बेहतर पैरेंटिंग और शिशु को स्वस्थ जीवन देना है हमारा प्रयास
गर्भावस्था और उसके बाद माता-पिता बनने का वक्त बेहद खास होता है। जीवन के इस अहम सफर में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसे आसान बनाने के लिए मॉमजंक्शन हर समय आपके साथ है।
मॉमजंक्शन ऐसा ऑनलाइन प्लैटफॉर्म है, जो पूरी तरह से अभिभावकों, खासकर महिलाओं को समर्पित है। यहां आपको मिलते हैं गर्भावस्था व पैरेंटिंग से जुड़े खास टिप्स। मॉमजंक्शन के जरिए आप जान सकते हैं कि आपके लिए गर्भधारण करना किस प्रकार आसान हो सकता है और गर्भावस्था जैसे नाजुक दौर को कैसे सुखद व आरामदायक बनाया जा सकता है। आपका और हमारा साथ यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि डिलीवरी के बाद नन्हे शिशु के पालन-पोषण और देखभाल से जुड़े टिप्स भी आपको यहीं मिलेंगे। मॉमजंक्शन एकमात्र ऐसी वेबसाइट है, जहां आपको हर जानकारी वैज्ञानिक प्रमाण और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर दी जाती है।
हमारे पास अनुभवी लेखकों व विशेषज्ञों की खास टीम है, जो गहन रिसर्च के आधार पर आपके लिए नई-नई जानकारियां जुटाती है। साथ ही आप मॉमजंक्शन की वेबसाइट पर दिए विभिन्न प्रकार के कैलकुलेटर की मदद से गर्भावस्था के दौरान बीएमआई, ओव्युलेशन टाइम, शिशु की कुंडली व हाइट आदि के बारे में भी जान सकते हैं।
हमारी ओर से दी जाने वाली विश्वसनीय जानकारी का ही परिणाम है कि आज हमारे 1.6 करोड़ से भी ज्यादा रीडर हैं और यह गिनती निरंतर बढ़ रही है। भारत जैसे देश में जहां हिंदी व प्रादेशिक भाषाओं का प्रभाव अधिक है, वहां सिर्फ इंग्लिश के माध्यम से अपनी बात जन-जन तक पहुंचाना असंभव है। भारतीय भाषाओं के इस महत्व को समझते हुए हम हिंदी के साथ-साथ बंगाली, तमिल व तेलुगू जैसी प्रादेशिक भाषाओं में भी विस्तार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जो भरोसा आपने हमारी इंग्लिश वेबसाइट पर दिखाया, वह हिंदी व अन्य भाषाओं के साथ भी बना रहेगा।
हमारे डॉक्टरों की टीम
डॉ. वैशाली शर्मा
(स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)
डॉ. वैशाली शर्मा करीब 14 वर्ष से बतौर गायनेकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन्होंने कानपुर के जीएसएमवी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की है। फिर इन्होंने एम्स से एमडी की।
डॉ. वैशाली फेडरेशन ऑफ आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI), इंटरनेशनल सोसायटी फॉर फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन (ISFP) और एसोसिएशन ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गाइनेकोलॉजिस्ट ऑफ दिल्ली (AOGD) की लाइफटाइम मेंबर हैं।
हाल ही में डॉ. वैशाली शर्मा को इकनॉमिक टाइम्स हेल्थ वर्ल्ड ने नेशनल फर्टिलिटी कॉन्क्लेव में दो अवार्ड्स से सम्मानित किया है। साथ ही ग्लोबल हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवार्ड्स 2017 में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान, अमर सिंह, और पद्मश्री डॉ. जे. के. सिंह ने इन्हें “बेस्ट गाइनेकोलॉजिस्ट इन इंडिया” के तौर पर सम्मानित किया।
डॉ. अर्पित गुप्ता
(बाल रोग विशेषज्ञ)
डॉ. अर्पित गुप्ता नोएडा में सुमित्रा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में बाल रोग विभाग व नियोनेटोलॉजी विभाग के हेड हैं। वह तीन बार गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके हैं। साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सदस्य हैं। इन्होंने बोस्टन से पीडियाट्रिक न्यूट्रिशन प्रोग्राम में ग्रेजुएशन करते हुए बाल पोषण और स्वास्थ्य में विशेषज्ञता हासिल की है। वह दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल और वीएन एलर्जी सेंटर से प्रमाणित बाल रोग विशेषज्ञ हैं। साथ ही ईसीएमएस से प्रमाणित बाल त्वचा रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. अर्पित ने अपोलो अस्पताल से बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी (2 डी इको) की ट्रेनिंग और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स से पीडियाट्रिक एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग ली है। वह नियोनेटल रिससिटैशन प्रोग्राम में अन्य डॉक्टर्स के लिए नेशनल ट्रेनर भी हैं।
डॉ. ममता साहू
(स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)
डॉ. ममता साहू ने अपनी ग्रेजुएशन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर से की है। साथ ही लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन की है। डॉ. साहू रॉयल कॉलेज ऑफ ऑबस्ट्रेटिक्स एंड गायनेकोलॉजी, यूनाइटेड किंगडम की प्रतिष्ठित सदस्य हैं। वहीं, विजय पाटिल गोल्ड मेडल से सम्मानित हैं। इन उपलब्धियों से इनकी कार्यकुशलता का पता चलता है। इन्होंने यूकेएसएच केल, जर्मनी से गाइनो एंडोस्कोपी में डिप्लोमा भी किया है।
डॉ. साहू बीते 20 वर्षों से नोएडा में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। वह फिलहाल फॉर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा में सीनियर कंसलटेंट के रूप में काम कर रही हैं। इन्हें इनफर्टिलिटी और गर्भावस्था के जोखिम केस को संभालने में महारत हासिल है।
डॉ. गरिमा गर्ग सेठ
(बाल रोग विशेषज्ञ)
डॉ. गरिमा गर्ग सेठ प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इन्हें 19 वर्ष का अनुभव है। इन्होंने 2006 में दिल्ली के एम्स से एमडी पीडियाट्रिक (M.D. Pediatrics) पूरी की थी। डॉ. गरिमा भारत के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में बतौर सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर चुकी हैं। इन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में काम करते हुए बाल चिकित्सा क्रिटिकल केयर में सुपर स्पेशलाइजेशन हासिल किया था। वह 6 वर्षों तक गुड़गांव के मैक्स अस्पताल में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) की हेड रही चुकी हैं। वर्तमान में इनका गुड़गांव में "द मोपेट्स क्लिनिक" नाम से सेंटर है। इस क्लीनिक का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कम दवाइयां देना और आहार व जीवनशैली में बदलाव करके उन्हें स्वस्थ करना है।
डॉ. जील गांधी
(आयुर्वेदिक डॉक्टर)
डॉ. जील गांधी जानी-मानी आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। साथ ही जनरल मेडिसिन, पंचकर्म, योग और आयुर्वेद की मदद से स्वास्थ्य संबंधी हर समस्या को सुलझाने की काबिलियत रखती हैं। इन्होंने नवी मुंबई के डॉ. डी. वाई. पाटिल कॉलेज ऑफ आयुर्वेद एंड रिसर्च सेंटर में टॉप रैंक हासिल करते हुए ग्रेजुएशन की है। इसके अलावा, डॉ. गांधी ने पंचकर्म थेरेपी में विशेषज्ञता हासिल की है। इनका मानना है कि आयुर्वेद ही ऐसा जरिया है, जिसकी मदद से किसी भी तरह के रोग से लड़ते हुए पूरी स्वस्थ रहा जा सकता है। डॉ. गांधी पंचकर्म व आयुर्वेदिक जड़-बूटियों की खूबियों के बारे में काफी कुछ लिख चुकी हैं। वहीं, इन्होंने अपने कई लेखों में अष्टांग योग के जरिए स्वस्थ जीवन जीने के महत्व को बखूबी समझाया है। वह किसी भी तरह की बीमारी का पूर्ण इलाज और उसे जड़ से खत्म करने में विश्वास रखती हैं। डॉ. गांधी का मानना है कि हर व्यक्ति को आयुर्वेद की खूबियों को समझते हुए उस पर विश्वास करना चाहिए और प्राकृतिक रूप से शरीर, मस्तिष्क व मन के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए।
डॉ. राणा चंचल
(बाल रोग विशेषज्ञ)
डॉ. राणा चंचल ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से पीडियाट्रिक्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद मैनचेस्टर, यूनाइटेड किंगडम से नियोनेटोलॉजी में 2 साल की फैलोशिप की। वहीं, रॉयल कॉलेज ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ, लंदन से डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ किया। डॉ. राणा ने बतौर पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी अपने 7 साल के करियर में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिसर्च पेपर लिखे हैं। वर्तमान में वह चरक अस्पताल व अनुसंधान केंद्र, लखनऊ के बाल रोग और नियोनेटोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं। साथ ही इंडियन अकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम और लखनऊ अकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (LAP) के सम्मानीय सदस्य भी हैं। वह हर युवा माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के संबंध में टिप्स देते हैं।
डॉ. प्रिया बनर्जी
(स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)
डॉ. प्रिया बनर्जी भारत की अनुभवी ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट हैं। इन्होंने 7 वर्ष तक प्रैक्टिस करने के बाद बतौर ऑनलाइन सलाहकार अपना कैरियर शुरू किया। अपनी 7 वर्ष की प्रैक्टिस में इन्होंने महिला स्वास्थ्य, बांझपन व शिशु देखभाल पर विशेषज्ञता हासिल की। वह कंसलटेंट के रूप में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता कर चुकी हैं। फिलहाल, वह 3 वर्ष से फेमिक्योर (Femicure) नामक हेल्थकेयर एंड वेलनेस सेंटर के साथ सलाहकार के रूप में जुड़ी हुई हैं। इस संस्था के माध्यम से वह विभिन्न महिलाओं के चिकित्सा मुद्दों जैसे - बांझपन उपचार (पुरुषों और महिलाओं), प्रसव और प्रसूति पर अपने विचार साझा करती रहती हैं। डॉ. प्रिया भविष्य में अपने अनुभवों के आधार पर ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलॉजी से संबंधित एक किताब लिखने की तैयारी कर रही हैं।
डॉ. शुचिता बी गोयल
(स्त्री रोग विशेषज्ञ)
लुधियाना के अपोलो एसपीएस अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त डॉ. शुचिता पिछले 8 वर्षों से स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रही हैं। इन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एमबीबीएस और एमएस (प्रसूति एवं स्त्री रोग) करने के साथ-साथ लेप्रोस्कोपी और आईवीएफ में फेलोशिप भी की है। डॉ. गोयल विभिन्न ज्ञान समितियों जैसे फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायने सोसाइटी ऑफ इंडिया (FOGSI), इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (ISAR) और सोसाइटी ऑफ फेटल मेडिसिन (SFM) की सम्मानित सदस्य भी हैं। डॉ. शुचिता गोयल सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय चिकित्सक समिति - यूरोपियन सोसाइटी ऑफ गायनेकोलोजिकल ऑन्कोलॉजी (ESGO) की सदस्य भी हैं।
डॉ. काजल सिंह
(बीएएमएस, एमडी, एलसीसीई, पीजीटी गर्भ संस्कार)
डॉ. काजल सिंह आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजिस्ट व इंफर्टिलिटी कंसल्टेंट हैं। इनके पास अलीगढ़ के चंद्रावती हॉस्पिटल (नर्सिंग और मैटरनिटी यूनिट) में बतौर कंसल्टिंग गायनेकोलॉजिस्ट 12 वर्ष का अनुभव है।
इन्होंने कानपुर की सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से बीएएमएस की है। फिर मुंबई से सीजीओ और कोलकाता से अल्टरनेटिव मेडिसिन में एमडी की। इन्होंने पूना और जामनगर में आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भसंस्कार व गर्भविज्ञान में पोस्टग्रेजुएशन ट्रेनिंग भी ली है। वहीं, विश्वभर में मान्य लमाज (यूएसए) सर्टिफाइड एग्जाम को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
डॉ. काजल अपने श्रीजनी गर्भसंस्कार एंड एंटीनेटल केयर प्रोग्राम के जरिए लोगों को गर्भावस्था, डिलीवरी व शिशु के देखरेख के संबंध में शिक्षित करती हैं। इनका लक्ष्य गर्भवती महिला व आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ जीवन देना है।
डॉ. ज्योत्सना गुप्ता
(स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ)
डॉ. ज्योत्सना गुप्ता को लगभग 18 वर्ष का अनुभव है। इन्होंने मणिपाल स्थित मणिपाल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज से ग्रेजुएशन की है। साथ ही नेशनल बोर्ड से डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (प्रसूति और स्त्री रोग) किया है। इन्हें बेस्ट ऑबस्ट्रेटिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट इन दिल्ली जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वर्तमान में डॉ. ज्योत्सना दिल्ली में बुध विहार स्थित ब्रह्म शक्ति अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं। वह एफओजीएसआई, एओजीडी और आईएमए की आजीवन सदस्य भी हैं। इन्होंने कई टीवी और रेडियो शो में भी हिस्सा ले चुकी हैं। इस तरह के कार्यक्रम में वह महिलाओं के स्वास्थ्य व प्रेगनेंसी के संबंध में अपने अनुभव शेयर करती हैं।
शिवानी शिकरी
(न्यूट्रीशियनिस्ट)
शिवानी सिकरी विश्व प्रसिद्ध न्यूट्रीशियनिस्ट हैं। इन्हें लगभग 10 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने पब्लिक हेल्थ एंड न्यूट्रीशन और न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स दोनों में पीजी डिप्लोमा किया है। साथ ही न्यूट्रीजेनोमिक्स फॉर प्रोफेशनल्स ऑफ न्यूट्रीशन से एंडवास डिप्लोमा भी कर चुकी हैं। इन्होंने बच्चाें व ओस्टियोपोरोसिस से संबंधित न्यूट्रीशन में अमेरिका से विशेष सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। शिवानी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी जीते हैं। शिवानी न्यूट्रीफॉरवेर्वे (Nutri4Verve) संस्था की सह-संस्थापक और चीफ न्यूट्रीशियनिस्ट हैं। इनकी संस्था का मुख्य उद्देश्य "ईट हेल्दी, लुक ग्रेट, लिव लॉन्ग" है। इसके माध्यम से इन्होंने कई लोगों को स्वस्थ जीवन दिया है।
डॉ. पूजा कादी
(स्त्री रोग विशेषज्ञ)
डॉ. पूजा प्रशांत कादी कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट के साथ ही लेप्रोस्कोपिक सर्जन व एस्थेटिक एंड फंक्शनल गायनोकोलॉजिस्ट भी हैं। डॉ. पूजा ने नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की है। इसके बाद जर्मनी से लेप्रोस्कोपी और हिस्टेरोस्कोपी में फेलोशिप भी प्राप्त की। साथ ही एस्थेटिक एंड फंक्शनल गायनोकोलॉजी का प्रशिक्षण हासिल किया। इन्हें प्रेगनेंसी से जुड़े गंभीर मामलों और अन्य स्त्री रोग के इलाज का करीब 15 वर्ष का अनुभव है। डॉ. पूजा पिछले 12 वर्ष से गर्भाअंकुर प्रेगनेंसी क्लासेस के जरिए महिलाओं को गर्भावस्था के संबंध में प्रशिक्षित कर रही हैं।
डॉ. राणा चौधरी
(स्त्री रोग विशेषज्ञ)
डॉ. राणा चौधरी विख्यात ऑब्सटेट्रिक्स और गायनोकोलॉजिस्ट हैं। इन्हें रिप्रोडक्टिव मेडिसिन, इनफर्टिलिटी, आईवीएफ और पीसीओएस जैसे मामलों को ठीक करने का करीब 15 वर्ष का अनुभव है। डॉ. राणा ने भारत के विभिन्न संस्थानों से मेडिकल की कई डिग्रियां हासिल की हैं, जिनमें इन्हें गोल्ड मेडल भी मिला है। इन्होंने जर्मनी से आईवीएफ एंड रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में डिप्लोमा और लंदन से रिप्रोडक्टिव मेडिसिन एंड आईवीएफ में मास्टर डिग्री हासिल की। इन्होंने एनआईआरआरएच (आईसीएमआर) में रिसर्च ऑफिसर (चिकित्सा) के रूप में काम करते हुए कई अवार्ड्स जीते। यहां पर इनके नाम से कई रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हुए। मौजूदा समय में वह मुंबई के कई नामचीन अस्पतालों में बतौर सीनियर कंसल्टेंट काम कर रही हैं।
डॉ. हंसाली नीमा भारती
(स्त्री रोग विशेषज्ञ)
डॉ. हंसाली नीमा भारती को लगभग 18 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इन्होंने मेलबॉर्न के रॉयल विमेन्स अस्पताल सहित कई अंतरराष्ट्रीय अस्पतालों से हाई रिस्क प्रेगनेंसी, इनफर्टिलिटी व लेप्रोस्कोपी में विशेष प्रशिक्षण हासिल किया है। डॉ. हंसाली को महिलाओं के जीवन से जुड़े हर चरण जैसे - किशोरावस्था, फर्टिलिटी, प्रेगनेंसी और रजोनिवृत्ति से जुड़ी समस्याओं के इलाज में महारत हासिल है। इन्हें इनके शैक्षणिक योगदान और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के लिए प्रतिष्ठित डॉ. कुमुद तामस्कर पुरस्कार सहित कई अन्य अवॉर्ड मिल चुके हैं। डॉ. हंसाली को शैक्षणिक कार्य के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फेलोशिप "FICOG" और "FMAS" से भी सम्मानित किया गया है।
डॉ. नेहा सिंह
(प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ)
डॉ. नेहा सिंह आईवीएफ विशेषज्ञ व एंडोस्कोपिक सर्जन के रूप में 4 से अधिक वर्षों से कार्य कर रही हैं। इन्होंने केजीएमयू (लखनऊ) से प्रसूति और स्त्री रोग में एमएस की डिग्री हासिल की है। इनकी विशेषज्ञता इनफर्टिलिटी, आईयूआई, आईवीएफ, पीसीओएस, स्पर्म रिट्रीवल, हिस्टेरोस्कोपी और लेप्रोस्कोपी में है। वर्तमान में डॉ. नेहा वरिष्ठ सलाहकार के रूप में नोवा आईवीएफ (गोरखपुर) में कार्यरत हैं। साथ ही डॉ. नेहा एसीआरएम, क्लीवलैंड क्लिनिक (यूएसए) द्वारा चलाए जा रहे ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए असिसटेंट ग्लोबल कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य कर रही हैं। डॉ. नेहा कई प्रतिष्ठित संगठन, जैसे - ईएसएचआरई (यूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एम्ब्रियोलॉजी), आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन), आईएफएस (इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी) आदि की सदस्य भी हैं।
डॉ. प्रखर न्याती
(बाल रोग विशेषज्ञ)
डॉ. प्रखर न्याती प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इन्हें शिशु रोग चिकित्सा का 5 वर्ष का अनुभव है। इन्होंने मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थान महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस व एमडी किया है। साथ ही गोल्ड मेडल भी हासिल किया है। शिक्षा पूरी करने के बाद से डॉ. प्रखर इस महाविद्यालय और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय (इंदौर) में शिशु स्वास्थ्य सेवा सुधार में कार्यरत हैं। डॉ. प्रखर न्याती फोन के माध्यम से भी टीकाकरण, शिशु रोग निदान, रोकथाम व इलाज के लिए परामर्श देते रहते हैं। फोन पर दिए जाने वाले इनके परामर्श का लाभ विदेश में रहने वाले लोग भी लेते हैं।
हमारे अनुभवी लेखक
नृपेंद्र बाल्मीकि (उप संपादक)
एमए इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन
नृपेंद्र बाल्मीकि एक युवा लेखक और पत्रकार हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर (एमए) की डिग्री प्राप्त की है। नृपेंद्र विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद करते हैं, खासकर स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर इनकी पकड़ अच्छी है। नृपेंद्र एक कवि भी हैं और कई बड़े मंचों पर कविता पाठ कर चुके हैं। कविताओं के लिए इन्हें हैदराबाद के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं।
अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
विनिता पंगेनी ने एनएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में बीए ऑनर्स और एमए किया है। टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम करते हुए इन्हें करीब चार साल हो गए हैं। इन्हें उत्तराखंड के कई पॉलिटिकल लीडर और लोकल कलाकारों के इंटरव्यू लेना और लेखन का अनुभव है। विशेष कर इन्हें आम लोगों से जुड़ी रिपोर्ट्स करना और उस पर लेख लिखना पसंद है। इसके अलावा, इन्हें बाइक चलाना, नई जगह घूमना और नए लोगों से मिलकर उनके जीवन के अनुभव जानना अच्छा लगता है।
शिवानी वर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए हिंदी और भारतीय अनुवाद परिषद, दिल्ली से अनुवाद में पीजी डिप्लोमा किया है। इन्हें समाचार व फीचर आर्टिकल्स लिखने, संपादन करने व अनुवाद करने का पांच वर्ष का अनुभव है। करियर के शुरुआत में कुछ समय हिंदी अखबारों में अनुवादक के रूप में काम करने के बाद डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर रुख किया।
इन्हें मुख्य रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य व उनकी जीवनशैली के संबंध में लिखना पसंद है। शिवानी को फिल्में देखना, खासकर बॉलीवुड की फिल्में देखना बहुत पसंद है। इन्हें नई-नई जगहों पर घूमना और तरह-तरह के व्यंजनों को चखना भी खूब भाता है।
अंकिता मिश्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स में स्नातक और मास कम्यूनिकेशन में डिप्लोमा किया है। लेखन और कहानियों की दुनिया से जुड़ी अंकिता को स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल संबंधित विषयों के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर डॉक्यूमेंट्री लिखते हुए लगभग 6 वर्ष हो गए हैं। अपने करियर की शुरुआत में ये कृषि चैनल से जुड़ी जहां पर इन्होंने खेती व किसानी से जुड़े जमीनी मुद्दों को समझा। लिखने और किताबें पढ़ने के अलावा इन्हें पेंटिग करना और स्केचिंग बनाना भी पसंद है।
श्वेता श्रीवास्तव ने 2009 में साइकॉलजी में बीए किया है। इसके बाद 2012 में आईएमएस, नोएडा से मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन किया। इन्हें लेखन के क्षेत्र में 9 साल का अनुभव है। टीवी पत्रकारिता से शुरू हुआ सफर प्रिंट मीडिया से होते हुए अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आया है। इन्हें स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा, करियर व स्थानीय मुद्दों पर लिखने का अनुभव है। लोगों के दिमाग को पढ़ने की जो कला इन्होंने ग्रेजुएशन में सीखी थी, उसकी झलक इनके कंटेंट में नजर आती है। मॉमजंक्शन के लिए आप बच्चों के लिए तरह-तरह की कहानियां लिखती हैं। साथ ही सामाजिक रिश्तों को शब्दों में उकेरना बखूबी जानती हैं। इन्हें खाली वक्त में प्रकृति के करीब रहना पसंद है। इतिहास से जुड़ी कहानियां और सस्पेंस थ्रिलर वाली किताबें पढ़ने में इन्हें बेहद मजा आता है।