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बच्चों के पोषण की शुरुआत मां के दूध से ही होती है। वहीं, 6 महीने की उम्र के बाद शिशुओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता है। इसलिए, उनके विकास के लिए अन्य खाद्य और तरल पदार्थों के सेवन की आवश्यकता होती है (1)। इन खाद्य पदार्थों में एक नाम सूजी का भी शामिल हो सकता है। बता दें कि सूजी गेहूं के ऊपरी छिलके को निकालने के बाद बचे गेहूं के भाग को दरदरा पीसकर तैयार की जाती है। इसे रवा के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम सेमोलिना ल्यूकोट्रिचा (Semolina leucotricha) है। आइये, मॉमजंक्शन के इस लेख में जानते हैं कि बच्चों को सूजी खिलाना कितना सुरक्षित है और इसके फायदों में क्या-क्या शामिल है।

लेख में सबसे पहले जानते हैं कि छोटे बच्चे को सूजी खिला सकते हैं या नहीं।

क्या छोटे बच्चों को सूजी/रवा खिला सकते हैं?

जी हां, छोटे बच्चे को सूजी या रवा खिला सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च से जानकारी मिलती है कि सूजी को कॉम्पलीमेंट्री फूड के लिस्ट में शामिल किया गया है। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, 6 महीने की उम्र के बाद बच्चों को कंप्लीमेंट्री फीडिंग कराना शुरू कर देना चाहिए (2)। इस आधार पर बच्चों को सूजी का सेवन कराया जा सकता है।

चलिए अब सूजी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में भी जान लीजिए।

सूजी के पोषक तत्व

सूजी में ऐसे कई न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो लाभकारी प्रभाव डाल सकते हैं। तो चलिए जान लेते हैं सूजी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (3) :

  • 100 ग्राम सूजी में पानी की मात्रा 12.67 ग्राम होती है, जबकि ऊर्जा 360 केसीएल होती है।
  • वहीं, 100 ग्राम सूजी में 12.68 ग्राम प्रोटीन, 1.05 ग्राम फैट, 72.83 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 3.9 ग्राम फाइबर मौजूद होता है।
  • इसके अलावा, सूजी की 100 ग्राम मात्रा में 17 एमजी कैल्शियम, 4.36 एमजी आयरन, 47 एमजी मैग्नीशियम, 136 एमजी फास्फोरस, 186 एमजी पोटेशियम और 1 एमजी सोडियम मौजूद होता है।
  • इसके अलावा, 100 ग्राम सूजी में 1.05 एमजी जिंक, 189 एमजी कॉपर और 0.619 एमजी मैंगनीज मौजूद होता है।
  • वहीं, बात करें अगर अन्य पौष्टिक तत्वों की, तो 100 ग्राम सूजी में 89.4 µg सेलेनियम, 0.811 एमजी थियामिन, 0.571 एमजी राइबोफ्लेविन, 5.99 एमजी नियासिन, 0.103 एमजी विटामिन-बी 6 और 183 µg फोलेट मौजूद होता है।

सूजी के पौष्टिक तत्वों के बाद जानिए बच्चों को सूजी कौन-सी उम्र से खिलानी चाहिए।

बच्चे को सूजी कब से देना शुरू करें?

बता दें कि सूजी को कॉम्पलीमेंट्री फूड के लिस्ट में शामिल किया गया है। ऐसे में 6 महीने की उम्र से बच्चों को सूजी का सेवन कराया जा सकता है। इस बात की जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से मिलती है (4)। वहीं, सावधानी के लिए शिशु के आहार में सूजी को शामिल करने से पहले डॉक्टरी सलाह भी ले सकते हैं।

लेख के इस हिस्से में सूजी के फायदों को जानिए।

छोटे बच्चों के लिए सूजी के स्वास्थ्य लाभ

व्यंजनों के रूप में अगर बच्चों को सूजी का सेवन कराया जाए, तो इसके कई फायदे हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  1. ऊर्जा से भरपूर : सूजी बच्चों में एनर्जी बूस्टर का काम कर सकती है। जैसा कि हमने लेख में बताया कि सूजी की 100 ग्राम मात्रा में 360 केसीएल ऊर्जा मौजूद होती है (3)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सूजी का सेवन बच्चों में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
  1. कब्ज से राहत दिलाए : सूजी बच्चों में कब्ज की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकती है। यह परेशानी बच्चों में बेहद आम मानी जाती है। इससे निजात पाने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कराने की सलाह दी जाती है (5)। सूजी भी फाइबर से भरपूर होती है (3)। यही कारण है कि कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए सूजी का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है।
  1. फोलेट से भरपूर : रिसर्च की मानें, तो फोलेट शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद कर सकता है। इससे एनीमिया की समस्या को रोकने में मदद मिल सकती है। वहीं, 6 महीने से 12 महीने तक के बच्चों प्रतिदिन 80 एमसीजी फोलेट की आवश्यकता होती है (6)। बता दें कि सूजी की 100 ग्राम मात्रा में 183 µg फोलेट मौजूद होता है (3)। ऐसे में बच्चों को सूजी का सेवन कराना फायदेमंद हो सकता है।
  1. इम्यूनिटी के लिए : बच्चों के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए भी सूजी का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सूजी में जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी-6 और विटामिन-ई मौजूद होते हैं (3)। वहीं, ये सभी पोषक तत्व इम्यूनिटी को बूस्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (7)। हालांकि, सीधे तौर पर सूजी इस काम में कितनी मददगार होगी, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
  1. हड्डियों के लिए : कैल्शियम की कमी को हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है (8)। बता दें कि हड्डियों के निर्माण, उनकी मजबूती और उसके स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए कैल्शियम मुख्य पोषक तत्व माना जाता है। वहीं, जैसा कि हमने बताया कि सूजी में कैल्शियम भी मौजूद होता है (3)। ऐसे में बच्चों को सूजी का सेवन कराने से कैल्शियम की पूर्ति हो सकती है और साथ ही हड्डियों के विकास में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस विषय को लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

अब बारी है सूजी से होने वाले नुकसानों के बारे में जानने की।

क्या बच्चों के लिए सूजी खाने के कुछ नुकसान भी हैं?

किसी भी चीज का सामान्य से अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में अगर बच्चों को अधिक मात्रा में सूजी का सेवन कराया जाता है, तो उसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • सूजी में फाइबर की मात्रा पाई जाती है और ऐसे में अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन पेट फूलने, सूजन और पेट में ऐंठन की समस्या का कारण बन सकता है (3) (9)
  • इसके अलावा, सूजी में फोलिक एसिड पाया जाता है। अगर अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाए, तो इससे पेट में ऐंठन, दस्त की समस्या, रैशेज, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, भ्रम, मतली व पेट खराब जैसी समस्या हो सकती है (3) (10)

यहां हम कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जो सूजी का चयन करते वक्त ध्यान में रखनी चाहिए।

बच्चों के लिए सूजी का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें

सूजी के फायदे और उसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में तो आपको जानकारी मिल गई है। यहां हम कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं, जो सूजी का चयन करते वक्त ध्यान में रखनी चाहिए :

  • हमेशा शुद्ध और ऑर्गेनिक सूजी का ही चयन करें।
  • सूजी का चयन करते वक्त ध्यान रखें कि वह साफ हो और उसमें कंकड़ मौजूद न हों।
  • छोटे दाने वाली सूजी का चयन करें। यह बच्चों के खाने के लिए अच्छी होती है।

लेख के अंत में हम सूजी की कुछ रेसिपी के बारे में बता रहे हैं।

छोटे बच्चों के लिए सूजी के बेहतरीन रेसिपी

बच्चों के लिए सूजी के फायदे बताने के बाद यहां हम सूजी से बनने वाले कुछ लाजवाब व्यंजनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें बनाना बेहद ही आसान है। यहां बताए गए भोजन स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी हैं।

1. बच्चों के लिए सूजी की खीर

सामग्री :

  • सूजी – आधा कप
  • दूध – दो कप
  • पानी – आधा कप

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले एक बर्तन में मध्यम आंच पर दूध उबाल लें।
  • दूध में जब उबाल आ जाए, तो इसमें थोड़ा पानी मिलाएं और इसे फिर से उबालें।
  • इसके बाद इसमें सूजी डालकर इसे कुछ देर तक पकाएं।
  • जब सूजी और दूध आपस में अच्छे से मिल जाएं, तो गैस बंद कर दें।
  • इस तरह तैयार हो जाएगी लाजवाब सूजी की खीर।

2. बच्चों के लिए सूजी का उपमा

Semolina simile for children
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • सूजी – आधा कप
  • जीरा – एक चुटकी
  • राई – एक चुटकी
  • हल्दी पाउडर – एक चौथाई छोटा चम्मच
  • घी – दो छोटे चम्मच
  • नमक (स्वादानुसार)
  • पानी – एक कप

बनाने की विधि : 

  • सबसे पहले एक पैन में सूजी को भूनकर निकाल लें।
  • अब इस पैन में घी डालकर उसे गर्म करें और फिर उसमें राई और जीरा डालें।
  • इसके बाद इसमें हल्दी डालकर चम्मच चलाएं।
  • फिर इसमें धीरे-धीरे पानी डालें और पानी को उबलने दें।
  • जब पानी उबल जाए, तब इसमें सूजी डालें। साथ ही इसे चलाते भी रहें, ताकि सूजी में गांठ न पड़े।
  • अब सूजी में हल्का नमक मिलाएं और पैन को ढक कर मध्यम आंच पर 8-10 मिनट तक पकाएं।
  • समय पूरा होने पर गैस बंद कर दें और अपने बच्चे को स्वादिष्ट एवं पौष्टिक सूजी का उपमा खिलाएं।

3. सूजी/रवा डोसा

Semolina rava dosa
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • सूजी – एक कप
  • राई – एक चुटकी
  • नमक (स्वादानुसार)
  • तेल – दो चम्मच
  • आलू (उबला हुआ)
  • पानी आवश्यकतानुसार

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले एक बर्तन में सूजी को पानी के साथ मिलाकर बैटर बना लें और इसे 10 से 15 मिनट के लिए रख दें, ताकि सूजी फूल जाए।
  • इसके बाद एक दूसरे बर्तन में उबले हुए आलू डालें और स्वादानुसार नमक मिलाकर अच्छे से मैश कर लें।
  • अब डोसा बनाने के लिए नॉन स्टिक तवे को गर्म करें। फिर इसमें थोड़ा तेल डालकर उसे चारों तरफ फैला दें।
  • इसके बाद तवे को अच्छे से गर्म कर लें। जब तवा गर्म हो जाए, तो गैस को धीमा कर दें और तवे को हल्का ठंडा होने दें। फिर एक टिशू पेपर की मदद से तवे के अतिरिक्त तेल को पोंछ दें।
  • इसके बाद तवे पर तैयार किए गए बैटर को डालिए और चम्मच की मदद से गोल-गोल घुमाते हुए पूरे बैटर को तवे पर फैला दीजिए। फिर, गैस तेज कर दीजिए और डोसे के किनारों में और ऊपर थोड़ा-सा तेल डाल दीजिए।
  • अब डोसे को नीचे की तरफ से गोल्डन ब्राउन होने तक सेकें। नीचे की तरफ से अच्छे से पक जाने के बाद, डोसे को पलट दें। वहीं, पलटने से पहले ध्यान रखें कि उसके सभी किनारे अच्छे से पक गए हों।
  • इसके बाद इसमें मैश किए गए आलू को डालें और डोसे को मोड़ कर प्लेट में निकाल लें।
  • इस तरह बना सकते हैं बच्चों के लिए सूजी का डोसा।

इस लेख को पढ़ने के बाद बच्चों के लिए सूजी का सेवन सुरक्षित है या नहीं, इसकी जानकारी मिल गई होगी। ऐसे में, लेख में बताए गए व्यंजनों के माध्यम से आप अपने बच्चों को सूजी का सेवन करा सकते हैं। वहीं, बच्चों को सीमित मात्रा में ही इसका सेवन कराएं, वरना बताए गए सूजी के नुकसान सामने आ सकते हैं। अब हम उम्मीद करते हैं कि बच्चों के लिए सूजी के फायदे से जुड़ा यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

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