Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

इस बात को तो आप भी मानेंगे कि पेट अच्छा, तो पूरा दिन भी अच्छा। वहीं, अगर पेट में कुछ गड़बड़ हो, तो दिनभर मूड अजीब-सा रहता है और किसी काम में मन भी नहीं लगता। अब जब बात पेट की हो रही हो, तो अपेंडिक्स का जिक्र करना भी बनता है। यह हमारी आंत का छोटा-सा हिस्सा होता है। अपेंडिक्स में दर्द या सूजन होने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख हम अपेंडिक्स के बारे में ही बात करेंगे। इस लेख में हम कुछ ऐसे घरेलू उपचार बता रहे हैं, जो अपेंडिक्स से बचाए रखने में मदद कर सकते हैं। वहीं, अपेंडिक्स की अवस्था में उसके लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट के असर को बढ़ा सकते हैं। इस लेख में हम अपेंडिक्स क्या होता है और अपेंडिक्स के लक्षण के साथ ही अपेंडिक्स का इलाज कैसे करें, इस संबंध में विस्तार से बताया जा रहा है।

लेख में हम पहले अपेंडिक्स क्या है, इसके बारे में बता रहे हैं।

अपेंडिक्स क्या है? – What is Appendix in Hindi

अपेंडिसाइटिस, अपेंडिक्स से जुड़ी समस्या होती है। ऐसा अपेंडिक्स में सूजन या संक्रमण के कारण होता है। अपेंडिक्स बड़ी आंत से जुड़ी एक तरह की छोटी थैली होती है। यह पेट के निचले दाहिने भाग में होती है। अगर किसी को अपेंडिसाइटिस हो जाए, तो उसका समय रहते इलाज कर लेना चाहिए। अगर इलाज नहीं किया गया, तो इससे कई  गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ये समस्याएं तब होती है, जब अपेंडिक्स में किसी प्रकार की रुकावट उत्पन्न हो जाती है। अपेंडिक्स में रुकावट के कारण उसके अंदर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो दर्द का कारण भी बन सकते हैं (1)।

लेख के अगले भाग में हम बता रहे हैं कि अपेंडिक्स कितने प्रकार के हो सकते हैं।

अपेंडिक्स के प्रकार – Types of Appendix in Hindi

अपेंडिक्स के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं:

  • एक्यूट अपेंडिसाइटिस- एक्यूट अपेंडिसाइटिस एक तरह का गंभीर और अचानक से शुरू होने वाला अपेंडिसाइटिस है। इसके लक्षण एक-दो दिन में ही बढ़ सकते हैं। एक्यूट अपेंडिसाइटिस का इलाज तुरंत करने की आवश्यकता होती है। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो अपेंडिक्स फट भी सकता है। इससे अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। क्रोनिक अपेंडिसाइटिस के मुकाबले एक्यूट अपेंडिसाइटिस आम है (2)।
  • क्रोनिक अपेंडिसाइटिस – क्रोनिक अपेंडिसाइटिस की समस्या एक्यूट अपेंडिसाइटिस की तुलना में काफी कम ही होती है। इस अपेंडिसाइटिस के एक बार ठीक होने के बाद फिर से होने की आशंका कम ही होती है। क्रोनिक अपेंडिसाइटिस का निदान करना मुश्किल हो सकता है। कभी-कभी तो इसकी पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार का अपेंडिसाइटिस अधिक नुकसानदायक हो सकता है (3)।

इस लेख में आगे हम अपेंडिक्स के कारण और जोखिम कारकों के बारे में बता रहे हैं।

अपेंडिक्स के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Appendix in Hindi

अपेंडिसाइटिस होने के एक से अधिक कारण हो सकते हैं, लेकिन इनके बारे में स्पष्ट रूप से कहना अभी मुश्किल है। इसलिए, यहां हम कुछ मुख्य कारणों के बारे में बता रहे हैं (4):

  • अपेंडिक्स में रुकावट।
  • जठरांत्र पथ यानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट या फिर पेट के अन्य भाग में संक्रमण के कारण अपेंडिक्स की दीवार में टिश्यू का बढ़ना।
  • पेट में सूजन होना।
  • अपेंडिक्स के अंदरूनी हिस्से में परजीवियों का बढ़ना।

अपेंडिसाइटिस के जोखिम कारक

  • उम्र का बढ़ना।
  • पाचन की समस्या।
  • अस्वस्थ आहार का सेवन।

इस लेख के अगले भाग में हम अपेंडिक्स के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।

अपेंडिक्स के लक्षण – Appendix Symptoms in Hindi

अपेंडिक्स का सबसे आम लक्षण पेट में दर्द होना है। यह दर्द अचानक से बढ़ सकता है और खांसने, छींकने या तेज सांस लेने पर कष्टदायक हो सकता है। अपेंडिक्स के इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है (4):

  • पेट में दर्द
  • भूख न लगना
  • मतली
  • उल्टी
  • कब्ज या दस्त
  • बुखार
  • गैस संबंधी समस्या
  • पेट में सूजन
  • मल त्याग करने में समस्या

अपेंडिक्स से राहत दिलाने वाले घरेलू उपाय जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

अपेंडिक्स के दर्द के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Appendix Pain in Hindi

अपेंडिसाइटिस एक गंभीर बीमारी है। इस अवस्था में डॉक्टर से इलाज करवाना ही सबसे बेहतर विकल्प है। घरेलू उपचार की मदद से पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है। घरेलू उपचार इससे होने वाले दर्द व कुछ अन्य लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसलिए, अपेंडिक्स की अवस्था में सिर्फ घरेलू नुस्खों से उपचार करना सही निर्णय नहीं है। यहां हम वो घरेलू उपचार बता रहे हैं, जो अपेंडिक्स के दर्द को कुछ कम कर सकते हैं।

1. अरंडी का तेल

अरंडी के तेल के फायदे में अपेंडिसाइटिस के कारण होने वाले दर्द को कम करना हो सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) गुण होता है। इस एसिड के कारण अरंडी का तेल अपेंडिसाइटिस में होने वाले दर्द व सूजन को कुछ कम करने में मदद कर सकता है (5)। इसके लिए आप अरंडी के तेल को कपड़े में लगाकर अपेंडिसाइटिस से प्रभावित क्षेत्र के ऊपर कुछ मिनट के लिए रख सकते हैं।

2. ग्रीन टी

ग्रीन टी के लाभ अपेंडिक्स के दर्द से राहत दिलाने का काम कर सकते हैं। ग्रीन टी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसके सेवन से शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकता है। ग्रीन टी में  एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये अपेंडिक्स के दर्द और सूजन को कम करने के साथ-साथ पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं । इस प्रकार अपेंडिसाइटिस की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है (6)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है। दिनभर में करीब दो कप ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है।

3. जिनसेंग टी

जिनसेंग टी के फायदे में भी अपेंडिक्स के कुछ लक्षणों को कम करना शामिल है। जिनसेंग टी के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत किया जा सकता है। इम्यून सिस्टम के ठीक तरह से काम करने से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है (7)। साथ ही इम्यून सिस्टम के बेहतर होने से अपेंडिक्स की समस्या से उबरने में कुछ मदद मिल सकती है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि अपेंडिक्स में जिनसेंग टी कुछ लाभदायक है। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।

4. अदरक

कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में अदरक को आयुर्वेदिक औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है। उन्हीं समस्याओं में से एक अपेंडिक्स भी हो सकती है। अदरक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होता है, जो सूजन और दर्द को कुछ कम करने का काम कर सकता है। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि अदरक सूजन व दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें एनाल्जेसिक गुण पाया जाता है (8)। अपेंडिक्स में अदरक की चाय कुछ फायदा कर सकती है।

[ पढ़े: Adrak Ke Fayde in Hindi ]

5. जूस

अपेंडिक्स से राहत पाने के लिए जूस का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए चुकंदर व  गाजर का जूस सबसे लाभकारी साबित हो सकता है। चुकंदर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो सूजन को कम कर दर्द से राहत दिला सकता है। इससे अपेंडिक्स के कारण होने वाली सूजन को कुछ समय के लिए कम किया जा सकता है (9)। इस प्रकार अपेंडिक्स का घरेलू इलाज में जूस भी मदद कर सकता है।

नोट: अगर कोई किसी अन्य बीमारी की दवा ले रहा है, तो ऊपर दिए गए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम अपेंडिक्स के संभावित इलाज के बारे में बता रहे हैं।

अपेंडिक्स का इलाज – Appendix Treatment in Hindi

अगर डॉक्टर को इस बात की आशंका होती है कि अपेंडिसाइटिस है, तो वह पेट का अल्ट्रासाउंड करवाने का सुझाव दे सकता है। अल्ट्रासाउंड के जरिए अपेंडिक्स में सूजन या फिर किसी अन्य प्रकार की समस्या का पता लगाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की जगह सीटी स्कैन करवाने के लिए कह सकते हैं। अल्ट्रासाउंड के मुकाबले सीटी स्कैन में अपेंडिक्स को बेहतर तरीके से देखा जा सकता है। इन टेस्ट के बाद डॉक्टर निम्न प्रकार से इलाज कर सकते हैं :

  • अपेंडिक्स की समस्या को दूर करने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है। इन सर्जरी के बारे में आगे विस्तार से बताएंगे।
  • अपेंडिक्स के इलाज में इंजेक्शन की मदद से इसमें मौजूद पस को बहार निकाला जा सकता है।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग कर अपेंडिक्स की समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है, क्योंकि यह समस्या अमूमन संक्रमण के कारण ही होती है।
  • अपेंडिक्स की स्थिति में तेज दर्द हो सकता है। ऐसे में दर्द को कम करने वाले दवाई के उपयोग से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
  • आहार में तरह पदार्थ की मात्रा को बढ़ाकर अपेंडिक्स के इलाज को बढ़ावा दिया जा सकता है।

अपेंडिक्स की गंभीर हालत में डॉक्टर सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। यह सर्जरी दो प्रकार से की जाती है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है (4): 

  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी- इस सर्जरी के समय सर्जन कई छोटे- छोटे चीरे के माध्यम से अपेंडिसाइटिस को हटाने का काम करता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में कम जटिलताएं होती हैं। जैसे, अस्पताल से संबंधित संक्रमण आदि और इसमें रिकवरी भी जल्दी होती है।
  • लैपरोटोमी सर्जरी- लैपरोटॉमी सर्जरी में डॉक्टर पेट के दाई ओर निचले भाग में एक चीरा लगाकर अपेंडिसाइटिस को हटाते हैं।

सर्जरी के माध्यम से अपेंडिसाइटिस को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। सर्जरी के बाद दैनिक जीवन में ज्यादा बदलाव करने की जरूरत भी नहीं होती है। फिर भी सर्जन लैपरोटॉमी सर्जरी के बाद 10-14 दिन तक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद 3-5 दिन के लिए शारीरिक गतिविधि को कम करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऐसा न करने पर अपेंडिक्स का दर्द फिर से शुरू हो सकता है।

आइए, अब यह जान लेते हैं कि अपेंडिक्स की स्थिति में खान-पान में क्या सावधानी बरतें।

अपेंडिक्स में आहार – Appendix Diet in Hindi

अपेंडिक्स की समस्या को कुछ हद तक कम करने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है। इन फाइबर युक्त आहार में निम्न चीजें शामिल हैं (10) (11):

  • सब्जियां- (सलाद पत्ते, गाजर, पालक, मशरूम कद्दू, ब्रोकली और आलू)
  • फल- (सेब, केला, नाशपाती, जामुन और अंजीर)
  • अनाज- (दलिया, ब्राउन राइस, पॉपकॉर्न और गेहूं व उससे बने खाद्य पदार्थ)

आगे हम अपेंडिक्स से बचाव के बारे में बता रहे हैं।

अपेंडिक्स से बचाव – Prevention Tips for Appendix in Hindi

अगर कुछ नियमित नियमों का पालन किया जाए, तो अपेंडिक्स से बचा जा सकता है। अपेंडिक्स की समस्या से बचने के लिए इन नियमों का पालन करें।

  • ताजा फल और सब्जियों के सेवन को बढाएं।
  • प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें, ताकि शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से काम करें और पाचन तंत्र भी ठीक रहे।
  • आहार के सेवन से पहले हाथों की सफाई पर ध्यान दें।

वैज्ञानिक प्रमाण से यह स्पष्ट हो गया है कि अपेंडिक्स कैसे होता है और अपेंडिक्स के लक्षण को दूर करने में घरेलू उपचार किस प्रकार मददगार हैं। साथ ही अपेंडिक्स से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर की सहायता भी जरूर लें। वहीं, सर्जरी के बाद कुछ दिन आराम जरूर करें, ताकि इस समस्या के फिर होने की आशंका न रहे। अगर आपके मन में इस विषय के संबंध में कोई अन्य सवाल है, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ शेयर करें। हम जल्द से जल्द वैज्ञानिक प्रमाण सहित जवाब देने का प्रयास करेंगे।

आगे इस समस्या के लिए अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के जवाब जानेंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अपेंडिक्स की सर्जरी होने के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है?

अपेंडिक्स के सर्जरी करने के बाद इसे ठीक होने में 10 से 14 दिन लग सकते हैं। इस दौरान शारीरिक गतिविधि को कम करना पड़ सकता हैं (4)।

क्या अपेंडिसाइटिस वंशानुगत होता है?

जी हां, कई मामलों में अपेंडिसाइटिस आनुवंशिक भी हो सकता है (12)।

अपेंडिक्स फटने की जानकारी कैसे होगी?

अपेंडिक्स के फटने पर पेट में संक्रमण फैल सकता है। यह अवस्था सबसे गंभीर और जानलेवा होती है (1)।

क्या अपेंडिसाइटिस का दर्द एक बार खत्म होने के बाद दोबारा शुरू हो सकता है?

कई मामलों में अपेंडिक्स का दर्द खत्म होने के बाद फिर से शुरू हो सकता है। हां, अगर सही से इलाज किया जाए, तो दर्द के फिर होने की आशंका कम हो सकती है।

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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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