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आपने देखा ही होगा मां को शीशे के सामने मेकअप करता देख बच्चे भी लिपस्टिक से लेकर नेल पॉलिश लगाने की जिद करते हैं। कई दफा बच्चों की जिद के चलते, तो कभी पेरेंट्स फन एक्टिविटी के लिए बच्चे को नेल पेंट लगा देते हैं। कभी आपने सोचा है कि ऐसा करना बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं? मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इसी तरह के कई सवालों के जवाब दे रहे हैं। बस तो लेख को अंत तक पढ़कर छोटे बच्चों के लिए नेलेपेंट से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल करें।
लेख में सबसे पहले जानते हैं कि शिशुओं के लिए नेल पॉलिश लगाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या छोटे बच्चों को नेल पॉलिश लगाना सुरक्षित है?
बच्चों के लिए नेल पॉलिश सुरक्षित है या नहीं, यह पूरी तरह से इसे बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों पर निर्भर करता है। ज्यादातर नेल पॉलिश को तैयार करने के लिए केमिकल का उपयोग किया जाता है। इन केमिकल का बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है (1)।
दरअसल, छोटे बच्चों को मुंह में हाथ डालने व नाखून चबाने की आदत होती है। ऐसे में नेल पेंट में मौजूद केमिकल बच्चे के मुंह के जरिए पेट तक पहुंच सकता है, जो कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है (1)। इन तथ्यों को देखते हुए बच्चों के लिए केमिकल व टॉक्सिन फ्री नेलपेंट का चयन करना बेहतर विकल्प हो सकता है। यह बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
आगे जानिए कि बच्चों को किस उम्र में नेल पॉलिश लगा सकते हैं।
बच्चे के हाथ के नाखूनों को कब पेंट कर सकते हैं?
बच्चों को अपने हाथों को मुंह में डालने व नाखून चबाने की आदत होती है। ऐसे में नेलपेंट में मौजूद केमिकल बच्चे के शरीर में जा सकता है। इसी वजह से बच्चा जब नाखून चबाना, मुंह में हाथ डालना, अंगूठा चूसना छोड़ दे, तब पेरेंट्स उसके नाखूनों पर नेल पॉलिश लगा सकते हैं।
आमतौर पर दो से चार साल की उम्र में बच्चा मुंह में हाथ डालना व अगूंठा चूसना छोड़ देता है (2)। साथ ही इस उम्र में बच्चा पेरेंट्स द्वारा समझाई गई बातों पर ध्यान देता है। ऐसे में दो साल की उम्र के बाद बच्चे के हाथ के नाखूनों को पेंट करना सुरक्षित माना जा सकता है।
लेख में आगे बच्चों के पैरों पर नेल पेंट लगाने से जुड़ी जानकारी दी गई है।
बच्चे के पैर के नाखूनों को कब पेंट कर सकती हैं?
हाथों की तुलना में पैरों के नाखून का बच्चों के मुंह तक पहुंचना मुश्किल होता है। हालांकि, कुछ बच्चे होते हैं, जिन्हें पैर का अगूंठा चूसने की आदत होती है। उनकी यह आदत एक साल के होने के बाद छूट जाती है, क्योंकि तब बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होने लगता है (3)।
ऐसे में वह पैरों का अंगूठा मुंह में लेना छोड़ देता है। इसी वजह से बेहतर होगा कि एक साल से पहले बच्चे के पैरों पर नेल पॉलिश न लगाएं। साथ ही बच्चे पर भी ध्यान दें कि वह पैर का अगूंठा मुंह में तो नहीं लेता है।
नेल पॉलिश में मौजूद केमिकल से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए स्क्रॉल करें।
नेल पेंट में मौजूद हानिकारक केमिकल की लिस्ट
नेल पॉलिश में कई तरह के हानिकारक केमिकल होते हैं, जो बच्चे के शरीर में प्रवेश करके उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए, जानते हैं नेल पॉलिश में मौजूद इन केमिकल के नाम।
- टॉल्यूइन – नेल पॉलिश में यह केमिकल सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह नेल पॉलिश को जल्दी सुखाने का काम करता है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, यह न्यूरोलॉजिकल यानी दिमाग संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है (4)।
- फॉर्मलडिहाइड – नेल पॉलिश में काफी ज्यादा मात्रा में इस केमिकल का उपयोग होता है। फार्मेल्डीहाइड युक्त पदार्थ बनाने वाली इंडस्ट्री के कार्यकर्ताओं पर किए गए शोध से मालूम होता है कि फॉर्मलडिहाइड कैंसरजनक होता है (5)।
इस केमिकल के संपर्क में रहने से मायलोइड ल्यूकेमिया यानी बोन मैरो, रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स का असामान्य विकास करने वाला कैंसर होने का खतरा अधिक हो सकता है (5)।
इसके अलावा, फॉर्मलडिहाइड केमिकल पैरानेजल साइनस यानी नाक के आसपास की हड्डियों में छोटे-छोटे छेद होना और नाक या गले के कैंसर (नासोफरीनक्स) का जोखिम बढ़ा सकता है (5)।
- हाइड्रोक्विनोन – नेल पेंट को तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल्स में से एक हाइड्रोक्विनोन है। शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह केमिकल आंख के संपर्क में आने से कॉर्निया डैमेज कर सकता है। यही नहीं, इसे सुंघने से भी नाक, गले और ऊपरी श्वसन पथ में जलन की शिकायत हो सकती है (5)।
- एक्रेलेट्स – नेल पॉलिश को तैयार करने के लिए एक्रेलेट्स (एथिल एक्रेलेट, एथिल मेथाक्रिलेट और मिथाइल मेथाक्रिलेट) केमिकल का इस्तेमाल भी किया जाता है। सांस के जरिए व त्वचा के संपर्क में आने से इसके दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं। इससे त्वचा, आंख और श्वसन पथ में जलन के साथ अस्थमा की परेशानी व डर्मेटाइटिस की शिकायत हो सकती है (5)।
शोध में साफ तौर से एथिल एक्रेलेट को कार्सिनोजन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मतलब एक ऐसा पदार्थ है, जिससे कैंसर हो सकता है। इसके अलावा, मिथाइल मेथाक्रिलेट के संपर्क में रहने वालों को आंतों, पेट या मलाशय में होने वाला कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम अधिक रहता है (5)।
- बेंजोफेनोन – नेल पॉलिश को यूवी किरणों से बचाने के लिए उसमें बेंजोफेनोन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो टॉक्सिक हो सकता है। शोध में बेंजोफेनोन केमिकल को भी कार्सिनोजन की श्रेणी में रखा गया है। यह कैंसर के जोखिम को बढ़ाने के साथ लिवर व किडनी को हानि पहुंचा सकता है (5)।
- कार्बन ब्लैक – यह काले रंग का पाउडर होता है। इसका भी नेल पेंट को तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके संपर्क में आने से फेफड़ों से जुड़ी परेशानी होने का खतरा बढ़ सकता है (5)।
हम लेख के अगले भाग में बच्चे के नेलपेंट को चयन करने से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
बच्चों के लिए किस तरह की नेल पॉलिश का इस्तेमाल करना चाहिए?
बच्चों को किसी खास मौके के लिए तैयार करते समय नेलपेंट लगाने की जरूरत पड़ रही है, तो वॉटर बेस्ड नेल पॉलिश का चयन कर सकती हैं। ऐसे नेल पॉलिश केमिकल फ्री होते हैं, जो बच्चों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं (1)। कई बड़ी कंपनियां बच्चों को ध्यान में रखते हुए नॉन-टॉक्सिक और ऑर्गेनिक नेल पॉलिश भी मार्केट में लेकर आई हैं। इस तरह की नेल पॉलिश का सावधानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।
आइए, अब जानते हैं कि बच्चों को नेलपेंट लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
छोटे बच्चे का नेल पेंट करते समय क्या करें और क्या न करें?
यहां हम जानेंगे कि बच्चों को नेल पॉलिश लगाते समय क्या करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या करें:
- बच्चों की पहुंच से नेल पॉलिश को दूर रखें। कई बच्चे मौका पाते ही नेल पॉलिश से खेलने लगते हैं और इसे पूरे शरीर पर लगा लेते हैं।
- नेल पॉलिश हमेशा हवादार कमरे में लगाएं। इससे नेल पेंट की सुगंध ज्यादा देर तक हवा में नहीं रहती है। दरअसल, नेल पॉलिश की सुगंध तेज होती है, जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है।
- बच्चों को ट्रांसपेरेंट और लाइट कलर की नेल पॉलिश लगाएं। डार्क कलर के नेल पेंट लगाने से बच्चों का ध्यान बार-बार नाखूनों पर जाता है और वो उंगलियों को मुंह में डालने लगते हैं।
- बच्चों को खास मौकों पर ही नेल पॉलिश लगाएं। नेल पॉलिश का कम इस्तेमाल नाखूनों को मुलायम और सुंदर बनाए रख सकता है।
क्या न करें:
- नेल पॉलिश बच्चों के सामने लेकर न बैठें।
- बच्चों को नेल पेंट लगाने के बाद उन्हें अकेला न छोड़ें। नेल पॉलिश सूखने तक बच्चों के साथ रहें।
- नेल पॉलिश बच्चों के नाखूनों के आस-पास की स्किन पर न लगने दें।
- माना कि बाजार में केमिकल फ्री नेल पेंट उपलब्ध है, लेकिन नॉन-टॉक्सिक नेल पॉलिश भी बच्चों को बार-बार लगाने से बचें। यह बच्चों के नाखुन नाजुक करने के साथ ही अन्य नुकसान पहुंचा सकता है।
शिशु के स्वास्थ्य को लेकर हर मां का चिंतित होना लाजमी है। ऐसे में अगर आप भी बच्चे के नेल पॉलिश लगाने की जिद से परेशान हैं, तो लेख में बच्चों के लिए नेल पॉलिश के इस्तेमाल से जुड़े टिप्स पर गौर करें। साथ ही बच्चे के लिए हमेशा केमिकल फ्री नेलपेंट ही खरीदें। हमने लेख में बताया है कि सामान्य नेलपेंट में कौन-कौन से हानिकारक केमिकल होते हैं। इन केमिकल के नुकसान भी काफी गंभीर हैं, इसलिए इस बात को नजरअंदाज बिल्कुल न करें।
References
- Nail cosmetics By Indian Journal of Dermatology Venereology and Leprology
https://ijdvl.com/nail-cosmetics/ - Fingers in mouths: from cause to management By Researchgate
https://www.researchgate.net/publication/239943508_Fingers_in_mouths_from_cause_to_management - Important Milestones: Your Child By One Year By CDC
https://www.cdc.gov/ncbddd/actearly/milestones/milestones-1yr.html - Phthalate and Organophosphate Plasticizers in Nail Polish: Evaluation of Labels and Ingredients By NCBI
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6222550/ - Toxic chemicals in cosmetics By Researchgate
https://www.researchgate.net/publication/337547827_Toxic_chemicals_in_cosmetics
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