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शिशुओं को उनकी बढ़ती उम्र के दौरान कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। उन्हीं में से एक एसिड रिफ्लक्स भी है। इस समस्या पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर हो सकती है। ऐसे में शिशुओं को एसिड रिफ्लक्स क्यों होता है और कैसे होता है, इन सबकी जानकारी होना जरूरी है। आप इन सभी बातों को जानने के लिए मॉमजंक्शन के इस लेख को पढ़ सकते हैं। यहां शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के लक्षण और उससे बचने के उपाय के साथ ही कई अन्य जानकारियां विस्तार से दी गई हैं।

आर्टिकल में सबसे पहले जानते हैं कि एसिड रिफ्लक्स क्या है।

एसिड रिफ्लक्स (GERD) क्या है?

एसिड रिफ्लक्स को गैस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स (Gastroesophageal Reflux) जीईआर के नाम से भी जाना जाता है। एसिड रिफ्लक्स का ही एक प्रकार जीईआरडी यानी गैस्ट्रोइसोफेगल रिफलक्स डिजिज है (1)। एसिड रिफ्लक्स और जीईआरडी का मतलब है पेट में मौजूद पदार्थों का ऊपरी नली यानी फूड पाइप की ओर वापस आना। जीईआरडी के कारण फूड पाइप में जलन और अन्य तरह की समस्याएं हो सकती हैं (2)

एसिडिटी के बाद जानते हैं कि शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स किस कारण से होता है।

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स होने के कारण

शिशुओं में लोअर एसोफेगल स्फिंक्टर नामक मांसपेशी का पूरी तरह से विकसित न होना ही एसिड रिफ्लक्स का कारण होता है। इस मांसपेशी के विकसित न होने की वजह से पेट में मौजूद खाना वापस फूड पाइप की इस मांसपेशी में आ जाता है (1)। इसके अलावा, बच्चों को एसिड रिफ्लक्स होने के कुछ कारण व जोखिम कारक इस प्रकार हो सकते हैं (3)

  • मोटापा
  • जन्मजात हृदय रोग
  • गेस्ट्रोइन्टस्टाइनल ट्रेक्ट संबंधी समस्याएं
  • जन्मजात डायाफ्रेग्मेटिक (पेट के ऊपरी हिस्से की पतली मांसपेशी) हर्निया
  • तैलीय खाद्य पदार्थ
  • अम्लीय यानी एसेडिक भोजन
  • कैफीन
  • पेट के बल सोना व लेटना

एसिड रिफ्लक्स के कारण के बाद एक नजर एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों पर डालते हैं।

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के लक्षण

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स होने के कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स होने के लक्षण क्या-क्या हैं (1) (2)

  • हार्ट बर्न
  • फूड पाइप में जलन
  • शिशुओं का खाने के दौरान या उसके बाद पीठ को मोड़ना
  • शिशु में कॉलिक यानी शिशु का तकरीबन 3 घंटे तक रोना
  • खांसना
  • बोलने या निगलने में परेशानी
  • खाने के बाद चिड़चिड़ापन
  • कम खाना या खाने में आनाकानी करना
  • बच्चों के बढ़ते वजन में कमी  या फिर वजन कम होना
  • सांस लेने में परेशानी या घरघराहट की आवाज आना
  • लगातार शिशु को उल्टी होना

आर्टिकल में अब बारी है शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के निदान जानने की।

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स का निदान कैसे होता है?

ज्यादातर मामलों में डॉक्टर शिशुओं के लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री देखकर ही एसिडिटी का निदान करते हैं। यदि फीडिंग व स्तनपान करने के तरीके में बदलाव और दवाओं से भी स्थिति ठीक नहीं होती, तो डॉक्टर कुछ इस तरह के टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं (1)

  • अपर जीआई सीरिज : इस परीक्षण में बच्चे को भोजन के साथ बेरियम नामक एक तरल पदार्थ दिया जाता है। फिर बच्चे के इसोफेगस और पेट के माध्यम से होकर जाने वाले बेरियम को ट्रैक करने के लिए एक्स-रे किया जाता है।
  • एसोफेगल पीएच और इम्पीडेन्स मॉनिटरिंग : इस परीक्षण के दौरान बच्चे के नाक से पेट तक एक पतली और लचीली ट्यूब डाली जाती है। यह शिशु के पेट में मौजूद एसिड या तरल पदार्थ के फूड पाइप में वापस आने की मात्रा मापता है। इस ट्यूब का एक छोर बच्चे के पेट में और दूसरा छोर मॉनिटर से जुड़ा होता है, जो माप रिकॉर्ड करता है।
  • अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) एंडोस्कोपी और बायोप्सी : इस टेस्ट को एंडोस्कोप से किया जाता है। यह एक लंबी और लचीली ट्यूब होती है, जिसके आखिरी छोर पर एक छोटा टाॅर्च और कैमरा लगा होता है। इस ट्यूब के जरिए डॉक्टर शिशु के एसोफेगल, पेट व छोटी आंत के चित्र के माध्यम से एसिड का पता लगाते हैं। इस दौरान जांच करने के लिए पेट से कुछ नमूने बायोप्सी के लिए भी लिए जा सकते हैं।

बच्चों में एसिडिटी के निदान के बाद हम एसिड रिफ्लक्स संबंधी जटिलताओं के बारे में बता रहे हैं।

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स से होने वाली कॉम्प्लिकेशन

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स होने पर निम्न जटिलताएं हो सकती हैं (4):

  • एस्पिरेशन निमोनिया की समस्या (लंग इंफेक्शन)
  • शिशु के एसोफेगल यानी फूड पाइप में जलन और सूजन होना
  • अन्ननली यानी फूड पाइप का सिकुड़ना या फिर खरोंच आना

यहां हम बता रहे हैं कि शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स का इलाज कैसे किया जाता है।

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स या जीईआरडी का इलाज

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स की स्थिति के हिसाब से उसके उपचार के लिए कुछ दवाइयां दी जा सकती हैं। ये दवाइयां कुछ इस प्रकार हो सकती हैं (1)

  • एच2 (H2) ब्लॉकर्स : यह दवा एसिड के उत्पादन को कम कर सकती है। इससे जीईआरडी की समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है।
  • प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर (PPIs):  इससे पेट द्वारा बनाए जाने वाले एसिड की मात्रा को कम करने में मदद मिल सकती है।

डॉक्टरी इलाज के बाद जानते हैं कि घर में ही बच्चे की एसीडिटी का उपचार कैसे कर सकते हैं।

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के घरेलू उपचार

घर में ही कुछ उपायों को आजमाकर शिशु के एसिड रिफ्लक्स की समस्या को कुछ कम किया जा सकता है। इस दौरान शिशु की देखभाल के लिए कई कदम उठाए जाते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (1)

  • शिशु को फॉर्मूला मिल्क पिलाने या फिर स्तनपान कराने के तुरंत बाद डकार लाने का प्रयास करें।
  • दूध पिलाने के बाद बच्चे को कुछ मिनटों तक सीधा खड़ा रख सकते हैं।
  • बच्चे को फॉर्मूला मिल्क या ब्रेस्ट मिल्क के साथ पका चावल दिया जा सकता है। चावल की मात्रा के बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • शिशु को ओवर फीडिंग से बचाना चाहिए।
  • एक साथ नहीं, बल्कि शिशु को थोड़ी-थोड़ी देर में फीड कराएंं।
  • दूध पिलाते समय शिशु के सिर को हल्की ऊंचाई पर रख सकते हैं।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम बात करेंगे बच्चों को एसिड रिफ्लक्स में न दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की।

खाद्य पदार्थ जो एसिड रिफ्लक्स के दौरान बच्चे को नहीं देने चाहिए?

बच्चों को अक्सर उन खाद्य पदार्थों और पेय से परहेज करना चाहिए, जो एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकते हैं। उन खाद्य पदार्थों में ये शामिल हैं (5):

  • खट्टे फल
  • चॉकलेट
  • कैफीन युक्त खाद्य व पेय
  • फैटी और तले हुए खाद्य पदार्थ
  • लहसुन और प्याज
  • मसालेदार खाद्य पदार्थ
  • टमाटर से बने हुए खाद्य पदार्थ और सॉस
  • पुदीना

सबसे आखिर में हम बताएंगे कि बच्चों को एसिड रिफ्लेक्स होने पर डॉक्टर के पास कब ले जाना चाहिए।

डॉक्टर से कब मिलें?

यदि घरेलू उपचार के बाद भी बच्चे को राहत न मिले और निम्न लक्षण बने रहें, तो उन्हें शीघ्र डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए (4):

  • बच्चे को लगातार उल्टी होना
  • एसिड रिफ्लेक्स के अन्य लक्षण दिखाई देना
  • उल्टी के बाद सांस लेने में समस्या होने पर
  • खाने में आनाकानी और वजन का लगातार घटना
  • अक्सर बच्चे का रोना

शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स क्या है, यह आप समझ ही गए होंगे। इसे कुछ कम करने वाले घरेलू उपाय हमने लेख में दिए हैं। आप उनकी मदद से शिशुओं में रिफ्लक्स की समस्या को कम कर सकते हैं। साथ ही शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स संबंधी अन्य जानकारियों की सहायता से आप समझ सकते हैं कि शिशु को एसिड रिफ्लक्स हुआ है या नहीं। जैसे ही शिशु में इससे संबंधी लक्षण बढ़ते नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इससे एसिड रिफ्लक्स का समय रहते उपचार करके उसे बढ़ने से रोका जा सकता है।

References

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