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अक्सर बच्चे खाने-पीने में आनाकानी करते हैं। बच्चों को कुछ भी खिलाना कोई जंग जीतने से कम नहीं है। इसलिए, जरूरी है कि माता-पिता बच्चों का पोषण बरकरार रखने के लिए मुख्य आहार के साथ कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल करें, जो बच्चों में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकें। ऐसे में बच्चों को ड्राई फ्रूट्स का सेवन कराना एक उत्तम विकल्प साबित हो सकता है, लेकिन हर माता-पिता के लिए यह जानना भी जरूरी है कि क्या बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स सही हैं? अगर सही हैं, तो यह बच्चे के लिए किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है? मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इसी विषय पर आवश्यक जानकारी देने की कोशिश करेंगे, ताकि आप अपने बच्चे के खान-पान पर अच्छी तरह से ध्यान रख सकें।
उससे पहले यह जान लेते हैं कि बच्चों को ड्राई फ्रूट्स खिलाने चाहिए या नहीं।
क्या ड्राई फ्रूट्स शिशुओं के लिए सुरक्षित हैं?
असल में ड्राई फ्रूट्स चुनिंदा सूखे फल होते हैं, जिन्हें प्राकृतिक या किसी अन्य तरीके से सुखाया जाता है (1)। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो एक हेल्दी स्नेक्स के रूप में बच्चों के लिए लाभदायक हो सकते हैं (2)। बच्चों को ड्राई फ्रूट्स से होने वाले लाभ के बारे में आगे लेख में बताया गया है। ध्यान रखें कि एक साल से छोटे बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स खाना सुरक्षित नहीं है। इतने छोटे बच्चों के दांत नहीं होते और ड्राई फ्रूट्स के टुकड़े बच्चों के गले में फंस सकते हैं (3)।
आगे जानिए कि बच्चों को ड्राई फ्रूट्स कब देने चाहिए।
शिशुओं को ड्राई फ्रूट्स कब दें? | Baby Ko Dry Fruit Kab Se De
जब बच्चा ठोस आहार लेना शुरू कर दे, तो आप उसे ड्राई फ्रूट्स देने का विचार कर सकते हैं। ऐसा लगभग छह महीने की उम्र से किया जा सकता है (4)। हालांकि, दांत आने में थोड़ा और वक्त भी लग सकता है। इस स्थिति में आप ड्राई फ्रूट्स को पाउडर या पेस्ट के रूप में बच्चे को दे सकती हैं। सभी बच्चों की विकास दर अलग-अलग होती है, इसलिए सावधानी के लिए हम यही सलाह देंगे कि बच्चे को ड्राई फ्रूट खिलाना शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य परामर्श कर लें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चा ड्राई फ्रूट्स का सेवन बड़ों की देखरेख में ही करे।
लेख के अगले भाग में जानिए बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स के फायदे।
बच्चों के लिए सूखे मेवों के फायदे
सूखे मेवे कई तरीके से बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है-
- एनीमिया से बचाए : एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, छह महीने या उससे ज्यादा समय तक लगातार स्तनपान करने वाले बच्चे एनीमिया का शिकार हो सकते हैं, खासकर वो जिनकी मां में आयरन की कमी होती है (5)। ऐसे में बच्चों को ड्राई फ्रूट्स, जैसे किशमिश खिलाने से फायदे हो सकते हैं। इनमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो बच्चों में आयरन की कमी को पूरा कर एनीमिया से बचा सकता है (6)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
- ऊर्जा का स्रोत : बच्चों को दिनभर की भाग-दौड़ और खेल-कूद के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। साथ ही शारीरिक विकास के लिए भी उन्हें ऊर्जा की जरूरत होती है। यहां सूखे मेवों के फायदे देखे जा सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, काजू, पिस्ता और अखरोट कैलोरी से भरपूर होते हैं, जो बच्चों को पर्याप्त ऊर्जा देने का काम कर सकते हैं (1)।
- कब्ज से आराम : खेल में मन लगने के कारण बच्चे अक्सर अपनी पॉटी रोकते हैं, जिसके कारण उन्हें कब्ज की शिकायत हो सकती है (7)। ऐसे में बच्चों को सूखे मेवे खिलाने के फायदे हो सकते हैं। सूखे मेवों में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है (1)। फाइबर शरीर से मलप्रवाह की दर को बढ़ाता है और कब्ज से आराम पाने में मदद कर सकता है (8)।
- फ्री रेडिकल्स से बचाए : बच्चों में फ्री रेडिकल्स का प्रभाव डीएनए नुकसान (DNA damage) का कारण बन सकता है (9)। ऐसे ड्राई फ्रूट्स बच्चों की मदद कर सकते हैं। दरअसल, सूखे मेवे खासकर अंजीर और आलूबुखारे एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं, जो बच्चों को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा सकते हैं (10)।
- हड्डियों को स्वस्थ रखे : ड्राई फ्रूट्स को अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत माना गया है (1)। हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है। यह हड्डियों के निर्माण से लेकर उन्हें मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है, जिससे बच्चों के विकास में मदद मिलती है (11)।
- मानसिक विकास : नाश्ते में ड्राई फ्रूट्स, खासकर अखरोट खाने से बच्चों के मानसिक विकास में मदद मिल सकती है। अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है (12)। ओमेगा-3 फैटी एसिड के स्रोत का सेवन बच्चों के मानसिक विकास में मदद कर सकता है (13)।
- प्रोबायोटिक के स्रोत : नट्स में प्रोबायोटिक पाए जाते हैं। प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं (14)। ड्राई फ्रूट्स बच्चों के शरीर में प्रोबायोटिक की मात्रा बढ़ा सकते हैं, जो उनकी आंत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इससे आगे जाकर संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। इसलिए, हम यही सलाह देंगे कि इसका सेवन डॉक्टर से परामर्श करके ही करें (15)।
अब जानिए बच्चों को ड्राई फ्रूट्स खिलाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
बच्चों को ड्राई फ्रूट्स खिलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
जब भी आप बच्चों को सूखे मेवे खिलाएं, तो नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखें (16)।
- ऐसा हो सकता है कि टॉडलर्स को कुछ विशिष्ट नट्स या ड्राई फ्रूट्स से एलर्जी का जोखिम हो ।
- एलर्जी को ध्यान में रखते हुए सावधानी से नट्स और ड्राई फ्रूट्स को एक-एक करके डाइट में शामिल करें।
- एक बार जब आप यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि बच्चे को दिए गए ड्राई फ्रूट्स या नट्स में से किसी से भी एलर्जी नहीं है, तो उनके आहार में धीरे-धीरे ड्राई फ़्रूट्स या नट्स मिलाना शुरू करें।
- शुरुआत में मात्रा कम रखें और आप बाद में धीरे-धीरे इसे बढ़ा सकते हैं
- जब तक बच्चे भोजन को चबाना नहीं सीख जाते, खाना उनके गले में फंस जाने का डर रहता है। इसलिए, जब भी बच्चे ड्राई फ्रूट्स खाएं, तो हमेशा उनके पास रहें।
- बच्चों को हमेशा सीधा बैठा कर खिलाएं।
- आप किशमिश, छुहारे, ड्राई एप्रीकॉट जैसे मुलायम ड्राई फ्रूट्स को लंबा-लंबा काट कर बच्चों को खिला सकते हैं।
- बच्चों को छिलके या बीज वाले ड्राई फ्रूट्स देने से पहले छिलके व बीज निकाल दें।
- कुछ बच्चों को ट्री नट्स जैसे अखरोट, बादाम, काजू, पिस्ता आदि से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में माता-पिता को इस पर ध्यान देते हुए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है (17)।
- लेख के अगले भाग में जानिए कि बच्चों के आहार में ड्राई फ्रूट्स को किस तरह शामिल किया जा सकता है।
लेख के अगले भाग में जानिए कि बच्चों के आहार में ड्राई फ्रूट्स को किस तरह शामिल किया जा सकता है।
बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट रेसिपी | Dry Fruits Powder Recipe For Babies
लेख के इस भाग में हमने ड्राई फ्रूट्स की कुछ रेसिपी बताई हैं, जिनकी मदद से आप बच्चों के आहार में सूखे मेवे को शामिल कर सकती हैं।
1. ड्राई फ्रूट्स पाउडर
सामग्री :
- 100 ग्राम बादाम
- 100 ग्राम पिस्ता
- 100 ग्राम काजू
- आधा चम्मच केसर
- एक चौथाई चम्मच हल्दी
विधि :
- एक पैन में बादाम, काजू और पिस्ता को सुनहरा होने तक सेक लें।
- एक दूसरे पैन में केसर को रंग गहरा होने तक सेकें।
- अच्छी तरह सेक लेने के बाद, दोनों पैन को गैस से उतार दें और ठंडा होने के लिए रख दें।
- जब ड्राई फ्रूट्स और केसर ठंडे हो जाएं, तो उन्हें ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड कर लें।
- ब्लेंड करने के बाद पाउडर में हल्दी डालकर एक बार और ब्लेंड कर लें।
- ध्यान रखें कि पाउडर को ज्यादा देर तक ब्लेंड न करें।
- अंत में ड्राई फ्रूट्स पाउडर को एक एयर टाइट डिब्बे में रखकर, एक-दो हफ्ते तक स्टोर कर सकते हैं।
इस पाउडर को दूध, सीरिअल व ओट्स आदि में डाल कर बच्चों को सेवन कराया जा सकता है।
2. ड्राई फ्रूट सीरिअल
सामग्री :
- दो चम्मच एप्पलसॉस
- आधी खुबानी (Apricots)
- आधा केला
- आधा आड़ू (Peaches)
- आधा सूखा आलूबुखारा
- एक कप दूध
- बेबी सीरिअल
विधि :
- सारे ड्राई फ्रूट्स, केले और आधे कप दूध को एक ब्लेंडर में डालकर ग्राइंड करें और पेस्ट बना लें।
- अब एक बाउल में लगभग दो से तीन बड़े चम्मच बेबी सीरिअल लें।
- इस सीरिअल के ऊपर इस पेस्ट को डालें और बाकी बचा दूध मिला दें।
- यह रेसिपी बच्चे को नाश्ते में दी जा सकती है।
3. खुबानी चिकन चावल
सामग्री :
- आधा कप चावल
- दो कप पानी
- एक चौथाई कप खुबानी
- एक बोनलेस चिकन ब्रेस्ट
विधि :
- सभी सामग्रियों को एक पैन में डालकर मध्यम आंच पर रख दें।
- जब चावल अच्छी तरह पक जाएं, तो चिकन को पैन से बाहर निकाल लें।
- अब उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और फिर से पैन में डाल दें।
- पैन में थोड़ा और पानी मिलाएं और बीच-बीच में चम्मच चलाते रहें।
- जब सभी सामग्रियां अच्छी तरह से पक जाएं, तो गैस बंद कर दें और लगभग 10 मिनट तक ठंडा होने दें।
- अब पकी हुई सामग्रियों को एक ब्लेंडर में डाल कर प्यूरी बना लें।
- प्यूरी को आवश्यकतानुसार बाउल में निकाल कर बच्चे को लंच में खिलाएं।
4. ड्राई फ्रूट मिल्कशेक
सामग्री :
- 3-4 काजू
- 4-5 बादाम
- 4-5 पिस्ता
- 2-3 छुहारे या 2-3 अंजीर
- चार कप दूध
- मिठास के लिए गुड़/चीनी/ब्राउन शुगर
विधि :
- सभी ड्राई फ्रूट्स को गुनगुने पानी में लगभग 30 मिनट के लिए भिगो कर रख दें।
- एक पैन में दूध को उबलने के लिए रख दें और गाढ़ा होने तक उबालें।
- 30 मिनट के बाद ड्राई फ्रूट्स, आवश्यकतानुसार मिठास के लिए गुड़/ब्राउन शुगर और एक कप दूध को ब्लेंडर में डाल कर पेस्ट बना लें। ब्लेंड करने से पहले बादाम के छिलके उतार दें।
- जब उनका स्मूथ पेस्ट बन जाए, तो बचा हुआ दूध मिलाकर फिर से ब्लेंड करें।
- सारी सामग्रियां अच्छी तरह मिल जाने के बाद शेक को एक गिलास में निकाल लें।
- शेक को ठंडा करके बच्चे को दें।
उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि ड्राई फ्रूट्स को किस प्रकार बच्चों की जीवनशैली में शामिल किया जा सकता है। साथ ही बच्चों को इनसे होने वाले फायदों के विषय में भी आपको जानकारी मिल गई होगी। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे इनका सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करें। वहीं, अगर ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने से बच्चे को किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा होगा।
References
1. Nuts and Dried Fruits: An Update of Their Beneficial Effects on Type 2 Diabetes by NCBI
2. Encourage Healthy Eating Habits by U.S Department of Health and Human Services
3. Feeding your baby by Michigan Government
4. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years by MedlinePlus
5. Risk of infant anemia is associated with exclusive breast-feeding and maternal anemia in a Mexican cohort by NCBI
6. Iron by National Institute of Health
7. Symptoms & Causes of Constipation in Children by NIDDKD
8. Effect of dietary fiber on constipation: A meta analysis by NCBI
9. Oxidative status and DNA damage in children with marasmic malnutrition by NCBI
10. Dried fruits: excellent in vitro and in vivo antioxidants by NCBI
11. Children’s Bone Health and Calcium: Condition Information by Eunice Kennedy Shriver Institute of Child Health and Human Development
12. Should I take an Omega-3 Supplement by Veteran Health Education News
13. In Time : Importance of Omega 3 in Children’s Nutrition by NCBI
14. Probiotics by The Ohio State University
15. Probiotic supplementation and associated infant gut microbiome and health: a cautionary retrospective clinical comparison by NCBI
16. Choking Prevention for Children by Department of Health, New York State
17. Tree Nut Allergy, Egg Allergy, and Asthma in Children by NCBI
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