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छोटे बच्चों की सेहत को लेकर माता-पिता अक्सर चिंतित रहते हैं। ऐसे में अगर किसी बच्चे के मल में रक्त आने लगे, तो वो परेशान हो जाते हैं और जानने कि कोशिश करते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है। माता-पिता की इस परेशानी को कम करने में हमारा यह लेख सहायक हो सकता है। हम मॉमजंक्शन के इस लेख में बच्चों के मल में रक्त आने से जुड़ी हर तरह की जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं। यह जानकारी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध के आधार पर होगी। इस लेख में हम बच्चों के मल में रक्त आने के कारण और इसके इलाज से जुड़ी जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।

लेख के पहले भाग में हम बताएंगे कि बच्चों के मल में रक्त यानी खून आना सामान्य है या नहीं।

क्या बच्चों के मल में रक्त/खून आना सामान्य है? | Baby Ki Potty Me Blood Ana

बच्चों के मल में रक्त आना असामान्य है। ऐसा पेट या मलाशय से जुड़ी गंभीर समस्या के कारण हो सकता है। ऐसे में किसी बच्चे के मल के साथ रक्त आ रहा हो, तो देरी किए बिना डॉक्टर से सहायता लेना बेहतर होगा। डॉक्टर ही रक्त आने का सही कारण बता सकते हैं, ताकि मल में रक्त आने का उचित उपचार किया जा सके (1) (2)

इस लेख के अगले हिस्से में हम बच्चों के मल में रक्त आने के कारण बता रहे हैं।

बच्चों के मल में रक्त आने के कारण

छोटे बच्चों के मल में रक्त आने के कई कारण हो सकते हैं, जिसके पता होने पर उससे संबंधित इलाज शुरू किया जा सकता है। बच्चों के मल में रक्त आने के प्रमुख कारण इस प्रकार हो सकते हैं (2)

  • एनल फिशर- इसमें कठोर मल के कारण गुदा मार्ग पर एक कट लग सकता है। इससे मल के साथ रक्त का आना शुरू हो सकता है। साथ ही गुदा के खुलने पर भारी दर्द भी हो सकता है।
  • प्रोक्टाइटिस- यह भी मल में रक्त का एक कारण हो सकता है। इसमें मलाशय और गुदा वाले भाग में सूजन आ जाती है, जिससे मल के साथ रक्त आना शुरू हो सकता है (3)
  • इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज-  इसमें आंत्र में सूजन की समस्या हो सकती है। इसके लिए क्रोहन कोलाइटिस (पाचन तंत्र की समस्या) और अल्सरटिस कोलाइटिस (बड़ी आंत से जुड़ी सूजन) जिम्मेदार हो सकते हैं।
  • इन्फेक्शन- आंत्र में संक्रमण होने के कारण मल में रक्त आ सकता है। इसके लिए साल्मोनेला, ई. कोलाई और शिगेलोसिस बैक्टीरिया जिम्मेदार हो सकते हैं।
  • एनल फिस्टुला- यह समस्या बच्चों को लंबे समय तक कब्ज या दस्त की समस्या होने पर हो सकती है। इससे गुदा वाले भाग में फोड़ा हो सकता है, जिस कारण बच्चों के मल के साथ रक्त आने की शिकायत उत्पन्न हो सकती है (4)
  • कोलोरेक्टल पॉलीप्स- यह समस्या मलाशय की लाइनिंग पर होती है। यह समस्या बच्चों की तुलना में बड़ों को ज्यादा होती है (5)। बच्चों को होने वाली इस समस्या को जुवेनाइल पॉलीप्स कहा जाता है। इसमें मल के साथ खून आ सकता है (6)

चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन लक्षणों के बारे में जो इस समस्या में नजर आते हैं।

बच्चों के मल में रक्त आने के लक्षण

बच्चों के मल में रक्त आने के लक्षण को उनके कारण के आधार पर पहचान जा सकता है। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (1):

  • मल के रंग में परिवर्तन
  • दस्त होना और साथ में रक्त बहना
  • पेट में दर्द
  • वजन घटाना
  • कब्ज रहना
  • समय के अनुसार बच्चों के विकास में कमी
  • उल्टी होना

आइए, अब जानते हैं कि बच्चों को ऐसी समस्या होने पर उनकी जांच कैसे की जाती है।

बच्चों के मल में रक्त का निदान

बच्चों के मल में रक्त के निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकते हैं। ये टेस्ट कुछ इस तरह से हैं :

  • एब्डोमिनल रेडियोग्राफी- एब्डोमिनल रेडियोग्राफी के माध्यम से पेट के अंदर के अंग को देखा जा सकता है। इससे पेट से जुड़ी समस्या का पता लगाया जा सकता है, जिससे मल के साथ रक्त आने के कारण का पता चल सकेगा (1)
  • फेकल ऑकल्ट ब्लड टेस्ट – मल में खून आने के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर रक्त की जांच कर सकते हैं। इससे रक्त के पतले या मोटे होने का भी पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, इस टेस्ट के दौरान मल की भी जांच की जाती है। इससे डॉक्टर के लिए पता लगाना आसान हो जाता है कि मल के साथ रक्त क्यों आ रहा है (7)
  • एब्डोमिनल एक्स-रे- पेट के अंदरुनी भाग को देखने के लिए इस तकनीक का उपयोग किया जाता है। इससे कुछ हद तक पता लग सकता है कि मल के साथ रक्त क्यों आ रहा है (8)
  • कोलोनोस्कोपी- कोलोनोस्कोपी एक तरह की पतली फ्लाक्सिबल केबल वाली मशीन होती है, जिसमें एक लाइट और कैमरा लगा होता है। इसे मलाशय के माध्यम से शरीर के अंदर डाला जाता है, जिससे पेट के अंदरुनी भाग को देखा जा सकता है। इस मशीन के माध्यम से मल में रक्त आने का पता लगाया जा सकता है (9)

आइए, अब जानते हैं कि बच्चों के मल में रक्त आने का इलाज कैसे किया जा सकता है।

बच्चों के मल में रक्त का इलाज कैसे करें?

बच्चों के मल में रक्त आने की समस्या के इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ उपाय को अपना सकते हैं, जिनमें यह शामिल है:

  • एंटीबायोटिक- कई बार मल के साथ रक्त आने का मुख्य कारण आंत्र में संक्रमण होता है, जिससे राहत दिलाने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाई दे सकते हैं। इससे आंत्र के संक्रमण से छुटकारा मिल सकता है और मल में रक्त आना बंद हो सकता है (1)
  • डॉपलर लेजर थरेपी- इस थरेपी के मदद से गुदा वाले भाग में रक्त के बहाव को कम किया जा सकता है। इससे मल के साथ रक्त को आने से रोका जा सकता है (10)
  • सर्जरी- गंभीर अवस्था में इलाज के लिए डॉक्टर सर्जरी भी कर सकते हैं। सर्जरी के माध्यम से मल में रक्त आने के कारण का इलाज किया जा सकता है, जिससे मल के साथ रक्त आने से रोका जा सकता है (1)
  • फाइबर- फाइबर को भी मल में खून आने के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, फाइबर खाने को जल्दी पचाने का काम कर सकता है, जिससे कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है और मल में रक्त की समस्या कुछ हद तक ठीक हो सकती है (11)

अगर आप इस समस्या को ठीक करने के कुछ टिप्स जानना चाहते हैं, तो अगला भाग जरूर पढ़ें।

बच्चों के मल में रक्त के लिए घरेलू उपचार और कुछ टिप्स

अगर किसी बच्चे को यह परेशानी हो, तो डॉक्टरी इलाज को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। हालांकि, बच्चों के मल में खून आने की समस्या के घरेलू उपाय की बात की जाए, तो यहां बताए गए उपचार समस्या से राहत देने में सहायक हो सकते हैं। फिलहाल, इन उपायों से जुड़े किसी तरह के स्पष्ट वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इन घरेलू उपचारों को मल में रक्त आने की समस्या का इलाज समझने की भूल न करें। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर ही इन घरेलू उपायों को करें।

  • मल में रक्त के घरेलू उपचार के रूप में फाइबर से समृद्ध आहार की भूमिका अहम मानी गई है।
  • मल में रक्त न आए, इसके लिए बच्चों को गुनगुने पानी से नहलाना बेहतर हो सकता है। साथ ही उस पानी में कुछ मात्रा में एंटीसेप्टिक लिक्विड भी मिला सकते हैं। बच्चे को कुछ देर इस पानी में बैठा भी सकते हैं।
  • बच्चे के शौच से आने के बाद उसे गुदा वाले हिस्से और उसके आसपास वाले भाग को अच्छी तरह से हल्के गुनगुने पानी से साफ करें।
  • अगर बच्चे को फिस्टुला है, तो डॉक्टर की सलाह पर उसके गुदे पर पेट्रोलियम जेली या फिर जिंक ऑक्साइड क्रीम लगा सकते हैं।
  • बच्चे को प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे शरीर हाइड्रेट रहता है और मल में रक्त आने से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • छोटे बच्चों के आहार में हरी सब्जी को शामिल कर इसका उपचार किया जा सकता है।

चलिए, अब जानते हैं कि ऐसा क्या किया जाए कि बच्चे को यह समस्या न हो।

बच्चे के मल में रक्त को आने से कैसे रोकें?

बच्चे के मल में खून आने की समस्या को अगर रोकने की बात की जाए, तो माता-पिता नीचे बताए गए उपायों को ध्यान में रख सकते हैं। इन उपायों से बच्चे के मल में खून आने की समस्या का जोखिम कम हो सकता है।

  • अगर बच्चा एक वर्ष से अधिक उम्र का है, तो उसे जूस और स्वस्थ खाद्य पदार्थ का सेवन कराएं।
  • बच्चे का समय समय पर चेकअप कराते रहें।
  • छोटे बच्चे को ज्यादा समय तक खेलने दें। इससे उनकी शारीरिक गतिविधि अच्छे से हो सकती है और शरीर को स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है।
  • अगर बच्चे को किसी खाद्य या पेय पदार्थ से एलर्जी होती है, तो उस पदार्थ के सेवन से दूर रखें।
  • छोटे बच्चों के शरीर की समय-समय पर मालिश करें।
  • बच्चों को जंक फूड से दूर रखें।

इस विषय के संबंध में और जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

वैसे तो बच्चों के मल में रक्त आने पर समय व्यर्थ किए बिना डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, लेकिन डॉक्टर से बात करने के बाद भी मल में रक्त आने के साथ नीचे बताई गई स्थिति नजर आए हो, तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं (2)

  • मल के साथ ताजा खून आने पर।
  • मल के रंग में बदलाव हो, तो डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
  • मल करते समय गुदा क्षेत्र में दर्द होता है, तो डॉक्टर से सुझाव लें।
  • गुदा वाले क्षेत्र में संक्रमण या किसी तरह के घाव दिखाई देने पर बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • जिन बच्चों के मल में रक्त आता हैं और उनके पेट में तेज दर्द हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बच्चे को उल्टी के साथ खून आने पर।
  • मल में रक्त आने की समस्या के कारण बुखार होने पर।

बच्चों के मल में रक्त आना किसी अन्य समस्या की ओर इशारा होता है। इसलिए, बेहतर होगा कि मल में रक्त आने पर बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाएं और उस समस्या का सही से उपचार कराएं। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। बच्चों से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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