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शिशुओं की देखभाल और सुरक्षा को लेकर माता-पिता हमेशा चिंतित रहते हैं। खासतौर पर जो पहली बार अभिभावक बने हैं। वहीं, बाजार में मौजूद बेबी प्रोडक्ट और उनकी गुणवत्ता ने माता-पिता की चिंता को और बढ़ाने का काम किया है। ऐसा ही एक प्रोडक्ट है बेबी पाउडर, जिसे लेकर सवाल खड़ा हो सकता है कि क्या यह शिशुओं के लिए कितना सुरक्षित है? मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए बेबी को टैल्कम पाउडर लगान चाहिए या नहीं? साथ ही जानिए टैल्कम के सुरक्षित विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं। वहीं, इस लेख में बेबी पाउडर से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी को भी साझा किया गया है।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि बेबी पाउडर का उपयोग कितना सुरक्षित है।

क्या शिशुओं के लिए टैल्कम पाउडर का उपयोग करना सुरक्षित है? | Kya Shishu Ke Liye Talcum Powder Surakshit Hai

बेबी पाउडर, एक प्रकार के कॉस्मेटिक उत्पाद है। इसमें मुख्य रूप से टैल्क (क्ले मिनरल), कॉर्नस्टार्च या अरारोट के पाउडर का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, इसमें इस्तेमाल होने वाली सटीक सामग्री से जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। बेबी पाउडर का इस्तेमाल माता-पिता अपने नन्हे शिशुओं की त्वचा को एलर्जी या डाइपर से होने वाले रैशेज से बचाए रखने के लिए करते हैं। वहीं, कुछ माता-पिता इसका प्रयोग शिशु को खुशबूदार बनाए रखने के लिहाज से भी करते हैं। अब सवाल यह आता है कि क्या इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है, तो जवाब है, नहीं। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की माने, तो जननांग और उसके आसपास टैल्क युक्त पाउडर का इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है। टैल्कम पाउडर में मौजूद टैल्क को विशेषज्ञों ने कैंसर-जनक तत्वों की श्रेणी में रखा है (1) (2)। इसलिए, बेबी पाउडर बच्चे और बड़ों, दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि टैल्कम पाउडर के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।

अगले भाग में जानिए बेबी पाउडर से होने वाले नुकसानों के बारे में।

बेबी पाउडर से होने वाले संभावित नुकसान

बेबी पाउडर का प्रयोग दो तरह के नुकसान का कारण बन सकता है।

  1. श्वसन संबंधी समस्याएं : अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स की रिपोर्ट है कि बेबी पाउडर में टैल्क होता है, जो शिशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है। शिशु, पाउडर के छोटे कणों को सांस के साथ अन्दर ले सकते हैं, जिससे उनके फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। बेबी पाउडर का प्रयोग, बच्चों में एक्यूट और क्रॉनिक लंग्स डिजीज (Acute or Chronic Lung Disease) का खतरा पैदा कर सकता है (3)। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार, टैल्क को सांस के साथ अंदर लेना घातक हो सकता है। यह लंग्स फाइब्रोसिस (फेफड़ों के टिश्यू का क्षतिग्रस्त होना) का कारण बन सकता है (4)। इसके अलावा, वायुमार्ग की अतिसंवेदनशीलता और अस्थमा का जोखिम भी हो सकता है।
  1. कैंसर जनक प्रभाव : बेबी पाउडर और उसके यौगिक कैंसर जनक प्रभाव भी दिखा सकते हैं। विशेष रूप से बेबी पाउडर का प्रयोग छोटी बच्चियों के लिए हानिकारक हो सकता है। यह जननांगों के माध्यम से शरीर के अन्दर जा सकता है। टैल्कम पाउडर में एक सिलिकेट खनिज पाया जाता है, जिसे एस्बेस्टस कहते हैं। यह तत्व कई तरह के कैंसर का कारण हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन कहते हैं कि एस्बेस्टस युक्त टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल ओवेरी और मेसोथेलियोमा (कैंसर के प्रकार) का कारण बन सकता है (4) (5) । हालांकि, यह बच्चों को किस तरह प्रभावित कर सकता है, इसके लिए अभी और शोध किए जाने की जरूरत है (6)। इसलिए, बेहतर होगा कि डॉक्टर से सलाह लेकर ही किसी पाउडर का चुनाव करें।

आइए, जानते हैं कि कौन सा टैल्कम पाउडर सबसे अच्छा हो सकता है।

बच्चों के लिए कौन-सा पाउडर अच्छा होता है? | Baby Ko Konsa Powder Lagana Chahiye

टैल्क युक्त उत्पादों के घातक परिणाम और एस्बेस्टस के संभावित खतरे को देखते हुए एक सही विकल्प चुनना बेहद जरूरी है। इन सब नुकसानों से बचने के लिए कॉर्नस्टार्च से बने बेबी पाउडर का चुनाव कर सकते हैं। इसके लिए उत्पाद पर लिखी सामग्री को जानना पड़ेगा। अगर बेबी पाउडर के तत्वों में टैल्क या मैग्नीशियम सिलिकेट है, तो उसे न खरीदना शिशु के स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर हो सकता है (7)। अच्छा होगा इस विषय पर एक बार संबंधित डॉक्टर से भी सलाह ली जाए। यदि संभव हो तो शिशुओं पर विशेष रूप से नवजात को टैल्क पाउडर का उपयोग न करें, क्योंकि इससे श्वसन समस्याओं का खतरा हो सकता है ।

आइए, अब जानते हैं कि टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करते हुए किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।

बेबी पाउडर उपयोग करते समय ध्यान में रखने वाली बातें

बेबी पाउडर से पैदा होने वाले स्वास्थ्य जोखिम को देखते हुए, इन बातों को ध्यान में रखें :

  • जननांगों पर पाउडर लगाने से बचें, क्योंकि यह नुकसानदायक हो सकता है।
  • अपने बच्चे की आंखों के आसपास बेबी पाउडर लगाने से बचें।
  • बेबी पाउडर को अपने चेहरे और अपने बच्चे के चेहरे से दूर रखें, ताकि यह सांस के साथ अन्दर न जाए।
  • अपने बच्चों की पहुंच से बेबी पाउडर को दूर रखें।
  • अगर डब्बे से बेबी पाउडर निकाल रहे हैं, तो चेहरे से दूर और हाथ पर निकालें।
  • सीधे अपने बच्चे पर बेबी पाउडर न लगाएं। एक मुलायम कपड़े पर पाउडर लगाएं और फिर इस कपड़े से अपने बच्चे की त्वचा पर पाउडर को लगाएं।

आइए, अब जानते हैं कि बेबी पाउडर के कुछ बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं।

बेबी पाउडर की जगह क्या उपयोग किया जा सकता है?

जैसा कि इस लेख में बताया गया है कि टैल्क का इस्तेमाल नुकसानदायक है, इसलिए कॉर्नस्टार्च और अरारोट से बने उत्पाद इस्तेमाल किए जा सकते हैं। डॉक्टर से सलाह लेकर किसी हर्बल बेबी पाउडर का इस्तेमाल भी किया जा सकता हैं। अगर आप बेबी पाउडर का इस्तेमाल डायपर से हुई एलर्जी के लिए कर रहे हैं, तो ऐसा न करें। इसके लिए भी कई अन्य विकल्प मौजूद हैं। सबसे बेहतर यह होगा कि आप इस तरह की एलर्जी के लिए बाल रोग विशेषज्ञ से राय लें, वो शिशु के लिए कोई एंटीबैक्टीरियल क्रीम सुझा सकते हैं। साथ ही शिशु को कुछ समय के लिए बिना डायपर के रखना भी डायपर रैशेज की स्थिति में सुधार ला सकता है।

आइए, जानते हैं कि बेबी पाउडर के सुरक्षित विकल्प क्या हो सकते हैं।

  1. कॉर्नस्टार्च पाउडर – कॉर्नस्टार्च एक कार्बोहाइड्रेट है, जो कॉर्न यानी मकई से निकाला जाता है। यह बहुत नर्म होता है और त्वचा को नुकसान से बचा सकता है (8)। बाजार में यह आसानी से मिल सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि कॉर्नस्टार्च पाउडर से ओवेरियन कैंसर का जोखिम पैदा होने का डर नहीं है। इसलिए, टैल्क युक्त पाउडर के मुकाबले कॉर्नस्टार्च पाउडर बेहतर विकल्प हो सकता है (9)
    । फिर भी सावधानी के लिए इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
  1. अरारोट पाउडर – अरारोट एक स्टार्च पाउडर है, जिसे मैरेंटा अरुंडिनेशी एल. (Maranta arundinacea L.) नामक पौधे की जड़ों से बनाया जाता है (10)। यह पाउडर बहुत हल्का और मुलायम होता है और बच्चे की कोमल त्वचा के लिए अच्छा हो सकता है। इसमें अतिरिक्त नमी को सोखने की क्षमता (Absorbent Properties) होती है। इसलिए, इसे बेबी पाउडर के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, त्वचा के लिए इसके उपयोग से जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
  1. काओलीन क्ले – कॉस्मेटिक में इस्तेमाल होने वाले इस क्ले को भी टैल्क युक्त पाउडर का विकल्प माना जा सकता है। काओलिन का उपयोग विभिन्न कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है, जैसे आईशैडो, ब्लशर और पाउडर। काओलिन क्ले एक प्राकृतिक घटक है, जिसका पाउडर कोमल त्वचा प्रदान कर सकता है और इसे त्वचा के लिए सुरक्षित माना जा सकता है (11) (12)। हालांकि, इसका इस्तेमाल छोटे बच्चों की त्वचा पर कर सकते हैं या नहीं, इसके पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। इसलिए, काओलीन क्ले इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना सही रहेगा।
  1. प्राकृतिक तेल – अगर आप शिशु की त्वचा को खुशबूदार और स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं, तो इसके लिए प्राकृतिक तेल इस्तेमाल किए जा सकते हैं। लैवेंडर ऑयल, नारियल तेल, सूरजमुखी का तेल और जैतून इत्यादि तेल शिशुओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। किसी भी एक तेल का चुनाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है (13) (14)। 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को सरसों तेल न लगाएं।

इस लेख में आपने जाना कि बच्चों के लिए बेबी पाउडर कितना लाभकारी और कितना नुकसानदायक हो सकता है। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि उन पर इस्तेमाल किए जा रहे प्रोडक्ट की सही जानकारी माता-पिता को होनी चाहिए। सही बेबी पाउडर का चुनाव आपके बच्चे के खुशहाल जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हालांकि, हम यह स्पष्ट कर दें कि कॉस्मेटिक उद्देश्य के लिए शिशुओं पर किसी भी पाउडर का उपयोग करना आवश्यक नहीं है। बच्चे बहुत प्यारे होते हैं, इसलिए उनकी नेचुरल क्यूटनेस को किसी टैल्क पाउडर की जरूरत नहीं है। बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए आप मॉमजंक्शन के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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