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मां बनना हर महिला के जीवन का एक सुखद एहसास होता है, लेकिन कभी-कभी प्रेगनेंसी में ऐसी जटिलताएं आ जाती हैं कि एबॉर्शन जैसा कठोर फैसला लेना पड़ता है। जी हां, कई बार गर्भवती की सेहत को ध्यान में रखते हुए, तो कभी कुछ निजी परेशानी के चलते महिला को एबॉर्शन करवाना पड़ सकता है। इसके लिए डॉक्टर गर्भवती की स्थिति को देखते हुए एबॉर्शन पिल्स लेने की सलाह दे सकते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम एबॉर्शन पिल्स के जोखिम और इससे जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी दे रहे हैं। वैसे तो डॉक्टर की रेखदेख में ही इन पिल्स का सेवन करना चाहिए, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए महिला एबॉर्शन पिल्स से संबंधित इस लेख को पढ़ सकती हैं। इस आर्टिकल का उद्देश्य एबॉर्शन पिल्स से जुड़ी सावधानियों से महिलाओं को जागरूक करना है।

सबसे पहले इस लेख में हम जानकारी देंगे कि एबॉर्शन पिल क्या है।

एबॉर्शन पिल क्या होती है? | Abortion Pills In Hindi

एबॉर्शन पिल एक तरह की दवाई है, जिसका इस्तेमाल गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए किया जाता है (1)। ऐसी दवाइयां प्रेगनेंसी हॉर्मोन (Progesterone) को बाधित करके एबॉर्शन में मदद कर सकती हैं, जिससे अनचाही और जटिल गर्भावस्था को समाप्त किया जा सकता है (2)।

अब जानते हैं कि अगर एबॉर्शन पिल लेने की जरूरत पड़े, तो इसे गर्भावस्था में किस वक्त ले सकते हैं।

आप एबॉर्शन पिल कब ले सकती हैं?

एबॉर्शन पिल को गर्भावस्था का पता लगने के 7 हफ्ते के अंदर-अंदर डॉक्टर की सलाह पर लिया जा सकता है। अगर प्रेगनेंसी 9 हफ्ते से ज्यादा की हो जाती है, तो डॉक्टर इसे लेने की सलाह नहीं देते हैं। डॉक्टर 9 हफ्ते के बाद की प्रेगनेंसी के लिए सर्जिकल एबॉर्शन या फिर डाइलेशन और क्यूरेटेज (D&C) की क्लिनिकल प्रक्रिया अपनाने का सुझाव देते हैं (1)।

अगर कोई अपने निजी फैसले के चलते एबॉर्शन पिल्स लेना चाहता है, तो उसकी तैयारी से जुड़ी जानकारी आगे है।

एबॉर्शन की गोली लेने से पहले की तैयारी

अगर गर्भावस्था से जुड़ी जटिलता के कारण किसी को एबॉर्शन पिल्स लेने की जरूरत पड़ रही है, तो वह नीचे बताई गई बातों को जरूर ध्यान में रखें (1):

  • सबसे पहले एबॉर्शन को लेकर डॉक्टर से सलाह लें।
  • फिर डॉक्टर से बॉडी चेकअप करवाएं।
  • अगर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड जैसा कोई टेस्ट करवाने का सुझाव देते हैं, तो उसे कराएं। इससे गर्भावस्था की अवधि और गर्भावस्था की स्थिति के बारे में पता चल सकता है। अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी जैसी स्थिति है, तो डॉक्टर इस प्रक्रिया से मना कर सकते हैं।
  • ब्लड और यूरिन टेस्ट भी कराने के लिए तैयार रहें।
  • डॉक्टर एक फॉर्म भरने के लिए दे सकते हैं। उस फॉर्म में एबॉर्शन के फैसले और जिम्मेदारी को लेकर कुछ बातें लिखी हो सकती हैं। उसे ठीक तरीके से पढ़कर भर दें।
  • डॉक्टर से एबॉर्शन मेडिसीन के जोखिम के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें।
  • एबॉर्शन पिल्स को कब लेना है, इसके बारे में भी डॉक्टर से जान लें।

अब सवाल उठता है कि एबॉर्शन पिल्स आखिर कैसे काम करती हैं, चलिए जानते हैं।

एबॉर्शन पिल कैसे काम करती है? | Abortion Pills Se Kya Hota Hai

एबॉर्शन पिल्स किस तरह से काम कर सकती हैं, यह जानना भी जरूरी है। इसके बारे में हम आगे जानकारी दे रहे हैं (1):

  • डॉक्टर दो तरह की एबॉर्शन पिल्स लेने की सलाह दे सकते हैं। पहले एबॉर्शन पिल लेने के बाद प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन (प्रेगनेंसी हॉर्मोन) बाधित होती है। इससे यूट्रस की लाइनिंग यानी गर्भाशय की भीतरी परत टूट जाती है। ऐसे में गर्भावस्था आगे नहीं बढ़ पाती है।
  • पहली दवा लेने के 24 से 72 घंटों में डॉक्टर दूसरी दवा लेने का सुझाव दे सकते हैं। दूसरी दवा लेने के बाद गर्भाशय में संकुचन पैदा होता है और धीरे-धीरे गर्भाशय खाली होने लगता है। दूसरी दवा से गर्भवती को काफी दर्द, ऐंठन और भारी रक्तस्राव होने लगता है। इसे लेने के कुछ घंटों में ही योनि से रक्त के थक्के और टिश्यू निकलने शुरू हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो इसका मतलब दवा ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

अब सबसे अहम सवाल का जवाब जानें कि ऐसी दवा कितनी असरदार हो सकती है।

एबॉर्शन की गोली कितनी इफेक्टिव होती है?

डॉक्टर की रेखदेव व सुझाव में एबॉर्शन पिल्स लेने से यह लगभग 99 प्रतिशत प्रभावी हो सकती है। दो से पांच प्रतिशत महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिन्हें एबॉर्शन की दवा लेने के बाद भी कुछ फॉलोअप ट्रीटमेंट के लिए क्लिनिकल चेकअप करना पड़ सकता है(3)। ध्यान रहे कि बिना डॉक्टर की सलाह के यह गोली लेने से कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इनके बारे में हम आगे लेख में विस्तार से बताएंगे।

इतना सब जानने के बाद यह पता होना भी जरूरी है कि इस प्रक्रिया में कितना वक्त लग सकता है।

एबॉर्शन को पूरा होने में कितना समय लगता है?

एबॉर्शन को पूरा होने में कितना समय लग सकता है, इसकी सटीक जानकारी देना थोड़ा मुश्किल है। जैसे कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि इस प्रक्रिया में दो दवाइयों की जरूरत होती है। पहली दवा लेने के कुछ घंटों बाद डॉक्टर दूसरी दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। ऐसे में एबॉर्शन की इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन दिन लग सकते हैं (3)।

एबॉर्शन पिल्स को लेने से कई जोखिम भी हो सकते हैं। क्या हैं ये जोखिम आगे जानें।

गोली लेने के जोखिम क्या हैं?

जैसे कि हम शुरूआत से ही कह रहे हैं कि एबॉर्शन पिल्स डॉक्टर की देखरेख में ही ली जानी चाहिए। ऐसे में  एबॉर्शन पिल्स के जोखिम के बारे में भी जान लेना जरूरी है, जो इस प्रकार हैं (1)।

  • अधूरा गर्भपात हो सकता है। इसका मतलब है कि भ्रूण का कुछ अंश यूट्रस यानी गर्भाशय में रह सकता है। ऐसी स्थिति में अधिक रक्तस्राव हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो इसे निकालने के लिए डाइलेशन और क्यूरेटेज (D&C) सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है
  • गर्भाशय में खून के थक्के जमने व बनने की समस्या हो सकती है।
  • संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • अधिक रक्तस्त्राव हो सकता है।

अब जानते हैं कि एबॉर्शन पिल्स लेने से पहले किन-किन सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है।

एबॉर्शन की गोली लेने से पहले कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?

यहां हम एबॉर्शन पिल्स लेने से पहले बरती जाने वाली कुछ सामान्य सावधानियों की जानकारी दे रहे हैं। यह कुछ इस प्रकार हैं:

  • सबसे पहली सावधानी यही है कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना बिल्कुल न करें।
  • इस बात को सुनिश्चित करें कि डॉक्टर द्वारा सारी जरूरी जांच कर ली गई हैं या नहीं।
  • किसी भी तरह की मेडिकल हिस्ट्री है, तो उसके बारे में डॉक्टर को बताएं।
  • गर्भावस्था की अवधि का ध्यान रखें। 7 हफ्ते से ज्यादा की गर्भवती को एबॉर्शन की दवा नहीं लेनी चाहिए।
  • अगर किसी अन्य दवा या हर्बल प्रोडक्ट का सेवन कर रही हैं, तो उसके बारे में डॉक्टर को जानकारी दें।
  • अगर महिला स्तनपान कराती है, तो इसकी जानकारी भी डॉक्टर को देना जरूरी है।
  • एबॉर्शन पिल्स लेने से पहले और बाद में कुछ खा सकते हैं या नहीं, इसके में डॉक्टर से पूछ लें
  • इन पिल्स को लेने के बाद कुछ दिन आराम करना होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही दवा का सेवन करें।

अब हम बताएंगे कि किन महिलाओं को एबॉर्शन पिल्स नहीं लेनी चाहिए।

एबॉर्शन पिल किन्हें नहीं लेनी चाहिए?

महिला को नीचे बताई गई समस्याओं और स्थिति में एबॉर्शन पिल्स लेने की सलाह नहीं दी जाती है (1):

  • अगर दवाओं से एलर्जी हो।
  • शरीर में खून के थक्के बनने से संबंधित कोई समस्या हो।
  • अगर महिला किसी ऐसी दवा का सेवन कर रही है, जिसके साथ एबॉर्शन पिल्स नहीं ली जा सकती हों।
  • अगर घर में एबॉर्शन पिल्स लेने पर किसी तरह की इमरजेंसी की स्थिति पैदा होने पर आसपास कोई डॉक्टर का क्लिनिक या हॉस्पिटल न हो।
  • अगर इंट्रा यूट्राइन डिवाइस यानी आईयूडी (गर्भनिरोधक उपकरण) लगा हो।
  • अगर गर्भावस्था 9 हफ्ते से ऊपर की हो गई हो।
  • साथ ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी में भी इसे न लेने की सलाह दी जाती है।

यहां हम बताएंगे कि एबॉर्शन पिल्स कहां मिल सकती हैं।

एबॉर्शन पिल कहां मिल सकती है?

वैसे तो एबॉर्शन पिल्स किसी भी मेडिकल स्टोर में मिल सकती हैं। संभव है कि मेडिकल स्टोर वाले बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के इसे न दें। इसे ऑनलाइन फार्मेसी से भी डॉक्टर के पर्चे की मदद से खरीदा जा सकता है। इसी वजह से चिकित्सक से जांच करवाने और उनकी सलाह के बाद ही दवा खरीदें।

क्या एबॉर्शन पिल्स खाने के बाद इसके असर को बदला जा सकता है।

क्या गोली लेने के बाद इसके प्रभाव को उल्टा किया जा सकता है?

हां, एबॉर्शन की पहली गोली लेने के बाद इसके प्रभाव को उल्टा यानी बदला जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) हॉर्मोन के सप्लीमेंट से यह संभव हो सकता है (4)। स्टडी में यह सप्लीमेंट दूसरी एबॉर्शन पिल लेने से पहले दिया गया, जिसने पहली एबॉर्शन पिल का असर खत्म कर दिया। यह प्रभाव गर्भावस्था की स्थिति पर भी निर्भर करता है। शोध में बताया गया है कि 64 प्रतिशत मामलों में यह सप्लीमेंट पहली एबॉर्शन पिल को बेअसर करने में सफल रहा है (4)। ऐसा डॉक्टर की देखरेख में दवा लेने पर ही संभव है।

अब जानते हैं एबॉर्शन पिल्स की कीमत के बारे में।

भारत में एबॉर्शन की गोली की कीमत कितनी है? | Abortion Pill Name And Price Hindi

मार्केट में कई तरह की एबॉर्शन पिल्स उपलब्ध हैं। भारत में इनकी कीमत 300 से लेकर 1 हजार तक हो सकती है। यह कीमत राज्य, शहर और दवाई की कंपनी पर भी निर्भर करती है। ऐसे में एबॉर्शन पिल्स की कीमत ज्यादा या कम हो सकती है।

यह थी एबॉर्शन पिल्स से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां। अगर किसी को प्रेगनेंसी से जुड़ी जटिलता या फिर व्यक्तिगत कारण से एबॉर्शन करना पड़ रहा है, तो वह इस लेख से एबॉर्शन पिल्स कैसे काम करती हैं और इसके जोखिम के बारे में जान सकता है। इन सभी जानकारी को प्राप्त करने के बाद खुद को मानसिक रूप से तैयार करके डॉक्टर से संपर्क करें। जी हां, एबॉर्शन का फैसला लेने के बाद विशेषज्ञ की सलाह व देखरेख में ही इन गर्भपात की दवाइयों का सेवन करना चाहिए। यह लेख एबॉर्शन को बढ़ावा देने के लिए नहीं, बल्कि एबॉर्शन पिल्स को लेकर जागरूकता बढ़ाने की एक कोशिश है।

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