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आयुर्वेद में कई औषधीय तेलों का जिक्र किया गया है और बबूने का तेल भी उन्हीं में से एक है। जड़ी-बूटियों से निर्मित इस गुणकारी तेल का उपयोग विभिन्न शारीरिक समस्या में अलग-अलग तरीके से किया जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम इसी तेल के बारे में बात करेंगे। इस लेख में हम बबूने के तेल के फायदे और बबूने के तेल के नुकसान के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे। यहां हम कुछ वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर इसके फायदे और उपयोग करने के तरीके के बारे में बता रहे हैं। फिर भी इसे प्रयोग करने से पहले योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूरी है, क्योंकि सभी की शारीरिक संरचना अलग होती है और उसी के अनुसार आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि बबूने का तेल तैयार कैसे किया जाता है।
बबूने के तेल क्या है? – What is Chamomile Oil in Hindi
बबूने के फूल से ही निकलने वाले तेल को ही बबूने का तेल कहा जाता है। इंग्लिश में इसे कैमोमाइल ऑयल (Chamomile oil) कहा जाता है। इस तले को औषधीय गुणों से भरपूर और एसेंशियल ऑयल का अहम स्रोत माना जाता है। कैमोमाइल एसेंशियल तेल को इसके फूलों को स्टीम देकर निकाला जाता है। विभिन्न दवाइयों व सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में इस तेल का खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है (1)। यह तेल किस प्रकार से स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है, इसे जानने के लिए आप यह लेख जरूर पढ़ें।
आइए, अब लेख के अगले भाग में विस्तार से जानते हैं कि बबूने के तेल के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
बबूने के तेल के फायदे – Benefits of Chamomile Oil in Hindi
बबूने के तेल के फायदे निम्न प्रकार से लाभदायक हो सकते हैं।
1. पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
पाचन स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल के लिए भी चॅमॉमाइल आयिल के फायदे देखे जा सकते हैं। चॅमॉमाइल आयिल में थेराप्यूटिक (Therapeutic) गुण पाया है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, कैमोमाइल ऑयल में एंटीस्पास्मोडिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये गुण सकारात्मक रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी (gastrointestinal motility) को सक्रिय रूप से कार्य करने में मदद कर सकते हैं। यह पाचन तंत्र से जुड़ी एक प्रक्रिया है। इसके साथ-साथ इस तेल को पेट पर लगाकर हल्की मालिश करने से पाचन तंत्र से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी ठीक करने का काम कर सकता है (2)। वहीं, अगर किसी की समस्या जटिल है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
2. घाव भरने के लिए
घाव भरने के लिए भी कैमोमाइल तेल के फायदे लाभकारी हो सकते हैं। एक विवो अध्ययन के अनुसार कैमोमाइल तेल में एंटी-बैक्टीरियल और वुंड हीलिंग एक्टिविटी ( Wound Healing Activity – घाव भरने की क्रिया) पाई जाती है। यह प्रभावी एंटी-बैकेटीरियल गुण रखने के साथ-साथ तेजी से घाव भरने की क्रिया का गुण रखता है। जिसके कारण घाव पर इसके तेल को इस्तेमाल करने से उसके उपचार में मदद मिल सकती है (3)। घाव ज्यादा बड़ा होने पर या उसे ठीक होने में ज्यादा समय लगने की संभावना हो, तो मेडिकल ट्रीटमेंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
3. मानसिक तनाव के लिए
सामान्य मानसिक तनाव में भी बबूने के तेल के फायदे देखे जा सकते हैं। यह तेल अरोमाथेरेपी की तरह काम करता है। तनाव की अवस्था में इस तेल से सिर की मालिश करने से कुछ राहत मिल सकती है (4)। ज्यादा दिनों तक मानसिक तनाव बने रहने की स्थिति में किसी मनोचिकित्सक से मिल सकते हैं।
4. अवसाद की स्थिति में
अवसाद की स्थिति में भी बबूने तेल का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की ओर से जारी एक क्लिनिकल अध्ययन के मुताबिक, बबूने के तेल में एंटी-डिप्रेशेंट प्रभाव पाया जाता है, जो अवसाद की स्थिति को कम करने में आपकी मदद कर सकता है (5)। हालांकि, इसमें एंजायोलेटिक एक्टिविटी (anxiolytic activity- एंटीएंग्जायटी गतिविधि) गुण भी मौजूद होता है, जो चिंता को भी दूर करने में मदद कर सकता है। बेशक, यह तेल अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन गंभीर अवस्था में मनोचिकित्सक की सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।
5. त्वचा में जलन के लिए
कुछ लोगों की त्वचा संवदेनशील होती है। ऐसे लोगोंं को जल्द त्वचा में जलन की परेशान होने लगती है। ऐसे में चॅमॉमाइल आयिल के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल कैमोमाइल ऑयल एंटी-इन्फ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण रखता है। जिसका उपयोग करने से सामान्य रूप की ज्वलनशील त्वचा का उपचार करने में मदद मिल सकती है। त्वचा की सूजन से जुड़ी कई समस्याओं के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि दूसरी ओर इस संबंध में कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करें (6)।
6. दर्द निवारक के रूप में
दर्द निवारक के रूप में भी चॅमॉमाइल आयिल का इस्तेमाल किया जा सकता है। चॅमॉमाइल आयिल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। यह गुण इन्फ्लेमेशन के कारण मांसपेशियों में होने वाले दर्द की स्थिति यानी मसल स्पैस्म (muscle spasms) के उपचार में मदद कर सकता है। मसल स्पैस्म में मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। हालांकि, यह अवस्था नुकसानदायक नहीं होती है, लेकिन दर्दनाक जरूर हो सकती है (4)। ऐसे में बबूने के तेल से मालिश करने से कुछ राहत जरूर मिल सकती है।
7. एंटीकैंसर के रूप में
बबूने के तेल के फायदे में एंटी-कैंसर एक्टिविटी पाई जाती है। इस तेल के प्रयोग से कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है। एनसीबीआई की ओर से जारी मेडिकल रिसर्च में भी पाया गया है कि बबूने के तेल में मौजूद एंटी-कैंसर एक्टिविटी प्रोस्टेट कैंसर से बचाने में मदद कर सकती है (4)। वहीं, अगर किसी को कैंसर है, तो उसे बिना किसी देरी के पूरी तरह से मेडिकल ट्रीटमेंट जरूर कराना चाहिए। वहीं, जहां तक बात है घरेलू नुस्खों की, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही प्रयोग करना चाहिए।
8. अच्छी नींद के लिए
तनाव की अवस्था में अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या से निपटने में भी बबूने तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन है, क्योंकि बबूने तेल में कुछ ऐसे फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं, जिनमें सीडेटिव प्रभाव (नींद की गुणवत्ता में सुधार करने का एक प्रभाव) पाया जाता है। इसी प्रभाव के कारण बेहतर नींद आने में मदद मिल सकती है (4)। ध्यान रहे कि अगर शुरुआती घरेलू उपायों के बाद भी नींद में सुधार न हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
9. बालों के लिए
बालों को खूबसूरत रखने की चाह रखने वालों के लिए बबूने के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। इस तेल को बालों में लगाने से बालों की खूबसूरत बनाए रखने में मदद मिल सकती है। दरअसल, बबूने के तेल को बालों की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है (6)। हालांकि, यह किस प्रकार बालों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह पर आप इसको बालों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेख के इस भाग में बबूने तेल के उपयोग करने के तरीके के बारे में बताया जा रहा है।
बबूने के तेल का उपयोग – How to Use Chamomile Oil in Hindi
बबूने तेल का विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है। इसके बारे में नीचे विस्तारपूर्वक बताया जा रहा है।
एरोमाथेरेपी के रूप में : इसमें एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शारीरिक व मानसिक रूप से आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। कैमोमाइल ऑयल को भी एसेंशियल ऑयल की श्रेणी में रखा जाता है (7)। आप कैमोमाइल ऑयल को एरोमाथेरेपी के रूप में निम्न प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं :
- बबूने के तेल की एक-दो बूंदें डिफ्यूजर में डालकर कमरे में रखा जा सकता है। इसकी सुगंध थकान कुछ हद तक कम हो सकती है और मूड भी अच्छा हो सकता है।
- स्प्रे बोतल में पानी और बबूने के तेल की 10-12 बूंदें डालकर रूम स्प्रे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अन्य इस्तेमाल :
- कैमोमाइल तेल का उपयोग शरीर व सिर की मालिश के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तेल कुछ गाढ़ा होता है, इसलिए आप इसमें नारियल का तेल मिलाकर इसे पतला कर सकते हैं।
- कान में संक्रमण को रोकने के लिए इसकी एक बूंद का इस्तेमाल किया जा सकता है (4)।
- हॉट बाथ लेने के दौरान इसके तेल की कुछ बूंदों के पानी में मिलाकर नहाया जा सकता है।
- कैमोमाइल तेल की एक-दो बूंदों का इस्तेमाल बॉडी लोशन और मॉइस्चराइजर के रूप में भी किया जा सकता है।
- चॅमॉमाइल आयिल को घाव पर लगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब करें इस्तेमाल: रात में सोने से पहले इसके तेल को सिर में लगाया जा सकता है। आप रात को सोते समय कमरे में इसका स्प्रे भी कर सकते हैं।
कितना करें इस्तेमाल: जरूरत के हिसाब से ही इसकी मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं, इसके सेवन की सही जानकारी के लिए आप आहार विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
चॅमॉमाइल आयिल के फायदे के फायदे जानने के बाद आइए अब चॅमॉमाइल आयिल के कारण होने वाले कुछ दुष्प्रभाव भी जान लेते हैं।
बबूने के तेल के नुकसान – Side Effects of Chamomile Oil in Hindi
बबूने के तेल में लैक्टोन (Lactones -केमिकल कंपाउंड) के कारण कुछ नुकसान इस प्रकार से हो सकते हैं (8)।
- संवेदनशील व्यक्तियों को एलर्जी हो सकती है। ऐसे लोगों को सांस लेने, छाती में भारीपन व जी-मिचलाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- आंख में सूजन का कारण बन सकता है।
- डर्माटाइटिस (खुजली के कारण लाल त्वचा) और एक्जिमा (कठोर और सूजन वाली त्वचा) का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर इसे एंटीकोआगुलंट्स दवा के साथ लिया जाए, तो दवा का प्रभाव कई गुना बढ़ सकता है, जिससे गंभीर दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं। शरीर में खून के थक्के को अधिक बनने से रोकने के लिए एंटीकोआगुलंट्स दवा दी जाती है।
- इस तेल को सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि कैमोमाइल ऑयल को त्वचा पर लगाना या फिर एरोमाथेरेपी की तरह यूज करना है। साथ ही इस आर्टिकल में आपको चॅमॉमाइल आयिल के नुकसान के बारे में भी बताया गया है। इसके सेवन से अगर किसी को त्वचा या शरीर पर एलर्जी की समस्या हो, तो तुरंत इसका इस्तेमाल रोक दें। चिकित्सक की सलाह के बाद ही इसका इस्तेमाल दोबारा शुरू करें। इस लेख को पढ़कर आपको कैसा फायदा हुआ, हमें अवश्य बताएं।
References
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- Sample records for chamomile essential oil
https://www.science.gov/topicpages/c/chamomile+essential+oil - Effect of Topical Chamomile Oil on Postoperative Bowel Activity after Cesarean Section: A Randomized Controlled Trial
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6121760/ - In vivo Antibacterial and Wound Healing Activities of Roman Chamomile (Chamaemelum nobile)
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/28034365/ - Chamomile: A herbal medicine of the past with bright future
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2995283/ - Chamomile (Matricaria recutita) may provide antidepressant activity in anxious depressed humans: an exploratory study
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/22894890/ - Chamomile: A herbal medicine of the past with a bright future (Review)
https://www.researchgate.net/publication/49658820_Chamomile_A_herbal_medicine_of_the_past_with_a_bright_future_Review - Aromatherapy With Essential Oils –Health Professional Version
https://www.cancer.gov/about-cancer/treatment/cam/hp/aromatherapy-pdq
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