के तेल का उपयाेग मनुष्यों में बालों के झड़ने के लिए चिकित्सीय या वैकल्पिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (4)।

इस आधार पर हम कह सकते हैं कि पुदीना का तेल बालों के लिए अच्छा हो सकता है। हालांकि, अगर किसी को बालों से जुड़ी गंभीर समस्या है तो बेहतर है पुदीने के तेल पर निर्भर न करते हुए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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पेपरमिंट ऑयल इन हिंदी के इस लेख में अब जानेंगे पुदीने के तेल के उपयोग से जुड़ी जानकारी।

पुदीना के तेल का उपयोग – How to Use Peppermint Oil in Hindi

पुदीना के तेल का उपयोग कई क्रीम्स, लोशन दवाइयों और इन्हेलर्स में होता है। इसके अलावा, पेपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल घरेलू तौर पर भी कर सकते हैं। ये कुछ इस प्रकार हैं:

  • डिफ्यूजर में कुछ बूंदें डालकर अरोमाथेरेपी ले सकते हैं।
  • मांसपेशियों की मसाज उपयोग किया जा सकता है।
  • स्कैल्प की मसाज कर सकते हैं।
  • फेस पैक में उपयोग किया जा सकता है।
  • हेयर मास्क में भी उपयोग किया जा सकता है।
  • मॉइस्चराइजर में मिलाकर लगाया जा सकता है।

आगे अभी और है

पुदीना के तेल का उपयोग के बाद अब जानते हैं पुदीना के तेल के नुकसान के बारे में।

पुदीने के तेल के नुकसान – Side Effects of Peppermint Oil in Hindi

जहां एक तरफ पुदीना का तेल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, वहीं इसके अधिक उपयोग से कुछ नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। पुदीना के तेल का उपयोग अगर सही और सीमित मात्रा में न किया जाए, तो उससे नीचे बताए गए नुकसान हो सकते हैं (11):

  • गैस की समस्या
  • मतली और उल्टी
  • शरीर में कंपन
  • अवसाद
  • लिवर में समस्या
  • सांस लेने में तकलीफ
  • पेट दर्द
  • दस्त की समस्या
  • मूत्र में रक्त आना
  • चक्कर आना
  • बेहोशी
  • शरीर का संतुलन बनाए रखने में समस्या
  • विषाक्त प्रभाव
  • जानकारों की माने तो बच्चों को खसतौर पर 7 साल से कम उम्र के बच्चों को इसका उपयोग न कराएं।
  • डॉक्टरों के अनुसार गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पुदीने के तेल का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं, गर्भवती मतली के लिए पुदीने के तेल का डिफ्यूजर या अरोमा थेरेपी लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
  • डॉक्टरों के अनुसार हर्निया व पित्ताशय के रोग से पीड़ित मरीजों को भी इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
  • इसका उपयोग आंखों में भूलकर भी न करें।

नोट: इसका सही डाइलूशन होना भी जरूरी है। शरीर के जिस भी अंग में पुदीने के तेल का उपयोग कर रहे हैं, उसी अंग के अनुसार डाइलूशन होना चाहिए। वहीं, स्वस्थ व्यक्ति के लिए इसकी मौखिक खुराक आमतौर पर 6 बूंद तक हो सकती है (11)। हालांकि, बेहतर है इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की सलाह ली जाए। इसका कारण यह है कि सभी का शरीर अलग होता है। ऐसे में हो सकता है किसी को यह सूट करे और किसी को नहीं। ऐसे में इसके उपयोग से पहले डॉक्टरी सलाह आवश्यक है।

अब तो आप पुदीने के तेल के फायदे जान गए होंगे। पेट की समस्या से आराम पाना हो, बालों का झड़ना कम करना हो या निखरी खूबसूरत त्वचा पानी हो, इस तरह की सामान्य समस्याओं के लिए पुदीने के तेल का उपयोग कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि किसी भी चीज का अत्यधिक उपयोग नुकसानदायक हो सकता है। ऐसा ही कुछ पेपरमिंट ऑयल के साथ भी है। अगर सीमित मात्रा में उपयोग न किया जाए, तो पुदीना के तेल के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। तो इसका सुरक्षित तरह से उपयोग करें और इस लेख को अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या पेपरमिंट ऑयल बग यानी कीड़ा भगाने में उपयोग किया जा सकता है?

एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध में पेपरमिंट ऑयल को कई प्रकार के मच्छरों या मख्खियों के लिए उपयोगी माना गया (12)। ऐसे में माना जा सकता है कि ये बग यानी कीड़े भगाने में सहायक हो सकता है।

क्या पेपरमिंट ऑयल इंसानों के लिए हानिकारक है?

जी बिल्कुल नहीं, पेपरमिंट ऑयल से कई फायदे हो सकते हैं जिसकी विस्तृत रूप से चर्चा ऊपर लेख में की गई है। हालांकि, इसके अत्यधिक उपयोग से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

क्या पुदीने का तेल बालों के विकास के लिए अच्छा है?

हां, पुदीना के तेल से स्कैल्प पर मालिश करने से ये बालों के विकास में मदद कर सकता है (4)।

क्या त्वचा पर पुदीने के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है?

हां, बिल्कुल त्वचा पर पुदीने के तेल का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन संवेदनशील त्वचा वाले लोग इसे इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें।

क्या पेपरमिंट ऑयल गैस की समस्या से राहत दिला सकता है?

हां, पेपरमिंट ऑयल से गैस की समस्या से निजात मिल सकता है (1)।

क्या पुदीने का तेल का सेवन किया जा सकता है?

हां, पुदीने का तेल का सेवन किया जा सकता है। इससे जुड़ी जानकारी में पुदीने के तेल के सेवन को सुरक्षित माना गया है। हालांकि, बेहतर होगा इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।

क्या पेपरमिंट ऑयल नींद के लिए उपयोगी हो सकता है?

हां, सोने से पहले अपने माथे पर 2-3 बूंद पेपरमिंट ऑयल लगाने या तकिए पर स्प्रे करने से अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, हमने पहले ही जानकारी दी है कि यह तनाव पर प्रभावकारी हो सकता है (1)। वहीं, तनाव के कारण अनिद्रा की समस्या हो सकती है (13)। इस आधार पर माना जा सकता है कि पुदीने का तेल तनाव को कम कर अच्छी नींद में सहायक हो सकता है।

References

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  1. Therapeutic Uses of Peppermint –A Review
    https://www.jpsr.pharmainfo.in/Documents/Volumes/vol7Issue07/jpsr07071524.pdf
  2. Physiological and pharmaceutical properties of peppermint as a multipurpose and valuable medicinal plant
    https://www.researchgate.net/publication/286456268_Physiological_and_pharmaceutical_properties_of_peppermint_as_a_multipurpose_and_valuable_medicinal_plant
  3. [Peppermint oil in the acute treatment of tension-type headache]
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27106030/
  4. Peppermint Oil Promotes Hair Growth without Toxic Signs
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4289931/#B020
  5. Sinusitis
    https://medlineplus.gov/sinusitis.html
  6. The Use of Peppermint Oil to Reduce the Nausea of the Palliative Care and Hospice Patient
    https://digitalcommons.gardner-webb.edu/cgi/viewcontent.cgi?article=1142&context=nursing_etd
  7. Irritable Bowel Syndrome
    https://medlineplus.gov/irritablebowelsyndrome.html
  8. Topical application of Mentha piperita essential oil accelerates wound healing in infected mice model
    https://www.researchgate.net/publication/326234026_Topical_application_of_Mentha_piperita_essential_oil_accelerates_wound_healing_in_infected_mice_model
  9. Morning sickness
    https://medlineplus.gov/ency/article/003119.htm#:~:text=Morning%20sickness%20is%20very%20common,vomiting%20through%20their%20entire%20pregnancy.
  10. Effect of Aromatherapy with Peppermint Oil on the Severity of Nausea and Vomiting in Pregnancy: A Single-blind, Randomized, Placebo-controlled trial
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5960050/
  11. A REVIEW ON PEPPERMINT OIL
    https://www.researchgate.net/profile/Alankar-Shrivastava/publication/237842903_A_REVIEW_ON_PEPPERMINT_OIL/links/00b7d51be7ec239993000000/A-REVIEW-ON-PEPPERMINT-OIL.pdf
  12. Plant essential oils and potassium metabisulfite as repellents for Drosophila suzukii (Diptera: Drosophilidae)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4759814/
  13. Stress and your health
    https://medlineplus.gov/ency/article/003211.htm
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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