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भारतीय रसोई में कई रेडी-टू-ईट फूड बनते हैं, जो बाजार से खरीदे जाने वाले स्नैक्स से कहीं ज्यादा पौष्टिक और फायदेमंद होते हैं। उन्हीं में से एक सत्तू भी है। यह चना और अन्य साबूत अनाज के मिश्रण से बनाए जाने वाला आटा होता है, जिसका इस्तेमाल झटपट रेसिपी बनाने या फिर ऐसे ही घोलकर पीने में किया जाता है। यह न सिर्फ स्वाद में अच्छा होता है, बल्कि पोषण से भी भरपूर होता है। इसलिए कई लोगों के नाश्ते की पहली पसंद सत्तू होता है। इसी वजह से स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम सत्तू के फायदे और उपयोग के बारे में बता रहे हैं। साथ ही सावाधानी के तौर पर सत्तू के नुकसान की भी जानकारी देंगे। सत्तू खाने के फायदे और इससे जुड़ी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
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सबसे पहले हम सत्तू के फायदे के बारे में बता रहे हैं।
सत्तू के फायदे – Benefits of Sattu in Hindi
सत्तू को भारत के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न प्रकार से बनाया जाता है। कहीं इसे बंगाल ग्राम (ChickPea), सोयाबीन और बाजरे से बनाते हैं, तो कहीं इसे गेहूं, चावल और बंगाल ग्राम को भून कर बनाया जाता है (1)। कुछ प्रांतों में सिर्फ बाजरा और बंगाल चना का उपयोग करके सत्तू बनाया जाता है। इन सब में बंगाल चना सबसे आम है और सत्तू बनाने में सबसे अधिक मात्रा में इसी का इस्तेमाल होता है (2)। इसी आधार पर हम नीचे सत्तू खाने के फायदे बता रहे हैं।
1. वजन कम करने के लिए सत्तू के लाभ
बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में सत्तू लाभदायक हो सकता है। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि सत्तू को चने से बनाया जाता। चने को लेकर एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक शोध के अनुसार, यह फाइबर से भरपूर होता है। रिसर्च में कहा गया है कि यह फाइबर बढ़ते वजन के साथ ही कमर की चर्बी को भी कम कर सकता है (3)।
दरअसल, फाइबर पेट को भरा रखता है, जिस वजह से लंबे समय तक भूख शांत रह सकती है। इसके अलावा, चना लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low Glycemic index) खाद्य पदार्थ भी है। मतलब यह शरीर में तेजी से ग्लूकोज नहीं बनाता है। इसी वजह से इसे मोटापे को नियंत्रित करने में लाभदायक माना जाता है (4)।
2. रक्तचाप में सत्तू के फायदे
बढ़ते रक्तचाप की समस्या को सामान्य करने के लिए भी सत्तू का सेवन किया जा सकता है। इस संबंध में हुए एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, चना लिनोलिक (Linoleic) पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से युक्त होता है। यह लिनोलिक पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिंस (लिपिड कंपाउंड ग्रुप) के उत्पादन को नियंत्रित करके ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। इसके अलावा, चने में बीटा-सिटोस्टेरोल (β-sitosterol) कंपाउंड भी होता है, जो रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है (4)।
3. डायबिटीज में सत्तू खाने के फायदे
रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से मधुमेह की समस्या हो सकती है। इसे कुछ हद तक कम करने में सत्तू मदद कर सकता है। एक शोध में पाया गया है कि सत्तू लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) खाद्य पदार्थ है। यह जीआई एक तरह का पैमाना होता है, जो रक्त में शर्करा के स्तर को मापता है। लो जीआई मतलब यह शरीर में ब्लड ग्लूकोज को तेजी से बढ़ने नहीं देता है। इसी वजह से कहा जाता है कि सत्तू का सेवन डायबिटीज की समस्या को कम कर सकता है (5)।
4. इंस्टेंट एनर्जी के लिए सत्तू के फायदे
सत्तू को भारत के कई प्रांतों में एनर्जी ड्रिंक की तरह पिया जाता है। यह शरीर को फिट रखने और दिनभर ताकत बनाए रखने में फायदेमंद हो सकता है। इसकी वजह, सत्तू में मौजूद फाइबर और अन्य जरूरी पोषक तत्व, जैसे – प्रोटीन, कैल्शियम और मैग्नीशियम हैं। रिसर्च में कहा गया है कि कढ़ी में सत्तू को बॉल्स (पकौड़े) के रूप में खाने से भी ऊर्जा और ताकत मिलती है। इतना ही नहीं माना जाता है कि सत्तू दिनभर व्यक्ति को तरोताजगी का एहसास भी दे सकता है (6)।
5. पेट साफ करने के लिए सत्तू खाने के फायदे
सत्तू में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह फाइबर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर पेट को साफ रखने में मदद कर सकता है (6)। सत्तू की खास बात है कि यह शिशुओं, वयस्कों और बुजुर्गों सभी के पाचन के लिए अच्छा हो सकता है। यह हल्का होने के साथ ही पोषक भी होता है, जिस वजह से यह पाचन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है । इसके अलावा, कुछ अध्ययन में पाया गया है कि फाइबर मल की निकासी में और मल की आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) को बढ़ाकर पेट साफ कर सकता है (7)।
6. त्वचा के लिए सत्तू के फायदे
सत्तू को सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। सीधे तौर पर इसको लेकर कोई रिसर्च, तो नहीं है। फिर भी अगर देखा जाए, तो सत्तू बनाने के लिए चने का उपयोग होता है और चने से ही बेसन भी बनता है। बेसन का उपयोग प्राचीन काल से ही सौंदर्य को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। इससे त्वचा को साफ करने और एक्सफोलिएट (डेड स्किन को निकालने) में मदद मिल सकती है। बेसन स्किन टैनिंग व तैलीयपन को कम करने और पिंपल को दूर कर सकता है। साथ ही यह त्वचा की रंगत को भी हल्का करने के लिए जाना जाता है (8)। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि सादा सत्तू (बिना नमक और मसाले से बना हुआ) का उपयोग चेहरे को साफ करने के लिए किया जा सकता है।
7. बालों के लिए सत्तू के लाभ
सेहत और त्वचा के अलावा सत्तू बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें प्रोटीन और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है (9)। ये सभी पोषक तत्व बालों के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। आयरन बालों को असमय सफेद होने से बचाने और उन्हें झड़ने से रोक सकता है। वहीं, शरीर में पर्याप्त प्रोटीन की मात्रा बालों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा दे सकती है। इसी वजह से माना जाता है कि सत्तू के सेवन से बाल घने और लंबे हो सकते हैं (10)।
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अब हम सत्तू में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
सत्तू के पौष्टिक तत्व – Sattu Nutritional Value in Hindi
सत्तू में कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत, त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम और सोडियम भी सत्तू में होते हैं। इन पोषक तत्वों के अलावा हम नीचे टेबल के माध्यम से सत्तू में मौजूद अन्य न्यूट्रिएंट्स के बारे में बता रहे हैं (11):
सत्तू के पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
प्रोटीन | 20.6% |
फैट | 7.2% |
फाइबर | 1.35% |
ऐश | 2.7% |
कैलोरी | 406 Kcal |
मॉइश्चर | 2.95% |
कार्बोहाइड्रेट | 65.2% |
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आर्टिकल के इस हिस्से में सत्तू का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है।
सत्तू का उपयोग – How to Use Sattu in Hindi
सत्तू का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। नीचे हम इसके कुछ प्रमुख उपयोग के बारे में बता रहे हैं (11)।
- सत्तू में नींबू, जीरा, नमक और पानी मिलाकर घोल के रूप में सेवन कर सकते हैं।
- कुछ लोग सत्तू के आटे में शक्कर और पानी मिलाकर भी इसका सेवन करते हैं।
- सिर्फ सत्तू को घोलकर पेय के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसे देसी हॉर्लिक्स भी कहा जाता है।
- सत्तू की लिट्टी बनाकर इसका सेवन किया जाता है।
- सत्तू को गुड़ के साथ दूध में मिलाकर भी खाया जाता है।
- पराठे में सत्तू को भरकर बनाया जाता है, जिसे सत्तू का पराठा कहते हैं।
- सत्तू के पकौड़े बनाकर कढ़ी में डालकर खा सकते हैं।
- सत्तू के लड्डू भी बनाकर खाए जाते हैं।
- इससे बर्फी भी बनती है।
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सत्तू के फायदे और उपयोग के बाद हम सत्तू के नुकसान पर एक नजर डाल लेते हैं।
सत्तू के नुकसान – Side Effects of Sattu in Hindi
सत्तू के फायदे आप जान ही चुके हैं, लेकिन किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है। इसी वजह से हम सावाधानी के तौर पर सत्तू के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
- सत्तू में फाइबर की अधिक मात्रा होती है। इसके अधिक सेवन से फाइबर गैस, पेट फूलना, ऐंठन और दस्त का कारण बन सकता है (12)।
- चने से एलर्जी होने वाले संवेदनशील लोगों को सत्तू के सेवन से भी एलर्जी का खतरा हो सकता है (13)।
- यह रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकता है, इसलिए लो ब्लड शुगर वालों को इसका सेवन अधिक नहीं करना चाहिए (5)।
सत्तू के फायदे के कारण इसका सेवन हर कोई कर सकता है। इसके उपयोग का तरीका भी हम लेख में बता ही चुके हैं। बस अब सत्तू से स्वादिष्ट पकवान बनाकर या फिर एनर्जी ड्रिंक के रूप में इसका सेवन करते रहें। हां, इसकी मात्रा का ध्यान जरूर रखें, वरना सत्तू के नुकसान भी हो सकते हैं। आशा करते हैं सत्तू के लाभ से संबंधित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। खाद्य पदार्थों से जुड़ी ऐसी ही जानकारियों के लिए स्टाइलक्रेज की वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
References
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- Studies on ready- to- eat Soybean Fortified Snack Food-Sorghum Sattu
http://sciencebeingjournal.com/sites/default/files/Studies%20on%20ready-%20to-%20eat%20Soybean%20Fortified%20Snack%20Food-Sorghum%20Sattu%202.pdf - Effect of Roasting on Quality of Bajra and Sattu
https://www.researchgate.net/publication/256292798_Effect_of_Roasting_on_Quality_of_Bajra_and_Sattu - The Nutritional Value and Health Benefits of Chickpeas and Hummus
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5188421/ - Nutritional quality and health benefits of chickpea (Cicer arietinum L.): a review
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download;jsessionid=452416599E115F8BFD6527A0A2EDAB1A?doi=10.1.1.453.797&rep=rep1&type=pdf - Effect of Roasting on Texture, Colour and Acceptability of Pearl Millet (Pennisetum glaucum) for Making Sattu
https://scialert.net/fulltext/?doi=ijar.2008.61.68 - Enrichment of sattu products by using nutrient rich powders
http://www.homesciencejournal.com/archives/2017/vol3issue1/PartE/3-1-66.pdf - Effect of dietary fiber on constipation: A meta analysis
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3544045/#:~:text=Some%20studies%20reported%20that%20dietary,to%20have%20less%20side%20effects. - In-House Preparation and Standardization of Herbal Face Pack
https://pdfs.semanticscholar.org/1ca2/5c17343fd28d0dfa868e2abd0919f8e986dd.pdf%20 - Quality, Acceptability and Shelf Life Study of Micronutrient Fortified Indian Traditional Sattu
https://www.indianjournals.com/ijor.aspx?target=ijor:joae&volume=46&issue=2&article=006 - The Role of Vitamins and Minerals in Hair Loss: A Review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6380979/ - Development and quality assessment of cookies prepared by using “Wheat flour & Sattu”
http://www.thepharmajournal.com/archives/2017/vol6issue10/PartA/6-8-53-318.pdf - Fiber
https://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm - Health Risks and Benefits of Chickpea (Cicer arietinum) Consumption
https://pubs.acs.org/doi/10.1021/acs.jafc.6b02629
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