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स्वस्थ रहने में खानपान की अहम भूमिका होती है। खानपान से शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति होने के साथ ही बीमारियों को दूर रखने में भी मदद मिलती है। ऐसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ में आड़ू फल यानी पीच भी शामिल है। आड़ू सफेद या पीले रंग का छोटा सा मीठा फल होता है, जिसे सीधे फल के रूप में या विभिन्न व्यंजनों में डालकर खाया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए हम पोषण से भरपूर आड़ू खाने के फायदे और सावधानी के तौर पर आड़ू फल के नुकसान से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
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इस लेख के शुरुआत में जान लेते हैं कि आड़ू फल का सेवन अच्छा क्यों होता है।
आड़ू फल आपके लिए क्यों अच्छा है?
आड़ू फल के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह मिनरल और विटामिन से समृद्ध होता है। साथ ही आड़ू में फाइटोकेमिकल्स, डाइटरी फाइबर और पॉलीफेनोल की भी भरपूर मात्रा होती है। ये सभी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं (1)। इनके अलावा, आड़ू में एंटीकैंसर, एंटी-एलर्जिक, एंटीट्यूमर, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। इनकी वजह से आड़ू स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालने और बीमारी से बचाव कर सकता है (2)।
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चलिए, अब जानते हैं कि आड़ू के फायदे किस-किस तरह से हो सकते हैं।
आड़ू के फायदे – 16 Amazing Benefits of Peach (Aadu fruit) in Hindi
आड़ू उन लाभकारी फलों में से एक है, जिसके सेवन से सेहत, त्वचा और बालों को कई फायदे होते हैं। इन फायदों के बारे में हम नीचे विस्तार से वैज्ञानिक शोध के आधार पर जानकारी दे रहे हैं। ध्यान दें कि आड़ू किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है। यह सिर्फ व्यक्ति को स्वस्थ रखने और बीमारी से बचाव करने में मदद कर सकता है।
1. वजन घटाने में कारगर
बढ़ते वजन को कम करने के तरीके में योग और एक्सरासाइज के साथ ही डाइट का भी अहम योगदान होता है। ऐसे में आहार में आड़ू को शामिल किया जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, आड़ू में पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो एंटी-ओबेसिटी प्रभाव दिखाते हैं। दरअसल, आड़ू वसा अवशोषण को रोक कर और एनर्जी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर मोटापे को कम कर सकता है (3)। इसी वजह से आडू खाने के फायदे में वजन कम करने को भी गिना जाता है।
2. कैंसर से बचने के लिए
आड़ू खाने के फायदे में कैंसर से बचाव भी शामिल हो सकता है। दरअसल, पीच के छिलके में एंटी कैंसर प्रभाव होता है, जो कैंसर की समस्या को पनपने से रोक सकता है (4)। इसके अलावा, आड़ू में पॉलीफेनोल्स होते हैं, जिन्हें एंटीकार्सिनोजेनिक एजेंट माना जाता है। रिसर्च में कहा गया है कि इससे ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को दूर रखने में मदद मिल सकती है (5)।
3. स्वस्थ आंखों के लिए
आड़ू का उपयोग करके आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो सूखे आड़ू में विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) होता है, जो ग्लूकोमा की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। ग्लूकोमा आंखों से जुड़ा एक विकार है, जिसके कारण दिखाई देना कम हो सकता है (6)। साथ ही आड़ू में मौजूद कैरोटीनॉयड भी आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (7)।
4. कब्ज के लिए
आडू खाने के फायदे में कब्ज की समस्या से राहत दिलाना भी शामिल है। दरअसल, आड़ू में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो मल त्याग में मदद कर सकता है। इससे कब्ज की समस्या में राहत मिल सकती है (8)। ऐसे में अगर किसी को कब्ज है, तो उनके लिए आड़ू फायदेमंद साबित हो सकता है।
5. कोलेस्ट्रॉल को करे नियंत्रित
अगर कोई उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित है, तो प्रतिदिन एक आड़ू फल का सेवन करके कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण कर सकता है। आड़ू में पाए जाने वाले फाइबर शरीर में मौजूद नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम कर सकता है। साथ ही इससे होने वाली बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (9)।
6. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए
आड़ू के फायदे मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, ताजा पीच का गूदा और छिलके का सेवन साइटोटॉक्सिसिटी यानी कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचा सकता है। साथ ही इसके सेवन से सेरेब्रल कॉर्टेक्स की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है। सेरेब्रल कॉर्टेक्स की स्थिति में व्यक्ति के सुनने, सूंघने, बोलने, सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिसे आड़ू नियंत्रण में रख सकता है (7)।
7. दिल को स्वस्थ बनाए
आडू खाने के फायदे में हृदय स्वास्थ्य भी है। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक शोध में दिया है कि आड़ू में फ्लेवोनॉयड की अच्छी मात्रा होती है, जो लिपिड प्रोफाइल में सुधार कर सकता है। इससे हृदय रोग के जोखिम से बचाव हो सकता है। साथ ही फ्लेवोनॉयड्स युक्त डाइट हृदय रोग को रोकने का काम कर सकता है (10)।
8. चिंता और डिप्रेशन दूर करे
एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, आड़ू में एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा होती है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या को कम कर सकता है (7)। वहीं, एक दूसरे अध्ययन में दिया हुआ है कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण चिंता और
अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं (11)। ऐसे में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके चिंता और डिप्रेशन से बचाव किया जा सकता है।
9. बढ़ती उम्र के लक्षणों को धीमा करने के लिए
आड़ू का उपयोग करने से बढ़ती उम्र की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इस संबंध में पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, आड़ू में फ्लेवोनोयड्स होते हैं, जो एंटी-एजिंग एजेंट की तरह काम करते हैं। इससे असमय आने वाले बुढ़ापे से बचाव और इसकी प्राकृतिक प्रक्रिया की गति को कम किया जा सकता है (12)।
आगे है और जानकारी
10. एंटीऑक्सीडेंट
शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति के लिए पीच का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, पीच में विटामिन सी, कैरोटीनॉयड और फिनोल्स कंपाउंड की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ये सब शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स को कम कर सकता है (13)। दरअसल, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण किडनी, लीवर और ब्रेन कोर्टेक्स टिश्यू से जुड़ी समस्याएं हो सकती है, जिसे आड़ू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कम कर सकते हैं (7)।
11. प्राकृतिक डिटॉक्सीफायर की तरह
शरीर को डिटॉक्सीफाई यानी विषैले पदार्थ को बहार निकालने में आड़ू मददगार हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, आड़ू में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है, जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में अहम भूमिका निभा सकता है (7)। ऐसे में माना जा सकता है कि आड़ू खाने के फायदे में शरीर के विषैले पदार्थ को दूर करने भी शामिल है।
12. गर्भावस्था के लिए
गर्भावस्था के दौरान खाए जाने वाले आहार में आड़ू को भी शामिल किया जा सकता है । इससे गर्भावस्था के समय जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करने में मदद मिलती है। आड़ू में फाइबर होता है, जो गर्भावस्था में पाचन क्रिया को बेहतर रखने का काम कर सकता है। साथ ही फाइबर रक्त शुगर के स्तर को भी संतुलित रखने में सहायक भूमिका निभा सकता है, जिससे गर्भावस्था में मधुमेह के जोखिम से भी बचा जा सकता है (14)।
13. एलर्जी को कम करें
अगर किसी को एलर्जी की समस्या है, तो आड़ू से उसे कुछ कम किया जा सकता है। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, आड़ू में एंटी-एलर्जिक गतिविधि होती है। यह इंफ्लेमेटरी एलर्जिक रिएक्शन के जोखिम को कम करने का काम कर सकता है (15)।
14. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए
फलों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसके लिए जरूरी फलों की सूची में आड़ू का नाम भी शामिल है (16)। दरअसल, आड़ू में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है (17)। इस विटामिन को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है (18)। इसी आधार पर आड़ू के फायदे में इम्यूनिटी को बेहतर करना भी गिना जाता है।
15. त्वचा की देखभाल
पीच के फायदे त्वचा पर भी नजर आ सकते हैं। इस संबंध में पब्लिश एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, आड़ू यूवी किरणों से होने वाले स्किन कैंसर के जोखिम से बचाव कर सकता है । साथ ही आड़ू में एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो त्वचा को संक्रमण से बचाए रखने का काम कर सकते हैं। इनके अलावा, सूरज के नुकसानदायक किरणों से होने वाले स्किन डैमेज और समय से होने वाले बुढ़ापे से भी आड़ू बचाव कर सकता है (15)।
16. बालों के लिए
बालों के लिए भी आडू के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, विटामिन ए, राइबोफ्लेविन विटामिन सी, नियासिन और आयरन की कमी से बालों का झड़ना शुरू हो सकता है (19)। वहीं, आड़ू में इन सभी पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। ऐसे में आड़ू का सेवन करके इन पोषक तत्वों का स्तर बेहतर होने के साथ ही बालों का झड़ना कम हो सकता है (17) ।
पढ़ना जारी रखें
चलिए, आगे जानते हैं कि आड़ू के पौष्टिक तत्वों में क्या-क्या शामिल हैं।
आड़ू फल के पौष्टिक तत्व – Peach Fruit Nutritional Value in Hindi
आड़ू के ऊपर बताए गए फायदों के पीछे उसमें मौजूद पोषक तत्वों की भूमिका होती है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों और उनकी मात्रा के बारे में हम नीचे एक चार्ट के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं (17)।
पोषक तत्व | मूल्य प्रति 100 g |
---|---|
पानी | 88.3 g |
ऊर्जा | 42 kcal |
प्रोटीन | 0.91 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 0.27 g |
कार्बोहाइड्रेट | 10.1 g |
फाइबर, टोटल डाइटरी | 1.5 g |
शुगर | 8.39 g |
कैल्शियम, Ca | 4 mg |
आयरन, Fe | 0.34 mg |
मैग्नीशियम, Mg | 8 mg |
फास्फोरस, P | 22 mg |
पोटैशियम, K | 122 mg |
सोडियम, Na | 13 mg |
जिंक, Zn | 0.23 mg |
कॉपर, Cu | 0.078 mg |
सेलेनियम, Se | 2.1 µg |
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड | 4.1 mg |
थायमिन | 0.024 |
राइबोफ्लेविन | 0.031 mg |
नियासिन | 0.806 mg |
विटामिन बी- 6 | 0.025 mg |
फोलेट | 6 µg |
विटामिन ए, RAE | 24 µg |
विटामिन के | 3 µg |
फैटी एसिड्स, टोटल सैचुरेटेड | 0.019 g |
फैटी एसिड्स, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 0.067 g |
फैटी एसिड्स, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.086 g |
आगे जरूरी जानकारी है
इस लेख के अगले भाग में हम आड़ू का उपयोग कैसे करना चाहिए, इससे संबंधित जानकारी दे रहे हैं।
आड़ू का उपयोग – How to Use Peach in Hindi
आड़ू का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। हम सामान्य तरीकों के अलावा कुछ ऐसे तरीके भी बता रहे हैं, जिससे आड़ू के स्वाद में भी परिवर्तन हो सकता है। आड़ू खाने के तरीकों में यह शामिल है :
कैसे खाएं
- आड़ू को धोकर सामान्य फल की तरह खा सकते हैं।
- आड़ू को काटकर दही में मिलाकर नाश्ते के रूप में ले सकते हैं।
- ताजा आड़ू को दूध के साथ एक मिक्सर में पीस कर केले से साथ मिलाकर ले सकते हैं।
- स्वादिष्ट स्नैक्स के लिए आड़ू काट कर गर्म करें और उस पर थोड़ी दालचीनी डालकर इसे भोजन में शामिल कर सकते हैं।
- आड़ू का सॉस बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- आड़ू की चटनी बनाकर खा सकते हैं।
- आड़ू का सेवन सलाद के साथ भी किया जा सकता है।
- आड़ू-ग्रील्ड पनीर सैंडविच बनाकर भी खा सकते हैं।
कब खाएं
- इसके कुछ टुकड़ों को गर्म करके सुबह या शाम के नाश्ते के रूप में सेवन कर सकते हैं।
- इसे सुबह या दोपहर के समय फल की तरह खा सकते हैं।
कितना खाएं
- आड़ू का प्रतिदिन 100 -250 ग्राम तक सेवन कर सकते हैं (20)। अगर किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है, तो आड़ू की सही मात्रा जानने के लिए डाइटीशियन से संपर्क करें।
अंत तक पढ़ें लेख
आइए, अब जानते हैं आड़ू का चयन और सुरक्षित रखने से जुड़ी जरूरी बातें।
आड़ू फल का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
आड़ू का चयन करना और लंबे समय तक सुरक्षित रखना आसान है, इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। वो बातें कुछ इस प्रकार हैं :
कैसे चयन करें :
- आड़ू में दाग न लगा हो और न ही कही से कटा हो।
- इस फल को सूंघकर देखें। इससे अच्छी खुशबू आनी चाहिए।
- एक पका हुआ आड़ू पीले या सुनहरे रंग का होता है। अगर आड़ू का रंग हल्का हरा है, तो वह अभी कच्चा है।
- आड़ू छूने पर न ज्यादा नरम और न ज्यादा सख्त हो।
कैसे करें स्टोर :
- अगर पूरी तरह से पका हुआ आड़ू नहीं खरीदा है, तो इसे कुछ दिन के लिए कमरे के तापमान पर रखा जा सकता है। इससे यह पक जाएगा और ज्यादा दिनों तक चलेगा।
- पके हुए आड़ू को कुछ दिन के लिए फ्रिज में रखा जा सकता है।
- कटे हुए आड़ू को काला होने से बचाने के लिए उस पर नींबू का रस लगाकर एक से दो दिन तक स्टोर कर सकते हैं।
लेख में बने रहें
इस लेख के अगले भाग में हम आड़ू फल के नुकसान से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
आड़ू फल के नुकसान – Side Effects of Peach (Aadu fruit) in Hindi
पीच के फायदे पाने के लिए अन्य खाद्य पदार्थों की तरह ही इसका सेवन संयमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में और खराब आड़ू खाने से सेहत पर खराब असर पड़ सकता है। नीचे पढ़ें आड़ू के नुकसान।
- माउथ एलर्जी : यूं तो आड़ू का सेवन एलर्जी से बचाव करने में मदद करता है (15)। हां,अगर किसी ने कच्चा आड़ू खा लिया, तो माउथ एलर्जी हो सकती है (21)।
- विषाक्तता : आड़ू से किसी तरह की विषाक्तता नहीं होती, लेकिन इसके बीज में साइनाइड होता है, जिससे कुछ लोगों को विषाक्तता हो सकती है। दरअसल, कई फलों जैसे चेरी, आलूबुखारा और आड़ू के बीज में जहरीले यौगिक होते हैं। इसलिए इनके बीज नहीं खाए जाते हैं। यदि वे गलती से खाए जाते हैं, तो यह आमतौर पर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन कुचले हुए बीज के सेवन से या बीज को चबाने से बचना चाहिए है, क्योंकि उनमें साइनाइड यौगिक होते हैं। ऐसे में आड़ू के बीज से बनी औषधि का सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए (22)।
आड़ू को फल के रूप में खाएं, सलाद में मिक्स करके या फिर इससे कोई व्यंजन बनाएं। यह हर लिहाज से लाभदायक है। इसका संतुलित मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। यही वजह है कि लोगों के बीच में आड़ू का उपयोग बढ़ रहा है। अगर आड़ू के फायदे जानने के बाद आप भी इसे अपने आहार में शामिल करना चाह रहे हैं, तो लेख में बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं। ऐसे ही अन्य फलों से जुड़ी जानकारी पाने के लिए स्टाइलक्रेज की वेबसाइट पर विजिट करते रहें।
आगे हम रिडर्स द्वारा आड़ू से संबंधित कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या आड़ू की स्किन खा सकते हैं?
जी हां, आड़ू को स्किन सहित खाया जा सकता है। अगर किसी को स्किन उतार कर सेवन करना है, तो उसे छीलकर भी खा सकते हैं।
आड़ू फजी क्या होता है और ये फजी क्यों होते हैं?
आड़ू फज (Peach Fuzz) इसके ऊपर की पतली स्किन यानी परत पर होने वाले छोटे-छोटे बालों को कहते हैं। यह फजी आड़ू को कीड़ों के नुकसान से बचाने का काम करते हैं।
क्या डिब्बाबंद आड़ू मेरे लिए अच्छे हैं?
कोई भी खाद्य पदार्थ को डिब्बाबंद लेने के बजाय ताजा लेना बेहतर होता है। अगर फिर भी आप डिब्बाबंद आड़ू लेना चाहते हैं, तो खरीद सकते हैं।
सफेद आड़ू क्या है?
सफेद आड़ू इस फल का एक प्रकार है, जिसका बाहरी भाग लाल पिला और अंदर का भाग सफेद होता है।
क्या बादाम आड़ू से ही निकलते हैं?
जी नहीं, बादाम आड़ू से नहीं निकलता हैं। दरअसल, आड़ू के बीज के अंदर एक भाग होता है जो बादाम जैसा दिखता है, लेकिन वह बादाम नहीं होता है। इसे न खाएं क्योंकि इसमें हानिकारक यौगिक होते हैं। हालांकि, प्रसंस्करण और इसे गर्म करने के बाद, इस बीज का उपयोग फार्मा उद्योग द्वारा कुछ दवाओं की तैयारी के लिए किया जाता है।
आड़ू चाय के क्या फायदे हैं?
पीच की चाय पीने से ऊपर बताए गए फायदे हो सकते हैं।
आड़ू फल की तासीर कैसी होती है?
आड़ू फल की तासीर ठंडी होती है।
आड़ू के बीज के फायदे क्या हैं?
आड़ू के बीज के फायदे में कैंसर से बचाव शामिल है। दरअसल, इसके बीज में एमिगडलिन नामक केमिकल कंपाउंड होता है, जिसे कैंसर के इलाज की दवा बनाने के लिए जाना जाता है (23)। हालांकि, इस बीज को सीधे तौर पर नहीं खाया जाना चाहिए, क्योंकि यह विषाक्त हो सकता है। इस बीज का उपयोग कैंसर के उपचार के लिए दवा बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसे प्रसंस्करण और गर्म करने के बाद उपयोग किया जाता है।
आड़ू के पत्ते के फायदे क्या है?
आड़ू के पत्तों के अर्क में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जो रक्त शुगर को नियंत्रित कर सकता है। ऐसे में इसे हाई ब्लड शुगर वालों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है (24)।
References
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- Peaches
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https://www.researchgate.net/publication/323258290_A_Review_on_Peach_Prunus_persica_An_Asset_of_Medicinal_Phytochemicals - Carbohydrate-Free Peach (Prunus persica) and Plum (Prunus domestica) Juice Affects Fecal Microbial Ecology in an Obese Animal Model
https://journals.plos.org/plosone/article?id=10.1371/journal.pone.0101723 - A Review on Peach (Prunus persica): An Asset of Medicinal Phytochemicals
https://www.ijraset.com/fileserve.php?FID=13153 - Inhibition of Aromatase and Cell Proliferation of Breast Cancer and Human Placenta Choriocarcinoma by Prunus persica Extracts
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3448787/ - Effects of different products of peach (Prunus persica L. Batsch) from a variety developed in southern Brazil on oxidative stress and inflammatory parameters in vitro and ex vivo
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4186376/ - Constipation – self-care
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https://www.nhlbi.nih.gov/files/docs/public/heart/chol_tlc.pdf - Estimated daily flavonoid and stilbene intake from fruits, vegetables, and nuts and associations with lipid profiles in Chinese adults
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https://www.academia.edu/13957696/Preliminary_characterisation_of_peach_cultivars_for_their_antioxidant_capacity - Managing Gestational Diabetes
https://www.nichd.nih.gov/sites/default/files/publications/pubs/Documents/managing_gestational_diabetes.pdf - A Review on Pharmacological Activities of Prunus persica
https://globalresearchonline.net/journalcontents/v60-2/07.pdf - The Effect of Nutrition on Immune System Review Paper
https://www.researchgate.net/publication/336591128_The_Effect_of_Nutrition_on_Immune_System_Review_Paper - PEACH
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/438781/nutrients - Immune-enhancing role of vitamin C and zinc and effect on clinical conditions
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16373990/ - The Role of Vitamins and Minerals in Hair Loss: A Review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6380979/ - Peach
https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/ingredientsprofiles/Peach - Oral allergy syndrome
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2917934/ - The cyanide content of laetrile preparations, apricot, peach and apple seeds
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5642807/ - Peach leaf contains multiflorin a as a potent inhibitor of glucose absorption in the small intestine in mice
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22863923/
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