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शिशु को जब ठोस पदार्थ देना शुरू किया जाता है, तो कई तरह के फलों को आहार में शामिल किया जाता है। इन्हीं में से एक फल केला भी है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के लेख के माध्यम से हम बच्चों में केले के सेवन से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। लेख में आप जानेंगे कि केले से शिशुओं को क्या स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं और कब आप अपने शिशु को केला खिलाना शुरू कर सकते हैं। साथ ही लेख में बच्चों के लिए केले से तैयार होने वाली कुछ रेसिपी भी बताई गई हैं।

तो आइए पहले हम छोटे बच्चों को केला खिलाना कितना सही है, यह जान लेते हैं।

शिशु को केला देना सुरक्षित है?

हां, शिशुओं के लिए केले का सेवन सुरक्षित है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, बच्चों को पके हुए केले का सेवन कराना सुरक्षित है (1) वहीं केले में पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फासफोरस, सेलेनियम, आयरन, विटामिन ए, बी 2, बी6, सी, ई, नियासिन और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। साथ ही शिशु केले को आसानी से पचा भी सकते हैं (2)

नीचे पढ़ें शिशु को केले खिलाने का सही समय।

बच्चों को केला देना कब शुरू करें?

डब्लूएचओ के मुताबिक, छह महीने के बाद बच्चे को केले का सेवन करा सकते हैं (3)। इस बात का ध्यान रखें कि छोटे बच्चे को केला हमेशा मैश करके प्यूरी बनाकर ही खिलाएं, क्योंकि यह बच्चे के गले में फंस सकता है। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से संपर्क करें।

लेख के इस हिस्से में जानिए बच्चों को कितनी मात्रा में केले का सेवन कराया जा सकता है।

बच्चों को कितनी मात्रा में केला खिलाना सुरक्षित है?

सामान्य तौर पर बच्चों को दिन में एक मध्यम आकार का केला खाने के लिए दिया जा सकता है (4)। हालांकि, प्रत्येक बच्चे की खुराक उम्र व शारीरिक स्थिति के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, बच्चे को केला खिलाने से पूर्व अपने बच्चे के लिए केले की ली जाने वाली उपयुक्त मात्रा के विषय में डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।

लेख में आगे हम केले में मौजूद पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

केले में पोषक तत्वों की मात्रा

केले में मौजूद पोषक तत्वों के कारण ही केले को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इसलिए यहां हम प्रति 100 ग्राम केले में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा बता रहे हैं (5) :

  • 100 ग्राम केले में लगभग 312 किलो कैलोरी ऊर्जा, 12.5 ग्राम प्रोटीन, 6.25 ग्राम फैट व 40.62 ग्राम कार्बोहाइड्रेट उपस्थित होता है।
  • वहीं, इसकी 100 ग्राम मात्रा में 6.2 ग्राम फाइबर, 125 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.12 मिलीग्राम आयरन, 594 मिलीग्राम सोडियम पाया जाता है।
  • इसके अलावा 100 ग्राम केले में 15 मिलीग्राम विटामिन-सी भी पाया जाता है।
  • साथ ही 100 ग्राम केला 3.12 ग्राम फैटी एसिड से समृद्ध होता है।

लेख के अगले भाग में जानिए कि छोटे बच्चों को केला खिलाने से क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।

बच्चे को केला खिलाने के स्वास्थ्य लाभ

केले का सेवन बच्चे को कराया जा सकता है, यह तो आप जान ही गए हैं। नीचे हम केला खाने से बच्चों को होने वाले कुछ फायदों का जिक्र कर रहे हैं।

  1. पोषक तत्वों से भरपूर : केला कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, नियासिन, फोलेट, मैग्नीशियम और विटामिन बी 6 जैसे पोषक तत्वों से युक्त होता है। यही कारण है बच्चों में कुपोषण की स्थिति में उनके आहार में केला शामिल करने की सलाह दी जाती है (2)
  1. कब्ज से राहत : बच्चों में कब्ज की परेशानी से राहत पाने के लिए केले को उपयोगी माना जाता है। दरअसल, केले में लैक्सेटिव गुण (पेट को साफ करने वाले गुण) पाया जाता है, जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है (2)
  1. पेट में कीड़ों को दूर करता है : विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 24.1 करोड़ बच्चे सॉइल ट्रांसमिटेड हेल्मिंथ्स (soil transmitted helminths-आंतों के कीड़े ) से प्रभावित हैं (6)बच्चों को पेट के कीड़ों से निजात दिलाने के लिए केला कारगर उपाय हो सकता है (2)
  1. मानसिक विकास : एक शोध के अनुसार, केले का सेवन दिमाग को तेज करने में मदद कर सकता है। दरअसल, केले में विटामिन बी-6 पाया जाता है, जो शिशु के मानसिक विकास के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इससे शिशु की मानसिक क्षति होने की संभावना कम होने के साथ याददाश्त में सुधार हो सकता है (2)
  1. एनीमिया से बचाव : केले में मौजूद आयरन हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में उपयोगी साबित हो सकता है। साथ ही यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के संश्लेषण में सुधार कर बच्चों में एनीमिया के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है (7)
  1. हड्डियों को बनाता है मजबूत : बच्चों में हड्डियों के विकास व मजबूती के लिए कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में केले का सेवन फायदेमंद हो सकता है। वजह यह है कि केला कैल्शियम से भरपूर होता है (8)। इसके आलावा केले में विटामिन ए भी मौजूद होते है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है (2)

स्क्रॉल करके बच्चों को केले खिलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानिए।

बच्चे में केला खाने के नुकसान

बच्चों के स्वास्थ्य के लिए केले का सेवन लाभकारी हो सकता है, यह तो आप जान ही गए होंगे। मगर, अधिक मात्रा में इसका सेवन कराने या कुछ विशेष परिस्थितियों में यह जोखिम का कारण भी बन सकता है। तो आइए जानते हैं बच्चों को केले का सेवन कराने से क्या-क्या दुष्परिणाम नजर आ सकते हैं :

  • केले के सेवन से कुछ बच्चों में एलर्जी हो सकती है (9)। इसलिए, अगर केले का सेवन कराने के बाद बच्चे में किसी प्रकार की एलर्जी के लक्षण (जैसे :- मतली या उल्टी) नजर आए, तो इसका सेवन रोक दें। साथ ही इस बारे में डॉक्टर या विशेषज्ञ को जरूर बताएं।
  • अधिक मात्रा में केले के सेवन के कारण कुछ बच्चों में डायरिया या कब्ज की शिकायत हो सकती है (10)
  • माना जाता है कि केले की तासीर ठंडी होती है। इसलिए सर्दी के मौसम में या शिशु को खांसी-जुकाम की शिकायत होने की स्थिति में इसका सेवन न कराने की सलाह दी जाती है।

आगे जानिए कि शिशु को केले का सेवन कराते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।

शिशु को केले खिलाते समय बरती जाने वाली सावधानियां

छोटे बच्चों को केले का सेवन कराते समय नीचे बताई गई बातों को जरूर ध्यान में रखें:

  • शिशु को केले का सेवन कराते समय यह जरूर ध्यान रखें कि इसे किस समय और कितनी मात्रा में देना है। ठंडी तासीर के कारण रात में बच्चों को केला देना नुकसानदायक माना जाता है।
  • बच्चों को सर्दी-खांसी में केला न दें और जिन बच्चों को बलगम आने की शिकायत होती हैं उन्हें केला देने से बचें। वजह यह है कि केला श्वसन तंत्र के संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है (11)
  • एक ही बार में ज्यादा मात्रा में केले का सेवन न कराएं। इससे शिशु की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
  • बच्चों को पीले रंग के पके हुए केले को अच्छे से मैश करके प्यूरी बनाकर ही खिलाएं।

लेख के इस भाग में जानते हैं कि बच्चों को किस तरह केले का सेवन कराना चाहिए।

शिशु को केला कैसे दें?

शिशुओं को उनकी उम्र के हिसाब से ही केला खिलाना चाहिए। आइए जानते हैं कि किस उम्र में शिशु को किस तरह केले का सेवन कराना चाहिए।

  • 6 माह के शिशु के लिए केला : 6 महीने के शिशु को केला खिलाने से पहले उसे अच्छी तरह मैश करें। इससे केला एक तरल पदार्थ की तरह हो जाएगा, जिससे शिशु उसे आसानी से निगल लेगा और पचा भी लेगा।
  • 9 माह के शिशु के लिए केला : 9 महीने के शिशु प्यूरी जैसे भोजन और थोड़े बहुत ठोस निवाले खाने की कोशिश कर लेता है। इस दौरान आप अपने शिशु को केले को मैश करके देने के साथ ही केले के छोटे-छोटे टुकड़े करके भी दे सकती हैं।
  • 1 साल के शिशु के लिए केला : इस उम्र में आप अपने शिशु को आधा केला छीलकर उसके हाथ में पकड़ा सकती हैं। बच्चा धीरे-धीरे केला खा लेगा। वहीं एक साल के बच्चों को केले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर भी दे सकती हैं।

लेख के अंत में बच्चों के लिए केले से तैयार टेस्टी रेसिपी के बारे में जानते हैं।

शिशु के लिए केले के 3 स्वादिष्ट व्यंजन

यहां हम बच्चों के खाने के लिए केले की कुछ टेस्टी और हेल्दी रेसिपी बता रहे हैं :

1. केले की प्यूरी

सामग्री:

  • आधा केला
  • 2 चम्मच मां का या गाय का दूध

बनाने की विधि : 

  • सबसे पहले केले को एक कटोरी में लें।
  • चम्मच की मदद से केले को अच्छे से मैश करें।
  • इसमें दूध मिलाएं।
  • प्यूरी को पतला करने के लिए इसमें पानी भी मिला सकते हैं।
  • इस तरह तैयार हो जाएगी केले की प्यूरी।

2. केले व सूजी का हलवा

Banana and semolina pudding
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • 2 चम्मच भुनी हुई सूजी
  • 1 मीडियम साइज केला
  • 1 चम्मच घी
  • आधा कप पानी
  • एक चम्मच चीनी या गुड़
  • 2-3 घी में भुने हुए काजू

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले एक कटोरे में केले को हाथ से मैश करके साइड में रख दें।
  • अब एक कढ़ाही में पानी उबलने के लिए रखें।
  • पानी में उबाल आने के बाद इसमें धीरे-धीरे सूजी मिलाएं।
  • हल्की आंच पर इसे तीन मिनट तक पकाएं।
  • इसे अच्छे से चलाते रहे, जिससे एक भी गांठ ना रहे।
  • इसमें मैश किए हुए केले को मिलाएं।
  • अब इसमें चीनी या गुड़ डालें।
  • हलवा गाढ़ा होने तक पकाएं।
  • अब इसमें काजू को पीसकर मिलाएं।
  • आपका केले और सूजी का हलवा बनकर तैयार है।

3. केले व रागी का हलवा

Banana and Ragi Pudding
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • 2 चम्मच रागी का आटा
  • 1 कप पानी
  • आधा केला पका हुआ
  • 1 चम्मच घी

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले एक कटोरे में रागी के आटे में पानी डालकर अच्छे से मिला लें।
  • कड़ाही को गैस पर रखें। हल्की आंच पर तैयार हुए रागी और पानी के मिश्रण को थोड़ी देर पकाएं।
  • इसे लगातार चलाते रहें। ध्यान रहे, इसमें एक भी गांठ न पड़ने पाएं।
  • अब इसमें केले की प्यूरी और घी को मिलाएं।
  • एक से दो मिनट के लिए इसे पकाएं और फिर गैस बंद कर दें।
  • इस तरह केले और रागी का हलवा बनकर तैयार है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या ठंड और खांसी के दौरान केला बच्चों के लिए अच्छा है?

नहीं, ठंड और खांसी के दौरान बच्चों को केला खिलाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल, केला एक ठंडा फल है। साथ ही यह श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है (11)

2. क्या छोटे बच्चों को कच्चा केला दे सकते हैं?

हां, छह महीने से बड़े बच्चों को आधे से एक कच्चा केला खाने के लिए दिया जा सकता है। मगर, इसे सब्जी के रूप में ही देने तलकर या भूनकर देने की सलाह दी जाती है (12)। विशेषज्ञों के मुताबिक कच्चे केले की सब्जी बच्चों में पतले दस्त को ठीक करने में मदद कर सकती है (13)

शिशु को केले का सेवन कराना चाहिए या नहीं, इस बात में तो अब कोई संशय नहीं रह गया होगा। साथ ही आपको यह भी पता चला कि केला शिशु के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में काफी मददगार हो सकता है। ऐसे में आप लेख में दिए इसे इस्तेमाल करने के तरीकों को अपनाकर केले को अपने बच्चे के आहार में शामिल कर सकते हैं। मगर, इसके फायदों के साथ ही शिशु को केले से होने वाले नुकसान पर भी जरूर ध्यान दें, जो इसकी अधिक मात्रा के कारण हो सकते हैं। मुमकिन है कि लेख में शामिल जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। बच्चों के आहार से जुड़ी ऐसी ही अन्य जानकारी पाने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

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