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व्यायाम करते समय, खेल-कूद या दौड़ते हुए कई बार पैर मुड़ जाता है, जिसे अक्सर हम अनदेखा कर देते हैं। कुछ मामलों में अचानक पैर मुड़ना मोच का कारण बन सकता है। कई बार यह कम दुखदायी होता है, तो कभी ज्यादा कष्टकारी भी हो सकता है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में आज हम पांव में मोच से जुड़ी विस्तृत जानकारी लेकर आए हैं। साथ ही यहां आप पैर में मोच के घरेलू उपाय के बारे में भी जानेंगे।
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लेख में सबसे पहले जान लेते हैं कि पैर में मोच क्या है।
पैर में मोच क्या है – What is Ankle Sprain in Hindi
पैर में मोच मस्कुलोस्केलेटल यानी मांसपेशियां, जोड़ों व हड्डियों से जुड़ी समस्या है। इसे एंकल स्प्रेन (Ankle Sprain) के नाम से भी जाना जाता है (1)। यह समस्या कभी भी किसी को भी हो सकती है। सीढ़ी चढ़ते, खेलते हुए, दौड़ते समय पैर मुड़ने के कारण पैर में मोच आना आम है।
पैर में मोच को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि हमारे शरीर में मौजूद लिगामेंट काफी मजबूत व लचीले होते हैं, जो जोड़ों को स्थिर रखने व उन्हें सही तरीके से कार्य करने में मदद करते हैं। जब पैरों के लिगामेंट में किसी कारण खिंचाव आता है, तब पैर में मोच की समस्या उत्पन्न हो सकती है। मोच आने पर पैर में दर्द व सूजन की शिकायत हो सकती है। इसके ज्यादातर मामलों में डॉक्टरी देखभाल की आवश्यकता होती है (2)।
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एंकल स्प्रेन इन हिंदी में अब जानते हैं पैर में मोच के कारण क्या हो सकते हैं।
पैर में मोच के कारण – Causes of Ankle Sprain in Hindi
जैसा कि लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि पैर मुड़ने से पैर में मोच आ सकती है। नीचे हम उन स्थितियों के बारे में बता रहे हैं, जो पैर मुड़ने का कारण बन सकती हैं (3)।
- तेज चलते समय कई बार पैर मुड़ सकता है।
- खेल-कूद के दौरान पैर मुड़ जाना।
- उबड़-खाबड़ जगह पर चलते समय पैर मुड़ना।
- तेज दौड़ने व ऊंची जगह से कूदते समय पैर का मुड़ना।
- कई दफा हाई हील वाले जूते पहनने की वजह से भी पैर मुड़ सकता है।
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पैर में मोच के कारण जानने के बाद लेख में आगे इसके लक्षण के बारे में जानेंगे ।
पैर में मोच के लक्षण – Ankle Sprain Symptoms in Hindi
नीचे पैर में मोच के लक्षण के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3) (4) (5):
- सूजन- चोट लगने के कुछ समय बाद टखने में सूजन आ सकती है।
- दर्द- चलते व पैर को हिलाते समय, टखने के जोड़ में दर्द महसूस हो सकता है। खासकर घुटने का बल जब पैर पर पड़ता हो तब दर्द ज्यादा हो सकता है।
- मांसपेशियों में ऐंठन- पैर में मोच आने पर मांसपेशियों में ऐंठन की शिकायत हो सकती है।
- जोड़ों में अकड़न- टखने के पास जोड़ों में अकड़न की परेशानी हो सकती है।
- त्वचा की रंगत में बदलाव- प्रभावित जगह की त्वचा नीली पड़ सकती है।
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पैर में मोच के लक्षण जानने के आद अगले भाग में जानिए पैर में मोच के घरेलू उपाय क्या हैं।
पैर में मोच के घरेलू उपाय – Home Remedies for Ankle Sprain in Hindi
पैर में मोच के कारण और लक्षणों के बारे में जानने के बाद पैर में मोच के इलाज के लिए सटीक घरेलू उपचार बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
1. आइस पैक
सामग्री:
- बर्फ (आइस क्यूब्स)
- तौलिया
उपयोग का तरीका:
- बर्फ के टुकड़ों को गीले तौलिये में लपेटें।
- करीब 15-20 मिनट के लिए दर्द वाली जगह पर इससे मसाज करें।
- इस प्रक्रिया को हर एक से दो घंटे में दोहरा सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
पैर में मोच से राहत पाने के लिए आइस पैक लाभकारी हो सकता है। दरअसल, मोच में होने वाले दर्द पर आइस पैक का प्रभाव जानने के लिए एक शोध किया गया। अध्ययन में पैर में मोच से जूझ रहे 30 लोगों को शामिल कर दो ग्रुप में बांटा गया। 10 दिनों तक एक ग्रुप के लोगों को आइस पैक और दूसरे ग्रुप के लोगों को ठंडे पानी की सिकाई कराई गई, जिसमें आइस पैक लगाने वाले लोगों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले (6)। इस तरह पैर की मोच के घरेलू उपचार के तौर पर आइस पैक एक कारगर उपाय साबित हो सकता है।
2. मसाज
सामग्री:
- दो बूंद लैवेंडर ऑयल
- दो बूंद ऑरिगेनो ऑयल
उपयोग का तरीका :
- सबसे पहले लैवेंडर ऑयल व ऑरिगेनो ऑयल को मिलाएं।
- अब प्रभावित क्षेत्र की इस तेल से मसाज करें।
- अब इसे पूरी रात के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- इस प्रक्रिया को सप्ताह में तीन से चार बार कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
पैर की मोच के घरेलू उपचार में मसाज भी शामिल है। एक शोध में साफ तौर से इस बात की जानकारी दी गई है कि लैवेंडर ऑयल में मांसपेशियों को आराम पहुंचाने वाला प्रभाव होता है (7)। वहीं, ऑरिगेनो तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है, जो पैर में मोच के कारण होने वाली सूजन को काफी हद तक कम करने में सहायक हो सकता है (8)। इस आधार पर माना जा सकता है कि ऑरिगेनो ऑयल के साथ लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल पैर में मोच से होने वाले दर्द व सूजन से राहत दिला सकता है।
3. राइस ट्रीटमेंट (R.I.C.E Method)
सामग्री:
- आइस क्यूब
- तौलिया
- बैंडेज
उपयोग का तरीका :
रेस्ट (Rest)- चोट लगने के तुरंत बाद किसी भी तरह की गतिविधि न करें। ऐसा करने से चोट को और गंभीर होने से रोका जा सकता है।
आइस (Ice)- एक नर्म तौलिये में बर्फ के टुकड़े को लपेटें व प्रभावित हिस्से पर 15-20 मिनट तक इससे सिकाई करें। ऐसा हर एक से दो घंटे पर दोहराएं। ध्यान रहे बर्फ को सीधे त्वचा पर लगाने की गलती न करें।
कंप्रेशन (Compression)- कंप्रेशन का मतलब होता है दबाव देना। पैर की उंगलियों से लेकर टखने के ऊपर तक टाइट पट्टी बांधें। इसके बाद यह सुनिश्चित करें कि पट्टी दर्द को बढ़ा न रही हो और न ही पैर की उंगलियों तक रक्त के प्रवाह को रोक रही हो।
एलिवेशन (Elevation)- एलिवेशन का अर्थ है ऊंचाई। इसमें प्रभावित हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इसके लिए पैर के नीचे दो तकिये लगा सकते हैं। इससे आपका पैर हृदय की उंचाई से ऊपर होगा।
कैसे है फायदेमंद:
पैर में मोच के लिए आर.आई.सी.ई (RICE) ट्रीटमेंट को लाभकारी माना जाता है। एक शोध में बताया गया है कि चोट लगने के 72 घंटों के भीतर आर.आई.सी.ई थेरेपी शुरू कर देनी चाहिए। इससे पैर में मोच की समस्या के शुरुआती दौर में ही काफी हद तक राहत मिल सकती है। बता दें कि इस थेरेपी का नाम अंग्रेजी के चार अक्षरों से मिलकर बना है, जिसका मतलब है रेस्ट (आराम), आइस (बर्फ से सिंकाई), कंप्रेशन (दबाव) व एलिवेशन (ऊंचाई) (9)।
4. जड़ी बूटियों से तैयार पेस्ट (नैचुरल पोल्टिस)
सामग्री :
- एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- एक कप अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- एक छोटा कच्चा प्याज (कटा हुआ)
- एक लहसुन की कली (कटी हुई)
- दो चम्मच सरसों का तेल
- सूती पट्टी
उपयोग का तरीका :
- एक पैन को धीमी आंच पर रखें।
- इसमें जैतून का तेल व बाकी सामग्रियों को डालें और थोड़ी देर तक गैस पर अच्छे से गर्म होने दें ।
- अब गैस बंद कर दें और इस सामग्री को एक कटोरे में हल्का ठंडा होने दें।
- जब यह ज्यादा गर्म न हो, तो सूती कपड़े में इस पेस्ट को लगाकर प्रभावित हिस्से पर हीट पैड की तरह इस्तेमाल करें।
- इस बैंडेज को प्रभावित हिस्से पर कुछ घंटों बाद निकालें।
कैसे है फायदेमंद:
ऊपर बताई गई नैचुरल पोल्टिस यानी जड़ी बूटियों से तैयार पेस्ट की सभी सामग्रियां पैर की मोच से होने वाले दर्द व सूजन में लाभकारी हो सकती हैं। दरअसल, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन घटक में दर्द निवारक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द व सूजन से राहत दिलाने में प्रभावी हो सकते हैं (10)।
वहीं, अदरक और प्याज में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण, सूजन व दर्द से राहत प्रदान कर सकते हैं (11) (a class=”citation_class” href=”https://www.researchgate.net/publication/228481650_Evaluation_of_analgesic_and_anti-inflammatory_effects_of_fresh_onion_juice_in_experimental_animals” rel=”follow noopener noreferrer”>12)। इसके अलावा, लहसुन में एंटी इंफ्लामेटरी यानी सूजन को कम करने वाला प्रभाव मौजूद होता है (13)। बात करें सरसों के तेल की तो एक शोध में इसे मांसपेशियों में मोच व खिंचाव से राहत पाने के लिए लाभकारी बताया गया है (14)। ऐसे में पैर में मोच के घरेलू उपाय में जड़ी बूटियों से तैयार इस लेप का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
5. एप्सम साल्ट
सामग्री :
- दो चम्मच एप्सम साल्ट
- एक बाल्टी में सहने योग्य गर्म पानी
उपयोग का तरीका :
- एक बाल्टी गर्म पानी में एप्सम साल्ट मिलाएं।
- इसके बाद बाल्टी में 10 से 15 मिनट तक पैर डालकर बैठें।
- फिर पैरों को साफ पानी से धो लें।
कैसे है फायदेमंद :
पैर की मोच के दर्द से आराम पाने के लिए एप्सम साल्ट का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि एप्सम साल्ट में एनाल्जेसिक प्रभाव होता है, जो दर्द से आराम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (15)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि एप्सम सॉल्ट युक्त पानी से पैर में मोच का घरेलू इलाज किया जा सकता है।
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अब बारी है पैर में मोच का निदान जानने की।
पैर की मोच का निदान: Diagnosis of Ankle Sprain in Hindi
पैर में मोच के निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं व इसके साथ ही कुछ खास परीक्षण की सलाह भी दे सकते हैं (16)।
- शारीरिक परीक्षण- पैर में मोच का पता लगाने के लिए सबसे पहले डॉक्टर शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। इसमें वे प्रभावित जगह को छू कर देख सकते हैं।
- मेडिकल हिस्ट्री- डॉक्टर मरीज से मेडिकल हिस्ट्री यानी पहले कभी उसी जगह पर चोट लगी है व चोट कैसे लगी आदि सवाल पूछ सकते हैं।
- एक्स रे- चोट का पता लगाने के लिए डॉक्टर एक्स रे की सलाह दे सकते हैं।
- लिगमेंट टेस्टिंग– चोट की गंभीरता का पता लगाने के लिए कई बार डॉक्टर लिगामेंट टेस्टिंग की सलाह दे सकते हैं।
- सोनोग्राफी- कुछ मामलों में डॉक्टर सोनोग्राफी कराने के लिए कह सकते हैं। ये एक ऐसी तकनीक है जिसमें बिना ऑपरेशन शरीर को अंदर से देखा जा सकता है।
- एमआरआई– गंभीर मामलों में एमआरआई की सलाह दे सकते हैं। ये एक प्रकार का स्कैन है, जो शरीर के अंदर की विस्तृत छवि रेडियो तरंगों के जरिए निकाल सकता है।
बने रहें हमारे साथ
पैर में मोच के निदान के बाद लेख में आगे जानें पैर के मोच का इलाज कैसे किया जा सकता है।
पैर की मोच का इलाज : Treatment for Ankle Sprain in Hindi
पैर में मोच के घरेलू उपचार तो आप जान ही चुके हैं। चलिए मोच खाए टखने के लिए डॉक्टर कौन सी इलाज का सुझाव दे सकते हैं, इसके बारे में जान लेते हैं (17)।
- एक्सरसाइज थेरेपी: पैर में मोच के इलाज के तौर पर डॉक्टर एक्सरसाइज थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। इससे पैर में मोच के कारण होने वाले दर्द में काफी हद तक मदद मिल सकती है।
- एंकल ब्रेस (टखनों की पट्टी): जब तक पैरों से सूजन नहीं जाती व पैर में वजन डालने में तकलीफ होने पर डॉक्टर एंकल ब्रेस का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।
- इलास्टिक बैंडेज: पैर में मोच की रिकवरी के लिए इलास्टिक बैंडेज लगाने के लिए कहा जा सकता है।
- राइस थेरेपी: चोट लगने के शुरुआती 72 घंटों में राइस थेरेपी का सुझाव दिया जा सकता है। इसे पैर में मोच के समस्या के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके बारे में विस्तार से लेख में ऊपर जानकारी दी जा चुकी है।
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इस भाग में हम पैर में मोच के लक्षण को दूर करने के लिए एक्सरसाइज से जुड़ी जानकारी देंगे।
पैर की मोच के दौरान एक्सरसाइज: Sprained ankle exercises in Hindi
पैर में मोच के इलाज के साथ-साथ फिजियोथेरेपिस्ट कुछ व्यायाम का सुझाव दे सकते हैं। ये व्यायाम लिगामेंट को लचीला व मजबूत बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। आइए जानते हैं उन एक्सरसाइज के बारे में, जो पैर में मोच के लक्षण को काफी हद तक कम कर सकते हैं (18)।
- टॉवल स्ट्रेच: एक तौलिये को अपने पैर की उंगलियों के पीछे फसाएं व उसेअपनी तरफ खींचें। इस अवस्था में 30 सेकंड के लिए बने रहें। फिर शुरुआती अवस्था में आ जाए। अब एक बार फिर इस प्रक्रिया को दोहराएं। इस तरह इस व्यायाम को दो से तीन बार करें।
- एंकल मोशन एक्सरसाइज: एक कुर्सी पर बैठें व पैरों को जमीन पर रखें। इसके बाद धीरे धीरे अपने एक पैर को कुर्सी के अंदर की तरफ नीचे से स्लाइड करें। करीब 30 सेकंड के लिए होल्ड करें। इसके बाद दूसरे पैर के साथ इस प्रक्रिया दोहराएं। ऐसा 2 से 3 बार करें।
- स्टैंडिंग वॉल स्ट्रेच: दीवार से कुछ दूरी पर खड़े हो जाएं और दोनों हाथों की सहायता से दीवार पर हांथ रखकर एक पैर को आगे और एक पैर को पीछे की तरफ रखें। पैरों की इस अवस्था को अगले हर 10 सेकंड पर बदलते रहें व इस प्रक्रिया को करीब दो से 3 बार दोहराएं।
- टो राइज : एक कुर्सी का सहारा लेकर खड़े हो जाएं व पैर की उंगलियों को जितना हो ऊपर की ओर उठाएं और वापस नीचे की ओर जमीन पर लाएं। ध्यान रहे उंगलियों को उतना ही उठाएं, जिसमें आपको दर्द न महसूस हो। पैरों की उंगलियों के बाद अगर चाहें तो इस एक्सरसाइज को आप एड़ी के सहारे भी कर सकते हैं।
लेख को अंत तक पढ़ें
अब जानते हैं कि पैर में मोच से बचाव कैसे किया जा सकता है।
पैर में मोच से बचाव – Prevention Tips for Ankle Sprain in Hindi
नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखकर, पैर की मोच से बचा जा सकता है (6) (3)।
- खेल कूद गतिविधियों के दौरान सही जूते पहनें, जिससे मोच का जोखिम कम हो सकता है ।
- जूते खरीदते समय ध्यान रखें कि ये पैरों में ठीक से फिट हो रहे हो।
- हाई हील के फुटवियर पहनने से बचें।
- व्यायाम और खेलकूद करने से पहले हमेशा वार्म-अप और स्ट्रेच करें।
- उन खेलों और गतिविधियों से बचें जिनके लिए ट्रेनिंग नहीं लिया है।
- फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा निर्देशित टखने के एंकल ब्रेस, बैंडेज या टेप ही इस्तेमाल करें।
- गीले फर्श पर व्यायाम करते समय सावधानी बरतें, खासकर मोच के बाद पहले कुछ हफ्तों में।
पैर की मोच को हल्के में लेकर अनदेखा न करें, क्योंकि कई बार यह गंभीर रूप भी ले सकती है। लेख में बताए गए पैर में मोच के घरेलू इलाज को अपनाकर इस परेशानी से काफी हद तक राहत पाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, लेख में दिए गए इन घरेलू इलाज को पूर्णत: इलाज समझने की गलती न करें। यदि इन उपायों के बाद भी पैरों में दर्द और सूजन में आराम न हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डॉक्टर से कब सलाह लें?
- टखने में मोच के बाद अगर निम्न लक्षण दिखाई दें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें (2)।
- चोट के बाद चलना मुश्किल हो रहा हो या फिर चलने में बहुत दर्द महसूस हो रहा हो।
- बर्फ की सिंकाई, आराम और दर्द की दवा लेने के बाद भी दर्द कम नहीं हो रहा हो।
- 5 से 7 दिनों के बाद भी टखने की चोट में बेहतर महसूस नहीं कर रहे हो।
- टखने में कमजोरी महसूस हो रही हो।
- चोट के बाद टखने का रंग लाल, काला और नीले में तब्दील होना।
- टखने का बार-बार सुन्न होना या झुनझुनी महसूस होना।
पैर की मोच को रात भर में कैसे ठीक करें?
पैर की मोच से रात भर में राहत नहीं पाई जा सकती है। हालांकि, पैर की मोच का इलाज करने के लिए प्राथमिक चिकित्सा में राइस थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दर्द व सूजन में जल्द राहत दिला सकती है (18)।
टखने में मोच व टखने के फैक्चर के बीच में क्या अंतर हैं?
लिगामेंट में किसी कारण खिंचाव आने को टखने में मोच कहा जाता है (2)। वहीं, टखने में मौजूद एक या उससे अधिक हड्डी के टूटने को टखने का फ्रैक्चर कहते हैं । (19)
References
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- Ankle Sprain
https://www.cdc.gov/acute-pain/ankle-sprain/index.html - Ankle sprain – aftercare
https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000574.htm - Ankle sprains
https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/ankle-sprains - Sprains and Strains
https://medlineplus.gov/sprainsandstrains.html - Sprains
https://medlineplus.gov/ency/article/000041.htm - EFFECTIVENESS OF ICE PACK VERSUS COLD WATER IMMERSION ON STATIC AND DYNAMIC BALANCE IN ANKLE SPRAIN
https://www.researchgate.net/publication/282772938_EFFECTIVENESS_OF_ICE_PACK_VERSUS_COLD_WATER_IMMERSION_ON_STATIC_AND_DYNAMIC_BALANCE_IN_ANKLE_SPRAIN - Anxiolytic Effect of Lavender Oil on Orthognathic Surgery Patients
https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT03388736 - Carvacrol ameliorates inflammatory response in interleukin 1β-stimulated human chondrocytes
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29257341/ - What Is the Evidence for Rest Ice Compression and Elevation Therapy in the Treatment of Ankle Sprains in Adults?
https://www.researchgate.net/publication/230665227_What_Is_the_Evidence_for_Rest_Ice_Compression_and_Elevation_Therapy_in_the_Treatment_of_Ankle_Sprains_in_Adults - Efficacy of Turmeric Extracts and Curcumin for Alleviating the Symptoms of Joint Arthritis: A Systematic Review and Meta-Analysis of Randomized Clinical Trials
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5003001/ - Analgesic and anti-inflammatory activities of [6]-gingerol
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15588672/ - Evaluation of analgesic and anti-inflammatory effects of fresh onion juice in experimental animals
https://www.researchgate.net/publication/228481650_Evaluation_of_analgesic_and_anti-inflammatory_effects_of_fresh_onion_juice_in_experimental_animals - Immunomodulation and Anti-Inflammatory Effects of Garlic Compounds
https://www.researchgate.net/publication/275725771_Immunomodulation_and_Anti-Inflammatory_Effects_of_Garlic_Compounds - Ultrasonic Studies on Mustard Oil: A Critical
https://www.ijsr.net/archive/v4i8/SUB157340.pdf - Analgesic effect of intra-articular magnesium sulphate compared with bupivacaine after knee arthroscopic menisectomy
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4293873/ - Diagnosis and treatment of acute ankle injuries: development of an evidence-based algorithm
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3348693/ - Diagnosis treatment and prevention of ankle sprains: An evidence-based clinical guideline
https://www.researchgate.net/publication/224811110_Diagnosis_treatment_and_prevention_of_ankle_sprains_An_evidence-based_clinical_guideline - Ankle sprains
https://www2.health.vic.gov.au/~/media/Health/Files/Collections/Factsheets/E/ED%20factsheets/edfact_ankle-sprains-pdf - Ankle fracture – aftercare
https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000548.htm
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