Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

जब तक खाने में मसाले न डाले जाएं, तब तक खाने का स्वाद नहीं आता। मसालों की तरह ही धनिया पत्ते का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे डालने से सब्जी या दाल का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस आर्टिकल में हम किसी मसाले या धनिया पत्ता की बात करेंगे, लेकिन नहीं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम सेज के पत्ते पर चर्चा करेंगे। मसालों की तरह यह भी खाने का स्वाद बढ़ाने में फायदेमंद है। साथ ही स्वास्थ्य को लेकर भी यह फायदेमंद है। इस लेख में हम सेज के पत्ते क्या हैं और सेज के तेल के फायदे के बारे में विस्तार से बताएंगे।

इस आर्टिकल की शुरुआत भी हम सेज के पत्ते के परिचय से करेंगे।

सेज क्या है? – What is Sage in Hindi

सेज के पत्ते को तेज पत्ता के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम साल्विया ऑफिसिनैलिस (Salvia officinalis) है और यह मिंट के परिवार से संबंधित है। इसे ज्यादातर लोग मसाले के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह गुणकारी औषधि की तरह भी काम कर सकता है। सेज का तेल भी बनाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। साथ ही यह कई तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलाने में भी आपकी मदद कर सकता है।

सेज के प्रकार के बारे में जानने के लिए, पढ़ते रहें यह लेख।

सेज के प्रकार – Types Sage in Hindi

विश्वभर में सेज की 900 से भी ज्यादा प्रकार पाए जाते हैं, लेकिन यहां हम कुछ प्रमुख प्रकारों के बारे में बता रहे हैं (1):

  1. गार्डन सेज– यह सबसे पहले यूरोप में पाया गया। इसका पौधा बेहतरीन जड़ी-बूटी की तरह काम करता है। सेज के पत्ते मखमली होते हैं और इनका रंग हरा व चांदी जैसा होता है। इसमें सफेद, नीले और बैंगनी फूल खिलते हैं।
  1. कैनरी आइलैंड सेज– इसे अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी तट में पहली बार देख गया। कैनरी आइलैंड सेज के फूल बैगनी रंग के होते हैं।
  1. मैक्सिकन बुश सेज– इसकी खेती सबसे ज्यादा दक्षिणी कैलिफोर्निया में की जाती है। इसके पत्ते लंबे व हरे रंगे के होते हैं और इसके फूल भी बैगनी रंग के होते हैं।
  1. ऑटम सेज– इसकी खेती भी सबसे ज्यादा दक्षिणी कैलिफोर्निया में की जाती है। इसकी टहनी और फूल लाल रंग के होते हैं।
  1. साल्विया ब्रांडेगी– इस प्रकार का सेज सांता रोसा आइलैंड और कैलिफोर्निया में पाया जाता है। इसके फूल आसमानी रंग के होते हैं।
  1. सेंट्रल अमेरिकन सेज– इसे सबसे पहले कोलंबिया में देखा गया। इसके फूल लाल और बैगनी रंग के होते हैं।
  1. दक्षिणी अमेरिकन सेज– इस प्रकार का सेज पेरू में पाया जाता है। यह हल्के हरे से भूरे रंग का होता है।
  1. दक्षिणी अफ्रीकन सेज– इस सेज के फूल हल्के सफेद होते हैं और यह दक्षिण अफ्रीका में पाया जाता है।
  1. क्लीवलैंड सेज– क्लीवलैंड सेज की शाखा और फूल नीले रंग के होते हैं। यह सैन डिएगो काउंटी और उत्तरी बाजा कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्र में पाया जाता है।
  1. ब्लैक सेज– ब्लैक सेज कैलिफोर्निया के उत्तर में तटीय क्षेत्र में पाया जाता है। इसके पत्ते हरे और छोर वाला भाग भूरा होता है, जबकि इसके फूल सफेद होते हैं।
  1. हाइब्रिड सेज– इस प्रकार के सेज के पत्ते का रंग काला और गहरा हरा होता है।

सेज के उपयोग से कई तरह के फायदे हो सकते हैं, जिसके बारे में हम लेख के इस भाग में बता रहे हैं।

सेज के फायदे – Benefits of Sage in Hindi

सेज में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो आपकी सेहत के लिए लाभदायक हो सकते हैं। आइए, इसके गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. याददाश्त के लिए

सेज का अर्क अच्छी हर्बल दवाई के रूप में काम कर सकता है। यह मस्तिष्क को प्रभावित करने वाले विकारों को दूर करने का काम कर सकता है। साथ ही यह डिप्रेशन, सेरेब्रल इस्किमिया (मस्तिष्क से संबंधित एक तरह की बीमारी) और अल्जाइमर (भूलने से संबंधित रोग) से छुटकारा दिलाने का काम कर सकता है। इन समस्याओं से निपटने में सेज में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फायदेमंद होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स को खत्म करने का काम करते हैं। फ्री रेडिकल्स के कारण कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, इसमें मूड को बेहतर करने के गुण भी मौजूद हैं। ऐसे में इसका उपयोग मन को शांत करने में और मूड को ठीक करने में भी सहायक हो सकता है (2)।

2. मीनोपॉज के लक्षण से राहत

मीनोपॉज की स्थिति में मासिक धर्म का आना बंद हो जाता है। ऐसे में सेज का इस्तेमाल कर मीनोपॉज के लक्षण को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके प्रयोग से कमजोरी और दर्द जैसे मीनोपॉज के लक्षणों से बचा जा सकता है (3)। इसमें कौन-से औषधीय गुण होते हैं, जो इसके लिए लाभकारी होते हैं, फिलहाल इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।

3. कोलेस्ट्रोल

सेज में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रोल में फायदेमंद होते हैं। साथ ही इसके उपयोग से लिपिड प्रोफाइल में सुधार होने के साथ-साथ एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर में कमी आती है। वहीं, एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर बेहतर होता है। इसके लिए आप सेज की चाय का सेवन कर सकते हैं (4)। यह ह्रदय रोग से बचाव करने और धमनियों में प्लाक के जमाव को रोकने में भी सहायक हो सकता है। देखा जाए तो यह ह्रदय स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

4. एंटीबायोटिक प्रभाव

सेज का तेल भी कई गुणों से संपन्न होता है। इसमें एंटीबायोटिक प्रभाव पाया जाता है। सेज के इस गुण के कारण विभिन्न तरह के बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद मिल सकती है। इस लिहाज से कह सकते हैं कि सेज का तेल सेहत के लिए फायदेमंद है (2)।

5. वजन घटाने के लिए

एक शोध के अनुसार, फाइबर के प्रयोग से वजन को कम किया जा सकता है। फाइबर पाचन क्रिया को धीरे कर देता है, जिससे भोजन को पचाने में समय लगता है और भूख कम लगती है। इसलिए, अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो फाइबर का सेवन कर सकते हैं (5)। वहीं, सेज में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है (6)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि सेज के फायदे वजन को कम करने में भी काम आ सकते हैं

6. ओरल हेल्थ

एक शोध के अनुसार, सेज का इस्तेमाल कर मुंह और दांतों को भी स्वस्थ रखा जा सकता है। दरअसल, सेज में बैक्टीरिसाइड पाया जाता है, जो बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद करता हैं। इसलिए, सेज के फायदे में ओरल हेल्थ भी शामिल है (2)। साथ ही यह गले के खराश के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

7. कैंसर

सेज को कई प्रकार से आहार में शामिल किया जा सकता है। इससे आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी खुद को बचा सकते हैं। खासकर, इसके तेल में पाए जाने वाले एंटी-कैंसर गुण सहायक होते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि सेज के तेल के फायदे में कैंसर से बचाव भी शामिल है (2)। वहीं जानवरों पर किए गए शोध अध्ययनों से पता चला है कि त्वचा के कैंसर से बचाव में भी यह उपयोगी हो सकता है।

8. त्वचा स्वास्थ्य के लिए

एक शोध के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स को खत्म कर त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (7)। वहीं, सेज में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं (8)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि सेज का तेल त्वचा को लाभ पहुंचा सकता है। सेज युक्त क्रीम त्वचा संबंधी कई समस्याओं जैसे – एक्जिमा, डर्मटाइटिस (त्वचा संबंधी समस्या) और त्वचा के अन्य सूजन संबंधी परेशानियों में उपयोगी हो सकता है।

आर्टिकल में आगे सेज में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बताया जा रहा है।

सेज के पौष्टिक तत्व – Sage Nutritional Value in Hindi

सेज में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। आइए, इस टेबल के जरिए इन पोषक तत्वों व इनकी मात्रा के बारे में जानते हैं (6):

पोषक तत्वमात्राप्रति 100 g
पानी7.96 g
ऊर्जा315 kcal
प्रोटीन10.63 g
टोटल लिपिड (फैट)12.75 g
कार्बोहाइड्रेट60.73 g
फाइबर, टोटल डाइटरी40.3 g
शुगर, टोटल1.71 g
मिनरल्स
कैल्शियम ,Ca1652 gm
आयरन ,Fe28.12 mg
मैग्नीशियम , Mg428 mg
फास्फोरस ,P91 mg
पोटैशियम ,K1070 mg
सोडियम ,Na11  mg
जिंक ,Zn4.7  mg
विटामिन्स
विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड32.4 mg
थाइमिन0. 754 mg
राइबोफ्लेविन0. 336 mg
नियासिन5.72 mg
विटामिन बी -62.69 mg
फोलेट DFE274 µg
विटामिन ए RAE295 µg
विटामिन ए IU5900 IU
विटामिन ई7.48 mg
विटामिन के1714.5 µg
लिपिड
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड7.03 g
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड1.87 g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड1.76 g

सेज के बारे में अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

सेज का उपयोग – How to Use Sage in Hindi

सेज के पौष्टिक तत्वों के बारे में जानने के बाद अब हम इसे उपयोग करने के संबंध में जरूरी टिप्स दे रहे हैं।

कैसे खाएं :
  • सेज को सब्जी में मसाले की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • सेज की चाय बनाकर पी जा सकती है
  • सेज की पत्तियों को सैंडविच व पास्ता में मिलकर खाया जा सकता है।
  • सेज का सूप बना कर भी पिया जा सकता है।
  • फ्राई किए हुए सेज के पत्तों को खाने को गार्निश करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
  • सूखे सेज के पत्तियों को ब्रेड-बटर में भी डालकर सेवन कर सकते हैं।
कब खाएं :
  • आप सुबह के समय सेज की चाय पी सकते हैं।
  • रात को खाने के साथ सेज का सूप पी सकते हैं।
कितना खाएं :
  • प्रतिदिन एक कप सेज की चाय पी सकते हैं।
  • भोजन बनाते समय सेज के तेल को 12 बूंदों से कम ही प्रयोग करना चाहिए। इससे ज्यादा प्रयोग करने पर यह तेल शरीर में टॉक्सिन का कारण बन सकता है। इसलिए हमारी सलाह यही है कि सेज का तेल और सप्लिमेंट डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के बिना बिलकुल उपयोग न करें। खासतौर पर, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं।

आइए, अब सेज से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी जान लेते हैं।

सेज के नुकसान – Side Effects of Sage in Hindi

अगर आप सेज का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जो इस प्रकार हैं :

  1. सेज या सेज के तेल को अधिक मात्रा में लेने से गर्मी लगना, चक्कर आना, दिल की धड़कन का तेज होना और मिर्गी के दौरे आने जैसी समस्या हो सकती है (9)।
  1. अगर आप मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित है। साथ ही इन समस्याओं के लिए किसी तरह की दवाई ले रहे हैं, तो सेज या सेज के तेल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि इस अवस्था में सेज या सेज के तेल का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का सामना करना पड़ सकता है (9)।
  1. सेज के पत्ते या तेल के अधिक मात्रा में उपयोग से गुर्दे को नुकसान हो सकता है।

सब्जी और अन्य खाद्य आहार को गार्निश करने वाले सेज पत्ते के इतने फायदे जानकर आप भी इसे अपने आहार सूची में शामिल करने का सोच रहे होंगे। विशेषज्ञ या डॉक्टरी सलाह के बाद सेज का उपयोग करें और फर्क महसूस करें। साथ ही इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर कर हर किसी को इस पौष्टिक खाद्य सामग्री के बारे में जानकारी दें।

References

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  1. Sages of the genus Salvia Mint Family (Lamiaceae)
    https://www2.palomar.edu/users/warmstrong/ecoph38.htm
  2. Chemistry, Pharmacology, and Medicinal Property of Sage (Salvia) to Prevent and Cure Illnesses such as Obesity, Diabetes, Depression, Dementia, Lupus, Autism, Heart Disease, and Cancer
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4003706/
  3. First time proof of sage’s tolerability and efficacy in menopausal women with hot flushes
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21630133/
  4. Sage Tea Drinking Improves Lipid Profile and Antioxidant Defences in Humans
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2769154/
  5. Fiber and weight management
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/1322448/
  6. Spices, sage, ground
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170935/nutrients
  7. Systemic antioxidants and skin health
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23135663/
  8. Pharmacological properties of Salvia officinalis and its components
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2225411017300056
  9. A review of effective herbal medicines in controlling menopausal symptoms
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5783135/
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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