Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

असंतुलित और बिगड़ा हुआ खान-पान कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है। अगर समय रहते इसे नियंत्रित न किया जाए तो सामान्य-सी लगने वाली समस्याएं गंभीर हो सकती हैं। एसिडिटी भी इसी का एक रूप है। शायद ही ऐसा कोई हो, जो एसिडिटी से अछूता हो। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम एसिडिटी के बारे में ही बता रहे हैं। साथ ही यहां हम एसिडिटी के कारण, लक्षण और एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय भी बताएंगे। हालांकि, यह भी समझना आवश्यक है कि ये उपाय कुछ हद तक एसिडिटी की समस्या को कम कर सकते हैं, लेकिन गंभीर अवस्था में पेट में एसिड बनने का इलाज डॉक्टरी सलाह पर ही निर्भर करता है।

शुरू करते हैं लेख

तो आइए पेट में एसिड बनने का इलाज जानने से पहले हम एसिडिटी क्या है, यह जान लेते हैं।

एसिडिटी क्या है – What is Acidity in Hindi

एसिडिटी को चिकित्सीय भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (Gastroesophageal Reflux Disease – GERD) के नाम से जाना जाता है। 2005 में किए गए एक रिसर्च में पाया गया था कि एसिडिटी की समस्या एशियाई देशों में लगभग 5 फीसदी और पश्चिमी देशों में 10 से 20 फीसदी तक हो सकती है। यह समस्या तब होती है, जब लोअर एसोफैगल स्फिंक्टर (Lower Esophageal Sphincter) (गले और पेट को जोड़ने वाली एक प्रकार की नली) कमजोर हो जाता है और इससे पेट में मौजूद एसिड ऊपर की ओर आ जाता है। इससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है। कई शोधों में पाया गया है कि मसालेदार भोजन करना, अधिक चॉकलेट खाना, धूम्रपान करना, शराब का सेवन करना, सही समय पर नहीं खाना, रात में भोजन करना या फिर शिथिल जीवनशैली जैसी आदतें एसिडिटी की समस्या को बढ़ा सकते हैं, जिसके कारण पेट के ऊपरी भाग में दर्द, सीने में जलन और बेचैनी महसूस हो सकती है (1)।

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अब हम एसिडिटी के कारण व पेट में जलन किन कारणों से होती है, यह समझ लेते हैं।

एसिडिटी के कारण – Causes of Acidity in Hindi

एसिडिटी से कई समस्याएं हो सकतीं हैं, लेकिन एसिडिटी किस कारण होती है, यह अहम सवाल है। अगर एसिडिटी के कारण समझ लिए जाएं तो इससे बचना आसान हो सकता है। इसलिए यहां हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से एसिडिटी के कारण बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (2):

  • अधिक वजन, मोटापे या गर्भवती होने से पेट पर दबाव बढ़ जाता है और यह एसिड के एसोफैगस में आने का कारण बन सकता है।
  • पेट में जलन किन कारणों से होती है, इसकी एक वजह कई प्रकार की दवाइयां भी हो सकती हैं। इन दवाइयों में मुख्य रूप से अस्थमा का इलाज करने वाली, उच्च रक्तचाप का इलाज करने वाली, एलर्जी के लक्षणों का इलाज करने वाली, सोने में मदद करने वाली व एंटी डिप्रेशन गोलियां या टैबलेट शामिल हैं।
  • धूम्रपान करना भी एसिडिटी की समस्या का कारण बन सकता है।
  • घातक हर्निया के कारण भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

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तो ये थे एसिडिटी के कारण, अब आगे हम एसिडिटी के लक्षण बता रहे हैं।

एसिडिटी के लक्षण – Symptoms of Acidity in Hindi

गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज यानी एसिडिटी का आम लक्षण सीने व पेट के बीच में जलन और दर्द होना है। इसके अलावा भी एसिडिटी के कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3):

  • ब्रेस्टबोन (छाती के मध्य स्थित लंबी चपटी हड्डी) में भोजन अटका हुआ महसूस करना।
  • भोजन करने के बाद मतली होना।
  • छाती या आपके पेट के ऊपरी हिस्से में जलन के साथ दर्द
  • भोजन निगलने में समस्या होना।
  • उल्टी होना।
  • खांसी या घरघराहट होना।
  • हिचकी आना
  • आवाज में परिवर्तन होना।
  • गले में खराश होना।
  • निगला हुआ खाना वापस मुंह में आना।

यह भी पढ़ें

एसिडिटी के लक्षण जानने के बाद अब हम घरेलू तौर पर पेट में एसिड बनने का इलाज बता रहे हैं।

एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Acidity in Hindi

एसिडिटी का तुरंत इलाज करने के लिए लोग अक्सर प्राथमिक चिकित्सा के तौर पर घरेलू उपचार को ही महत्व देते हैं, लेकिन कुछ लोगों को ऐसे घरेलू उपायों की जानकारी नहीं होती है। यहां हम कुछ आसान और कारगर घरेलू उपाय बता रहे हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय एसिडिटी की समस्या को दूर करने में मददगार हो सकते हैं, लेकिन अगर समस्या गंभीर हो तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

1. बेकिंग सोडा

सामग्री :

  • 120 मिली लीटर पानी (लगभग 1 गिलास)
  • 1 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा

विधि :

  • 1 गिलास पानी में 1 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं।
  • एसिडिटी का तुरंत इलाज करने के लिए पानी और सोडे का यह मिश्रण पी जाएं।

कैसे है फायदेमंद :

बेकिंग सोडा को सोडियम बाइकार्बोनेट भी कहा जाता है। इसमें एंटासिड (Antacid) यानी एसीडिटी से राहत दिलाने वाला गुण होता है। बेंकिंग सोडा का यह गुण पेट में एसिड बनने का इलाज करने में कारगर हो सकता है। साथ ही सोडियम बाइकार्बोनेट को सीने की जलन, एसिड और अपच से राहत देने के उपाय के लिए उपयोगी माना जाता है (4)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि बेकिंग सोडा का उपयोग पेट में एसिड बनने का इलाज करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसके साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि अधिक मात्रा में बेकिंग सोडा का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. मुलेठी की जड़

सामग्री :

  • 1 कप पानी
  • 2 से 3 मुलेठी के छोटे टुकड़े

विधि :

  • 1 कप पानी को धीमी आंच पर गर्म कीजिए।
  • साथ ही इसमें मुलेठी के टुकड़ों काे डालिए।
  • फिर इसे 5-10 मिनट के लिए उबाल लें।
  • एसिडिटी का तुरंत इलाज करने के लिए इस काढ़े का दिन में एक बार सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

मुलेठी भी एसिडिटी का आयुर्वेदिक दवा मानी जा सकती है। दरअसल, मुलेठी का उपयोग कई समस्याओं से निजात पाने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा में किया जाता रहा है, जिसमें एसिडिटी की समस्या भी शामिल है। एक शोध के अनुसार, गैस्ट्रिक सूजन के उपचार के लिए मुलेठी की जड़ या अर्क का उपयोग करना लाभकारी हो सकता है। शोध में माना गया कि मुलेठी में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव (पेट को सुरक्षा प्रदान करने वाला) गुण पाया जाता है, जो एसिडिटी से बचाने में भी मदद कर सकता है (5)। इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन के अनुसार, मुलैठी की जड़ में मिनरलोकॉर्टिकॉइड (नमक का स्तर संतुलित करने वाला तत्व) होता है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन और लिपोक्सिनेज (एक प्रकार के एंजाइम्स) के उत्पादन को नियंत्रित करके गैस्ट्रिक इंफ्लामेशन को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही मुलेठी एसिड की अधिकता को कम करने में भी मदद करती है (6)। इस आधार पर माना जा सकता है कि एसिडिटी का घरेलू उपचार करने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

3. एलोवेरा

सामग्री :

  • एलोवेरा का एक टुकड़ा
  • आधा कप पानी

विधि :

  • एलोवेरा को काटकर उसमें से गूदा निकाल लें।
  • अब इस गूदे और पानी को एक साथ ग्राइंड करके जूस बना लें।
  • एसिडिटी का तुरंत इलाज करने के लिए प्रतिदिन 1 कप एलोवेरा जूस का सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

एलोवेरा के उपयोग और उससे होने वाले फायदों के बारे में लगभग हर कोई जानता है। वहीं इसका उपयोग एसिडिटी का घरेलू इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है। कई संस्थाओं ने एलोवेरा पर विभिन्न प्रकार के शोध किए हैं। इन सभी शोध को इकट्ठा करके एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) ने रिसर्च पेपर तैयार किया और अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। इस रिसर्च पेपर के अनुसार, एलोवेरा जेल में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव (Gastroprotective) गुण होते हैं। इस वजह से एलोवेरा जेल का यह गुण एसिटिक एसिड और गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या को कुछ कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही एसिडिटी का घरेलू उपचार करने में भी यह फायदेमंद हो सकता है (7)।

4. अदरक

सामग्री :

  • 2 कप पानी
  • अदरक के 2 छोटे टुकड़े

विधि :

  • पानी को धीमी आंच पर गर्म कीजिए।
  • साथ ही इसमें अदरक के टुकड़ों काे डालिए।
  • इसे 5-10 मिनट के लिए उबाल लें।
  • एसिडिटी का तुरंत इलाज करने के लिए इस चाय का दिन में कम से कम एक बार सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

एसिडिटी का घरेलू उपचार करने के लिए अदरक के फायदे भी देखे जा सकते हैं। कर्नाटक के फादर मुलर मेडिकल कॉलेज ने इसी संबंध में अदरक पर शोध किया है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित इस शोध के अनुसार, अदरक में कई औषधीय गुण होते हैं। उन्हीं में एंटीऑक्सीडेंट और गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण भी शामिल हैं। ये गुण कब्ज, अपच, पेट फूलना, गैस्ट्रिक अल्सर, मतली और उल्टी जैसी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं (8)। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च में जिक्र मिलता है कि अदरक में इंफ्लामेशन मॉड्यूलेटर (सूजन कम करने वाला) प्रभाव होता है, जो पेट के खराब हुए ऊतकों की मरम्मत करने और एसिडिटी के लक्षणों को नियंत्रण करने में मदद कर सकता है (9)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि एसिडिटी की समस्या को कम करने और उसके प्रभाव को दूर रखने में अदरक फायदेमंद साबित हो सकती है।

5. स्लिपरी एल्म (Slippery Elm)

सामग्री :

  • 10 ग्राम स्लिपरी एल्म की छाल
  • 2 कप पानी

विधि :

  • पानी में स्लिपरी एल्म की छाल मिलाकर धीमी आंच पर गर्म कीजिए।
  • इसे करीब 10 मिनट तक उबाल कर काढ़ा बना लें।
  • एसिडिटी का घरेलू इलाज करने के लिए यह काढ़ा दिन में एक बार पिया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

स्लिपरी एल्म की जानकारी शायद ही ज्यादा लोगों को हो। यह एक पेड़ का नाम है, जिसकी छाल और पत्तियों के साथ-साथ पेड़ की जड़ का भी औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। स्लिपरी एल्म की छाल में कई औषधीय गुण होते हैं, जो एसिडिटी का घरेलू इलाज करने में भी सहायक हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, स्लिपरी एल्म की छाल हाइपरएसिडिटी यानी एसिडिटी की गंभीर अवस्था के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में लाभदायक हो सकती है (10)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि स्लिपरी एल्म एसिडिटी से राहत पाने के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है।

6. कैरावे सीड्स

सामग्री :

  • 1 छोटा चम्मच कैरावे सीड्स
  • 1 कप पानी

विधि :

  • पानी में कैरावे सीड्स को मिलाकर उबालें।
  • इसे करीब 5 मिनट तक अच्छी तरह से उबलें।
  • चाय की तरह इसे सिप करके पिएं।
  • एसिडिटी का घरेलू इलाज करने के लिए इस काढ़े का दिन में एक से दो बार तक सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

कैरावे को मेरिडियन सौंफ व फारसी जीरा के रूप में भी जाना जाता है। कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने के साथ ही कैरावे सीड्स को पेट के लिए भी उपयोगी माना गया है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि अपच के इलाज के लिए परंपरागत रूप से कैरवे बीजों का उपयोग किया जा सकता है। इनमें पाए जाने वाले एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पेट में अतिरिक्त गैस्ट्रिक एसिड के उत्पादन को रोक सकते हैं (11))। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कैरावे बीज एसिडिटी की समस्या को दूर करने में भी मददगार हो सकते हैं।

7. कैमोमाइल

सामग्री :

  • 1 कैमोमाइल टी बैग
  • 1 कप गर्म पानी

विधि :

  • गर्म पानी में कैमोमाइल टी बैग को डाल दें।
  • फिर कुछ देर बार टी बैग को पानी से निकाल लें।
  • इसके बाद एसिडिटी का घरेलू इलाज करने के लिए इस चाय का सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद :

शरीर में इंफ्लामेशन (सूजन) की समस्या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का एक कारण हो सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शरीर में सूजन की समस्या नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से हो सकती है। यह टिश्यू या सेल्स को नुकसान पहुंचा कर कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकता है, जिसमे एसिडिटी की समस्या भी शामिल है। इसे कम करने के लिए एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट लाभकारी हो सकते हैं (12))। वहीं कैमोमाइल की बात करें तो इसमें क्रोनिक इंफ्लामेशन (Chronic Inflammation) को कम करने का प्रभाव होता है। वजह यह है कि कैमोमाइल में फ्लेवोनोइड मौजूद होते हैं, जो एक एंटी इंफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है। इस कारण कैमोमाइल की चाय का सेवन शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के प्रभाव को कम कर सूजन से राहत दिला सकता है (13))। इस आधार पर माना जा सकता है कि आंतों में सूजन के कारण होने वाली गैस्ट्रिक एसिडिटी की स्थिति में कैमोमाइल चाय का उपयोग करना लाभकारी हो सकता है।

8. लेमन बाम

सामग्री :

  • 5-6 लेमन बाम के पत्ते
  • 1 गिलास पानी

विधि :

  • पानी में लेमन बाम के पत्ते डालिए।
  • इसे गर्म होने के लिए गैस पर रख दीजिए।
  • फिर इसे 5 मिनट तक उबलने दीजिए।
  • उबलने के बाद एसिडिटी का घरेलू उपाय करने के लिए लेमन बाम टी का सेवन करें।

कैसे है फायदेमंद :

लेमन बाम एक प्रकार की जड़ी-बूटी होती है। इसकी खुशबू और स्वाद नींबू की तरह होता है (14))। कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के साथ ही लेमन बाम का इस्तेमाल एसिडिटी से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, एक रिसर्च के अनुसार, लेमन बाम का अर्क मोटापा कम करने में कारगर हो सकता है (15))। वहीं लेख में पहले ही बता दिया गया है कि अत्यधिक वजन भी पेट में एसिडिटी होने का एक कारण हो सकता है (2)। ऐसे में लेमन बाम के फायदे मोटोपे की समस्या से राहत दिलाकर एसिडिटी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

9. एंजेलिका रूट

सामाग्री :

  • 0.5 ग्राम एंजेलिका रूट का चूर्ण
  • 1 गिलास पानी

विधि :

  • एसिडिटी का घरेलू उपाय करने के लिए गुनगुने पानी के साथ इसके चूर्ण का सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

एंजेलिका रूट (जड़) की जड़ों में मुख्य तौर पर डेकार्सिन (वसा का संचय रोकने वाला) नामक एक एक्टिव कंपाउंड होता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में प्रभावी होता है। यह तत्व हाइपरलिपिडिमिया (रक्त में वसा और लिपिड की असंतुलित मात्रा) के अलावा और मोटापे को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है (16))। वहीं मोटापा एसिडिटी का एक कारण होता है (2)। इस आधार पर मोटापे की समस्या को कम करके एंजेलिका रूट के फायदे एसिडिटी में भी सकारात्मक प्रभाव दिखा सकते हैं।

10. ठंडा दूध

सामाग्री :

  • एक गिलास ठंडा दूध

विधि :

  • दूध को गर्म करें व ठंड़ा हो जाने पर इसे पी सकते हैं।
  • पेट की एसिडिटी का घरेलू उपाय करने के लिए नियमित तौर पर ठंडे दूध का सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, दूध में एंटासिड प्रभाव होता है। वहीं, ठंडा दूध पीने से इसका यह प्रभाव अधिक देखा जा सकता है, जो अपच की समस्या, पेट में सूजन की समस्या के साथ-साथ एसिडिटी व पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से निजात दिलाने में प्रभावी हो सकता है (17)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि ठंडा दूध पीने के फायदे से एसिडिटी से राहत मिल सकती है।

11. सौंफ

सामाग्री :

  • 1 चम्मच सौंफ के दाने (2 से 6 ग्राम)
  • एक गिसाल पानी

विधि :

  • पानी में सौंफ के दाने डाल कर उसे एक उबाल आने तक गर्म करें।
  • फिर पानी से सौंफ छानकर इसे चाय की तरह पी लें।
  • इसके अलावा एसिडिटी का घरेलू उपाय करने के लिए खाना खाने के बाद सौंफ के बीज के चूर्ण का सेवन भी किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

सौंफ एपियासी परिवार से संबंधित एक प्रकार की जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग लंबे समय से भूख को नियंत्रित करने के लिए किया जाता रहा है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के अनुसार, सौंफ का सेवन करने के भूख को दबाया जा सकता है। इसका भूख नियंत्रण करने वाला प्रभाव आसानी से बढ़ते वजन को कम करने में मदद कर सकता है (18)। वहीं अधिक वजन एसिडिटी का कारण बन सकता है (2)। इन दोनों तथ्यों को देखते हुए यह माना जा सकता है कि सौंफ का उपयोग एसिडिटी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है।

12. जीरा

सामाग्री :

  • 1 चम्मच जीरा के दाने (2 से 3 ग्राम)
  • एक गिसाल पानी

विधि :

  • पानी में जीरे के दाने डाल कर उसमें उबाल आने तक गर्म करें।
  • इसके बाद पानी से जीरा छान लें।
  • अब छाने हुए पानी को ठंड़ा होने दें।
  • गुनगुना रहने पर यह पानी पी लें।
  • इसके अलावा एसिडिटी का परमानेंट इलाज करने के लिए जीरे का इस्तेमाल खाना बनाने में भी किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

एसिडिटी की समस्या से राहत पाने में जीरा भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एक अध्ययन में इसका जिक्र मिलता है कि जीरा बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) को कम करके मोटापे से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (19)। वहीं मोटापा भी एसिडिटी का एक अहम कारण माना जाता है (2)। इस आधार पर यह कह सकते हैं कि जीरा एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय के तौर पर उपयोगी साबित हो सकता है।

पढ़ते रहें लेख

एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय के बाद लेख के अगले हिस्से में हम एसिडिटी का इलाज बता रहे हैं।

एसिडिटी का इलाज – Acidity Treatment in Hindi

एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार बेशक समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है, लेकिन समस्या गंभीर होने पर डॉक्टरी सलाह से एसिडिटी का इलाज करवाना जरूरी है। एसिडिटी के लक्षण की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव, दवाओं व सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं। इसके बारे हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं 20):

  1. जीवनशैली में बदलाव: दिनचर्या में बदलाव करना एसिडिटी के लक्षण को कम किया जा सकता है, जो इस प्रकार है :
  • मोटापा यानी वजन को कम करना। मोटापा कम करने के उपाय के तौर पर संतुलित खान-पान और नियमित व्यायाम का सहारा लिया जा सकता है।
  • आरामदायक कपड़े पहनना, ताकि पेट पर दवाब न बने। पेट पर दबाव बनने से एसिड ऊपर की ओर आ सकता है।
  • भोजन करने के 3 घंटे तक सीधे रहने की कोशिश करें। भोजन करने के तुरंत बाद सोने या आराम करने से एसिड ऊपर की ओर आ सकता है।
  • एसिडिटी का परमानेंट इलाज करने के लिए, जहां तक हो सके धूम्रपान से बचें।
  1. दवाइयां : ऐसी कई एसिडिटी की अंग्रेजी दवा हैं, जो एसिडिटी की समस्या को कम करने में फायदेमंद हो सकती हैं, लेकिन इन दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। ये दवाइयां कुछ इस प्रकार हैं:
  • एंटासिड (Antacids): हल्के एसिडिटी के लक्षण में डॉक्टर एंटासिड लेने की सलाह दे सकते हैं।
  • एच2 ब्लॉकर्स: एच2 ब्लॉकर्स एसिड के उत्पादन को कम कर सकते हैं। साथ ही ये दवाएं आहार नली की क्षति को ठीक करने में भी मदद कर सकती हैं।
    नोट: यदि खाने के बाद सीने में जलन होती है, तो डॉक्टर एक एंटासिड और एक एच2 ब्लॉकर्स लेने के लिए कह सकते हैं। एंटासिड पेट के एसिड को बेअसर करता है और एच2 ब्लॉकर्स पेट में एसिड बनने से रोकता है।
  • प्रोटॉन पंप इनहेबिटर्स (पीपीआई): यह पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को कम करता है। एच 2 ब्लॉकर्स की तुलना में पीपीआई दवा जीईआरडी (एसिडिटी) के लक्षणों का इलाज करने में बेहतर हो सकती हैं।
    नोट: अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग पीपीआई की लंबे समय तक या फिर अधिक खुराक लेते हैं, उन्हें कूल्हे, कलाई और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होने की आशंका अधिक रहती है।
  • प्रोकेनेटिक्स (Prokinetics): प्रोकेनेटिक्स एसिड की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    नोट: इन दवाओं से मतली, दस्त, थकान महसूस होना, अवसाद और चिंता जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • टीबायोटिक्स: एंटीबायोटिक्स भी एसिड की समस्या को कम करने में मदद कर सकती हैं।
    नाेट: कई मामलों में यह दस्त का कारण बन सकती हैं।
  1. सर्जरी: दिनचर्या में बदलाव व दवा के सेवन से भी समस्या ठीक न होने पर कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर सर्जरी करने का निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए फंडोप्लीकेशन (Fundoplication) नामक सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में लेप्रोस्कोप के जरिए पेट के ऊपरी हिस्से में एसोफैगल के आसपास देखा जाता है और लोअर एसोफैगल पर दबाव डाला जाता है। इस सर्जरी के बारे में और विस्तार से डॉक्टर बेहतर तरीके से बता सकते हैं।

अंत तक पढ़ें

अब अंत में हम एसिडिटी से बचाव के कुछ खास उपाय बता रहे हैं।

एसिडिटी से बचाव – Prevention Tips for Acidity in Hindi

कुछ खास और जरूरी टिप्स काे अपनी जीवनशैली में जोड़कर एसिडिटी की इस समस्या से बचा जा सकता है। एसिडिटी से बचाव संबंधी इन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए (20)।

  • गैस एसिडिटी के लक्षण से बचने के लिए खाने-पीने वाली चीजों का सही तरीके से चयन करना, जैसे:- चिकने व मसालेदार भोजन और मादक पेय का परहेज करना।
  • ओवर इटिंग यानी अत्याधिक भोजन करने से बचना चाहिए।
  • रात को भोजन करने के 2 से 3 घंटे बाद ही सोने जाएं
  • अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने पर वजन कम करने की कोशिश करना चाहिए।
  • धूम्रपान की लत को छोड़ देना इस समस्या को दूर रख सकता है।
  • जीवनशैली में बदलाव एसिडिटी के लक्षण कम कर सकता है। अपनी जीवनशैली आदर्श और व्यवस्थित बनाना चाहिए और रोजाना व्यायाम, योग व प्राणायाम को उसमें शामिल करना चाहिए। इस प्रकार की दिनचर्या कई प्रकार की बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकती है।

इस आर्टिकल से यह तो स्पष्ट होता है कि एसिडिटी की समस्या बिगड़ती जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से हो सकती है। ऐसे में अगर समय रहते इसकी रोकथाम की जाए तो एसिडिटी के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। वहीं लेख में एसिडिटी के घरेलू उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें इस समस्या से राहत के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसके आलावा समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर से एसिडिटी का इलाज करवाने में बिल्कुल भी देर न करें। उम्मीद है, एसिडिटी होम रेमेडीज से जुड़ा यह लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। ऐसे में इस लेख को आप अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

एसिडिटी के घरेलू उपाय के लिए क्या दूध पी सकते हैं?

हां, जैसा की लेख में बताए गए एसिडिटी के घरेलू उपाय में एक उपाय में दूध पीना भी शामिल है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि दूध पीने के फायदे एसिडिटी से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं (17)।

क्या च्युइंगम चबाने से एसिडिटी से राहत मिल सकती है?

जर्नल ऑफ डेंटल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार खाना खाने के आधे घंटे बाद शुगर फ्री च्युइंगम चबाने से एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम किया जा सकता है (21)।

एसिडिटी होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

अगर लेख में बताए गए एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय करने व जीवनशैली में बदलाव करने के बाद भी एसिडिटी के लक्षण बनें हुए हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके अलावा निम्नलिखित स्थितियों में भी डॉक्टरी उपचार जरूरी हो सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (22):
• खून बहना।
• सांस लेने में परेशानी होना।
• भोजन करते समय जल्दी पेट भर जाना।
• बार-बार उल्टी होना।
• गले का बैठना (आवाज मोटी होना)।
भूख में कमी होना
• खाना निगलने में कठिनाई होना (डिसफेगीया) या खाना निगलने में दर्द होना (ओडीनोफेगीय)।
• अज्ञात कारणों से वजन घटना।
• भोजन या अन्य आहार सीने की हड्डी के पीछे चिपका हुआ महसूस होना।

किस तरह के आहार खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है?

वे खाद्य पदार्थ, जिनके सेवन से गुर्दे में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। ऐसे खाद्यों का सेवन एसिडिटी की समस्या बढ़ा सकता है। यह खाद्य कुछ इस प्रकार हैं
23
• खीरा, ब्रोकली, टमाटर और बैंगन जैसी सब्जियां
• शराब
• सोडा पानी
• मांस
• मछली
• तेल और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थ
• नमक की अधिक मात्रा का सेवन करना
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे दूध और पनीर।

क्या ईनो पीने से एसिडिटी से राहत मिल सकती है?

ईनो एक व्यावसायिक उत्पाद है, जिसे एसिडिटी मेडिसिन माना जाता है। निर्माता कंपनी के अनुसार, इसका् अम्लीय प्रभाव व इसमें मौजूद कुछ तरह के मिनरल्स पेट में एसिड को बेअसर करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें एंटासिड प्रभाव भी होता है, जो एसिडिटी की समस्या को कम करने में कारगर हो सकता है (17)। ईनो के अलावा आप पतंजलि एसिडिटी चूर्ण का भी सेवन कर सकते हैं।

एसिडिटी होने पर कौन-सा फल खाना चाहिए?

एसिडिटी होने पर विटामिन सी युक्त फल खाना लाभकारी हो सकता है (24)। इसके लिए निम्नलिखित फलों का सेवन कर सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (25):
खरबूजा
खट्टे फल, जैसे :- नारंगी और अंगूर
कीवी
आम
पपीता
अनन्नास
स्ट्रॉबेरी
जामुन
तरबूज

क्या नींबू का रस एसिडिटी से राहत दिला सकता है?

लेख में पहले ही बताया गया है कि विटामिन सी युक्त खाद्य का सेवन करने से एसिडिटी से राहत पाई जा सकती है। वहीं नींबू भी विटामिन सी से समृद्ध होता है (26)। इस आधार पर माना जा सकता है कि नींबू का इस्तेमाल एसिडिटी ट्रीटमेंट में लाभकारी हो सकता है।

एसिडिटी होने पर क्या पीना चाहिए?

एसिडिटी का घरेलू उपचार करने के लिए तरल पदार्थ के रूप में विटामिन सी युक्त फलों का जूस पिया जा सकता है। इसके अलावा नींबू, लेमन बाम, कैमोमाइल, एंजेलिका रूट व सौंफ से बनी औषधीय चाय भी पी सकते हैं। इस बारे में आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है।

References

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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